2022-05-10 19:07:56
चुत चुदाई के अनजाने खेल का पूरा मज़ा@desi_story
हाय दोस्तो, कैसे हो आप सब! उम्मीद है बिंदास मजा ले रहे होंगे.
मैं दिव्या बिहार के एक छोटे से कस्बे की रहने वाली हूँ.
मैं 5 फुट 3 इंच की गठीले शरीर की मालकिन हूँ.
जब ये घटना हुई, तब मेरा फिगर क्या था … मुझे पता नहीं है. मैं तब ब्रा तो पहनती नहीं थी, लेकिन आज मेरा फिगर 30-28-34 का होगा.
मैं इस साइट की नियमित पाठिका हूँ बहुत सारी सेक्स कहानी पढ़कर मेरा मन भी हुआ कि मैं अपनी सील टूटने की कहानी आपको बताकर सबको उत्तेजित करूं.
आज मैं आपके सामने अपनी पहली चुदाई की जबरदस्त गर्म कहानी लाई हूं, जिसे पढ़कर लड़के मुट्ठी मारने के लिए और लड़कियां चूत में उंगली डालने के लिए मजबूर हो जाएंगी.
अपना हर एक अनुभव आपसे साझा कर पाऊं, मैं इतनी योग्य तो नहीं हूँ. पर फिर भी मैं लिखने की कोशिश कर थी हूँ.
आप बस मेरी पहली चुदाई की कहानी का जी भरके लुत्फ़ उठाओ. फिर जाकर अपने अपने हाथ से काम चलाओ, पार्टनर हो तो उसकी रात हराम करो.
मेरी देहाती सेक्स की कहानी में कोई गलती निकले तो मैं पहले ही दिल से क्षमाप्रार्थी हूँ.
आप गांव की जिंदगी के बारे में जानते ही होंगे कि मध्यम वर्ग के परिवार में प्रेम प्रसंग शुरू होने में कितनी दिक्कतें आती हैं.
अगर आप मध्यम वर्गीय परिवार से नहीं हों, तो मैं आपको बताती हूँ.
पहले तो किसी लड़की को घर से इतनी छूट नहीं होती है कि वो किसी लड़के से बात कर सके.
किसी भी तरह बात होने भी लग जाए, तो उसे अपनी चाहत सामने वाले को बताना बड़ा कठिन होता है.
ये मुझे शब्दों में बताना नहीं आता, बस आप अंदाज लगा सकते हैं.
मेरा चक्कर उस समय से चलना शुरू हो गया था. जब मेरी 12 वीं की पढ़ाई पूरी हुई थी, तब तक मैं इस पूरे खेल से बिल्कुल अंजान थी.
फिर 12वीं पास करने के एक साल बाद मुझे एक लड़के से प्रेम प्रस्ताव मिला.
मगर मेरे अन्दर इतनी हिम्मत नहीं थी कि मैं उस प्रस्ताव को स्वीकार कर सकूँ.
जैसे ही मुझे प्रस्ताव मिला, मैं शर्म की वजह से मानो पिघल सी रही थी.
उस वक्त मेरे दिमाग में बस एक ही बात आयी कि उसके सामने से भाग जाऊं.
मैं भाग कर अपने घर में जाकर छिप भी गयी. उस समय मेरी हृदय गति इतनी तेज थी, मानो दिल फट ही जाएगा.
मुझे पूरी रात नींद नहीं आयी.
फिर मेरे अन्दर इतनी हिम्मत नहीं थी कि मैं उसका सामना कर पाऊं.
मैं 3 दिन तक अपने घर से बाहर नहीं निकली लेकिन उसके बाद जब उससे मिली, तब मैं अपनी नजरें चुरा कर उसे देख रही थी.
मैंने उससे कभी प्यार या दोस्ती के लिए हां नहीं की थी लेकिन वो मेरा प्यार मानो एक जादूगर था.
मेरे कुछ कहने से पहले ही समझ जाता था.
शायद उसने तब भी मेरे मन की बात जान ली थी.
उसने उस दिन मुझसे बस इतना कहा- दिब्बू, तुम्हारे मन में ये डर है कि बाहर किसी को ये बात पता ना चले, तो परेशान न हो. मुझ पर भरोसा करो.
मैं सुन कर एकदम से चौंक गयी.
जिस बन्दे को लेकर मैं प्यार में थी उसका नाम लव था.
उसने मुझसे ये बात अब कही थी मगर मैं भी लव से काफी पहले से प्यार करती थी.
उसका प्यार मुझे मिलेगा, ये नहीं पता था, बस करती थी.
आपको सुनकर हंसी आएगी कि मैं इतना भी नहीं जानती थी कि प्यार में क्या क्या होता है.
लव मेरे लिए एक ऐसा नाम था, जिसे याद मात्र करने से पूरे शरीर में बिजली दौड़ जाती थी.
लव के बारे में मैं आपको कुछ बता देती हूँ.
वो दिखने में स्मार्ट बन्दा था. उसकी लंबाई 5 फुट 6 इंच थी.
उसके लौड़े का नाप बताकर मैं अपनी बहनों की चूत की हालत और ज्यादा खराब करना नहीं चाहती लेकिन मैं इतना जानती हूँ कि एक बार उसका लंड कोई देख ले, तो वो हर हाल में उसका लंड लेने के लिए पागल हो जाएगी.
मेरे घर में छोटे छोटे भतीजे हैं. मैं उनकी नुन्नू देखती थी तो लगता था कि ये बस सूसू करने के लिए होती है.
बाद में पता चला कि इसका काम कितना महान होता है.
मध्यम वर्गीय परिवारों में लड़कियों के लिए अलग फोन तभी मिलता है, जब उनका बाहर आना जाना होने लग जाए, ताकि वो अपने घर के सम्पर्क में बनी रहें.
मेरी चुदाई में सहायता करने वाला फोन मेरी मम्मी का था.
मम्मी के फोन से लव से मेरी धीरे धीरे बात होने लगी.
आपको मैंने बताया कि मेरा लव एक जादूगर था. उसे ये बात बहुत अच्छे से पता थी कि क्या बात कब और कैसे शुरू करनी है.
ऐसे ही सामान्य बातें कब रोमांटिक होने लग गईं, कब फोन सेक्स होने लगा, पता ही नहीं चला.
मेरे मन में अपने लव से मिलने की बात तो आती थी, पर मैं उससे कह नहीं पाती थी.
जब वो मिलने की कहता तो मैं टालमटोल कर देती थी.
लेकिन कब तक करती.
फिर एक दिन आया, जब हम लोगों का मिलने का प्लान बना.
छोटे कस्बों में मिलने के लिए होटल तो होते नहीं हैं, शहर पास में था भी, तो भी हम लोग कभी हिम्मत नहीं जुटा पाए.
उसका घर कभी खाली नहीं रहता था.@desi_story
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