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deshi kahani

टेलीग्राम चैनल का लोगो desi_story — deshi kahani D
चैनल का पता: @desi_story
श्रेणियाँ: वयस्क सामग्री (18+)
भाषा: हिंदी
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नवीनतम संदेश 5

2022-06-19 18:26:01 मैं किचन से आकर एक कुर्सी पर बैठ गया था.
मैंने बीवी को फिर से इशारा किया.
बीवी ने अपनी बहन से कहा- सुप्रिया दुपट्टा ले लो.
साली बोली- दीदी गर्मी बहुत है, मैं ऐसे ही ठीक हूँ … रहने दो ना.
मैंने सोचा कि साला जब शिकार खुद ही शेर के पंजों में फंसना चाहता है, तो मुझे क्या पड़ी.
साली मेरी तरफ देख कर बोली- जीजू, आपको बहुत भूख लग रही है न!
मैंने कहा- हां यार, सुबह से कुछ खाया नहीं है.
उसने मेरी तरफ मुस्कुरा कर देखा और अपने बैग से एक नाइटी निकाल कर बोली- बस मैं अभी कपड़े बदल कर आती हूँ, फिर आपके लिए जल्दी से कुछ नाश्ता बना देती हूँ.
वो बाथरूम में वापस चली गई और दो मिनट बाद जब वो बाहर निकली तो मेरा कलेजा हलक में आ गया.
साली ने क्या सेक्सी नाइटी पहनी हुई थी.
वो एकदम मस्त माल लग रही थी.
उसकी इस झीनी सी नाइटी में से उसके आधे से ज्यादा दूध साफ़ दिखाई दे रहे थे.
मेरा तो लंड हाहाकार मचाने लगा था. @desi_story
मैंने बीवी की तरफ देखा तो उसने आंखें मूंद ली थीं और वो आराम कर रही थी.
मैं सोचने लगा कि अपनी बीमार बीवी को तो चोद नहीं सकता; उसकी तो तबियत खराब है.
लगता है मुझे साली को ही चोदना पड़ेगा. इसकी हरकतें भी चुदने वाली लग रही हैं.
मेरी साली के जिस्म पर इस नाइटी ने उसको और भी सेक्सी बना दिया था.
वो एकदम मस्त सेक्सी बम सी लग रही थी.
मेरा मन कर रहा था कि साली को अभी ही पटक कर चोद दूं, मगर बीवी सामने लेटी थी.
कुछ देर बाद साली ने नाश्ता बना दिया और कमरे में ले आई.
मैंने अपनी बीवी को जगाया और हम तीनों ने नाश्ता किया.
नाश्ते के दौरान भी मेरी नजरें अपनी साली के आधे दिख रहे मम्मों पर ही टिकी थीं.
नाइटी पर दुपट्टा भी नहीं होता है, इसलिए मुझे मजेदार सीन दिख रहा था.
मेरी बीवी भी मुझे देख रही थी कि मैं सुप्रिया के स्तनों को घूर रहा हूं.
बीवी कुछ नहीं बोली.
फिर हम तीनों का नाश्ता खत्म हुआ.
मेरी बीवी नाश्ता करने के बाद बिस्तर पर लेट गई और अपनी आंखें बंद करके आराम करने लगी.
मेरी साली बर्तन उठाकर उन्हें धोने चली गई.
सुप्रिया किचन में जाकर दोपहर के खाने के लिए तैयारी करने लगी.
मैं किचन में जाकर उससे बोला- अभी बैठ जाओ सुप्रिया. अभी लंच में देर है. बाद में तैयारी कर लेना.
वो बोली- मैं यहां बैठने नहीं आई हूँ जीजू, दीदी या आपको कोई दिक्कत नहीं हो, इसलिए मैं यहां आई हूं.
मैंने कहा- अरे वाह, मेरी साली को हम दोनों के लिए इतनी चिंता है. ये बात तो तुझे गले लगाने जैसी है.
ये कह कर मैंने अपनी बांहें फैला दीं. मुझे अंदाजा ही नहीं था कि मेरी साली मेरी बांहों में खुद आ जाएगी.
वो मेरी फैली हुई बांहों में कटे पेड़ की भांति झूल गई.
मैं एकदम से झनझना गया. उसका मादक बदन मेरे बाहुपाश में था.
उसका बदन इतना गर्म था कि क्या बोलूं.
उसके जिस्म से सेक्सी महक आ रही थी.
सुप्रिया के गुंदाज मम्मों ने मेरे लंड का जोश जगा दिया था.
मैं अपनी साली को अपनी बांहों में भरकर कसके गले से लगाने लगा.
साली भी मेरा साथ देने लगी.
मैंने चुपके से उसके कान में बोल दिया- आज रात को तुम मेरे बगल में सोना.
साली को समझ में आ गया कि मैं क्या चाहता हूँ.
उसने मेरे हाथ को मसला और झटक कर मुझसे अलग हो गई वो मुझे सेक्सी मुस्कान दे रही थी. उसने मुझे किचन में से धक्का दिया और अपना काम करने लगी.
मैं भी अपने काम में लग गया. बीवी आराम कर रही थी. मैं उससे पूछा कि दवा ले ली.
उसने हां कहा और सोने लगी.
थोड़ी देर के बाद मेरी बीवी की नींद लग गई.
उधर सुप्रिया भी खाना बनाने में लग गई थी.
मैंने किचन में जा कर देखा तो सुप्रिया पसीना से पूरी लथपथ हो गई थी.
उसने गर्मी के कारण अपनी सेक्सी नाइटी को घुटने के ऊपर तक उठा दी थी, साथ ही अपनी नाइटी के दो हुक भी खोल दिए थे. @desi_story
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2022-06-19 18:25:33 साली के साथ वो सात दिन की चुदाई- 1@desi_story
आज मैं अपनी साली के साथ 7 दिन गुजारने की सेक्स कहानी सुना रहा हूँ
मेरी साली इकलौती है. उसका नाम सुप्रिया है. उम्र 24 साल है, ऊंचाई 5 फिट 2 इंच है. चूचों का आकार 32 इंच का है.
वो बहुत गोरी और एकदम मस्त माल है.
यह घटना मेरे और मेरी साली के बीच बीवी के बीमार हो जाने के बाद हुई.
मुझे इस बात का अहसास भी नहीं था कि इस दौरान हम दोनों के बीच सेक्स भी हो जाएगा.
हुआ यूं कि मेरी बीवी की तबियत खराब हो गई थी. घर में मेरे और मेरी बीवी के अलावा कोई नहीं था.
मैं अकेला क्या कर सकता था. मुझे अपनी जॉब भी देखनी थी.
अपनी बीवी को इलाज के लिए डॉक्टर के पास लेकर आना जाना और उसकी देखभाल के लिए कोई और नहीं सिर्फ मैं ही था.
मैंने अपनी बीवी से कहा- यार सुनो कुछ दिनों के लिए क्यों ना सुप्रिया को यहां बुला लिया जाए.
मेरी बीवी बोली- उसकी पढ़ाई का नुकसान होगा. मैं सब संभाल लूंगी, तुम बस कुछ दिनों के लिए ऑफिस से छुट्टी ले लो.
मेरी बीवी ने जब मुझसे ये बात कही, तो मैं बोला- छुट्टी तो ले सकता हूं, पर मेरा नया नया जॉब है. मैं ज्यादा छुट्टी लूंगा, तो काफी पैसे कटेंगे. तुम अपनी बहन को यहीं बुला लो, वो अपनी पढ़ाई यहीं कर लेगी.
बीवी बोली- अरे यार, अपने घर में एक ही तो कमरा है. कैसे होगा, बिस्तर भी एक ही है.
मैंने कहा- सब एडजस्ट हो जाएगा, तुम उसकी चिंता मत करो. तुम्हारी तबीयत खराब है, वो तुम्हारी देखभाल कर लेगी. तुम जल्दी ठीक हो जाओगी और तुम्हारा मन भी लगा रहेगा. मैं सुप्रिया के साथ खाना बना लिया करूंगा.
बीवी बोली- ठीक है, मैं सुप्रिया को फोन कर देती हूं.
मैंने कहा- ठीक है.
मेरी बीवी ने अपनी बहन से बात कर ली और उसे अपने घर ले आने के लिए मुझे बस स्टॉप पर जाना था इसलिए अगले दिन मैं ऑफिस नहीं गया.
मेरी साली ने सुबह 7 बजे फोन किया और वो बोली- दीदी मैं बस में चढ़ गई हूं. तुम बस मुझे लाने के लिए जीजू को बस स्टॉप पर भेज देना.
बीवी बोली- ठीक है.
बीवी मुझसे बोली- सुप्रिया को लेने के लिए 8.30 बजे बस स्टॉप पे चले जाना. वो बस में बैठ गई है.
मैं बोला- ठीक है.
अपनी साली को लाने के लिए मैं 8.10 तक रेडी हो गया.
मैंने बाइक बाहर निकाली और साली को लेने बस स्टॉप चला गया.
कुछ मिनट के इन्तजार के बाद बस आ गई.
साली बस से उतरी और मुझे देख कर ‘जीजू जीजू …’ कह कर आवाज लगाने लगी.
मैं बाइक पर बैठा था, उसकी आवाज सुनकर मैं साली को देखने लगा.
तभी वो मेरे करीब आ गई.
मैं साली को देखते ही सन्न रह गया.
बड़ी मस्त कांटा माल लग रही थी.
उसने काफी गहरे गले की कुर्ती पहनी हुई थी, उसके आधे मम्मों की मस्त नुमाइश हो रही थी.
उसके हिल कर चलने से मेरी साली का आधा क्लीवेज दिख रहा था.
मेरा लंड तो उसके दूध देखते ही खड़ा हो गया था.
साली बोली- हाय जीजू … किधर खो गए आप!
मैंने बोला- हाय … साली साहिबा बड़ी सेक्सी लग रही हो.
वो इठला कर बोली- थैंक्यू जीजू … पर आपने ऐसा क्यों कहा?
मैं बोला- अरे पगली ऐसे कपड़े भी कोई पहनता है क्या. आगे का तो पूरा सिनेमा दिख रहा है. बस के लोग क्या सोच रहे होंगे.
वो हा हा करती हुई हंसने लगी और बोली- मैंने तो दुपट्टा ओढ़ रखा था. थोड़े ही किसी को दिखाने के लिए ये सब ओपन रखा था. वो तो अभी मुझे अपना सामान उठाना था न … इसलिए दुपट्टा हटा लिया है.
मैंने कहा- चलो ठीक है. आ जाओ सामान मुझे दे दो और बाइक पर बैठ जाओ.
मैंने बाइक स्टार्ट की, उसका बैग अपनी बाइक पर आगे पेट्रोल की टंकी पर सैट किया.
उसी समय मेरी साली गांड उचका कर बाइक पर बैठ गई.
उसने अपनी दोनों टांगें दिनों तरफ डाल ली थीं और मुझसे चिपक कर बैठ गई थी.
फिर हम दोनों बातें करते हुए घर आ गए.
दोनों बहनें एक दूसरे को देखकर लिपट गईं और एक दूसरे के हाल चाल पूछने लगीं.
मैं बोला- चलो अब मैं फ्रेश होकर झटपट कुछ बना लेता हूँ.
साली बोली- अरे जीजू आप दीदी के पास बैठो, मैं बना देती हूँ.
मैंने कहा- अरे पगली, तुम सफर से थक गई होगी. तुम फ्रेश हो जाओ और थोड़ा आराम कर लो.
साली हंस कर बोली- अरे जीजू, मैं कोई लन्दन से थोड़ी आ रही हूं, जो इतना थक गई होऊंगी.
ये बोलकर साली ने अपना दुपट्टा कुर्सी पर रख दिया और बाथरूम करने स्नानघर में जाने लगी.
उसके क्लीवेज से जो उसकी पर्पल कलर की ब्रा दिखने लगी थी. मैं बस अपनी साली की सेक्सी बॉडी को देख रहा था.
उसकी रेशमी ब्रा देखते ही मेरा लंड तनकर फूल गया और मेरे पैंट में टैंट बन गया था.
मैं अपनी बीवी से धीमे से बोला- अरे यार, अपनी बहन को कपड़ा ठीक करने को बोलो.
मेरी बीवी ने हां कहा और मैं किचन में चला गया.
सुप्रिया बाथरूम से आ गई और अपनी बहन के पास रखे अपने बैग से कुछ सामान निकालने लगी.
दोनों बहनें साथ में बातचीत में भी लग गईं. @desi_story
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2022-06-18 19:12:20 इस बारी हम दोनों को ही झड़ने में ज्यादा देर नहीं लगी.
पांच मिनट की अति तीव्र और उत्साहित चूत चुदाई के बाद हम झड़ गए.
फिर कुछ समय ऐसे ही एक दूसरे की बांहों में लेटे रहने के बाद हम उठे और अपनी हालत ठीक करके कपड़े पहनने लगे.
हम दोनों तैयार होकर बेड पर बैठ गए, एक दूसरे को हग किया और प्यार से किस की.
कुछ देर बाद हम दोनों नहा कर रेडी हुए और घर के लिए निकल गए.
उसे घर छोड़ने के बाद मैं अपने घर निकल गया.
दोस्तो, यह थी देसी गर्ल की हॉट चूत कहानी. उम्मीद करता हूं कि आपको पसंद आई होगी.@desi_story
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2022-06-18 19:12:04 दिया.
जैसे ही मैं अन्दर डालने के लिए ज़ोर लगाने लगा तो वह बोली- बेबी, दर्द हो रहा है, आराम से करना.
मैंने बोला- चिंता मत करो जान, तुम कई बार इसे अन्दर ले चुकी हो, फिर भी मैं धीरे से ही करूंगा.
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मैंने बड़े प्यार से लंड को चूत में घुसा दिया.
पूरा लंड अन्दर घुसाने के बाद मैंने उसके होंठों पर किस किया और धीरे धीरे धक्के देकर चुदाई करने लगा.
वो- आंह आंह स्लो करो जान … जलन हो रही है.
मैं लंड चूत में पेलने के साथ बोल रहा था कि हां धीरे ही करेंगे मेरी जान, नहीं होगा दर्द.
कुछ ही धक्कों के बाद वह बहुत गर्म हो हो गई थी.
उसने मेरी कमर को अपनी टांगों से जकड़ लिया और बड़ी ही कामुक भरी आवाज में आहें भरती हुई बोलने लगी- आंह जानू ज़ोर ज़ोर से करो.
उसके ऐसा बोलते ही मैं बड़े जोश में आकर ज़ोर से धक्के लगा कर उसको चोदने लगा.
वह तो वासना में लीन होकर ज़ोर ज़ोर से चिल्लाने लगी.
तभी मैंने अपने एक हाथ से उसके मुँह को बंद किया और धकापेल चूत चुदाई करने लगा.
फिर मैं ऊपर को उठ गया और उसकी तरफ बांहें फैला कर इशारा किया.
उसको पकड़ कर ऊपर उठा लिया और उसको उठा उठा कर चोदने लगा.
वह भी नीचे से जोर लगा कर लंड को चूत के पूरा अन्दर कर रही थी.
जब ऐसे चुदाई हो रही थी तो ठप-ठप और फच-फच की कामुक आवाजें पूरे कमरे में गूंज रही थीं.
मैं अब और नहीं रुक सकता था तो मैंने उसको नीचे लिटाया और पूरा उसके ऊपर लेट कर ताबड़तोड़ चूत चुदाई करने लगा.
इसी चुदाई में न जाने मैं कब झड़ गया, पता ही न चला.
झड़ने के काफी समय तक लंड चूत के अन्दर डाल कर वैसे ही उसके ऊपर लेटा रहा.
वह मेरी पीठ पर अपने हाथ फिराती रही.
कुछ देर बाद मैं उठा और फिर से लंड साफ करके वापिस आ गया.
मेरे बाद वो भी बाथरूम में गई और फ्रेश होकर आ गई.
मैं उसको बांहों में लेकर अपने जिस्म से उसके जिस्म को सटा कर लेट गया.
हम दोनों आधा घंटा तक ऐसे ही पड़े एक दूसरे के जिस्म को महसूस करते रहे.
थोड़ी देर बाद वह मुझसे बोली- चलो जान अब उल्टा घूम जाओ.
मैंने कहा- जो हुकुम जान.
मैं बिस्तर पर उल्टा होकर लेट गया और वह मेरी पीठ पर बैठ गई. मुझे बेतहाशा चूमने और चाटने लगी.
पहले मेरी गर्दन के पास चूमा, फिर उसने मेरे कंधों से होती हुई मेरी बांहों तक को चूमा.
इसके बाद रिया मेरी पीठ पर अपनी जीभ चलाने लगी और नीचे मेरी कमर पर भी बहुत चूमा.
अब वो वैसे ही मेरे ऊपर लेट गई. हम दोनों को काफी तेज भूख लग आई थी.
मैंने कुछ खाने को मंगाया और खाने के बाद सो गए.
एक घंटा आराम करने के बाद मेरी नींद खुल गई.
रिया जागी हुई थी और मेरे लंड से खेल रही थी.
ऐसी जोशीली और कामवासना से भरी हुई लड़की के साथ अपना पहला सेक्स सुख पाकर मैं बहुत ही खुश था और मेरे आनन्द की कोई सीमा नहीं थी.
रिया के सहलाने से मेरा लंड फिर से कड़क हो गया था और चूत चुदाई के लिए एकदम तैयार खड़ा था.
देर ना करते हुए मैंने कंडोम पहना और उसकी साइड में लेट कर उसके मम्मे दबाने लगा, चूसने लगा.
मैंने अपना हाथ नीचे उसकी हॉट चूत पर रखा और अपनी एक उंगली अन्दर डाली, तो वह उछल गई.
मैं उंगली अन्दर बाहर करने लगा और वह बहुत सिसकारियां लेने लगी.
उसने मेरा हाथ पकड़ रखा था, पर मैं फिर भी उंगली से चुदाई करता रहा.
ऐसा करने के बाद मैं उसकी टांगों के बीच आ गया और उसने अपनी टांगें ऊपर उठा दीं.
मैंने एक तकिया उसकी गांड के नीचे रखा और लंड उसकी चूत पर रख कर अन्दर डाल दिया.
रिया की चूत चुदाई एक बार फिर से शुरू हो गई.
वह भी मेरे पूरा साथ दे रही थी और चुदाई का पूरा मज़ा ले रही थी.
तभी मैंने अपने दोनों हाथ नीचे ले जाकर उसकी गांड के नीचे रख लिए और उसकी गांड को थोड़ी सी ऊपर उठा दिया.
उसने भी अपने हाथ मेरी पीठ से नीचे करके मेरी गांड पर रख लिए और ज़ोर लगा कर लंड को और अन्दर तक करने लगी.
चुदाई में बहुत मज़ा आ रहा था.
फिर पन्द्रह मिनट की दमदार चूत चुदाई के बाद मैं ऐसे ही झड़ गया और वह भी मेरे साथ ही झड़ गई.
उस टाइम करीब साढ़े चार बज चुके थे. हम दोनों एक दूसरे को बांहों में लेकर फिर से सो गए.
करीब साढ़े छह बजे हमारी आंख खुली तो हमने एक दूसरे को किस किया और होंठों को भी चूसने लगे.
मेरा एक बार और चुदाई का मन हुआ तो होंठों पर किस करते हुए अपना हाथ नीचे ले गया और उसकी चूत पर ऊपर से ही फिराने लगा.
इतने में वह गर्म हो गई, तो मैंने मौका पाकर जल्दी से कंडोम पहना और उसने टांगें फ़ैला दीं.
मैंने लंड चूत पर सैट करके ज़ोर लगा कर चूत में डाल दिया और चुदाई करने लगा.
लंड अन्दर घुसते ही उसने अपनी बांहों से मेरी पीठ और अपनी टांगों से मेरी कमर को जकड़ लिया और अपनी चूत चुदाई का मज़ा लेने लगी.@desi_story
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2022-06-18 19:11:41 कभी जीभ चूत के अन्दर तक डाल कर चाटने लगता.
वह अपनी चूत पर मेरी जीभ का ऐसा प्रहार पाकर बहुत मज़े से चूत चटाई करवा रही थी.
मैंने उसकी चूत को करीब दस मिनट तक लगातार बेतहाशा चाटा.
चूत की चटाई खत्म होने के बाद मैंने जल्दी से कंडोम पहना और उसकी टांगों के बीच आकर लंड को चूत पर टिका @desi_story
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2022-06-18 19:11:41 गर्लफ्रेंड की कोरी चूत में लंड से हस्ताक्षर- 2@desi_story
दोस्तो, मैं आपको अपनी गर्लफ्रेंड रिया की चूत चुदाई की कहानी सुना रहा था.
कहानी के पहले भाग
गर्लफ्रेंड की कोरी चूत की पहली चुदाई
में मैंने पहली बार होटल के कमरे में अपनी जान रिया को चोद दिया था.
अब आगे देसी गर्ल हॉट चूत कहानी:
उस रात चार बजे तक मैंने तीन बार रिया की चूत चुदाई की थी.
चुदाई के बाद थकान बहुत ज्यादा हो गई थी तो हम दोनों नंगे ही चिपक कर सो गए थे.
सुबह जब हम दोनों की नींद खुली तो वो बड़ी मासूम लग रही थी.
मैंने उसके होंठों का चुम्बन लिया तो वो जाग गई और मुस्कुरा कर मेरे सीने पर सर रख कर लेट गई.
फिर कुछ ही समय बाद वो मेरे ऊपर आ गई और मुझे किस करने लगी.
उसने मेरे माथे पर किस किया.
मेरे पूरे चेहरे को चूमने के बाद मेरे होंठों से उसने अपने होंठ लगा दिए और बड़े ही जोश से किस करने लगी.
नीचे मेरी गर्दन पर किस करने लगी और जीभ से भी चाट रही थी.
इसी तरह नीचे जाती हुई वो मेरी छाती पर किस करने लगी, अपनी जीभ मेरे निप्पलों पर घुमाने लगी.
मुझे तो बहुत ही मजा आ रहा था.
इतने प्यार से वह मेरे पूरे जिस्म को चूम और चाट रही थी.
फिर वह और नीचे को आ गई और मेरे पेट पर चाटने लगी.
जैसे ही वह मेरे पेट पर अपनी जीभ घुमाती, तो मेरे पूरे शरीर में एक सिहरन सी दौड़ पड़ती.
अब वह मेरे लंड पर भी किस करने लगी.
उसने मेरे लंड को अपनी जीभ से भी चाटा. उसने मेरे लंड को मुँह में अन्दर नहीं लिया.
मेरी ऐसा करवाने की कोई इच्छा भी नहीं थी.
कुछ देर तक रिया ने मेरे पूरे लंड को अच्छे से जीभ से चाटा.
फिर वह ऊपर आ गई और कामवासना में लीन होकर मेरे ऊपर लेट गई.
वो अपनी चूत मेरे लंड पर टिका कर आगे पीछे होने लगी.
मेरे लंड ने फिर से चूत के होंठों का जायजा लिया और चूत को रगड़ देने लगा.
इससे रिया कामुक कर देने वाली सिसकारियां निकालने लगी.
मैंने कहा- जान छतरी लगा लेने दो.
वो ‘हूँ …’ कह कर लंड से हट गई और मैंने सिरहाने रखे कंडोम के पैकेट से एक कंडोम अपने लंड पहन लिया.
मैं फिर से चित लेट गया और वह मेरे ऊपर चढ़ गई.
उसने मेरे लंड को अपनी चूत पर सैट किया और चूत को लंड पर रगड़ने लगी.
उससे जल्दबाजी में लंड अन्दर नहीं लिया जा रहा था.
तभी मैंने अपना हाथ नीचे करके उसकी चूत में उंगली डाल कर छेद का अंदाजा लगाया और लंड को चूत पर सैट करके ऊपर को धक्का लगा दिया.
मेरा मूसल सा कड़क लंड उसकी हॉट चूत में सरक गया.
लंड अन्दर लेते ही वह सिसकारियां भरने लगी और बड़े जोश में आगे पीछे होने लगी.
मैं अब कभी उसकी कमर को तो कभी उसकी गांड को पकड़ कर आगे पीछे हिलाने लगा.
चुदाई में बहुत ही ज्यादा मजा आ रहा था और मेरी जान तो जन्नत की सैर पर थी.
इस बार मैं धक्के नहीं लगा रहा था वो ही बस अपनी गांड को बड़े जोश से आगे पीछे हिला रही थी.
उसकी हिलती हुई चूचियां मेरे मुँह और जीभ को ललचा रही थीं.
मैं बार बार चूची की नोक को अपने मुँह में दबाने की कोशिश करता मगर वो मछली सी फिसल कर अपनी चूची हटा देती.
इस खेल से वो काफी खिलखिला रही थी मगर मैं सफल हो गया और उसकी एक चूची को अपने मुँह में दबा ही लिया.
वो आह करती हुई लंड पर चूत पटकने लगी.
इस बार चुदाई में बहुत मजा आ रहा था और झड़ने में भी काफी समय लग रहा था.
कुछ और देख बाद मैं झड़ने को हुआ तो मैं उसकी गांड को पकड़ कर और ज़ोर ज़ोर से लंड पेलने लगा.
उसे भी अपनी गांड लंड पर चलाने में मैं उसकी मदद करने लगा.
ऐसे ही चोदते हुए मैं झड़ गया और वह भी मेरे ऊपर निढाल होकर लेट गई.
अब वह काफी थक चुकी थी तो मेरे सीने पर अपनी तेज गर्म सांसों को छोड़ने लगी.
मैं रिया की थकान को महसूस करने लगा.
कुछ पल बाद जब वह मेरे ऊपर से उठी तो मेरा लंड चूत से बाहर निकल आया.
रिया मेरे बाजू में लेट गई.
मैं उठ कर बाथरूम में जाकर लंड साफ करके और फ्रेश होकर आ गया.
उसके पास आकर मैं उसको अपनी बांहों में भर कर लेट गया.
थकान काफी हो गई थी तो हम दोनों आंख लग गई.
करीब आधे घंटे बाद जब आंख खुली तो दिन काफी चढ़ चुका था.
उठते ही हम दोनों फिर से एक दूसरे को किस करने में लीन हो गए.
कभी होंठों पर, तो कभी गले पर चुम्बन चलने लगे.
हमारी वासना फिर से जागृत हो गई.
मैंने तुरंत ही उसको बेड पर सीधे लेटा दिया और खुद उसके ऊपर चढ़ गया.
मैं उसको बेतहाशा चूमने लगा. होंठों से होता हुआ नीचे उसके मम्मे चूसने लगा.
मम्मों से खेलने के बाद मैं नीचे पेट तक पहुंच गया.
मेरी जीभ उसके पूरे पेट को चाटने लगी और रिया खिलखिलाने लगी.
मैं कभी होंठों से पेट को चूमता तो कभी जीभ से चाटता.
वह भी अपनी आंखें बंद करके मादक सिसकारियां भरती हुई पूरा आनन्द ले रही थी.
मैंने उसकी टांगें सीधी कर दीं और खुद उनके ऊपर बैठ कर उसके हाथों को साइड में करके पकड़ लिया ताकि वो ज्यादा छटपटा ना सके.
फिर अपना मुँह सीधा उसकी चूत पर लगा दिया और जीभ से लपलप करके चूत चाटने लगा.
कभी मैं उसकी चूत के दाने पर जीभ फेरता तो
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2022-06-17 19:13:33
क्या आपको लगता है कि पुरुषों का भी रेप हो सकता है?
Final Results
83%
yes
9%
no kya baat krta hai tu
7%
muje nhi pta
444 voters1.8K views16:13
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2022-06-17 18:50:23 मैं जल्दी से फिर से कंबल में घुस गया.
मैंने उसकी टांगों के बीच आकर लंड उसकी चूत के ऊपर रखा और अन्दर डालने की कोशिश करने लगा.
जैसे ही मैंने अन्दर डालने के लिए ज़ोर लगाया तो कोरी चूत में लंड थोड़ा सा अन्दर घुस गया.
लंड का मुखड़ा अन्दर लेते ही उसकी चीख निकल गई और मैं वहीं पर रुक गया.
कुछ पल बाद मैंने जोर लगाया तो मेरा आधा लंड अन्दर चला गया.
वह जोर लगाकर मुझे धक्का देने लगी, पर मेरी पकड़ मजबूत थी.
मैंने देर ना करते हुए उसे जकड़ कर पूरा लंड उसकी नयी चूत में घुसा दिया.
वह चिल्लाने लगी और मुझे धक्का देने की कोशिश करने लगी पर मैंने उसे अलग नहीं होने दिया.
मैंने उसे चूमते हुए समझाया कि जान थोड़ी देर बाद सब ठीक हो जाएगा.
वो चुप हो गई लेकिन कसमसाती रही.
मैं उसे किस करने लगा.
कुछ ही देर बाद वह नॉर्मल हो गई, तो मैंने नीचे से धक्के लगाने शुरू किए.
वह मीठी सिसकारियां भरने लगी.
अब उसे भी दर्द नहीं हो रहा था.
कुछ देर धक्के लगाने के बाद वह भी नीचे से ज़ोर लगाने लगी और लंड को और अन्दर लेने की कोशिश करने लगी.
उसकी ये हरकत देख कर मैं बहुत जोश में आ गया था और उसे बहुत ज़ोर से चोदने लगा था.
वह भी मस्ती से अपनी गांड उठा उठा कर चुदाई का आनन्द ले रही थी.
मेरी रिया चुदती हुई बोल रही थी- आंह जान … मस्त लग रहा है … आई लव यू हनी … आह आई लव यू जानू.
ये मेरी पहली चुदाई थी और शायद उसकी भी.
करीब पन्द्रह मिनट की चुदाई के बाद मैं झड़ने वाला था.
ऐसे ही ज़ोर से चोदते हुए मैं झड़ गया और वह भी नीचे से झड़ गई.
मेरे झड़ने के बाद भी वह नीचे से चूत को ऊपर उठा कर झड़ रही थी.
कुछ समय बाद मैं उठा और कंडोम को उतार कर डस्टबिन में फेंक दिया और लंड को धोकर फिर से बेड पर आकर हम दोनों चिपक कर लेट गए.
दोस्तो, मेरी जवान गर्लफ्रेंड की होटल में चुदाई की कहानी में अभी काफी रस बहना बाकी है.@desi_story
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2022-06-17 18:50:03 सके.
तभी मैंने अपनी उंगली उसकी चूत पर लगाई तो वह तड़पने लगी और बोलने लगी- नो बेबी … प्लीज वहां पर नहीं … आह आ आह!
मैंने एक पल के लिए सोचा कि चूत उठा कर मना कर रही है, अजब की अदा है.
उसी वक्त मैंने अपना मुँह उसकी न्यू चूत पर लगा दिया और उसकी चूत को जीभ से चाटने लगा.
वह कामुक सिसकारियां भरने लगी.
चूत को चाटते हुए मैंने एक उंगली भी उसकी चूत में डाल दी और अन्दर बाहर करने लगा.
उसकी चूत का कामरस मुझे घायल कर रहा था.
फिर मैं उसकी चूत को बहुत ज़ोर से चाटने लगा.
वह कुछ ही देर में झड़ने को हो गई और उसकी चूत ने पानी छोड़ दिया.
क्या स्वाद था उस चूतरस का … अद्भुत.
फिर मैं उसकी टांगों के बीच आ गया और उसके होंठों को चूसने लगा.
मैंने अपना लंड उसकी चूत पर रखा और चूत के ऊपर ही आगे पीछे करने लगा.
वह तो मेरे लंड का स्पर्श अपनी न्यू चूत पर पाकर फिर से गर्म हो गई थी.
मैंने उससे पूछा- अपना अन्दर डाल सकता हूँ बेबी!
उसने आह भरते हुए हां में अपना सिर हिला दिया.
तभी मैं कंबल से बाहर गया और जल्दी से बैग से कंडोम निकाल कर लंड पर लगा लिया.@desi_story
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2022-06-17 18:50:03 वो नशीली आवाज में बोली- कैसी लग रही हूँ?
मैंने सीधे जाकर उसको अपनी बांहों में भर लिया और कहा- मेरी जान, तुम बहुत प्यारी लग रही हो.
हम दोनों ने फिर से शीशे के सामने खड़े होकर फोटोज खींचे.
उसके बाद मैंने उसे अपनी गोद में उठा लिया और इसी तरह उठा कर उसे बेड पर ले गया.
हम दोनों आमने-सामने बैठ गए और प्यार भरी बातें करने लगे.
इसी बीच मैं जो उसके लिए अंगूठी लाया था, उसकी उंगली में पहना दी.
वो अंगूठी देख कर बहुत खुश थी.
फिर हम दोनों ने रूम में ही खाना मंगाकर खाया और बियर भी पी.
अब तक हम दोनों के जिस्मों में आग लग चुकी थी. हम दोनों से ही सब्र करना बहुत मुश्किल हो गया था.
मैंने पहल की और इस सब्र के बांध को तोड़ते हुए उसे अपनी बांहों में भर लिया.
हम दोनों एक दूसरे के जिस्म की आग को महसूस कर सकते थे.
उसने मेरी आँखों में वासना से देखा तो मैंने देर न करते हुए अपने होंठों को उसके होंठों के पास ला दिए.
आगे बढ़ते हुए मैंने अपने होंठ उसके होंठों पर रख दिए और एक दूसरे में खो जाने लगे.
हम दोनों होंठों से होंठ लगा कर जीभ भी एक दूसरे के मुँह में डालने लगे.
मेरे शरीर में तो बिजली सी दौड़ गई थी.
उस समय मुझे जो आनन्द आ रहा था, उसे शब्दों में बयान करना मुश्किल है.
मेरी जान का तो मेरे से भी बुरा हाल हो रहा था; वह बहुत ही मस्त और कामुक भरी आहें भर रही थी.
दस मिनट बाद हम दोनों के होंठ अलग हुए.
फिर मैंने उसे बेड के नीचे खड़ा कर दिया और खुद उसके पीछे उससे चिपक कर खड़ा हो गया.
मैं अपना लंड पैंट के ऊपर से ही उसकी गांड पर लगाने लगा.
उसने भी अपनी गांड मेरे लंड पर घिस कर मुझे और भी ज्यादा बेकाबू कर दिया.
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फिर मैंने उसकी साड़ी उसके कंधे से नीचे सरका दी.
उसके भी बिना किसी विरोध के साड़ी नीचे गिर जाने दी.
मैंने उसे घुमा कर उसकी साड़ी उसके पेटीकोट से निकाल कर साइड में रखी टेबल पर रख दी.
उसने मेरी शर्ट के बटन खोले और मेरी शर्ट भी उतार दी.
मैं ऊपर से बिल्कुल नंगा था और वो ब्लाउज और पेटीकोट में थी.
हम दोनों बेड पर लेट गए और वो मेरे ऊपर लेट गई.
हम फिर से किस करने लगे, एक दूसरे के होंठ चूसने लगे.
इसी बीच वह मेरी गर्दन पर चूमने लगी.
मुझे इतना मज़ा आ रहा था कि मानो मुझे जन्नत प्राप्त गई हो.
उसके ऐसे करते करते मैंने पीछे से उसके ब्लाउज के हुक खोल दिए और उसकी नंगी पीठ पर हाथ फिराने लगा.
उसकी मदमस्त आंह निकलने लगी.
अगले ही पल मैंने उसका ब्लाउज भी निकाल कर अलग कर दिया.
उसने ब्रा नहीं पहनी हुई थी.
जैसे ही हम दोनों के नंगे जिस्म एक दूसरे के स्पर्श में आए तो मानो हम दोनों कामसागर में बह गए थे.
अपने आपको इस हालत में पाकर वह थोड़ा शर्माने लगी और कंबल में छिप गई.
मैंने अपनी पैंट भी उतार दी और सिर्फ अंडरवियर में कंबल में घुस कर उसको बांहों में भर कर जोर से हग करते हुए उसके होंठों पर किस करने लगा.
वह तो बहुत ही ज्यादा गर्म हो चुकी थी और बहुत मादक सिसकारियां निकाल रही थी, आहें भर रही थी.
फिर मैं उसके मम्मों पर हाथ ले जाकर उन्हें एक-एक करके दबाने लगा.
मेरे ऐसा करते ही वह सीत्कार भरने लगी- आह … आह … बेबी आह.
इस बीच हमारे होठों का चुम्बन जारी था.
फिर मैंने अपना एक हाथ नीचे ले जाकर उसके पेट पर फेरा और नीचे उसके पेटीकोट के अन्दर हाथ डाल दिया.
वो मस्त हो रही थी.
मैंने एक पल की भी देरी न करते हुए उसकी पैंटी के अन्दर हाथ डाला और सीधा उसकी कामुक और कामरस में भीगी हुई चूत पर रख दिया.
उसकी चूत पर हाथ रखते ही वह उछल सी गई और बहुत ज़ोर ज़ोर से सिसकारियां भरने लगी.
मैं उसकी चूत को ऊपर से ही रगड़ने लगा.
वो मेरे होंठ चूस रही थी और आंह आंह कि आवाज कंठ से निकाल रही थी.
अब देर न करते हुए मैंने उसके पेटीकोट का नाड़ा खोल दिया और उसके पेटीकोट को भी नीचे खींच कर उतार दिया.
मैं सिर्फ अंडरवियर में था और वह सिर्फ पैंटी में थी.
मैं उसकी टांगों के बीच आ गया और उसके होंठों से चूमना जारी रखते हुए उसके गले तक आ गया. फिर नीचे आते हुए उसके मम्मे चूसने लगा. उन्हें जीभ से चाटने लगा.
जब उसका एक दूध मेरे मुँह में होता, तो मैं दूसरे चुचे को हाथ से दबाता.
मेरी जान तो इस समय सब कुछ भुला कर सेक्स का पूरा आनन्द ले रही थी.
फिर मैं और नीचे आया.
उसके पेट पर आकर पहले मैंने किस की, फिर धीरे से अपने होंठ घुमाए. फिर जीभ से उसकी गहरी नाभि को चाटने लगा.
मैं कुछ ऊपर उठा और उसकी पैंटी को उतारने के लिए पैंटी को किनारों से पकड़ा.
उसने अपनी गांड उठा कर बड़े आराम से पैंटी उतर जाने दी.
फिर मैंने भी तुरंत अपना अंडरवियर भी उतार दिया.
अब हम दोनों पूरी तरह नंगे जवान जिस्म एक कंबल में लिपटे हुए थे.
मैंने उसके पेट पर अपना मुँह रखा और धीरे से नीचे उसकी चूत के पास ले गया.
वह बिन पानी की मछली की तरह तड़पने लगी.
उसने अपनी टांगों को पूरी तरह से ऊपर उठा लिया ताकि मेरा मुँह उसकी टांगों के बीच में आराम से चल
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