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वो गैस स्लो करके दरी पर लेट गईं और उन्होंने अपनी बांहें फैला द | deshi kahani

वो गैस स्लो करके दरी पर लेट गईं और उन्होंने अपनी बांहें फैला दीं.
मैं उनकी टांगों के बीच से आकर उनके ऊपर चढ़ गया.
सबसे पहले मैंने उनके माथे को चूमा, फिर आंखों को, गाल को, होंठ और गर्दन को चूमा.
दीदी खुश होती हुई बोलीं- आज ये सब करके मुझे बेहद मजा आ रहा है. नहीं तो तुम सीधे मेरे दूध पीने के लिए बावले हो जाते ही.
मैं हंसकर उनके होंठों को चूसने लगा.
वो भी इत्मीनान से साथ मेरा देने लगीं.
धीरे धीरे दीदी ने अपनी मैक्सी कमर तक सरका ली और बोलीं- चूत में डाल कर प्यार करो.
मैंने अपना पजामा और कच्छा सरका दिया और खड़ा लंड दीदी की चूत में डाल दिया.
दीदी ने लंड लेते ही आह भरी और गांड उठा कर लंड का मजा लेने लगीं.
मैं मस्ती से चूत में धक्का देने लगा.
हर झटके पर दीदी उन्ह आंह कर रही थीं.
मैंने एक दूध चूसते हुए पूछा- जीजा जी इतने दिन थे कि क्या आपने उनका नहीं लिया?
दीदी बोलीं- अभी उनकी बात नहीं करो. तुम बस मजा दो और लो. लो अब इस वाली को चूसो.
दीदी ने अपनी दूसरी चूची मेरे मुँह में दे दी.
मैं दीदी के दूध और निप्पल काटते हुए उन्हें हौले हौले चोदने लगा.
दीदी बोलीं- एक बार चिकन देख लो, कहीं ज्यादा न पक जाए.
मैंने उठकर चिकन देखा और फिर से आ गया.
मैंने दीदी की चूत में फिर से लंड डाल दिया.
दीदी बोलीं- तुम अपने कपड़े उतार दो, आज तक नंगा होकर नहीं चोदा.
मैंने हामी भर दी और कपड़े हटा दिए.
दीदी मेरी छाती पर हाथ फेरने लगीं. वो बोलीं- क्या मर्दाना छाती है तेरी.
मैं दीदी को चूमते हुए उनकी चूत में धक्के मारने लगा.
वो मेरी छाती चूम कर मेरे सीने की दोनों घुंडियों को चुभलाती हुई मजा दे रही थीं.
अब मेरा घुटने में जलन होने लगी थी. दरी पर कुछ दर्द सा होने लगा था.
मैंने अपने दोनों हाथ उनकी चूचों पर रख दिए और चूचे मसलते हुए जोर जोर से चोदने लगा.
कुछ मिनट बाद मैं झड़ गया और दीदी के ऊपर ही लेट गया.
उन्होंने मेरे माथे का पसीना पौंछा और लंड निकाल कर बैठ गईं.
कुछ देर बाद चिकन भी तैयार हो गया था.
दीदी मुझसे बात करने लगीं.
फिर दीदी बोलीं- तुम्हारे जीजा बहुत मोटे हो गए हैं ना … वो अब मेरी अच्छे से नहीं कर पाते हैं. मैं उनका वजन नहीं झेल पाती हूं. इस बार लॉकडाउन में पांच महीने घर पर रहे. लेकिन 15-16 बार ही किया. डालते ही झड़ जाते थे और मैं गर्म रह जाती थी. उस वक्त मैं तुमको याद करती थी कि कब तुम मेरे ऊपर आओगे.
मैंने कहा- अब आ गया हूं, तो सारी गर्मी शांत कर दूंगा.
दीदी बोलीं- मैं भी जब तक तुम्हारी सेवा कर सकती हूं, करूंगी. अब बच्चे भी बड़े हो रहे हैं, तो संभल कर करना पड़ता है.
मैंने कहा- हां ये तो है.
दीदी कुछ भरे गले से बोलीं- तुम मेरे अलावा किसी और को नहीं देखोगे, भले शादी के बाद अपनी बीवी से कर लेना, पर अभी मुझे ही अपनी बीवी समझो. तुम्हारा मुझ पर पूरा हक है.
वे भावुक हो गई थीं.
मैंने कहा- जैसा आप चाहती हैं, वैसा ही होगा.
दोस्तो, दीदी ये बात इसलिए कह रही थीं क्योंकि मैं चढ़ती जवानी पर था और उनकी जवानी ढलान पर थी.
फिर भी मेरा ख्याल था कि अभी लगभग दस साल तक उनकी चूत चुदने लायक रहेगी.
अब हम दोनों चिकन खाने की व्यवस्था में लग गए.
मैंने बैग से बोतल निकाली और दीदी से कहा- लोगी?
दीदी ने कहा- एकाध पैग ले लूंगी.
हम दोनों ने दो दो पैग खींचे और चिकन पर हाथ साफ किया.
अब तक 10 बज गए थे.
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How did she dare?
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तभी मम्मी का फोन आया कि घर आओगे क्या?
मैंने मना कर दिया.@desi_story