2022-06-01 18:20:10
तब भी एक साल तक कुछ खास बात आगे नहीं बढ़ पाई.
मुझे ऐसा लगता था कि वो भी मुझे कुछ कुछ पसंद करती है और तिरछी नजरों से देखती है.
एक दिन घर पर सब लोग बाहर गए हुए थे और मेरी दीदी को भी अपनी कोचिंग में जाना था. @desi_story
उसी समय फौजिया मेरे घर पर पढ़ने के लिए आ गयी.
आज भी मेरे घर और पड़ोस के लोग मुझे इतना शर्मीला समझते थे कि मैं तो किसी लड़की की तरफ आंख उठा कर भी नहीं देखता.
फौजिया को मेरे घर आते हुए इतना समय बीत चुका था तो फौजी चाचा भी बेफिक्र रहा करते थे.
उस दिन मुझे अचानक से पता नहीं क्या हुआ, मैं तख्त पर बैठ कर उसे पढ़ा रहा था.
वो नीचे जमीन पर बैठ कर सवाल देख रही थी. उसकी कुर्ती में से उसके चूचे दिख रहे थे जो एकदम गदराए हुए लाल थे.
मैं उनमें इस कदर डूब गया कि मुझे ध्यान ही नहीं रहा कि वो मुझे देख रही है.
अचानक से उसने पूछा कि ऐसे क्या देख रहे हो?
मैं झेम्प गया.
वो ज़रा बोल्ड किस्म की लड़की थी, आर्मी स्कूल में पढ़ी थी.
उसने मुझसे कहा- ऐसे शर्माओ मत, बता भी दो.
उसके बहुत कहने पर मैंने बता दिया कि मैं तुम्हारे सीने को देख रहा था.
इस पर उसने इठला कर पूछा- कैसे हैं?
मैं समझ गया कि लड़की कुछ ज्यादा ही बोल्ड है और हरी झंडी दे रही है.
मैंने हाथ बढ़ा कर उसके एक चूचे को दबा दिया.
इस पर वो भड़क गई और मुझे डांटने लगी.
मैं डर गया और उसके पैर पकड़ कर माफी मांगने लगा कि गलती हो गयी.
मैंने उससे कहा कि वो ये बात किसी को न बताए.
इस पर उसने कहा- ठीक है, पर तुम्हें मेरा काम करना होगा.
मैंने कहा- कौन सा काम?
वो- जो भी मैं बोलूंगी.
मैंने शर्त मान ली.
अब शुरू हुई मेरी उस लड़की की गुलामी.
वो हमेशा मेरा इस्तेमाल करने लगी.
कभी मुझसे अपना होमवर्क करवाती, कभी अपना काम.
यहां तक अपने घर का झाड़ू पौंछा तक!
ऐसा करते हुए 6 महीने से अधिक बीत गया और उसके दिमाग में घुस गया था कि ये तो मेरी सारी बातें मानता है.
ठंड के मौसम में मेरा बर्थडे आया.
उसने मुझसे पूछा- तुम्हें क्या गिफ्ट चाहिए?
वो अपने बाप की इकलौती लड़की थी, तो उसके पास पैसों की कोई कमी न थी.
मैंने कहा- जाने दो, जो मैं मांगूगा, वो तू दे नहीं पाएगी.
इससे उसका इगो हर्ट हो गया.
उसने कहा- मैं अपने मम्मी पापा की कसम खाकर कहती हूँ, तुम जो मांगोगे मैं वो दूंगी.
इस तरह उससे पक्का वादा लेकर कि वह किसी भी कीमत पर पीछे नहीं हटेगी.
मैंने उससे कहा- मैं तुम्हें एक महीने तक हर रात चोदना चाहता हूँ … और इन सारी रातों में तुम मेरी गुलाम रहोगी. मैं जो भी कहूंगा, बिना मना किए मानोगी.
उसने पहले तो मुझे एक थप्पड़ रसीद किया और बोली- मैं तुम्हें ऐसा नहीं समझती थी.
फिर वो मुझे बर्थ विश करके और गिफ्ट देकर चली गई.
मुझे भी लगा कि यार मैंने इससे कुछ ज्यादा मांग लिया था; शायद एक किस मांगता तो ये दे भी देती.
फिर कई दिनों तक मेरी उससे बात नहीं हुई.
एक दिन उसने मुझसे बात की और बोली- घर आओ, तुमसे कुछ बात करनी है.
वार्षिक परीक्षाएं नजदीक आ रही थीं. मैंने समझ लिया कि बंदी की फंसी पड़ी है.
मैंने कहा- मुझे थप्पड़ याद है, शायद तुम्हें भी उस थप्पड़ की वजह याद होगी.
वो बोली- हां मुझे सब याद है कि तू एक नम्बर का हरामी है.
मैंने कहा- तो हरामी को क्यों बुला रही है … हरामी तो अपना हरामीपन पूरा करना चाहता ही है. तू बड़ी वचन से बंधी हुई है, बड़े वादे निभाने की बात पूरी करती है.
उसने समझ लिया कि मैं क्या कह रहा हूँ.
वो बोली- ठीक है, मैं अपना वादा पूरा करूंगी.
उसने बताया- मेरे पापा बीमार हैं और मम्मी 15 दिनों के लिए पापा के पास जा रही हैं. इन पन्द्रह दिनों तक मैं तुम्हारे ही घर रहने वाली हूँ.
मैं समझ गया कि अब ये चुदवाए बिना नहीं रहेगी.
मेरी और फौज़िया की चुदाई का रास्ता साफ था.
फिर चुदाई के खेल की शुरूआत हुई.
वो दिन भी करीब आ गया जब उसकी मम्मी मुझसे रात में उसके घर पर सोने के लिए बोल कर छोड़ कर चली गईं.
मतलब अब मैं फौजिया और उसकी बुड्डी दादी ही घर में रहने वाली थीं.
फौजिया की दादी लगभग हमेशा बिस्तर पर ही रहती थीं, उन्हें पकड़कर चलाना पड़ता था.
मैंने फौजिया से चुदाई की बातें कर रखी थी.
अब उनका प्रेक्टिकल शुरू होना था.
फौजिया एक साढ़े पांच फिट हाईट की दूध सी गोरी लड़की थी.
जब वो नंगी हुई तो उसके 32 इंच के एकदम गोल गोरे चूचे थे.
चूचों पर भूरे निप्पल एकदम कयामत लगते थे.
उसकी बलखाती 30 इंच की कमर और 34 इंच की उठी हुई गांड कमाल की थी.
एक गोरी और बिना बालों की सफाचट फूली हुई चूत और गांड की मालकिन मेरे सामने नंगी चुदने के लिए राजी थी.
गोरी चूत की मस्त फांकें, जिसमें से झांकता हुआ लाल दाना. पूरे शवाब पर लुकलुक करता गांड का भूरा छेद मुझे उत्तेजित कर रहा था.
अगले भाग में मैं फौजिया की चुत की सीलतोड़ चुदाई की कहानी का मजा लिखूँगा;@desi_story
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