2022-05-21 19:15:02
मैं उसके होंठों को चूसने लगा.
अब मैंने दुबारा लंड उसे मुँह में अन्दर तक लेने को बोला.
वह प्रयास करने लगी, तभी मैंने उसकी नाक दबा दी.
उसका मुँह खुल गया और लंड अन्दर मुँह में प्रवेश कर गया.
मैंने उसका सर लंड पर दबा कर रखा, तो वह फिर से छटपटाने लगी.
लंड उसके गले में फंस गया था.
वह रोने लगी और हाथ जोड़कर बोलने लगी- अंकल मुझे छोड़ दो, ये सब मुझसे नहीं होगा.
मैंने बोला- इसे तुम सजा क्यों मान रही हो … ऐसा कुछ भी नहीं है. चलो अब तुम ही चूसो जैसे तुम चाहो.
वह बाहर बाहर से लंड चाट रही थी, पर मुझे कुछ भी महसूस नहीं हो रहा था.
मुझे वाइल्ड सेक्स करना पसंद है पर कुक्कू का पहली बार था इसलिए मैं बहुत कंट्रोल कर रहा था.
मेरा लंड तैयार ही नहीं हो पा रहा था.
अब मैंने अपने बैग से हैंड कफ निकाला और कुक्कू के दोनों हाथ पीछे करके उससे बांध दिया.
वह डरने लगी और बोली- अंकल, आपने मेरे हाथ बांध क्यों दिए!
मैं बोला- चिंता मत करो बेबी … थोड़ा कष्ट तो तुम्हें सहना ही पड़ेगा. तुम सहयोग नहीं कर पा रही हो.
वो मेरी आंखों में देख रही थी.
मैंने कहा- अभी भी यदि तुम सहयोग नहीं करोगी तो तुम्हें ज्यादा कष्ट होगा.
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कुक्कू को मैंने अपना लंड मुँह में लेने को बोला, तो उसने मुँह खोला पर उसका मुँह सूखा हुआ था.
मैंने अपने लंड पर थूक दिया और कुक्कू के मुँह में जोर से पेल दिया.
कुक्कू को मैंने बेड के सिरहाने करके बैठाये हुए था और मैं खड़ा होकर उसके मुँह में लंड पेल रहा था.
वह छटपटा रही थी, पर कुछ कर नहीं पा रही थी.
अब मेरे ऊपर वासना हावी हो गयी थी. सामने 19 साल की कमसिन लड़की है, इसकी चिंता मुझे नहीं थी.
कुक्कू की आंखें बाहर की तरफ निकल आयी थीं.
मैंने कुक्कू का सर बालों से पकड़ा हुआ था और लंड अन्दर बाहर मुँह में पेल रहा था.
उसका बदन लार से भीग गया था.
बीच बीच में मैं अपने आंड उसके मुँह में दे देता था. वह बस ‘ऊं आं …’ कर रही थी.
मेरा लंड अब धीरे धीरे कड़क हो रहा था. सुपारा फूलकर गेंद जैसा हो गया था. कुक्कू की नाक और मुँह से लार टपक रही थी.
मेरे ऊपर पागलपन हावी हो रहा था, जो खासकर अनाड़ी पार्टनर के कारण होता है.
मैं कुक्कू की चूची के निप्पल को दांतों से पकड़कर खींच दे रहा था. उसके निप्पल के दाने फूल गए थे.
मैं बीच बीच में कुक्कू के चूतड़ों पर जोर का थप्पड़ मारता, तो वह चिहुंक जाती.
मैंने कुक्कू के पूरे शरीर पर चुम्बन का बौछार कर दी और उसे उल्टा करके उसकी गांड के छेद को भी चाट चाट कर लाल कर दिया.
बीच वाली उंगली उसकी गांड में डाली, तो वो चिल्लाने लगी.
पर मैंने पूरी मोटी उंगली उसकी गांड में ठूंस दी.
चूमने चाटने में मेरे दांत उसके शरीर में कई जगह गड़ गए.
अब मैंने उसके हाथ खोल दिए और लंड चूसने को बोला.
तो वो फिर बाहर से लंड चाटने लगी.
मैंने उसके गाल को अपने दोनों हाथों से दबाया और कहा- मादरचोद, अभी भी तू वैसे ही अनाड़ी जैसी चूस रही है. मुँह खोल और जीभ बाहर निकाल मादरचोद.
गाली सुकर वो हंसने लगी.
जैसे ही उसने मुँह खोला, मैं लंड उसके मुँह में डालकर चोदने लगा.
अब मैं कुक्कू की बुर को चोदने के लिए तैयार था.
मैंने कुक्कू को चित लिटा दिया और उसकी बुर पर थूक दिया. मैं अपना लंड उसकी चूत की फांकों पर रगड़ने लगा.
वह फिर से मदमस्त होने लगी.
मैंने अपना लंड उसके चूत पर सैट कर दिया, उसके पैरों को अपनी कमर पर बांधने को बोला.
मैं उसके ऊपर छा गया. अपने एक हाथ से उसके दोनों हाथों को पकड़ा और दाहिने हाथ से लंड को सहारा दिया.
फिर मैंने एक हल्का सा धक्का दिया, तो सुपारे ने कुक्कू की चूत में जगह बना ली.
कुक्कू कसमसाने लगी और बोली- अंकल, बहुत दर्द हो रहा है.
मैंने बोला- कुछ नहीं होगा बस थोड़ा अन्दर और डालूंगा.
मैं उसके होंठों को मुँह में लेकर चुभलाने लगा.
कुक्कू जैसे ही सामान्य हुई, मैंने एक करारा धक्का दे मारा.
इस बार कुक्कू की आंखें फट पड़ीं और वो ढेर सारा पसीना छोड़ने लगी.
मेरा लगभग आधा लंड कुक्कू के चूत में समा गया था.
वह मुझसे छूटना चाह रही थी पर मेरे बलिष्ठ शरीर से वह दबी पड़ी थी.
उसका शरीर कांप रहा था और ऐंठ रहा था.
मैं बहुत धीरे धीरे अपना लंड बाहर की तरफ खींच रहा था, फिर अन्दर डाल दे रहा था.
अब मैंने उसका हाथ छोड़ दिया था और उसकी कांख के नीचे से दोनों हाथ डालकर उसे अपने सीने से चिपकाया हुआ था.
धीरे धीरे कुक्कू सामान्य हो चली थी.
तभी मैंने फाइनल शॉट मारा और अपना लंड जड़ तक उसकी बुर में पेल दिया.
वह चिल्लाने लगी, पर वहां सुनने वाला कोई नहीं था.
मैंने बोला- बेबी पूरा लंड तो तुम खा गयी, अब क्यों चिल्ला और रो रही हो! अब जो होना था, हो लिया. अब जश्न मनाओ … आज के बाद तुम लंड लेने वाली चीज बन गई हो.
मैंने उसके आंसू पौंछे, उसके माथे और होंठों पर चुम्बन किया. @desi_story
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