Get Mystery Box with random crypto!

deshi kahani

टेलीग्राम चैनल का लोगो desi_story — deshi kahani D
चैनल का पता: @desi_story
श्रेणियाँ: वयस्क सामग्री (18+)
भाषा: हिंदी
ग्राहकों: 6.67K
चैनल से विवरण

hindi chudai kahani, deshi nonvage kahani, aantarvasna kahani
purchase ads on our telegram channel.
telega.io/channels/desi_story/card?r=AsrCyCMO

Ratings & Reviews

3.00

2 reviews

Reviews can be left only by registered users. All reviews are moderated by admins.

5 stars

0

4 stars

1

3 stars

0

2 stars

1

1 stars

0


नवीनतम संदेश 7

2022-06-14 19:30:08 का कोई तरीका ही नहीं है.
दीदी मेरे लंड से सहम सी गई थीं, वो बोलीं- इससे तो मेरी चूत का भोसड़ा बन जाएगा.
मुझे लगा कि दीदी शायद मुझे लंड नहीं डालने देंगी.
मैंने कहा- आप डरो मत. मेरे पास इसका इंतजाम है. बस आप मना मत करना.
दीदी कुछ नहीं बोलीं.
मैंने बेड से दीदी के दुपट्टे से उनके हाथ बांध दिए.
फिर दीदी की चूत में लंड सैट किया और झटका दे दिया.
एक ही बार में मेरा लंड दीदी की चूत को फाड़ते हुए अन्दर घुस गया.
दीदी को लंड लेते समय ही बेहोशी छ गई.
उन्हें कोई होश ही नहीं रहा.
मैं डर गया और मैंने दीदी के मुँह पर पानी के छींटे मारे.
अब दीदी होश में आ गईं और रोने लगीं.
मैं धीरे धीरे से लंड को अन्दर डालने लगा.
मगर दीदी रोए जा रही थीं.
मैं दीदी की चूचियां चूसने चाटने लगा.
वो कुछ देर तक चुदाई का दर्द सहन करती रहीं. फिर आराम मिलने के बाद दीदी मेरा साथ देने लगीं.
मैंने 20 मिनट तक दीदी की टाईट बुर चोदी.
इसके बाद मेरे लंड का पाने गिरने ही वाला था तो मैंने लंड चूत से निकाला और दीदी के मुँह में गिरा दिया.
दीदी का मुँह मेरे वीर्य से भर गया. दीदी ने मेरे मुँह से मुँह लगाया और अपने मुँह में भरा सारा रस मेरे मुँह में डाल दिया.
मैंने फिर से दीदी के मुँह में डाला.
दीदी इशारे से बोलीं- इसे अपने मुँह से मेरी चूत में डालो.
मैंने सारा माल अपने मुँह में लिया और दीदी की चूत को दो उंगली से फैला कर देखना शुरू किया.
उन्हें चूत में दर्द होने लगा था.
मैंने अपना मुँह दीदी की चूत पर रखा और दीदी की चूत में प्रेशर से लंड रस टपका दिया.
इस तरह से उस रात में मैंने सेक्सी पंजाबी गर्ल को एक बार और चोदा.
अब दीदी को जब भी लंड की जरूरत होती है, वो मेरे लंड से अपनी चूत चुदाई का मजा ले लेती हैं.@desi_story
617 views16:30
ओपन / कमेंट
2022-06-14 19:30:08 मैं दीदी को देखता ही रह गया.
वो बोलीं- क्या हुआ?
मैंने कहा- कुछ नहीं. मुझे नहीं मालूम था कि आप ब्रा पैंटी में सोती हैं.
दीदी हंस कर बोलीं- क्या तू पूरे कपड़ों में ही सोता है?
मैंने कहा- नहीं.
दीदी- तो उतार दे अपने कपड़े … और सो जा.
मैंने सिर्फ चड्डी पहने रखी और हम दोनों बेड पर आ गए.
कुछ देर में दीदी सो गईं, पर मुझे नींद नहीं आ रही थी.
मैंने देखा दीदी टांगें फैला कर मस्त सो रही थीं.
मैंने अपना एक हाथ दीदी के पेट पर रख दिया.
दीदी ने कुछ नहीं बोला तो मैं उनकी ब्रा के ऊपर से ही उनके मम्मों को दबाने लगा.
लेकिन दीदी कुछ नहीं कह रही थीं.
मुझे दीदी के दूध सहलाने और दबाने में मज़ा आने लगा.
मैं दीदी के और पास हो गया और उनसे चिपकने लगा.
तभी दीदी ने मेरे हाथ को पकड़ कर साइड में रख दिया.
मैं डर गया और शान्त हो गया.
कुछ देर बाद दीदी फिर से सो गईं.
अब मैं फिर से उनकी तरफ सरका और दीदी की चूत पर हाथ फेरने लगा.
एक हाथ से मैं अपने लंड की मुठ मारने लगा.
कुछ ही देर में मैंने अपना सारा माल दीदी की चूत पर और उनके मुँह पर लंड करके होंठों पर गिरा दिया.
अब मैं थक गया था इसलिए पलट कर सो गया.
सुबह जब मैं उठा तो देखा रूम में कोई नहीं है.
मैंने नीचे झांका, दीदी कुछ काम कर रही थीं.
मैं वापस कमरे में आ गया.
861dd7bdc0c1b4a28a2b05698964ed…
कुछ देर बाद दीदी के ऊपर आने की आवाज आती सुनाई दी.
मैं दुबारा सोने का नाटक करने लगा.
दीदी कमरे में आईं और बाथरूम में चली गईं, बाथरूम से पानी गिरने की आवाज आने लगी.
कुछ देर बाद दीदी नहा कर बाहर नंगी ही आ गईं और कपड़े पहनने लगीं.
मैं उठ गया तो मुझे जागा देख कर दीदी बोलीं- गुड मॉर्निंग.
दीदी ने ब्रा पैंटी पहनी हुई थी.
मैंने उनसे गुड मॉर्निंग कहा.
दीदी ने जल्दी से अपने कपड़े पहन लिए.
अब मैं नहाने गया, तो दीदी नीचे चली गईं.
कुछ देर बाद मैंने नीचे आकर नाश्ता खाया और बाहर चला गया.
दोपहर में खाना खाकर मैं फिर से खेलने चला गया.
शाम को वापस घर आया तो पापा का फोन आया कि वो लोग आज भी नहीं आ रहे हैं.
मैंने आज भी दीदी के घर रुकने का सोच लिया.
मैं और दीदी रात को रूम में आ गए.
रूम में जाते ही मैं सोने का बहाना करने लगा.
दीदी नहाने चली गईं.
आज दीदी ने बाथरूम का गेट खुला रखा था.
मैं उठा और दीदी को देखने लगा.
अंदर देख कर मैं चौंक गया.
दीदी गाजर को अपनी चूत में पेल रही थीं और आंह आंह कर रही थीं.
कुछ देर तक दीदी मुठ मारती रहीं.
फिर दीदी का पानी निकल गया और दीदी एकदम से निढाल हो गईं.
दीदी का पानी बहुत ज्यादा निकला था.
मुझे पता चल गया था कि दीदी अन्दर से खौल रही थीं, उनको एक मर्द के लंड की सख्त जरूरत थी.
तभी मैंने देख लिया था कि दीदी ने मुझे मुठ मारते हुए देख लिया है.
वो कुछ नहीं बोलीं.
मैं बेड पर आकर बैठ गया.
कुछ देर में दीदी कपड़े पहनकर कमरे में आ गईं.
आज दीदी ने लाल रंग का सूट पहना था.
मैंने कुछ नहीं कहा.
तो दीदी बोलीं- सॉरी सोनू. वो मैं बहुत असहज महसूस कर रही थी इसलिए …
मैंने कहा- कोई बात नहीं दीदी, ऐसा होता है. मगर एक बात कहूँ … यदि आप बुरा न मानें.
दीदी ने मेरी तरफ देखा और बोलीं- हां बताओ?
मैंने आंख दबा कर कहा- दीदी गाजर तो पतली होती है. उससे क्या मजा आएगा?
इस पर दीदी मेरी तरफ आशा भरी निगाहों से देखती हुई बोलीं- तो क्या करूं?
मैं बोला- क्या मैं आपकी इच्छा पूरी कर सकता हूँ?
दीदी कुछ नहीं बोलीं.
मैं समझ गया कि दीदी का चुदने का मन है मगर वो संकोच कर रही हैं.
मैं उनके पास को गया और उन्हें समझाया.
दीदी मान गईं.
मैं दीदी को किस करने लगा.
दीदी भी मेरे साथ लग गईं.
हमारा चुम्बन 10 मिनट तक चला.
दीदी के होंठों की हालत खराब हो गई थी.
अब मैं दीदी के मम्मों ऊपर से ही उनके एक दूध को पीने लगा.
दीदी कुछ नहीं बोलीं.
फिर मैंने दीदी का शर्ट उतार दिया. अन्दर दीदी ने सफेद रंग की छोटी सी ब्रा पहनी थी.
मैं देखता ही रह गया. ब्रा में दीदी मस्त माल लग रही थीं.
अब मैंने दीदी की सलवार भी उतार दी. दीदी मेरे सामने पैंटी और ब्रा में मस्त चोदने लायक माल लग रही थीं.
मैं दीदी की पैंटी को खींचने लगा.
दीदी बोली- फत जायेगी … आराम से उतार दो.
मैंने दीदी की पैंटी उतार दी.
दीदी चित लेट गईं और मैं दीदी की चूत को कुत्ते के तरह काटने चाटने लगा.
कुछ ही देर में दीदी गर्म हो गईं.
दीदी एक तरह से सिसकारने लगी थीं- प्लीज़ सोनू जल्दी से डालो.
मैंने कहा- रूको अभी.
मैं दीदी की चूत चाटता रहा और दीदी ने कुछ ही देर में अपनी चूत से बहुत सारा पानी निकाल दिया.
मैं दीदी की चूत का सारा रस चाट गया और चूत को लगातार चाटता रहा.
इससे दीदी दुबारा गर्म होने लगीं. वो फिर से बोलने लगीं- जल्दी से अन्दर डालो.
मैंने कहा- डालता हूँ.
तब मैंने लंड बाहर निकाला तो दीदी की गांड फट गई.
वो बोलीं- सोनू ये क्या है … तेरा इतना बड़ा लंड कैसे हो गया?
मैंने कहा- अब क्या करूं दीदी … मेरे पास इसे छोटा करने
523 views16:30
ओपन / कमेंट
2022-06-14 19:30:08 पड़ोसन दीदी की कुंवारी बुर खोली@desi_story
दोस्तो, मेरा नाम नितिन उर्फ़ सोनू है.
मेरी उम्र 23 साल है और 5 फुट 9 इंच का कद है.
मैं आज आपको अपनी मीठी सी काल्पनिक सेक्स कहानी सुना रहा हूँ. ये एक पंजाबी गर्ल सेक्सी कहानी है.
मेरे पड़ोस वाली हरप्रीत दीदी की उम्र 25 साल है. वो पंजाबी परिवार की हैं. पंजाबी गर्ल सेक्सी होती हैं. वो बहुत सुंदर हैं.
दीदी की शादी की उम्र हो चुकी थी पर उनका रिश्ता कहीं नहीं हो पा रहा था क्योंकि उनके पैर में मामूली नुक्स था, उनकी चाल थोड़ी अलग थी.
उनको देख कर मेरा दिल उनकी चुदाई करने का करता था.
उनके और हमारे परिवार में एकदम घर जैसे सम्बन्ध हैं.
मैं इसी अभिलाषा से दीदी के घर जाया करता था कि किसी तरह से दीदी को देख सकूँ और मौक़ा खोज सकूँ कि दीदी को चोद लूं.
एक दिन मेरे घर के सारे लोग कहीं गए हुए थे.
मैं शाम को दीदी के घर गया.
मैंने उनसे कहा- मेरे घर पर आज कोई नहीं है. मैं कुछ देर बाद घर जाऊंगा. अकेले में मेरा मन नहीं लगेगा.
दीदी ने पूछा- घर के सब लोग कहाँ गए हैं?
मैंने बताया- शादी में.
दीदी ने पूछा- तुम क्यों नहीं गए?
मैंने कहा- मेरा मन नहीं था. फिर मम्मी ने एक जन घर पर रुकने के लिए भी कहा था.
दीदी ने ओके कहा.
फिर कुछ देर रूकने के बाद दीदी बोलीं- तू आज यहीं रुक जा!
मैं सोचने लगा कि क्या दीदी भी कुछ मूड में हैं.
वो बोलीं- चल, तेरे घर में ताला लगा आते हैं.
मैंने कहा- ठीक है.
हम दोनों ताला लगाने आ गए.
उस वक्त मेरे घर की लाइट बंद थी, एकदम अंधेरा पड़ा था.
मैं लाइट चालू करने गया तो उसी बीच दीदी किसी चीज़ से टकरा गईं और वो गिर गईं.
उनकी आवाज आई- आह मर गई सोनू … जल्दी आ.
मैंने झट से दीदी को अपनी गोद में उठाया और उन्हें अन्दर कमरे में ले गया.
कमरे में मैंने उन्हें बेड पर लिटा दिया.
मैंने उनसे पूछा- आपको किधर चोट आई है?
तो दीदी ने अपनी गांड पर हाथ फेर कर कहा- मैं एकदम से गिरी थी तो मेरे कूल्हे में दर्द हो रहा है.
मैंने उन्हें पेन किलर गोली दे दी.
अब मैं उनकी लॉन्ग स्कर्ट को ऊपर करके देखने लगा कि कहीं खून आदि तो नहीं निकल रहा है.
मैंने उनकी टांग पर हाथ फेर कर फिर से पूछा- बताओ … कहां दर्द हो रहा है?
दीदी ने कहा- इधर नहीं … थोड़ा ऊपर की तरफ हो रहा है.
मैंने उनकी स्कर्ट और ऊपर की तो दीदी की पैंटी दिख गई. दीदी ने काले रंग की पैंटी पहनी हुई थी.
फिर मैंने दीदी की टांग में तेल लगाया और उनसे चलने को कहा.
दीदी ने मेरा सहारा लेकर चल कर देखा, वो अब ठीक थीं.
कुछ देर में मैं और दीदी के घर वापस आ गए.
दीदी के घर में 3 रूम थे.
दो कमरों में उनके मम्मी पापा और दादी के लिए थे. तीसरा रूम दीदी का था. उसमें दीदी अकेली रहती थीं.
दीदी की मम्मी ने दीदी से कहा- अब ये कहां सोएगा?
तो दीदी बोलीं- ये मेरे रूम में सो जाएगा. मेरा रूम खाली है. वैसे भी मैं अकेली ही सोती हूँ.
दीदी की मम्मी ने कुछ नहीं कहा.
उसके बाद खाना हुआ और हम दोनों कमरे में आ गए.
दीदी बोलीं- मैं नहा कर आती हूँ.
मैंने कहा- हां ठीक है.
दीदी नहाने चली गईं और मैं लेट गया. दीदी नहा कर बाहर सर निकाल कर देख रही थीं. शायद उनके कपड़े रूम में ही रखे थे.
दीदी ने कहा- सोनू, मेरे कपड़े कमरे में ही रखे हैं. मुझे कमरे में आना है.
मैंने कहा- आप आ जाओ दीदी मैं आंख बंद कर लेता हूँ.
मैंने अपनी आंखें बंद कर लीं.
वो रूम में पैंटी और ब्रा में ही आ गईं.
कमरे में आकर वो अपने कपड़े पहनने लगीं.
तभी मैं उठ गया और दीदी से पूछा- दीदी पानी कहां रखा है?
मैंने पूछा, तो दीदी डर गईं और उन्होंने झट से अपने बदन पर एक चादर लपेट ली.
मैंने कहा- दीदी, सॉरी … मुझे लगा कि आपने कपड़े पहन लिए हैं.
दीदी- कोई बात नहीं.
कुछ देर और आंख बंद कर, मैं कपड़े पहन लूं.
मैंने कहा- ओके, एक मिनट मैं बाहर ही चला जाता हूँ.
मैं बाहर चला गया.
दस मिनट बाद अन्दर से आवाज आई- सोनू अन्दर आ जा.
मैं अन्दर गया, तो देखा दीदी ने मिनी स्कर्ट और टॉप पहन रखा था.
मैंने पूछा- आप ये पहन कर सोती हैं?
दीदी बोलीं- नहीं रे पागल … आज तू है न … इसलिए पहने हैं.
मैंने कहा- मेरी वजह से आप परेशान हों, ये मुझे अच्छा नहीं लगेगा. मैं अपने घर जा रहा हूँ.
मैं बाहर जाने लगा.
दीदी- रुक पागल.
मैं- अब क्या हुआ?
दीदी बोलीं- मुझे तेरे रहने से कोई परेशानी नहीं है. तू रूम में आ जा.
मैं रूम में वापस आ गया.
दीदी बोलीं- कोई बात नहीं, एक दिन की ही तो बात है.
मैंने कहा- नहीं दीदी, मुझे अच्छा नहीं लगता कि कोई मेरी वजह से परेशान रहे.
दीदी मुस्कुरा दीं.
मैंने कहा- आप पहले जैसे अपने रूम में रहती थीं, आप वैसे ही रहोगी.
दीदी हंस कर बोलीं- एक बार फिर सोच ले.
मैंने कहा- हां सोच लिया.
दीदी ने कहा- मैं जैसे रोज अपने कमरे में सोती हूँ वैसे ही रहूँगी, उससे तुझे कोई दिक्कत नहीं होगी … पक्का न!
मैंने कहा- हां पक्का.
कुछ देर में दीदी ने टॉप और स्कर्ट उतार दिए. वो ब्रा और पैंटी में आ गईं.
556 views16:30
ओपन / कमेंट
2022-06-14 17:57:43 सुहागरात को शोहर बोला
आज से मैं तुम्हारी हर चीज
का इस्तेमाल करूगा!!

पत्नी: अच्छा
वो प्लास्टिक का लंड
आराम से लेना ,
बहुत बड़ा हैं
तुम्हारी गांड़ फट जायेगी
@desi_story
752 views14:57
ओपन / कमेंट
2022-06-13 18:35:01 ऐसे ही हुआ. गर्म गर्म जीभ का स्पर्श और मुँह में लंड देने से मुझे किसी और दुनिया में ले आया था.
वो अपनी गांड हिला हिला कर अपनी चूत मेरे मुँह पर रगड़ रही थीं.
दीदी के बाल बिखरे हुए थे, आंखें वासना से लबरेज थीं.
मैंने उनको लिटा दिया और लंड चूत में डाल दिया.
अब मैं दीदी की चूत पेलने लगा.
मैं इतनी जोर जोर से धक्का मारने लगा था कि दीदी कराहने लगीं, चीखने लगीं.
उन्होंने मुँह में चादर डाल ली कि आवाज बाहर ना जाए.
मैंने दौड़ कर दरवाज़ा बंद किया और फिर से लंड पेल कर चोदना शुरू कर दिया.
पट पट, सिसकारियां और बस तेज सांसें चल रही थीं.
दीदी की टांगें आसमान में लहरा रही थीं. चूचियां डोल रही थीं, पेट हिल रहा था.
मैं दीदी की चूचियां भींच भींच कर चूत चोद रहा था.
फिर मैंने एक नया तरीका इजाद कर दिया.
मैं खड़ा हो गया और दीदी के दोनों पैर अपनी जांघों पर टिकवा दिए.
दीदी मेरी गर्दन पकड़ कर मेरी गोद में आ गईं. मैंने उनकी गांड से उनको पकड़ लिया.
अब वो भी धक्का मारने लगीं. पूरा लंड चूत में अन्दर बाहर हो रहा था.
पसीने के कारण दीदी फिसलने लगीं.
फिर मैं लेट गया और वो लंड पर बैठ कर अपना कमाल दिखाने लगीं.
यही सुख जीजा नहीं दे पा रहे थे.
दीदी लंड पर उछल उछल कर मजा ले रही थीं.
मैं भी बहन चोद कर मस्त था.
कुछ देर के बाद दीदी ने चूत से फुहार फैंक दी और निढाल मेरे ऊपर गिर गईं.
मैं नीचे से धक्का मारने लगा.
पच पच …
उनकी चूत का पानी मेरी गांड तक आ गया. मैं भी स्खलित हो गया.
दीदी हांफ रही थीं और मुझे बेशुमार पप्पियां देने लगी थीं.
मेरा लंड अभी चूत में ही था, मगर छोटा हो गया था.
जब मैंने निकाला तो दीदी लंड चूमने लगीं.
वो आज लंड से मुहब्बत कर बैठी थीं.
फिर हम दोनों लेट कर बात करने लगे.
दीदी बोलीं- राज, मेरी चूचियों का साइज़ बढ़ रहा है. तुम रोज इनको मसलते हो न.
मैंने कहा- क्या करूं, ये तो मेरी जान हैं.
मैं चूची चूमने लगा.
दीदी बोलीं- चूची बढ़ेगी तो तुम्हारे जीजा को शक हो जाएगा.
मैंने कहा- कुछ नहीं होगा, बोल दीजियेगा कि घर में ब्रा नहीं पहनती हूँ. बाहर कहीं जाना होता नहीं है.
उस रात मैंने दीदी को रुक रुक कर 4 बार चोदा. दो दो पैग और लगाए और चूत और चूची का बुरा हाल कर दिया था.
मैंने दीदी के शरीर का एक एक अंग आगे पीछे सब जगह से चूमता रहा.
मेरा लंड सुबह तक दुहाई मांगने लगा था कि छोड़ दो मुझे, चूत में मेरा दम घुटने लगा है.
सुबह मैं दीदी के घर से चला आया.
शाम को दीदी का फोन आया- राज, मैं चल नहीं पा रही हूं. तुमने रात भर में बहुत दर्द दिया है. दिन भर सोई रही.
मैंने कहा- कल सुबह आइए, दर्द ठीक कर दूंगा.
दीद हंस कर बोलीं- रहने दो … चूत सूज कर गुझिया हो गई है.
मैंने कहा- इस बार दही बड़ा बना दूंगा.
दीदी हंस कर बोलीं- राज सुनो ना.
मैं- हां बोलो.
दीदी- आई लव यू.
मैं- आई लव यू टू.
अब दीदी के साथ मेरी चुदाई वही सड़कों के किनारे, पेड़ के नीचे, कभी कुतिया बना कर हो रही है. बच्चों के स्कूल खुलने का इंतजार है. तब दीदी की सही से चुदाई का मजा आएगा.
अगली सेक्स कहानी के साथ जल्द मिलते हैं दोस्तो. सब स्वस्थ रहें, मस्त रहें. मुझे मेल जरूर करें कि मेरी फ्री सेक्स इन ओपन कहानी कैसी लगी?
धन्यवाद.@desi_story
1.6K views15:35
ओपन / कमेंट
2022-06-13 18:34:30 मम्मी बोलीं- ठीक है.
फिर खाना खाने के बाद हम लोग नीचे चले गए.
दीदी ने दो ग्लास दूध गर्म किया और दोनों बच्चों को दे दिया.
दोनों बच्चे टीवी देखने लगे.
दीदी मेरे साथ बैठ गईं.
मैंने कहा- बच्चे कब तक सोएंगे?
दीदी बोली- सो जाएंगे अभी!
मैंने कहा- आज आप कराहने वाली हैं.
दीदी बोलीं- वो तो तुम्हारी ताकत और हथियार देख कर लगता है. मैं हर दर्द के लिए तैयार हूं.
दीदी मेरे कंधे पर सिर रखकर बोलीं- मुझे प्यार हो गया है तुमसे, तुम्हारा नहीं पता.
मैंने कहा- मुझे भी हो गया है. मर्द अपनी पूरी चाहत नहीं दिखा पाता.
दीदी बोलीं- मैंने कभी गलत कदम नहीं उठाया, ये मत सोचना कि मैं ऐसी वैसी हूं.
वो शायद नशे में आ गई थीं.
मैंने कहा- अरे नहीं यार.
फिर दीदी अपना हाथ मेरे लंड पर ले आईं और मसलती हुई बोलीं- आज इसको मैं तबाह कर दूंगी.
मैंने कहा- ऐसा क्या!
वो बोलीं- हां, आज तुमको अपने प्यार की गहराई दिखाऊंगी.
मैंने कहा- जिसने सब कुछ सौंप दिया, अब उसकी गहराई क्या देखना!
वो बोलीं- हां ये तो है.
मैंने कहा- देखो, बच्चे सो गए क्या?
दीदी बोलीं- देख कर आती हूं.
हम दोनों ये लॉबी में ही करने वाले थे क्यूंकि बेडरूम में बच्चे सोते हैं.
लॉबी एक तरह से गेस्ट रूम है. दीदी का घर ज्यादा बड़ा नहीं है. लॉबी में सोफ़ा और एक बेड पड़ा है.
मेरे ऊपर दवा असर कर रही थी. लंड अपने आकार में आ गया था.
दीदी आईं और बोलीं- बच्चे बस सोने वाले हैं, पर आएंगे नहीं. मैं गेट भिड़ा के आईं हूं और हमारे रूम का पर्दा लगा दिया है.
मैंने दीदी को बांहों में भर लिया. उन्होंने अपने दोनों हाथ मेरी गर्दन में डाल दिए.
मैं उनकी कमर पर हाथ रखकर डांस करने लगा, वो भी साथ देने लगीं.
मेरी छाती से चूची, लंड से चूत, कमर से कमर चिपकी पड़ी थी.
दीदी बोलीं- तुम तो बड़े रोमांटिक हो. मैंने तो सोचा था कि तेरे अन्दर बस एक जंगली मर्द है.
मैं उनकी गांड दबाने लगा. वो मेरे सीने पर सिर रखकर बात करती रहीं और डांस करती रहीं.
मैंने कहा- आज सब सुकून से हो रहा है … मुझे कोई जल्दी नहीं है.
दीदी हूँ बोलीं.
मैंने बोला- आज मुझे आपको ब्रा और पैंटी में देखना है.
दीदी बोलीं- अभी आती हूं.
मेरे होंठ पर चुम्मा देकर वो अपने बेडरूम से ब्रा पैंटी ले आईं.
बच्चे सो गए थे.
मैंने अपनी टी-शर्ट उतार दी.
दीदी ने मैक्सी को उतार दिया. उनकी चूचियां एकदम तनी हुई थीं.
चूत से सफ़ेद पानी आ रहा था. लाल ब्रा और काली पैंटी थी.
दीदी ने पैंटी पहन ली और चूची दिखाती हुई बोलीं- पहले इनको प्यार कर दो.
वो एकदम मासूम बन गई थीं. कह कह कर प्यार करवा रही थीं. एकदम जैसे बीवी हों. उनको प्यार की सख्त जरूरत थी.
मैंने दोनों निप्पलों को चुम्मा दिया.
फिर दीदी ब्रा डाल कर पीछे मुड़ गईं और बोलीं- हुक लगाओ.
मैंने हुक लगाकर अपनी तरफ मोड़ा.
हाय क्या मस्त लग रही थीं. एकदम मस्त रांड सी … थोड़ी सी तोंद निकली थी.
लुगाई की तोंद का मज़ा तब आता है, जब उसे चोदो और वो हिले.
वो कामुक होकर बोलीं- अब उतार रही हूँ … तुम चूसो इनको.
मैं सोफे पर बैठ कर उनको अपनी गोद में लेकर चूमने लगा.
ब्रा को खोले बिना, ऊपर करके चूची पीने लगा.
वो अपनी चूत लंड पर रगड़ने लगीं, बोलीं- एक बार गोद में बैठाकर करो.
उनको बस लंड चूत में चाहिए था.
मैंने कहा- चूत चाटने के बाद.
मैं सोफे पर लेट गया और कहा- मैं चूत चाटता हूं, आप लंड चूसिए. @desi_story
1.5K views15:34
ओपन / कमेंट
2022-06-13 18:34:11 वो गैस स्लो करके दरी पर लेट गईं और उन्होंने अपनी बांहें फैला दीं.
मैं उनकी टांगों के बीच से आकर उनके ऊपर चढ़ गया.
सबसे पहले मैंने उनके माथे को चूमा, फिर आंखों को, गाल को, होंठ और गर्दन को चूमा.
दीदी खुश होती हुई बोलीं- आज ये सब करके मुझे बेहद मजा आ रहा है. नहीं तो तुम सीधे मेरे दूध पीने के लिए बावले हो जाते ही.
मैं हंसकर उनके होंठों को चूसने लगा.
वो भी इत्मीनान से साथ मेरा देने लगीं.
धीरे धीरे दीदी ने अपनी मैक्सी कमर तक सरका ली और बोलीं- चूत में डाल कर प्यार करो.
मैंने अपना पजामा और कच्छा सरका दिया और खड़ा लंड दीदी की चूत में डाल दिया.
दीदी ने लंड लेते ही आह भरी और गांड उठा कर लंड का मजा लेने लगीं.
मैं मस्ती से चूत में धक्का देने लगा.
हर झटके पर दीदी उन्ह आंह कर रही थीं.
मैंने एक दूध चूसते हुए पूछा- जीजा जी इतने दिन थे कि क्या आपने उनका नहीं लिया?
दीदी बोलीं- अभी उनकी बात नहीं करो. तुम बस मजा दो और लो. लो अब इस वाली को चूसो.
दीदी ने अपनी दूसरी चूची मेरे मुँह में दे दी.
मैं दीदी के दूध और निप्पल काटते हुए उन्हें हौले हौले चोदने लगा.
दीदी बोलीं- एक बार चिकन देख लो, कहीं ज्यादा न पक जाए.
मैंने उठकर चिकन देखा और फिर से आ गया.
मैंने दीदी की चूत में फिर से लंड डाल दिया.
दीदी बोलीं- तुम अपने कपड़े उतार दो, आज तक नंगा होकर नहीं चोदा.
मैंने हामी भर दी और कपड़े हटा दिए.
दीदी मेरी छाती पर हाथ फेरने लगीं. वो बोलीं- क्या मर्दाना छाती है तेरी.
मैं दीदी को चूमते हुए उनकी चूत में धक्के मारने लगा.
वो मेरी छाती चूम कर मेरे सीने की दोनों घुंडियों को चुभलाती हुई मजा दे रही थीं.
अब मेरा घुटने में जलन होने लगी थी. दरी पर कुछ दर्द सा होने लगा था.
मैंने अपने दोनों हाथ उनकी चूचों पर रख दिए और चूचे मसलते हुए जोर जोर से चोदने लगा.
कुछ मिनट बाद मैं झड़ गया और दीदी के ऊपर ही लेट गया.
उन्होंने मेरे माथे का पसीना पौंछा और लंड निकाल कर बैठ गईं.
कुछ देर बाद चिकन भी तैयार हो गया था.
दीदी मुझसे बात करने लगीं.
फिर दीदी बोलीं- तुम्हारे जीजा बहुत मोटे हो गए हैं ना … वो अब मेरी अच्छे से नहीं कर पाते हैं. मैं उनका वजन नहीं झेल पाती हूं. इस बार लॉकडाउन में पांच महीने घर पर रहे. लेकिन 15-16 बार ही किया. डालते ही झड़ जाते थे और मैं गर्म रह जाती थी. उस वक्त मैं तुमको याद करती थी कि कब तुम मेरे ऊपर आओगे.
मैंने कहा- अब आ गया हूं, तो सारी गर्मी शांत कर दूंगा.
दीदी बोलीं- मैं भी जब तक तुम्हारी सेवा कर सकती हूं, करूंगी. अब बच्चे भी बड़े हो रहे हैं, तो संभल कर करना पड़ता है.
मैंने कहा- हां ये तो है.
दीदी कुछ भरे गले से बोलीं- तुम मेरे अलावा किसी और को नहीं देखोगे, भले शादी के बाद अपनी बीवी से कर लेना, पर अभी मुझे ही अपनी बीवी समझो. तुम्हारा मुझ पर पूरा हक है.
वे भावुक हो गई थीं.
मैंने कहा- जैसा आप चाहती हैं, वैसा ही होगा.
दोस्तो, दीदी ये बात इसलिए कह रही थीं क्योंकि मैं चढ़ती जवानी पर था और उनकी जवानी ढलान पर थी.
फिर भी मेरा ख्याल था कि अभी लगभग दस साल तक उनकी चूत चुदने लायक रहेगी.
अब हम दोनों चिकन खाने की व्यवस्था में लग गए.
मैंने बैग से बोतल निकाली और दीदी से कहा- लोगी?
दीदी ने कहा- एकाध पैग ले लूंगी.
हम दोनों ने दो दो पैग खींचे और चिकन पर हाथ साफ किया.
अब तक 10 बज गए थे.
dc0fd3e0512d80fc75e5f055b17203…
How did she dare?
Click to view video
तभी मम्मी का फोन आया कि घर आओगे क्या?
मैंने मना कर दिया.@desi_story
1.4K views15:34
ओपन / कमेंट
2022-06-13 18:33:54 दूर के रिश्ते में दीदी को खुल कर चोदा@desi_story
सभी पाठकों को मेरा नमस्कार.
मेरी पिछली सेक्स कहानी
Xxx ब्रदर सिस्टर कहानी
में आपने मेरी और दूर की रिश्ते में लगने वाली दीदी की चुदाई की कहानी में पढ़ा था कि मैं दीदी को स्कूटी सिखाने ले गया और सुनसान जगह में स्कूटी खड़ी करके उन्हें हचक कर चोद दिया था.
दीदी स्कूटी का सहारा लेकर घोड़ी बन गई थीं और मैं दीदी के कंधे पकड़ कर इतनी गन्दी तरह से उनकी चूत चोदने लगा था कि वो अपना सिर ऊपर करके बस मादक सिसकारियां ले रही थीं.
बीस मिनट चूत चोदने के बाद मैं दीदी की चूत में ही स्खलित हो गया.
दीदी मेरा लंड लेकर एकदम खुश हो गई थीं.
अब आगे फ्री सेक्स इन ओपन:
दीदी की चुदाई के बाद हम दोनों ने अपने कपड़े सही किए और वहां से सड़क पर आ गए.
मैं उन्हें गाड़ी सिखाते हुए उनकी चूची दबाने लगा.
मैंने दीदी की गर्दन पर चूमा लेते हुए पूछा- मज़ा आया?
दीदी बोलीं- हां बहुत … तुम बहुत ताकत से कर रहे थे, मजा तो बहुत आया … पर मुझे ये सब खुल कर करना है.
मैंने कहा- खुल कर कैसे?
दीदी- अरे कमरे में पूरी तरह से बिंदास होकर … मुझे चोदते हुए तुम मेरी चूची पियो, मेरे बदन को काटो, ऐसा वाला सेक्स करना है. मैं पूरी नंगी होकर बिस्तर पर तुम्हारे साथ चुदाई का मजा लेना चाहती हूँ. ऐसे थोड़ी सी जगह में मजा नहीं आता.
मैंने कहा- ठीक है, घर में कोई जुगाड़ लगाइए. उधर आपकी चुदाई का खेल खेलेंगे.
वो जरा उदास होकर बोलीं- कैसे जुगाड़ लगाऊं … बच्चे हमेशा घर में ही रहते हैं.
मैंने कहा- चिंता मत करो … मौक़ा मिलेगा.
वो बोलीं- हां ये तो है.
उस दिन दीदी को घर छोड़ कर आ गया.
उसके बाद से हम दोनों का ऐसे ही चलता रहा.
रोज सुबह मॉर्निंग वॉक के बहाने मैं उनको चोद देता.
कभी पेड़ के नीचे, कभी कहीं दुकान के बेसमेंट में, कभी खड़े खड़े चुदाई चल ही रही थी.
एक दिन मैंने दीदी से कहा- मुर्गे वाला प्रोग्राम बनाइए और उस रात को मैं आपके घर ही रुक जाऊंगा.
दीदी बोलीं- ठीक है.
दीदी ने दो दिन बाद मेरी मम्मी को फोन करके कहा- मैं घर पर चिकन बना रही हूं, सब लोगों को आना है.
मम्मी ने कह दिया- राज ही आ जाएगा, हम सब नहीं आ पाएंगे.
दीदी ने अपनी ख़ुशी दबाते हुए कह दिया- ठीक है.
उस शाम को मैं दीदी के घर चला गया.
मुझे रात भर दीदी को चोदना था तो मैंने देर तक चोदने वाली गोली खा लीं और एक ताकत की भी ले ली.
दीदी के घर पहुंचा तो आवाज लगाई. दीदी ने गेट खोला. वो काफी खुश दिख रही थीं.
हम दोनों लॉबी में चले आए.
बच्चे भी आ गए. बच्चों ने मेरा फोन ले लिया और लॉबी में ही गेम खेलने लगे.
मैं दीदी को इशारे करने लगा, वो मुस्कुरा रही थीं.
उन्होंने हाथ से मुँह में केला लेकर चूसते हुए लंड काटने का इशारा किया.
मैंने लंड की तरफ इशारा कर दिया.
उन्होंने दांत से कच्च करके काट खाने का इशारा कर दिया.
मैं हंस दिया.
दीदी ने भी एक बार झुक कर अपने खरबूजे दिखाए और जल्दी से सिनेमा बंद कर दिया.
मैंने एक बार फिर से दिखाने का कहा.
तो दीदी ने साउथ की हीरोइन की तरह अपनी मैक्सी जांघों तक उठा कर अपनी टांगें दिखाईं और मुझे गर्म करने लगीं.
फिर मैक्सी की चैन भी थोड़ा खोल कर क्लीवेज दिखाने लगीं.
कुछ देर में खाने का समय हो गया.
मैंने दीदी से कहा- एक बार मम्मी को बोल दीजिए कि टाइम लगेगा, मैं रात में यहीं रुक जाऊंगा.
दीदी ने मम्मी को फोन कर दिया.
मम्मी ने कहा- ठीक है.
दीदी अपने बेटे और बेटी से बोलीं- चलो छत पर चलते हैं. वहीं चिकन बनाएंगे. तुम दोनों वहीं छत पर खेलते रहना.
दोनों बच्चों ने मना कर दिया.
दीदी की बेटी बोली- मैं अपनी रोटी बनाने जा रही हूँ. नीचे ही खा लूंगी. मुझे चिकन नहीं खाना है.
बेटा बोला- मैं भी यहीं हूं, मोबाइल में गेम खेलूंगा. दीदी के साथ ही खा लूंगा.
दीदी मुझसे बोलीं- राज चलो.
और दीदी मुर्गा और बाकी का सामान लेकर चल दीं.
कुछ सामान मेरे हाथ में भी था, नहीं तो मैं दीदी की गांड में फिंगर करने की सोच रहा था.
छत पर सामान रखने के बाद दीदी ने कहा- राज, अब जल्दी से सामान रेडी करो. मैं मुर्गा तैयार करती हूं.
कुछ देर में मुर्गा मसाला आदि सब रेडी हो गया.
दीदी गांड झुका कर मसाला भूनने लगीं मैंने अपनी एक उंगली दीदी की गांड में पेल दी.
अब फ्री सेक्स इन ओपन का मौक़ा मिला था.
दीदी चिहुंक गईं- उई मम्मी.
मैं जोर से हंस पड़ा.
दीदी बोलीं- साले, मैं कलछी मार दूंगी.
मैंने कहा- लंड लेना है न?
दीदी ने वासना से कहा- हां.
मैंने झट से छत के दरवाजे की कुण्डी लगा दी.
दीदी समझ गईं.@desi_story
1.4K views15:33
ओपन / कमेंट
2022-06-12 19:30:06 े, कभी पेड़ के नीचे, कभी घड़ी बना कर चुत में लंड चल रहा है.
अब तो बस बच्चों के स्कूल खुलने का इंतजार है. जैसे ही वो स्कूल जाना शुरू करें तो दीदी की गांड मारी जाए.
अगली सेक्स कहानी के साथ फिर से भेंट होगी, आप सब स्वस्थ रहें, मस्त रहें. @desi_story
1.9K views16:30
ओपन / कमेंट
2022-06-12 19:30:06 मेरी गर्दन में डाल दिए.
मैं उनकी कमर पर हाथ रखकर डांस करने लगा. वो भी साथ देने लगीं, छाती से चूची, लंड से चूत, कमर से कमर चिपकी पड़ी थीं.
दीदी बोलीं- बहुत रोमांटिक हो तुम … मैं तो सोच रही थी कि तुझमें बस एक जंगली लड़का है.
मैं उनकी गांड दबाने लगा, वो मेरे सीने पर सिर रखकर बात करती रहीं और डांस करती रहीं.
मैंने कहा- आज सुकून से सब हो रहा तो कोई जल्दी नहीं है.
वो ‘हम्म …’ कह कर सांसें मेरे सीने में छोड़ती रहीं.
मैं बोला- आज आपको ब्रा और पैंटी में देखना है.
दीदी बोलीं- अभी आती हूं.
वो मेरे होंठों पर चुम्मा देकर अपने बेडरूम से ब्रा पैंटी ले आईं. आकर बताया कि बच्चे सो गए हैं.
मैंने अपनी टी-शर्ट उतार दी, दीदी ने भी मैक्सी को उतार दिया.
दीदी की चूचियां एकदम तनी हुई थीं और चूत से सफ़ेद पानी आ रहा था.
लाल ब्रा और काली पैंटी थी.
दीदी ने पैंटी पहन ली और चूची दिखाती हुई बोलीं- पहले चुम्मा दो इसको.
वो एकदम मासूम बन गईं थीं, कह कह कर प्यार करवा रही थीं.
एकदम जैसे बीवी हों और उनको पति के प्यार की सख्त जरूरत हो.
मैंने दोनों निप्पल्स को चुम्मा दिया और दीदी ब्रा अपने मम्मों पर डाल कर पीछे मुड़ गईं.
वो बोलीं- हुक लगाओ.
मैंने हुक लगाकर दीदी को अपनी तरफ मोड़ा.
हाय क्या लग रही थीं … एकदम मस्त माल … थोड़ा सा पेट निकला था. फूले हुए पेट का मज़ा तब आता है, जब चोदो और वो हिले.
वो बोलीं- अब उतार रही हूँ … तुम इनको चूसो.
मैं सोफे पर बैठ गया और उनको अपनी गोद में लेकर चूमने लगा.
ब्रा खोले बिना ऊपर करके चूची पीने लगा.
वो अपनी चूत लंड पर रगड़ने लगीं.
दीदी बोलीं- एक बार गोद में बैठकर करो.
उनको बस मेरा लंड चूत में चाहिए था.
मैंने कहा- जल्दी क्या है … चूत चाटने के बाद करूंगा.
मैं सोफे पर लेट गया और बोला कि मैं चूत चाटता हूं … आप लंड चूसिए.
ऐसे ही हुआ … गर्म गर्म जीभ और मुँह के मेरा लंड मुझे किसी और दुनिया में ले गया.
वो अपनी गांड हिला हिला चूत मेरे मुँह पर रगड़ रही थीं.
उनके बाल बिखरे हुए, आंखें वासना से लबरेज … सच में दीदी इस समय पक्की रांड लग रही थीं.
मैंने उनको बेड पर लिटा दिया और लंड चूत में डाल कर धीरे धीरे पेलने लगा.
दवा खाकर तो मुझमें मानो असीम ताकत आ गई थी.
मैं इतनी जोर जोर से धक्का मारने लगा कि दीदी कराहने लगीं, चीखने लगीं.
उन्होंने चादर का सिरा मुँह में डाल लिया ताकि आवाज ना आए.
मैंने लंड खींच कर दौड़ के दरवाज़ा बंद किया और फिर से लौड़ा अन्दर पेल दिया.
अब कमरे में ‘पट पट …’ की ध्वनि के साथ मादक सिसकारियों की आवाज आ रही थी और तेज सांसें चल रही थीं.
उनकी टांगें आसमान में लहरा रही थीं. चूचियां डोल रही थीं, पेट हिल रहा था.
मैं दीदी की चूचियां भींच भींच कर उन्हें ताबड़तोड़ चोद रहा था.
फिर एक नया तरीका मैंने इजाद कर दिया.
मैं खड़ा हो गया, दीदी के दोनों पैर अपनी जांघों पर टिकवा दिए.
दीदी मेरी गर्दन पकड़ कर ऊपर आ गईं और मैंने उनकी गांड से उनको पकड़ लिया.
मेरा लंड चुत में था.
वो भी धक्का मारने लगीं. पूरा लंड चूत में समाहित हो रहा था.
पसीने के कारण दीदी फिसलने लगीं.
अब मैं लेट गया और वो लंड पर बैठ कर अपना कमाल दिखाने लगीं- आह यही सुख तो तेरे जीजा जी नहीं दे पा रहे थे.
दीदी लंड पर उछल उछल कर अन्दर ले रही थीं.
मैं भी मस्त था.
काफी देर बाद दीदी ने चूत से फुहार छोड़ दी और निढाल मेरे ऊपर गिर गईं.
मैं नीचे से धक्का मारने लगा.
पच पच … करता हुआ उनकी चूत का पानी मेरी गांड तक आ गया.
मैं भी स्खलित हो गया.
दीदी हांफ रही थीं और मुझे बेशुमार पप्पियां देने में लगी थीं.
मेरा लंड अभी दीदी की चूत में ही था, पर छोटा हो गया था.
जब मैंने बाहर निकाला तो दीदी लंड चूमने लगीं.
फिर हम दोनों लेट के बात करने लगे दीदी बोलीं- राज, मेरी चूची का साइज़ बढ़ रहा है. तुम रोज इनको मसलते हो.
मैंने कहा- क्या करूं … ये तो मेरी जान हैं.
मैं फिर से चुची चूमने लगा.
दीदी बोलीं- चूची बढ़ेगी तो तुम्हारे जीजा को शक हो जाएगा.
मैंने कहा- कुछ नहीं होगा … बोल दीजिएगा कि घर में ब्रा नहीं पहनती हूँ और कहीं जाना होता नहीं है, इसलिए ऐसा हुआ है.
उस रात मैंने रुक रुक कर दीदी को 4 बार चोदा.
मैंने उनकी चूत और चूची का बुरा हाल कर दिया था, शरीर का एक एक अंग आगे पीछे चूमता रहा था.
लंड सुबह तक दुहाई मांगने लगा कि छोड़ दो मुझे, चूत में मेरा दम घुटने लगा है.
सुबह मैं लंड पकड़ कर घर चला आया.
शाम को दीदी का फोन आया कि राज चल नहीं पा रही हूं … तुमने बहुत दर्द दिया है. रात भर में तोड़ कर रख दिया है. दिन भर सोई रही हूँ अभी उठी, तो चल ही नहीं पा रही हूँ.
मैंने कहा- कल सुबह स्कूटी सीखने आइए, पूरा दर्द ठीक कर दूंगा.
दीदी बोलीं- रहने दो, चुत सूज कर गुझिया हो गई है.
मैं हंसने लगा.
दीदी- राज सुनो ना!
मैं- हां बोलो.
दीदी- आई लव यू.
मैं- आई लव यू टू.
दोस्तो, इस तरह से दीदी की चुदाई का खेल चलने लगा. कभी सड़कों के किनार
1.9K views16:30
ओपन / कमेंट