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deshi kahani

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श्रेणियाँ: वयस्क सामग्री (18+)
भाषा: हिंदी
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नवीनतम संदेश 19

2022-05-13 19:04:31 सता हुआ ड्राइविंग सीट पर बैठ गया।
गाड़ी के अंदर अभी भी दाइशा की खुशबू आ रही थी।
मेरे मालिक ने बोला- कल से तुम्हें दाइशा मैडम को गाड़ी चलाना सिखाना है। मुझे स्टूडियो ड्रॉप करके मैडम को यहीं से पिक कर लेना। ध्यान रहे मैडम बहुत बड़ी हीरोइन हैं, कोई गड़बड़ नहीं होनी चाहिए। और सुनसान इलाके में लेकर जाना, जहाँ लोग ना हों। पब्लिक अगर मैडम को पहचान जाएगी तो बेवजह परेशान करेगी. अच्छा रहेगा उनको गोरेगांव हाईवे के आगे आरे रोड ले जाना, पवई साइड से रोड बंद है, तो वहां लोग नहीं मिलेंगे।
मुझे अपने कानों पर विश्वास भी नहीं हो रहा था।
मैं अभी भी दाइशा जी के बारे में ही सोच रहा था और नजरें उठाए दाइशा जी की पतली कमर को बलखाते हुए अपने बिल्डिंग की ओर जाते हुए देखता रहा.
क्या कमर पटका पटका कर चलती थी दाइशा पाटनी!
क्या फिगर था … कमर कितनी पतली सी थी और चूचियां तो बहुत ही मस्त हैं. कितनी गोरी और नाजुक सी दिखती हैं.
मैं ड्राइविंग सीट पर बैठे बैठे दाइशा जी को अपने बिल्डिंग की ओर जाते हुए देखता रहा जैसे कोई भूखा अपने हाथों से रोटी छीनते हुए देख रहा हो।
मालिक की आवाज ने फिर से मेरा सपना तोड़ा और मैं घर की तरफ चल दिया।
रास्ते में एक तरफ खुशी थी तो दूसरी तरफ परेशानी।
खुशी इसलिए कि इतनी बड़ी हीरोइन जिस पर करोड़ों लोग मरते हैं, वो मेरी गाड़ी में अकेली इतने करीब होगी।
और परेशानी इस बात कि क्या मैं दाइशा जी को ड्राइविंग सिखा पाऊंगा?
कही मुझसे कोई गलती हो गई तो?
और अगर दाइशा जी इस तरह के कपड़े पहनेंगी तो क्या मैं अपनी निगाहों को उससे देखने से दूर रख पाऊंगा।
कहीं दाइशा जी को अकेले देखते ही अपना आपा ना खो दूं … यही सोचकर मैं अंदर से काम्प गया था।
दाइशा जी को जब ड्राइविंग सिखाऊंगा, वो बिल्कुल मेरे करीब होगी … यही सब सोचते हुए मैं अपने घर पहुंच गया।
और दाइशा जी को याद करते हुए एक बार फिर से मुठ मारा और फिर ना जाने कब नींद आ गया।
अगले दिन शाम में अपने मालिक को उनके स्टूडियो छोड़कर मैं दाइशा जी के अपार्टमेंट में गया।@desi_story
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2022-05-13 19:04:31 बॉलीवुड अभिनेत्री को गाड़ी चलाना सिखाया- 1@desi_story
मैंने मेरी पिछली कहानी में बताया कि मैं एक बहुत छोटे शहर रांची से भागकर मुम्बई में रह रहा हूं।
एक बहुत ही अच्छे मित्र के माध्यम से पहले मुझे वॉचमैन फिर अभी ड्राइवर का जॉब मिल गया है।
मित्रो, यह हॉट बॉलीवुड सेक्स कहानी तब की है जब मैं लोखंडवाला मुंबई में एक स्ट्रगलिंग एक्टर के यहां ड्राइवर का काम करता था।
मेरे मालिक की फिल्म लाइन के उभरते हुए अभिनेताओं और अभिनेत्रियों के साथ बहुत दोस्ती थी।
सारे स्ट्रगलर एक्टर और एक्ट्रेस साथ में ही पार्टी किया करते थे।
मैं रोज नए नए फिल्म सितारों को देखकर बहुत खुश हुआ करता था।
और हिरोइनों को देखकर तो दिल गार्डन गार्डन हो जाता था।
छोटे छोटे कपड़े, कोई वन पीस, कोई माइक्रो स्कर्ट, कोई बैकलेस, उफ्फ ऐसी चिकनी चिकनी टांगें, गोरा मखमली बदन!
कभी कभी कोई ऐसी गर्म माल दिख जाती थी कि बिना मुठ मारे लन्ड को चैन ही नहीं मिलता था।
कई बार तो मेरे मालिक अपनी गाड़ी से उन हीरोइनों को घर तक भी छोड़ते थे; तो कभी कभी मुझे ही बोल देते थे और मैं अकेला घर छोड़ आता था।
वापस लौटने के बाद मुठ मारना मजबूरी हो जाती थी।
अब मैं आपको अपनी कहानी की नायिका से मिलवा दूं।
वो कोई और नहीं बल्कि दाइशा पाटनी है जो मेरे मालिक के साथ कभी-कभी घर तक जाती थी।
उसने साउथ की तेलगु और तमिल इंडस्ट्री में भी काम किया हुआ था और एम एस धोनी के लिए शूटिंग चल रहा था।
एक समय ऐसा था जब वो सभी भारतीयों की नेशनल क्रश थी।
सुंदरता की मूरत … जैसे स्वर्ग की कोई अप्सरा।
एकदम किसी फूल की तरह नाजुक उनका बदन था।
हंसती थी तो क्या कयामत लगती थी … उसकी एक मुस्कान पर पूरा कायनात भी कुर्बान!
गुलाब की पंखुड़ी की तरह सुर्ख लाल होंठ, जिसे जब देखो मुंह में लेकर चुभलाने का मन करे!
एकदम पतला छरहरा पर हर जगह सही कटाव और उभार से भरा दूध से भी ज्यादा गोरा बदन!
इतने सख्त और गोल उरोज मैंने आज तक किसी और के नहीं देखे।
लंबी और चिकनी टांगें, और जांघों के अंत में मौजूद जन्नत का दरवाजा।
जिसे एक बार मिल जाए, उसे और क्या चाहिए।
मैं हमेशा से ही उसको केल्विन क्लेन के एड में देख कर अनगिनत बार मुठ मारा करता था।
अब मैं आपको सीधे कहानी पर ले चलता हूं।
जैसा कि मैंने बताया कि मेरे मालिक लगभग रोज ही पार्टी किया करते थे।
एक बार पार्टी खत्म होने के बाद दाइशा पाटनी जी भी मेरे मालिक के साथ गाड़ी में आ गई।
शायद मेरे मालिक ने उन्हें घर छोड़ने को बोला था।
उसी दौरान दाइशा जी मेरे मालिक से बोली- मुझे गाड़ी चलाना नहीं आता है। अगर तुम्हारा ड्राइवर मुझे गाड़ी चलाना सिखा दे। मैं किसी ड्राइविंग स्कूल पर भरोसा नहीं कर सकती हूं। तुम्हारे ड्राइवर के साथ हमने बहुत बार सफर किया है, मैं उस पर विश्वास कर सकती हूं।
मैं सामने गाड़ी चलाते हुए सब सुन रहा था.
पहले तो मुझे अपने कानों पर विश्वास ही नहीं हुआ कि दाइशा जी मेरे से गाड़ी चलाना सीखना चाहती है।
पर जब उन्होंने दोबारा बोला तो मुझे यकीन हुआ।
मेरी तो किस्मत ही खुल गयी।
जरूर मेरे पिछले जन्म का कोई पुण्य होगा जो दाइशा पाटनी खुद मुझसे ड्राइविंग सीखना चाहती थी।
मेरे साथ साथ मेरे उस्ताद की भी खुशी का ठिकाना ना रहा।
मैं तो उसी समय से सपनों में खो गया कि चलो इसी बहाने मेरी स्वप्न सुंदरी का दीदार तो होगा।
ऐसा सोचते हुए हम दाइशा जी के बिल्डिंग के नीचे पहुंच गए।
मेरा सपना खुला और मैंने तुरंत गाड़ी से उतर कर अपने मालिक के तरफ का दरवाजा खोलना चाहा पर वो पहले से उतर कर फोन पर बात करने लगे.
मैंने भागते हुए दाइशा जी की ओर का दरवाजा खोला.
तब पहले दाइशा ने अपनी टांगों को बाहर निकाला, उन्होंने एक छोटा स्कर्ट पहना हुआ था।
घुटनों के ऊपर तक की स्कर्ट दाइशा जी की सुंदर और गोरे गोरे चिकनी जांघों को छिपाने में नाकामयाब थी।
उनके सुंदर और गोरे गोरे पैरों को देख कर मेरे लन्ड में तूफान आने लगा।
सुंदर पिंडलियों में उसकी सुंदर सी सैंडल हील वाली उसके गोरे गोरे पैरों पर बहुत ही खूबसूरत लग रही थी.
दूसरे पैर के बाहर निकलते ही दाइशा जी थोड़ा सा आगे की ओर हुई और झुक कर बाहर को निकली.
मैं मेरी नजर को उसके जांघ, पेट और नाभि से लेकर क्राप टॉप तक ले जाने से नहीं रोक पाया.
और मैं मंत्रमुग्ध सा दाइशा जी की उठी हुई चूचियों को, टॉप के नीच नंगी नाभि और कमर के क्षेत्र को निहारता रहा।
जब दाइशा जी मेरे सामने से निकलकर बाहर खड़ी हुई तो मेरे नाक में एक फ्रेश और ताजी सी खुशबू जेहन तक बस गई और मैं लगभग गिरते गिरते बचा था।
मेरा पूरा शरीर मेरा साथ नहीं दे पा रहा था.
मैं उस अप्सरा के इतने पास था पर कुछ नहीं कर सकता था।
हमारे बीच में सिर्फ़ गाड़ी का दरवाजा था।
मैं खड़ा-खड़ा उस सुंदरता को अपने अंदर उतार रहा था और नजरें नीचे किए अब भी उसकी कमर के कटाव को देख रहा था जहां दाइशा जी के स्कर्ट का बॉर्डर था।
तभी मेरे मालिक ने मुझे आवाज दी और मैं अपने मुक़द्दर को को
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2022-05-13 18:09:21 https://t.me/satsportindia/106
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2022-05-10 19:09:05 मिलते, जमकर खूब चुदाई करते.
अब तो मानो मुझे उसके लंड की आदत हो चुकी थी.
फिर मैंने कब कब कैसे कैसे चुदाई की, ये मैं आपको अपनी अगली Xxx कहानी में बताऊंगी.@desi_story
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2022-05-10 19:08:40 वो शायद ये सोचकर मुझे छोड़ देता कि मुझे दर्द ना हो.
वो पहला दिन था, जब मैं चुदते चुदते बच गयी.
इसी तरह मैं बार बार उसके पास जाती थी पर बिना चुदे वापस आ जाती थी.
मेरा तो पहली बार था ही, उसका भी पहली बार ही था और जगह भी सही नहीं मिल रही थी.
इस वजह से कंडोम लगाकर या तेल लगाकर भी हम लोग किसी तरह से सफल ना हो पाए.
अंततः वो दिन आ ही गया, जब मेरा चुत का भेदन हो गया.
उसने मुझे मिलने को बुलाया. इस बार मैं भी घर से ये सोचकर निकली थी कि कितना भी दर्द हो, पर मैं उसका पूरा साथ दूंगी.
कुछ ही मिनटों में मैं उसके आगोश में थी.
उसकी गोद में बैठकर कुछ देर इधर उधर की बातें करते करते कब हम लोग नंगे हो गए, पता ही ना चला.
इस बार मैंने उसका लंड हाथ में पकड़ा भी और मुँह में भी लिया.
कुछ मिनट तक लॉलीपॉप के जैसे लंड चूसने के बाद मेरा मुँह वीर्य से भर चुका था.
पर मैंने उसे पिया नहीं, बाहर ही थूक दिया.
अब वो धीरे धीरे मेरी चूत में अपनी उंगलियां घुसाने लगा था.
मुझे दर्द सा महसूस होता तो मैं आह्ह ह्ह करके रह जाती, पर मुझे भी चुदाई का मजा लेने की बहुत जल्दी थी.
मैं लव से कह रही थी- जानू, अब और मत तड़पाओ, डाल दो अपना बड़ा और सख्त लंड मेरी चूत में.
उससे भी रहा नहीं जा रहा था. वो भी मुझे चोदने का बहुत बेसब्री से इंतजार कर रहा था.
अब उसने अपना लंड मेरी चूत पर सैट किया और एक जोरदार धक्का लगाते हुए मेरी चूत में अपना लंड घुसाना चाहा.
पर उसका लंड फिसल कर बाहर आ गया.
मुझे बहुत दर्द होने लगा था.
फिर उसने मुझे खड़ा किया और मेरा एक पैर अपने कंधे पर रखते हुए अपने लंड को मेरी चूत पर सैट किया. फिर एक ही धक्के में उसने टोपा मेरी चूत में घुसा दिया.
मुझे बहुत दर्द हो रहा था, मेरी आंखों से आंसू बहने लगे.
मैं दर्द से छटपटा रही थी. दर्द की वजह से मैं खड़ी नहीं रह पाई तो लव ने मेरी चूत से लंड निकाले बिना ही मुझे जमीन पर लिटा लिया.
मैंने उसे अपने ऊपर से हटाना चाहा, पर मैं उसे हटा नहीं पायी.
मेरी चीख निकलने से पहले उसने मेरे होंठों को अपने होंठों से दबा लिया था.
अब मेरे आंसू लगातार निकल रहे थे. मैं छूटने के लिए छटपटा रही थी, पर लव मुझे ऐसे ही कहां छोड़ने वाला था.
उसने एक झटके में अपना पूरा लंड मेरी चूत चीरते हुए अन्दर उतार दिया.
उसका लंड खून से लथपथ ही गया था, जिसे देखकर मैं डर गयी.
उसने मुझे समझाया कि पहली बार में ऐसा होता है.
अपने रूमाल से उसने लंड साफ किया.
फिर 5 मिनट तक चुम्मा चाटी करने के बाद उसने धीरे धीरे लंड अन्दर बाहर करना शुरू कर दिया.
अब मुझे दर्द कम हो रहा था. कुछ धक्के लगते ही मानो जैसे मेरा दर्द गायब सा हो गया था.
मुझे चुत चुदाई में मजा आने लगा था.
मेरे मुँह से सिसकारियां निकल रही थीं- आह्हह उम्म्म आह्ह आह्ह हाए आह्हह.
इन्हीं आवाजों के साथ मैं चुदाई के नशे में खो गई.
लव मुझसे हमेशा ही कहता था- मजा आएगा, मजा आएगा.
आज मैं चुदाई के मज़े का आनन्द उठा रही थी और अपनी कमर उठा उठा कर उसका साथ दे रही थी.
साथ ही मैं चिल्ला रही थी- आह मुझे जोर से चोदो … हां हां हां ऐसे ही चोदो … ऊह आह ओह … ओह … आऊ!
लव- ले ले और ले … और अन्दर तक ले … तेरी चूत प्यासी है … प्यास बुझा अपनी चूत की … तेरी चूत का भोसड़ा!
मैं- चोदो … मुझे चोदो … जोर से चोदो … और जोर से चोदो … हां ऐसे ही मेरी चूत को फाड़ डालो … जोर जोर से झटका दो … घुसा दो अन्दर तक … पेलो पेलो और तेज पेलो मुझे … और जोर से अन्दर करो … ओह्ह आऊ … ओईई आऊओ … मुझे जोर से चोदो.
कुछ देर बाद मेरा बदन अकड़ने लगा. अब शायद मैं झड़ चुकी थी.
कुछ ही देर में लव का बदन भी कुछ इस तरह से अकड़ने लगा और उसने अपना सारा माल मेरी चूत में ही निकाल दिया.
मेरी चूत उसके गरम वीर्य का अनुभव कर रही थी और उसका माल मेरी चूत से बाहर आने लगा.
वहीं लव निढाल होकर मेरे ऊपर ही लेट गया.
कुछ मिनट लेटने के बाद उसका लंड फिर से तन कर खड़ा हो गया और हमने फिर से चुदाई के मज़े लिए.
अब मुझ पर पूरी तरह से उसकी मोहर लग चुकी थी. अगले दिन मुझे चलने में बहुत दिक्कत हो रही थी. मेरी चूत ब्रेड की तरह फूल चुकी थी.
मैं लड़की से औरत बन चुकी थी.
एक बार की चुदाई के बाद चुत ने लंड लंड करना शुरू कर दिया था. अब हम लोग लगभग हर महीने 3 से 4 बार @desi_story
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2022-05-10 19:08:20 इधर मेरे घर में भी मुझसे दो साल छोटी बहन और मेरी मम्मी हमेशा घर में रहती थीं तो वहां भी इंतजाम होना मुमकिन नहीं था.
अंततः मिलने को जो जगह मिली, वो था एक खेत.
चूंकि अब तक मैं लंड को चुच्चू समझने वाली थी और लंड का काम मूतना भर होता है, ये समझने वाली लड़की थी. लंड चुत में कैसे घुसेगा और चुदाई की बात तो क्या ही जानती होऊंगी.
मगर वाह री प्रकृति … क्या बात बनाई है कि कुछ भी न जानते हुए भी एक लड़की को लड़के में क्या पसंद आ जाता है, ये मुझे समझ ही नहीं थी.
मैं अपने लव से मिलने तो जा रही थी और मन में क्या था, कुछ नहीं मालूम था.
आज मैं पहली बार उसे इतने पास से देखूंगी, उसका हाथ पकड़कर बातें करूंगी.
मुझे क्या पता था कि उधर से आऊंगी तो अनुभव ही अलग सा होगा.
मैं घर से कुछ बहाना बनाकर निश्चित स्थान पर पहुंच गयी.
वहां जाकर देखा वो पहले से वहीं था.
उसने मुझे पकड़कर अपने सीने से लगा लिया.
मैं तो मानो उसमें ही समा गयी थी.
मेरी धड़कनें इतनी तेज हो गयी थीं मानो दिल छाती फाड़कर बाहर आने वाला हो गया था.
धीरे से उसने अपने होंठों को मेरे होंठों पर लाकर रख दिया.
मुझे समझ नहीं आ रहा था कि ये हो क्या रहा है.
मैं बिल्कुल निढाल हो चुकी थी.
उसका दायां हाथ मेरे एक दूध पर था और बायां हाथ मेरी गांड पर था.
मुझे समझ नहीं आ रहा था कि मैं क्या करूं.
जैसे ही उसके ठंडे होंठों ने मेरे गर्म होंठों को चूमा, मेरी आंखें बंद हो चुकी थीं और मेरा शरीर ढीला हो चुका था. मेरा पूरा वजन उसके ही ऊपर हो गया था.
ऐसे ही लगभग आधा घंटे चिपके रहने के बाद वो मुझसे अलग हुआ.
उसने पूछा- कैसा लगा?
मैं क्या जवाब देती, जब कुछ पता ही नहीं कि हुआ क्या है तो क्या जवाब देती.
मैं चुप रही लेकिन वो मेरी हालत समझ रहा था.
ऐसे ही बात करते करते अचानक से लव बोला- सेक्स करोगी?
मैंने पूछा- ये क्या होता है?
वो बोला- ये जो भी होता है, बहुत मजेदार होता है … तुम्हें मजा आ जाएगा.
81c181bda00baaf97dd31f9a0114f8…
Mysterious Chest
Hurry up to open!
उसके मुँह से मजे की बात सुनकर मैंने हां बोल दिया.
उसने मुझसे मेरे कपड़े निकालने को कहा, पर मैं डर गई.
मैंने कहा- यहां?
वो बोला कि यहां मेरे अलावा कोई नहीं है. क्या तुम मेरे सामने अपने कपड़े नहीं निकाल सकती!
मैंने अपनी जींस पैंट को निकालते हुए पैंटी भी निकाल दी.
मेरी रोंएदार चूत जिसको मैंने आज तक क्लीनशेव नहीं किया था, पूरी तरह गीली थी. मैंने शर्म से अपने दोनों हाथों से अपनी चुत ढक ली.
इस पर उसने अपना पैंट खोलकर अपना लंड निकाल कर मेरे सामने ला दिया और बोला- क्या तुम बालों की वजह से शर्मा रही हो … तो देखो मैंने भी बाल साफ नहीं किए हैं.
मैं उसका लंड देखकर इतना ज्यादा आश्चर्य में थी कि अचानक से बोल पड़ी- ये क्या है?
मैं मन ही मन सोच रही थी कि बच्चों का छोटा सा होता है. इसका इतना बड़ा कैसे है!
उसने जवाब दिया- लंड, लंड कहते हैं इसे … अभी देखकर घबरा रही हो, जब ये तुम्हारी चूत के अन्दर जाएगा, तो बहुत मजा देगा. अभी जितना घबरा रही हो न … बाद में उतना ही मजा आने वाला है, दीवानी हो जाओगी इसकी.
जब उसने कहा कि चुत के अन्दर जाकर मजा देगा, तो मेरे दिमाग में आया कि ये इतना बड़ा मोटा अन्दर कैसे जाएगा, पर मुझे उस पर भरोसा था.
उसने मुझे अपने लंड को हाथ में लेने को कहा.
मैंने मना कर दिया.
मना करती भी क्यों ना … मुझे उससे डर सा लग रहा था.
फिर वो अपनी उंगलियों से मेरी बुर के दाने को छूने लगा.
मुझे नशा सा होने लगा था.
उसने देखते ही देखते मेरी चूत में अपनी एक उंगली घुसा दी.
मेरे मुँह से ‘आह्ह्ह …’ निकल गई.
उस नशे में मैं जमीन पर पड़ी तड़प सी रही थी.
लव अपनी उंगली को जितना आगे पीछे करता, मुझे उतना ही ज्यादा मजा आता.
ये खेल करीब 15 मिनट तक चला और उतनी देर में मेरी चूत ने पानी छोड़ दिया था.
जब उसने देखा मैं खूब गर्म हो चुकी हूँ, तब उसने कंडोम लगाकर अपना लंड मेरी चूत पर सैट किया.
जैसे ही वो लंड डालने की कोशिश करता, उसका लंड इधर उधर फिसल जाता.
मुझे थोड़ा बहुत वो अन्दर जाते महसूस होता भी, तो दर्द इतना होता कि मुझे लगता मर ही जाऊंगी.
मैं उछल जाती और उसका लंड अन्दर नहीं जा पाता. @desi_story
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2022-05-10 19:07:56 चुत चुदाई के अनजाने खेल का पूरा मज़ा@desi_story
हाय दोस्तो, कैसे हो आप सब! उम्मीद है बिंदास मजा ले रहे होंगे.
मैं दिव्या बिहार के एक छोटे से कस्बे की रहने वाली हूँ.
मैं 5 फुट 3 इंच की गठीले शरीर की मालकिन हूँ.
जब ये घटना हुई, तब मेरा फिगर क्या था … मुझे पता नहीं है. मैं तब ब्रा तो पहनती नहीं थी, लेकिन आज मेरा फिगर 30-28-34 का होगा.
मैं इस साइट की नियमित पाठिका हूँ बहुत सारी सेक्स कहानी पढ़कर मेरा मन भी हुआ कि मैं अपनी सील टूटने की कहानी आपको बताकर सबको उत्तेजित करूं.
आज मैं आपके सामने अपनी पहली चुदाई की जबरदस्त गर्म कहानी लाई हूं, जिसे पढ़कर लड़के मुट्ठी मारने के लिए और लड़कियां चूत में उंगली डालने के लिए मजबूर हो जाएंगी.
अपना हर एक अनुभव आपसे साझा कर पाऊं, मैं इतनी योग्य तो नहीं हूँ. पर फिर भी मैं लिखने की कोशिश कर थी हूँ.
आप बस मेरी पहली चुदाई की कहानी का जी भरके लुत्फ़ उठाओ. फिर जाकर अपने अपने हाथ से काम चलाओ, पार्टनर हो तो उसकी रात हराम करो.
मेरी देहाती सेक्स की कहानी में कोई गलती निकले तो मैं पहले ही दिल से क्षमाप्रार्थी हूँ.
आप गांव की जिंदगी के बारे में जानते ही होंगे कि मध्यम वर्ग के परिवार में प्रेम प्रसंग शुरू होने में कितनी दिक्कतें आती हैं.
अगर आप मध्यम वर्गीय परिवार से नहीं हों, तो मैं आपको बताती हूँ.
पहले तो किसी लड़की को घर से इतनी छूट नहीं होती है कि वो किसी लड़के से बात कर सके.
किसी भी तरह बात होने भी लग जाए, तो उसे अपनी चाहत सामने वाले को बताना बड़ा कठिन होता है.
ये मुझे शब्दों में बताना नहीं आता, बस आप अंदाज लगा सकते हैं.
मेरा चक्कर उस समय से चलना शुरू हो गया था. जब मेरी 12 वीं की पढ़ाई पूरी हुई थी, तब तक मैं इस पूरे खेल से बिल्कुल अंजान थी.
फिर 12वीं पास करने के एक साल बाद मुझे एक लड़के से प्रेम प्रस्ताव मिला.
मगर मेरे अन्दर इतनी हिम्मत नहीं थी कि मैं उस प्रस्ताव को स्वीकार कर सकूँ.
जैसे ही मुझे प्रस्ताव मिला, मैं शर्म की वजह से मानो पिघल सी रही थी.
उस वक्त मेरे दिमाग में बस एक ही बात आयी कि उसके सामने से भाग जाऊं.
मैं भाग कर अपने घर में जाकर छिप भी गयी. उस समय मेरी हृदय गति इतनी तेज थी, मानो दिल फट ही जाएगा.
मुझे पूरी रात नींद नहीं आयी.
फिर मेरे अन्दर इतनी हिम्मत नहीं थी कि मैं उसका सामना कर पाऊं.
मैं 3 दिन तक अपने घर से बाहर नहीं निकली लेकिन उसके बाद जब उससे मिली, तब मैं अपनी नजरें चुरा कर उसे देख रही थी.
मैंने उससे कभी प्यार या दोस्ती के लिए हां नहीं की थी लेकिन वो मेरा प्यार मानो एक जादूगर था.
मेरे कुछ कहने से पहले ही समझ जाता था.
शायद उसने तब भी मेरे मन की बात जान ली थी.
उसने उस दिन मुझसे बस इतना कहा- दिब्बू, तुम्हारे मन में ये डर है कि बाहर किसी को ये बात पता ना चले, तो परेशान न हो. मुझ पर भरोसा करो.
मैं सुन कर एकदम से चौंक गयी.
जिस बन्दे को लेकर मैं प्यार में थी उसका नाम लव था.
उसने मुझसे ये बात अब कही थी मगर मैं भी लव से काफी पहले से प्यार करती थी.
उसका प्यार मुझे मिलेगा, ये नहीं पता था, बस करती थी.
आपको सुनकर हंसी आएगी कि मैं इतना भी नहीं जानती थी कि प्यार में क्या क्या होता है.
लव मेरे लिए एक ऐसा नाम था, जिसे याद मात्र करने से पूरे शरीर में बिजली दौड़ जाती थी.
लव के बारे में मैं आपको कुछ बता देती हूँ.
वो दिखने में स्मार्ट बन्दा था. उसकी लंबाई 5 फुट 6 इंच थी.
उसके लौड़े का नाप बताकर मैं अपनी बहनों की चूत की हालत और ज्यादा खराब करना नहीं चाहती लेकिन मैं इतना जानती हूँ कि एक बार उसका लंड कोई देख ले, तो वो हर हाल में उसका लंड लेने के लिए पागल हो जाएगी.
मेरे घर में छोटे छोटे भतीजे हैं. मैं उनकी नुन्नू देखती थी तो लगता था कि ये बस सूसू करने के लिए होती है.
बाद में पता चला कि इसका काम कितना महान होता है.
मध्यम वर्गीय परिवारों में लड़कियों के लिए अलग फोन तभी मिलता है, जब उनका बाहर आना जाना होने लग जाए, ताकि वो अपने घर के सम्पर्क में बनी रहें.
मेरी चुदाई में सहायता करने वाला फोन मेरी मम्मी का था.
मम्मी के फोन से लव से मेरी धीरे धीरे बात होने लगी.
आपको मैंने बताया कि मेरा लव एक जादूगर था. उसे ये बात बहुत अच्छे से पता थी कि क्या बात कब और कैसे शुरू करनी है.
ऐसे ही सामान्य बातें कब रोमांटिक होने लग गईं, कब फोन सेक्स होने लगा, पता ही नहीं चला.
मेरे मन में अपने लव से मिलने की बात तो आती थी, पर मैं उससे कह नहीं पाती थी.
जब वो मिलने की कहता तो मैं टालमटोल कर देती थी.
लेकिन कब तक करती.
फिर एक दिन आया, जब हम लोगों का मिलने का प्लान बना.
छोटे कस्बों में मिलने के लिए होटल तो होते नहीं हैं, शहर पास में था भी, तो भी हम लोग कभी हिम्मत नहीं जुटा पाए.
उसका घर कभी खाली नहीं रहता था.@desi_story
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2022-05-07 19:38:08 मेरी हरकतों से उसकी धड़कनें तेज तेज चलने लगीं.
धीरे धीरे मादक आवाजों से कमरा गूँज रहा था.
फिर मैं उसकी नाभि को लगातार किस करने लगा.
वो सिहर उठी.
तभी मैंने उसकी जींस को निकाल दिया और अपने कपड़े भी निकाल दिए.
वो अब मेरे सामने बस एक ब्लैक कलर की पैंटी में थी और वासना से तड़प रही थी, कांप रही थी.
नशे में उसका चेहरा लाल हो गया था.
आंखों में सेक्स की खुमारी साफ़ दिख रही थी.
तभी मैंने वहां रखे गुलाब के फूल को उठाया और उसको उसकी पैंटी के ऊपर से ही चूत को फूल से सहलाने लगा.
इससे उसकी तड़पन और बढ़ रही थी; चूत गीली हो गयी थी.
उसने मुझे आंखों से देखा तो मैं समझ गया कि इसका छेद देखने का समय आ गया है.
मैंने उसकी पैंटी की इलास्टिक में उंगलियां फंसा दीं तो उसने अपनी गांड उठा दी.
एक झटके से मैंने उसकी पैंटी को उतार दिया और झुक कर उसकी चूत की महक लेने लगा.
मैंने एक लम्बी सांस ली और फिर से उसकी गुलाबी चूत पर फूल को घुमाने लगा.
तभी अचानक उसकी चूत से पानी निकलने लगा और मैं अपनी जीभ से उसकी चूत को साफ़ करने लगा.
इससे वो एकदम से गर्मा गई और घूम गई.
मैंने उसे 69 में आते देखा तो अपना लंड उसके मुँह में डाल दिया.
वो लंड को चूसने लगी.
उसकी गर्म भाम्प मेरे लंड को बहुत ज्यादा आनन्द दे रही थी.
मैं भी उसकी चूत के दाने को अपनी गरम जीभ से सहलाने लगा और वो एकदम से तड़प उठी.
उसका हाथ मेरे लंड पर चलने लगा, मेरी गोटियों को वो मुँह से चूसने लगी.
मैंने अपनी पोजीशन सैट की और अपना लंड उसकी कुंवारी चूत में पेल दिया.
लंड पेलते ही उसके मुँह से इतनी तेज आवाज निकली कि मैं घबरा गया.
मैंने जल्दी से उसके मुँह पर अपना मुँह रख दिया और उसे किस करने लगा.
कुछ पल बाद मैंने उसकी चूत में एक और तेज झटका लगा दिया.
इस बार मेरा पूरा लंड उसकी चूत में पेवस्त हो गया था.
उसकी चूत की सील टूट चुकी थी., चूत से खून निकलने लगा और वो अचानक से ये देख कर डर गयी.
मैंने उसको समझाया कि ये कौमार्य झिल्ली टूटने की निशानी है.
वो समझ गई और मेरे सीने से लग गई.
मैं उसको तेज तेज झटके देते हुए चोदने लगा.
करीब सात आठ मिनट बाद वो झड़ गयी.
मैं लगा रहा.
फिर कुछ देर बाद मैं भी उसकी चूत में ही झड़ गया.
एक बार की चुदाई से ही हम दोनों काफी थक गए थे.
वो बोली- जान मैं न जाने कबसे तुमसे सेक्स करना चाह रही थी.
मैंने कहा- कभी इशारा तो दिया होता.
वो बोली- हां मैं इशारा न कर सकी लेकिन तुमने भी तो कभी मुझे कुछ नहीं कहा.
मैंने हंस कर उसे अपने सीने से लगा लिया.
इसी प्रकार हमने 2 बार सेक्स किया और मैंने उसको भरपूर खुश किया. मुझे भी बिहारी लड़की से सेक्स में बहुत मजा आया.@desi_story
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2022-05-07 19:37:43 मैंने कहा- तो दूसरे दिन अखबार में खबर पढ़ने को मिल जाएगी.
वो बोली- और वो क्या खबर होगी?
मैंने कहा- एक प्रेमी ने प्रेमिका की नापसंदगी के बाद पेड़ पर लटक कर आत्महत्या की.
वो एकदम से मेरे मुँह पर हाथ रख कर बोली- चुप पागल.
मैंने कहा- हां मैं पागल हो गया हूँ.
वो बोली- मैं इस पागल से मिलने जरूर आऊंगी. मगर कमरे में मिलूंगी. रेस्तरां में नहीं.
मैंने हामी भर दी.
उसने पूछा- कौन से होटल में आना है?
मैंने होटल का नाम बताते हुए कहा- समय लेकर आना … जाने की जल्दी मत मचाना.
वो सरगोशी से मेरे पास झुक कर बोली- कमरे में मिलने की बात कही है. मैं पूरा समय लेकर आऊंगी. कहो तो सारी रात के लिए आ जाऊं?
मैंने कहा- मुझे तुम्हारे साथ रात बिताने में और भी अच्छा लगेगा.
वो बोली- चलो देखती हूँ घर पर भी गोली देनी पड़ेगी कि सारी रात किस सहेली के साथ रहने वाली हूँ.
मैं हंस दिया और वो आंख दबा कर उठ गई.
इसके बाद वो चली गई और मैं भी अपने घर आ गया.
मैं बहुत खुश था.
फिर जैसे ही शाम हुयी, मैं तय शुदा होटल में पहुंच गया.
मैंने मैनेजर को एक कमरे में फूल और गुब्बारे लगाने को बोल दिया था.
होटल में मैंने मैनेजर से पूछा, तो मालूम हुआ कि कमरा एकदम रेडी है.
मैंने उससे कमरे की चाबी भी ले ली और चंचल के आने का इंतज़ार करने लगा.
तभी वो एक ऑटो से नीचे उतरी और होटल की लॉबी में आ गई.
मैंने कमरे की तरफ बढ़ना शुरू कर दिया.
आगे सुनसान था तो मैंने उसका हाथ पकड़ा.
वो शायद इसी इन्तजार में थी.
वो एकदम से मेरे गले से लग गयी.
उसकी चूचियां मेरे सीने से दब रही थीं मेरा लंड खड़ा हो गया.
उसकी गांड पर मैंने हाथ रख दिया और गांड की सख्ती देख कर मेरी हालत खराब हो गयी थी.
वो बहुत ही सुन्दर लग रही थी. उसने लाल रंग का टॉप और ब्लैक कलर की टाइट जींस पहन रखी थी.
अब मैं उसको कमरे की तरफ ले जाने लगा.
81c181bda00baaf97dd31f9a0114f8…
Mysterious Chest
Hurry up to open!
मैंने उससे कहा- जब तक मैं तुमसे आंखें खोलने की ना बोलूं, तुम आंखें मत खोलना.
वो ओके कह कर मेरी तरफ देखने लगी.
मैंने उसको रूम में अन्दर ले जाकर खड़ा कर दिया और एक गुलाब का फूल लेकर उसके सामने घुटनों पर बैठ कर प्रपोज़ कर दिया.
उसने आंखें खोल दीं और कमरा देख कर खुश हो गई.
मैंने उसे आई लव यू बोला.
उसने भी आई लव यू टू बोला.
मैंने उसको बैठने के लिए बोला और पूछा- क्या लोगी?
उसने कहा- आज मेरा मन वोडका पीने का कर रहा है.
मैंने उसके लिए वोडका और अपने लिए बियर मंगा ली.
मैं उसके लिए वोडका का पैग बनाने लगा.
फिर अपनी बियर को मग में डाला और चियर्स बोल कर हम दोनों ने सिप लेना शुरू कर दिया.
एक पैग हलक के नीचे उतार कर वो खुद अपना पैग बनाने लगी.
मैंने उससे पूछा- तुम्हारे इतने सेक्सी फिगर का क्या राज है?
वो हंस दी.
मैंने उसको पैग उठा कर दिया और वो पीने लगी.
उसके गुलाबी होंठ ऐसे लग रहे थे जैसे वोडका डालते ही उनकी चमक और बढ़ गयी हो.
वो अब थोड़े नशे में आ गई थी.
मैंने उससे किस करने के लिए बोला तो उसने हां बोल दी.
मैं उसको किस करने लगा और धीरे धीरे अपनी उंगलियां उसके बालों में फिराने लगा, उसके बालों को सहलाने लगा.
लगातार किस करने से वो गर्म हो गयी थी और वो भी उत्तर देने के लिए तैयार थी.
उसने भी मेरे होंठों को किस किया.
फिर हम दोनों ने एक दूसरे के मुँह में जीभ डाल दीं और मजा लेने लगे.
जीभ चूसने से हम दोनों की वासना भड़क उठी और उसी पल मैंने उसके मम्मों पर अपना हाथ डाल दिया.
उसने कुछ नहीं कहा तो मैं धीरे धीरे उसके दूध सहलाने लगा.
वो भी मेरे बालों को सहलाने लगी.
तभी मैंने उसके रेड कलर के टॉप को निकाल दिया और उसकी ब्लैक कलर की ब्रा के ऊपर से ही उसके बूब्स को किस करने लगा.
कुछ देर बाद मैंने उसके बड़े बड़े कबूतरों को उसकी टाइट ब्रा से आजाद कर दिया और उनका रस निचोड़ने लगा.
उसकी चूचियों के गुलाबी निप्पलों को जीभ से सहलाने लगा.
उसका फिगर साइज लगभग 32-28-34 का रहा होगा.@desi_story
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2022-05-07 19:36:54 कुंवारी क्लासमेट बिहारन लड़की को चोदा@desi_story
दोस्तो, मैं आपका प्यारा डेविड अपने सभी पाठकों का स्वागत करता हूँ.
मैं उम्मीद करता हूँ कि आपको मेरी कहानी बहुत पसंद आएगी.
ये बिहारी सेक्स कहानी मेरी और मेरी क्लास की लड़की के बीच के सेक्स की है.
ये दो महीने पहले की बात है. एग्जाम शुरू हो गए थे.
एक बेंच पर दो स्टूडेंट्स के बैठने की व्यवस्था की गई थी.
नसीब से मेरे बगल में एक बहुत ही हॉट और सेक्सी फिगर वाली लड़की बैठी थी. उसका नाम चंचल था और वो बिहार से थी.
उसकी चूचियां ऐसी थीं जैसे मानो पर्वत की चट्टान की तरह हों.
देखने में एकदम कड़क और ठोस ऐसी लगती थीं जैसे किसी ने उनको अभी तक छुआ भी ना हो.
उसकी गांड की तो पूरी क्लास दीवानी थी.
और दीवानी हो भी क्यों ना … वो सांवली सूरत वाली और एकदम कड़क माल थी.
जो भी उसकी गांड एक बार देख भर ले, तो लंड सलामी देने लग जाए.
चंचल मुझे देखती तो थी मगर मेरी गांड फटती थी कि कहीं साली भड़क न जाए.
वो दरअसल एक बड़े अधिकारी की लड़की थी और काफी मॉडर्न ख्यालात वाली लड़की थी.
चूंकि मैं पढ़ाई में काफी तेज था जिसकी वजह से मुझे सभी टीचर्स पसंद करते थे.
मेरी इस योग्यता से शायद चंचल भी प्रभावित थी.
उस दिन टीचर ने पेपर बांट दिया और सभी पेपर हल करने लगे.
एक घंटे में मेरा पेपर हो गया.
मैं फुर्सत था तो उसकी गांड को देख रहा था.
तभी अचानक उसने अपने बालों को अपने हाथ से जोर से झटका, तो वो मेरे चेहरे को स्पर्श कर गए.
आह मुझे तो मानो ऐसा लगा जैसे उन बालों में उसके जिस्म की खुशबू आ रही थी और वो मुझे अपने यौवन का रस पिलाने का न्यौता दे रही हो.
तभी मैंने टीचर से टॉयलेट जाने की इजाजत ली और टॉयलेट मैं अपने लंड को सहलाने लगा.
उधर चंचल की याद में मैं लंड जोर जोर से हिलाने लगा.
कुछ ही देर में मैंने लंड हिला कर रस छोड़ा और पैंट बंद करके बाहर आ गया.
फिर मैं अपनी सीट पर आकर बैठ गया.
मैंने हल्के से खांसा, उसी समय उसने मेरी तरफ देखा तो मैंने धीरे से उसको आई लव यू बोल दिया.
वो मुस्कुरा दी.
तभी मैंने कहा- एग्जाम के बाद कैंटीन पर मिलते हैं.
उसने होंठों पर हल्की सी स्माइल देते हुए हां में सर हिला दिया.
फिर मैंने मेम से कॉपी जमा करने की पूछी तो उन्होंने हामी भर दी.
मैंने कॉपी जमा की और एक बार उसकी तरफ देख कर आंख मारी और मैं कैंटीन पर उसका इंतज़ार करने लगा.
कुछ देर बाद वो मुझे दूर से ही आती दिख गयी.
मैंने दो कॉफ़ी आर्डर कर दी.
उसके आते ही मैंने उसको बैठने के लिए बोला.
वो इधर उधर देखती हुई बैठ गयी.
मैंने उसकी तरफ देखने लगा.
वो अपने पर्स में कुछ खोजने का बहाना करती हुई धीमी आवाज में बोली- ऐसे क्या देख रहे हो?
मैंने कहा- ज़न्नत.
वो मुस्कुरा दी.
उसी समय कॉफ़ी आ गयी.
कॉफ़ी पीते पीते मैंने उससे कहा- तुम्हारे लिए एक सरप्राइज है और वो सीक्रेट है. शाम को होटल में मिलते हैं.
वो बोली- क्या सरप्राइज है और ऐसे बार बार मुझे बुलाने के बहाने बंद करो.
मैंने कहा- वो बहाने तो तब ही बंद होंगे जब तुम परमानेंट मेरे पास आ जाओगी.
वो बोली- अच्छा इतनी आगे की सोच कर बैठे हो? क्या बात है.
मैंने कहा- मैंने तो न जाने क्या क्या सोच लिया है मैडम … बस आप साथ तो दो.
वो आखें नचाती हुई बोली- एकाध सपना मुझे भी सुनाओ कि क्या क्या सोचा है!
मैंने कहा- चलो शाम को आओ फिर सब बता दूंगा.
वो बोली- अगर मैं न आऊं तो!@desi_story
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