टेलीग्राम में पोर्न की टेराबाइट्स तक पहुंच प्राप्त करें »

deshi kahani

टेलीग्राम चैनल का लोगो desi_story — deshi kahani D
चैनल का पता: @desi_story
श्रेणियाँ: वयस्क सामग्री (18+)
भाषा: हिंदी
ग्राहकों: 6.67K
चैनल से विवरण

hindi chudai kahani, deshi nonvage kahani, aantarvasna kahani
purchase ads on our telegram channel.
telega.io/channels/desi_story/card?r=AsrCyCMO

Ratings & Reviews

3.00

2 reviews

Reviews can be left only by registered users. All reviews are moderated by admins.

5 stars

0

4 stars

1

3 stars

0

2 stars

1

1 stars

0


नवीनतम संदेश 17

2022-05-17 14:21:04 https://t.me/hindiaudiostory
858 views11:21
ओपन / कमेंट
2022-05-16 19:01:59 https://t.me/chudaiki_kahani
1.6K views16:01
ओपन / कमेंट
2022-05-16 19:01:22 अब तो वो 2-3 उंगलियां मेरी चूत में डालने लगा था. मैं लगातार कामुक आहें भर रही थी.
ये बात मुझे बाद में पता चली थी कि मर्द के आगे जितनी ज्यादा चिल्लाओ, उसकी स्पीड उतनी ही बढ़ जाती है.
उसने मेरी चूत में से पानी निकलने तक फिंगरिंग की.
बाद में उसने अपनी अंडरवियर को उतारा. उसका बड़ा मोटा और लंबा लंड मेरे सामने था.
उसके बाद में तो मैं कई मर्दों से चूत मरवा चुकी हूं और मुझे काफी एक्सपीरिएंस हो गया है.
इस बात के बेसिस पर मैं कह सकती हूं उस वक्त उसका लंड 7 इंच का रहा होगा.
मेरी चूत गर्म थी और वो कहावत है ना कि लोहे पर हथौड़ा और चूत पर लौड़ा, तभी मारो, जब वो गर्म हो.
बस देर किस बात की थी. उसने मेरी चूत में अपना लंड बिना किसी तेल लगाए ही आधा लंड घुसा दिया.
मैं चिल्ला उठी- आह्हह ह्ह्ह मांम्म्म् उहउ उउउ उफ्फ मर गई!
मुझे बहुत दर्द हो रहा था.
मेरी चूत में पहली बार कोई लंड गया था इसीलिए चूत की सील भी टूट गई थी.
चूत से खून आ रहा था.
मैं डर गई और आकाश से मिन्नतें करने लगी- प्लीज़ आकाश इसे निकाल लो बहुत बड़ा है … आहह मैं मर जाऊंगी उफ्फ!
जब मैंने ज्यादा मिन्नतें की तो आकाश को सच में लगा कि मुझे दर्द हो रहा है.
उसने कुछ देर के लिए खुद को रोक लिया, उसने लंड चूत से बाहर निकाल लिया.
फिर जब एक मिनट हो गया और मैं कुछ सामान्य सी हो गई.
तो वो अचानक से मेरे ऊपर चढ़ गया और मेरी चुदाई के लिए रेडी हो गया.
इस बार उसने मेरी एक ना सुनी, मेरे पैरों को चौड़ा किया और मेरी चूत पर थूक लगा कर लंड को रगड़ा.
फिर इस बार एक ही झटके में पूरा लंड चूत में डाल दिया. लंड ने चूत को चीर दिया था.
मैं तड़फ रही थी, मगर आकाश रुका ही नहीं. वो झटके पर झटके देता चला गया.
मेरी हालत इतनी खराब हो गई थी कि मुझसे चिल्लाया भी नहीं जा रहा था.
वो मुझे बहुत बुरे तरीके से चोद रहा था.
अब तो भोसड़ी वाला मुझे गालियां भी देने लगा था.
चूँकि ये मेरा पहला संभोग था तो मुझे उसकी इस बात का बहुत बुरा लगा.
वो मुझे ताबड़तोड़ चोदे जा रहा था.
जब कुछ मिनट बाद मैं नॉर्मल हुई और मज़ा आने लगा, तो मैं भी कमर मटकाने लगी.
मुझे अब दर्द कम और मज़े का अहसास ज्यादा हो रहा था.
वो मेरे ऊपर था, मुझे किस करते करते अपने लंड को अन्दर बाहर कर रहा था.
उसका लंड जैसे ही अन्दर जाता तो जैसे जन्नत ही मिल जाती.
वो मुझे प्यार भी कर रहा था.
जब उसे लगा कि उसका रस छूट गया है, तब उसने लंड को बाहर निकाला और कंडोम निकालकर बाथरूम की तरफ चला गया.
थोड़ी देर बाद जब वो वापस आया तब उसमें एक खुशी सी थी और एक नई ताज़गी भी थी.
वो मेरे पास आकर लेट गया.
मेरे दोनों मम्मों पर उसने एक एक चूमा लिया और फिर से चोदने बैठ गया.
इस बार उसने मेरी टांगों को कुछ ज्यादा फैलाया और उसमें हाथ डालने की कोशिश करने लगा.
अब मुझे दर्द नहीं होने वाला था.
मैं बस नशे से में होकर उसी का नाम पुकारे जा रही थी- आह … आकाश … बाबू क्या कर दिया तुमने आह्ह मजा रहा है.
उसने फिर से अपना लौड़ा मेरी चूत में पेल दिया और बीस मिनट तक मुझे हचक कर चोदा.
फिर मेरी चूत में ही अपना रस टपका कर मेरे साथ चिपक गया.
मुझे भी अपने पहले आशिक से चुद कर बेहद मजा आया था.
आप सोच रहे होंगे कि ये सब यहीं खत्म हो गया, तो ऐसा बिल्कुल नहीं है.
इसके बाद तो उसने मेरी गांड भी मारी थी जो मैं अपनी अगली गांड चुदाई वाली सेक्स कहानी में बताऊंगी.
आकाश के बाद तो मेरे सामने लौड़ों की लाइन लग गई. मेरी चूत एक के बाद एक हर साइज़ के लौड़े गड़प करने लगी.
आशा करती हूं आपको मेरी ये ब्यूटीफुल गर्लफ्रेंड Xxx चुदाई कहानी काफी पंसद आयी होगी. मुझे मेल करना न भूलें.
आपके लिए मेरे दिल से निकली एक शायरी अर्ज है.
लव यू मेरे लंड के सरदारो
अपनी अपनी मम्मियों के प्यारो
और माया के जोशीले यारो
मेरी चूत खींच के मारो!
तो मिलती हूं नेक्स्ट सेक्स स्टोरी में. बताना जरूर मैं कैसी लगी … उम्माहह.@desi_story
1.6K views16:01
ओपन / कमेंट
2022-05-16 19:00:50 ं अन्दर बाहर होने लगी.
वो इतनी तेज़ फिंगर करने लगा था कि फच घच की आवाज सुनाई देने लगी.
‘उम्मह आह्ह ह्ह ऑय आह्ह प्लीज़ …’
मेरी एक जोरदार चीख निकली और उसकी स्पीड उसी के साथ और बढ़ गई. @desi_story
1.5K views16:00
ओपन / कमेंट
2022-05-16 19:00:50 लेकिन मुझे उसकी इस बात का जरा भी बुरा नहीं लगा.
पता नहीं क्यों … शायद ये ही जवानी की चुभन होती है.
मेरे कोई विरोध न करने से उसे भी समझ आ गया था कि ये लौंडिया पट सकती है.
कुछ समय बाद जब क्लास खत्म हुई तो ना जाने मेरे मन में क्या आया, मैंने एक कागज पर नंबर लिख कर डेस्क पर छोड़ दिया और बाहर आ गई.
शाम को उसका फोन आया.
उसका नाम आकाश था.
मैंने छत पर जाकर बहुत सी बातें की.
अब हमारी नजदीकियां बढ़ने लगी थीं. रोज़ बात करना, साथ बैठना मुझे गर्म करने लगा था.
फिर धीरे धीरे आकाश मुझे अपनी बांहों में भी लेने लग गया था. मुझे चूमने लगा था और मेरे दूध दबाने लगा था.
फिर एक दिन मैं कॉलेज में गई तो वो रूठा बैठा था.
मेरा ब्वॉयफ्रेंड नाराज़ था, तो मैं उसे मनाने लगी.
उसने बहुत नखरे दिखाए और बाद में बोला कि उसे मेरे साथ सेक्स करना है.
मैं तो सुनकर हक्की-बक्की रह गई.
मैंने मना किया तो वो प्यार की कसमें देने लगा.
उस समय मैं इतनी होशियार नहीं थी, जल्द ही उसकी बातों में आ गई.
आकाश अपनी ब्यूटीफुल गर्लफ्रेंड Xxx चुदाई का सब कुछ पहले से ही प्लान करके बैठा था.
मेरे हाँ करते ही मुझसे कहने लगा- आओ, मेरे पीछे बैठ जाओ.
वो मुझे बाइक पर बैठा कर अपने दोस्त के फ्लैट पर ले गया.
दरवाजे से अन्दर घुसते ही उसने दरवाजा बंद किया और मुझे बांहों में ले कर किस करने लगा.
फिर कुछ ही पलों में वो तो जैसे मुझ पर टूट ही पड़ा था. मेरी गर्दन पर, गाल पर होंठों पर उसने मुझे बहुत चूमा.
उसने मुझे जकड़ रखा था, तो मैं उससे अलग ही न हो सकी.
मगर मुझे उसकी बांहों में सुकून मिल रहा था.
धीरे धीरे वो मेरे मम्मों को भी मसलने लगा. उसके बूब्स मसलने से मेरे बदन में एक लहर सी दौड़ गई.
उस वक्त वो मुझे हमेशा की तरह प्यारा नहीं लग रहा था बल्कि एक प्यास बुझाने वाला देवता सा लग रहा था.
मैं मस्त हो गई थी.
जब वो मुझे किस करके हटा, तब उसने मुझे भूखे कुत्ते की तरह देखा, मैं डर सी गई.
वो बोला- डरो मत बाबू, ये तो मेरे प्यार करने का तरीका है.
मुझे जरा सुकून मिला.
मैंने उससे कहा- कुछ होगा तो नहीं ना?
आकाश- नहीं बाबू, मैं बहुत आराम से और कंडोम लगा कर करूंगा. तुम्हें कुछ नहीं होगा, सिर्फ मजा आएगा.
अब तक मुझे सिर्फ ये पता था कि सेक्स भी कोई चीज होती है, लेकिन ये नहीं पता था कि Xxx चुदाई में इतना दर्द भी होता है.
खैर … आकाश ने मुझे गोद में उठा लिया और बेडरूम में ले गया.
उसने मुझे बड़े प्यार से बेड पर लेटा दिया.
मैं इस सबको उसका प्यार समझ रही थी लेकिन मैं नहीं जानती थी कि ये बकरे को हलाल करने से पहले की तैयारी है.
वो कुछ दो मिनट के लिए बाथरूम में गया.
जब वापस आया तो मैंने पूछा.
मैं- क्या करने गए थे?
आकाश- कंडोम लगाने.
मैं मुस्कुरा दी और मैंने भी जरा नॉटी होते हुए कहा- जब तोहफा मुझे मिलना है … तो छिपा कर गिफ्ट पैक करके दो या सामने पैक करो, आना तो मेरे पास ही है!
आकाश खुश हो गया और बोला- अच्छा जी … अगली बार से ध्यान रखूँगा.
इसके बाद वो खिलखिलाकर मेरे ऊपर चढ़ गया.
पहले उसने बड़े रोमांटिक स्टाइल में मेरे होंठों को चूसा, फिर धीरे धीरे उसका हाथ मेरे मम्मों से होकर कमर तक आ गया.
वो मेरी कमर को मसल रहा था.
थोड़ी देर बाद मुझे महसूस हुआ कि उसने मेरी पैंटी में अपना हाथ घुसा दिया है.
वो अब मेरी चूत पर अपनी उंगलियों को फिराने लगा.
051bc2564b2f1d178df70a8e476f60…
New message from: Cristina
Hey! I wanna chat with you! Click here!
ऐसा करने से मैं सिहरने लगी. मेरे होंठों पर एक नशीली खुमारी सी चढ़ने लगी.
लगभग दो मिनट ऐसा करने के बाद वो खड़ा हुआ और मेरा सूट सलवार निकालने लगा.
मैं भी मदहोश हो गई थी तो विरोध करने का तो सीन ही नहीं था.
जब वो मेरे कपड़े उतार रहा था तो मैंने अंडरवियर में से ही उसका बड़ा लंड महसूस किया.
जब मेरे सारे कपड़े निकल गए, तब मेरे गोल मटोल छोटे छोटे अमरूदों की साइज़ के मम्मे देख कर वो मचल गया.
वो बोला- बाबू, अब देखो मैं कैसे इन्हें दबा दबा कर प्रगति के पथ पर ले जाता हूं.
वो मेरे बूब्स को जोर जोर से दबाने लग गया और चूसने लगा.
बीच बीच में आकाश मेरी चूचियों को इतनी जोर से मसल देता, जिससे मुझे होने लगता.
वो दर्द मुझे आज भी याद है.
मैंने कहा- बड़ा दर्द हो रहा है बाबू.
उसने कहा- प्यार का दर्द है बेबी … मीठा मीठा प्यारा प्यारा.
पर उस भोसड़ी वाले को कौन बताए कि उसके प्यार के मीठे दर्द के चक्कर में मेरे मम्मों की चटनी बन रही थी.
उसने मेरे दोनों बूब्स को अच्छे से मसलने के बाद खूब चूसा और काटा भी था, जिसके काटने का एक निशान आज भी मेरे लेफ्ट दूध पर बना हुआ है.
साला बड़ा मादरचोद आशिक़ था, चुदाई की निशानी भी छोड़ गया.
फिर वो उठा, उसने मेरी चूत पर एक बार उंगली फिराई और एकदम से उंगली चूत में डाल दी.
मेरी चूत पहले से ही गीली हो चुकी थी; उसकी उंगली फिसल कर फटाक से अन्दर चली गई.
अब तो दो सेकंड बाद उसकी उंगली चूत मे
1.5K views16:00
ओपन / कमेंट
2022-05-16 19:00:34 मादरचोद आशिक़ ने मेरी बुर फाड़ दी@desi_story
नमस्कार दोस्तो, मैं आप सबकी रंडी माया, जैसा नाम है, वैसी ही मेरी करतूतें हैं.
मुझे मेरे दोस्त बहुत कहते हैं कि
‘आ जा लंड के नीचे मेरी माया …
चोद कर पलट दूँगा तेरी काया.’
आज मैं आप सभी को यही बताने वाली हूं कि मेरी काया पहली बार किसने पलटी थी और इसकी पीछे की क्या सेक्स कहानी थी.
ये ब्यूटीफुल गर्लफ्रेंड Xxx चुदाई कहानी उस वक्त की है, जब मैं अपने कॉलेज के ब्वॉयफ्रेंड से पहली बार चुद गई थी.
दोस्तो, मैं बड़ी चुदक्कड़ लड़की हूं और 24 घंटे चूत चुदवाने के मूड में रहती हूं.
मैं हमेशा से ऐसी नहीं थी. जब तक मैंने स्कूल पास किया, तब तक मैं बहुत शरीफ लड़की थी.
लेकिन कॉलेज में पहुंचते ही यारों ने मुझे बिगाड़ दिया.
फिलहाल मेरी उम्र 21 साल है. ये बात दो साल पहले की है, जब मैं 19 साल की ताज़ा ताज़ा जवान हुई ही थी.
उस वक्त 12 वीं पास करके मैंने कॉलेज में एडमिशन ले लिया था.
इससे पहले मैंने कभी नहीं चुदवाया था और कॉलेज में ही मेरी पहली चुदाई हुई थी.
मैं गोरी-चिट्टी और बोल्ड लुक वाली लड़की हूं.
कोई भी लड़का मुझे देख कर अपने लंड की लार टपकाए बिना नहीं रह सकता था.
उस वक़्त मेरे चूचे थोड़े छोटे थे, बाकी सब तो सेम ही था.
उस दिन मैं पहली बार कॉलेज में गई थी.
सूट सलवार में मेरी पतली कमर, मोटी गांड और पकने को रेडी मस्त बूब्स थे.
मैं देखने से एकदम चोदने लायक माल लग रही थी.
मैंने कॉलेज कैम्पस में दाखिल करते ही एक लड़के से पूछा- भईया, न्यू एडमिशन के किस काउंटर पर जाना होता है?
उसने जवाब देने के बजाए मुझे ताड़ना शुरू कर दिया.
तभी उसके साथ के एक लड़के ने कहा- उधर चली जाओ.
उस वक़्त मुझे समझ नहीं आया कि वो मुझे क्यों देख रहा था.
चूंकि मैं गांव के एक छोटे से स्कूल से कॉलेज में पहली बार गई थी, मुझे अब तक मर्दों की इस तरह की नजरों का कोई अनुभव ही नहीं था.
खैर … मैं आगे बढ़ गई और काउंटर पर डॉक्युमेंट्स जमा करवा कर जाने लगी.
उसी क्लर्क से मैंने पूछ लिया था कि मेरी क्लास कहां है और उसने मुझे बता भी दिया था.
जब मैं क्लास में गई तो देखा यहां का तो नियम ही अलग था.
लड़के लड़की सब एक साथ ही बैठे थे.
स्कूल में ऐसा नहीं था.
मेरा स्कूल सिर्फ लड़कियों के लिए ही था.
मैंने चारों तरफ देखा, कहीं अकेली लड़की के पास बैठने की जगह दिखी ही नहीं.
मजबूरन मुझे एक लड़के के साथ ही बैठना पड़ा.
वो लड़का बहुत हैंडसम लग रहा था, बिल्कुल किसी फिल्म के हीरो जैसा था.
उसके स्टाइलिश बाल और शहरी कपड़े थे.
मैं मन ही मन काफी खुश थी.
मेरे बैठते ही उसने कहा- हाई.
मैंने भी मुस्कुरा कर हाई बोल दिया.
मैंने अपनी लाइफ में पहली बार किसी लड़के को हाई बोला था.
मुझे अन्दर से बड़ी गुदगुदी होने लगी थी.
जब मैं उसके साथ बैठी थी तब उसने मुझे टच करना शुरू कर दिया.
वो कभी पीछे मुड़ने के बहाने मुझे स्पर्श करता तो कभी हिलने डुलने के बहाने.@desi_story
1.5K views16:00
ओपन / कमेंट
2022-05-15 12:17:21
1.4K views09:17
ओपन / कमेंट
2022-05-14 19:57:27 हुए अपनी पकड़ ढीली की।
मैंने बिना उनसे नजर मिलाए सहारा देकर दाइशा के पैर जमीन पर टिकाए और नीचे गर्दन नीची किए दूसरी तरफ पलट गया।
मैं दाइशा से नजर नहीं मिला पा रहा था और दाइशा की भी हालत ऐसी ही थी, वो किसी अनजान ड्राइवर के सामने ऊपर से बिलकुल नंगी थी नीचे खड़े होने से उसकी साड़ी ने उसके नीचे का नंगापन तो ढक लिया था पर ऊपर तो सब खुला हुआ था, वो भी एक सुनसान से ग्राउंड में!
दाइशा को जैसे ही अपनी परिस्थिति का ज्ञान हुआ, वो दौड़कर पीछे की सीट पर आ गई और जल्दी से दरवाजा खोलकर अंदर बैठ गई.
तभी वो अपने कंधे पर पड़े हुए ब्रा और ब्लाउज को ठीक करने लगी।
मैं भी अपना अंडरवीयर और लोअर ठीक करने के बाद ड्राइविंग सीट पर आ गया।
चुपके से मैंने रियर व्यू में देखा तो दाइशा उस समय अपने साड़ी को झटक कर ठीक कर रही थी।
मैंने गाड़ी का इग्निशन चालू कर गाड़ी को धीरे से ग्राउंड के बाहर की ओर दौड़ा दिया।
दाइशा जी के बिल्डिंग के बाहर पहुंचते ही वो तुरंत जल्दी से गाड़ी के बाहर निकली और लगभग दौड़ती हुई अपने अपार्टमेंट के अंदर चली गई.
लेकिन अचानक वो रुक कर वापस मेरे पास आई, गाड़ी के पास पहुंच कर अपनी नजरों को निचे किए हुए ही बोली- सुनो किशोर, ये राज हमारे और तुम्हारे बीच ही रहना चाहिए। मुझे तुम्हारे साथ समय बिताकर बहुत अच्छा लगा, तुम आगे भी मुझे ड्राइविंग सिखाने जरूर आना। पर ध्यान रखना, मुझे किसी तरह का कुछ बदनामी नहीं चाहिए।
मैं भी थोड़ा डरते हुए उनको बोला- आप मेरे मालिक को मत बताना, मेरी नौकरी चली जाएगी। आप जो भी कहेंगी मैं करने को तैयार हूं। बस मेरी नौकरी का सवाल है।
मेरी बचकानी बातें सुनकर उन्होंने मुझे एक प्यारा सा स्माइल दिया और फिर वापस चली गई।
उनके जाने के बाद मैं आज का पूरा घटनाक्रम सोचता हुआ अपने मालिक के घर जाने लगा।
आज सुबह तक मैं वर्जिन था और अभी सबसे खूबसूरत अदाकारा के साथ मैंने अपनी वर्जिनिटी तोड़ी।
ये सोचते सोचते मैं अपने मालिक के घर पहुंचा।
गाड़ी पार्क कर गाड़ी की चाभी देने के वास्ते मैं मालिक के फ्लैट पर गया।
वो मेरा ही इंतजार कर रहे थे।
फ्लैट के अन्दर घुसते ही मैंने देखा कि मलिक बहुत गुस्से में हैं; उन्होंने एक बंदूक निकाल रखी थी।
मुझे देखते ही उन्होंने वो बंदूक मेरे ऊपर तान दिया और मुझे गालियां देने लगे- साले हरमखोर … गटर के इंसान गंदी नाली के कीड़े, मैंने तुझे ड्राइविंग सिखाने के लिए बोला था, तूने मेरी दोस्त के साथ सेक्स किया।
वो इतने गुस्से में थे कि उन्होंने मेरे ऊपर गोली चला दी।
तभी मेरी नींद हड़बड़ाकर खुल गयी।
सामने देखा तो मेरा मोबाइल अलार्म पर अलार्म बजाए जा रहा था।
मेरे वर्क फ्रॉम होम का टाइम का हो गया था और मैं इस मदहोश सपने में खोया हुआ था।
मैं बस अफसोस करके रह गया कि काश ये सपना सच हो जाए।
मैंने तुरंत दाइशा पाटनी की हॉट क्लिप देखी और अपने सपने को याद करते हुए एक बार फारिग हो गया।
तो मित्रगण, कैसी लगी आपको मेरी ये फैंटेसी?@desi_story
1.9K views16:57
ओपन / कमेंट
2022-05-14 19:56:32 मुझे ऐसा लगा कि अब ज्यादा देर तक अगर दाइशा जी के मुंह को चोदा, तो फिर से झड़ जाऊंगा और शायद उनकी योनि का मजा ना मिले।
इसलिए जल्दी से मैंने दाइशा के कंधों को पकड़कर उठाया और अपने होंठों को उसके होंठों से जोड़ दिया.
मैं उनके लाल लाल होंठों को अपने काले होंठों से पागलों की तरह चूसने लगा और अपनी जीभ से भी उसके मुख की गहराई को नाप रहा था।
उन्हें मैं पागलों की तरह से किस करने लगा और नीचे मेरा लिंग दाइशा की योनि से टकराने लगा।
योनि से रगड़ खाने का आभास होते ही एक ही झटके में मैंने अपना लन्ड दाइशा की चूत में दबा दिया.
पर मेरा लन्ड तुरंत फिसल कर बाहर आ गया।
फिल्म एक्ट्रेस होने के बावजूद भी दाइशा की सेक्स लाइफ मुझे ज्यादा एक्टिव नहीं लगी। ये तो उनकी सुपर टाइट चूत के कसाव से ही पता चल गया।
और अगर वो एक्टिव होती भी तो मेरे जैसे अनजान ड्राइवर को अपने हुस्न का मजा लेने का मौका नहीं देती।
मैं अपने आप को पूरी तरह भूल कर पूरा वहशी हो गया था.
मैंने दाइशा जी को चित लिटा दिया और अपने लिंग को उसके योनि के द्वार पर रखकर पूरी मजबूती से एक जोरदार धक्के के साथ उसके अंदर घुसा दिया।
मेरे लिंग के अंदर घुसते ही दाइशा के मुख से एक मादक चीत्कार निकली जो उस सुनसान ग्राउंड के चारों ओर फैल गई पर शायद दूर गाड़ियों की आवाज में दब कर कहीं खो गई।
दुबारा धक्के के साथ ही मैं अपने होंठों को दाइशा जी के होंठों पर ले आया और किसी पिस्टन की भाँति अपनी कमर को धक्के पर धक्के लगाने लगा।
मुझे पता था कि मैं ज्यादा देर का मेहमान नहीं हूं, इस कामुक सुंदरी को ज्यादा देर नहीं झेल पाऊंगा तो अपने लिंग को पूरा बाहर तक निकाल कर जोर जोर से झटके मारने लगा।
नीचे दाइशा भी मेरे हर धक्के के साथ ही सिसकारती हुई अपने बड़े बड़े नाखूनों को मेरे पीठ से क़मर तक दबाये जा रही थी।
उनकी चूत बहुत ज्यादा कामरस छोड़ रही थी.
मेरा लन्ड फच फ़च की आवाज़ के साथ तेज़ी से अन्दर बाहर हो रहा था।
अब तो वो भी अपनी जीभ मेरी जीभ के साथ लड़ाने लग गई थी. वो भी अपने होंठों को मेरे होंठों से जोड़ कर उन्हें चूमने लग गई थी.
अचानक दाइशा ने लंबी सिसकारी ली और कहा- आआ आआह्ह किशोर और जोर से, उम्मम्म उम्म!
और मेरे चारों ओर अपनी जांघों का घेरा बना कर मेरी बांहों में झूल गई, मेरे हर धक्के को अंदर अपने अंदर बहुत अंदर महसूस करने लगी।
उनकी योनि से एक बहुत ही तेज धार निकली और सीधा मेरे लिंग से टकराई और मैं भी अब झड़ने लगा।
मेरी गिरफ़्त दाइशा के चारों तरफ इतनी कस गई थी कि उनका सांस लेना भी दूभर हो गया था.
वो अपने मुख को खोलकर बुरी तरह से सांसें ले रही थी और हर सांस लेने से उसके मुख से एक लंबी सी सस्स शह्हह निकलती।
अब मैं भी अपना दम खो चुका था और धीरे धीरे मेरी पकड़ भी दाइशा जी से ढीली पड़ने लगी.
मैं अपने को अब भी दाइशा जी के बालों और कंधों के सहारे अपने चेहरे को ढके हुए था और अपनी सांसों को कंट्रोल कर रहा था।
हम दोनों शांत हो चुके थे पर एक दूसरे को कोई भी नहीं छोड़ रहा था।
पर धीरे धीरे हल्की सी ठंडक और तेज हवा का झोंका जब हमारे नंगे शरीर पर पड़ने लगा तो हमने जैसे जागते @desi_story
1.7K views16:56
ओपन / कमेंट
2022-05-14 19:56:08 एक तरफ मैं दाइशा जी के चूचियों से खेल रहा था और दूसरे तरफ वो अपने लिंग को उनके होंठों पर घिसने की कोशिश भी कर रहा था.
मैं अपने हवस के आगे मजबूर हो गया था, मैंने अपने हाथों से दाइशा के ब्लाउज के बटन को खोला और एक ही झटके से ब्रा को भी आजाद कर लिया।
दाइशा की दोनों नंगी चूचियों, जो दूध से भी ज्यादा गोरी और रूई से भी कोमल थी, को अपने हाथों में लेकर तोलने लगा; उसके निप्पलों को भी अपनी उंगलियों के बीच में लेकर हल्के सा दबाने लगा।
नीचे दाइशा जी के मुख से एक हल्की सी सिसकारी निकली, जिसने मुझे और भी पागल कर दिया.
81c181bda00baaf97dd31f9a0114f8…
Mysterious Chest
Hurry up to open!
अब मैं अपनी उंगलियों के दबाव से उनके निप्पलों पर और भी ज्यादा जोर से मसलने लगा।
दाइशा की सिसकारी अब धीरे धीरे बढ़ने लगी, उनका चेहरा भी अब कुछ ज्यादा ही मेरे लिंग पर घिसने लगा था।
मैं अपने हाथों का दबाव खड़े-खड़े उसकी चूचियों पर बढ़ाने लगा था और कुछ देर बाद उन्हें जोर जोर से मसलने लगा।
दाइशा के मुख से निकलने वाली सिसकारी अब थोड़ी बहुत दर्द भी लिए हुए थी, पर वो मना नहीं कर रही थी.
बल्कि दाइशा जी की पकड़ मेरी कमर पर और भी ज्यादा होती जा रही थी।
दाइशा का चेहरा ठीक मेरे लिंग के ऊपर आ गया था और मेरे लिंग के चारों तरफ कुछ ज्यादा ही इधर-उधर होने लगा।
अब मेरी बर्दाश्त के बाहर था, मैंने एक बार नीचे दाइशा जी की ओर देखा और जोर से उसकी चूचियों को दबा दिया, दोनों हाथों से और जैसे ही उसके मुख से आआह निकली, मैंने झट से अपने लिंग को उसके सुंदर और साँस लेने की लिए खुले होंठों के बीच में रख दिया और एक झटका से अंदर गुलाबी होंठों में फँसा दिया।
दाइशा के तो होश ही गुम हो गये.
जैसे ही उनके मुख में मेरा लन्ड घुसा, उसे घिन सी आई और वो अपने आपको आजाद कराने की कोशिश करने लगी पर मैंने इतनी मजबूती से उन्हे पकड़ा हुआ था कि वो अपने आपको मेरे से अलग तो क्या हिला तक नहीं पाई।
मेरा एक हाथ अब उनके सिर के पीछे था और दूसरे हाथ से उनके कंधों को पकड़कर उसे अपने लिंग के पास और पास खींचने की कोशिश कर रहा था।
अब मेरा पूरा ध्यान अपने लिंग को दाइशा के मुख के अंदर घुसाने में लगा था और मैं उस परम आनंद को कहीं से भी जाने नहीं देना चाहता था।
मैंने धीरे धीरे अपने लिंग को उसके मुँह पर अंदर-बाहर करना शुरू किया।
दाइशा मेरे लिंग को अपने सुंदर मुख में, गुलाबी होंठों के बीच अंदर-बाहर होने दे रही थी। दाइशा जी के तरफ़ से ग्रीन सिग्नल मिलते ही मैं वहशी हो गया और जोर जोर का झटका देना शुरू किया. मेरा लिंग अब दाइशा के गले तक जा रहा था।
दाइशा को भी इस खेल में मजा आने लगा था, अब वो अपने होंठों को दबा कर धीरे धीरे मेरे लिंग को अपने मुख में ले रही थी।
अब तो वो अपनी जीभ को भी मेरे लिंग पर चलाने लग गई थी।
दाइशा जी को मजे लेते देख मैंने अपनी पकड़ ढीली कर दी और प्यार से अपनी कमर को आगे पीछे करने लगा।
मैं अपना लंड दाइशा के छोटे से मुख में लाल होंठों से लिपटा हुआ देखकर और भी उत्तेजित होता जा रहा था.
अब किसी भी कीमत पर मैं दाइशा की योनि के अंदर अपने आपको उतार देना चाहता था।@desi_story
1.5K views16:56
ओपन / कमेंट