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deshi kahani

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श्रेणियाँ: वयस्क सामग्री (18+)
भाषा: हिंदी
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नवीनतम संदेश 12

2022-05-31 17:31:12 लड़कियां अपने पहले बॉयफ्रेंड से ज्यादा नफरत इसलिए करती है।






क्यों कि वो बन्दा दिल के साथ साथ सील भी तोड़ता है।
1.6K views14:31
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2022-05-29 17:27:18 मैंने अपनी उंगली से उन दोनों का दही लेकर चाटना शुरू कर दिया, फिर दोनों के लंड चाट चाट कर साफ़ कर दिए.
अब मैं थक गई थी तो थोड़ा लेट गई.
मैंने देखा कि 4 बज चुके थे.
मैं बोली- अब मैं चलती हूँ बाबा जी.
मैंने बाबा जी और उस्ताद जी को अपना नंबर दिया और कहा- अब जल्दी से नया फोन ले लो, हमारा मिलना जुलना लगा रहेगा.
मैं ये कह कर बाहर आ गई और थोड़ी दूरी पर जाकर रुक गयी.
मैंने देखा कि रमेश आ रहा है.
उसने आते ही मुझे किस किया और बोला- बड़ा मस्त चुदवाया तूने!
मैं बोली- हां यार, लंड ही ऐसे थे दोनों के … तूने फिल्म बनाई?
वो बोला- हां, गुरु बाबा सेक्स की पूरी वीडियो बना ली.
अब हम दोनों वहां से चल दिए.
दोस्तो, अब आप बताएं कि कैसी लगी मेरी गुरु बाबा सेक्स कहानी?
प्लीज़ कमेंट से ज़रूर बताएं.@desi_story
2.6K views14:27
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2022-05-29 17:26:49 उनके लंड में फूं फां तक नहीं हुई थी.
काफी देर बाद अब उस्ताद जी झड़ने वाले हो गए थे.
उस्ताद जी बोले- चूत में लेगी मेरा माल या मुँह में?
मैंने कहा- मुँह में.
मैं घूमी और मैंने उस्ताद जी के लंड को चूसना शुरू कर दिया.
उनका पानी एक तेज पिचकारी के रूप में मेरे गले में अन्दर जा गिरा.
मैं लंड का सारा पानी पी गयी.
कुछ देर बाद बाबा जी ने भी मुझे ऐसे ही चोदा और मैं उनका भी सारा पानी पी गयी.
थोड़ी देर बाद उस्ताद जी मुझे एक पेय दिया. जिसको पीते ही मुझमें नई ताकत का संचार हो गया.
अब उन दोनों ने एक एक करके मुझे फिर से चोदना शुरू कर दिया. वो दोनों बारी बारी से मुझे हचक का चोदते रहे.
अब दोपहर के 3 बज चुके थे और मैं अब तक उन दोनों से चार चार बार चुद चुकी थी.
मैंने कहा- अब मैं चलती हूँ उस्ताद जी.
वो बोले- एक बार दोनों से एक साथ और चुद ले, फिर चली जाना.
मैं समझ गयी कि उस्ताद जी मेरी गांड मारना चाहते हैं.
मैं बोली- उस्ताद जी, गांड में बहुत दर्द होगा.
वो बोले- पगली, मज़ा भी बहुत आएगा. फिर मेरे पास तो औषधियों का भंडार है. तुझे केवल मजा आएगा.
मैं बोली- ठीक है उस्ताद जी … आप आराम से करना.
उस्ताद जी बोले- तू पहले मेरा लंड चूत में ले. बाद में मस्त हो जाएगी तब गांड में ले लेना.
मैंने ऐसा ही किया.
उस्ताद जी ने मुझे कोकाकोला जैसे रंग का शर्बत पिलाया. वो बड़ी तेज गंध वाला था. उसे पीते ही मुझे मस्ती छाने लगी.
अब उस्ताद जी ने बाबा जी को इशारा किया कि वो अपना लंड मेरी गांड में पेल दें.
बाबा जी ने अपना लंड जैसे ही मेरी गांड में लगाया.
मैं बोली- थूक लगा कर करना बाबा जी … तब दर्द कम होगा.
बाबा जी ने थूक लगाया और एक ही झटके में लंड पेल दिया. बाबा जी का लंड मेरी गांड को चीरता हुआ अन्दर चला गया.
दर्द के मारे मेरी चीख निकल गयी. मैं रोना चाहती थी पर मैंने किसी तरह से अपने आपको रोक लिया.
अब बाबा जी आराम आराम से झटके लगाने लगे और मेरे दूध दबाने लगे.
तभी नीचे से उस्ताद जी भी आ गए और मेरी चूत में लंड पेल कर लग गए.
कुछ देर के दर्द के बाद अब मुझे बहुत मज़ा आ रहा था.
मैं- आअहह ओह चोद दो बाबा जी चोद दो उस्ताद जी … आंह अपनी रांड को एक साथ दोनों छेदों में मजा दे दो … आहह
फिर उस्ताद जी ने बाबा जी से कहा- अब मैं इसकी गांड में लंड दूंगा.
उन दोनों ने अपनी अपनी जगह बदल दी.
बाबा जी ने मेरी चूत में लंड पेल दिया और अपने दोनों हाथों से मेरी गांड फैला कर पूरी खोल दी.
उस्ताद जी ने मेरी गांड के फूल पर थोड़ा थूक लगाया और बाबा जी की तरह एक ही झटके में लौड़ा अन्दर कर दिया.
अब मैं अपने आपको रोक ना सकी और रोने लगी. मेरे आंसू गिरने लगे पर उन दोनों को कोई रहम नहीं आया.
वो मुझे धकापेल चोदते रहे.
मुझे भी कुछ देर बाद मज़ा आने लगा था. मैं मस्ती से उन दोनों का साथ देने लगी थी.
कुछ देर बाद उन दोनों ने एक साथ मेरे मुँह पर पानी निकाल दिया.@desi_story
2.5K views14:26
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2022-05-29 17:26:33 कुछ देर बाद हमें उस्ताद जी की झोपड़ी दिखने लगी.
रमेश झाड़ियों की आड़ में छिप गया ताकि बाबा जी उसको देख ना पाएं.
मैं झोपड़ी के अन्दर गयी.
वहां पर बाबा जी और उनके उस्ताद जी थे.
बाबा जी ने मुझे देखते ही कहा- आ जाओ … बैठ जाओ.
मैं उस्ताद जी की तरफ देखने लगी.
बाबा जी बोले- उस्ताद जी, ये वही कन्या है … मैंने जिसके बारे में आपको बताया था.
उस्ताद जी ने मुझे ऊपर से नीचे तक देखा और बोले- इसका जिस्म बहुत गर्म है.
बाबा जी बोले- हां गर्म तो बहुत है.
अब उस्ताद जी ने अपनी धोती अपनी जांघ तक ऊपर की और कहा- आ जा, बैठ जा मेरी जांघ पर.
मैं जाकर बैठ गयी.
उस्ताद जी ने एक हाथ मेरी गांड पर फेरना शुरू कर दिया और दूसरे हाथ से मेरे दूध मसलने लगे.
मैं गर्म होने लगी थी.
तभी बाबा जी ने कहा- आज से तू हम दोनों की रांड है.
मैंने हां में सिर हिला दिया.
28f07aab6dad50b917801032be7854…
उस्ताद जी बोले- मेरी रांड, चल अब नंगी हो जा.
मैंने कमीज़ निकाली और लैंगिंग्स उतार दी. अब मैं पैंटी और ब्रा में थी.
उस्ताद जी देखते ही बोले- बहुत ही मस्त जिस्म है तेरा!
मैं शर्मा कर हंस दी.
मैंने अपनी ब्रा खोली और अपने चूचों को आज़ाद कर दिया.
एक बार मैंने अपने चूचे बड़ी अदा से उन दोनों के सामने हिलाए तो उस्ताद जी का लौड़ा धोती के अन्दर लंगोट में फूलने लगा.
फिर मैंने अपनी पैंटी निकाली और मैं पूरी नंगी होकर नीचे बैठ गयी.
मुझे नंगी बैठी देख कर बाबा जी ने इशारा किया.
मैं अपने घुटनों के बल चलती हुई उस्ताद जी के पास आ गयी और उनकी धोती व लंगोट को खोलना शुरू कर दिया.
उस्ताद जी की धोती व लंगोटी को खोलते ही उनका नौ इंच का काला लंबा अजगर सा लंड मेरी आंखों के सामने था.
मैंने बिना सोचे लंड को मुँह में ले लिया और चूसने लगी.
उस्ताद जी मेरे मम्मों को मसल रहे थे और बाबा जी मेरे पीछे आ गए.
बाबा मेरी चूत को चाटने लगे. मुझे और ज्यादा मज़ा आने लगा.
कुछ देर बाद उस्ताद जी उठे और बाबा जी से कहा- अब मैं पीछे आता हूँ, तब तक तू अपना लंड चुसवा इससे!
मैं अब बाबा जी के लौड़े को चूस रही थी और उस्ताद जी अपना मोटा लंड मेरी चूत पर रगड़ रहे थे.
मुझे मोटे लंड की रगड़ से मज़ा आ रहा था. मैंने चूत को लंड से कुछ ज्यादा घिसा तो उस्ताद जी ने मेरी चूत के छेद पर लंड सैट कर दिया और एक धक्का दे मारा.
उस्ताद जी का अजगर नुमा मोटा लंड मेरी चूत की आधी गहराई में अन्दर घुस गया.
मेरी चीख निकल गयी- मर गयी मम्मी रे … आअहह ऑह निकालो मैं मर जाऊंगी … उस्ताद जी आपका बहुत मोटा है … मेरी फट गई.
पर उस्ताद ने मेरी एक ना सुनी और हल्के हल्के धक्के लगाने लगे.
कुछ देर बाद मुझे भी मज़ा आने लगा था.
मुझे मजा लेते देख कर उस्ताद ने एक और करारा धक्का दे मारा. इस बार उस्ताद का पूरा लंड मेरी चूत को चीरता हुआ अन्दर चला गया.
मैं- अऔच आहह निकालो ओ प्लीज़ आअहह …
पर उस्ताद जी नहीं माने और हल्के हल्के धक्के देते रहे.
अब मेरा थोड़ा दर्द कम हो गया और मुझे मज़े आने लगा. मैं भी उस्ताद का साथ देने लगी.
धकापेल चुदाई होने लगी.
मैं उस्ताद जी के लंड से दो बार झड़ चुकी थी मगर उस्ताद जी न जाने कौन सी औषधि का प्रयोग करते थे कि @desi_story
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2022-05-29 17:26:16 मेरे बॉयफ्रेंड ने दो बाबाओं से चुदवा दिया@desi_story
जैसा कि आपने मेरी पिछली सेक्स कहानी में पढ़ा था कि मैंने एक बाबा से अपनी चुदाई करवाई थी.
उनके लंड से चुदकर मुझे बड़ा मजा आया था. उनका लंड बड़ा मस्त था.
जब मैंने उनसे उनके लंड के लिए कहा था तो उन्होंने बताया था कि उनके भी एक उस्ताद हैं. उनका लंड और भी बड़ा है.
मैंने उस्ताद के बड़े लंड की सुनकर मन बना लिया था कि उनका लंड भी लेकर रहूँगी.
अब आगे गुरु बाबा सेक्स कहानी:
उस दिन मैं बाबा जी के लौड़े से चुदवा कर घर आ गई थी और उसी रात मैं व्हाट्सैप पर रमेश से चैटिंग कर रही थी.
तभी दरवाज़े पर किसी ने दस्तक दी.
मैंने उठ कर दरवाजा खोला तो सामने एक भिखारी था.
वो कुछ खाना मांगने के लिए आया था. वो भी मस्त लग रहा था मगर मैंने चूत की खाज को उस्ताद के लंड से मिटवाने की ठान ली थी तो मैंने भिखारी को खाना दिया और उसको बाद में आने का कह दिया.
उसके जाने के बाद मैं वापस चैटिंग पर लग गयी.
रमेश ने पूछा- इतनी देर बाद जवाब क्यों दिया?
मैंने उसे बताया कि एक भिखारी खाना मांगने आ गया था. उसे खाना देने चली गई थी.
तब वो एकदम से बोला- अरे, भिखारी से याद आया. तुमको उस बाबा के उस्ताद के पास कब चलना है?
उसने जैसे ही बाबा जी का नाम लिया, मेरी चूत में खुजली मचने लगी.
मैं चुदासी हो गई और उसे लिखा- तुम बताओ, कब चलना है?
उसने लिखा- कल ही चलते हैं.
मैंने कहा- ठीक है, कल सुबह जल्दी ही चलूँगी … लगभग 8 बजे.
रमेश ने ओके कहा और चैट बंद हो गई.
मैं बाबा जी की चुदाई को याद करके चूत रगड़ने लगी और कुछ देर बाद झड़ कर सो गई.
सुबह रमेश सही समय पर मेरे घर आ गया और हम दोनों जंगल की ओर चल दिए.
थोड़ा घने जंगल के अन्दर जाकर बाबा जी की झोपड़ी आ गई.
हम लोग अन्दर गए, तो बाबा नाश्ता बना रहे थे.
हम दोनों ने बाबा जी को प्रणाम किया.
बाबा ने घूम कर देखा और मुझको देखते ही उनकी आंखों में खुशी झलकने लगी.
बाबा जी ने हम दोनों को बैठने को बोला और चाय पीने को दी.
इसके बाद बाबा जी बोले- कैसे आना हुआ?
रमेश बोला- आपका धन्यवाद करने आए हैं.
बाबा बोले- धन्यवाद की कोई बात नहीं … इंसान ही इंसान के काम आता है.
तब रमेश मुझसे आंख मारता हुआ बोला- मैं कार में से वो सामान लेकर आता हूँ, जो हम बाबा जी के लिए लाए थे.
मैं बोली- हां जाओ, निकाल लाओ.
उसके जाते ही बाबा मुझ पर लपक पड़े और मेरे होंठों को पागलों की तरह चूसने लगे और मेरे मम्मों को मसलने लगे.
मैं भी गर्म हो गयी थी. मैंने ज़्यादा वक्त ना लगाते हुए अपनी लैंगिंग्स नीचे की और घोड़ी बन गयी.
बाबा ने भी वक्त ना गंवाते हुए अपना लंड मेरी चूत में पेल दिया.
मेरे मुँह से तेज आअहह निकलते ही बाबा जी ने अपने हाथों से मेरा मुँह बंद कर दिया.
अब बाबा जी तेज़ी से मुझे चोदने लगे और कुछ देर बाद झड़ गए.
चुदने के बाद मैं घूम गई और बाबा जी के लंड को मैंने चाट चाट कर साफ़ कर दिया.
चुदने के बाद मैंने अपने कपड़े ठीक किए और पूछा- बाबा, आपके उस्ताद जी कहां रहते हैं?
बाबा जी बोले- वो उस पहाड़ी के पीछे रहते हैं … वहीं उनकी झोपड़ी है.
मैंने कहा- तो बताओ, कब जाऊं उनके पास?
बाबा ने मुस्कुरा कर पूछा- उनसे क्या काम है?
मैंने बताया कि उनसे चुदवाने के लिए जाने का मन है.
बाबा बोले- एक काम कर, तू परसों आ जाना. मैं कल वहीं जा रहा हूँ. मैं उनके पास जाकर वहां उस्ताद जी को सब बता दूँगा. पर तू अकेली ही आना.
मैंने कहा- ठीक है.
बाबा आगे बोले- और आज से जरा जल्दी सुबह के समय आना, जिससे शाम तक तू अपने घर वापस जा सके.
मैंने कहा- ठीक है.
रमेश बाहर खड़ा ये सब सुन रहा था.
वो भी अन्दर सामान लेकर आ गया.
बाबा जी को सामान देकर हम लोग निकल गए.
रोड पर आते ही रमेश बोला- बाबा तेरा तो दीवाना हो गया है.
मैं हंसी और बोली- अब उस्ताद जी की बारी है. परसों उनके पास भी चलते हैं.
रमेश बोला- मगर बाबा तो तुझे अकेली आने की कह रहा था.
मैंने कहा- उसके कहने से क्या होता है. हम दोनों ही परसों सुबह निकलेंगे.
तयशुदा दिन को हम दोनों बड़ी भोर निकल गए.
रमेश ने उस जगह से काफी पहले अपनी गाड़ी रोक दी और हम दोनों पैदल चल दिए.@desi_story
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2022-05-29 15:50:41 इश्क की कोई मंजील नही होती साहब
.
.
बस वो राते खुबशुरत होती है जिन रातो
में चुदाई होती है.!!
@desi_story
2.2K views12:50
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2022-05-28 18:30:16 पर अंकल को मुझे छेड़ने में मजा आ रहा था; बोले- चुप कर रण्डी … साली इतने लोगों से अपनी चूत चुदवाती है … फिर भी प्यास नहीं बुझती तेरी? कितने लौड़े चाहिए तुझे प्यास बुझाने को? ले साली चूस इसे, चूस चूस कर पहले गीला कर!
और मेरे मुंह में अपना लन्ड पेल दिया।
मैं उसे फिर चूसने लगी।
अंकल आहें भरे जा रहे थे और मेरा सिर अपने लौड़े पर दबाते जा रहे थे।
फिर उन्होंने अपना लन्ड निकाला, मुझे टेबल पर लिटाया, लन्ड मेरी चूत पर रखा और जोर से धक्का मार दिया।
मैं चिल्ला उठी।
उनका आधा ही लंड मेरी चूत में घुसा था.
उन्होंने मुझे किस करना शुरू किया और फिर से धक्का मारकर पूरा लौड़ा घुसा दिया।
मेरी आंखों से पानी निकल रहा था।
वो थोड़ी देर रुके और फिर धीरे धीरे अपना लन्ड अंदर बाहर करने लगे।
थोड़ी देर के बाद मुझे भी मजा आने लगा और मैं भी अपनी गांड उठा उठा कर उनका साथ देने लगी।
अंकल धीरे धीरे रफ्तार बढ़ा रहे थे।
मुझे इतने बड़े लन्ड की आदत नहीं थी तो मुझे बहुत मजा आने लगा था और अंकल भी खूब तबियत से मुझे चोद रहे थे मानो बरसों से किसी को चोदा न हो।
इस चुदाई में हमें सुबह हो गई थी. मैं सुबह तक 4 बार और अंकल सेक्स में 2 बार झड़ चुके थे।
अब ऑफिस के एम्पलाइज का आना भी शुरू होने वाला था तो हमने एक दूसरे को लंबी किस करते हुए विदा किया और फिर मिलने का वादा करके वहाँ से बाहर आ गई।
अंकल ने रात वाले ड्राइवर को कॉल करके बुलाया और उसके साथ मैं अपने हॉस्टल वापस चली गई।
मेरी उस दिन इतनी चुदाई हुई थी कि मैं रूम पर जाकर सो गई।
मेरी अगली कहानी ‘चुदने जाते जाते गाड़ी में ही चुद गई’ में पढ़िए कि अंकल ने भेजी हुई कार के ड्राइवर ने मुझे गाड़ी में ही कैसे चोद डाला।@desi_story
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2022-05-28 18:30:16 थोड़ी देर में गाड़ी आ गई और मैं उसमें बैठकर अंकल के ऑफिस के तरफ जाने लगी।
उस गाड़ी का ड्राइवर कुछ 30 साल का होगा।
आदत से मजबूर कहो या चुदने ही जा रही थी इस कारण बोलो मैंने अपनी ब्रा नहीं पहनी थी।
रास्ते में गड्ढे होने के कारण गाड़ी बहुत उछल रही थी। उसी के साथ मेरे मम्मे भी उछल कूद कर रहे थे।
और इतने बड़े तरबूजों की उछलकूद को भला कौन नजरंदाज कर सकता था?
वो मुझे हवस भरी नजरो से देखने लगा।
अपनी किसी अन्य कहानी में लिखूंगी कि कैसे अंकल से चुदने जाते जाते गाड़ी में ही चुद गई लेकिन अभी इसी कहानी को आगे बढ़ाते हैं।
तो 2 बार चोदने के बाद ड्राइवर भैया ने मुझे अंकल के ऑफिस के बाहर छोड़ दिया और मुझे सुबह वापस ले जाने के लिए आने का वादा करके चले गये।
अब मैं अंकल के ऑफिस में पहुंच गई।
मैं वक्त से पहले वहा पहुंच गई थी।
देखा तो वहा कोई नहीं था।
पर केवल एक कमरे की लाइट्स जल रही थी और वहा से कुछ बातों की आवाजें भी आ रही थी।
मैंने सोचा क्यों न यूं ही झांक कर देखा जाए कि क्या हो रहा है?
जैसे ही मैंने उस कमरे में देखा तो मेरे अंदर करेंट सा दौड़ गया।
अंकल की सेक्रेटरी उनके कॉन्फ्रेंस टेबल पर पैर फैलाकर बैठी थी और अंकल उसकी चूत चाट रहे थे।
एक और उन्ही के उम्र के आदमी उसके मम्मे मसल रहे थे और उसे किस भी कर रहे थे।
मुझे भी काफी मजा आने लगा और मैं अनजाने में अपने स्कर्ट को उठाकर अपनी चूत को घिसने लगी और उसमे उंगली डालने लगी।
क्या मस्त चूत थी उसकी … और क्या मस्त चूस रहे थे अंकल उसकी चूत को।
वो सेक्रेटरी ‘आआ ह्हह मेरे राजा … चूसो इसे … इसका पूरा पानी निकल दो … आह्ह्ह्ह …’ करके सिसकार रही थी और अंकल मजे में उसे चूसे जा रहे थे।
दूसरे अंकल उसके मम्मे दबा कर उसका दूध पी रहे थे।
इधर मेरी हालत खराब हो गई थी।
और उधर वो सेक्रेटरी भी निहाल होने को थी.
तो मैंने अपने आप को ठंडा करके वहाँ से जाना ठीक समझा।
मैं वाशरूम गई।
वहाँ अपने आप को ठीक किया और अंकल को कॉल किया- हेलो देवेन जी, मैं आपके ऑफिस में आ गई हूं। मुझे कहां आना है?
देवेन- तुम रिसेप्शन में वेट करो। मीटिंग अभी बस थोड़े देर में खत्म हो जायेगी।
मैं- ठीक है जल्दी आइए, मैं आपका इंतजार कर रही हूं।
देवेन- ठीक है।
अंदर हो रही मीटिंग के बारे में सोच कर मेरी चूत गीली हो रही थी तो मैं उंगली डालकर उसे सहला रही थी और वहा पड़ी मैगजीन उठाकर पढ़ने लगी।
थोड़ी देर बाद वो सब लोग वहाँ से निकले।
अंकल मेरे पास आए और बोले- ये मेरे जर्मनी के क्लायंट हैं. इन्हें बाहर तक छोड़ कर आता हूं, तब तक तुम कॉन्फ्रेंस रूम में वेट करो।
मैं वहाँ जाकर अंकल का इंतजार करने लगी।
10 मिनट बाद वो अंकल आए और आते ही अपना लौड़ा दिखाने लगे।
उनका लौड़ा काफी सख्त हो चुका था।
वे बोले- देखो इसे क्या हो गया है. तुम्हें देखकर बिलकुल बैठ ही नहीं रहा है।
यह सुनकर मैं उनके लन्ड पर लपक पड़ी और भूखे की तरह उसे चूसने लगी।
अंकल के मुंह से सिसकारियां छूटने लगी- हाए मेरी रानी … क्या मस्त लन्ड चूसती हो तुम! आआअ ह्ह्ह मजा आ गया। और जोर से चूसो इसे, चूस कर सारी मस्ती निकल दो इसकी! आआह ह्ह मेरी रानी … क्या मजा आ रहा है उह्ह उम्मम्म!
कहते ही जोर से पिचकारी मेरे मुंह में छोड़ दी।
मैं पूरा पानी पी गई।
अब उन्होंने मुझे उस टेबल पर बिठाया और मुझे किस करने लगे।
हम दोनों एक दूसरे को बेतहाशा चूमने लगे।
साथ ही अंकल मेरे मम्मे भी दबाने लगे।
उन्होंने मेरे कपड़े उतार कर एक कोने में फेंक दिए और मुझे फिर से चूमने लगे।
मैं भी एक हाथ से अंकल का लन्ड ऊपर नीचे कर रही थी और उनका साथ दे रही थी।
अब तक मैं बहुत गर्म हो चुकी थी और अब मुझे मेरी चूत में लन्ड चाहिए था।
मैंने अंकल से कहा- प्लीज, मेरी चूत चोद दो आज! ओ मेरे अंकल जी … तुम्हारी इस प्यासी रण्डी की चूत की प्यास बुझा दो।@desi_story
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2022-05-28 18:30:16 र करने लगी।
समय काटने के लिए फोन चलाने लगी।@desi_story
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2022-05-28 18:30:16 इधर उधर की बातें करते करते बस में काफी अंधेरा हो गया था और बस की लाइट्स भी बंद थी।
तो मैं अपने मोबाइल में कोरियन सीरीज लगाकर देखने लग गई।
कुछ देर बाद उन अंकल ने कहा- मैं ऐसे अकेले बोर हो रहा हूँ, तुम जो देख रही हो वो मुझे भी दिखाओ।
मैंने एक हेडफोन निकालकर अंकल को दे दिया।
अब हम दोनों सीरीज देखने लग गए।
उस बस की सीटें छोटी थी तो अंकल और मेरे बदन एक दूसरे को छू रहे थे।
उस छुअन से मैं गर्म हो रही थी और शायद अंकल भी!
मैं उनके बदन से सटी हुई थी, उनके हाथ से मेरा हाथ लग रहा था।
और अचानक उन्होंने अपना हाथ मेरे हाथ पर फिराना शुरू कर दिया।
मुझे अच्छा लग रहा था तो मैंने मना नहीं की।
उससे उनकी हिम्मत बढ़ी और वो मेरे बड़े बड़े मम्मों को अपनी कोहनी से दबाने लगे।
और चूंकि मैं ब्रा नहीं पहनती, उन्हें इस बात का पता चल गया; वो अपनी कोहनी से और जोर जोर से मेरे मम्मे दबाने लगाने।
मैंने स्लीवलेस और गहरे गले का टॉप पहना था।
उन्होंने पहले शर्ट के ऊपर से ही मेरे मम्मे हाथ में लिए।
मेरा खरबूजा उनके एक हाथ में पूरा नहीं आ रहा था, फिर भी उन्होंने कस के मसल दिया।
मैं कराह उठी।
पर बस में होने के कारण किसी ने गौर नहीं किया।
यह देख कर उनकी हिम्मत और बढ़ गई और वो एक मम्मे को एक हाथ में और दूसरा अपने मुंह में लेकर चूसने लगे।
मैं अभी तक बहुत गर्म हो चुकी थी।
उन्होंने मेरा एक हाथ लेकर अपने पैंट के ऊपर रख लिया।
उनकी पैंट में बना तंबू देखकर में गीली होने लगी और अपना दूसरा हाथ मैंने अपने पैंट में डालकर मेरी चूत को सहलाने लगी।
यह देखकर अंकल जी को और जोश आया और वो मेरा चूचा छोड़कर मेरी चूत पर टूट पड़े।
उन्होंने एकदम से मेरी चूत में उंगली डाली तो मैं और गीली होने लगी।
वो वैसे ही मेरी चूत में उंगली अंदर बाहर कर के मुझे मजा दे रहे थे।
कभी 2 कभी 3 कभी 4 उंगली डालकर वो मुझे उंगलियों से चोद रहे थे।
और साथ ही मेरे मम्मे भी मसल रहे थे, चूस भी रहे थे।
इतने में कोई बस स्टॉप आया और कंडक्टर जोर से चिल्लाते हुए लाइट लगाने के लिए बढ़ने लगा।
हम एक दूसरे से अलग होकर बैठ गए।
उनका स्टॉप मेरे स्टॉप से पहले था।
जगह के कमी के वजह कुछ न कर पाने से उन अंकल ने अपना विजिटिंग कार्ड मुझे दिया और चोदने की इच्छा जाहिर करके अपने ऑफिस में बुलाया।
फिर वे अगले ही स्टॉप पर उतर गए।
मैंने उनका कार्ड तो ले लिया पर मुझे मौका कब मिलेगा ये सोचते सोचते मेरा स्टॉप आ गया और मैं उतर गई।
इसके बाद कॉलेज में शिक्षकों और गार्ड्स से चुदवाते चुदवाते मैं इस घटना के बारे में भूल गई।
मुझे अगली बार जब फिर कैंप के लिए जाना पड़ा. तब अचानक से मुझे उन अंकल की याद आई और मैंने उनका नंबर घुमाया।
वो उनकी ऑफिस का था।
उनकी सेक्रेटरी ने फोन उठाया- हेलो, विराज आर्किटेक्ट्स! जी मैं आपकी कैसे मदद कर सकती हूँ?
मैं- क्या मैं देवेन जी से बात कर सकती हूं?
सेक्रेटरी- सर अभी जरूरी मीटिंग में हैं. अगर कुछ मैसेज हो तो आप यहां छोड़ सकती हैं।
मैं- नहीं शुक्रिया. कब तक फ्री होंगे देवेन जी?
सेक्रेटरी- आधे घंटे में सर फ्री हो जायेंगे।
मैं- ठीक है। वो जैसे ही फ्री होते हैं, आप मुझे तुरंत कॉल करिए प्लीज!
सेक्रेटरी- ओके ठीक है … आपका नाम?
मैं- मिस मधु … उनसे कहिए कि नागपुर से लौटते हुए बस में की हुई डील के बारे में बात करनी है।
कॉल होने के बाद मैं उनके कॉल का वेट कर रही थी।
और वेट करते करते मुझे कब नींद लग गई पता ही नहीं चला।
काफी देर बाद जब नींद खुली तो देखा कि मेरे मोबाइल पर देवेन जी के काफी सारे मैसेजेस और मिस्ड कॉल्स हैं।
मैंने तुरंत उन्हे ऑफिस के नंबर पर कॉल किया।
यह कॉल देवेन जी ने उठाया।
मैंने अपना परिचय दिया- हेलो देवेन जी।
देवेन- अरे डार्लिंग, तुम कहां थी? कब से तुम्हारी कॉल का इंतजार कर रहा था मैं!
127c8c61244498f7e27e482c11bd9b…
मैं- मिस्टर देवेन, बस आप ही के बारे में सोच कर अपनी चूत को उंगली किए जा रही थी। क्या मुझे चोदने का ऑफर अभी भी चालू है?
देवेन- अरे मेरी रानी, तुम्हें चोदने के लिए तो कब से बेताब हूं। तुम्हारे नर्म नर्म मम्मे जोर जोर से दबाना चाहता हूं। तुम्हारी चूत में अपना लौड़ा देकर जमकर चोदना चाहता हूँ।
तुम्हारे रसीले होठों से मेरा लौड़ा चुसवाना भी चाहता हूं। बोलो डार्लिंग कब मिलोगी?
मैं- आज मिलें? वैसे भी मुझे चुदे काफी समय हो गया है।
देवेन- ठीक है, मेरे ऑफिस में आ जाओ। 10 बजे तक मेरी एक मीटिंग है। उसके बाद हम खूब मजे करेंगे। तुम 10 बजे तक मेरी ऑफिस में पहुंच जाना। मैं तुम्हें लेने के लिए तुम्हारे हॉस्टल पर कार भेज दूंगा।
मैं- ओके देवेन जी, मिलते हैं रात में!
अब चूंकि मैं हॉस्टल में रहती थी, मुझे रात में बाहर रहने में कोई आपत्ति नहीं थी।
और साथ ही मैंने अपने रूम मेट को इस बारे में बता दिया था तो किसी भी चीज की कोई दिक्कत नहीं थी।
मैं रात को मस्त सेक्सी सा लाल रंग का टॉप और ब्लैक स्कर्ट पहनकर तैयार हो गई और कार का इंतजा
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