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deshi kahani

टेलीग्राम चैनल का लोगो desi_story — deshi kahani D
चैनल का पता: @desi_story
श्रेणियाँ: वयस्क सामग्री (18+)
भाषा: हिंदी
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hindi chudai kahani, deshi nonvage kahani, aantarvasna kahani
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नवीनतम संदेश 20

2022-05-06 18:30:14 सुबह हम लोग वापस जाने लगे थे.
वो लड़की आई और मुझे देखने लगी.
मैंने भैया से बोला- ये लड़की क्यों देख रही है?
भैया बोले- साले चूतिया, भूल गया, यही तो थी.
मैंने बोला- क्या?
भैया बोले- हां रात में इसी को तो भेजा था.
मैंने बोला- वो ये थी?
भैया बोले- हां.
मैं सोचने लगा कि अंधेरे में चुदाई के चक्कर में मैंने उसके मुँह पर तो ध्यान ही नहीं दिया, बस दूध और चूत पर ही ध्यान देता रहा.
रात को मैंने मोबाइल की टॉर्च जला कर रख दी थी लेकिन उसका उजाला कम था. बल्ब भी जलाया था लेकिन वो बार बार बुझा दे रही थी.
फिर वो अपने मुँह पर कपड़ा भी बांधे थी.
अब मैंने उस देसी यंग गर्ल को एक स्माइल दी और आंख मारी, तो वो थोड़ी खुश हुई.
हम दोनों वापस अपने घर के लिए आ गए.
दोस्तो, ये थी मेरी सिंपल सी सच्ची पहली सेक्स कहानी. एक अजनबी साली के साथ आधी चुदाई हुई थी. मगर अगले हफ्ते वो अपनी दीदी के पास यानि मेरे मामा जी घर आ गई. उधर मैंने उसे जम कर चोदा.
वो सब अगली सेक्स कहानी में लिखूँगा.
आपको मेरी देसी यंग गर्ल सेक्स कहानी पसन्द आई होगी.
मुझे कमेंट्स में बताएं.@desi_story
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2022-05-06 18:30:14 वो करीब 5 मिनट तक लंड चूसती रही.
लंड चुसवाने के बाद मैंने बाहर निकाला और उसको थोड़ा किस किया, उसके दूध चूसे.
फिर मैंने कहा- चलो अब अपनी चूत दिखाओ.
उसकी नखरेबाज़ी फिर से शुरू हो गई.
मैं अब तक कामांध मर्द बन चुका था. मैंने उसकी टांगें पकड़ीं और अपने पैरों से जोर से दबा लीं.
उसकी चुत उभर कर सामने आ गई. चुत की दरार एकदम चिपकी हुई थीं.
मैंने उसकी चूत में उंगली डालने की कोशिश की तो मेरी उंगली अन्दर जा ही नहीं रही थी.
उसका ये सब पहली बार का मामला था.
बड़ी मुश्किल से मैं एक उंगली डाल पाया.
उंगली अन्दर लेते ही वो चिल्लाने लगी.
मैंने उसका मुँह बंद कर दिया. उसकी पैंटी उसके मुँह में ठूंस दी.
इससे उसकी आवाज बंद हो गई थी और मैं रुक नहीं रहा था.
कुछ देर बाद मैंने चुत से उंगली निकाल कर उसकी चूत चाटना चालू कर दिया.
मुझे तो जैसे ज़िन्दगी के सारे सुकून मिल गए थे. जो मैं ब्लू फिल्म में देखता रहता था, आज खुद सामने से कर रहा था.
करीब 5 मिनट तक चूत चाटी तो उसकी चुत रो पड़ी. चूत के पानी का टेस्ट खट्टा खट्टा सा था.
मैं मजे से चाट रहा था.
वो भी मस्ती से चुत चटवाने का सुख लेने लगी थी.
फिर मैंने सोचा कि अब देर नहीं करना चाहिए. मैं उठा और उसकी टांगें दबा लीं.
मैंने अब उसकी बुर में दो उंगलियां डालने की कोशिश की, लेकिन नहीं जा रही थीं.
मैंने सोचा कि मान लो दो उंगलियां अन्दर चली भी गईं तो ये साली फिर से रोना धोना शुरू कर देगी. इसकी चुत में सीधे लंड पेल देना चाहिए, एक ही बार रोना धोना होगा.
ये सोच कर मैंने लंड पर खूब सारा थूक लगाया और उसकी चूत में डालने की तैयारी कर ली.
करीब दो मिनट कोशिश करने के बाद मेरे लंड का टोपा अन्दर घुस गया.
वो बिन पानी की मछली जैसी फड़फड़ाने लगी.
मैं घबरा गया.
उसके मुँह में पैंटी घुसी थी और उसके हाथ मैंने दबा कर रखे थे.
वो कुछ नहीं कर पा रही थी. बस तड़फ रही थी.
मैंने झटका मारा तो थोड़ा सा लंड और अन्दर चला गया.
फ़िर कुछ गीलापन महसूस हुआ तो मैंने सोचा कि इसका मूत न निकल गया हो.
मैंने थोड़ा सा लंड निकाल कर देखा, तो लंड में खून लगा था और चूत से खून की धार बह रही थी.
मैंने वापस लंड अन्दर उतना ही सरका दिया.
वो रोती जा रही थी.
फ़िर मैंने उसके दूध चूसे. अपना लंड वैसे ही पड़ा रहने दिया और धीरे धीरे हिलने लगा.
मेरा लंड अन्दर बाहर सरकने लगा था. मैंने जरा स्पीड ले ली और उसे चोदने लगा.
वो बेहोश होने लगी तो मेरी गांड फट गई मगर मैं लगा रहा.
करीब 10-12 झटका मारने के बाद मैंने लंड निकाल लिया.
मैं उसकी बेहोशी से बेहद डर गया था क्योंकि ये मेरा भी पहली बार था.
मुझे लगा कि कहीं साली मर मरा न जाए.
दोस्तो, ब्लू फिल्म देखना और सच में चुदाई करना, दोनों अलग चीज़ होती हैं. ये बात मुझे उस दिन पता चली थी.
फिर मैंने उसके मुँह से पैंटी निकाली और उसको किस किया, उसको हिला कर जगाया.
वो बहुत रो रही थी और बोलने लगी थी- आप बहुत खराब हो जीजाजी. मुझे बहुत दर्द हो रहा है.
मैंने उसकी पैंटी से अपना लंड साफ किया और उसकी चूत का खून भी साफ़ कर दिया.
इतने में भैया गेट खटखटाने लगे.
वो बोले- जल्दी से बाहर आ जाओ, सासू मां जाग गई हैं और टॉयलेट गई हैं.
इतना सुनते ही मैंने अपने कपड़े उठाए और लंड का पानी तक नहीं निकाला.
फिर उस लड़की के आंसू पौंछे, उसे शांत किया, जल्दी से खून से सनी पैंटी पहना दी.
फिर मैंने अपने हाथों से ही उसे उसकी सारे कपड़े पहनाये और गले लगा लिया.
वो मुझसे जोर से चिपक कर रोने लगी थी.
मैंने उसको किस किया और बाहर तक छोड़ दिया.
उससे ठीक से चलते भी नहीं बन रहा था.
मैं भी कपड़े पहन कर ऊपर आ गया और सोने चला गया.
कुछ मिनट तक वो सब सोचने के बाद मैंने मुठ मारी और सो गया. @desi_story
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2022-05-01 18:35:40 ो गया.
वो लंड डाल कर अन्दर बाहर अन्दर बाहर करने लगा.
मुझे बड़ा मजा आने लगा.
मैं भी गांड उठा उठा कर साथ देने लगी.
कुछ देर बाद मैं चिल्लाने लगी- आह फाड़ दे इस रंडी की चूत को.
कुछ देर बाद हम दोनों का पानी निकल गया.
हम दोनों पांच मिनट यूं ही पड़े रहे.
मैंने पूछा- कैसा लगा, मजा आया?
वो- बहुत मजा आया.
इतने में मेरे फोन की घंटी बजी.
मैंने फोन उठाया.
दिनेश- रमेश को ऑफिस में थोड़ा काम है. हम सवा नौ बजे तक घर आएंगे.
मैंने ओके बोल कर फोन रखा.
घड़ी में देखा तो 8 बजकर 45 मिनट हुए थे.
मैंने देखा कि राजेश का लंड खड़ा होने लगा था.
मैंने झुककर उसके लंड को मुँह में लेकर चूसा. उसका लंड एकदम टाईट हो गया.
मैं बोली- राजेश वक्त जाया मत कर. अपना लंड इस रंडी की चूत में फिर से डाल कर चोद डाल.
उसने एक तेज धक्का दिया और पूरा लंड चूत में अन्दर डाल कर अन्दर बाहर करने लगा.
मैं भी नितंबों को उठा उठा कर साथ देने लगी. मस्ती से सीत्कार करने लगी- आह फाड़ दे अपनी रंडी की चूत को.
वो भी पिल पड़ा और मेरे दूध चूसते हुए उसने मुझे धकापेल चोदा.
फिर हम दोनों ने पानी निकाला और पांच मिनट यूं ही पड़े रहे.
मैंने उससे कहा- तेरे लंड में जान है, मुझे मस्त मजा आया. अब तू निकल, उनका आने का वक्त हो गया है.
वो चला गया.
मैंने बाथरूम में जाकर खुद को ठीक किया. कपड़े पहने और सोचने लगी कि आज मैं किसी और को चोदने देने वाली थी और कौन मुझे चोदकर चला गया.
इतने में बेल बजी.
मैंने दरवाजा खोला.
सामने तीनों खड़े थे.
वो मुझे देखते रहे क्योंकि मैंने गाउन का पट्टा नहीं बांधा था, इस कारण मेरी चड्डी चोली खुली दिख रही थी.
चड्डी चोली भी पारदर्शक थी. उसमें से मेरी बुर और मम्मे साफ दिखाई दे रहे थे.
मेरे पति के साथ वो सब अन्दर आ गए और महफ़िल जम गई. दारू के जाम टकराने लगे और मैं दिनेश के दोस्तों की गोद में बारी बारी से बैठने लगी.
मेरी चूत में राजेश का लंड जाकर आया था तो चूत खुल गई थी.
एक एक करके उन दोनों ने मुझे चोदा.
मैं आज से अपने पति के घर में एक रांड बन गई थी. मेरा मामा, पति के दोनों दोस्त और नौकर मुझे जब चाहे चोद लेते थे. इससे न मुझे कोई गिला थी और न ही मेरे पति को कोई शिकायत थी.
इस भानजी मामा सेक्स कहानी में बहुत कुछ लिखने को है.
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2022-05-01 18:35:40 करते देखने में मजा आएगा. वो मेरी बीवी की चूत को कैसे चोदते हैं.
मैं- आप पागल हो गए हैं क्या?
वो- तेरी कसम, मुझे किसी और से तुझे चुदते देखना है.
मैं- अब चुपचाप सो जाओ.
हम दोनों सो गए.
मगर मुझे अब नींद कहां आने वाली थी.
मैं सोच रही थी कि दिनेश मुझे दूसरों से चुदवाना चाहता है या मेरी परीक्षा ले रहा है. पर वो मेरी कसम नहीं लेता.
फिर मैंने सोचा कि दिनेश को थोड़ा पीछे पड़ने दो, फिर देखा जाएगा.
सुबह उठते ही उसने मुझसे पूछा- क्या सोचा तुमने?
मैंने- किस बारे में?
वो- किसी और से चुदवाने के बारे में.
मैंने कहा- मैंने कुछ भी नहीं सोचा, ये सब फालतू की बात है.
मैं अपने काम करने में लग गई.
वो दुकान चला गया.
दोपहर का खाने के बाद उसने फिर से पूछा- क्या सोचा तुमने?
‘कुछ भी नहीं.’
‘अरे सोचो जरा.’
मैं- तुम सीरीयस हो क्या?
वो- हां.
मैं- यानि मैं पत्नी से रंडी बन जाऊं .. यही ना!
वो- हां.
मैं बोली- चलो सोचती हूँ, रात को बताती हूँ.
रात को खाना खाने के बाद दिनेश ने पूछा- क्या सोचा तुमने?
मैं बोली- इतनी जल्दी क्या है … कल परसों बताऊंगी.
वो कुछ नहीं बोला, बस मुझे अपनी बांहों में लेकर मेरे मम्मों को दबाने लगा.
मैं गर्म हो गई.
उसने मुझे नंगी कर दिया और मेरी चूत को चाटने लगा. मेरी चूत में जीभ अन्दर बाहर करने लगा.
मुझे बेहद मजा आने लगा.
मैं बोली- बस अब लंड डाल कर चोद दो.
दिनेश- लंड नहीं डालूंगा, जब तब दूसरों के लंड को डाल कर चुदने कि बात नहीं मान लेती. तब तक मैं नहीं चोदूंगा.
मैं- अच्छा मुझे सोचने को दो दिन दे दो.
वो- नहीं आज ही बताना होगा. हां या नहीं. तभी चोदूंगा.
मैंने कहा- अभी करो … फिर कल बताती हूँ.
वो- नहीं आज ही और अभी ही.
मैं- तो फिर नहीं.
दिनेश मायूस हो गया, वो बोला- पत्नी पति हर बात मानती है.
मैं- हां मानती है, पर गलत बात नहीं.
मैं उससे बोली- अच्छा तुम कब मेरी चूत को दूसरे के लंड से चुदवाना चाहते हो?
वो- मतलब तू तैयार है?
मैं- हां मैं तैयार हूँ. तेरी खुशी में ही मेरी ख़ुशी है. अपनी बीवी को दूसरों से चुदाई करवाते देखने में तुम्हें मजा और ख़ुशी मिलती है, तो मैं तैयार हूँ. पर मेरी एक शर्त है.
वो- तू जो बोलेगी, मुझे मंजूर है.
मैं- नहीं, मेरी बात पूरी सुनो, बाद में दुनिया को दिखाने के लिए मैं तेरी बीवी हूँ. मैं अपनी पसंद के किसी भी मर्द के नीचे लेटूं, तुझे ऐतराज नहीं होगा.
वो बोला- हां राजी.
मैं- मुझे मालूम है, तुम मुझे जावेद और रमेश से चुदवाओगे न!
वो- हां.
मैं- उस दिन से मैं तुम तीनों की रखैल या रंडी बनकर रहूँगी. जब मैं चाहूँगी, तब वो मुझे चोदेंगे. उनके अलावा कोई और भी मुझे अच्छा लगा, तो उसी से मैं चुदवा लूंगी. आखिर मैं रंडी हूं. बोलो तैयार!
वो- हां मंजूर.
मैं- ओके कल से चालू कर ही देना … नहीं तो कब मन बदल जाए, मालूम नहीं.
उसके बाद उसने अपना लंड मेरी चूत में टपकाया और हम दोनों सो गए.
सुबह जल्दी उठकर मैं काम करते हुए गाना गुनगुना रही थी.
तभी पीछे से दिनेश आकर बोला- आज बहुत खुश दिख रही है.
मैं- हां क्या तुम नहीं हो?
वो- हां मैं भी खुश हूँ.
मैं- तुम क्यों खुश हो?
वो- आज मेरी बीवी रंडी बनेगी, तुम्हें रंडी बनना बहुत पसंद है न!
मैं- हां मैं बचपन से चाहती थी कि मैं रंडी बनूं, मेरा वो सपना आज मेरा मर्द पूरा कर रहा है.
मैंने शाम को एक झीना सा गाउन पहना, जिसमें मेरी चड्डी चोली और मेरा बदन देखा जा सके.
वो गाउन डाल कर मैं उन सबकी राह देखने लगी.
रात को 8 बजे घंटी बजी.
मैंने दरवाजा खोला तो सामने दुकान का नौकर राजेश खड़ा था जो 23 साल का था.
वो मेरे नंगे बदन को देखता रहा.
मैं उससे पूछ रही थी मगर उसकी नजर मेरे बदन से हट ही नहीं रही थी.
फिर वो बोला- वो सब एक घंटा लेट आएंगे.
मैं बड़बड़ाने लगी- तो उनको फोन करने का था, तू क्यों आया है?
नौकर- वो मुझे अपने काम से इधर से जाना था. मालिक बोले कि जाते वक्त ये सामान घर दे देना.
मैंने- ओके.
वो- मालकिन थोड़ा पीने को पानी मिलेगा!
मैं- हां देती हूं, अन्दर आ जाओ.
मैं किचन में गई. वह दरवाजा बंद करके चुपके से मेरे पीछे आ गया.
मेरे ऊपर अपने हाथ रखकर उसने मुझे अपनी बांहों में जकड़ लिया और मेरे मम्मों को जोर से दबाने लगा.
मैं छटपटाने लगी. मैं पहले से ही गर्म हो गई थी … इसके हाथों से और गर्म हो गई.
मैं जोर से उसका हाथ हटाकर बोली- तुम जबरदस्ती से करोगे तो मजा नहीं आएगा. मैं जैसे कहती हूँ, वैसा करो.
वो- तुमको गुस्सा नहीं आया?
मैं- नहीं, जल्दी करो नहीं तो वह लोग आ जाएंगे.
मैं सब कपड़े निकालकर नंगी हो गई और उसको नंगा करके उसका लंड अपने मुँह में लेकर चूसने लगी.
उसका लंड काफी मस्त था, दिनेश के लंड से काफी बड़ा भी था.
मैंने उसके लंड को चूत पर रखा और बोली- मार जोर से धक्का और चोद दे अपनी मालिक की बीवी को … फाड़ दे मेरी चूत को.
उसने तेज धक्का मारा, आधा लंड अन्दर घुस गया.
मुझे काफी अच्छा लगा.
उसने एक और धक्का मारा, तो पूरा लंड बुर के अन्दर ह
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2022-05-01 18:35:40 ा.
मामा ने लंड को फिर से बाहर निकाला और फिर जोर से धक्का दे दिया.
इस बार मामा का पूरा लंड मेरी बुर में अन्दर घुस गया था.
बड़ा दर्द हो रहा था.
मामा लंड बुर में अन्दर बाहर करने लगा.
कुछ देर बाद मुझे भी मजा आने लगा, मैं अपनी गांड जोर जोर से उठाने लगी.
कुछ ही देर बाद मैं कामुकता से कहने लगी- आह मामा … अपनी भांजी की बुर को ऐसे चोदो कि ये फट जाए.
मामा भी मस्ती से भांजी की बुर में ताबड़तोड़ लंड अन्दर बाहर करने लगा.
कुछ देर बाद हम दोनों का पानी निकल गया.
कुछ देर बाद मामा ने फिर से एक बार मेरी बुर में लंड डाल कर मुझे चोदा.
हम दोनों का पूरा पानी निकल गया.
मामा ने बोला- तू छोटी उम्र में चुदाई में मस्त निकली.
मैंने कहा- मामा, तुमको कामवाली बाई को चोदते वक्त चोरी से देखकर तैयार हो गई थी और रात को तुम्हीं थे, ये भी मालूम था. मैंने भी सोचा कि बाहर किसी से चुदवाने से अच्छा है कि मामा ने ही चोदा, तो घर की बात घर में रहेगी.
मामा हंस कर बोला- हां तू बड़ी समझदार है.
फिर मैंने पूछा- मामा, मेरी बुर तुमको कैसे लगी?
मामा- कुंवारी बुर को चोदने में मजा आता ही है. वो मजा मैंने ले लिया.
अब मामा और भांजी की चुदाई का दौर चालू हो गया.
मैंने कामवाली को भगा दिया.
चुदाई के तीन महीने पूरे हो गए. मुझे माहवारी नहीं हो रही थी. पहले तो मैंने ध्यान नहीं दिया.
जब चौथे महीने भी मुझे माहवारी नहीं हुई तो मैंने इस बात को मामा से कहा.
वह मुझे डॉक्टर के पास लेकर गया. डॉक्टर ने कहा- ये प्रेंगनेट है. चार महीने का गर्भ है. इस कारण बच्चा नहीं गिरा सकते.
सात महीने होने के बाद मामा मुझे गांव के बाहर लेकर गए, एक खोली भाड़े से लेकर रहने लगे.
जून में 9 वां महीना लगा.
उसी महीने में 12 जून दिन मैंने बच्चे को जन्म दिया.
वह लड़का था.
मामा भांजी के प्यार की निशानी थी.
मैंने दो महीने उसे अपना दूध पिलाया.
मामा ने मुझे बहुत समझाया कि छोटी उम्र में तुझे बच्चा हुआ है. लोग हसेंगे, बदनाम करेंगे.
मैं मान गई.
मामा मेरा बच्चा किसी को देकर आ गए. फिर हम दोनों घर वापस आ गए.
हमारा भानजी मामा सेक्स फिर से चालू हो गया.
मामा मेरे दूध पीने लगा था.
मुझे भी मामा को अपना दूध पिलाने में मजा आता था.
दो साल तक मामा ने मुझे खूब चोदा.
फिर एक दिन बोले- मेरे जाने के बाद तेरा क्या होगा. मैं तेरी शादी कर देता हूँ. मैं तेरी शादी ऐसे आदमी से करा देता हूँ कि वो भी तुझे चोदता रहे और मैं भी.
मैं मान गई.
मामा ने मेरी शादी एक सिंधी से करा दी. उस सिन्धी का नाम दिनेश वासानी था.
वो सिन्धी मेरे से 12 साल बड़ा था. सिन्धी पैसे वाला था अपने व्यापार में लगा रहता था. रात को वो मेरे ऊपर चढ़ता था.
उसकी पहली बीवी उसे छोड़कर भाग गई थी. उसे भागे चार साल हुए थे. देखने में दिनेश अच्छा लगता था.
शादी के दूसरी रात को उसने मुझे चोदा. उसका लंड साढ़े पांच इंच से कुछ ज्यादा का रहा होगा.
मामा का लंड छह इंच का था. मामा से चुदने में बड़ा मजा आता था.
दिनेश से वो मजा नहीं आया.
एक महीना हो गया था. हमारी चुदाई चालू थी.
एक दिन मामा आकर बोला- मैं एक महीने से प्यासा हूं. मेरी प्यास बुझा दो.
मैं बोली- पहले नसबंदी करवा लो. अब मुझे तुमसे कोई बच्चा नहीं चाहिए.
मैं मामा को साथ लेकर नसबंदी करावा कर ले आई.
फिर मैंने उसे चूत चोदने दी.
उस दिन मामा के मोटे लंड से चुदवा कर मुझे बड़ा मजा आया.
मेरी पति दिनेश की इलेक्ट्रॉनिक की दुकान थी. वो रोज सुबह 10 बजे निकलता था. दोपहर 2 बजे खाना खाने के लिए घर आता था. फिर आराम करके 5 बजे जाकर रात को 9 बजे आता था.
दुकान में दो नौकर भी थे. वो दिनेश की गैरहाजिरी में दुकान देखते थे.
इस बीच में मामा मेरे पास आकर अपनी प्यास बुझाकर चला जाता था.
81c181bda00baaf97dd31f9a0114f8…
Mysterious Chest
Hurry up to open!
शादी के तीन साल पूरे हो गए. मैं 23 साल की हो गई थी.
तब वीडियो कैसेट का जमाना आ गया था. दिनेश ब्लू फिल्म की कैसेट लाने लगा.
हम दोनों बैठकर देखते थे. जब गर्म हो जाते तो हमारा चुदाई का खेल चलने लगता था.
उसका पानी जल्दी निकल जाता, मैं प्यासी रह जाती.
दिनेश के दो दोस्त थे. एक मराठी था उसका नाम रमेश था और एक का नाम जावेद था.
वो दोनों पढ़े लिखे थे. उनकी नौकरी भी अच्छी थी.
उन दोनों का घर में आना जाना बहुत था. दोनों घर के सदस्य जैसे थे.
दिनेश हर दिन नई नई कैसेट मुझे दिखाता था. उसमें एक औरत के साथ दो या तीन मर्द चूत को चोदते थे.
मैंने उससे पूछा- एक औरत को तीन आदमी कैसे चोद सकते हैं?
वह बोला- तीन क्या … औरत तो पांच मर्द से भी चुदाई का मजा ले सकती है.
मैं बोली- ये सब झूठ है. दो दो बार उसे चोदे, ये मुमकिन नहीं है.
वो बोला- सब मुमकिन है. तुम एक काम करो.
मैं- क्या?
वो- तुम भी ये करके आजमा लो.
मैं- ये तुम क्या बोल रहे हो … अपनी बीवी के बारे में ऐसा कैसे बोल सकते हो?
वो- मैं झूठ नहीं बोल रहा हूँ. मुझे भी अपनी बीवी को दूसरों से चुदाई
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2022-05-01 18:35:40 जवान लड़की की वासना और चुदाई@desi_story
दोस्तो, आज मेरी उम्र पचास साल की है. ये भानजी मामा सेक्स कहानी मेरी जवानी की एक हकीकत है.
मैं जब कम उम्र की थी, तब मेरे मां बाप एक महामारी में गुजर गए थे. मेरे मामा ने ही मुझे पाला पोसा था.
मेरी मामी हमेशा बीमार रहती थीं. मेरे मामा का हमारे घर में काम करने वाली कामवाली से जिस्मानी संबंध था.
लड़कियों को जो माहवारी आती है, वो मेरी भी चालू हुई मेरे माँ बाप के गुजरने के कुछ माह बाद!
इससे मैं घबरा गई.
तो काम वाली बाई ने बाजू में ले जाकर मुझे समझाया कि हर औरत को यह होता है. अब तू बड़ी हो गई है.
मैं समझ गयी कि मैं अब जवान होने लगी थी.
उसी समय मेरी मामी गुजर गईं.
घर का काफी काम अब मुझे करना पड़ता था.
मुझे कामवाली और मामा जी की चुदाई जब तब देखने को मिल जाती थी जिससे मेरी बुर में आग भड़क जाती थी.
मुझे मामा का लंड भाने लगा था, अब तक मेरे मन में भी मामा के लंड से चुदने की लालसा होने लगी थी.
मेरे मामा खाट पर सोते थे, मैं नीचे सोती थी.
मामा बहुत गुस्से वाला था, मैं उससे बहुत डरती थी.
एक रात मैं नींद से जागी तो कोई मेरे ब्लाउज के ऊपर से मेरे मम्मों को दबा रहा था.
मैं घबरा गई और हाथ हटा कर सो गई.
वो अंजान हाथ फिर से मेरे दूध दबाने लगा.
अंधेरे में कुछ दिखाई नहीं दे रहा था, मैं फिर से हाथ हटाकर सो गई.
मैंने समझ लिया था कि ये काम मेरे मामा का है मगर मेरी उससे बात करने में गांड फटती थी तो कैसे कहूँ, ये समझ ही नहीं आ रहा था.
सुबह मैंने मामा को डरते डरते रात का किस्सा बताया.
मामा बोला- तू बड़ी भाग्यवान है. वो अपनी जिन्दगी का रखवाला होगा. वो घर घर जाकर सबका भला करता है. तुझे भी वो ही करता है. उसे करने दे, नहीं तो वो तुम्हें बददुआ दे देगा.
मैं घबराने का नाटक करती हुई बोली- वह कुछ करेगा तो नहीं ना!
मामा बोला- जो करेगा, तेरा भला करेगा.
मैं सब समझ कर चुप हो गई.
दिन निकल गया, रात हो गई.
आधी रात को मेरे मम्मों को दबाने से मैं जाग गई.
मम्मों को दबाते दबाते मेरे ब्लाउज के बटन खोल कर मेरे मम्मों को आजाद कर दिया गया.
मुझे मजा आने लगा था तो मैं चुपचाप लेटी रही.
वो अंजान हाथ मेरे मम्मों को जोर जोर से दबाने लगा.
मुझे दर्द भी हो रहा था और मजा भी आ रहा था.
ये सब मेरा मामा कर रहा था, ये मैंने समझ लिया था.
फिर मामा मेरी पजामी का नाड़ा खोल कर मेरी बुर को अपने हाथ से सहलाने लगा.
इससे मुझे और मजा आने लगा.
फिर वो मेरी बुर में उंगली डाल कर अन्दर बाहर करने लगा.
मुझे और ज्यादा मजा आने लगा, मेरी बुर में से पानी निकल गया.
फिर मामा की आवाज आई- मैं तेरे मुँह में कुल्फी डाल रहा हूँ, इसे चूस लेना चूसने से जो निकलेगा, उसे प्रसाद समझ कर पी जाना.
मैंने उसका लंड मुँह में आता महसूस किया. मैं लंड चूसने लगी. खट्टा सा स्वाद आ रहा था.
मैं चूसती गई. लंड चूसने से जो रस निकला, वो मैं पी लिया.
मामा ने पूछा- मजा आया?
मैं हां कह दिया.
‘अब कल से तू ये सब अपने मामा से कराना, तुझे बहुत मजा मिलेगा. आज भी मैं तेरे मामा के ऊपर सवार होकर तेरे पास आया हूँ. कल से मैं उसी के ऊपर सवार रहूँगा. तू मना मत करना.’
मैंने हामी भर दी और मामा के ऊपर देवता आने की बात को मान ली.
वो मेरा भला करने वाला था.
ये आईडिया मुझे भी सही लगा.
सुबह मैंने मामा से ये सब बोला कि मेरे साथ ये हुआ और उसने ये ये कहा.
मामा बोला- हां ठीक है … अब से मैं जो बोलूंगा, तो तू वह कर लेगी न!
मैंने हां बोल दिया.
दोपहर का खाना खाने के बाद मामा ने मुझे अपने बाजू में बिठाया और मेरे ब्लाउज के ऊपर से मेरे मम्मों को दबाने लगा.
मैं कुछ नहीं बोली. मुझे मजा आ रहा था और अब मामा से कोई डर भी नहीं लग रहा था.
मामा ने मेरे दूध दबाते हुए ही मेरे ब्लाउज के बटन खोल दिए. उसने मेरे मम्मों को आजाद कर दिया और मम्मों को जोर जोर से दबाने लगा.
मुझे दर्द भी आ रहा था और मजा भी आ रहा था.
फिर मामा ने मेरी सलवार का नाड़ा खोलकर मुझे नंगी कर दिया, मेरे होंठों पर अपने होंठों को रखकर चूसने लगा.
मैं जल्दी ही गर्म हो गई.
मामा ने नंगे होकर मेरे मुँह में लंड को डाल दिया और चूसने को कहा.
मैं मामा का लंड चूसने लगी.
वो खड़ा हो गया और लंड चुसवाने लगा.
फिर कुछ देर बाद मामा ने मेरी टांगों को फैला दिया. उसने मेरी बुर पर थूक लगा दिया. मामा मेरे ऊपर चढ़ गया.
मुझे बड़ा मजा आ रहा था.
मामा ने मेरी बुर पर लंड को घिसा और एक धक्का दे दिया. मामा के लंड का सुपारा मेरी बुर के अन्दर घुस गया.
मैं दर्द से कलप उठी.
मगर मामा ने होंठों से मेरी आवाज को दबाया हुआ था.
मामा ने फिर से लंड बाहर निकालकर जोर से धक्का दे दिया.
उनका आधा लंड मेरी बुर के अन्दर घुस गया.
मैंने दर्द से चिल्लाने की कोशिश की मगर मामा ने अपने होंठों से मेरे होंठों को दबाया हुआ था.
वो बोला- पहली बार में दर्द होता है, फिर मजा ही मजा आता है.
कुछ देर तक मेरे दूध सहलाए तो मेरा दर्द कुछ कम हो गय
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2022-05-01 14:06:12
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2022-04-28 19:15:02 में चला गया.
तब से मैं दिन भर अपने रूम पर और रात भर भाभी के रूम में रहता हूं.
आप सबको मेरी लॉकडाउन सेक्स कहानी कैसी लगी, कृपया जरूर बताएं.@desi_story
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2022-04-28 19:15:02 अब वो अपने हाथ में लेकर मेरा लंड सहला रही थीं.
मैंने कहा- भाभी इसे आपके मुँह में देना है.
पहले तो भाभी मना करने लगीं, बोलीं- नहीं, मैं लंड नहीं चूसूंगी.
पर मैंने बहुत रिक्वेस्ट की, तो वो मान गईं.
मैं खड़ा हो गया, वो घुटनों के बल बैठ कर मेरा लंड चूसने लगीं.
फिर मैं उनके मुँह को ही चुत समझ कर चोदने लगा; लंड गले तक जाने लगा.
इससे उनको उल्टी आने लगीं.
भाभी गाली देती हुई बोलीं- साले आराम से कर … रात भर मैं तेरी रंडी ही हूं.
ये सुन कर मुझे थोड़ा मजा आने लगा कि भाभी तो रात भर के लिए रेडी हो गई है.
मैं आराम से लंड अन्दर बाहर करने लगा.
मैंने मुँह को ही चोद कर सारा पानी निकाल दिया और भाभी को पिला दिया.
फिर मैंने भाभी को बेड पर लिटाया और उनकी चूत पर ऐसे टूट पड़ा जैसे कोई भूखा भिखारी मलाई के दौने पर टूट पड़ता है.
मैंने भाभी की चूत में अपनी पूरी जीभ डाल कर चुत को चाटना शुरू कर दिया; साथ ही नीचे से उंगली भी डाल दी.
भाभी मादक सिसकारियां लेने लगीं- उई मां … और तेज चाटो उफ्फ … साले कबसे तुझे अपनी जवानी दिखा रही थी आह भोसड़ी के … आह … चाट ले मेरी चुत को उम्म्म … कम ऑन फक मी आह …
मैंने भाभी के मुँह से ये सुना तो अपना सर पटकने लगा कि ये तो पहले से ही चुदने को मरी जा रही थीं.
मैं अब मस्ती से भाभी की चुत चाट रहा था.
फिर कुछ देर की चूत चटाई के बाद मैं उठ गया. मेरा 7 इंच का लंड चुदाई के लिए तैयार था.
मैंने भाभी की कमर के नीचे तकिया लगाया, जिससे उनकी चूत थोड़ा खुल गई.
मैंने लंड चुत की फांकों में टिकाया और थोड़ा सा धक्का लगा दिया जिससे 3 इंच लंड चूत में घुस गया.
काफी दिन से भाभी चुदी नहीं थीं, जिससे उनकी चूत एकदम टाइट थी.
लंड अन्दर लेते ही भाभी की सिसकारी निकल गई.
फिर मैंने एक जोरदार धक्का लगा दिया और भाभी की चूत में पूरा लंड पेल दिया.
इससे भाभी चिल्लाने लगीं- उई मां … मर गई साले मादरचोद आराम से चोद भोसड़ी के.
भाभी के मुँह से गाली सुनने के बाद मुझे गुस्सा आ गया.
मैंने भाभी का गला पकड़ा और कहा- साली छिनाल तू साली रंडी माँ की लौड़ी, तू जो सेक्स वीडियो देखती थी न … मुझे सब पता है.
वो हंस कर मेरा मुँह देखने लगीं, लेकिन वासना की वजह से बोलीं- अभी चोद न हरामी … साले मेरी चुत की आग ठंडी कर मादरचोद.
मैं लगातार धक्के देकर भाभी की चुत चोदता रहा.
वो चिल्लाती रहीं- आह आराम से चोद साले … उफ्फ … चुत फाड़ेगा क्या … उन्ह मम्मी … उम्म्म् … आह … चोद मुझे … और तेज चोद.
मैं लगातार चोदता जा रहा था.
तेज स्पीड की वजह से भाभी की चूचियां हिल रही थीं. दस मिनट चुदाई के बाद भाभी की चुत ने पानी छोड़ दिया, लेकिन मेरा लंड खड़ा था.
अब मैंने भाभी को घोड़ी बनाया और पीछे से चूत में लंड डाल कर चोदने लगा. मेरे हर धक्के के साथ भाभी चिल्ला रही थीं ‘आह … आह … उम्म्म … उफ्फ … चोदो मेरी जान …’
कोई दस मिनट की और चुदाई के बाद मैं झड़ने वाला था.
मैंने बोला- भाभी पानी कहां निकालूं?
भाभी बोलीं- चूत में निकाल दो … मैं दवा ले लूंगी.
मैंने उनकी चुत में पानी निकाल दिया और निढाल होकर भाभी के ऊपर लेट गया.
कुछ देर बाद भाभी उठीं और जाकर मेरे लिए दूध लेकर आईं.
भाभी बोलीं- लो दूध पी लो मेरे प्यारे देवर जी, तभी तो रात भर चोद पाओगे.
मैंने दूध लिया और भाभी को बेड के किनारे पर लिटा दिया.
मैं उनकी चूत के ऊपर दूध डालने लगा था और नीचे से पी रहा था.
बाद में बची हुई मलाई चूत पर लगाई और चाटने लगा.
भाभी फिर से जोश में आ गईं और बोलीं- चोद दे मुझे!
मैंने कहा- चोदने के लिए पहले मेरा लंड तो खड़ा करो. तभी तो चुत चुदाई हो पाएगी मेरी रसीली भाभी जी.
उन्होंने झट से मेरा लंड मुँह में ले लिया और चूसने लगी.
कुछ ही देर में मेरा लंड खड़ा हो गया.
मैंने भाभी को खड़ा करके बेड के सहारे झुका दिया. मैंने उनकी गांड में लंड डाल दिया तो वो छटपटाने लगीं और भागना चाहती थीं लेकिन मेरी पकड़ मजबूत थी.
भाभी भाग ही न सकीं.
वो बोली- साले गांडू, बताना था न गांड मारना है. अभी लंड निकाल, मैं तुझे लड़की की गांड मारना सिखाती हूँ.
मैंने लंड निकाल लिया.
भाभी ने तेल डालने को कहा.
मैंने थोड़ा सा तेल गांड में डाला और लंड चुपड़ लिया.
अब मैंने फिर से लंड गांड में डाल दिया और उन्हें चोदने लगा.
भाभी भी गांड हिला कर लंड ले रही थीं और ‘आह … आह … फाड़ दे मेरी गांड … उफ्फ … उई मां …’ चिल्ला रही थीं.
कुछ देर भाभी की गांड मारने के बाद मैंने भाभी को लिटा दिया और पीछे से एक टांग ऊपर करके चूत में लंड डाल दिया.
मैं भाभी की चुत चोदने लगा.
कुछ देर बाद मेरा और भाभी दोनों का पानी निकल गया और मैं वैसे ही भाभी की चूत में लंड डाल कर सो गया.
सुबह 5 बजे जब मेरी आंख खुली तो मैंने फिर से भाभी की चूत सहलाना शुरू कर दी.
इससे भाभी जाग गईं.
अब मैं भाभी को बाथरूम में ले गया. वहाँ पर भी मैंने उन्हें चोदा.
फिर नहा कर हम दोनों वापस कमरे में आ गए.
कुछ देर बाद मैं अपने रूम
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2022-04-28 19:15:02 लॉकडाउन में पड़ोसन भाभी की चूत का मजा@desi_story
नमस्कार दोस्तो, मेरा नाम रुद्र प्रताप सिंह है. मेरी उम्र 20 साल है और मेरे लंड का साइज 7 इंच है.
ये लॉकडाउन सेक्स कहानी कुछ दिन पहले की है. मैं लॉकडाउन के समय अपने कॉलेज में था. लॉकडाउन लगने की वजह से मैं घर नहीं आ पाया.
मेरे रूम के बगल में एक भाभी रहती थीं. उनका फिगर 36-32-38 का रहा होगा. भाभी का फिगर ऐसा था कि मेरा रूम पार्टनर भी भाभी का दीवाना था.
भैया जी सऊदी में रहते थे. उन दिनों भाभी अकेली थीं. उनको देख कर मैं अक्सर मुट्ठ मार दिया करता था.
एक दिन मैं अपने रूम से निकल कर छत पर जा रहा था. तभी मैंने देखा कि भाभी का रूम खुला था.
मैंने तुरंत अन्दर झांक कर देखा, भाभी लेटी हुई थीं. उनका पल्लू ऊपर से हटा था और उनके मस्त बड़े बड़े चूचे ब्लाउज फाड़ कर बाहर आना चाहते थे.
भाभी खुद अपने हाथ से अपने दूध सहला रही थीं.
कुछ देर बाद उन्होंने अपने पैर घुटनों से मोड़ लिए जिससे मुझे भाभी के चूचे दिखने बंद हो गए.
मैं कुछ मायूस सा हो गया.
मगर तभी मुझे भाभी की वो हरकत दिखाई दी जिसने मेरे लौड़े में आग लगा दी.
भाभी ने अपने पेटीकोट को साड़ी समेत ऊपर कर लिया और मुझे उनकी काले रंग की पैंटी दिखाई देने लगी.
वो अपने हाथ से अपनी पैंटी को सहलाने लगी.
मैंने भाभी की हरकत को देखा और खुद को किसी तरह से कंट्रोल किया. छत पर टॉयलेट में जाकर तुरंत मुट्ठ मारी और खुद को ठंडा कर लिया.
भाभी से मेरी बात होती रहती थीं.
एक दिन भाभी ने अपना मोबाइल ठीक करने को दिया तो मैंने सोचा भाभी की गूगल की हिस्ट्री चैक की जाए.
मैंने देखा भाभी ने www.freesexkahani.com पर ढेर सारी कहानी पढ़ी हुई हैं और बहुत सारी सेक्स की वीडियो भी देखी हैं.
मैंने उसी दिन सोच लिया कि अब तो भाभी को चोदना ही है.
उसी दिन से मैं योजना बनाने लगा.
एक दिन मैं अकेला था. मेरा रूम पार्टनर अपने गांव निकल गया था. शाम तक उसे वापस आना था. पर लॉकडाउन में किस तरह से वो वापस आता, ये बड़ी दिक्कत थी.
उसी शाम को भाभी मेरे पास आईं और बोलीं- आज तुम अकेले हो क्या?
मैंने कहा- हां भाभी.
उन्होंने कहा- तो खाना कैसे बनाओगे?
मैंने कहा- देखते हैं, अभी का तो हो गया, हो सकता है शाम तक मेरा दोस्त आ जाए, तो बना लूंगा.
भाभी बोलीं- अगर वो नहीं आए और प्रॉब्लम हो, तो मैं बना दूं?
मैंने झट से हां कह दी- अरे वाह भाभी … नेकी और पूछ पूछ?
भाभी हंस दीं और उन्होंने मुझे शाम का खाना खाने आने के लिए कह दिया.
शाम को मैं भाभी के रूम में गया.
वो किचन में खाना बना रही थीं.
मैं फोन में गेम खेलने लगा.
कुछ देर बाद हम दोनों ने साथ में खाना खाया.
मैंने भाभी से कहा- भाभी, कोल्डड्रिंक पियेंगी?
भाभी जी ने हां कर दी.
मैं कोल्डड्रिंक ले आया और उसमें एक जोश बढ़ाने वाली गोली मिला कर भाभी को दे दी.
कुछ देर बाद भाभी का मूड बनने लगा था.
मैंने उनकी आंखों में वासना का खुमार चढ़ता देखा और झट से भाभी के पास आकर उनके बगल बैठ गया.
मैंने भाभी से कहा- भाभी, मैं बहुत अकेला हूं, कोई लड़की पटवा दो.
वो बोलीं- मैं कहां से पटवा दूं?
मैंने कहा- तो आप ही पट जाओ.
भाभी मेरा मुँह देखने लगीं, लेकिन मूड उनका भी बन रहा था तो उन्होंने कहा- ठीक है. लो समझो मैं पट गई.
मैंने कहा- मैं कैसे मान लूं कि अप पट गई हो?
उन्होंने कहा- तुम जो बोलो, मैं कर दूंगी. जिससे तुम्हें विश्वास हो जाए.
मैंने कहा- मुझे आपको किस करना है.
वो तुरंत किस करने लगीं.
मैंने भी भाभी को किस किया और कुछ देर के बाद रुक गया.
भाभी की आंखों में बेहद चुदास दिख रही थी और उनका पल्लू एक तरफ ढलका हुआ था. उनके तने हुए चूचे मेरा लंड खड़ा कर रहे थे.
कुछ देर तक भाभी के मम्मे घूरने के बाद मैंने कहा- भाभी, मुझे आपकी चूची भी पीना है.
वो मना करने लगीं लेकिन मैंने हाथ बढ़ा दिया और उनके मम्मे दबाने लगा.
वो मेरा हाथ पकड़ कर ना ना करने लगीं मगर खुद ही मेरे हाथ से अपने दूध मसलवा रही थीं.
कुछ देर बाद वो शांत हो गईं. उन्होंने कहा- अच्छा पहले दरवाजा तो बंद कर दो.
मैं दरवाजा बंद करके आया.
तब तक भाभी ने अपना ब्लाउज खोल दिया.
उन्होंने ब्लैक कलर की ब्रा पहनी थी. मैंने ब्रा का हुक खोल दिया जिससे उनकी दोनों चूचियां आजाद हो गईं.
मैं भाभी की दोनों चूचियों को बारी बारी से पी रहा था, मसल रहा था.
भाभी कामुक सिसकारियां ले रही थीं- आह … उफ्फ … आराम से करो न रुद्र … दर्द हो रहा है.
मैं मजे से भाभी के दूध पीता रहा.
धीरे धीरे मैंने भाभी की साड़ी खोल दी और उनका पेटीकोट ऊपर करके फुद्दी को सहलाने लगा.
भाभी की पैंटी गीली हो रही थी. मैंने पैंटी साइड में की और चूत में उंगली डाल दी.
अब तक भाभी की चूत पूरी गर्म और गीली हो चुकी थी.
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मैंने भाभी को उठाया और उनका पेटीकोट निकाल दिया.
अब वो सिर्फ पैंटी में थीं.
उन्होंने भी मेरे सारे कपड़े निकाल दिए.
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