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Savita Bhabhi HINDI story..

टेलीग्राम चैनल का लोगो xxnxxnxxxxnx — Savita Bhabhi HINDI story.. S
चैनल का पता: @xxnxxnxxxxnx
श्रेणियाँ: वयस्क सामग्री (18+) , प्रेमकाव्य
भाषा: हिंदी
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चैनल से विवरण

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नवीनतम संदेश 2

2021-04-26 05:46:37 अब रमेश अंजलि के मुँह के पास लंड झुलाने लगा और बोला- मुँह में ले लो.

अंजलि नानुकर कर रही थी, फिर वो लंड को पकड़ कर हिलाने और चाटने लगी.

इतने में रमेश अंजलि के मम्मों को कस कर दबा दिया, जिससे उसका मुँह खुल गया और रमेश ने उसी पल अपने लंड को मुँह में डाल दिया.

अंजलि लंड को बाहर निकालने की कोशिश कर रही थी, लेकिन रमेश कस कर पीछे से उसका सर दबा रहा था.

कुछ देर बाद अंजलि अपने आप ही मुँह में लंड को आगे पीछे करने लगी.

रमेश का लंबा लंड होने के कारण अंजलि सिर्फ़ आधा लौड़ा ही मुँह में ले पा रही थी.

काफी देर चूसने के बाद भी रमेश का लंड का पानी नहीं निकाल रहा था.

करीब दस मिनट के बाद रमेश के लंड ने वीर्य मेरी बीवी के मुँह में छोड़ दिया.
वो लंड निकाल कर सीधा बाथरूम में चली गई और मुँह को साफ़ किया. उसे थोड़ा वॉमिटिंग भी हुई. फिर वो रूम में आ गई और बेड पर लेट गयी.

रमेश फिर धीरे धीरे उसके मम्मों को चूसने लगा.

कुछ देर बाद उसने अंजलि की चुत पर जीभ रख दी और चुत की फांकों में जीभ फेरने लगा.
अंजलि ‘अफ उफ़ ..’करने लगी.

दो मिनट के बाद रमेश का लंड फिर खड़ा होने लगा. इस बार अंजलि ने अपने आप से ही रमेश के लंड को लेकर मुँह में ले लिया था और लंड चूसने लगी.

रमेश और अंजलि 69 की पोजीशन में थे इसलिए रमेश को मेरी बीवी की चुत चाटने में आसानी थी. रमेश अंजलि की चुत को बुरी तरह से चूस रहा था.

अंजलि कहने लगी- बस करो अब. अब सहा नहीं जा रहा है. रमेश तुम अपना लंड जल्दी से डालो.

रमेश अभी मेरी बीवी को थोड़ा और तड़पाना चाह रहा था. इसलिए वो चुत को चूसे जा रहा था.

अंजलि अब बेकाबू हो गयी और बोली- रमेश, अपना लंड मेरी चुत में पेल दो.

फिर रमेश, अंजलि की चुत पर अपना लंड घिसने लगा.
वो बहुत बड़ा खिलाड़ी था. उसने लंड का सुपारा चुत के मुँह पर सैट करके दबा दिया. लंड का सुपारा चुत में फंस गया.

अंजलि अपनी गांड को उठा कर लंड चुत में लेना चाह रही थी.

इतने में रमेश एक धक्का कसकर मार दिया. लंड चुत से फिसल कर निकल गया.

फिर रमेश ने लंड को दोबारा चुत पर सैट करके धक्का दे दिया.

उसका लंड करीब 3 इंच चुत के अन्दर चला गया.
अंजलि मोटे लंड के कारण चीख पड़ी और बोली- उई मां मर गई रमेश धीरे … आह मार ही दोगे क्या.

अंजलि ‘आह … अफ … अफ ..’ करने लगी.

एक मिनट के बाद रमेश ने अंजलि के मम्मों को पकड़ कर धक्का दे दिया. इस बार उसका लंड आधा से अधिक घुस गया.
अंजलि दर्द से कराहने लगी

रमेश ने अंजलि से पूछा- भाभी जी, आप तो पहली बार नहीं ले रही हैं.
वो बोली- रमेश, तुम्हारा लंड बहुत बड़ा है और मोटा भी … इसलिए मुझे दिक्कत हो रही है.

इसी बातचीत के साथ ही रमेश ने दोबारा झटका मारा और अपना लंड चुत में अन्दर तक घुसा दिया.

अंजलि तड़फ कर दोहरी हो गई. वो ‘आह मर गई … ओह … अफ ..’ करने लगी.

कोई 5 मिनट के बाद अंजलि को थोड़ी राहत आई और वो चूतड़ उठा कर चुत चुदवाने लगी.

करीब दस मिनट की धुआंधार चुदाई के बाद रमेश ने अंजलि से घोड़ी बनने का इशारा किया.

अंजलि घुटनों के बल बैठ गयी. रमेश लंड को पीछे से चुत पर सैट कर धक्का मार दिया.

लंड दो धक्कों में ही पूरा अन्दर चला गया. अंजलि फिर दर्द से होने लगा ‘आह … अया … अफ ..’

कुछ देर की ताबड़तोड़ चुदाई के बाद रमेश के लंड ने पानी छोड़ दिया.

अंजलि बिस्तर पर लेट गयी और उसकी चुत से वीर्य टपकने लगा.

मैं और मंजू इस चुदाई को देख कर गर्म हो गए और मैं मंजू को लेकर दूसरे रूम में चला आया. मैं फिर से मंजू की चुदाई करने लगा.
पांच मिनट के बाद मेरा वीर्य उसकी चुत में भर गया. हम दोनों थक कर बिस्तर पर लेट गए.

फिर हम दोनों सो गए.

करीब 12 बजे रात में मेरी नींद खुली तो देखा कि मंजू मेरे बगल में नहीं थी.

मैं उठ कर रमेश के रूम में गया, तो देखा कि मंजू वहां थी.

मंजू रमेश के लंड को पकड़ कर अंजलि के चुत पर सैट कर रही थी.

इतने में अंजलि ज़ोर से चिल्ला पड़ी- आह निकालो … मेरी गांड फट गयी.
तब मुझे समझ में आया कि अंजलि गांड मरवा रही है.

दो तीन धक्कों में रमेश का लंड पूरी तरह से मेरी बीवी कि गांड के अन्दर घुस गया था.
अंजलि दर्द से ‘आह … आह … अफ ..’ कर रही थी.

मंजू अंजलि के मम्मों को दबा रही थी. कभी कभी चुत को चाट भी रही थी.

अंजलि अब थोड़ा शांत हो गयी थी और मज़े से ‘आह … अफ ..’ कर रही थी.

दस मिनट के बाद रमेश ने अंजलि की गांड में से लंड निकाल लिया और मंजू को बोला- अब मैं तुम्हारी गांड मारना चाहता हूँ.

मंजू घोड़ी की पोजीशन में आ गयी.
रमेश ने अपना लंड मंजू की गांड में पेल दिया और धकधक चोदने लगा.

मंजू बड़ी मस्ती से अपनी गांड मरवा रही थी और अंजलि ये सीन देखे जा रही थी.

करीब 10 मिनट के बाद रमेश का वीर्य मंजू की गांड में गिर गया.

मैं चुपचाप अपने रूम में चला गया. फिर मैं मुठ मार कर सो गया.
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2021-04-26 05:46:24 रमेश अपनी बीवी मंजू से बोला- अंजलि को मना लो … मैं तो राजी हूँ.

मंजू अंजलि को दूसरे रूम में लेकर गयी.
करीब 15 मिनट के बाद वो दोनों बाहर आ गईं.

मंजू बोली- अंजलि मान गई है, लेकिन कुछ शर्तों के साथ.

रमेश ने मंजू की तरफ देखते हुए पूछा- कैसी शर्त?
मंजू ने कहा कि अंजलि कह रही है कि सेक्स कंडोम के बिना नहीं होगा और दोनों पार्ट्नर अलग अलग रूम में सेक्स करेंगे.

मेरे ऊपर शराब का नशा हावी हो गया था … सामने टीवी पर सेक्स सीन चल रहा था. अब वो दोनों कपल एक दूसरे के साथ ओरल सेक्स का मजा ले रहे थे.

मंजू इस वक्त कुछ ज्यादा हॉट हो गई थी. वो मेरे बगल में बैठ गयी और उसने अपना हाथ मेरी पैंट की ज़िप पर रख दिया. वो मेरे लंड पर अपना हाथ फेरने लगी.
मैंने भी उसके मम्मों पर हाथ रख दिया और उसके दूध मसलने लगा.

यह देखकर रमेश अंजलि के बगल में बैठ गया और उसकी पीठ को सहलाने लगा.

मैंने मंजू के कमीज की चेन को खोल दिया और ब्रा के ऊपर से ही उसके मम्मों को दबाने लगा. साथ में हम दोनों होंठों से होंठ मिला कर किस भी कर रहे थे.

अंजलि अब भी कुछ शर्मा रही थी. वो टीवी भी देख रही थी और हम दोनों को भी देख रही थी.

इतने में मंजू ने मेरी पैंट की ज़िप खोल कर लंड बाहर निकाल लिया और उसको चूमने लगी.

अंजलि हम दोनों को देखे जा रही थी.

रमेश भी अब अंजलि की साड़ी का पल्लू हटा कर उसके ब्लाउज के ऊपर से ही मम्मों को दबाने लगा था.

मंजू अंजलि से बोली- यार तुम लोग भी शुरू हो जाओ.

मैंने मंजू की कमीज़ को निकाल दिया. वो अन्दर रेड कलर की ब्रा पहने हुई थी. उसके बूब्स भी मेरी अंजलि के जितने ही बड़े थे.

मंजू मेरा पैंट निकालने लगी और बोली- रमेश, अंजलि के साथ शुरू हो जाओ.

रमेश अंजलि के ब्लाउज के बटन खोलने लगा.
इस पर अंजलि थोड़ा नानुकर करने लगी.
लेकिन रमेश ने उसके ब्लाउज को खोल दिया. मेरी बीवी ब्लैक कलर की ब्रा पहने हुई थी.

रमेश ने मेरी बीवी अंजलि का हाथ पकड़ कर अपने पैंट के ऊपर रख दिया.
इतने में रमेश ने अंजलि के साये को भी खोल दिया.

अंजलि रमेश से बोली- जो भी करना है, रूम में चलकर कर लेना.

रमेश अंजलि को गोद में लेकर रूम में चला गया.
मंजू और मैं उसी सोफा पर लग गए.

मैंने मंजू की लैगी को भी उतार दिया.
वो अन्दर रेड कलर की पैंटी पहने थी.

कुछ देर बाद मंजू मेरे लंड को किसी रंडी की तरह चूस रही थी.

करीब 5 मिनट के बाद मेरा लंड ठंडा पड़ने लगा और वीर्य उसके मुँह में छूट गया.
मंजू ने वीर्य खा लिया और अपनी जीभ से मेरा लंड साफ़ करने लगी.

कुछ देर बाद मैंने मंजू को सोफा पर लिटा दिया और उसके पूरे नंगे बदन को चाटने लगा.
पराई बीवी की चूचियों को चूसने में मुझे बड़ा मजा आ रहा था.

फिर चुत की याद आई तो मैं उसकी पैंटी के ऊपर से जीभ फेरने लगा.
वो अपनी पैंटी को निकालने की कोशिश कर रही थी.
मैंने उसकी पैंटी उतार दी.

उसकी चुत एकदम क्लीन शेव थी.
मैं उसकी टांगों को खोल कर बुर को चाटने लगा.
वो ‘अफ … अफ … अफ.’ करने लगी.

मंजू बोली- रोहित अब अपना लंड मेरी चुत में डाल दो.

मेरा लंड तो तैयार ही था. मैंने मंजू की चुत पर लंड सैट करके धक्का दे दिया. मेरा लंड बड़ी आसानी से मंजू की चिकनी चुत में घुसता चला गया.

कुछ मिनट की चुदाई के बाद मेरा वीर्य उसकी चुत में झड़ गया.

चुदाई के बाद हम दोनों वॉशरूम में आ गए. मंजू ने अपनी चुत को साफ़ किया.

चुदाई के बाद हम दोनों नंगे ही अंजलि के रूम की तरफ आ गए.
रूम का दरवाजा बंद नहीं था.

मैंने थोड़ा सा खोल कर देखा कि मेरी बीवी अंजलि, रमेश के लंड के साथ क्या कर रही है.

रमेश अंजलि के सारे कपड़े उतार चुका था. रमेश अभी भी अंडरपैंट में था. वो अंजलि के मम्मों को चूसने में लगा था.
अंजलि रमेश के लंड को उसकी पैंट से निकालने की कोशिश कर रही थी.

रमेश ने अपने लंड को बाहर निकाल दिया. उसका लंड करीब 8 इंच का होगा और मोटा करीब 3 इंच का.

अंजलि लंड देख कर हैरान हो रही थी. क्योंकि मेरा लंड करीब इससे काफी छोटा है.

रमेश अंजलि के बदन को चाट चूम रहा था और अंजलि रमेश के लंड को आगे पीछे कर रही थी.
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2021-04-26 05:46:11 *161

पति पत्नी की अदला बदली करके चुत गांड चुदाई

मेरी बीवी का नाम अंजलि है. अंजलि 40 साल की है और उसकी हाइट मुझसे दो इंच कम है. उसका फिगर 36-30-38 का है और वो काफ़ी सेक्सी है.
हमारा का एक बेटा है जो बोर्डिंग स्कूल में पढ़ रहा है.

हम लोगों की सेक्स लाइफ नॉर्मल विवाहित जोड़ों के जैसी ही चल रही है. हम दोनों महीने में करीब चार बार चुदाई कर लेते हैं.

चूंकि मैं एक सेल्स एग्ज़िक्युटिव हूँ और मुझे अक्सर घर से बाहर जाना पड़ता है. यह सच्ची घटना पिछले साल के अक्तूबर महीने की है.

मेरी वाइफ अंजलि की एक सहेली मंजू है. उसकी उम्र करीब 40 साल की ही है.

एक दिन वो अपने हज़्बेंड रमेश के साथ हमारे घर करीब 4 बजे शाम में आई.

मंजू ने एक चुस्त लैगी कुर्ती पहनी थी, जिसमें से उसका कामुक फिगर साफ़ झलक रहा था. उसके फिगर की साइज़ 34-30-36 के करीब की रही होगी.
दोनों सहेलियों की हाइट भी करीब करीब बराबर ही है.

मंजू की कुर्ती का गला कुछ ज़्यादा ही खुला हुआ था, जिसमें से उसके बूब काफ़ी बाहर को निकलते हुए दिख रहे थे.
फिर लैगीज तो होती ही टाइट है, जिससे उसके चूतड़ों का आकार भी काफी ज्यादा बाहर को निकला हुआ था.

मेरी बीवी ने भी लो-कट ब्लाउज और साड़ी पहनी थी. उसके इस ब्लाउज में से उसके मम्मे भी काफी ज्यादा निकले हुए दिख रहे थे.
अंजलि ने साड़ी भी अपनी नाभि से काफ़ी नीचे बांधी हुई थी जिससे अंजलि भी एक मादक माल लग रही थी.

उधर मंजू के पति रमेश की हाइट करीब 6 फीट थी और एथलेटिक्स बॉडी थी.

घर में आने के साथ दोनों सहेली गले मिलने लगीं, जिससे उन दोनों के बूब्स एक दूसरे से रगड़ रहे थे.
उन दोनों के मम्मों के मिलन को देखते हुए मैं भी रमेश से हाथ मिला रहा था.

थोड़ी बातचीत के बाद हम लोग ड्रॉइंगरूम में आ गए.
मेरी बीवी अंजलि सब लोगों के लिए समोसा और चाय ले आई.

अंजलि जब चाय डाल रही थी, तो उसकी साड़ी का पल्लू नीचे आ गया, जिससे उसके गहरे गले के ब्लाउज से नुमाया होते चूचे एक अलग ही सीन दिखाने लगे थे.
रमेश और मरी नजरें अंजलि के मम्मों पर ही टिक गई थीं.

अंजलि की सहेली मंजू ने इस बात को देख लिया. उसने अपने पति से कहा- रमेश, ऐसे क्या देख रहे हो यार, वो रोहित का माल है.
रमेश अपनी बीवी का कमेंट्स सुनकर एकदम से झेंप गया और कहने लगा- नहीं नहीं, मैं ऐसा कुछ नहीं देख रहा था.

इस पर मैं बोला- जब दोनों सहेली एक हैं तो हम दोनों भाई भी एक ही हैं. अंजलि पर उनका भी अधिकार है.
इस पर हम सब हंसने लगे.
काफी हल्का माहौल हो गया था और हंसी मजाक का दौर चलने लगा था.

बातचीत से पता चला कि वो दोनों कुछ दिन रहकर कानपुर घूमेंगे. वो लोग गोरखपुर से आए थे. हम चारों लोग घरेलू बातचीत करने लगे.

शाम को छह बजे का समय हो गया था.
मैंने रमेश से कहा कि हम लोग बाज़ार चलते हैं और उधर से मटन ले आते हैं.

हमारे बीच सहमति बन गई तो मैं और रमेश बाज़ार गए.
जब मैंने मटन ले लिया, तब रमेश से पूछा- क्या हॉट ड्रिंक लेना है?
वो बोला- हां व्हिस्की ले ली जाए और लेडीज के लिए कोकाकोला ले लेते हैं.

हम लोग घर आ गए.

अंजलि मटन बनाने लगी. उसके साथ में मंजू भी लग गई.

रमेश और मैं ड्रिंक्स लेने लगे. टीवी पर एक हॉट ब्लू फिल्म चल रही थी.

एक एक पैग खत्म होने पर अंजलि और मंजू भी हम दोनों के साथ में आ गए.
भुने हुए मटन के साथ अंजलि और मंजू कोल ड्रिंक्स पी रही थीं.

इतने मैं अंजलि को किचन में कुछ काम याद आ गया, तो वो उठकर गयी.
साथ में मंजू भी चली गई.

रमेश बोला- रोहित क्यों ना दोनों को व्हिस्की पिला दी जाए!
मैंने पूछा- कैसे?

रमेश बोला कि कोल्डड्रिंक में मिला देते हैं.
मैंने रजामंदी दे दी और उन दोनों के गिलासों में व्हिस्की मिला दी.

कुछ पल बाद अंजलि और मंजू भी आ गईं और ड्रिंक्स चलने लगी. टीवी पर एक रोमांटिक और गर्म सीन आ गया. इस सीन में दो कपल एक साथ कुछ मस्ती और किस कर रहे थे.

किस करते करते दोनों कपल ने, अपने पार्ट्नर को चेंज कर लिया. फिर दोनों कपल किस करने लगा और कपड़े भी उतर गए. अब दोनों कपल सिर्फ़ ब्रा और पैंटी में थे.

अंजलि कहने लगी- टीवी को बंद करो.
इस पर मंजू बोली- क्या प्राब्लम है. अच्छा ख़ासा सेक्सी सीन आ रहा है.

मैंने और रमेश ने भी उसकी हां में हां मिला दी.
अंजलि कुछ नहीं बोली, अब वो भी सेक्स सीन देखने लगी.

इसी बीच मंजू ने कहा- क्यों न हम लोग भी आज पार्ट्नर चेंज कर लें.
इस पर अंजलि भड़क गयी और बोली कि यह बात ठीक नहीं है.
मंजू कहने लगी कि अरे यार इसमें भी मज़ा आता है.

मैं भी यह सोच कर खुश हो रहा था कि अगर अंजलि वाइफ स्वैप सेक्स के लिए मान जाए, तो आज मंजू की चुत चुदाई का मज़ा आ जाएगा.

अंजलि बोली- क्या तुम दोनों ने पहले यह कभी किया है?
मंजू कहने लगी- हां एक बार किया है. बहुत मजा आता है.

फिर रमेश भी मेरी बीवी की चापलूसी करने लगा कि भाभी जी आपकी फिगर तो वाकयी बड़ी मस्त है. एक बार हो जाए.
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2021-04-23 10:21:24 उसके बाद मैं अपने कपड़े पहन कर घर आ गया.

आज हम जब भी मिलते हैं, तो वो पड़ोसी बन कर आती है.

कुछ दिन बाद उस देसी लड़की की शादी हो गई थी. अब उसकी फिगर लगभग 34-30-36 की हो गई है. अब वो एक बच्चे की मां भी बन चुकी है.
मुझे नहीं पता कि ये मेरा बच्चा है या उसके पति से पैदा हुआ है. न ही मेरी पूछने की हिम्मत हुई और न ही उसने मुझे कभी बताया.

shubhswag54@gmail.com

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2021-04-23 10:21:01 उसने उठ कर बाहर का मेन दरवाजा बंद कर दिया और करीब आकर बोली- चल बिस्तर पर चलते हैं.
मैं- क्या बोल रही हो आप?
वो- वही, जो तूने सुना है.

मैं बिस्तर पर चला गया.
वो भी मेरे बाजू में लेटी थी.

कुछ ही पल देखने के बाद उसने मुझे चूमना चाटना शुरू कर दिया.
मैं समझ नहीं पा रहा था कि ये क्या कर रही है.

फिर उसने अपनी टी-शर्ट उतार दी और सिर्फ ब्रा में हो गई. मैं उसे यूं अधनंगी देख कर घबरा गया और मेरा पसीना छूट गया.

मतलब जिस लड़की को दूर से नंगी देख कर मेरा लंड खड़ा हो जाता था, आज उसे अपने साथ बिस्तर पर यूं ब्रा में देख कर मेरी गांड न जाने क्यों फट रही थी.

उसने रेड कलर की ब्रा पर रखी थी. उसका हाथ मेरी गर्दन पर आया और उसने मुझे अपने सीने में ब्रा के ऊपर से दबाना शुरू कर दिया.

अब यह सब देख कर मेरे अन्दर हलचल होने लगी. मेरा छोटू भी जवाब देने लगा.

आप यह सेक्स कहानी हिंदी में देसी सेक्स कहानी की मस्त साईट अन्तर्वासना पर पढ़ रहे हैं.

मेरा लंड टन टन कर रहा था और वह मेरे लंड को उछलता फूलता देख रही थी. मेरा छोटू सलामी देने लगा था.
ये मेरा पहली बार का अनुभव था. मैं भी मदहोश हो गया और उनका साथ देने लगा.

मैंने उसकी ब्रा को उतार दिया और उसके मम्मों को जोर जोर से दबाने लगा. इस समय मेरी मस्ती बढ़ने लगी थी और ऐसा लग रहा था मानो मेरा नसीब आज मुझे किसी और ही दुनिया में ले गया था.

कुछ देर ऐसा करने के बाद उसने अपना लोवर उतार कर दूर फेंक दिया.
अब वह सिर्फ पैंटी में मेरे साथ थी.

मैंने उसे किस किया तो वो भी मुझे किस करने लगी थी. हम दोनों किस करते हुए खूब गर्म हो गए थे.

उसने मुझसे कहा- झांटों में आ जाओ.

मैं नीचे झुककर उसकी चुत की झांटों में अपने मुँह को दबा रहा था और उसकी रसभरी चूत को चाट रहा था.
चत से गर्म और खट्टा पानी निकल रहा था. वो मादक आवाज ले रही थी और मेरे सर को अपनी चुत पर दबा रही थी.

मादक आवाजें निकलने से मुझे और भी ज्यादा जोश चढ़ रहा था. उसने मुझसे कहा- आह मस्त चाटते हो … किधर से सीखा.

मैंने कुछ नहीं कहा और ऊपर सर उठा कर उसकी आंखों में वासना से देखने लगा.

उसने कहा- अब देर मत करो … जल्दी से अन्दर डाल दो.

मैंने उठ कर धीरे से पोजीशन बनाई और अपने खड़े लंड को उसकी चूत की फांकों पर घिसने लगा.
चुत रस से लबालब थी और एकदम चिकनी थी.

उसने अपनी टांगें फैला दीं और मेरे लंड का सुपारा धीरे से चुत की फांकों में घुस आया.
मैंने चुत की गर्मी महसूस की तो थोड़ा जोर लगा दिया.
मेरा लंड अन्दर चला गया.

वो चिल्ला उठी और कहने लगी- उई मम्मी रे मर गई … आह इसे बाहर निकालो … जल्दी बाहर निकालो आह बहुत दर्द हो रहा है.
वह ऐसे बोल रही थी, जिसे उसकी चुत में गर्म सलाख घुस गई हो.

मैंने तुरंत लंड चूत से बाहर निकाल दिया.

वो बोली- पागल हो गया क्या … मार ही डालोगे क्या?

मैं कुछ नहीं बोला. बस चूतियों सा पलकें झपकाता रहा.

कुछ देर बाद थोड़ा धीरे से मैंने कहा- दीदी अगर मैं सच कहूं, तो मुझे इस बारे में कुछ भी अनुभव नहीं था. मेरे दोस्तों के उनकी गर्लफ्रेंड के किस्से भर सुने थे कि कैसे किया जाता है.

वो मेरी तरफ चुप होकर देख रही थी. वो बोली- फिर?
मैंने कहा- शायद उनके लिए यह सब रोज का काम हो गया था, पर मुझे जितना भी पता था, वो सिर्फ सेक्स वीडियो देखकर ही जान पाया था. ना तो मेरी अब तक कोई गर्लफ्रेंड है … और ना ही कोई सैटिंग है.

उसने मेरे लंड को हाथ से सहलाया और बोली- चल फिर से करते हैं.
मैंने कहा- दीदी आपको दर्द हुआ तो?
वो बोली- पहली बार में तो होता ही है. तू कर.

मैंने उसे फिर लंड लगा कर चोदना शुरू किया. वो दर्द से ‘उई … उई आआह ..’ करती रही.
धीरे धीरे मैंने पूरा लंड पेल दिया और चुदाई चालू कर दी.

जल्दी ही उसका पानी निकल गया और लंड सुगमता से चुत में अन्दर बाहर होने लगा. चुदाई की फच फच की आवाज आने लगी थी.
वो मेरे लंड को अपनी चुत में अन्दर तक लेते हुए गांड हिला रही थी.
मैं भी उसकी लय से लय मिलाते हुए धकापेल चोदे जा रहा था.

तभी मैंने बिना लंड निकाले उसे अपने ऊपर ले लिया. वो अब मेरे लंड की सवारी करने लगी थी.
उसकी चूचियां बड़ी मस्त थिरक रही थीं. अपनी गांड को उठा उठा कर लंड पर चुत पटक कर चुदाई कर रही थी.
मैं भी उसके मम्मों को जोर जोर से दबा रहा था.

कुछ देर बाद मैंने उसे घोड़ी बनाकर चोदना शुरू कर दिया.
मैं इस आसन में थोड़ी स्पीड से चुत चोदने लगा था.

वो अपने बदन को ऐंठने लगी और आवाजें निकालने लगी.

अब मुझे भी लग रहा था कि मैं भी झड़ने वाला हो गया हूँ. मैंने अपने आपको रोका और तुरंत उठ गया.

वो घूम गई और मेरे लंड को अपने हाथ में लेकर चूसने लगी.
उसी समय लंड ने लावा छोड़ दिया; वो मेरा सारा वीर्य पी गई.

चुदाई खत्म हुई तो वो मेरे सीने से लिपट गई.
हम दोनों बिस्तर पर पड़े अपनी सांसें नियंत्रित करने लगी.

कुछ देर बाद फिर से चुदाई हुई और इस बार हम दोनों ने काफी देर तक चुदाई चुसाई का मजा लिया.
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2021-04-23 10:20:47 ब्रा पहनने के बाद उसने अपने मम्मों को दबा कर और ब्रा को उछाल उछाल कर सैट किया.
फिर पैंटी हाथ में लेकर अपने पैर फैलाए. जैसे ही उसने पैर फैलाए, उसकी चुत थोड़ी सी फैल गई और हल्की सी पानी पानी सी गुलाबी रंग की दिखी.
शायद उसने कभी सेक्स नहीं किया था, क्योंकि उसका चुत की फांकें चिपकी हुई थीं.

नंगी लड़की का सीन देख कर मेरे लंड महाराज एकदम से फनफना उठे.
उसकी नंगी चुत देखते ही मैं पागल सा हो गया था.
मुझे कुछ समझ में ही नहीं आ रहा था कि ये सब हो क्या रहा है.

वो दिखने में एकदम गोरी ऐसी मानो जैसे सफेद रंग की संगमरमर की मूरत हो.
एकदम गदराई और भरी हुई मस्त जवानी.
बहुत ही सुंदर और दिखने में एकदम शरीफ सी लड़की थी.

मुझे नहीं लगता था कि उसका कोई ब्वॉयफ्रेंड भी होगा.
वो एक सिंपल से कपड़े पहनने वाली लड़की थी. ज्यादातर घर में ही रहती थी, घर से बाहर ही नहीं जाती थी.

उस दिन के बाद से उसे देखने का मानो मेरा नजरिया ही बदल गया था. मुझे कुछ अलग ही फीलिंग आ गई थी. उसे देखते ही मुझे उसकी नंगी चुत का सीन याद आ जाता था.

यह सिलसिला लगातार चलता रहा. मैं छिप छिप कर उसे देखने लगा.
कभी वो केवल एक पैंटी में दिख जाती थी, तो कभी कमरे के बाहर बने ओपन बाथरूम में नंगी नहाते दिख जाती थी.

उसे यूं देख कर मेरे अन्दर उसे चोदने के लिए हवस भर चुकी थी. मैं घर पर जब भी रहता, छत से उसे ही देखता रहता कि वो क्या कर रही है … कैसी है. यही सब देख कर मैं बस खुद को शांत कर लेता था.

मगर आप सभी जानते होंगे कि किसी भी लड़की या औरत के साथ संबंध बनाना उसके चाहने पर ही बनाना चाहिए, ऐसा मेरा मानना है.
अगर आप जबरदस्ती किसी के साथ ऐसा करते हैं, तो यह न आपका हक है और न ही उसकी सहमति है. एक तरह से यह एक अपराध होता है.
मैं किसी भी तरह की जबरदस्ती नहीं करना चाहता था, पर उसके साथ सेक्स करना चाहता था.

मैं नए-नए तरीके सोचने लगा कि कैसे क्या करूं कि बंदी सैट हो जाए.

जब वह कॉलेज से घर आती थी, तो मैं जल्दी से छत पर आ जाया करता था. वो अपनी ड्रेस बदल कर बाथरूम में सिर्फ ब्रा पैंटी में जाती थी तो मैं उसे देखता रहता था.

संडे के दिन वो थोड़ा देरी से नहाती थी और कमरे से बाहर भी दो-तीन बार आती थी.

फिर एक दिन मैं उसे उसी तरह देख रहा था, उसने अपनी छत पर बने बाथरूम में अपनी ड्रेस उतारी. फिर ब्रा को उतारा और सिर्फ पैंटी में ही नहाने लगी थी.

मैं इस कामुक मंजर को वासना भरी नजरों से देख रहा था. वो अपने हाथ पैरों और मम्मों को साबुन लगा रही थी.
उसके पूरे बदन पर सफेद झाग आ गया था.

उसने एक मग पानी लिया और अपने मम्मों पर डालकर नहाने लगी. कुछ देर तक उसने अपने दूध रगड़े और पैंटी में हाथ डालकर चुत को रगड़ा. उसके बाद उसने तौलिया उठा कर अपने बदन को पौंछने लगी.

कपड़े पहनने से पहले उसने अपनी पैंटी को उतारा और तौलिया से चुत को पौंछते हुए पूरा बदन साफ किया.
फिर उसने एक टांग उठाकर पैंटी पहनी और बस खेल हो गया.

न जाने कैसे उसने मुझे देख लिया और वो एकदम से घबरा कर अपने बदन को ढकने लगी. झट से ओपन बाथरूम में बनी एक आड़ में चली गई.

उधर उसने अपने कपड़े पहने और थोड़ी देर बाद वो बाहर आ गई. छत पर आकर उसने आवाज लगायी, तो मैंने उस तरफ देखा. उसने मुझे इशारे से करीब बुलाया.

मैं उसके नजदीक हो गया.

वो बोली- आकाश … तुम क्या देख रहे थे?
मैं एकदम डर गया और बोला- इधर एक बिल्ली थी … उसे भगाने आया था.

वो सब जान चुकी थी कि मैं क्या देख रहा था.

उसने मुझसे कहा- मैं तेरे पापा और मम्मी को बता दूंगी. सच सच बोल क्या देख रहा था?
मैं डर गया और बोला- दीदी, मैं आपको ही देख रहा था.

वो बोली- सच-सच बता रहा है न … अब तो मैं बता कर ही छोडूंगी.
मैं बोला- नहीं दीदी, प्लीज आप जो कहेंगी, मैं वही करूंगा … पर आप मम्मी पापा को मत बताना.

उसने मुझसे कहा- चल ठीक है. पर ये बात तुम किसी को बताना नहीं … और तुम वादा भी करो कि जो मैं कहूंगी, वह करोगे.
मैंने कहा- ठीक है.

फिर कुछ दिन बीत गए. मैंने उसे देखना ही छोड़ दिया था. मैं कुछ दिन तक तो उससे नजर ही नहीं मिला पाया.

ऐसे ही कुछ दिन बीत गए.

फिर एक दिन उसने कहा- मुझे तुमसे कुछ काम है … जरा घर आना.

मैं उसके घर चला गया.
मेरे मम्मी पापा का उनके यहां आना जाना चलता था, तो उसने मुझे बुलाना कुछ गलत नहीं समझा.
मैं भी चला गया.

फिर उसने कहा- तुम कल स्कूल नहीं जाओगे.
मैंने पूछा- क्यों?

उसने कहा- मैंने बोल दिया न … नहीं जाओगे माने नहीं जाओगे … ठीक है!
मैं- जी ठीक है.

वो- जब तेरे मम्मी पापा घर से चले जाएं, तो तुम मेरे घर आ जाना.
मैं सर हिलाते हुए हां कहके अपने घर आ गया.

अगले दिन जब मम्मी पापा खेत जा चुके थे … तो मैं उनके यहां गया. वह टीवी में सीरियल देख रही थी.

मैंने कहा- दीदी आपने बुलाया था.
उसने बोला- अरे तू तो जुबान का बड़ा पक्का है.
मैं- आप ही ने तो कहा था.
वो बोली- अन्दर आ जाओ.

मैं अन्दर घर में आ गया.
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2021-04-23 10:20:30 *160

पड़ोस की मस्त दीदी की चुदाई

मेरे साथ ये एक अजीब सी बात है कि जब भी मैं पहली बार किसी रियल लाइफ की घटना को लिखता हूं, तो थोड़ा नर्वस हो जाता हूं.
इसी के चलते हो सकता है कि कुछ गलतियां हो जाएं, तो प्लीज़ माफ कर दीजिएगा; और कोशिश कीजिएगा कि आप जब देसी लड़की सेक्स स्टोरी को पढ़ेंगे, तो उसकी कल्पना आपको कामवासना के लोक में ले जाएगी. फिर आपके मेल मेरी इस सेक्स कहानी को स्पेशल बना देंगे.

मैं छत्तीसगढ़ से हूं. मेरा नाम आकाश है, मैं अभी एक स्टूडेंट हूं. मेरी उम्र अभी जवानी में कदम रखने वाली ही है.

अभी मैं कॉलेज के स्टूडेंट हूँ और इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहा हूं.

जैसे-जैसे मेरी जवानी हिलोरें मारने लगी … इंटरनेट पर सेक्स तलाशा तो पहली बार में ही अन्तर्वासना साईट हाथ लग गई.
अब मैं इस साइट का नियमित पाठक बन गया हूँ. मुझे यहां मनचाही सेक्स कहानी पढ़ने को मिलने लगी हैं.
ख़ास बात ये कि मुझको इस वक्त जैसा चाहिए था, इधर वैसा ही मुझे मिलने लगा.

यह बात उस समय की है, जब मैं 19 साल था. स्कूल की 11वीं कक्षा तक मेरे साथ ऐसी कोई बात नहीं हुई थी, जिससे मुझे ऐसे ख्याल आए.

फिर एक दिन की बात है, जब मैं अपने घर की छत पर चढ़ा था, तो मैंने देखा कि बगल के मकान की एक लड़की, जो छत पर बने उसके ओपन बाथरूम से नहा कर बाहर आई हुई थी.
शायद वो वहां छत पर अपने हाथ पैर और शरीर की तेल से मालिश कर रही थी.

उसे देख कर हालांकि उस वक्त तो मुझे कुछ ऐसा ख्याल नहीं आया, पर जब मैंने देखा वह अपने हाथ से अपने मम्मों में तेल लगाकर उनको दबाते हुए मालिश करने लगी.

तो मैं उसे ध्यान से देखने लगा.

कुछ ही पलों में उस लड़की ने अपने शरीर से कपड़े हटा दिए और अपने पूरे शरीर पर तेल लगा कर मालिश करने लगी.

चूंकि इस समय ठंड का मौसम था, तो मैं छत पर धूप सेंकने के लिए गया था. सामने गर्म सीन देख कर मैं अपनी छत पर एक तरफ होकर दीवार की आड़ में छुप गया और उसे देखने लगा.

वो लड़की आंख बंद करके अपने दोनों मम्मों के निप्पलों को खींच खींच कर मींजने लगी. छत पर बढ़िया धूप थी तो मैंने धूप में बैठे रह कर उसे देखने का फैसला कर लिया.

मुझे नहीं पता था कि ऐसा भी हो सकता है कि कोई लड़की अपने मम्मों को भींचते हुए मालिश करे.
ये सब मेरे लिए एकदम नया था. मैं देखने लगा.

वो लगातार तेल से अपने मम्मों को तो बहुत जोर-जोर से भींचते हुए मचल रही थी.

जैसे कि आप सभी को मालूम है कि इस कायनात में नर मादा दोनों को ही सेक्स की जरूरत होती है.
उसे भी इस समय कुछ ऐसा लग रहा था और वो अपने जिस्म की आग को शांत करने में लगी थी.

मैं दूर एक आड़ से सब कुछ देख रहा था. उसे देखते ही देखते मेरा लंड खड़ा हो गया और मैं वहीं छत पर ही अपना लंड हिलाने लगा.

उधर वो मादक लौंडिया मुझे एक लाइव ब्लू-फिल्म का मजा दे रही थी और मैं बड़ी तेजी से अपने लौड़े को ठंडा करने का कार्य कर रहा था.
कुछ ही देर में मैंने अपना सारा माल गिरा दिया और उधर वो भी मालिश करते करते मस्त होने लगी थी.

अब उसने अपने पैरों पर तेल लगाना शुरू कर दिया था. अब वो पैरों से थोड़ा ऊपर अपनी संगमरमरी जांघों पर हाथ फेरने लगी.
फिर वो थोड़ी सी झुकी और अपनी चुत में उंगली डालकर मालिश करने लगी.

उस समय उसकी दोनों टांगें फैली हुई थीं इसलिए मैं उसकी चुत को साफ-साफ देख सकता था.
उसकी चुत में ज्यादा झांटें नहीं थीं, बहुत कम बाल उगे हुए थे. मैं बस उसे देखते ही कुछ ही पल शांत हो गया.

उधर वो अपने जिस्म की मालिश करते करते एकदम से गर्मा गई और अपनी चूत में बड़ी तेजी से उंगली चलाते हुए अपने एक दूध को हाथ से पकड़ कर मसलने लगी.

ये सारा मंजर मैं अपनी छत से साफ़ देख रहा था.
मुझे एहसास ही नहीं था कि वो ये सब भी कर सकती थी.

अब वो बड़ी तेजी से अपनी उंगली को चुत में अन्दर बाहर करने लगी थी.

तभी उसने एक हरकत करना और शुरू कर दिया. अपनी जिस उंगली को वो चुत में अन्दर बाहर कर रही थी, उसे निकाल कर उसने अपने मुँह में ले ली और उंगली को चूस कर साफ कर दिया.

शायद वो शांत हो चुकी थी और उसकी चुत ने रस छोड़ दिया था जिसे उसने चाट लिया था.

वो झड़ने के बाद एक दो मिनट यूं ही बैठी रही; फिर उसने अपने बालों में तेल लगाया और एक तौलिया लपेट कर वहां से अपने कमरे में चली गई.
उसका कमरा छत पर ही बना था.

इधर मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया था. मैंने फिर से लंड हिलाया और दूसरी बार भी झड़ गया.

मैं झड़ने के बाद चुपचाप एक कोने में बैठकर उस मंजर को सोचने लगा.

दोस्तो, जिस बला ने मुझे पागल कर दिया था उसका नाम वर्षा था और वो मुझे 3 – 4 साल बड़ी थी.

मैं नीचे जाने की सोच ही रहा था कि वो कुछ देर बाद फिर से अपने कमरे से बाहर आ गई. इस समय वो ब्रा और पैंटी लेकर आई थी.
उसने पहले ब्रा को उल्टा करके अपने हुक को लगाया और फिर उसे घुमा कर ब्रा को अपने दोनों चूचों पर सैट करके ब्रा को पहन लिया.
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2021-04-06 13:31:44 फिर खेल शुरू हुआ तो इस बार उसकी गोटी मर गई.

वो बोली- लो, मेरी भी मर गई.
मैंने कहा- अभी कहां मारी है, जब मारूंगा तब कहना.

मेरे मुँह से ये निकला … तो वो मेरी तरफ देख कर मेरे हाथ में चिकोटी काटने लगी.

एकता- क्या मारने की बात कर रहे हो?
मैंने उसका हाथ पकड़ा और कहा- गोटी.

वो समझ गई थी कि चुत से गोटी कहा जा रहा है.

मैंने उससे शर्त हारने की बात याद दिलाई और गाना सुनाने के लिए कहा.

एकता गाने लगी- मैं मालगाड़ी … तू धक्का लगा.
अब सब साफ़ हो गया था कि उसकी चुदाई की जरूरत थी.

मैंने सीधे सीधे ही कह दिया- लेट जा, अभी धक्का लगाना शुरू कर देता हूँ.
वो हंस पड़ी और बोली- बड़ी जल्दी समझ गए.

मैंने अपने हाथ पसार दिए और एकता मेरी बांहों में समा गई. मैंने उसे चूमना शुरू कर दिया.

वो बोली- समझने में कितनी देर लगा दी.
मैंने कहा- इंतजार में जो मजा है वो सीधे सीधे किधर है मेरी जान.

हम दोनों जल्दी ही एक दूसरे के अन्दर समाने की कोशिश में लग गए.

वो बोली- अब रहा नहीं जाता डार्लिंग … मुझे जल्दी से ठंडी कर दो.
मैंने कहा- जान इधर छत पर कोई भी आ सकता है.
वो बोली- मेरे कमरे में चलो.

मैं उसकी बात से राजी हो गया और उसे नीचे जाने का कह दिया.

वो जैसे ही नीचे गई, मैं भी नीचे आकर अपने घर में चला गया.

मैंने मम्मी से कहा कि मैं जरा बाहर जा रहा हूँ. कुछ देर से आ जाऊंगा.
मम्मी ने पूछा- किधर जा रहे हो?
मैंने कहा- एक दोस्त का फोन आया है उसके घर जा रहा हूँ. बस जाकर आ जाऊंगा.
मम्मी ने हां कह दी.

मैंने तुरंत बाहर का रुख किया और सावधानी से इधर उधर देखता हुआ एकता के घर में आ गया.
उसने झट से मुझे अन्दर किया और बोली- मैं अभी आती हूँ. तुम्हारी मम्मी से कहने जा रही हूँ कि आज घर में कोई नहीं है, तो मैं छत पर सोने नहीं आऊंगी.

मैं उसकी होशियारी पर उसे मन ही मन शाबाशी देने लगा.
तभी मुझे कंडोम की याद आई तो मैंने उससे कहा- तुम उधर जाओ मैं अभी आता हूँ.

वो बोली- किधर जा रहे हो?
मैंने कहा- प्रोटेक्शन लेने जा रहा हूँ.
वो मुस्कुरा दी.

हम दोनों अपनी सैटिंग के लिए लग गए.

वो मेरी मम्मी के पास चली गई और मैं बाजार से कंडोम लाने के लिए चला गया.

कुछ देर बाद मैंने कंडोम का पैक खरीदा और उधर से मम्मी को फोन कर दिया कि मम्मी आज रात मैं दोस्त के घर ही रुक रहा हूँ.
उस समय एकता मेरी मम्मी के पास ही थी, तो उन्हें भी सब सामान्य लगा.

अगले दस मिनट में हम दोनों एकता के कमरे में थे.
जल्दी ही वो नंगी होकर मेरे साथ लिपटी पड़ी थी.

मैंने उसके नग्न दूध देखे तो मचल उठा और उसके साथ बिस्तर में आ गया.

दोस्तों अब हमारी सेक्स कहानी शुरू हो गई थी. मैंने उस पूरी रात में एकता की सीलपैक चुत को तीन बार चोदा.

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2021-04-06 13:31:18 एक दिन उसका छोटा भाई अपने स्कूल की गर्मियों की छुट्टी में उसके मामा के घर अपने मम्मी पापा के साथ गांव गया था.
रात हुई तो छत पर हम दोनों कुछ जल्दी ही आ गए थे.

मैंने और एकता ने रोज की तरह लूडो खेलना चालू किया. आपको तो समझ आ ही गया होगा कि मुझे जो चाहिए था, वो शायद आज मुझे मिलने वाला था.

अन्दर ही अन्दर मेरे मन में लड्डू फूटने लगे थे. आज एकता भी कुछ अलग सा व्यवहार कर रही थी, पता नहीं क्यों आज उसके हाव-भाव ठीक नहीं लग रहे थे.

रोज की तरह आज भी हम दोनों ने लूडो खेलना चालू किया.
मगर आज लूडो खेलने में हम दो ही थे, तो हमने लूडो चालू तो किया. पर थोड़ी देर तक ही खेला … आज पता नहीं क्यों हम दोनों को खेलने में मजा नहीं आ रहा था. एकता भी आज कुछ अजीब सी हरकत कर रही थी.

मैंने उसकी ड्रेस की तरफ देखा तो वो भी रोज से हटकर थी.

आज उसने एकदम छोटी वाली शॉर्ट्स और टॉप ही पहन रखा था. उसने अन्दर ब्रा नहीं पहनी थी वो उसके निप्पल से साफ साफ दिखाई दे रहा था.
मैंने उसके कड़क हो चुके निप्पल देखे तो वो आज कुछ ज्यादा ही हॉट दिखी.

फिर आज वो मुझे कुछ ज्यादा ही भाव दे रही थी. आज तक उसने मेरे साथ ऐसे कभी बर्ताव नहीं किया था.

बड़े गले का टॉप पहने होने के बावजूद भी पूरी नीचे को झुक कर लूडो खेल रही थी. इससे मुझे उसके गोल गोल मम्मे साफ़ दिख रहे थे.
शायद वो खुद ही मुझे अपने दूध दिखा रही थी.

मुझे तो लग रहा था कि इसके टॉप में गले की तरफ से हाथ डालकर एक दूध मसल दूँ. मगर जब आज खुद बकरा कटने को मिमिया रहा हो तो जल्दबाजी की क्या जरूरत थी.
मैं कामुक निगाहों से एकता के मम्मों का नजारा देखने लगा. मेरा लंड भी उठ कर अपनी औकात में आने लगा था.

आज एकता का लूडो के खेल में जरा सा भी ध्यान नहीं था, शायद वो आज कुछ और खेलना चाहती थी.
वो बात बात में मेरा हाथ पकड़ ले रही थी और जोर से मेरे हाथ पर चूंटी काटती थी फिर तुरंत की बड़ी मुहब्बत से मेरे हाथ में किस कर लेती थी.

थोड़ी देर बाद मुझे भी साफ़ समझ आ गया था कि आज इसे क्या चाहिए था.

हम लोगों ने आज बहुत देर तक ऐसा किया. हम दोनों ने इसी तरह से बेमन से बहुत देर तक लूडो खेला.
खेल तो बहाना था … हमें तो आज कुछ और ही खेल खेलना था मगर समझ नहीं आ रहा था कि शुरुआत कैसे करें.
उसकी आंखों में शरारत कुछ ज्यादा ही झलक रही थी.

मैंने उससे कहा- यार आज कुछ मजा नहीं आ रहा है. कुछ नया होना चाहिए.
वो अपनी ठोड़ी पर अपने दोनों हाथ लगा कर बैठ गई और मेरी तरफ देख कर बोली- तुम्हें क्या नया चाहिए?

मैंने उसकी आंखों में आंखें डालकर देखा और कहा- तुमको भी नया चाहिए हो तो बात बन सकती है.
वो बोली- हम्म … चलो बताओ क्या नया चाहिए.

मैंने कहा- शर्त लगा कर खेल खेलोगी?
वो बोली- मतलब!

मैंने कहा- लूडो में एक गोटी मारने पर एक बात माननी पड़ेगी … तुम्हें भी और मुझे भी.
वो बोली- ठीक है.

खेल शुरू हुआ. पहली गोटी मेरी मर गई.
वो हंस दी और बोली- तुम गाना सुनाओ.

मैंने कहा- कौन सा!
वो बोली- तुम अपनी पसंद का सुनाओ.

मैंने कहा- ठीक है.

मैंने वो गाना सुनाना शुरू किया- हम तुम एक कमरे में बंद हों और चाभी खो जाए.
वो हंस पड़ी.
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2021-04-06 13:31:05 *159


पड़ोसन लड़की की जवानी का मजा

सेक्सी हॉट लड़की की चुदाई कहानी में पढ़ें कि मेरे पड़ोस में एक नया परिवार आया. उनकी लड़की से मेरी दोस्ती हो गयी. सब लोग छत पर सोते थे तो एक रात …

नमस्कार दोस्तो, मेरा नाम मोहन है, मैं एक शादीशुदा युवक हूँ. मैं सूरत गुजरात का रहने वाला हूँ. मेरी हाइट पांच फुट आठ इंच है. मेरे लंड का साइज़ छह इंच है. मैं दिखने में गुड लुकिंग हूँ और ज्यादा मस्ती वाला मिज़ाज़ का हूँ.

वैसे तो मुझे तरह तरह की लड़कियां और भाभी चोदना बहुत पसंद हैं. खास कर बड़े मम्मे और बड़ी गांड वाली भाभियां और लड़कियां लंड के नीचे लेना ज्यादा पसंद हैं.

मैं अन्तर्वासना का एक नियमित पाठक हूँ. इधर ये मेरी पहली सेक्स कहानी है. आज मैं आपके साथ मेरे साथ घटी एक मादक घटना साझा करना चाहता हूँ. मैं आशा करता हूँ कि आप सभी को मेरी सेक्सी हॉट लड़की की चुदाई कहानी पसंद आएगी.

ये घटना उस समय की है, जब मेरी शादी नहीं हुई थी. पढ़ाई खत्म हुए भी सिर्फ 5-6 महीने ही हुए थे.
मैं गर्मी की छुट्टी का आनन्द ले रहा था, तभी की ये बात है. उन दिनों गर्मी में हम सब लोग रात को छत पर सोने जाया करते थे.

हमारे साथ हमारे अपार्टमेंट की वो लड़की भी जाया करती थी. उसका नाम एकता (बदला हुआ नाम) था.

एकता हमारे यहां किराये पर अभी नई नई ही रहने आई थी. अभी मैं उससे ज्यादा खुला नहीं था, इसलिए हम दोनों आपस में ज्यादा बात नहीं करते थे.

एकता का फिगर 32-28-34 का था. एकता इतनी अधिक मादक लगती थी कि जाने भगवान ने किस फुर्सत की घड़ी में बड़े ही आराम से गढ़ा हो. क्या संगमरमर की मूरत सी थी वो! आह!

हालांकि देखने में थोड़ी सांवली थी … मगर उसके जिस्म की कसावट और थिरकन देख कर मेरा कलेजा हलक में आ जाता था.
सच में एकता बहुत सुंदर दिखती थी. उसके बूब्स एकदम गोल और बहुत मस्त थे.

वो जरा सी भी जुम्बिश लेती, तो उसके दूध यूं थिरकने लगते मानो उनमें कोई स्प्रिंग लगी हो.
मैं तो उसके लचकते मम्मों को देख कर एकदम से गदगद हो जाता था. उसकी चूत में गर्मी भी बहुत भरी थी, जो मैं उसकी आंखों में देख कर अंदाजा लगाता था.
उसकी कजरारी आंखों की चितवन देख कर मैं एकदम से नशे में हो जाता था.

एकता अपने मम्मी पापा और भाई के साथ छत पर सोने आया करती थी.

कुछ दिन तक बस यूं ही हम दोनों एक दूसरे को देख कर मन भर लिया करते थे और हल्की सी स्माईल देकर घूम जाते थे.

वो देखने में मुझे काफी सीधी साधी लग रही थी.

मैं उससे बात करने के लिए तड़प रहा था, बहुत हिम्मत जुटा कर जैसे तैसे मैंने उससे बात करने की कोशिश की.

एक दिन वो अकेली खड़ी थी मैं उसे हाय बोला. उसने भी मुझे हाय बोला. मैंने उसे अपना नाम बताया.
उसने भी अपना नाम बताया.

मैंने उससे पूछा- मुझसे बात करने में इंटरेस्ट है?
वो हंस दी- क्यों? ऐसे क्यों पूछ रहे हो?

मैंने भी हंस कर कहा- इसलिए पूछा क्योंकि तुमको मैं कोई चिपकू न लग रहा होऊं कि ये खामखां लस रहा है.
वो हंस दी और बोली- चिपकू हा हा हा … अरे यार ऐसा नहीं है.

उसने मुझे यार कहा, तो मुझे भी मजा आ गया.
हंसते समय उसके गालों पर गड्डे देख कर दिल खुश हो गया.

मैंने उसके डिम्पल की तारीफ़ की तो उसने थैंक्स कहा. फिर इस तरह धीरे धीरे हम दोनों की दोस्ती हो गई और बातचीत भी होने लगी.

हमारे बीच बातचीत की शुरुआत काफी अच्छे मूड में हुई थी, तो अब हम दोनों थोड़ी मस्ती मजाक भी कर लिया करते थे.

उन्हीं दिनों की बात है, जब हम लोग छत पर सोते थे और हमारे अपार्टमेंट के काफी सारे लोग छत पर सोने आते थे.
उसमें एकता की फैमिली मेरे मम्मी पापा और कुछ दूसरे किराएदार भी सोने के लिए आया करते थे.

हमारे बीच अब पहले से ही बोलचाल का व्यवहार था, तो हम दोनों सोने से पहले थोड़ी बहुत बात कर लिया करते थे; थोड़ी मस्ती मजाक भी कर लिया करते थे और सो जाते थे.

हम लोग सोने से पहले मोबाइल में एकता, उसका छोटे भाई और मैं हम तीनों लूडो खेलते थे.
मैंने लूडो का खेल खेलना इसलिए भी शुरू किया था ताकि उसके मम्मी पापा को ऐसा न लगे कि मैं उनकी बेटी को फ्लर्ट कर रहा हूँ.

मेरे खुशनुमा व्यवहार के कारण अब तो आलम ये हो गया था कि कभी कभी तो आंटी भी हमारे साथ लूडो खेलने आ जाती थीं.

इस तरह से मैं एकता के काफी करीब आ गया था और उसके मम्मी पापा की नजरों में भी मैं एक अच्छा बन्दा सिद्ध हो गया था.

हम जहां पर सोते थे, हमारे बाजू में ही एकता का बिस्तर लगता था. धीरे धीरे अब हम दोनों और भी करीब आने लगे थे.
वो भी मेरे साथ बात करने का कोई ना कोई बहाना ढूंढती रहती थी और मैं भी उससे बात करने का कोई न कोई बहाना ढूंढता रहता था.

मैं उसे किसी ना किसी बहाने से छूने की कोशिश करता रहता था और वो भी मेरी इन हरकतों का मजा लेती थी.
उसने मेरी टचिंग वाली बात से कभी भी विरोध नहीं किया था.
इससे मेरे दिमाग में एक बात पक्की होने लगी थी कि इसकी चुत में भी आग लगी है.
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