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deshi kahani

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चैनल का पता: @desi_story
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नवीनतम संदेश 2

2022-08-30 19:07:26 ऊपर वाला सारे हिसाब रखता है और सब बराबर कर देता है.
समय बीतता गया और मैंने इस जहर के घूंट को पी लिया कि चाची मेरा पैसा खा गई.
एक बार फिर से मेरा भरोसा इंसानियत से उठ गया.
बात 600 रुपए की नहीं थी, बात ईमानदारी की थी.
चाची के 3 बच्चे हैं. सबसे आखिरी औलाद एक लड़की है. तीनों के पास मोबाइल नंबर थे और मेरी सबसे बात होती ही रहती थी क्योंकि पैसे की लड़ाई तो काकड़ी से थी. उनके बच्चों में ऐसा नहीं था.
वैसे मैं अभी 27 का हूँ और जॉब करता हूँ. जिसको मैंने चोदा, उसका नाम रिंकी है.
वो अभी चुदाई के लिए पका हुआ माल जैसी जवान हो गई है.
सुनने में आया था कि रात को लड़का फोन करता था तो काकड़ी ने पकड़ लिया.
फिर उसकी पिटाई भी की थी.
लौंडिया की उम्र चुदाई की थी.
बस मेरे दिमाग में जंच गया कि इसको पटा लूं तो 600 के 6000 से भी ज्यादा वसूल लूंगा.
बस फिर क्या था … मैं अपनी बहन से थोड़ा ज्यादा चैट करने लगा.
वो भी पहले तो कम रिप्लाई करती थी लेकिन धीरे धीरे लाइन पर आ गई.
धीरे धीरे मैं उससे रात को बात ज्यादा करने लगा.
आप सब तो जानते ही हो कि रात का टाइम इंसान को फिसलने पर मजबूर कर देता है.
मैंने गुड मॉर्निंग वाले मैसेज के साथ साथ में दिल वाली, किस वाली इमोजी भेजने से शुरुआत की.
पहली बार उसने कहा कि ये क्या है?
तो मैंने कहा- बच्चों वाली है. ये तो चलती है. तू कहे तो बड़े वाली किस भेजूं?
वो बोली- वो क्या होती है?
मैंने कहा- मतलब होंठ वाली किस.
वो बोली- नहीं … आपको शर्म नहीं आती. मैं आपकी छोटी बहन हूँ.
छोटी बहन के कारनामे मुझे भी पता थे.
मैंने कहा- तो उससे क्या होता है?
इस बार उसने रिप्लाई नहीं दिया.
अगले दिन फिर से मैंने गुड मॉर्निंग का मैसेज भेजा, दिल वाली, किस वाली इमोजी के साथ.
आज उसका रिप्लाई हमेशा की तरह बस सिंपल गुड मॉर्निंग का आया.
फिर धीरे धीरे सब नॉर्मल हो गया और मैंने उससे हल्के हल्के से मजाक करना शुरू किए.
जैसे किस लड़के के लिए तुझे मार पड़ी वगैरह.
अब वो खुल कर बात करने लगी थी.
हम दोनों सेक्स वाली बातें भी कर लेते थे.
कुछ टाइम बाद उसकी मम्मी ने रिंकी को शहर में पढ़ने के लिए एडमिशन दिला दिया.
उसने 12वीं कक्षा में दाखिला लिया था.
मैं शहर में रहता था तो सोचने लगा कि चाची मुझे ही कहेगी कि कभी हम शहर न आ पाएं तो उससे मिलने चले जाना.
मगर चाची ने उसको हॉस्टल में रखा और हॉस्टल भी ऐसा कि बिना अनुमति कोई नहीं मिल सकता … और तो और कोई फोन भी नहीं रख सकता था.
सिर्फ एक घंटा के लिए फोन दिया जाता था.
इसी वजह से मेरी उससे चैट बंद हो गई.
लेकिन इस उम्र का क्या करें साहब. जब चूत को लंड और लंड को चूत चाहिए होता ही है.
लड़की हॉस्टल में कैद सी हो गई थी.
इसी वजह से शायद उसकी चूत कुछ ज्यादा मचलने लगी होगी.
एक बार बीच में रिंकी बीमार हो गई तो उसकी मम्मी ने यानि मेरी काकड़ी ने मुझसे बोला- तू चला जा और उसको गाड़ी में बिठा देना.
मैं चोट खाया था, वो सब मुझे याद तो था लेकिन फिर भी मैं चला गया क्योंकि मुझे रिंकी चाहिए थी.
उसकी मम्मी ने हॉस्टल में मेरी फोटो दे रखी थी और फोन पर बात भी कर ली थी.
मैं गया तो वार्डन ने रिंकी को मेरे साथ जाने की परमीशन दे दी.
मैं उसको ले आया लेकिन उसकी तबियत खराब थी, तो कुछ बात ज्यादा नहीं हुई.
जब मैं उसे लेकर आ रहा था तो वो बाइक पर मुझसे चिपक कर बैठी थी.
अपनी पीठ पर मुझे उसके छोटे छोटे बूब्स गड़ते से महसूस हो रहे थे.
मैं उसको बस में बैठा दिया. वो घर पहुंच गई.
घर जाते ही उसने मुझे फोन किया कि वो घर आ गई.
अब वापस फोन उसके हाथ में आया तो मैसेज पर बात चालू हो गई.
मैंने भी पूछ लिया- मुझे मिस किया क्या?
वो बोली- फोन को बहुत मिस किया.
‘मुझे किया क्या?’
तो बोली- ना.
लेकिन वो शरारत कर रही थी.
फिर बोली कि हां वहां हॉस्टल में एक घंटा फोन चलाने को मिलता था. उसमें भी घर पर बात करती, तो टाइम नहीं मिलता था.
पर सच बात तो ये थी कि बंदी चालू थी तो घर वालों के बाद ब्वॉय फ्रेंड से पक्के में बातें करती होगी.
कुछ दिनों बाद वो वापस हॉस्टल आने वाली थी तो मुझसे बोली- आपका कमरा कहां है, मुझे दिखाओ तो सही.
मैंने उससे कहा- बस स्टॉप उतर कर फोन करना, मैं लेने आऊंगा.
जब वो आई तो मैं उसे लेने बस स्टैंड गया और उसको एक कैफे में ले गया
उधर उसे कुछ नाश्ता करवाया, फिर कमरे पर ले गया.
वो सफर से थक गई थी, तो यंग सिस्टर मेरे बिस्तर पर पसर कर लेट गई.
हमने थोड़ी देर इधर उधर की बात की.
फिर वो बोली- मैं आपकी कौन हूँ?
मैंने कहा- ये कैसा सवाल है?
वो बोली- तो फिर आप मुझसे कैसी बात करते हो. आप तो मुझसे कितने बड़े हो.
थोड़ी देर बाद मैं बोला- कुछ बुरा लगा क्या?
वो बोली- नहीं बुरा तो नहीं लगा, लेकिन पहले ये तो बताओ कि मैं आपकी क्या हूँ.
मैंने कहा- बहन.
वो बोली- अपनी बहन से ऐसे कौन बात करता है?@desi_story
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2022-08-30 19:06:38 कंजूस चाची की जवान लौंडिया की चूत चोदी@desi_story
आप सभी उन मर्दों को मेरा नमस्ते, जो इधर अपने लंड को शांत करने आए हैं … और जो लड़कियां चूत में उंगली करने आई हैं, उनको मेरा प्यार.
सच में चूत भी क्या चीज है. बस चोदने का मन करता जाता है … चाहे बहन की ही क्यों न हो.
यह मेरी सच्ची यंग सिस्टर फक़ स्टोरी है. मजा लें.
इससे पहले भी मेरी एक चचेरी बहन को मैं चोद चुका था. उसकी कहानी
चचेरी बहन की चूत की गर्मी शांत की
मैं पहले लिख चुका हूँ.
अब यह मेरे दूसरे चाचा की जवान बेटी है जिसे मैंने चोदा.
लंड को चूत कब कहां मिल जाए, कुछ कह नहीं सकते.
अब देखो ना … उस दिन मैं लैपटॉप पर कुछ जरूरी काम कर रहा था और अचानक गांव से मेरी चाची का फोन आया- अभी अर्जेंट रिचार्ज करा दे, पैसे बाद में दे दूंगी.
वैसे मेरी चाची गांव में रहती हैं और आंगनवाड़ी केंद्र चलाती हैं.
मैं शहर में रहता हूँ. गांव जाने का कोई प्लान नहीं था.
मुझे ये भी पता था कि चाची शायद पैसा नहीं देंगी.
लेकिन उन्होंने हालत कुछ ऐसे बताए कि मुझसे रहा नहीं गया.
चाची ने कहा, तो मैंने रिचार्ज कर दिया.
अब अपने पैसे लेने गांव जाने का प्लान तो नहीं था लेकिन अपने पैसे लिए बिना मुझे भी चैन नहीं आ रहा था.
दो चार दिन हो गए चाची ने रिचार्ज होने के बाद कोई बात नहीं नहीं की.
फिर उसी बीच मेरे बापू का फोन आया.
बापू मतलब पापा … मैं ऐसे ही कभी कभी उन्हें बापू बोल देता हूँ.
उनको गाड़ी की आर सी चाहिए थी जो कि मेरे पास थी. पापा मम्मी गांव में ही रहते हैं.
मैंने सोचा कि चाहूँ तो पापा की जरूरत के कागज़ किसी बस में आने जाने वाले के हाथ से ही भिजवा सकता हूँ.
लेकिन चाची से पैसे लेने का यही सही मौका है, मैं उनसे अपने पैसे भी ले आऊंगा और मम्मी पापा से भी मिल लूंगा.
मैंने शनिवार के दिन घर जाना तय किया और शनिवार को गांव वाले घर आ गया.
उधर जाकर मालूम हुआ कि चाची 2 दिन से कहीं मेहमानी में गई थीं. मतलब पैसा नहीं मिला.
मैंने सोचा ये तो गड़बड़ हो गई, जिस काम के लिए 400 रुपए लगा कर गांव आया, वो तो हुआ ही नहीं.
चाची ने तो धोखा दे दिया.
फिर मैंने सोचा कि शायद वापस आकर दे देंगी, इसलिए मैंने सोमवार की छुट्टी कर ली और वहीं रुका रहा.
सोमवार की शाम को चाची जी घर आ गईं.
इस बीच मैंने सोचा कि फोन करके बोल दूँ कि घर पर चाचा तो हैं, उनसे ही ले लेता हूँ.
लेकिन मेरे चाचा मजदूरी करते हैं. उनके पास पैसा नहीं होगा.
इसलिए मैंने चाची से लेना ठीक समझा.
सोमवार शाम को चाची आईं, तो मैंने बोला- चाची, रिचार्ज का पैसा दे रही हो या इंतजार करवाओगी?
चाची बोलीं- इतनी जल्दी तू पैसा लेने आ भी गया?
मैंने कहा- वो बापू को काम था तो आना पड़ा. अब आपके रिचार्ज के पैसे के लिए 400 रुपए बिगाड़ कर दुबारा तो नहीं आऊंगा.
चाची थोड़ी गर्म होती हुई बोलीं- अभी पैसा मिला नहीं है. अगली बार जब आए, तब ले लेना.
मैंने मन में कहा कि ये तो गजब की कंजूस चाची है. साली पलटू निकली. जब जरूरत थी, तब तुरंत काम करवा लिया और अब नखरे कर रही है.
इस बात को लेकर हल्की फुल्की बहस भी हो गई.
लेकिन काकड़ी ने पैसे नहीं दिए.
मैंने भी कह दिया- दुबारा जिंदगी में कभी काम पड़ेगा तब बात करूंगा.
चाची- तू अपने 600 रुपए के लिए मुझसे बहस कर रहा है. मैं तेरे पैसे खा तो नहीं जाऊंगी.
आप सोच रहे होंगे कि मेरे पापा भी तो चाची से मेरे पैसे ले सकते थे, इतना खर्चा करके जाने की क्या जरूरत थी.
मैं बता दूँ कि मेरी काकड़ी चालाक लोमड़ी है. किसी और को पैसे नहीं देगी.
जब चाची ने मना कर दिया, तब मैंने पापा को बोला कि आप उससे पैसे ले लेना. मैं फोन करके चाची को, आपको पैसे देने के लिए बोलता हूँ.
लेकिन पापा बोले- अरे वो क्या देगी, अभी 2 दिन पहले ही मैंने उधार दिए हुए 5000 रुपए मांगे थे लेकिन गुस्सा करके बहस करने लग गई और फिर बड़ी मुश्किल में 3000 दिए.
मैं समझ गया कि ये औरत पैसा नहीं देगी इसलिए मुझे ही गांव आना पड़ेगा या कोई और तरीके से वसूली करना पड़ेगी.
दोस्तो, मैं कोई लेखक नहीं हूँ इसलिए सेक्स कहानी लिखने में मुझसे गलती हो जाना लाजिमी है.
आप तो बस मजे लो मेरी चाची की लड़की की चुदाई का. जिसे मैंने चोद कर अपने पैसे वसूल किए थे.
जब चाची ने पैसे खाने की बात कही तो मैं समझ गया कि ये औरत पैसे नहीं देगी.
मैं चाची से बहस करना छोड़ कर पापा के घर आ गया.
पहले मैं सोच रहा था कि चाची की मदद करनी चाहिए और यही सोच कर तुरंत अपना काम छोड़ कर रिचार्ज किया था.
अब ये साली रण्डी कुत्ती तो एकदम से पलट गई.
मुझे गुस्सा इतना आ गया था भाई कि चाची के लिए भी मुँह से गालियां ही निकल रही थीं.
फिर मैं गांव से वापस शहर आ गया.
अब मैं ये सोच रहा था कि आखिर इस काकड़ी से पैसे कैसे निकलवाऊं.
ऊपर वाला सारे हिसाब रखता है और सब बराबर कर देता है.@desi_story
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2022-08-30 12:57:24 रास्ते में जा रही थी तो एक लड़का छेड़ते हुए बोला
मटका कर चल रही हो गांड
चख लो जरा हमारा भी लांड़

में बोली घर में मां बहन नही हे क्या
कमिना बोला
तू तो मेरी मां भी होती तो
में मादरचोद बन जाता
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2022-08-30 08:26:51 https://t.me/+2zklDJ_N6zo4NzNh
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2022-08-29 19:31:01 गांव में फुफेरे भाई के साथ रंगरलियां-
पूरी कहानी पढ़ने के लिए आप
इसे यहाँ से डाउनलोड कर सकते हैं
अगर आपको डाउनलोड करने में समस्या है तो पिन वीडियो देखें
https://bit.ly/3CE3Kky
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2022-08-29 19:31:01 मैंने चिल्लाती हुई कह रही थी- आहह … आहह … उम्म … फाड़ दे साले आह … स्सी … चोद मां के लौड़े साले विपिन अपनी बहन को चोदता रह … आह रुकना मत … बहुत मजा आ रहा है.
थोड़ी देर में विपिन बोला कि बस दीदी मेरा होने वाला है.
मैंने कहा- तू चोदता रह … मैं भी झड़ने वाली हूँ.
उसने मुझे चोदने में अपनी पूरी ताकत लगा रखी थी.
हम दोनों पसीने से तर हो गए थे.
मेरे पूरे जिस्म में आनन्द की लहरें उठ रही थीं. नस नस में आनन्द भर गया था.
मैं ‘आहह … आहह … बस्स … बस्स … हां और तेज … और तेज …’ कर रही थी.
बस सैलाब आने को हो गया था.
मैंने उसको अपनी बांहों में जकड़ कर रोक लिया और ऊपर को गांड उचकाते हुए लंड अन्दर लिए ही फच्छ फच्छ करके झड़ने लगीं.
लंड के किनारे से मेरा पानी भी निकलने लगा और मैंने अपनी पकड़ ढीली कर दी.
विपिन भी अब भी तेज तेज भरी हुई चूत में फच्छ फच्छ धक्के मार रहा था और अगले कुछ पलों के बाद वो एकदम से रुका और जोर से ‘आहह …’ करते हुए मेरी चूत में ही झड़ गया.
उसके लंड ने मेरी चूत में पिचकारी भर दी और वो भी मेरे ऊपर आकर गिर गया.
हम दोनों जोर जोर से हांफ रहे थे. कुछ देर तक हम ऐसे ही पड़े रहे.
जब सांसें काबू में आ गईं तो तब उसने अपना मुरझाया हुआ लंड निकाला और साइड में खड़ा हो गया.
विपिन बोला- अरे दीदी, आपकी चूत से तो मेरा दूध निकल रहा है.
मैंने मज़ाक में कहा- चलो अच्छा है अब मैं तुम्हारे बच्चे की मां बन जाऊंगी.
इससे विपिन के चेहरे का रंग उड़ गया और वो बोला- ये क्या बोल रही हो दीदी?
मैंने खिलखिला कर हंसते हुए कहा- अरे तू डर मत, मैं मज़ाक कर रही थी. मैं घर जाकर गर्भनिरोधक गोली खा लूंगी.
विपिन बोला- यार, आपने तो मेरी गांड ही फाड़ दी.
मैंने कहा- साले फाड़ तो तूने मेरी दी.
विपिन बोला- तो क्या हुआ … आपको मजा भी तो आया ना!
मैंने कहा- हां ब्रो सिस फक़ में मजा तो बहुत आया.
फिर मैंने ट्यूबवेल के पानी से खुद को साफ किया.@desi_story
दोस्तो, हम दोनों ब्रो सिस फक़ स्टोरी पढ़कर आपको कैसा लगा.
अभी चुदाई कहानी में रस बाकी है, उसे मैं अगले भाग में लिखूंगी.
आपकी सुहानी चौधरी@desi_story
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2022-08-29 19:30:40 चीटियां काट रही हों.
फिर अचानक से मैंने उसे रोकते हुए कहा- बस अब और नहीं, अब तो चोद ही दो मुझे … अब मैं और नहीं रुक सकती.
मैं तुरंत चारपाई पर सीधी होकर लेट गयी और बोला- अब जल्दी से शुरू करो विपिन. मेरी चूत में आग लग गई है.
विपिन बोला- अभी लो दीदी.
वो मेरी टांगों के ऊपर आकर घुटने मोड़ कर बैठ गया.
इसके बाद वो मेरे ऊपर झुकता चला गया और घुटने और कोहनी के बल मेरे ऊपर आकर चढ़ सा गया.
उसका ज़्यादातर वजन मेरे ऊपर नहीं, चारपाई पर था हालांकि हमारे जिस्म बिल्कुल चिपके हुए थे.
पहले उसने मेरे होंठों को किस किया और फिर हाथ नीचे ले जाकर अपने लंड को पकड़ कर मेरी चूत का रास्ता ढूंढने लगा.
जैसे ही उसकी लंड मेरे चूत के दरवाजे पर छुआ, मेरे मुँह से हल्की सी ‘स्सी …’ की आवाज निकली.
मैंने कहा- हां बस यहीं पर … आंह डाल दो जल्दी से.
उसका लंड सामान्य से हल्का सा बड़ा था और लंड का मुँह खाल से बाहर था.
धीरे धीरे उसने एक दो बार ऊपर नीचे चूत का मुहाना रगड़ा और उसके दरवाजे में सटा कर हल्के हल्के ऊपर को सरकने लगा.
धीरे धीरे उसका लंड मेरी चूत को खोलता हुआ उसमें समाने लगा.
मुझे हल्का सा दर्द भी हुआ इसलिए मैं उसकी आंखों में देखती हुई अपने होंठ खोल कर हल्के हल्के से ‘आहह … आहह … स्सी … स्सी …’ करने लगी.
मेरी चूत चिकनी होने की वजह से उसका लंड धीरे धीरे मेरी चूत को खोलता हुआ उसमें समाता जा रहा था.
विपिन भी हल्के हल्के से ‘आहह … आहह …’ कर रहा था क्योंकि उसे भी अन्दर डालने में थोड़ा दम लगाना पड़ रहा था.
आखिरकार उसका पूरा लंड अन्दर चला गया और हम दोनों के चेहरे पर एक मुस्कान आ गई.
मैंने हां में सिर हिलाते हुए उसे इशारा किया कि शुरू कर दे अपनी बहन की चूत चुदाई.
फिर तो बस उसने घुटनों के बल आगे पीछे सरकते हुए मेरी चुदाई शुरू कर दी. मेरे मुँह से हल्की तेज सी ‘आहह … आहह … आ … आ … आहह … स्सी …’ की कामुक सिसकारियां निकल रही थीं.
उसके हर धक्के के साथ पट्ट पट्ट की आवाज आती थी और लंड चूत के अन्दर पेलते हुए आगे पीछे हिल रहा था.
इससे उसका पूरा लंड आधे से ज्यादा बाहर आ जाता और फिर अंत तक अन्दर जाकर टकरा जाता.
हम दोनों 5 मिनट तक इसी पोजीशन में चुदाई करते रहे.
फिर जब थोड़ा थक गए तो उसने लंड निकाल लिया और साइड में लेट कर हम दोनों थोड़ा सुस्ताने लगे.
जब आराम हो गया तो वो बोला कि दीदी कैसा लगा मेरा लौड़ा?
मैंने कहा- अच्छा है, पर इतना आराम से क्यों कर रहे हो, थोड़ा तो जंगलीपना दिखाओ न … मेरा पहली बार नहीं है, तो डरो मत, थोड़ा तेज तेज करो. उसमें ज्यादा मजा आता है.
विपिन बोला- तो ठीक है, अब आप खड़ी हो जाओ और दीवार की तरफ झुक जाओ.
मैंने सोचा कि अब आएगा मजा, ये साला कुतिया बना कर भी चोदना जानता है.
मैं तुरंत ही वैसे खड़ी हो गयी. विपिन पीछे से अपना लंड सहलाता हुआ आया.
वो बोला- अब देखो मेरा जंगलीपना.
उसने मेरी चूत पर लंड रखा और मेरे कंधों को पकड़ लिया.
मेरी चूत लंड का वार झेलने को रेडी हो गई थी.
उसने कहा- तैयार हो?
मैंने पीछे देखते हुए कहा- हां, पेलो.
उसने सिर्फ इतना कहा- तो ये लो.
और उसने बड़ी तेज झटके से अपना लंड मेरी चूत में अंत तक पूरा घुसा दिया.
मुझको ऐसी उम्मीद नहीं थी कि साला एक बार में पूरा पेल देगा.
मेरे मुँह से जोर की ‘आहह … मादरचोद … फाड़ेगा क्या?’ निकल गई.
विपिन हंसने लगा और बोला- अभी कैसे फटेगी चूत … अभी तो लंड अन्दर घुसेड़ा है … अब आप देखो दीदी मेरा जंगलीपना.
अब विपिन ने जोर जोर से मुझे आगे पीछे धक्के मारते हुए चोदना शुरू कर दिया और मेरी जोर जोर की ‘आहह … आहह … मर गई आई … मम्मी रे आई … धीरे आहह … स्सी …’ की चीखें निकलने लगी थीं.
उसके धक्के मेरे पूरे जिस्म को हिला रहे रहे थे.
जैसे ही वो तेज़ी से लंड अन्दर डालता तो उन झटकों से मेरे बूब्स थर-थर हिलने लगते.
चार पांच झकों के बाद मैं मस्त हो गई और बोलने लगी- आंह चोदते रहो जोर जोर से आहह … आहह … बहुत मजा आ रहा है!
विपिन भी ‘आहह … आहह …’ करते हुए पूरी ताकत से मुझे चोद रहा था.
हम दोनों के पसीने छूट गए थे, पर चुदाई फुल स्पीड पर चालू थी.
जब सांस बुरी तरह फूल गई तो मैंने ही कहा- रुक जाओ प्लीज … मेरी सांस फूल गयी है.
विपिन भी थक गया था तो धीरे धीरे चोदते हुए रुक गया.
इस बार हम ज्यादा देर नहीं रुके और एक मिनट तक आराम करके फिर से चुदाई को तैयार थे.
मैं चारपाई पर बैठी हुई थी, तो विपिन एकदम से मेरे पास आया और मेरी टांगें हवा में उठा दीं, जिससे मैं चारपाई पर कमर के बल लेट गयी.
विपिन ने अपना लंड मेरी चूत से सटाया.
मैंने कहा- अब रुकना मत जब तक मैं झड़ ना जाऊं!
विपिन ने अपना लंड एक झटके में अन्दर डाला और पट्ट-पट्ट जोर जोर से चोदने लगा.
वो पूरा लंड बाहर निकालता और फिर पूरा अन्दर डाल देता.
मैं भी खुल कर चुदाई का लुत्फ़ ले रही थी. @desi_story
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2022-08-29 19:30:40 गांव में फुफेरे भाई के साथ रंगरलियां- 3@desi_story
दोस्तो, मैं आपकी सुहानी चौधरी एक बार फिर से अपनी चुदाई कहानी का अगला भाग लेकर हाजिर हूँ.
कहानी के दूसरे अंश
ट्यूबवेल के कोठे में फुफेरे भाई के साथ नंगी
में अब तक आपने पढ़ा था कि मैं अपने फुफेरे भाई विपिन का लंड चूस रही थी.
अब आगे ब्रो सिस फक़ स्टोरी:
कुछ पल बाद ही उसके लंड में लहरें सी उठने लगीं.
मैं समझ गयी कि अब ये झड़ने वाला है.
मैंने तुरंत ही उसे मुँह से निकाला, पर विपिन ने ‘आहह … दीदी आ … आहह … कहा और मेरा सिर पकड़ कर अपने लंड पर पूरा दबा दिया.
उसी पल उसका वीर्य मेरे मुँह में ही झड़ने लगा, उसकी तेज तेज पिचकारियां मुझे अपने मुँह में महसूस हो रही थीं और कुछ ही पलों में मेरे होंठों के किनारे से वीर्य रिस कर भी आने लगा था.
इसके साथ ही विपिन थोड़ा सा ठंडा पड़ गया और लंड को मुँह से निकाल कर साइड में चारपाई पर बैठ गया.
मैं भी मुँह साफ करके पानी से कुल्ला करके उसके बगल में बैठ गयी.
हम दोनों कुछ देर तक ऐसे ही नंगे चारपाई पर बैठे रहे, पर किसी के पास कुछ कहने को नहीं था.
विपिन और मैं दोनों ही खुश थे और मंद मंद मुस्कुरा रहे थे.
मैंने थोड़ा गंभीर से स्वर में कहा- ये हमने क्या कर दिया, सॉरी मैं अपने आपको रोक नहीं पायी और ये सब हो गया.
वो कुछ नहीं बोला.
मैंने फिर से कहा- अब जो हो गया सो हो गया, समझ लो कुछ हुआ ही नहीं और हम दोनों इस हादसे को भूल जाते हैं.
विपिन ने कहा- ये क्या बात हुई दीदी, अभी तक कुछ हुआ ही नहीं. इसमें क्या भूलने वाला है?
मैंने कहा- क्यों, अब क्या करना रह गया है.
विपिन थोड़ा चिढ़ते हुए सा बोला- अच्छा मज़ाक कर लेती हो दीदी, सेक्स तो हुआ ही नहीं.
मैंने कहा- ओह … तो अब तुम्हें वो भी करना है.
विपिन बोला- हां दीदी, प्लीज दीदी, मान जाओ ना!
मैंने कहा- नहीं यार, यहां नहीं … कोई आ जाएगा तो मुसीबत हो जाएगी.
विपिन बोला- यहां कोई नहीं आएगा. घर पर सब लोग व्यस्त हैं. और हम दोनों तो बता कर आए हैं ना!
मैं जानबूझ कर उसको परेशान करने के लिए नकली नखरे करती रही और उसे कुछ ऐसे ही टालती रही.
लगभग 20-25 मिनट बाद मैंने कहा- ये सब चीज की पर्मिशन नहीं लेते, जो करना होता हैं, कर देते हैं.
मैंने मुस्कुराते हुए उसे आंख मार दी.
विपिन ये सुन कर खड़ा हो गया और मैं भी खड़ी हो गयी.
फिर तो बस एक पल एक दूसरे की आंखों में देखा और अगले ही पल हम दोनों एक दूसरे के होंठों को जोर जोर से किस करने लगे.
अपने अपने होंठ खोल खोल कर हमारी जीभें आपस में लड़ने लगीं.
धीरे धीरे हमारे जिस्म फिर से गर्माने लगे. अब हम दोनों किस करते हुए हाथ से एक दूसरे के जिस्म को ऊपर नीचे छूते हुए किस कर रहे थे.
मैंने किस करते करते ही फिर से विपिन का लंड पकड़ लिया और उसको हाथ से ऊपर नीचे करके सहलाने लगी.
इससे लंड धीरे धीरे सख्त होने लगा.
कमरे में हमारे चुम्बनों की आवाजें आ रही थीं ‘पुच्छह … पुच्छह … च्प्प … उमम्ह च्प्प …’
अब तो कोई ऐसी बात बची ही नहीं थी कि क्या होना है.
मैंने ही आगे बढ़ते हुए विपिन से कहा- चारपाई पर बैठ जाओ.
वो तुरंत बैठ गया.
मैं उसके आगे घुटनों के बल बैठी और उसकी और देख कर मुस्कुराई.
फिर उसका लंड हाथ में भर कर एक बार ऊपर से नीचे तक सहलाया.
मैंने उसे हल्के से किस किया और बिना कुछ कहे उसे अपने मुँह के अन्दर लेकर ऊपर नीचे करके चूसने लगी.
विपिन ने पीछे चारपाई पर हाथ टिका लिए और आंख बंद करके मुस्कुराते हुए ‘उम्म … उम्म …’ करते हुए इस पल का आनन्द लेने लगा.
उसका लंड मेरे मुँह में ही सख्त होने लगा, मैं चूसते हुए उसे जीभ से भी सहला रही थी जिससे उसे और जोश आ रहा था.
लगभग एक मिनट में ही वो सख्त हो कर पूरा तैयार था.
मैंने लंड चूसना रोका और खड़ी हो गयी.
मैं बोली- आगे भी मुझे ही बताना पड़ेगा या तुम भी कुछ करोगे?
विपिन मुस्कुराया और बोला- नहीं दीदी अब मैं अपने आप कर लूंगा. आप बैठो … अब मेरी बारी.
मैं उसकी जगह बैठ गयी और वो मेरी जगह खड़ा हो गया.
मैंने अपनी टांगें खोल कर चौड़ी कर दीं और उसको इशारा कर दिया.
अब विपिन घुटनो के बल बैठ गया और मेरी चूत को देखने लगा. फिर उसने धीरे से अपना मुँह पास किया और चूत को किस कर दिया.
मुझे बहुत मजा सा आया.
फिर मुझसे रुका नहीं गया तो मैंने उसके सिर को बालों से पकड़ा और अपनी चूत पर दबा दिया.
मैं मादक भाव में बोली- चूत चाट न चूतिए.
मेरे दबाये दबाये ही विपिन ने अपनी जीभ का कमाल दिखाना शुरू कर दिया.
वो कुत्ते की तरह ऊपर नीचे जीभ फेरते हुए मेरी प्यासी चूत चाटने लगा और मुझे बहुत मजा आना शुरू हो गया.
मैंने उसका सिर पकड़ा हुआ था और मेरी आंखें बंद थीं. मैंने अपने सर को ऊपर को किया हुआ था.
अब मेरे मुँह से मादक कराहें निकलना शुरू हो गई थीं ‘उम्महह … उम्महह … चाट साले स्सी … स्सी …’
मेरी चूत अन्दर से पूरी गीली होकर चिकनी हो चुकी थी और सेक्स के लिए ऐसी उतावली हो रही थी, मानो उसमें @desi_story
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2022-08-29 18:31:01 गांव में फुफेरे भाई के साथ रंगरलियां-
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2022-08-29 18:30:13 की चूत ! बना ले अपनी ............

और उस रात मैंने अपनी बहन को पाँच बार चोदा .........नए नए स्टाइल में ......... और पूरी रात उससे चोदता रहा ! रात को पता नहीं कब नींद आई और मैं सो गया। सुबह उठ कर देखा तो दीदी घर का काम कर रही थी। मैंने दीदी को पीछे जाकर फिर से पकड़ लिया और एक ट्रिप फिर से ली और कॉलेज़ चला गया।
@desi_story
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