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deshi kahani

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नवीनतम संदेश 11

2022-06-05 18:40:32 मैंने यहां वहां देखा तो कोई नहीं था।
एकदम से मैंने उसको अपने पास खींच लिया और बांहों में लेकर उसको किस करने लगा।
वो घबरा गई और एकदम से हाथ छुड़वाकर बोली- ये क्या कर रहे हो?
मैं बोला- तुम्हीं तो कह रही थी कि कुछ भी करोगी, अब करने दो मुझे, नहीं तो मैं तुम्हारे घर में बता दूंगा कि तुम चोरी करती हो।
उसकी सांसें तेज चल रही थीं।
मैं बोला- करोगी? बोलो?
उसने हां में गर्दन हिला दी और मैंने फिर से उसको अपनी बांहों में खींच लिया।
मैं उसके होंठों को चूमने लगा और वो भी मेरा साथ देने लगी।
अब मेरे हाथ उसके बूब्स पर पहुंच गए और मैं जैसे पागल सा हो गया।
उसकी चूचियों पर हाथ फेरते और दबाते हुए मैं इतना मजा ले रहा था कि बस चोद चोदकर उसकी चूत फाड़ने का मन कर रहा था।
अब मैंने उसको अपने बदन से चिपका लिया और उसके सूट के ऊपर से पीछे हाथ ले जाकर उसके चूतड़ों को भींचने लगा।
मेरे मुंह से आह् … स्स … आह् … स्स … जैसी हल्की आहें निकल रही थी।
वो भी मेरी बांहों में कसमसा रही थी।
मैंने धीरे से उसके कान में उसका नाम पूछा- क्या नाम है तुम्हारा?
वो कसमसाते हुए बोली- नौशीन।
मैं बोला- आह्ह नौशीन … तुम बड़ी सेक्सी हो … क्या मस्त फिगर बनाया है भगवान ने!
वो बोली- कोई देख लेगा यहां खुले में!
मैंने कहा- तो फिर कहीं सही जगह चलते हैं।
दोस्तो, मेरा मन तो नहीं कर रहा था उसको छोड़ने का … लेकिन उसकी बात भी सही थी।
वहां खुले में चुदाई करना बिल्कुल भी खतरे से खाली नहीं था।
मैंने उसके कोठरी में चलने के लिए कहा।
वहां खेत में एक कोठरी बनी हुई थी जिसका कोई दरवाजा नहीं था लेकिन थोड़ी देर के लिए किसी की नजरों से बचकर उसके अंदर चुदाई का मजा तो लिया ही जा सकता था।
हम दोनों कोठरी की ओर चल पड़े।
तेज कदमों से चलते हुए हम दोनों कोठरी में पहुंचे और अंदर जाते ही फिर से एक दूसरे से लिपटने लगे और एक दूसरे के होंठों को चूसने लगे। अब मुझे सब्र नहीं हो रहा था और मैंने उसके कुर्ते के अंदर हाथ ले जाकर उसके पेट से होते हुए उसकी सलवार में हाथ घुसा दिया।
नीचे से उसने चड्डी पहनी हुई थी।
उसकी चड्डी में हाथ देकर मैंने चूत को पकड़ लिया और उसको ऊपर नीचे करते हुए हथेली से सहलाने लगा।
मैंने पाया कि उसकी चूत में गीलापन आ गया था जिससे मेरा जोश और ज्यादा बढ़ गया।
एक हाथ से मैंने उसकी गांड को भींचना शुरू कर दिया और दूसरे हाथ से उसकी चूत को सहलाता रहा।
वो भी अब सिसकारियां ले रही थी और अपनी चूत को खुद से भी मेरी हेथली पर रगड़ने की कोशिश कर रही थी।
मैं जान गया कि उसके अंदर भी चुदाई की प्यास है।
फिर मैंने उसकी चूत में उंगली दे दी जिससे वो एकदम से उचक कर मुझसे लिपट गई।
उसकी चूचियां मेरी छाती से सट गईं।
मैंने उसका एक हाथ पकड़ा और अपने पजामे पर रखवा दिया।
मेरे गर्म लौड़े पर उसका हाथ पड़ा तो वो एकदम से सकपका गई और शर्माने लगी।
मैं बोला- शर्मा क्यों रही हो, मजा आएगा तुम्हें, इसे सहलाकर देखो।
फिर वो धीरे धीरे मेरे पजामे के ऊपर से मेरे लंड को पकड़ कर उसको हल्के हल्के से सहलाने ली।
मेरा जोश और ज्यादा बढ़ गया।
मैंने अपना पजामा खोल दिया और नंगा लंड उसके हाथ में पकड़ा दिया।
अब उसे भी मजा आने लगा और वो मेरे लंड की मुठ मारने लगी।
मुझे लगा कि ये भी अब पूरे मूड में आ गई है।
मैंने उसको घुटनों पर बैठने के लिए कहा तो वो बैठ गई; मैंने लंड को उसके सामने कर दिया और मुंह में लेने के लिए कहा।
वो बोली- छी, गंदा होता है!
मैं- अरे एक बार लो तो सही … मजा आएगा। मेरी बात मानकर देखो। और जल्दी करो … वरना दोनों पकड़े जाएंगे।
उसने फिर मरे मन से मेरे लंड को मुंह में भरा और चूसने लगी।
मगर थोड़ी देर बाद ही उसको लंड चूसने में मजा आने लगा और अब वो मस्त होकर मेरी चुसाई करने लगी।
कुछ देर लंड चुसवाने के बाद मेरा लौड़ा और कड़क हो गया।
अब मैं ज्यादा रिस्क नहीं ले सकता था क्य़ोंकि जोश बहुत बढ़ गया था और मैं झड़ भी सकता था।
मैंने उसको उठाया और उसके शर्ट को ऊपर कर दिया।
उसने नीचे ब्रा भी नहीं पहनी हुई थी।
मैंने उसको दीवार से सटा लिया और उसकी चूचियों को पीने लगा।
9ff1e5242bf23892191894f1f17997…
वो भी कामुक होकर मेरे सिर को अपनी चूचियों में दबाने लगी।
अब मैंने उसकी सलवार खोलना शुरू कर दिया।
उसकी सलवार खुलकर नीचे गिर गई और मैंने अपना लंड उसकी चूत पर सटा दिया। @desi_story
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2022-06-05 18:40:01 बाजरे के खेत में लेजाकर चोदी देसी कमसिन चूत@desi_story
दोस्तो, मेरा नाम राजेश है। मैं खेडा (नाडियाड) का रहने वाला हूं।
मेरी उम्र 22 साल है। मैं दिखने में भी अच्छा हूं।
मेरे लंड का साइज 7.5 इंच है। मैं किसी भी लड़की या आंटी को खुश कर सकता हूँ।
मेरा सेक्स करने का स्टेमिना भी अच्छा है और मैं बहुत देर तक चुदाई कर सकता हूं।
आपको बता दूं कि मैं अन्तर्वासना का काफी पुराना और नियमित पाठक हूं।
मुझे अन्तर्वासना हिन्दी सेक्स कहानियां पढ़ना बहुत मजा देता है।
एक दिन मैंने सोचा कि मैं आप लोगों को अपने साथ हुई एक घटना के बारे में भी बताऊं।
इसलिए मैंने ये कहानी लिखने का फैसला किया।
मैं आपका ज्यादा समय नहीं लूंगा और सीधे देसी गांड की खेत में चुदाई पर ही आ जाता हूं।
यह कहानी खेत में लड़की की चुदाई की कहानी है।
ये उन दिनों की बात है जब कोरोना का लॉकडाउन चल रहा था और हर कोई अपने घर में बैठा हुआ था।
मैं हर दिन सुबह 6:00 बजे उठकर खेत में जाया करता हूं।
ऐसा हर दिन चलता है।
तो मैं एक दिन जब खेत में 6:00 बजे आया तो मैंने क्या देखा कि एक लड़की, थोड़ी सांवली सी, मीडियम हाइट की होगी और उसकी चूची करीब 32 की और कमर 28 की और गांड 34 के करीब थी, हमारे खेत में दिखाई दी।
मैं उसे देखता ही रह गया।
उसके खुले बाल थे और उसने जो ड्रेस पहन रखा था वो सलवार कमीज था। उसने सर पर कपड़ा लपेटा हुआ था और उसकी कपड़े से अपना आधा चेहरा भी ढका हुआ था.
वो मुझे देखकर वहां से जाने लगी तो मैंने पूछा- कौन हो तुम, यहां खेत में क्या कर रही हो?
तो वो बोली- कुछ नहीं, मैं तो यहीं पास में ही रहती हूं।
मैंने कहा- कपड़ा हटा कर शक्ल दिखाओ.
तो उसने अपने चेहरे और सर पर से कपड़ा हटा दिया.
लड़की सुंदर थी.
फिर अगले दिन वो दोबारा से मुझे खेत में मिली।
हमारे खेत में आम का पेड़ था और वो उस पर से आम तोड़ने की कोशिश कर रही थी, मुझे आते देख वो वहां से जल्दी से सरक कर भागने लगी।
तभी मैंने उसको आवाज देकर रोक लिया।
वो रुक गई।
मेरे पास आने पर वो माफी मांगने लगी।
मगर मुझे गुस्सा आया हुआ था क्योंकि कच्चे आम थे और उसने कई आम खराब कर दिए थे।
वो कहने लगी- मैं दोबारा कभी आम नहीं तोडूंगी।
लेकिन मैंने उसको वहीं पर खड़ी रखा।
फिर वो बोली- मुझे जाने दो, आप जो बोलोगे, मैं करूंगी।
उसकी ये बात सुनकर मेरे मन में एकदम से वासना जाग उठी।
मैं उसके बदन को घूरने लगा।
उसने टाइट सूट पहना हुआ था और उसकी चूचियां उसमें कसी हुई थीं।
उसकी गांड देखकर मेरा मन उसको चोदने का कर रहा था।
मैं उसे वासना भरी नजरों से ऊपर से नीचे तक घूर रहा था।
मैंने उसके कंधे पर हाथ रखा और कहा- सोच लो? कुछ भी करोगी?
वो बोली- हां, कुछ भी करूंगी।@desi_story
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2022-06-05 13:06:56 करीब 20 मिनट बाद फिर से वही सफेद तरल पदार्थ निकला.
इस बार मैंने उस सफेद पानी को देख लिया.
मैं अपने हाथ में उस रस को लेकर अपनी नाक के पास ले गया, तो उस पानी से काफी अजीब सी महक आ रही थी.
कुछ देर बाद मैं फ्रेश होकर स्कूल जाने की तैयारी करने लगा.
फिर मैं स्कूल आ गया और वहां मैंने अपने दोस्त को रात वाली बात बताई.
मेरे दोस्त ने कहा- यह जो पदार्थ तुम्हारे लंड से निकला था, उसे वीर्य कहते हैं.
मैंने कहा- इस सबमें तो बहुत मजा आया यार!
मेरे दोस्त दीपू ने भी कहा- रात को मैंने ब्लू फिल्में देख कर दो बार मुट्ठ मारी और तब मुझे चैन की नींद आई.
मेरे एक दोस्त ने कहा- तुम कोई चिकना पदार्थ या तेल लगाकर मुठ मारोगे, तो तुम्हें और भी मजा आएगा. इससे तुम्हारा लंड और खड़ा हो जाएगा और गर्म भी बहुत हो जाएगा.
स्कूल से आने के बाद शाम को मैंने खाना खाया, फिर सोने की तैयारी करने लगा.
कुछ देर बाद मैं पानी पीने के बहाने नीचे आया और मम्मी की सिंगारदानी से वैसलीन की डिब्बी ले ली.
कुछ देर में सभी लोग सो गए.
करीब 11:00 बजे मैंने दोनों तरफ देखा, तो सभी लोग सो रहे थे. मैंने अपने पैंट से वैसलीन निकाली और अपना पैंट नीचे उतार कर अलग रख दिया.
मैंने अपने आपको चादर के अन्दर लिया और चड्डी को भी नीचे उतार दिया.
मैंने वैसलीन की डिब्बी से थोड़ी सी वैसलीन निकाल कर लंड के ऊपरी भाग में लगाई और धीरे धीरे अपने लंड को सहलाने लगा.
कुछ एक मिनट बाद मेरा लंड लोहे जैसा कड़क और गर्म हो गया.
मुझे मजा आने लगा.
मैं तेज तेज लंड हिलाने लगा और उसमें से पट पट पट की आवाज आने लगी.
मैंने अपने दोनों तरफ देखा तो सभी लोग सो रहे थे.
मैं और जल्दी-जल्दी लंड हिलाने लगा, मुझे और मजा आने लगा.
करीब 15 मिनट बाद मेरा शरीर अकड़ने लगा और लंड से जोरदार पिचकारी निकली.
आज कल से ज्यादा वीर्य निकला था और आज, कल से ज्यादा मजा भी आया था.
कुछ देर बाद मेरा एक बार फिर से मूड बन गया.
मैंने वैसलीन की डिब्बी से पूरी वैसलीन अपने लंड पर लगा ली और फिर से जल्दी-जल्दी लंड हिलाने लगा.
इस बार और ज्यादा फटफट की आवाज आने लगी और इस बार कुछ मिनट बाद झड़ गया.
आज बहुत मजा आया. फिर मैंने अपनी अंडरवियर से लंड को पौंछकर कपड़े पहन लिए और सो गया.
अब यही कार्यक्रम रोज होने लगा.
फिर मेरे चाचा जी ने बड़ी दीदी को एक स्मार्टफोन खरीद दिया जिससे वह पढ़ाई किया करती थी.
रात को मैं उनसे गेम खेलने के बहाने फोन लेकर उसमें ब्लू फिल्म देखा करता था और उसी फोन के ऊपर मुट्ठ मार लिया करता था.
एक दिन मैंने जैसे ही ब्लू फिल्म खोलने के लिए गूगल खोला तो उसमें कल वाली ब्लू-फिल्म चलने लगी.
मैंने ध्यान दिया कि मैंने तो पेज बंद कर दिया था, फिर ये कैसे खुल गया.
अचानक से मुझे लगा कि मेरी बहन ने मेरी सर्च हिस्ट्री को देख कर ऐसा किया है.
अब मैं बहुत घबरा गया था कि मेरी बहन ने मेरी करतूत पकड़ ली है.
कुछ देर सोचने के बाद मैंने गूगल की हिस्ट्री को खंगाला तो मुझे ढेर सारी साइट्स दिखने लगीं.
मैंने उसमें देखा कि एक भाई बहन सेक्स की फिल्म भी थी.
उसमें विदेशी पोर्न में भाई बहन की फिल्म थी.
मैं देखने लगा और मजा लेने लगा.
कुछ देर बाद मुझे होश आया कि मेरी बहन भी इस तरह की ब्लू-फिल्म देखने का मजा लेती है.
पहले तो मुझे कुछ अजीब सा लगा क्योंकि हमारी संस्कृति में भाई बहन के बीच ऐसा करना सिखाया ही नहीं जाता है.
फिर मैंने और देखा तो अन्तर्वासना का पेज खुल गया; उसमें भाई बहन के बीच चुदाई की तमाम सेक्स कहानी पढ़ने को मिलीं.
उनसे जाना कि भारत क्या संसार के हर देश में सेक्स में सिर्फ लंड चूत का ही रिश्ता होता है. भाई बहन या मां बेटे के बीच सेक्स सामान्य सा दिखा.
अब मेरी सोच बदलने लगी थी.
तब भी मेरे अन्दर इतनी हिम्मत नहीं थी कि मैं अपनी बहन के साथ सेक्स जैसी कुछ बात कर सकूँ.
मैं सब कुछ भूल कर सेक्स कहानी पढ़ने लगा और उस दिन भी मैंने अपने लंड से दो बार पानी निकाला और सो गया.
मुझे अब इस सबमें बहुत मजा आने लगा था.
दोस्तो, जो मजा उस समय मुझे आता था, वह आज तक नहीं आया. यही मेरा रोज रात का काम हो गया था. मुझे बहुत मजा आने लगा था.
हालांकि मेरी बहन ने भी मुझसे कुछ नहीं कहा.
मगर हम दोनों के बीच इस बात की जानकारी हो गई थी कि हम दोनों ही अपनी वासना को शांत करने के लिए पोर्न मूवी का सहारा लेते हैं.
अब मैं रोज रात को ब्लू फिल्म देखकर मुठ मारने लगा था, जिससे कि मेरा लंड बढ़कर लम्बा मोटा भी हो गया.
अभी लंड में लगातार वृद्धि हो रही है. आप सभी प्लीज़ बताएं कि मैं अपनी बहन के लिए क्या सोचूं और क्या करूं.
दोस्तो, मेरी फर्स्ट टाइम मास्टरबेशन की गर्म सेक्स कहानी आपको कैसे लगी, प्लीज कमेंट में जरूर बताएं.@desi_story
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2022-06-02 14:54:38
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2022-06-01 18:30:35 इस पर मैंने उससे कहा- जान तुमने एक कहावत नहीं सुनी है. जैसी बुर रानी की, वैसी बुर कानी की … इस खेल में जान और रंडी कुछ भी बोलो, ये गेम ही है डर्टी प्लेजर का. तुम भी मुझसे गंदी बात करो.
वो मना करने लगी.
मैंने उससे कहा- आका का हुक्म मानो और जो बोलता हूं … उसे फिर से बोलो कि हां मैं तुम्हारी रंडी हूं, बना दो मेरी चूत का भोसड़ा, मेरी गांड चूत सब तुम्हारी लंड की प्यासी है. मैं जिंदगी भर तुम्हारी रखैल बन कर रहूंगी. मुझे हमेशा अपनी गुलाम रखैल की तरह रखना … और वैसा ही व्यवहार करना. मैं हमेशा तुम्हारे बिस्तर पर तुम्हारी हवश को पूरा करने के लिए बिछी रहूंगी. मेरे सारे छेद तुम्हारे लिए खुले हैं.
इस तरह मैंने उसे रात भर गंदी बातों की ट्रेनिंग दी और आगे के लिए मानसिक तौर पर तैयार करता चला गया.
उस रात उसने कहा- पता है हमें हमारा दिल मिलाने का तरीका पता चल चुका है. हम प्यार करने वाले कपल बन गए हैं. जब तुम मेरे नंगे चूचों से खेलते हो, तब चूत भी दिल के साथ धड़कती है. जब लंड चूत में समा जाता है, तो दो दिल मिल जाते हैं.
मैंने उसका दिल रखने को कह दिया- हां सही बात है.
इधर प्यार व्यार का भोसड़पन किस चूतिया को करना था. चूत मिली थी तो चोदचाद कर अगली चूत के लिए देखना था.
इस तरह से हमारी चुदाई का सिलसिला चल निकला.
अब मैं आप लोगों के प्रेम का आकांक्षी हूँ, अगर फर्स्ट टाइम Xxx कहानी पसंद आयी हो … तो बहुत सारा प्यार दें ताकि आगे की Xxx कहानी लिखने का हौसला बना रहे.@desi_story
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2022-06-01 18:29:45 करके रखना.
मैं कल के जैसे ही रात को उसके कमरे में पहुंचा.
आज कुछ काम आसान था.
थोड़ी देर उसके नंगे चूचों से खेल कर तकिया लगा दिया और उसकी चूत की फांकों को सहलाया.
मैंने उससे अपना लंड सहलाने को कहा जो उसने काफी बेदर्दी से किया.
शायद वो अपनी चूची पर दिखायी बेदर्दी का बदला ले रही थी.
फिर ढेर सारा सरसों का तेल चूत के छेद में डाला और मैं दो उंगली घुसा कर अन्दर बाहर करने लगा.
वो- सी सी आह आह क्या कर रहे हो अनन्त!
ऐसा कह कर मदमस्त वो आंहे भरने लगी.
एक बार तो वो उठ कर मुझे जोर से पकड़कर चुम्बन करने लगी.
फिर मैंने तीन उंगलियां डालीं तो उसे दर्द होने लगा.
मैंने मन में कहा कि ठीक है, बहुत हो गया. अब लंड महाराज को गुफा के दर्शन कराए जाएं.
मैंने ढेर सारा तेल लगा कर उससे अपने लंड की अच्छी मालिश कराई और उससे लंड पर चुम्बन भी दिलवाया.
जब उसकी सांसें मेरे लंड को छू रही थीं तो लंड में एक अजीब सी कसक उठ रही थी.
फिर मैंने झटके से लंड अन्दर को धकेला और अपनी टी-शर्ट मरोड़ कर उससे बोला कि ले इसे अपने दांतों से दबा ले.
साथ ही ये भी कहा कि मेरा लंड चूत के छेद में सैट कर ले.
उसने ऐसा किया.
मैंने उसे पकड़कर पूरी ताकत से लंड पेल दिया. मेरा लंड आधा से ज्यादा चूत में घुस गया.
उसने चादर को अपनी मुट्ठी से भींच लिया और टी-शर्ट को कसके दबाए रखा.
उस पर दर्द साफ झलक रहा था और इधर मेरे लंड में कसी हुई चूत की जकड़न के कारण दर्द हो रहा था.
मैंने हिम्मत करके पूरा लंड चूत में ठांस दिया और उसके ऊपर लेट गया.
उसने कराहते हुए कहा- आह मुझे बहुत दर्द हो रहा हो …. मार ही डालोगे क्या!
मैंने कहा- दर्द मुझे भी हो रहा है.
वो बोली- तो रहने दो.
पर मैंने अपने कमीने दोस्तों से सीखा था कि अगर पहली बार में रूक गए तो काम गड़बड़ है इसलिए जैसे तैसे मैंने फर्स्ट टाइम Xxx चुदाई को जारी रखा.
कुछ ही देर में मैंने चूत में पानी गिराया और उसके बगल में ढेर हो गया.
हम दोनों की हालत खराब थी.
कुछ देर बाद हम दोनों बाथरूम में जा कर साबुन से अच्छे से साफ हो गए.
उस रात दुबारा चुदाई नहीं हुई.
मगर मैंने एक नया खेल खेला; उसकी चूत की चुसाई शुरू कर दी.
दोस्तो, सच बताऊं तो मुझे चूत चुसाई का ये चस्का फौजिया की चूत चूसने के बाद ही लगा था.
चूत का खट्टा कसैला स्वाद और लड़की का अपने पैरों से मेरे सर को दबाना. अपनी गांड को उछाल उछाल कर बताना कि उसे कितना मजा आ रहा है. फिर उसके बाद चूत का झरझरा कर बहना … और उस लसलसे जूस से उंगलियों से खेलना.
ये अपने आप में एक अलग ही मजेदार खेल है.
उस रात मैंने सिर्फ उसे मजे कराए और चिपक कर बहुत सारी बातें की.
यहीं से उसकी गंदी बातों की ट्रेनिंग भी शुरू हो गई.
पहली बार चूत चुसाई का मजा देने उसकी चूचियों को दबाते हुए मैंने कहा- और मेरी रंडी … मजा आया?
उसने बोला- यही बाकी रहा था भोसड़ी के … तुमने मुझे जान से रंडी बना दिया. मेरी कोई इज्जत ही नहीं बची. मैं तुम्हारे लिए खिलौना हो गई हूं.@desi_story
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2022-06-01 18:29:03 इस पर मुझे थोड़ी अपनी गलती का अहसास हुआ और अपनी पकड़ कुछ ढीली कर दी.
हम दोनों ही चुदाई के खेल में अनाड़ी थे.
बिस्तर पर लेट कर बहुत देर तक मैं उसके शरीर से खेलता रहा.
फिर मैंने उससे कहा- चलो अब मेन काम करते हैं.
वो बोली- मेन का कौन सा?
मैंने कहा- चुदाई का.
उसने बोला- आपका हुक्म सर आंखों पर बताइए मेरे आका … मुझे क्या करना है!
मैंने कहा- पैर फैलाओ और अपनी कमर के नीचे तकिया रख लो, जिससे तुम्हारी चूत निकल कर सामने आ जाएगी.
उसने कहा- क्या कहा?
मैंने कहा- हां मैंने चूत ही कहा.
वो बोली- बड़े गंदे हो आका!
मैं हंस कर बोला- साली आका से सब सीख ले. अभी तो तेरी चूत कुँवारी है. जब महीने भर चुदवा लोगी, तो ये भोसड़ा बन जाएगी.
वो बोली- हट क्या गंदी बातें करते हो.
मैं उसकी चूत से लंड रगड़ते हुए चुम्मी ले रहा था.
मैंने उसके चूचे दबाते दबाते कहा- हां सीख लो जानेमन, कल को तुम भी चूत लंड बोलोगी, तो सेक्स में और ज्यादा मजा आएगा.
एक बार फिर से तैयार होकर मैं उसके पैर के बीच में बैठा.
मैंने शर्मिंदगी का गजब दौर झेला.
मेरी समझ में ही नहीं आ रहा था कि चूत में घुसाना कहां है.
मैंने लंड चूत की फांकों में लगा कर दबा दी तो वो बोली- चूतिया नंदन गलत छेद टारगेट कर रहे हो.
मैंने उसे आदेश दिया- गुलाम, मेरे लंड को अपनी जन्नत ए जहां का रास्ता दिखाओ.
इस पर वो हंसने लगी.
मैंने उसे एक चमाट मारी और बोला- हुक्म की तामील हो.
इस पर उसने मुझे गुस्से से देखते हुए मेरा लंड पकड़ कर अपनी चूत पर सैट कर दिया.
वो बोली- लो अब लगाओ दम!
मैंने जोर लगाया तो लंड फिसल गया.
ऐसा कई बार हुआ.
मगर मांबदौलत को चूत फाड़ना नसीब नहीं हुई.
चूंकि हम दोनों तैयारी के साथ नहीं थे. अब हम दोनों का प्लान बदला कि कल चूत का उद्घाटन किया जाए. आज बस ऊपरी तौर पर मजे लिए जाएं.
मैंने उससे कहा- चुदाई कल होगी. आज तुम मुझसे गंदी बातें करो और मेरे लंड की मुठ मारो.
इस तरह उस रात हम दोनों 4 घंटे आपस में नंगे सोए रहे.
मैंने उससे तीन बार लंड की मुठ मरवायी.
सुबह होने से पहले मैं अपने कमरे में आकर सो गया.
अगले दिन खजाने की खोज में गुफा में प्रवेश हुआ.
चूंकि एक्जाम भी थे तो तय यह हुआ कि सुबह से शाम तक हम लोग अपने घरों में पढ़ेंगे और शाम से सेक्स की शमा रोशन करेंगे.
दूसरे दिन शाम को ही मैंने उससे बोल दिया कि आज रात में दूध और सरसों के तेल की व्यवस्था अपने कमरे में @desi_story
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2022-06-01 18:27:46 पड़ोसी की लौंडिया से चुत चुदाई की शुरूआत- 2@desi_story
दोस्तो, मैं अनन्त सिंह एक बार फिर से अपनी सेक्स कहानी में आपका स्वागत करता हूँ.
कहानी के पहले भाग
मुठ मार कर अपनी वासना का हल किया
में अब तक आपने पढ़ा था कि मैंने बाजू वाले चाचा की लौंडिया फौजिया को चुदने के लिए राजी कर लिया था और वो मेरे घर के एक कमरे में नंगी पड़ी थी.
अब आगे फर्स्ट टाइम Xxx कहानी:
उस दिन की शुरुआत कुछ ऐसे हुई थी.
मैं घर पर खाना खाकर पहुंचा और अपने कमरे में सोने चला गया.
फौजिया से तय बात के अनुसार वो 2 घंटे बाद कमरे में आ गई.
उसने पीछे के रास्ते से मेरे कमरे का दरवाजा खोला और मुझे उसी रास्ते से अपने कमरे में लेकर आ गई.
कुछ मिनटों की खामोशी की बाद वो बोली- क्या हुआ आज भीगी बिल्ली क्यों बने हो … बताओ क्या करना है?
उसका इतना बोलना था कि मैं उस पर टूट पड़ा और उसकी शर्ट के ऊपर से ही उसके चूचों को मसलने लगा; अपना लंड उसकी लोअर के ऊपर से ही चूत में सटाने की कोशिश करने लगा.
कुछ मिनट बाद उसने कहा- सारी रात पड़ी है. तुम्हें जो करना है, आराम से करो. कपड़े क्यों खराब करते हो.
तब मैं थोड़ा होश में आया और रूक गया.
मैंने उससे कहा- चल मेरी गुलाम, सारे कपड़े उतार दे.
वो शर्माती हुई बोली- मुझसे नहीं हो पाएगा.
मैंने कहा- कोई बात नहीं.
मैं उस झट से उसके पास पहुंचा और उसकी टी-शर्ट ऊपर उठाने लगा.
उसने थोड़ा विरोध किया तो मैंने डांटते हुए कहा- कुछ नहीं करना था, तो बुलाया क्यों … अपना वादा भूल गयी क्या?
उसने कहा- ठीक है, अगर तुम यही चाहते हो, तो कर लो अपनी मर्जी पूरी.
मैं बोला- तू मुझे संजीदा मत कर … मेरी गुलाम है तू … भूल गयी क्या!
उसने अपने हाथ ऊपर कर दिए और 32 इंच के कड़क गोल आमों के दीदार हो गए.
मैं इतनी जल्दी में था कि उन्हें दबाने लगा और उसकी ब्रा खोलने लगा जिसमें मैं विफल रहा.
फिर ब्रा को ही ऊपर करके मैं उसके चूचों को चूसने लगा.
वो हंस कर बोली- साला ब्रा तक नहीं खोल सकता और चला है लड़की चोदने.
मुझे शर्म सी आयी और गुस्से में मैंने उसकी चूची के दाने को पकड़ कर मरोड़ दिया.
उसकी ‘आइ … मत कर …’ निकल गई.
मैंने कहा- अब मैं तुझे जो कहूंगा, तू वो करेगी और ‘जो हुक्म मेरे आका …’ करके करेगी. नहीं तो ऐसी ही तेरी चूचियां मरोड़ कर तुझे दर्द दूंगा.
वो तैयार हो गई.
मेरा अगला हुक्म था- सारे कपड़े निकाल कर खड़ी हो जा!
वो ‘जो हुक्म मेरे आका …’ कह कर कपड़े निकालने लगी.
इसी बीच मैं भी मादरजात नंगा हो गया.
कुछ मिनट तक उसके नग्न शरीर को देखने के बाद मुझसे रहा नहीं गया और उसे उलटा घुमा कर पीछे से उससे लिपट गया.
मेरा लंड ऐसा फड़फड़ा रहा था, जैसे उसकी गांड में किसी सरिये की तरह घुस जाएगा.
सच बताऊं तो मेरी चाहत भी कुछ वैसी ही थी. लेकिन दोस्तों ये सब पहली बार होता ही है.
इधर अपना लंड उसकी गांड में डालने जैसी ताकत लगाते हुए हाथों को आगे ले जाकर उसके चूचों का मर्दन करने लगा.
मैं इतनी तेजी से गुब्बारे गूंथने लगा कि उसने तड़फ कर कह ही दिया- उखाड़ डालोगे क्या … गुलाम हूं पर इंसान ही हूं.@desi_story
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2022-06-01 18:20:10 तब भी एक साल तक कुछ खास बात आगे नहीं बढ़ पाई.
मुझे ऐसा लगता था कि वो भी मुझे कुछ कुछ पसंद करती है और तिरछी नजरों से देखती है.
एक दिन घर पर सब लोग बाहर गए हुए थे और मेरी दीदी को भी अपनी कोचिंग में जाना था. @desi_story
उसी समय फौजिया मेरे घर पर पढ़ने के लिए आ गयी.
आज भी मेरे घर और पड़ोस के लोग मुझे इतना शर्मीला समझते थे कि मैं तो किसी लड़की की तरफ आंख उठा कर भी नहीं देखता.
फौजिया को मेरे घर आते हुए इतना समय बीत चुका था तो फौजी चाचा भी बेफिक्र रहा करते थे.
उस दिन मुझे अचानक से पता नहीं क्या हुआ, मैं तख्त पर बैठ कर उसे पढ़ा रहा था.
वो नीचे जमीन पर बैठ कर सवाल देख रही थी. उसकी कुर्ती में से उसके चूचे दिख रहे थे जो एकदम गदराए हुए लाल थे.
मैं उनमें इस कदर डूब गया कि मुझे ध्यान ही नहीं रहा कि वो मुझे देख रही है.
अचानक से उसने पूछा कि ऐसे क्या देख रहे हो?
मैं झेम्प गया.
वो ज़रा बोल्ड किस्म की लड़की थी, आर्मी स्कूल में पढ़ी थी.
उसने मुझसे कहा- ऐसे शर्माओ मत, बता भी दो.
उसके बहुत कहने पर मैंने बता दिया कि मैं तुम्हारे सीने को देख रहा था.
इस पर उसने इठला कर पूछा- कैसे हैं?
मैं समझ गया कि लड़की कुछ ज्यादा ही बोल्ड है और हरी झंडी दे रही है.
मैंने हाथ बढ़ा कर उसके एक चूचे को दबा दिया.
इस पर वो भड़क गई और मुझे डांटने लगी.
मैं डर गया और उसके पैर पकड़ कर माफी मांगने लगा कि गलती हो गयी.
मैंने उससे कहा कि वो ये बात किसी को न बताए.
इस पर उसने कहा- ठीक है, पर तुम्हें मेरा काम करना होगा.
मैंने कहा- कौन सा काम?
वो- जो भी मैं बोलूंगी.
मैंने शर्त मान ली.
अब शुरू हुई मेरी उस लड़की की गुलामी.
वो हमेशा मेरा इस्तेमाल करने लगी.
कभी मुझसे अपना होमवर्क करवाती, कभी अपना काम.
यहां तक अपने घर का झाड़ू पौंछा तक!
ऐसा करते हुए 6 महीने से अधिक बीत गया और उसके दिमाग में घुस गया था कि ये तो मेरी सारी बातें मानता है.
ठंड के मौसम में मेरा बर्थडे आया.
उसने मुझसे पूछा- तुम्हें क्या गिफ्ट चाहिए?
वो अपने बाप की इकलौती लड़की थी, तो उसके पास पैसों की कोई कमी न थी.
मैंने कहा- जाने दो, जो मैं मांगूगा, वो तू दे नहीं पाएगी.
इससे उसका इगो हर्ट हो गया.
उसने कहा- मैं अपने मम्मी पापा की कसम खाकर कहती हूँ, तुम जो मांगोगे मैं वो दूंगी.
इस तरह उससे पक्का वादा लेकर कि वह किसी भी कीमत पर पीछे नहीं हटेगी.
मैंने उससे कहा- मैं तुम्हें एक महीने तक हर रात चोदना चाहता हूँ … और इन सारी रातों में तुम मेरी गुलाम रहोगी. मैं जो भी कहूंगा, बिना मना किए मानोगी.
उसने पहले तो मुझे एक थप्पड़ रसीद किया और बोली- मैं तुम्हें ऐसा नहीं समझती थी.
फिर वो मुझे बर्थ विश करके और गिफ्ट देकर चली गई.
मुझे भी लगा कि यार मैंने इससे कुछ ज्यादा मांग लिया था; शायद एक किस मांगता तो ये दे भी देती.
फिर कई दिनों तक मेरी उससे बात नहीं हुई.
एक दिन उसने मुझसे बात की और बोली- घर आओ, तुमसे कुछ बात करनी है.
वार्षिक परीक्षाएं नजदीक आ रही थीं. मैंने समझ लिया कि बंदी की फंसी पड़ी है.
मैंने कहा- मुझे थप्पड़ याद है, शायद तुम्हें भी उस थप्पड़ की वजह याद होगी.
वो बोली- हां मुझे सब याद है कि तू एक नम्बर का हरामी है.
मैंने कहा- तो हरामी को क्यों बुला रही है … हरामी तो अपना हरामीपन पूरा करना चाहता ही है. तू बड़ी वचन से बंधी हुई है, बड़े वादे निभाने की बात पूरी करती है.
उसने समझ लिया कि मैं क्या कह रहा हूँ.
वो बोली- ठीक है, मैं अपना वादा पूरा करूंगी.
उसने बताया- मेरे पापा बीमार हैं और मम्मी 15 दिनों के लिए पापा के पास जा रही हैं. इन पन्द्रह दिनों तक मैं तुम्हारे ही घर रहने वाली हूँ.
मैं समझ गया कि अब ये चुदवाए बिना नहीं रहेगी.
मेरी और फौज़िया की चुदाई का रास्ता साफ था.
फिर चुदाई के खेल की शुरूआत हुई.
वो दिन भी करीब आ गया जब उसकी मम्मी मुझसे रात में उसके घर पर सोने के लिए बोल कर छोड़ कर चली गईं.
मतलब अब मैं फौजिया और उसकी बुड्डी दादी ही घर में रहने वाली थीं.
फौजिया की दादी लगभग हमेशा बिस्तर पर ही रहती थीं, उन्हें पकड़कर चलाना पड़ता था.
मैंने फौजिया से चुदाई की बातें कर रखी थी.
अब उनका प्रेक्टिकल शुरू होना था.
फौजिया एक साढ़े पांच फिट हाईट की दूध सी गोरी लड़की थी.
जब वो नंगी हुई तो उसके 32 इंच के एकदम गोल गोरे चूचे थे.
चूचों पर भूरे निप्पल एकदम कयामत लगते थे.
उसकी बलखाती 30 इंच की कमर और 34 इंच की उठी हुई गांड कमाल की थी.
एक गोरी और बिना बालों की सफाचट फूली हुई चूत और गांड की मालकिन मेरे सामने नंगी चुदने के लिए राजी थी.
गोरी चूत की मस्त फांकें, जिसमें से झांकता हुआ लाल दाना. पूरे शवाब पर लुकलुक करता गांड का भूरा छेद मुझे उत्तेजित कर रहा था.
अगले भाग में मैं फौजिया की चुत की सीलतोड़ चुदाई की कहानी का मजा लिखूँगा;@desi_story
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2022-06-01 18:19:32 पड़ोसी की लौंडिया से चुत चुदाई की शुरूआत- 1@desi_story
मेरा लंड 6 इंच का है और उसकी मोटाई करीब 2.5 इंच है.
जवानी का सेक्स का कीड़ा मेरे अन्दर शुरू से ही है. मैं जब पढ़ता था, तभी से सेक्स के कीड़ा ने अपना काम करना शुरू कर दिया था.
इसकी शुरूआत बायोलाजी की किताब से हुई थी. जब कुछ इस कदर की सनसनी होना शुरू हुई तो हाथ ने लंड को सहलाना शुरू कर दिया.
फिर जब चुदाई क्या चीज होती है, इसका मालूम हुआ तो मन विचलित होने लगा और प्रकृति की स्वत: ज्ञान देने की प्रवृत्ति ने मुझे मुठ मारना सिखा दिया.
पहली बार कमीने दोस्तों से मुठ मारने की बात जब पता चली तो घर पर अपने बाथरूम में पहली बार इस कला को ट्राई किया.
लंड हिलाने से वीर्य निकला तो पाया कि यह अनुभव बहुत ही सुखद है.
बस फिर क्या था मुठ मारने की आदत लगती चली गई.
धीरे-धीरे अनुभव हुआ कि लड़कियों को देख कर मुठ मारने में आनन्द कई गुणा बढ़ जाता है.
इसी क्रम में पहले टीवी में कम कपड़ों में दूध हिलाती अभिनेत्रियां, फिर अखबार में विज्ञापनों के कामुक चित्रों को देखकर सिलसिला शुरू हुआ.
ये सिलसिला इतना आगे तक गया कि मैं क्लास में पीछे की बेंच पर अकेले बैठता और साथ पढ़ने वाली लड़कियों को देखकर मुठ मार लिया करता.
एक दिन क्लास के एक लड़के ने मुझे मुठ मारते देख लिया और साले ने अपने कुछ साथी लड़कों को दिखा दिया.
उसके बाद से वे सब मुझे सड़का मास्टर कहकर चिड़ाने लगे.
हालांकि स्कूल में मेरी दबंग छवि होने के कारण कोई भोसड़ी वाला खुल कर नहीं कह पाता था लेकिन पीठ पीछे मेरा नाम सड़का मास्टर हो गया था.@desi_story
इसी बात को लेकर एक दिन मेरी अपने साथ के लड़कों से बहस हो गई.
वे कहने लगे कि हम उस लड़के से पुछवा देंगे, जिसने देखा था.
उस लड़के का नाम शिरीष था. वह बहुत ही डरपोक किस्म का लड़का था.
उसका नाम मालूम होते ही मैं समझ गया कि इसी साले की वजह से मेरा नाम खराब हुआ है.
अगले दिन मैंने उसे ब्वॉय्ज टायलट में पकड़ लिया और उसे बाथरूम में बंद करके हड़काने लगा.
उसने कहा- हां भाई मैंने तुम्हें मुठ मारते देखा था.
फिर बातों बातों में मैंने अपनी पैंट खोल दी और उसे मेरा लंड पकड़ा दिया.
उसने मेरी मुठ मारी.
फिर मैंने उसकी पैंट खुलवायी और सोचा कि आज उसकी गांड मार लूं, पर पता नहीं क्या हुआ … मैं रूक गया.
फिर उसकी गांड पर लंड की मुठ मार कर टपका दी.
उसे धमका दिया कि उसने किसी से इस बात को कहा तो मां चोद दूंगा और तेरी गांड तो मारूंगा ही, साथ में उसकी बहन की चुत भी चोद दूंगा.
उसकी बहन दो साल आगे पढ़ती थी.
इस तरह उसको डरा धमका कर बात खत्म कर दी.
अब मैं सावधान रहने लगा और सिर्फ फोटो वगैरह देखकर अकेले में मुठ मारने लगा.
आदतें आपकी सच्ची दोस्त होती हैं … या फिर आप बुरी आदतों के गुलाम होते हैं.
मैं मुठ मारने जैसी बुरी आदत का गुलाम हो चुका था.
जब मैं ट्यूशन पढ़ने जाने लगा तो सर्दी में मैं रात को आते वक्त अनजान लड़कियों का पीछा करता और साइकल पर लंड निकाल कर मुठ मारा करता.
एक दिन तो एक बड़ी उम्र की लड़की ने मुझे पकड़कर दो थप्पड़ भी मारे.
फिर मेरी आदत अंदरूनी होती चली गई. अब किसी लड़की को पटाकर चोदने की इच्छा मजबूत होने लगी थी.
ट्यूशन के सफर से फौजिया की चुदाई किस तरह से हुई उसकी बात सुनिए.
फौजिया मेरे पड़ोस में रहने वाले एक चाचा की बेटी थी. वो बहुत ही मस्त माल थी.
आज शादी के बाद तो वो कुछ मोटी हो गई है, फिर भी ऐसी खूबसूरती है कि लंड हिचकोले मारने लगता है.
बात तब की है, जब मैं गणित की ट्यूशन के लिए गया.
पहले तो मैं अकेले आता जाता था. फिर एक दिन चाचा मेरे घर आए और मम्मी से बोले कि मेरी बिटिया को भी ट्यूशन जाना है, पर अकेले भेजने में डर सा लगता है.
वो मेरी मम्मी से बोले- आप अपने लड़के को बोल दीजिए कि इसके साथ आया जाया करे.
मम्मी ने हां कर दी और ये बात तय हो गई कि मैं अब रोज साइकल से उसके साथ जाऊंगा.
चूंकि मेरे अन्दर सेक्स की इच्छा तो बहुत प्रबल है. कभी कभी तो मन करता था कि कोई ऐसी चुदक्कड़ औरत या लड़की मिल जाए, जो दिन रात चुदवाना चाहती हो … तो मेरी किस्मत खुल जाए.
जबकि अभी तक किस्मत के दिए छोटे तोहफों से मेरा काम बस चल रहा था.
फौजिया के साथ कुछ दिन तक सब सामान्य चला.
फिर कुछ दिन बाद मेरी उससे कुछ ज्यादा बात होने लगी.
फौजिया पढ़ने में उतनी अच्छी न थी.
मेरे टीचर ने भी उससे कहा कि तुम इसके पड़ोस में रहती हो, तो पढ़ाई में इससे मदद ले लिया करो.
यह बात उस दिन टीचर जी ने उसके पिता जी से भी बोल दी.
चाचा ने मुझसे कहा- बेटा, तुझे कोई दिक्कत तो नहीं है?
मैंने कहा- मुझे क्या दिक्कत हो सकती है चाचा.
चाचा- ठीक है.
इस तरह से फौजिया मेरे घर पर भी आने लगी.@desi_story
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