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ब्रा पहनने के बाद उसने अपने मम्मों को दबा कर और ब्रा को उछाल उ | Savita Bhabhi HINDI story..

ब्रा पहनने के बाद उसने अपने मम्मों को दबा कर और ब्रा को उछाल उछाल कर सैट किया.
फिर पैंटी हाथ में लेकर अपने पैर फैलाए. जैसे ही उसने पैर फैलाए, उसकी चुत थोड़ी सी फैल गई और हल्की सी पानी पानी सी गुलाबी रंग की दिखी.
शायद उसने कभी सेक्स नहीं किया था, क्योंकि उसका चुत की फांकें चिपकी हुई थीं.

नंगी लड़की का सीन देख कर मेरे लंड महाराज एकदम से फनफना उठे.
उसकी नंगी चुत देखते ही मैं पागल सा हो गया था.
मुझे कुछ समझ में ही नहीं आ रहा था कि ये सब हो क्या रहा है.

वो दिखने में एकदम गोरी ऐसी मानो जैसे सफेद रंग की संगमरमर की मूरत हो.
एकदम गदराई और भरी हुई मस्त जवानी.
बहुत ही सुंदर और दिखने में एकदम शरीफ सी लड़की थी.

मुझे नहीं लगता था कि उसका कोई ब्वॉयफ्रेंड भी होगा.
वो एक सिंपल से कपड़े पहनने वाली लड़की थी. ज्यादातर घर में ही रहती थी, घर से बाहर ही नहीं जाती थी.

उस दिन के बाद से उसे देखने का मानो मेरा नजरिया ही बदल गया था. मुझे कुछ अलग ही फीलिंग आ गई थी. उसे देखते ही मुझे उसकी नंगी चुत का सीन याद आ जाता था.

यह सिलसिला लगातार चलता रहा. मैं छिप छिप कर उसे देखने लगा.
कभी वो केवल एक पैंटी में दिख जाती थी, तो कभी कमरे के बाहर बने ओपन बाथरूम में नंगी नहाते दिख जाती थी.

उसे यूं देख कर मेरे अन्दर उसे चोदने के लिए हवस भर चुकी थी. मैं घर पर जब भी रहता, छत से उसे ही देखता रहता कि वो क्या कर रही है … कैसी है. यही सब देख कर मैं बस खुद को शांत कर लेता था.

मगर आप सभी जानते होंगे कि किसी भी लड़की या औरत के साथ संबंध बनाना उसके चाहने पर ही बनाना चाहिए, ऐसा मेरा मानना है.
अगर आप जबरदस्ती किसी के साथ ऐसा करते हैं, तो यह न आपका हक है और न ही उसकी सहमति है. एक तरह से यह एक अपराध होता है.
मैं किसी भी तरह की जबरदस्ती नहीं करना चाहता था, पर उसके साथ सेक्स करना चाहता था.

मैं नए-नए तरीके सोचने लगा कि कैसे क्या करूं कि बंदी सैट हो जाए.

जब वह कॉलेज से घर आती थी, तो मैं जल्दी से छत पर आ जाया करता था. वो अपनी ड्रेस बदल कर बाथरूम में सिर्फ ब्रा पैंटी में जाती थी तो मैं उसे देखता रहता था.

संडे के दिन वो थोड़ा देरी से नहाती थी और कमरे से बाहर भी दो-तीन बार आती थी.

फिर एक दिन मैं उसे उसी तरह देख रहा था, उसने अपनी छत पर बने बाथरूम में अपनी ड्रेस उतारी. फिर ब्रा को उतारा और सिर्फ पैंटी में ही नहाने लगी थी.

मैं इस कामुक मंजर को वासना भरी नजरों से देख रहा था. वो अपने हाथ पैरों और मम्मों को साबुन लगा रही थी.
उसके पूरे बदन पर सफेद झाग आ गया था.

उसने एक मग पानी लिया और अपने मम्मों पर डालकर नहाने लगी. कुछ देर तक उसने अपने दूध रगड़े और पैंटी में हाथ डालकर चुत को रगड़ा. उसके बाद उसने तौलिया उठा कर अपने बदन को पौंछने लगी.

कपड़े पहनने से पहले उसने अपनी पैंटी को उतारा और तौलिया से चुत को पौंछते हुए पूरा बदन साफ किया.
फिर उसने एक टांग उठाकर पैंटी पहनी और बस खेल हो गया.

न जाने कैसे उसने मुझे देख लिया और वो एकदम से घबरा कर अपने बदन को ढकने लगी. झट से ओपन बाथरूम में बनी एक आड़ में चली गई.

उधर उसने अपने कपड़े पहने और थोड़ी देर बाद वो बाहर आ गई. छत पर आकर उसने आवाज लगायी, तो मैंने उस तरफ देखा. उसने मुझे इशारे से करीब बुलाया.

मैं उसके नजदीक हो गया.

वो बोली- आकाश … तुम क्या देख रहे थे?
मैं एकदम डर गया और बोला- इधर एक बिल्ली थी … उसे भगाने आया था.

वो सब जान चुकी थी कि मैं क्या देख रहा था.

उसने मुझसे कहा- मैं तेरे पापा और मम्मी को बता दूंगी. सच सच बोल क्या देख रहा था?
मैं डर गया और बोला- दीदी, मैं आपको ही देख रहा था.

वो बोली- सच-सच बता रहा है न … अब तो मैं बता कर ही छोडूंगी.
मैं बोला- नहीं दीदी, प्लीज आप जो कहेंगी, मैं वही करूंगा … पर आप मम्मी पापा को मत बताना.

उसने मुझसे कहा- चल ठीक है. पर ये बात तुम किसी को बताना नहीं … और तुम वादा भी करो कि जो मैं कहूंगी, वह करोगे.
मैंने कहा- ठीक है.

फिर कुछ दिन बीत गए. मैंने उसे देखना ही छोड़ दिया था. मैं कुछ दिन तक तो उससे नजर ही नहीं मिला पाया.

ऐसे ही कुछ दिन बीत गए.

फिर एक दिन उसने कहा- मुझे तुमसे कुछ काम है … जरा घर आना.

मैं उसके घर चला गया.
मेरे मम्मी पापा का उनके यहां आना जाना चलता था, तो उसने मुझे बुलाना कुछ गलत नहीं समझा.
मैं भी चला गया.

फिर उसने कहा- तुम कल स्कूल नहीं जाओगे.
मैंने पूछा- क्यों?

उसने कहा- मैंने बोल दिया न … नहीं जाओगे माने नहीं जाओगे … ठीक है!
मैं- जी ठीक है.

वो- जब तेरे मम्मी पापा घर से चले जाएं, तो तुम मेरे घर आ जाना.
मैं सर हिलाते हुए हां कहके अपने घर आ गया.

अगले दिन जब मम्मी पापा खेत जा चुके थे … तो मैं उनके यहां गया. वह टीवी में सीरियल देख रही थी.

मैंने कहा- दीदी आपने बुलाया था.
उसने बोला- अरे तू तो जुबान का बड़ा पक्का है.
मैं- आप ही ने तो कहा था.
वो बोली- अन्दर आ जाओ.

मैं अन्दर घर में आ गया.