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मैं किचन से आकर एक कुर्सी पर बैठ गया था. मैंने बीवी को फिर से | deshi kahani

मैं किचन से आकर एक कुर्सी पर बैठ गया था.
मैंने बीवी को फिर से इशारा किया.
बीवी ने अपनी बहन से कहा- सुप्रिया दुपट्टा ले लो.
साली बोली- दीदी गर्मी बहुत है, मैं ऐसे ही ठीक हूँ … रहने दो ना.
मैंने सोचा कि साला जब शिकार खुद ही शेर के पंजों में फंसना चाहता है, तो मुझे क्या पड़ी.
साली मेरी तरफ देख कर बोली- जीजू, आपको बहुत भूख लग रही है न!
मैंने कहा- हां यार, सुबह से कुछ खाया नहीं है.
उसने मेरी तरफ मुस्कुरा कर देखा और अपने बैग से एक नाइटी निकाल कर बोली- बस मैं अभी कपड़े बदल कर आती हूँ, फिर आपके लिए जल्दी से कुछ नाश्ता बना देती हूँ.
वो बाथरूम में वापस चली गई और दो मिनट बाद जब वो बाहर निकली तो मेरा कलेजा हलक में आ गया.
साली ने क्या सेक्सी नाइटी पहनी हुई थी.
वो एकदम मस्त माल लग रही थी.
उसकी इस झीनी सी नाइटी में से उसके आधे से ज्यादा दूध साफ़ दिखाई दे रहे थे.
मेरा तो लंड हाहाकार मचाने लगा था. @desi_story
मैंने बीवी की तरफ देखा तो उसने आंखें मूंद ली थीं और वो आराम कर रही थी.
मैं सोचने लगा कि अपनी बीमार बीवी को तो चोद नहीं सकता; उसकी तो तबियत खराब है.
लगता है मुझे साली को ही चोदना पड़ेगा. इसकी हरकतें भी चुदने वाली लग रही हैं.
मेरी साली के जिस्म पर इस नाइटी ने उसको और भी सेक्सी बना दिया था.
वो एकदम मस्त सेक्सी बम सी लग रही थी.
मेरा मन कर रहा था कि साली को अभी ही पटक कर चोद दूं, मगर बीवी सामने लेटी थी.
कुछ देर बाद साली ने नाश्ता बना दिया और कमरे में ले आई.
मैंने अपनी बीवी को जगाया और हम तीनों ने नाश्ता किया.
नाश्ते के दौरान भी मेरी नजरें अपनी साली के आधे दिख रहे मम्मों पर ही टिकी थीं.
नाइटी पर दुपट्टा भी नहीं होता है, इसलिए मुझे मजेदार सीन दिख रहा था.
मेरी बीवी भी मुझे देख रही थी कि मैं सुप्रिया के स्तनों को घूर रहा हूं.
बीवी कुछ नहीं बोली.
फिर हम तीनों का नाश्ता खत्म हुआ.
मेरी बीवी नाश्ता करने के बाद बिस्तर पर लेट गई और अपनी आंखें बंद करके आराम करने लगी.
मेरी साली बर्तन उठाकर उन्हें धोने चली गई.
सुप्रिया किचन में जाकर दोपहर के खाने के लिए तैयारी करने लगी.
मैं किचन में जाकर उससे बोला- अभी बैठ जाओ सुप्रिया. अभी लंच में देर है. बाद में तैयारी कर लेना.
वो बोली- मैं यहां बैठने नहीं आई हूँ जीजू, दीदी या आपको कोई दिक्कत नहीं हो, इसलिए मैं यहां आई हूं.
मैंने कहा- अरे वाह, मेरी साली को हम दोनों के लिए इतनी चिंता है. ये बात तो तुझे गले लगाने जैसी है.
ये कह कर मैंने अपनी बांहें फैला दीं. मुझे अंदाजा ही नहीं था कि मेरी साली मेरी बांहों में खुद आ जाएगी.
वो मेरी फैली हुई बांहों में कटे पेड़ की भांति झूल गई.
मैं एकदम से झनझना गया. उसका मादक बदन मेरे बाहुपाश में था.
उसका बदन इतना गर्म था कि क्या बोलूं.
उसके जिस्म से सेक्सी महक आ रही थी.
सुप्रिया के गुंदाज मम्मों ने मेरे लंड का जोश जगा दिया था.
मैं अपनी साली को अपनी बांहों में भरकर कसके गले से लगाने लगा.
साली भी मेरा साथ देने लगी.
मैंने चुपके से उसके कान में बोल दिया- आज रात को तुम मेरे बगल में सोना.
साली को समझ में आ गया कि मैं क्या चाहता हूँ.
उसने मेरे हाथ को मसला और झटक कर मुझसे अलग हो गई वो मुझे सेक्सी मुस्कान दे रही थी. उसने मुझे किचन में से धक्का दिया और अपना काम करने लगी.
मैं भी अपने काम में लग गया. बीवी आराम कर रही थी. मैं उससे पूछा कि दवा ले ली.
उसने हां कहा और सोने लगी.
थोड़ी देर के बाद मेरी बीवी की नींद लग गई.
उधर सुप्रिया भी खाना बनाने में लग गई थी.
मैंने किचन में जा कर देखा तो सुप्रिया पसीना से पूरी लथपथ हो गई थी.
उसने गर्मी के कारण अपनी सेक्सी नाइटी को घुटने के ऊपर तक उठा दी थी, साथ ही अपनी नाइटी के दो हुक भी खोल दिए थे. @desi_story