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deshi kahani

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नवीनतम संदेश 16

2022-05-19 18:37:13 को आनी थी।
रूपा और आकाश सुबह से ही पेकिंग में व्यस्त थे। आज रात उन्होने सुबह तक बिस्तर पर धमाल किया था क्योंकि अब अगले 48 घंटे तो उन्हें चुदाई का मौका मिलता नहीं।
दोपहर को उन्होने चेकआउट किया व सामान लेकर कोठी आ गए।
वहाँ उनके पहुँचते ही अन्नू आया और बोला- टेस्ट में भाभी पोसिटिव आई हैं, बाकी तुम तीनों का ठीक है।
रूपा का तो सिर घूम गया।
किसी की समझ में नहीं आ रहा था कि क्या करें।
आकाश ने ब्रिटिश एम्बेसी में बात भी करी, पर उन्होंने रूपा के लिए साफ मना कर दिया।
रूपा रोने लगी.
पर अब क्या हो सकता था।
आकाश अगर रुकता तो उसकी नौकरी चली जाती।
उसके पैरेंट्स को अगले हफ्ते अमेरिका जाना था आकाश की बहन के पास!
तो फिर यह तय हुआ कि रूपा यहीं अहमदाबाद में अन्नू के पास ही कोठी में एक डेढ़ महीने रुकेगी जब तक उसको वीज़ा नहीं मिलता।
पूरे घर में मायूसी फ़ेल गयी।
बुझे मन से आकाश और रूपा ने दोबारा पेकिंग की, रूपा का सामान निकाला।
रात को आकाश अपने पैरेंट्स के साथ चला गया, पीछे रह गयी रोती बिलखती रूपा।
रूपा रात भर बिस्तर पर करवटें बदलती रही.
उसे पिछले एक हफ्ते में आकाश के साथ बिताई अंतरंगता का एक एक पल याद आ रहा था।
वो जितना याद करती उतना ही रोती।
अन्नू रात भर उसके सिरहाने बैठा उसे समझता रहा, पर वो शांत नहीं हुई।
रूपा ने कई बार कहा- अन्नू तुम सो जाओ, मैं अभी सो जाऊँगी।
पर अन्नू नहीं गया।
जब सुबह चार पाँच बजे अन्नू ने देखा कि रूपा की आँख लग गयी है तो वो भी अपने कमरे में जाकर सो गया।
प्रिय पाठको, यह हनीमून नाईट एन आर आई सेक्स कहानी आपको अच्छी लग रही होगी. मुझे अपने विचार अवश्य बताएं.@desi_story
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2022-05-19 18:36:12 पर उसने कहा- मैं कहीं भागी नहीं जा रही हूँ, थोड़ा सब्र करो।
किन्तु आकाश को हिन्दुस्तानी सुंदरता भोगने का पहला मौका था। वो अपने नसीब से खुद रश्क कर रहा था।
उसने धीरे धीरे रूपा को बिल्कुल नंगी कर दिया और खुद भी नंगा हो गया।
वो रूपा के मम्मों को ऐसे चूम रहा था जैसे कोई दुधमुंहा बच्चा।
रूपा के गोरे गोरे मांसल मम्मे और उन पर भूरे निप्पल उसकी खूबसूरती में चार चाँद लगा रहे थे।
अभी तक रूपा ने अपनी पायल नहीं उतारी थीं तो उसकी कसमसाहट का गवाह बन रही थी पायल की छनन छनन।
अब आकाश ने नीचे का रुख किया और मखमली रुपहली चिकनी चूत में अपनी जीभ घुसा दी।
रूपा के लिए ये अजीब था, उसे झिझक भी हुई पर जल्दी ही मजा आने लगा आर वो आकाश का पूरा साथ देने लगी।
उसके बाद तो आकाश ने उससे अपना लंड भी चुसवाया जिसे रूपा ने बखूबी चूस दिया।
चुदाई के समय आकाश को उसने जल्दी ही काबू कर लिया क्योंकि रूपा की चुदास भी भड़की हुई थी।
आकाश ने जब उसकी चूत में चढ़ाई की तो उसे रूपा का भरपूर सहयोग नीचे से उचकने में मिला और जब पलट कर रूपा उसके ऊपर चढ़ी तो आकाश को बहुत सुखद आश्चर्य हुआ।
कुल मिला कर पूरी हनीमून नाईट उन लोगों ने कामक्रीड़ा में निकाली।
सुबह पाँच बजे थक कर उनकी चुदाईलीला कुछ थमी तो रूपा बोली- चलो कुछ देर सो लेते हैं, दिन में कोठी भी जाना है।
इन चार पाँच दिनों में आकाश और रूपा ने अपनी एक साल के इंतज़ार के हर पल का बदला बहुत ज़िंदादिली से लिया।
रूपा बहुत खूबसूरत होने के साथ बहुत सेक्सी भी थी।
तो उतना ही सेक्स का भूखा आकाश भी था।
लगता था कि आकाश तो आया ही सिर्फ सेक्स के लालच में है।
वैसे वो पूरा खेला खाया था सेक्स के मामले में!
रूपा ने उससे मज़ाक मज़ाक में पूछा भी कि कितने विदेशी लड़कियों के साथ सो चुके हो तो आकाश ने बात हंस कर घुमा दी।
पूरी पूरी रात दोनों चुदाई में लगे रहते।
आकाश ने तो रूपा के मस्त-मस्त मम्मों को चूस-चूस कर चोटिल भी कर दिया, उसके मांसल मम्मे और उनके ऊपर तीर से तने निप्पल किसी को भी पागल करने के लिए काफी थे।
उधर आकाश की पीठ पर रूपा के लंबे नाखूनों से खूब खरोंच बन गयी थीं।
रूपा तो सेक्स के दौरान जंगली बिल्ली सा बिहेव करती, उसने आकाश के गर्दन गाल और कान पर कई जगह काट कर निशान बना दिये थे, जिनको देख कर अन्नू आकाश को बहुत चिढ़ाता।
चूंकि रूपा भी एक-दो साल विदेश रह आई थी तो सेक्स के प्रति उसका भी नजरिया उन्मुक्त था।
होटल रूम में दोनों ही हरदम बिना कपड़ों के रहते।
हाँ आकाश की उम्मीद के विपरीत उसने अपना कौमार्य आकाश के साथ प्रथम मिलन रात्रि में ही तोड़ा।
बेड शीट खराब न हो और यादगार बनी रहे तो रूपा ने अपने नीचे एक नया बड़ा सफेड तौलिया बिछाया था.
और रक्त रंजित उस तौलिये को उसने एक याद बनाकर सहेज कर रख लिया था।
आकाश तो उसके गोल मांसल मम्मों पर लट्टू था तो रूपा को उसका लंड भा गया था।
रूपा तो उसे चूस चूसकर आकाश को बेहाल कर देती, जब वो खुशामद करता तब ही छोड़ती।
ऐसे ही जब वो आकाश के ऊपर चढ़कर उसका लंड अपने हाथों से अंदर करके घुड़सवारी करती तो उसकी इस अदा से आकाश भी निहाल हो जाता।
सही मायने में तो चुदाई कि बेकरारी जितनी आकाश को होती, उससे कहीं ज्यादा बेचैनी रूपा को रहती।
दिन में तो वे दोनों आकाश के पेरेंट्स के पास कोठी में आ जाते … पर दोनों को जाने की जल्दी होती, कभी किसी बहाने से कभी किसी बहाने से।
इधर एक दो दिन से शायाद रात को नींद पूरी न होने से, या आकाश के जिद करने पर ठंडी बियर पीने से ठंड खा जाने से, रूपा को हल्का खांसी जुकाम और बुखार भी हो गया था.
उसने अपनी समझ से दवाई ले ली, रात को आकाश के साथ एक पेग व्हिस्की मार ली।
हालांकि आकाश इस बात से चिंतित हुआ पर रूपा ने बेतकल्लुफ़ी से ‘अरे हो जाएगा ठीक’ कह कर बात को हवा में उड़ा दिया।
एक दो दिन बाद मौका देख कर आकाश ने डॉक्टर से रूपा के कॉपर टी लगवा दी ताकि अनचाहे गर्भ का डर खत्म हो जाये।
यूरोप में तो इस काम का बहुत खर्चा आ जाता।
तीन दिन बाद उन सभी का आर टी पी सी आर टेस्ट हुआ, रिपोर्ट जिस दिन की रात की फ्लाइट थी उसी दिन दोपहर @desi_story
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2022-05-19 18:35:44 देवर भाभी की चुदाई बनी हकीकत- 1@desi_story
आज की कहानी में भी आकाश और रूपा के साथ कुछ एसा ही हुआ।
हुआ यह कि आकाश यूरोप में अपने माँ-बाप के साथ रहता था, वो वहाँ सॉफ्टवेयर इंजीनियर था।
उसका एक भाई अनिल जिसे प्यार से सब अन्नू बुलाते थे, वो अहमदाबाद से एम बी ए कर चुका था, कंपनी जॉइन करने के इंतज़ार में था।
दोनों भाई ही लंबे, गोरे और बहुत हेंडसम थे। दोनों में मात्र दो साल का फर्क था।
माँ-बाप चाहते थे कि दोनों कि शादी एक साथ कर दें!
पर अन्नू अभी एक-दो साल केरियर के चलते शादी को तैयार नहीं था.
उधर आकाश का रिश्ता भारत में एक नामी कॉलेज से सॉफ्टवेयर इंजीनीयरिंग की हुई रूपा के साथ तय हुए एक साल से ऊपर हो गया था।
कुछ तो कोविड के चलते और कुछ आकाश की टालमटोली में शादी टलती रही।
आकाश की माँ ने कई बार आकाश से यहाँ तक पूछा कि अगर ये रिश्ता उसे पसंद नहीं है, तो मना कर देते हैं.
पर आकाश कहता कि नहीं रूपा उसे पसंद है।
रूपा की माँ नहीं थीं, उसे उसकी नानी नाना ने ही पाला था.
पिता व्यापार के सिलसिले में अक्सर विदेश ही रहते। पिता के साथ रूपा कई कई महीने विदेशों में रह आई है, तो उस पर पाश्चात्य संस्कृति की झलक दिखती है।
रूपा भी फिलहाल अहमदाबाद ही रहकर जॉब कर रही थी। अहमदाबाद में रहने से रूपा और अन्नू हर वीकेंड पर मिलते थे।
अन्नू रूपा के ज़ोर देकर कहने पर उसे भाभी नहीं बल्कि नाम से ही यानि रूपा ही कहता, दोनों की खूब पटती थी।
रूपा भी हंस कर आकाश को कह देती कि या तो तुम मुझसे ब्याह कर लो वरना मैं अन्नू से कर लूँगी।
सब खूब हँसते।
अन्नू बहुत ध्यान रखता रूपा का!
रूपा अपने नाम के अनुरूप ही शोख और चंचल थी। नैन नक्श तीखे, और जिस्मानी खूबसूरती से भरपूर। रूपा की सेक्स अपील जबर्दस्त थी।
खैर जैसे ही मौका मिला, आकाश और उसके माँ-पिताजी अहमदाबाद आ गए और एक रिज़ॉर्ट बुक करके खूब धूमधाम से आकाश और रूपा की शादी करी।
हर हिन्दू रस्म को पूरे पारंपरिक तरीके से मनाया गया।
हंसी खुशी के माहौल में कब दस-पंद्रह दिन निकल गए पता ही नहीं चला।
आकाश और रूपा ये पहले ही तय कर चुके थे कि पहला बेबी कम से कम तीन साल बाद करेंगे.
तो आकाश के कहने पर रूपा ने शादी के दिन से ही दवाई लेनी शुरू कर दी थी ताकि गर्भ का कोई खतरा न हो।
शादी के पाँच दिन बाद आकाश-रूपा और आकाश के पैरेंट्स को वापिस यूरोप जाना था, सभी के वीज़ा लग चुके थे।
हनीमून तो यूरोप में ही मनना था पर सुहागरात से लेकर अगले चार दिन के लिए दोनों के लिए एक पाँच सितारा होटल में सुइट बूक था।
आकाश के माँ-पिताजी तो अपनी कोठी में ही अन्नू के साथ ठहरे।
सुहागरात के लिए होटल ने उनके सुइट को भरपूर सजा दिया।
आकाश हिन्दुस्तानी शादी और सुहागरात का पूरा लुत्फ लेना चाहता था। उसने अपनी पसंद नापसंद होटल वालों को हर पल बताई थी।
उसके सुइट में पूरी डेकोरेशन ताजे फूलों की थी। बेड गुलाब के फूलों की सेज बना हुआ था।
पूरा सुइट महक रहा था।
बेड के साइड में बेहतरीन शराब रखी थी।
आकाश तो पूरी रात की वीडियो बनाना चाहता था पर रूपा ने इसके लिए मना कर दिया।
हाथों में मेहँदी लगी, गहनों से सजी दुल्हन को गोदी में लेकर आकाश अपने सुइट में पहुंचा।
सुइट का डोर बंद कर के उसने आहिस्ता से रूपा को नीचे उतारा।
दोनों चिपट गए; दोनों के होंठ मिल गए।
कमरे की सजावट देख कर दोनों बहुत खुश थे।
आकाश और रूपा हाथ में हाथ लिए बेड तक पहुंचे, आकाश ने रूपा को सहारा देकर बेड पर बिठाया और खुद बगल में बैठ गया।
रस्मों रिवाज की खातिर रूपा ने अपना चेहरा घूँघट से ढक लिया, आकाश उसकी इस अदा पर फिदा हो गया।
उसने जेब से निकालकर एक हीरे की अंगूठी उसे मुंह दिखाई में दी और रूपा का घूंघट उठाया।
अब रूपा वाकई शर्मा गयी।
धीरे धीरे आकाश उसके जेवर और फिर कपड़े उतारता गया।
रूपा ने उसे सारे कपड़े नहीं उतारने दिये, बोली- मेरी नाइटी बाथरूम में रखी होगी, रुको, मैं पहन कर आती हूँ।
उसने जाकर अपनी झीनी सी नाइटी पहन ली, जिसमें से उसके जिस्म का हर उभार साफ नजर आ रहा था।
आकाश भी चेंज करके बेड पर आ गया।
उसने आते ही दो पेग बनाये और चियर्स कह कर रूपा के होंठों से लगा दिये।
रूपा बोली- आज इसकी क्या जरूरत है, मैं तुम्हें इसके बिना ही नशा करा दूँगी।
फिर भी आकाश के कहने पर उसने एक सिप ले लिया।
आकाश उससे लिपट गया और ताबड़तोड़ चूमने लगा।
रूपा भी उसका साथ दे रही थी.@desi_story
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2022-05-18 20:00:15 े सोने के बाद तुम्हारे कमरे में आकर ये सब करने वाली थी.
हम दोनों हंस पड़े और एक बार फिर से चुदाई की तैयारी शुरू हो गई.
सुबह तक दीदी की तबियत से चुदाई हुई और उसकी तबियत एकदम ठीक हो गई.
सुबह जब मां का फोन आया तब हम दोनों भाई बहन नींद से उठे.
मैंने फोन उठाया तो सामने से मां ने पूछा- दीदी की तबीयत कैसी है?
मैंने कहा- लो आप खुद दीदी से बात कर लो.
इतना बोल कर मैंने दीदी को फोन पकड़ा दिया और दीदी के बूब्स दबाने लगा.
दीदी मां से बात कर रही थी. दीदी ने कहा- मां शाम को दवाई खाई थी, अब एकदम सही है.
इतना बोलने के बाद मां ने दीदी से कहा- ठीक है. सोकर अभी उठी हो क्या?
उसने कहा- हां मां अभी भाई ने आकर जगाया है, तब उठी हूँ.
मां ने कहा- ठीक है, फ्रेश हो जाओ … मैं बाद में फोन करती हूं.
दीदी ने फोन काट दिया.
फिर मैंने दीदी को चूम कर कहा- दीदी रात को मजा आया?
दीदी ने हंस कर कहा- हां बहुत.
मैंने दीदी से कहा- तो एक बार फिर से हो जाए?
दीदी ने कहा- क्यों तू कहीं जाने वाला है क्या?
मैंने कहा- नहीं तो!
दीदी ने कहा- मैं भी कहीं जाने वाली नहीं हूं. पहले फ्रेश हो जा, फिर मैं खुद तेरे साथ सेक्स करूंगी. हमें टाइम भी देखना चाहिए. अभी दस बज गए हैं. अब नाश्ता कर लेते हैं. दोपहर में जब सोएंगे, तब कर लेना.
मैंने ओके कहा.
हम दोनों अलग-अलग बाथरूम में नहाने चले गए.@desi_story
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2022-05-18 20:00:15 जबकि मैं पूरी तरह से अपनी बहन की चुत चाट रहा था और साथ में उंगली भी कर रहा था.
मैंने भी सोचा कि साली कब तक लंड को नहीं लगाएगी.
काफी देर हो गई मगर दीदी मेरे लंड को हाथ नहीं लगा रही थी.
मैंने धीरे से उसके मुँह के पास मेरा लंड कर दिया. फिर मैंने अपने हाथ से दीदी के मुँह में लंड दे दिया.
दीदी ने मुँह खोला और मेरा लंड मुँह में ले लिया.
उसने अभी भी लंड को हाथ नहीं लगाया था. वो अपने मुँह में लंड लेकर पड़ी हुई थी.
मैं भी ऊपर नीचे धीरे-धीरे हो रहा था और लंड उसके मुँह में चलने से उसे दर्द हो रहा था.
मैं कुछ मिनट तक लंड उसके मुँह में दिए रहा.
फिर मैं खड़ा हुआ और मैंने दीदी से कहा- अब तुम्हारी मालिश हो गई.
दीदी ने कहा- नहीं, अभी और करो … मुझे अभी और मालिश की जरूरत है.
मैं तुरंत उसके ऊपर सीधा लेट गया और कहा- अब मैं तुम्हारी पूरी बॉडी को अपनी बॉडी से रगड़ कर मसाज कर देता हूँ.
उसने बोला- हां कर दो.
मैंने उसको किस किया, तो दीदी ने भी मुझे साथ दिया.
तब मैंने अपने हाथ से पकड़ कर अपना लंड दीदी की चुत के मुँह में रखा.
मैंने कहा- अब सबसे ज्यादा वाला मजा आने वाला है. शुरू में थोड़ा दर्द होगा, मगर बाद में तुम जन्नत की सैर करोगी.
दीदी ने कहा- भैया मुझे मजा तो आ रहा है … लेकिन ये कुछ गलत नहीं हो रहा है?
मैंने कहा- अरे यार दीदी इसमें कुछ भी गलत नहीं है. यहां तुम्हारे मेरे सिवा कोई नहीं है, कौन देखेगा और कौन बताएगा. अभी हमारी उम्र है मजा करने की, कर लेते हैं. मौका भी मिला है.
वो कुछ नहीं बोली.
मैंने दीदी को अपनी बांहों में ले लिया और उसे चूमने लगा.
मेरा लंड चुत में टक्कर मार रहा था जिससे उसे भी चुदास चढ़ रही थी.
बहन बोली- अब शुरू करो.
मैंने धीरे से उसकी चुत में लंड का शॉट मारा. मेरा सुपारा चुत की फांकों में फंस गया.
दीदी कसमसाती हुई बोली- आंह मेरा पहली बार है. मुझे सेक्स की जानकारी तो पूरी है कि दर्द होगा और ये भी पता है कि बाद में मजा भी आएगा. तुम प्लीज़ शुरुआत में धीरे धीरे करना. मेरी तबीयत खराब है, इसलिए ज्यादा सह नहीं पाऊंगी. आज बस ओपनिंग कर लेते हैं.
मैंने धीरे-धीरे उसकी चुत में मेरा लंड घुसाना शुरू कर दिया.
थोड़ी देर के लिए बहन चिल्लाई- उई मां … धीरे कर!
मैंने बोला- निकाल लूं?
उसने कहा- निकालना नहीं है … खाली रुक जा.
अब मैं धीरे-धीरे अन्दर बाहर कर रहा था और बीच-बीच में अपनी बहन से कह भी रहा था- तुझे दर्द हो रहा हो, तो निकाल लूं.
दीदी ने कहा- हां दर्द तो बहुत हो रहा है … लेकिन ये दर्द मीठा भी लग रहा है.
वो ये बोलती हुई मुझे किस कर रही थी.
मैंने अभी तक अपना आधा लंड ही डाला था. दीदी को भी पता था कि लंड अभी तक आधा ही गया है.
मैंने दीदी से कहा- दीदी अब बोलो तो पूरा पेल दूँ?
दीदी ने कहा- हां डलवाना तो पूरा ही है … लेकिन एक काम करो पहले मुझे पूरी तरह से पकड़ कर किस कर लो और जोर से पेल दो. साला एक बार तो दर्द होगा ही … मैं सह लूंगी.
मैंने उसके होंठों को अपने होंठों से कस किया और एक जोर का झटका दे मारा.
मेरा पूरा लंड चुत के अन्दर हो गया.
दीदी चिल्लाने के लिए मेरे मुँह से अलग होने लगी लेकिन मैंने उसको छोड़ा नहीं.
उसकी आंखों से आंसू निकले जा रहे थे.
फिर मैं ऐसे ही धीरे धीरे अन्दर बाहर करने लगा.
दस बारह झटके मारने के बाद मैंने उससे कहा- अब दर्द खत्म हुआ?
उसने बोला- थोड़ा-थोड़ा है.
फिर मैंने ताबड़तोड़ चुदाई चालू कर दी.
काफी देर तक मैं अपनी बहन को चोदता रहा. मेरी दीदी भी लंड का पूरा मजा ले रही थी.
मैंने दीदी से कहा- मेरा होने वाला है.
दीदी ने कहा- मेरा तो एक बार हो भी गया है … लेकिन एकाध मिनट और रुक जाओ. मेरा दूसरी बार भी हो जाएगा.
मैंने कहा- कोई बात नहीं, तुम अपना मजा पूरा ले लो.
मैंने रुक कर फिर से अपनी बहन को चोदना चालू कर दिया.
कमरा फच फच की आवाज से गूंज रहा था.
हम दोनों को इतना मजा ज्यादा आ रहा था जैसे हम जन्नत में सैर कर रहे हों.
ये हम दोनों की ही पहली चुदाई थी, मैंने भी कभी चुत नहीं चोदी थी और दीदी ने भी कभी लंड नहीं खाया था इसलिए कुछ ज्यादा ही मजा आ रहा था.
मैंने दीदी से कहा- अब नहीं रुका जा रहा है, मेरा होने वाला है.
दीदी ने कहा- ठीक है अन्दर ही निकाल दो.
मैंने कहा- कुछ हुआ तो?
दीदी ने कहा- जो होगा, देखा जाएगा.
मैंने अपने लंड का रस दीदी की चुत में गिरा दिया और उसके साथ चिपक कर लेट गया.
मैंने दीदी से कहा- दीदी दर्द कम हुआ?
दीदी ने हंस कर कहा- दर्द तो मेरा पहले उसी वक्त ठीक हो गया था, जब तुमने पहली बार मेरे हाथ पैर दबाए थे. मगर वो क्या था कि मैं गर्म हो गई थी. मुझे थोड़ा और मजा लेना था. फिर मैंने तुम्हें मालिश के लिए कह दिया. मुझे पता ही नहीं था कि इतना मजा आएगा.
मैंने कहा- हां, मेरा भी बाद मन हो गया था कि कैसे न कैसे तुम्हें पूरा मजा दे ही दूँ.
दीदी- तुम भी सोच रहे होगे कि मैं तो खाली मालिश करवाने के लिए कह रही हूँ. मगर मैं गर्म होकर तुम्हार
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2022-05-18 20:00:15 हिलाने लगा और अन्दर-बाहर करने लगा.
अब मेरी दीदी दबे स्वर में मादक आवाज निकाल रही थी ‘आहं आह …’
हम दोनों एकदम पास पास थे तो मुझे ये सब सुनने से बड़ा मजा आ रहा था.
उसी समय मैंने दीदी से पूछा- दीदी स्पा वाला मालिश में मजा आ रहा है?
दीदी ने कहा- हां बड़ा मजा आ रहा है … तुम मालिश चालू रखना.
मैंने पूछा- दर्द कम हुआ?
दीदी ने बोला- आंह दर्द तो कब का चला गया, अब तो मजा आ रहा है.
मैं दीदी के मम्मों को मालिश करने आ गया और पूछा- और अच्छे से मालिश करवाना है क्या?
दीदी ने बोला- हां आज मेरी अच्छे से मालिश कर दो.
मैंने दीदी से कहा- यदि उसमें तुमको थोड़ा दर्द भी हो तो सहन करना होगा.
दीदी ने कहा- दर्द कैसा?
मैंने बोला- थोड़ा सा, बाद में मजा ही मजा. तुम बस ये समझो कि मेरा साथ देना है. बताओ दे सकोगी या नहीं?
दीदी ने कहा- हां मुझे वैसी वाली मालिश करवानी है.
मैंने कहा- ओके अब देखो कमाल.
मैं दीदी की टांगों के बीच आया और उसकी चुत चाटने लगा.
दीदी एकदम से सिहर गई.
उसने हटने की कोशिश की मगर मैंने उसे हटने का मौका ही नहीं दिया.
एक दो पल बाद उसको भी मजा आने लगा और वो मेरे सर को अपनी चुत पर दबाने लगी.
मैंने पूछा- मजा आ रहा है?
दीदी ने कहा- आह कुछ मत पूछ बस करता रह … बड़ा मजा आ रहा है.
मैंने उससे पूछा- कुल्फी खानी है.
शायद वो अब तक समझ गई थी कि मैं लंड चुसवाने की बात कर रहा हूँ.
उसने हां कहा.
तो मैं उसके ऊपर 69 की पोजीशन में आ गया.
मेरी बहन के मुँह के सामने मेरा लंड फनफना रहा था मगर उसने अभी तक मेरे लंड को हाथ भी नहीं लगाया था. @desi_story
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2022-05-18 20:00:15 बहन की मालिश और कुंवारी चुत की चुदाई- 2@desi_story
हैलो फ्रेंड्स, मैं आपको अपनी बहन की मालिश करने के बाद उसकी कुंवारी चुत की चुदाई की कहानी सुना रहा था.
हॉट दीदी Xxx चुदाई कहानी के पहले भाग
बड़ी बहन का जिस्म दबा कर गर्म किया
में अब तक आपने पढ़ा था कि मेरी दीदी ने अपने कपड़े उतार कर कम्बल ओढ़ लिया था.
मैंने उससे कम्बल हटाने के लिए कहा तो उसने कमरे की बिजली बुझाने का कह दिया. मैंने लाईट बुझा दी और कमरे में अंधेरा हो गया.
अब आगे हॉट दीदी Xxx चुदाई कहानी:
अंधेरा होते ही दीदी ने कंबल हटा दिया और बोली- लो मैंने कंबल निकाल दिया, अब मालिश करो.
मैं अपने हाथ में तेल लेकर दीदी को पैरों में और हाथों में मालिश करने लगा, उसकी नंगी गांड की भी मालिश करने लगा.
मैंने महसूस किया कि दीदी ने अपनी पैंटी नहीं निकाली थी.
तो मैंने दीदी से कहा- तुमने अपनी पैंटी क्यों क्यों नहीं निकाली?
दीदी ने कहा- पैंटी तो रहने दो यार!
मैं तुरंत उसकी पीठ पर अपना हाथ लेकर गया, तो उसने ब्रा भी नहीं निकाली थी.
मैंने दीदी से कहा- यार दीदी, ऐसे तो मालिश करते समय जिस्म पर कपड़े होने ही नहीं चाहिए. तुमने कभी स्पा में मालिश नहीं करवाई क्या?
दीदी ने कहा- मैंने स्पा में कभी मालिश नहीं करवाई.
मैंने बोला- इसीलिए तुम शर्मा रही हो. यदि तुम ऐसा ही सोच लो कि स्पा में हो तो तुमको जरा भी शर्म नहीं आएगी.
दीदी ने पूछा- स्पा में क्या होता है?
मैंने उसको बताया कि स्पा में महिला हो या पुरुष, मालिश करवाने वाला कस्टमर अपने कपड़े खुद ही उतार देता है. फिर पूरी बॉडी में अच्छे से मालिश की जाती है.
दीदी ने कहा- तुमको जानकारी है, तो तुम अपने हिसाब से जो होता है, वह करो.
मैंने हाथ बढ़ा कर दीदी की पैंटी निकाल दी, फिर ब्रा भी निकाल दी.
अब मैंने दीदी से कहा- अब मैं एकदम स्पा वाली मालिश कर दूँगा.
दीदी ने कहा- हां करो.
मैंने फिर से कहा- तुमको कुछ गलत तो नहीं लगेगा या तुम बुरा तो नहीं मानोगी ना?
दीदी ने कहा- उसमें बुरा मानने की क्या बात है?
मैंने कहा- इसमें थोड़ा बहुत हाथ इधर उधर भी चला जाता है.
दीदी ने कहा- कोई बात नहीं लेकिन मुझे मालिश अच्छे से करना.
मैंने दीदी से कहा- हां, मालिश में कोई कमी नहीं रहने दूंगा, तुमको मजा आएगा और तुम्हारा दर्द भी चला जाएगा. जब तक दर्द खत्म नहीं होता, तब तक मैं मालिश करता रहूंगा.
उस समय मेरा लौड़ा तो खड़ा ही था तो मैंने तुरंत मेरे कपड़े निकाल दिए और खाली चड्डी पहने रहा.
अंधेरा होने के कारण दीदी को पता नहीं था कि मैंने कपड़े निकाल दिए और वो मुझे कुछ बोल भी नहीं सकती थी क्योंकि मैंने उसको पहले ही बोला था कि स्पा वाली मालिश करूंगा.
दोस्तो, आपको तो पता ही है कि स्पा में मालिश के समय दोनों अपने कपड़े निकाल कर मालिश करते और करवाते हैं.
अब मैं नंगा ही अपनी बहन के पैरों में और हाथों में मालिश करने लगा.
धीरे-धीरे मैं उसके पैर पर बैठ गया और उसकी मालिश करने लगा, उसकी पीठ पर भी मालिश करने लगा.
कुछ देर तक ऐसे ही चलता रहा.
मैं भी बहुत अच्छे से अपनी बहन को रगड़ रहा था.
दीदी से बीच-बीच में मैं पूछ रहा था कि कैसा लग रहा है … मजा आ रहा है?
तो दीदी बोल रही थी- हां भाई बहुत मजा आ रहा है.
मैं कभी ज्यादा दबाव दे देता तो उसकी आह निकल जाती थी.
इधर मेरा लौड़ा पूरी तरह से कड़क हो गया था.
मैंने दीदी से कहा- अब तुम सीधी लेट जाओ.
दीदी सीधी हो गई.
मैंने उसको पैरों से मालिश करना शुरू किया और ऊपर आते हुए उसकी चिकनी जांघों पर हाथ फेरते हुए मालिश करने लगा.
फिर जैसे ही उसके मम्मों पर हाथ लेकर गया और जैसे ही मैंने उसके दूध दबाए.
दीदी बोल पड़ी- ये क्या कर रहा है?
मैंने दीदी से कहा- मालिश कर रहा हूँ … मैंने पहले ही बोला था कि मैं स्पा जैसी मालिश कर देता हूं. तुमको अच्छा नहीं लग रहा है, तो कोई बात नहीं.
दीदी सॉरी बोल कर फिर से राजी हो गई.
अब मैं उसके बाजू में बैठ कर उसके बूब्स दबा रहा था और उधर मालिश कर रहा था.
ऐसे ही उसको मजा आ रहा था.
फिर उसका हाथ धीरे से मेरी जांघों के बीच में लग गया. उसे पता चल गया कि मैंने कपड़े नहीं पहने हैं.
उसने मुझसे कहा- तुमने कपड़े क्यों नहीं पहने?
मैंने कहा- मेरे कपड़ों तेल लग जाता, इसलिए उतार दिए.
वो कुछ नहीं बोली.
थोड़ी देर बाद मैं उसके मम्मों को दबाते दबाते उसकी चूत के पास हाथ ले गया और उसकी चुत की फांकों पर हाथ फेरने लगा.
चुत की मालिश करते करते मेरा हाथ जब चूत में गया, तब पता चला कि दीदी की चूत पूरी गीली हो चुकी थी. उसमें से पानी निकल रहा था.
मैंने एक पूरी उंगली चूत के अन्दर डाल दी.
उसने कुछ भी विरोध नहीं किया तो मैंने अन्दर बाहर करना शुरू कर दी.
दीदी ने अपनी टांगें घुटनों से मोड़ कर फैला दीं.
अब मैंने बहन की चूत के अन्दर अपनी दूसरी उंगली भी डाल दी.
दीदी ने इस बार भी विरोध नहीं किया.
मैं देख रहा था कि इसकी नसें फूलने लगी थीं. ये साफ समझ आ रहा था. मैं उंगलियों को तेजी से
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2022-05-18 18:50:44 पहले मैंने सोचा कि एक बार पक्का कर लूं कि दीदी गर्म है कि नहीं.
मैंने दीदी से कहा- मैं गर्म तेल से तुम्हारी मालिश कर देता हूं.
दीदी ने कहा- हां कर दो.
मैंने उससे कहा- ठीक है तुम कपड़े निकाल कर रेडी रहो, तब तक मैं तेल गर्म करके लाता हूं.
दीदी ने कहा- वो तो जब तुमने कहा था कि तुम मेरे पूरे जिस्म की मालिश कर दोगे, तभी मैंने अपने सारे कपड़े निकाल दिए थे. अब तुम जल्दी से तेल गर्म करके ले आओ.
मैंने बोला- तेल ज्यादा गर्म करना पड़ेगा. क्योंकि तुम इतनी गर्म नहीं हुई होगी.
दीदी ने भी जवाब दिया- हां यार, तेल ज्यादा गर्म कर लेना. मैं अभी इतनी गर्म नहीं हुई हूँ. मुझे बुखार होता तो मैं गर्म होती, लेकिन बुखार कम हो गया है. बस हाथ पैर ज्यादा दर्द कर रहे हैं.
मैं तुरंत तेल गर्म करने चला गया.
तेल गर्म करके मैं दीदी के कमरे के अन्दर गया तो मैंने देखा दीदी कंबल ओढ़ कर लेटी थी.
मैंने दीदी से कहा- दूसरा कंबल निकाल कर तुम्हारे बेड पर बिछा देता हूँ.
दीदी ने कहा- वो क्यों बिछाना है?
मैंने कहा- मालिश करते समय बेड पर तेल लगेगा, तो पूरा बेड गंदा और खराब हो जाएगा. उससे अच्छा है कि सिर्फ कंबल खराब हो. वो तो धुल जाएगा.
दीदी ने कहा- यह भी सही है.
मैंने कहा- अब तुम अपना कंबल हटा दो.
इस पर दीदी ने कहा- पागल हो गया है क्या … मैंने कपड़े नहीं पहने हैं.
मैंने दीदी से कहा- तो फिर मैं मालिश कैसे करूंगा?
दीदी ने कहा- तुम पहले लाइट बंद करके आओ.
मैंने लाइट ऑफ कर दी.
पूरे कमरे में अंधेरा छा गया.
दोस्तो कमरे में अन्धेरा और कम्बल के अन्दर मेरी कुंवारी बहन एकदम नंगी थी.
आप अंदाजा लगा सकते हैं कि क्या होने वाला है.
वो सब हुआ किस तरह से, ये मैं आपको देसी दीदी की सेक्स कहानी के अगले भाग में लिखूँगा.@desi_story
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2022-05-18 18:50:27 मैंने उससे पूछा- हाथ पैर भी दर्द कर रहे हैं?
दीदी ने कहा- हां हाथ पैर में एकदम दर्द कर रहा है.
मैंने दीदी से कहा- मैं तुम्हारी मालिश कर दूं?
दीदी ने मना किया तो मैंने जोर दिया- इतनी तबीयत खराब है, ऐसे थोड़ी चलेगा. रात में तबीयत ज्यादा खराब हो गई, तो और दिक्कत हो जाएगी. चलो मैं तुम्हारे हाथ पैर में मालिश कर देता हूं. उससे तुमको नींद भी आ जाएगी.
ऐसा बोल कर मैं तेल लेकर आया और दीदी को बोला- तुम अपने हिसाब से लेट जाओ. मैं तुम्हारी मालिश कर दूंगा.
मैंने अपने हाथ से दीदी की मालिश करना चालू कर दी.
आधा घंटा तक मैंने हाथ से मालिश की तो दीदी ने कहा- भाई बड़ा मजा आ रहा है. मेरे पैर में भी मालिश करो ना!
मैं उसके पैर में मालिश करने लगा. मैं मालिश भी कर रहा था और पैर दबा भी रहा था.
आधा घंटा तक मैंने बहन के पैरों की मालिश की और दबाए.
फिर मैंने दीदी से कहा- तुम्हारा सर दबा दूं?
दीदी ने तुरंत हां कह दी.
फिर मैं उसका सर अपनी गोद में उठाकर दबाने लगा.
दीदी को बहुत मजा आ रहा था.
मेरा लौड़ा दीदी के सर को छू रहा था.
दीदी ने कहा- भैया, अब बहुत अच्छा लग रहा है.
मैंने उससे कहा- हां सर दबाने से तुमको नींद भी आ जाएगी.
दीदी ने कहा- तुम बुरा ना मानो तो एक बात कहूं?
मैंने कहा- हां बोलो न!
“मैं सो रही हूं, आप धीरे-धीरे करके मेरे हाथ पैर और सर दबाते रहो. मुझको नींद आ जाए, तब तक.”
मैंने कहा- हां कोई बात नहीं, तुम सो जाओ. मैं दबा देता हूं.
मैं उसके सर को अपने हाथ से दबाने लगा, फिर उसके हाथ दबाए.
कुछ मिनट बाद मैं पैर दबाने लगा.
दीदी बोलने लगी- भैया, मेरा आधा दर्द चला गया. अब तुम सो जाओ.
मैंने कहा- वैसे भी मुझे नींद नहीं आ रही है, तुम सो जाओ. मैं तुम्हारे पैर दबाता रहूंगा.
वो कुछ नहीं बोली.
कुछ पल बाद मैंने दीदी से कहा- दीदी, तुम अपनी कैपरी को थोड़ा ऊपर कर लो, तो मैं और ऊपर तक दबा देता हूं.
उसने अपनी कैपरी को घुटनों के ऊपर कर ली और सो गई.
बीस मिनट तक दबाने के बाद दीदी उल्टी हो कर सो गई.
मैंने उसको फिर से दबाना चालू किया और मालिश करना चालू कर दिया.
अपनी दीदी की गांड देखकर मेरा लौड़ा खड़ा होने लगा और मेरे दिमाग में बुरे ख्याल आने लगे.
मैंने धीरे धीरे दबाना चालू रखा.
फिर मैंने उसको आवाज देकर पूछा- क्या हुआ, सो गई या नहीं?
दीदी ने कहा- सोई नहीं हूं लेकिन अभी नींद आ जाएगी.
मैंने उससे कहा- मैं तुम्हारी पूरी बॉडी को दबा कर मसाज दे दूं?
उसने हां कहा तो मैं उसके बदन को दबाने लगा, उसकी गांड को भी दबाने लगा, उसकी पीठ को भी दबाया.
इससे मेरी दीदी को मजा आ रहा था.
मैं भी बीच-बीच में पूछता जा रहा था कि दीदी मजा आ रहा है?
दीदी हां बोल कर सर हिला देती और मैं उसके बदन की मालिश करने में लगा रहता.
मैं दीदी के सारे बदन को एक घंटे तक अच्छे से दबाता रहा.
उसको भी मजा आ रहा था.
मैंने उससे कहा- दीदी अब तुमको नींद आ जाएगी … तो मैं भी सोने जाऊं?
दीदी ने कहा- हां अब तुम सो जाओ.
मैं खड़ा हुआ और अपने कमरे में चला गया.
उस दिन मैंने यह सब दीदी को छूकर एक अलग सा अहसास किया था. मेरा लौड़ा खड़ा हो गया था.
जब मैं अपने कमरे में आ गया, तब भी मुझसे रहा नहीं जा रहा था.
मैंने सोचा कि आज एक बार दीदी के नाम की मुठ मार लेता हूं.
मैं अपना लौड़ा हिलाने लगा और फोन में एक ब्लू-फिल्म देख रहा था.
कुछ देर बाद लंड झड़ गया तो मैं लेट गया.
आधा घंटा बाद दीदी का मैसेज आया- सो गए क्या?
मैंने कहा- नहीं, अभी सोया नहीं हूं.
दीदी बोली- तुम मेर बदन दबा रहे थे, तो बड़ा अच्छा लग रहा था. पर अब फिर से दर्द होने लगा है.
मैंने दीदी से कहा- तो फिर से आकर दबा दूं क्या?
दीदी ने कहा- हां दबा दो ना … मेरा दर्द कम हो जाएगा.
इधर मेरे अन्दर तो आग लग चुकी थी.
मैंने दीदी से डबल मीनिंग में बात करते हुए पूछा- कहां कहां दबवाना है?
दीदी ने भी कुछ ऐसे ही कहा- पूरा बदन ही दबा दो ना भाई … अच्छा लग रहा था.
ऐसे व्हाट्सएप में हम चैट कर रहे थे.
मैंने फिर से डबल मीनिंग में कहा- दबाने से ज्यादा अच्छा रहेगा कि तुम पूरी बॉडी की मालिश ही करवा लो.
दीदी ने कहा- हां वह भी सही है.
उसने आखिरी में कहा- तुम जो भी करो, कर दो … लेकिन मेरा दर्द कम होना चाहिए.
मैंने कहा- दीदी, मेरे हाथ में इतना जादू तो है ही कि तुम्हारे दर्द को भुला दूंगा.
दीदी ने कहा- तो फिर आ जाओ. मैं भी रेडी हूँ.
मुझे लग रहा था कि दीदी भी डबल मीनिंग में ही बात कर रही थी.
दीदी भी गर्म हो चुकी थी, ऐसा मुझे लगने लगा था.@desi_story
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2022-05-18 18:50:08 मैंने उससे कहा कि दवाई के लिए थोड़ा बहुत तो खाना पड़ेगा. मैं कुछ बाहर से आर्डर कर देता हूँ.
उसने कहा- मैं बहुत कम खाऊंगी.
मैंने दाल तड़का, जीरा राइस और थोड़ा नाश्ता जैसा खाना ऑर्डर कर दिया.
खाना खाने के बाद मैंने दीदी को दवाई खिला दी और कहा- अब तुम आराम करो.
दीदी ने हां कहा और सोने लगी.
मैंने जाते-जाते उससे कहा कि कुछ काम हो तो फोन करना या फिर आवाज लगा देना.
मैं आ जाऊंगा.
दीदी ने ओके ओके कहा और मैं वहां से चला गया.
मैंने बाहर हॉल में आधा घंटा टीवी देखा और अपने बेडरूम में जाकर मोबाइल में गेम खेलने लगा.
तभी व्हाट्सएप पर दीदी का मैसेज आया- अभी तक सोया नहीं क्या?
मैंने कहा- दीदी मैं दिन में सो गया था, अभी नींद नहीं आ रही है … गेम खेल रहा हूं. तुम सो जाओ, तुम्हारी तबीयत खराब है.
दीदी ने कहा- दिन में सोने की वजह से मुझे भी अभी नींद नहीं आ रही है. मेरा पूरा शरीर दुख रहा है, दर्द कर रहा है.
मैंने उससे कहा- क्या मैं तुम्हारी कोई मदद कर सकता हूं?
दीदी ने कहा- नो थैंक्स.
मैंने कहा- यहां पर मेरे और तुम्हारे सिवा और तो कोई है नहीं, मेरा फर्ज बनता है कि मैं तुमको कोई परेशानी ना होने दूँ.
मेरी दीदी व्हाट्सएप पर बात करते हुए कहने लगीं- तू मेरी इतनी चिंता मत कर … मुझे कुछ होने वाला नहीं है.
मैंने भी कहा- वह तो मुझे भी पता है, लेकिन तुम्हारी तबियत खराब है इसलिए मैंने पूछ लिया. तुमको ऐसा कुछ हो तो बता देना.
दीदी ने कहा- नींद नहीं आ रही है तो यहां पर आकर बैठो ना, मुझे भी अच्छा लगेगा.
मैंने कहा- चलो आता हूँ.
मैं उसके पास आ गया.
हम दोनों एक दूसरे के मोबाइल में गेम खेलते हुए बातें कर रहे थे.
दीदी को बाथरूम जाना था, तो दीदी उठने लगी.
लेकिन उसको उसे बहुत तकलीफ हो रही थी.
मैंने हाथ पकड़ कर उसको उठाया और बाथरूम तक लेकर गया.
फिर वापस आ गया.
दीदी ने बाथरूम से निकलते ही मुझे आवाज दी- हेल्प कर.
मैं उसका हाथ पकड़ कर उसके बेड तक लेकर आ गया और उसे लिटा दिया.
मैंने दीदी से कहा- लगता है कि तुम्हारी तबीयत ज्यादा खराब हो गई है.
उसने बोला- अरे नहीं … सुबह तक सही हो जाएगी.@desi_story
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