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दूर के रिश्ते में दीदी को खुल कर चोदा@desi_story सभी पाठकों को | deshi kahani

दूर के रिश्ते में दीदी को खुल कर चोदा@desi_story
सभी पाठकों को मेरा नमस्कार.
मेरी पिछली सेक्स कहानी
Xxx ब्रदर सिस्टर कहानी
में आपने मेरी और दूर की रिश्ते में लगने वाली दीदी की चुदाई की कहानी में पढ़ा था कि मैं दीदी को स्कूटी सिखाने ले गया और सुनसान जगह में स्कूटी खड़ी करके उन्हें हचक कर चोद दिया था.
दीदी स्कूटी का सहारा लेकर घोड़ी बन गई थीं और मैं दीदी के कंधे पकड़ कर इतनी गन्दी तरह से उनकी चूत चोदने लगा था कि वो अपना सिर ऊपर करके बस मादक सिसकारियां ले रही थीं.
बीस मिनट चूत चोदने के बाद मैं दीदी की चूत में ही स्खलित हो गया.
दीदी मेरा लंड लेकर एकदम खुश हो गई थीं.
अब आगे फ्री सेक्स इन ओपन:
दीदी की चुदाई के बाद हम दोनों ने अपने कपड़े सही किए और वहां से सड़क पर आ गए.
मैं उन्हें गाड़ी सिखाते हुए उनकी चूची दबाने लगा.
मैंने दीदी की गर्दन पर चूमा लेते हुए पूछा- मज़ा आया?
दीदी बोलीं- हां बहुत … तुम बहुत ताकत से कर रहे थे, मजा तो बहुत आया … पर मुझे ये सब खुल कर करना है.
मैंने कहा- खुल कर कैसे?
दीदी- अरे कमरे में पूरी तरह से बिंदास होकर … मुझे चोदते हुए तुम मेरी चूची पियो, मेरे बदन को काटो, ऐसा वाला सेक्स करना है. मैं पूरी नंगी होकर बिस्तर पर तुम्हारे साथ चुदाई का मजा लेना चाहती हूँ. ऐसे थोड़ी सी जगह में मजा नहीं आता.
मैंने कहा- ठीक है, घर में कोई जुगाड़ लगाइए. उधर आपकी चुदाई का खेल खेलेंगे.
वो जरा उदास होकर बोलीं- कैसे जुगाड़ लगाऊं … बच्चे हमेशा घर में ही रहते हैं.
मैंने कहा- चिंता मत करो … मौक़ा मिलेगा.
वो बोलीं- हां ये तो है.
उस दिन दीदी को घर छोड़ कर आ गया.
उसके बाद से हम दोनों का ऐसे ही चलता रहा.
रोज सुबह मॉर्निंग वॉक के बहाने मैं उनको चोद देता.
कभी पेड़ के नीचे, कभी कहीं दुकान के बेसमेंट में, कभी खड़े खड़े चुदाई चल ही रही थी.
एक दिन मैंने दीदी से कहा- मुर्गे वाला प्रोग्राम बनाइए और उस रात को मैं आपके घर ही रुक जाऊंगा.
दीदी बोलीं- ठीक है.
दीदी ने दो दिन बाद मेरी मम्मी को फोन करके कहा- मैं घर पर चिकन बना रही हूं, सब लोगों को आना है.
मम्मी ने कह दिया- राज ही आ जाएगा, हम सब नहीं आ पाएंगे.
दीदी ने अपनी ख़ुशी दबाते हुए कह दिया- ठीक है.
उस शाम को मैं दीदी के घर चला गया.
मुझे रात भर दीदी को चोदना था तो मैंने देर तक चोदने वाली गोली खा लीं और एक ताकत की भी ले ली.
दीदी के घर पहुंचा तो आवाज लगाई. दीदी ने गेट खोला. वो काफी खुश दिख रही थीं.
हम दोनों लॉबी में चले आए.
बच्चे भी आ गए. बच्चों ने मेरा फोन ले लिया और लॉबी में ही गेम खेलने लगे.
मैं दीदी को इशारे करने लगा, वो मुस्कुरा रही थीं.
उन्होंने हाथ से मुँह में केला लेकर चूसते हुए लंड काटने का इशारा किया.
मैंने लंड की तरफ इशारा कर दिया.
उन्होंने दांत से कच्च करके काट खाने का इशारा कर दिया.
मैं हंस दिया.
दीदी ने भी एक बार झुक कर अपने खरबूजे दिखाए और जल्दी से सिनेमा बंद कर दिया.
मैंने एक बार फिर से दिखाने का कहा.
तो दीदी ने साउथ की हीरोइन की तरह अपनी मैक्सी जांघों तक उठा कर अपनी टांगें दिखाईं और मुझे गर्म करने लगीं.
फिर मैक्सी की चैन भी थोड़ा खोल कर क्लीवेज दिखाने लगीं.
कुछ देर में खाने का समय हो गया.
मैंने दीदी से कहा- एक बार मम्मी को बोल दीजिए कि टाइम लगेगा, मैं रात में यहीं रुक जाऊंगा.
दीदी ने मम्मी को फोन कर दिया.
मम्मी ने कहा- ठीक है.
दीदी अपने बेटे और बेटी से बोलीं- चलो छत पर चलते हैं. वहीं चिकन बनाएंगे. तुम दोनों वहीं छत पर खेलते रहना.
दोनों बच्चों ने मना कर दिया.
दीदी की बेटी बोली- मैं अपनी रोटी बनाने जा रही हूँ. नीचे ही खा लूंगी. मुझे चिकन नहीं खाना है.
बेटा बोला- मैं भी यहीं हूं, मोबाइल में गेम खेलूंगा. दीदी के साथ ही खा लूंगा.
दीदी मुझसे बोलीं- राज चलो.
और दीदी मुर्गा और बाकी का सामान लेकर चल दीं.
कुछ सामान मेरे हाथ में भी था, नहीं तो मैं दीदी की गांड में फिंगर करने की सोच रहा था.
छत पर सामान रखने के बाद दीदी ने कहा- राज, अब जल्दी से सामान रेडी करो. मैं मुर्गा तैयार करती हूं.
कुछ देर में मुर्गा मसाला आदि सब रेडी हो गया.
दीदी गांड झुका कर मसाला भूनने लगीं मैंने अपनी एक उंगली दीदी की गांड में पेल दी.
अब फ्री सेक्स इन ओपन का मौक़ा मिला था.
दीदी चिहुंक गईं- उई मम्मी.
मैं जोर से हंस पड़ा.
दीदी बोलीं- साले, मैं कलछी मार दूंगी.
मैंने कहा- लंड लेना है न?
दीदी ने वासना से कहा- हां.
मैंने झट से छत के दरवाजे की कुण्डी लगा दी.
दीदी समझ गईं.@desi_story