मैं दीदी को देखता ही रह गया. वो बोलीं- क्या हुआ? मैंने कहा- क | deshi kahani
मैं दीदी को देखता ही रह गया. वो बोलीं- क्या हुआ? मैंने कहा- कुछ नहीं. मुझे नहीं मालूम था कि आप ब्रा पैंटी में सोती हैं. दीदी हंस कर बोलीं- क्या तू पूरे कपड़ों में ही सोता है? मैंने कहा- नहीं. दीदी- तो उतार दे अपने कपड़े … और सो जा. मैंने सिर्फ चड्डी पहने रखी और हम दोनों बेड पर आ गए. कुछ देर में दीदी सो गईं, पर मुझे नींद नहीं आ रही थी. मैंने देखा दीदी टांगें फैला कर मस्त सो रही थीं. मैंने अपना एक हाथ दीदी के पेट पर रख दिया. दीदी ने कुछ नहीं बोला तो मैं उनकी ब्रा के ऊपर से ही उनके मम्मों को दबाने लगा. लेकिन दीदी कुछ नहीं कह रही थीं. मुझे दीदी के दूध सहलाने और दबाने में मज़ा आने लगा. मैं दीदी के और पास हो गया और उनसे चिपकने लगा. तभी दीदी ने मेरे हाथ को पकड़ कर साइड में रख दिया. मैं डर गया और शान्त हो गया. कुछ देर बाद दीदी फिर से सो गईं. अब मैं फिर से उनकी तरफ सरका और दीदी की चूत पर हाथ फेरने लगा. एक हाथ से मैं अपने लंड की मुठ मारने लगा. कुछ ही देर में मैंने अपना सारा माल दीदी की चूत पर और उनके मुँह पर लंड करके होंठों पर गिरा दिया. अब मैं थक गया था इसलिए पलट कर सो गया. सुबह जब मैं उठा तो देखा रूम में कोई नहीं है. मैंने नीचे झांका, दीदी कुछ काम कर रही थीं. मैं वापस कमरे में आ गया. 861dd7bdc0c1b4a28a2b05698964ed… कुछ देर बाद दीदी के ऊपर आने की आवाज आती सुनाई दी. मैं दुबारा सोने का नाटक करने लगा. दीदी कमरे में आईं और बाथरूम में चली गईं, बाथरूम से पानी गिरने की आवाज आने लगी. कुछ देर बाद दीदी नहा कर बाहर नंगी ही आ गईं और कपड़े पहनने लगीं. मैं उठ गया तो मुझे जागा देख कर दीदी बोलीं- गुड मॉर्निंग. दीदी ने ब्रा पैंटी पहनी हुई थी. मैंने उनसे गुड मॉर्निंग कहा. दीदी ने जल्दी से अपने कपड़े पहन लिए. अब मैं नहाने गया, तो दीदी नीचे चली गईं. कुछ देर बाद मैंने नीचे आकर नाश्ता खाया और बाहर चला गया. दोपहर में खाना खाकर मैं फिर से खेलने चला गया. शाम को वापस घर आया तो पापा का फोन आया कि वो लोग आज भी नहीं आ रहे हैं. मैंने आज भी दीदी के घर रुकने का सोच लिया. मैं और दीदी रात को रूम में आ गए. रूम में जाते ही मैं सोने का बहाना करने लगा. दीदी नहाने चली गईं. आज दीदी ने बाथरूम का गेट खुला रखा था. मैं उठा और दीदी को देखने लगा. अंदर देख कर मैं चौंक गया. दीदी गाजर को अपनी चूत में पेल रही थीं और आंह आंह कर रही थीं. कुछ देर तक दीदी मुठ मारती रहीं. फिर दीदी का पानी निकल गया और दीदी एकदम से निढाल हो गईं. दीदी का पानी बहुत ज्यादा निकला था. मुझे पता चल गया था कि दीदी अन्दर से खौल रही थीं, उनको एक मर्द के लंड की सख्त जरूरत थी. तभी मैंने देख लिया था कि दीदी ने मुझे मुठ मारते हुए देख लिया है. वो कुछ नहीं बोलीं. मैं बेड पर आकर बैठ गया. कुछ देर में दीदी कपड़े पहनकर कमरे में आ गईं. आज दीदी ने लाल रंग का सूट पहना था. मैंने कुछ नहीं कहा. तो दीदी बोलीं- सॉरी सोनू. वो मैं बहुत असहज महसूस कर रही थी इसलिए … मैंने कहा- कोई बात नहीं दीदी, ऐसा होता है. मगर एक बात कहूँ … यदि आप बुरा न मानें. दीदी ने मेरी तरफ देखा और बोलीं- हां बताओ? मैंने आंख दबा कर कहा- दीदी गाजर तो पतली होती है. उससे क्या मजा आएगा? इस पर दीदी मेरी तरफ आशा भरी निगाहों से देखती हुई बोलीं- तो क्या करूं? मैं बोला- क्या मैं आपकी इच्छा पूरी कर सकता हूँ? दीदी कुछ नहीं बोलीं. मैं समझ गया कि दीदी का चुदने का मन है मगर वो संकोच कर रही हैं. मैं उनके पास को गया और उन्हें समझाया. दीदी मान गईं. मैं दीदी को किस करने लगा. दीदी भी मेरे साथ लग गईं. हमारा चुम्बन 10 मिनट तक चला. दीदी के होंठों की हालत खराब हो गई थी. अब मैं दीदी के मम्मों ऊपर से ही उनके एक दूध को पीने लगा. दीदी कुछ नहीं बोलीं. फिर मैंने दीदी का शर्ट उतार दिया. अन्दर दीदी ने सफेद रंग की छोटी सी ब्रा पहनी थी. मैं देखता ही रह गया. ब्रा में दीदी मस्त माल लग रही थीं. अब मैंने दीदी की सलवार भी उतार दी. दीदी मेरे सामने पैंटी और ब्रा में मस्त चोदने लायक माल लग रही थीं. मैं दीदी की पैंटी को खींचने लगा. दीदी बोली- फत जायेगी … आराम से उतार दो. मैंने दीदी की पैंटी उतार दी. दीदी चित लेट गईं और मैं दीदी की चूत को कुत्ते के तरह काटने चाटने लगा. कुछ ही देर में दीदी गर्म हो गईं. दीदी एक तरह से सिसकारने लगी थीं- प्लीज़ सोनू जल्दी से डालो. मैंने कहा- रूको अभी. मैं दीदी की चूत चाटता रहा और दीदी ने कुछ ही देर में अपनी चूत से बहुत सारा पानी निकाल दिया. मैं दीदी की चूत का सारा रस चाट गया और चूत को लगातार चाटता रहा. इससे दीदी दुबारा गर्म होने लगीं. वो फिर से बोलने लगीं- जल्दी से अन्दर डालो. मैंने कहा- डालता हूँ. तब मैंने लंड बाहर निकाला तो दीदी की गांड फट गई. वो बोलीं- सोनू ये क्या है … तेरा इतना बड़ा लंड कैसे हो गया? मैंने कहा- अब क्या करूं दीदी … मेरे पास इसे छोटा करने