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चीटियां काट रही हों. फिर अचानक से मैंने उसे रोकते हुए कहा- बस | deshi kahani

चीटियां काट रही हों.
फिर अचानक से मैंने उसे रोकते हुए कहा- बस अब और नहीं, अब तो चोद ही दो मुझे … अब मैं और नहीं रुक सकती.
मैं तुरंत चारपाई पर सीधी होकर लेट गयी और बोला- अब जल्दी से शुरू करो विपिन. मेरी चूत में आग लग गई है.
विपिन बोला- अभी लो दीदी.
वो मेरी टांगों के ऊपर आकर घुटने मोड़ कर बैठ गया.
इसके बाद वो मेरे ऊपर झुकता चला गया और घुटने और कोहनी के बल मेरे ऊपर आकर चढ़ सा गया.
उसका ज़्यादातर वजन मेरे ऊपर नहीं, चारपाई पर था हालांकि हमारे जिस्म बिल्कुल चिपके हुए थे.
पहले उसने मेरे होंठों को किस किया और फिर हाथ नीचे ले जाकर अपने लंड को पकड़ कर मेरी चूत का रास्ता ढूंढने लगा.
जैसे ही उसकी लंड मेरे चूत के दरवाजे पर छुआ, मेरे मुँह से हल्की सी ‘स्सी …’ की आवाज निकली.
मैंने कहा- हां बस यहीं पर … आंह डाल दो जल्दी से.
उसका लंड सामान्य से हल्का सा बड़ा था और लंड का मुँह खाल से बाहर था.
धीरे धीरे उसने एक दो बार ऊपर नीचे चूत का मुहाना रगड़ा और उसके दरवाजे में सटा कर हल्के हल्के ऊपर को सरकने लगा.
धीरे धीरे उसका लंड मेरी चूत को खोलता हुआ उसमें समाने लगा.
मुझे हल्का सा दर्द भी हुआ इसलिए मैं उसकी आंखों में देखती हुई अपने होंठ खोल कर हल्के हल्के से ‘आहह … आहह … स्सी … स्सी …’ करने लगी.
मेरी चूत चिकनी होने की वजह से उसका लंड धीरे धीरे मेरी चूत को खोलता हुआ उसमें समाता जा रहा था.
विपिन भी हल्के हल्के से ‘आहह … आहह …’ कर रहा था क्योंकि उसे भी अन्दर डालने में थोड़ा दम लगाना पड़ रहा था.
आखिरकार उसका पूरा लंड अन्दर चला गया और हम दोनों के चेहरे पर एक मुस्कान आ गई.
मैंने हां में सिर हिलाते हुए उसे इशारा किया कि शुरू कर दे अपनी बहन की चूत चुदाई.
फिर तो बस उसने घुटनों के बल आगे पीछे सरकते हुए मेरी चुदाई शुरू कर दी. मेरे मुँह से हल्की तेज सी ‘आहह … आहह … आ … आ … आहह … स्सी …’ की कामुक सिसकारियां निकल रही थीं.
उसके हर धक्के के साथ पट्ट पट्ट की आवाज आती थी और लंड चूत के अन्दर पेलते हुए आगे पीछे हिल रहा था.
इससे उसका पूरा लंड आधे से ज्यादा बाहर आ जाता और फिर अंत तक अन्दर जाकर टकरा जाता.
हम दोनों 5 मिनट तक इसी पोजीशन में चुदाई करते रहे.
फिर जब थोड़ा थक गए तो उसने लंड निकाल लिया और साइड में लेट कर हम दोनों थोड़ा सुस्ताने लगे.
जब आराम हो गया तो वो बोला कि दीदी कैसा लगा मेरा लौड़ा?
मैंने कहा- अच्छा है, पर इतना आराम से क्यों कर रहे हो, थोड़ा तो जंगलीपना दिखाओ न … मेरा पहली बार नहीं है, तो डरो मत, थोड़ा तेज तेज करो. उसमें ज्यादा मजा आता है.
विपिन बोला- तो ठीक है, अब आप खड़ी हो जाओ और दीवार की तरफ झुक जाओ.
मैंने सोचा कि अब आएगा मजा, ये साला कुतिया बना कर भी चोदना जानता है.
मैं तुरंत ही वैसे खड़ी हो गयी. विपिन पीछे से अपना लंड सहलाता हुआ आया.
वो बोला- अब देखो मेरा जंगलीपना.
उसने मेरी चूत पर लंड रखा और मेरे कंधों को पकड़ लिया.
मेरी चूत लंड का वार झेलने को रेडी हो गई थी.
उसने कहा- तैयार हो?
मैंने पीछे देखते हुए कहा- हां, पेलो.
उसने सिर्फ इतना कहा- तो ये लो.
और उसने बड़ी तेज झटके से अपना लंड मेरी चूत में अंत तक पूरा घुसा दिया.
मुझको ऐसी उम्मीद नहीं थी कि साला एक बार में पूरा पेल देगा.
मेरे मुँह से जोर की ‘आहह … मादरचोद … फाड़ेगा क्या?’ निकल गई.
विपिन हंसने लगा और बोला- अभी कैसे फटेगी चूत … अभी तो लंड अन्दर घुसेड़ा है … अब आप देखो दीदी मेरा जंगलीपना.
अब विपिन ने जोर जोर से मुझे आगे पीछे धक्के मारते हुए चोदना शुरू कर दिया और मेरी जोर जोर की ‘आहह … आहह … मर गई आई … मम्मी रे आई … धीरे आहह … स्सी …’ की चीखें निकलने लगी थीं.
उसके धक्के मेरे पूरे जिस्म को हिला रहे रहे थे.
जैसे ही वो तेज़ी से लंड अन्दर डालता तो उन झटकों से मेरे बूब्स थर-थर हिलने लगते.
चार पांच झकों के बाद मैं मस्त हो गई और बोलने लगी- आंह चोदते रहो जोर जोर से आहह … आहह … बहुत मजा आ रहा है!
विपिन भी ‘आहह … आहह …’ करते हुए पूरी ताकत से मुझे चोद रहा था.
हम दोनों के पसीने छूट गए थे, पर चुदाई फुल स्पीड पर चालू थी.
जब सांस बुरी तरह फूल गई तो मैंने ही कहा- रुक जाओ प्लीज … मेरी सांस फूल गयी है.
विपिन भी थक गया था तो धीरे धीरे चोदते हुए रुक गया.
इस बार हम ज्यादा देर नहीं रुके और एक मिनट तक आराम करके फिर से चुदाई को तैयार थे.
मैं चारपाई पर बैठी हुई थी, तो विपिन एकदम से मेरे पास आया और मेरी टांगें हवा में उठा दीं, जिससे मैं चारपाई पर कमर के बल लेट गयी.
विपिन ने अपना लंड मेरी चूत से सटाया.
मैंने कहा- अब रुकना मत जब तक मैं झड़ ना जाऊं!
विपिन ने अपना लंड एक झटके में अन्दर डाला और पट्ट-पट्ट जोर जोर से चोदने लगा.
वो पूरा लंड बाहर निकालता और फिर पूरा अन्दर डाल देता.
मैं भी खुल कर चुदाई का लुत्फ़ ले रही थी. @desi_story