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Savita Bhabhi HINDI story..

टेलीग्राम चैनल का लोगो xxnxxnxxxxnx — Savita Bhabhi HINDI story.. S
चैनल का पता: @xxnxxnxxxxnx
श्रेणियाँ: वयस्क सामग्री (18+) , प्रेमकाव्य
भाषा: हिंदी
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चैनल से विवरण

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नवीनतम संदेश 4

2021-04-05 04:00:49 *157

मेरी प्यासी मामी की चूत चाटकर चोदी

दोस्तों में 33 साल का एक नौजवान लड़का हूँ और अभी तक कुंवारा हूँ मेरा नाम राज है और में आगरा का रहने वाला हूँ, मेरी हाईट 5 फीट 8 इंच है मेरा रंग गोरा है और मेरा लंड 7.5 इंच लंबा है और 3.5 इंच मोटा भी है.

दोस्तों में हमेशा से ही नाभि का बहुत दिवाना हूँ मुझे गहरी और लम्बी नाभि बहुत पसंद है, नाभि इतनी बड़ी हो कि उसमे नींबू पूरा आ जाए फिर चाहे वो नाभि किसी लड़की, आंटी, भाभी और दीदी किसी की ही क्यों ना हो मुझे बहुत अच्छी लगती है. मुझे उसे चूसने को, चाटने को, काटने को, देखने को, इतना दिल करता है कि बस में नाभि के पास ही बैठा रहूँ, तो यह था मेरा पूरा परिचय और अब में अपनी कहानी पर आता हूँ यह मेरी पहली कहानी है जो कि करीब दस साल पहले की है यानी कि 2003 की तब मेरी उम्र 23 साल थी में उस समय अपनी पढ़ाई करने चंडीगढ़ अपने मामा के घर पर गया हुआ था क्योंकि आगरा के कुछ दोस्तों के साथ मेरी उस समय लड़ाई झगड़े हो गये थे इसलिए पापा ने मुझे चंडीगढ़ पढ़ाई करने भेज दिया था.

दोस्तों में अपने मामा के पास पहली बार गया था और मैंने मामा और मामी को पहली बार देखा था. में 10 जून 2003 को चंडीगढ़ के लिए निकल पड़ा और 11 जून 2003 की सुबह में चंडीगढ़ पहुंच गया. वहाँ पर मामा ने अपने ड्राइवर को गाड़ी से मुझे घर पर लाने के लिए भेज दिया था, ड्राइवर ने मुझे अपने साथ में लिया और घर की तरफ निकल पड़ा में जैसे ही घर पर पहुंचा तो मेरी मामी बाहर आई और मुझसे बोली कि वहीं पर रुक जाओ. तो में वहीं पर रुक गया और वो एक आरती की थाली लेकर आई और उन्होंने मेरी आरती की और बोली कि हाँ अब अंदर आ जाओ.

दोस्तों मेरी मामी का नाम दिव्या है और उनकी उम्र 35 साल है उनका रंग गोरा है और बदन बहुत सेक्सी है और उनके फिगर का साईज 36-30-32 था. दोस्तों मेरी मामी का फिगर बिल्कुल वैसा था जैसा में चाहता था. तभी अचानक जैसे ही मामी अंदर की तरफ बड़ी तो उनकी कमर पर लगा चाबी का गुच्छा निकलकर नीचे गिर गया और मामी उस गुच्छे को जैसे ही उठाने के लिए नीचे झुकी तो मुझे उनके बूब्स दिख गये. वाह दोस्तों क्या बूब्स थे एकदम गोरे और बड़े जैसे पका हुआ पपीता हो, लेकिन जब वो चाबी उठाकर उठी तब उनके पेट से साड़ी हट गई और मैंने उनकी नाभि को देख लिया उनकी नाभि करीब दो इंच गहरी और तीन इंच लंबी एकदम गोल थी और उसे देखकर मेरा लंड धीरे धीरे टाईट होने लगा. मुझे ऐसा लग रहा था कि मामी अपनी नाभि रोज़ मामा के लंड से चुदवाती है.

फिर में नज़र नीचे करके अंदर चला गया, मामी बोली कि तुम बैठ जाओ में तुम्हारे लिए नाश्ता लाती हूँ मैंने उनसे पूछा कि मामा कहाँ है? तो मामी ने मुझे बताया कि मामा किसी काम के सिलसिले में दुबई गए हुए है और एक महीने बाद लोटेंगे. अब मैंने जैसे ही उनके मुहं से यह सब सुना मेरे मुहं में पानी आ गया में सोचने लगा कि में मामी को जरुर पटाउंगा और फिर शाम हुई और रात भी हो गई तो में उस समय अपने कमरे में था तो मामी ने आवाज़ लगाई कि राजा आ जाओ खाना खा लो, में अंदर गया और मैंने देखा कि मामी ने जीन्स और टॉप पहन रखा था वो टॉप एकदम टाईट था जिसमे से बूब्स बाहर आने को तड़प रहे थे और ब्रा की डोरी साफ साफ दिख रही थी और वो जीन्स मामी ने नाभि से करीब पांच इंच नीचे पहनी हुई थी जिससे नाभि साफ साफ दिखे, मुझे लगा कि शायद मामी को पता लग गया है कि में उनकी नाभि को देखना पसंद करता हूँ और जब में उनकी नाभि देख रहा था तो उन्होंने मुझे यह सब करते हुए देख लिया था और फिर हम लोग खाना खाने लगे और खाना खाने के बाद में अपने कमरे में चला गया.

फिर रात को करीब 9 बजे मामी के कमरे में से आवाज़ आई कि राजा यहाँ आओ. तो में उनके कमरे के अंदर चला गया और मैंने देखा कि मामी ने उस समय मेक्सी पहन रखी थी और वो भी पूरी जालीदार जिसमे उनकी स्टाइलिश ब्रा और पेंटी साफ साफ नज़र आ रही थी. फिर मामी मुझसे मुस्कुराकर बोली कि दूर से देखते रहोगे क्या आओ राजा यहाँ पर बैठो.

फिर मैंने पूछा कि जी मामी आपने मुझे क्यों बुलाया? मामी बोली कि मुझे अकेले सोने में बहुत डर लग रहा था तो मैंने सोचा कि तुम भी यहीं पर सो जाओ तो मुझे भी डर कम लगेगा और तुम्हे भी अच्छी नींद आ जाएगी. तो मैंने कहा कि ठीक है में सोफे पर सो जाता हूँ, तभी वो बोली कि अरे नहीं तुम मेरे पास यहीं बेड पर सो जाओ, तो मैंने कहा कि नहीं और फिर वो बोली कि लेकिन क्यों नहीं तुम मेरे पास क्यों नहीं सो सकते? तो मैंने कहा कि जी सो सकता हूँ.

वो बोली कि फिर तुम अब ज्यादा सोचो मत और में उनके सो गया. तभी मामी मुझसे पूछने लगी कि क्यों सो गये? में बोला कि नहीं, तो मामी बोली कि कुछ अपने बारे में बताओ ना तुम्हारी कोई गर्लफ्रेंड है या नहीं? में बोला कि नहीं मामी मेरी कोई गर्लफ्रेंड नहीं है.
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2021-04-03 06:53:52 फिर उसने बताया- कुछ दिनों पहले आप मेरे ऊपर हाथ रख कर सो रहे थे और बाद में आप मां की चूचियों को दबा रहे थे। मुझे तब पता चल गया कि आपका दिल सेक्स करना चाहता है। मगर फिर मां को ये पता चलेगा कि आप उनके मम्मों को दबा रहे थे तो वो आप पर गुस्सा करेगी इसीलिए मैंने उस दिन सोच लिया कि आपको मैं ही मजा दूंगी. आप भी तो मुझसे इतना प्यार करते हो … तो आपके लिए मैं इतना तो कर ही सकती हूं।

मैं मन ही मन सोच रहा था कि मेरी बहन कितनी भोली है. उसे ये भी नहीं पता कि उसकी मां को भी मुझसे चुदाई करवाना पसंद है।
मगर मैंने उसको ये सच्चाई नहीं बताई.
चाची की चुदाई की बात मैंने उससे छिपाकर ही रखी.

फिर मेरे लंड को उसने दोबारा से मुंह में भर लिया और मैंने श्वेता के मुंह को तेजी से चोदना शुरू कर दिया.

अब मैं अपने लंड का माल खाली करना चाह रहा था. मैंने श्वेता के सिर को पकड़ लिया और उसके मुंह को तेजी से चोदने लगा. वो भी गूं … गूं … की आवाज के साथ मेरे लंड को चूसने में लगी हुई थी.

फिर दो मिनट के बाद मेरा बदन अकड़ने लगा और मैंने पूरा लंड श्वेता के गले तक उतार दिया.
मैंने उसके मुंह में वीर्य छोड़ना शुरू किया तो उसे उल्टी होने लगी.

एकदम से उसने लंड बाहर निकाल दिया और आधा वीर्य उसके गले में गिरा जबकि आधा उसके होंठों पर लग गया और बाकी नीचे गिर गया.
उसका चेहरा मेरे वीर्य से सन गया.

गोरे चेहरे पर लाली आ गयी थी. उसके गुबाली होंठों पर मेरा सफेद वीर्य लगा हुआ चमक रहा था जिसे देखकर मुझे बहुत सुकून मिल रहा था.

उसके बाद वो उठी और अपना मुंह धोकर आ गयी.

पहली बार उसकी चूत ने लंड लिया था इसलिए उसे चलने में परेशानी हो रही थी.
मैंने उसको दर्द की गोली दी और फिर हम दोनों अपनी अपनी जगह पर जाकर सो गये.

उस दिन के बाद से श्वेता भी अब मेरी राजदार थी. अब तो मेरी हर रात रंगीन होने लगी क्योंकि किसी रात को श्वेता जगी रहती थी और किसी रात को चाची जगी हुई रहती थी.

मैं रोज मां या बेटी में से किसी एक की चूत मारता था. ये सिलसिला बहुत दिनों तक चलता रहा.

उसके कुछ दिन बाद फिर श्वेता भी जान गयी कि उसकी मां की चुदाई भी मैं ही करता हूं.
फिर चाची को भी पता चल गया कि उसकी बेटी की चुदाई भी मैं कर रहा हूं.

उसके बाद वो दोनों ही मुझसे चुदवाने लगी हैं. जब घर पर कोई नहीं होता है तो हम तीनों ही एक साथ चुदाई का मजा लेते हैं.

shubhswag54@gmail.com

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2021-04-03 06:53:14 उसने मेरी आंखों में देखा और फिर मैंने दोबारा से उसके होंठों पर होंठ रख दिये.
अब उसने विरोध छोड़ दिया और मेरा साथ देने लगी.
मैंने फिर से धीरे से पूछा- कैसा लग रहा है तुझे? दर्द तो नहीं हो रहा?

वो मेरी गर्दन से लिपटते हुए बोली- हो रहा है भैया … बाहर निकाल लो प्लीज!
मैं बोला- तू घबरा मत … थोड़ी देर ही होगा. उसके बाद तू खुद बोलेगी कि भैया और अंदर तक डालो.

फिर मैंने उसके होंठों को दोबारा से चूसा. वो भी मेरा पूरा साथ दे रही थी. अब मैंने मौका देखा और एक झटका जोर से लगाते हुए उसकी चूत में आधा लंड घुसा दिया.

मेरे होंठ उसके होंठों पर थे और वो ऊं … ऊं … की आवाज करते हुए चिल्लाने की कोशिश करने लगी लेकिन उसकी आवाज मेरे मुंह में ही दब जा रही थी.

मैंने तेजी से उसकी चूचियों सहलाना और मसलना शुरू कर दिया.
उसके निप्पल कसाव में आने लगे थे.
मैंने उसके होंठों को चूसना जारी रखा. उसके पूरे बदन पर हाथ से सहलाता.
फिर धीरे धीरे वो शांत हो गयी.

फिर मैंने थोड़ा सा विराम देकर लंड को उसकी चूत में चलाना शुरू किया. वो भी अब लंड को बर्दाश्त कर रही थी और मेरा साथ देने की कोशिश कर रही थी.
कुछ देर के बाद उसको मजा आने लगा.

अब मेरा लंड उसकी चूत में अच्छी तरह से अंदर और बाहर जा रहा था. मैंने नीचे झुककर देखा तो उसकी चूत में लंड जब अंदर जा रहा था तो पूरी चूत फैलकर मेरे लंड का स्वागत कर रही थी.

उसकी चूत से हल्का खून भी निकल आया था. उसकी चूत की झिल्ली भी शायद पहले से नहीं टूटी थी. फिर मैंने ऊपर देखा तो श्वेता की आंखों में कामवासना का एक मद भर चुका था.

अब जैसे वो अपनी टांगें खोलकर कह रही थी कि चोदते रहो … अंदर तक पेलते रहो.
उसके चेहरे पर चुदाई का मजा साफ दिख रहा था.
मगर चूंकि उसका पहली बार था इसलिए दर्द के मारे उसका चेहरा भी लाल हुआ जा रहा था.

अपनी चुदाई करवाती हुई छोटी बहन पर इस वक्त मुझे बहुत प्यार आ रहा था.
मैं भी बड़े ही प्यार से उसकी चूत में लंड को मलाई की तरह अंदर बाहर करने लगा ताकि उसको ज्यादा से ज्यादा आनंद मिल सके.

वैसे मेरा मन तो कर रहा था कि स्पीड बढ़ाकर उसकी चूत को एक बार रगड़ दूं!
मगर मुझे पता था कि वो अभी छोटी है और नई नई जवानी में कदम रख रही है.
अगर पहला अनुभव ही दर्द भरा रहा तो उसके मन में डर बैठ जायेगा.

मैं आराम से प्यार से उसकी चुदाई करता रहा और फिर वो अपनी टांगें मेरी कमर पर लपेट कर चुदने लगी.
अब वो खुद ही मेरे होंठों को चूसते हुए चुद रही थी.

उसकी भावनाओं का ध्यान रखते हुए मैं भी सावधानी पूर्वक चुदाई कर रहा था.
अब वो नीचे से अपनी कमर उठाकर अपनी चूत में लंड को अंदर तक लेने की कोशिश कर रही थी.
मैंने भी सोचा कि स्पीड बढ़ा देनी चाहिए. मैंने उसको तेजी से चोदना शुरू कर दिया.

एक बार फिर से उसकी कराहटें बाहर आना शुरू हो गयीं. मगर अबकी बार वो आनंद में ज्यादा लग रही थी और दर्द में कम.

मैं उसको चोदता रहा और वो चुदती जा रही थी. अब उसने मुझे जोर जोर से चूमना और काटना शुरू कर दिया. कभी वो मेरी पीठ पर नाखूनों से चुभा रही थी और कभी मेरी गर्दन को काटने लगती थी.

ऐसे ही मुझे किस करते हुए वो कहने लगी- आई लव यू भैया … आह्ह … मैं आपसे प्यार करती हूं.
मैंने हांफते हुए उसकी तरफ हैरानी से देखा तो वो मुस्कराने लगी.

उसने बोला- मैं उस वक्त जाग रही थी जब आपने मेरी चूत को बाथरूम में पेशाब करवाने के बाद धोया था.
मैं सुनकर हैरान था. ये साली तो मेरे ही मजे ले रही थी.

फिर मैं भी मुस्करा दिया और दोगुने जोश के साथ उसे चोदने लगा. फिर वो मेरे से लिपट गयी और मेरे लंड के तेज धक्कों को बर्दाश्त करने लगी. उसकी चूत से पच पच … की आवाज होने लगी.

शायद उसकी चूत ने अब पानी छोड़ दिया था क्योंकि मुझे उसकी चूत में अब कुछ ज्यादा ही चिकनाहट महसूस हो रही थी.
मैं पच पच … की आवाजों का मजा लेते हुए उसकी चूत में लंड को पेलता रहा.

उसकी चूत में अब जलन होने लगी और वो बोली- बस भैया … अब बर्दाश्त नहीं हो रहा … बाहर निकाल लो प्लीज।
फिर मैंने लंड को बाहर निकाल लिया. वैसे मेरा मन तो था कि उसकी चूत में माल गिरा दूं लेकिन उसके पेट से होने का डर भी था.

उसने मेरे लन्ड को हाथ में पकड़ लिया और हिलाने लगी. हिलाते हिलाते उसने मेरा लन्ड मुंह में ले लिया। मेरी प्यारी छोटी बहन मेरा लंड इतने मजे से चूस रही थी कि मुझे उस पर बहुत प्यार आ रहा था और मैं उसके बालों को प्यार से सहलाते हुए लंड को चुसवा रहा था.

उसे ऐसे चूसते हुए देख मेरा लन्ड और भी सख्त हो गया और झटके मारने लगा।

मेरी प्यारी बहन अब बड़ी हो गई थी।
मैंने उससे पूछा- क्या तुम सच में नींद में थी?
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2021-04-03 06:53:03 अब मेरी बहन बिना पैंट के ही बाथरूम के बाहर खड़ी हुई थी. मैं उसको फिर अपने रूम में ले गया. अंदर जाकर मैंने उसको बेड पर लिटा दिया. फिर मैंने रूम की लाइट जला दी ताकि मुझे उसका पूरा बदन दिख सके.

वो अभी भी आंखें बंद करके ही सोई हुई थी। मैंने वक्त ना गंवाते हुए उसका टीशर्ट उसके बदन से अलग कर दिया.
उसके छोटे छोटे मम्में थे. वो अब बड़ी हो चुकी थी मगर सेक्स के मामले में थी तो कच्ची ही।

मैंने खुद को पूरा नंगा कर दिया. उसकी पैंटी को दोनों साइड से पकड़ कर धीरे धीरे पैंटी भी निकाल दी और उसको पूरी नंगी कर दिया.

उसका कमसिन का चिकना बदन था जैसे कि 19 साल की गुड़िया हो.

मैंने उसके बदन को चाटना शुरू कर दिया। उसके मम्में बहुत सॉफ्ट सॉफ्ट लग रहे थे।

अब मैंने उसकी चूचियों को चूसना शुरू किया। मुझे डर था कि कहीं वो उठ न जाए। मगर मैं खुद को रोक नहीं पा रहा था.

धीरे धीरे उसका बदन गर्मा रहा था। मैंने उसके मम्मों को बारी बारी दबाना शुरू किया और हल्का हल्का उसको किस करने लगा।

उसका स्वाद मुझे अपने काबू में कर रहा था। धीरे धीरे करके मैं नीचे की ओर आ रहा था.

उसने अपनी चूत के बाल साफ़ नहीं किए थे. काफी छोटे छोटे घुंघराले बाल थे मेरी बहन की छोटी सी चूत पर।

मैं उसके पूरे बदन को सहलाने लगा था। श्वेता थोड़ी थोड़ी हलचल करने लगी थी। मैं अब नीचे की तरफ आ गया.

मुझसे रहा नहीं जा रहा था. मैंने श्वेता की दोनों टांगों को कस कर पकड़ा और उसकी चूत पर अपना मुंह लगा दिया। उसकी चूत की खुशबू मेरी नाक में जाने लगी.

फिर मैं धीरे धीरे चूत में अपनी जीभ डाल कर उसकी चूत में चलाने लगा.
मेरी जीभ बिल्कुल लंड की तरह चूत में अंदर बाहर होने लगी. इससे पहले मैंने चाची की चूत मुंह से खूब चोदी हुई थी.

अब मेरी जीभ मेरी बहन की चूत को चोद रही थी. उसकी चूत का स्वाद बहुत मादक था.
मन कर रहा था उसकी चूत को चाटता ही रहूं.

अभी कुछ देर पहले ही वो पेशाब करके आई थी. उसकी चूत में से नमकीन स्वाद मिल रहा था जो शायद उसकी चूत में लगी पेशाब की बूंदों का था.

मैं गुजरते लम्हों के साथ उसकी चूत को जैसे खाने ही लगा था.
मेरी उत्तेजना बढ़ती जा रही थी.

मुंह से चूत को चोदते हुए अब मेरी बहन भी हल्की हल्की आहें भरने लगी थी.
उसकी गुलाबी चूत अब धीरे धीरे लाल होने लगी थी.
मेरी लार उसकी चूत में इकट्ठी होना शुरू हो गयी थी.

मुझसे अब रहा नहीं जा रहा था। मैं उसकी टांगों के बीच में आकर बैठ गया और धीरे से उसकी चूत के होंठों पर अपना लन्ड लगा दिया।
मुझे डर था कि उसका पहली बार है तो वो रोने ना लगे।

मैंने हल्का सा धक्का दिया और पच … से मेरे लंड का सुपारा उसकी चूत के अंदर चला गया.
उसकी आवाज निकलने से पहले ही मैं उसके ऊपर लेटकर उसको किस करने लगा.

अब उसकी नींद टूट चुकी थी. उसने मुझे हटाना चाहा लेकिन मैंने उसके कान में धीरे से कहा- रुका जा श्वेता, अगर आवाज हुई तो चाचा-चाची उठ जायेंगे, फिर तू भी फंसेगी और मैं भी.
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2021-04-03 06:52:51 मैं आपके लिए आज अपनी एक और आपबीती लाया हूं. ये बहन की भाई से चुदाई कहानी मेरे साथ हुई घटनाओं में से एक है।

मैं पुणे में अपने चाचा-चाची के परिवार के साथ रहता हूं.

परिवार में मुझे मिलाकर चार लोग हैं. मेरे चाचा-चाची और उनकी बेटी श्वेता।

ये कहानी मेरे और श्वेता के बीच कुछ महीने पहले हुई घटना पर आधारित है।

गर्मी का मौसम था। इस साल बहुत ज्यादा गर्मी लग रही थी.

चाचा के घर में दो कमरे, एक हॉल और एक किचन है. घर ज्यादा छोटा तो नहीं है लेकिन बहुत बड़ा भी नहीं है. चाचा की कमाई पर ही पूरा घर चलता है।

गर्मी बढ़ने के कारण हम सब परेशान थे। इससे पहले इतनी गर्मी का सामना हमने नहीं किया था। घर में पंखे के अलावा कुछ दूसरा साधन नहीं था।

इसीलिए चाचा ने एक कूलर खरीद लिया और घर के हॉल में लगा दिया।
कूलर घर में आने से काफी अच्छा माहौल हो गया था।
हम चारों लोग हॉल में आराम से सो सकते थे.

कूलर को लगे हुए 4-5 दिन हो गये थे और हम सभी लोग हॉल में सोते थे. हमारे सोने का क्रम रोज एक जैसा ही हो गया था. पहले चाचा, फिर चाची, फिर श्वेता और फिर आखिर में मैं।

श्वेता और मेरे बीच में सगे भाई बहन जैसा रिश्ता था. मैं उसकी काफी परवाह करता था.
रात के अंधेरे में कई बार मैं श्वेता के ऊपर अपनी टांग भी रख लेता था. मगर ये सब नींद में ही होता था.

मेरा ध्यान चाची पर ही रहता था. मैं श्वेता के ऊपर से हाथ ले जाकर चाची की चूचियों को छेड़ देता था. कई बार तो मैं जानबूझकर श्वेता को चाची की ओर सरकने पर मजबूर किया करता था.

जब श्वेता उनसे चिपक जाती तो श्वेता को गर्मी लगती और फिर वो उठकर मेरे से भी पीछे आकर सो जाती थी.
इससे मैं और चाची एकदम पास पास हो जाते थे और फिर मैं चाची की चूचियों को सहलाता था.

चाची तो पहले से ही सेट थी. हम देर रात में मजे करना शुरू करते थे. मैं अपना लंड निकाल लेता था और चाची अपनी साड़ी उठा लेती थी. फिर दोनों एक दूसरे से चिपक कर सेक्स करते थे.

मैं लेटे हुए ही चाची की चूत में लंड दे देता था और वो अपनी चूत को मेरे लंड में घुसाते हुए मजा लेती रहती थी.
मुझे चाची के मम्में बहुत ज्यादा पसंद थे. उसके चूचे बहुत बड़े थे. उनके निप्पल्स का चॉकलेटी कलर था.

ऐसे ही एक रात की बात है. हम सब लोग सो रहे थे. श्वेता मेरे पास ही सो रही थी. मेरी छोटी बहन होने के नाते मैं उसे प्यार से हग करके सोया हुआ था।

रात के करीब 1 बजे थे. मेरा पेट गुड़गुड़ की आवाज करने लगा. मुझे शौच करने का महसूस हुआ तो मैं उठकर टॉयलेट में चला गया।
कुछ 10 मिनट तक मैं अंदर ही था.

अन्तर्वासना की कुछ कहानियां पढ़ने का मूड हो रहा था तो पढ़ते हुए वहीं बैठ गया।

जब मैं बाहर आया तो चुदाई करने का मन कर रहा था. लंड को मैंने अंदर काफी सहलाया और अब उसको एक चूत चाहिए थी.

मगर उस वक्त चाची का महीना चल रहा था इसलिए 4-5 दिन से हमारे बीच में कुछ नहीं हो पाया था।

मैं जैसे ही टॉयलेट के बाहर आया तो मेरे आगे मेरी बहन श्वेता खड़ी थी.

उसके कपड़े कुछ ठीक नहीं लग रहे थे. शायद नींद में हिलने डुलने के कारण थोड़ी सी उसकी टीशर्ट ऊपर की ओर सरक गई थी।
मुझे लगा उसे अन्दर बाथरूम जाना होगा इसलिए मैं वहां से हट गया.

मगर उसके बाद भी वो वहीं पर खड़ी रही. मेरी नजर फिर उसकी आंखों पर गयी.
मैं हैरान था. उसकी आंखें बंद थीं.
मुझे समझते देर न लगी कि वो नींद में उठकर यहां आ खड़ी हुई है. शायद उसे नींद में चलने की बीमारी है.

एक बार तो मैंने सोचा कि चाची को आवाज लगाकर उठा दूं. मगर फिर मेरा ध्यान उसकी गोरी गोरी चिकनी जांघों पर गया.

न जाने क्यों मेरी नियत बदल गयी. मैंने सोचा कि मौके का फायदा उठाना चाहिए.

एक बार चेक करने के लिए मैंने श्वेता से पूछा- क्या तुम्हें बाथरूम जाना है?
उसने नींद में ही कहा- हां … नहीं … नहीं!
मैं जान गया कि वो होश में नहीं है.

मैंने उसे हाथ पकड़ कर टॉयलेट की जगह नहाने के बाथरूम में छोड़ा और अपना पैर बाथरूम के दरवाज़े में फंसा दिया ताकि वो दरवाजा न लगा सके।

वो अंदर चली गई. उसने दरवाजा धकेला. उसकी कड़ी भी लगाई लेकिन मेरे पांव की वजह से दरवाजा बंद हुआ ही नहीं था। मैंने दरवाजा फिर से खोल दिया.

उसने अपनी नाइट पैंट और पैंटी को घुटनों तक नीचे किया और पेशाब करने के लिए बैठ गयी. तब तक मैं बाथरूम के अंदर आ गया. उसका पेशाब होते ही मैंने उसकी चूत को पीछे से पानी से साफ कर दिया.

वो ऊपर उठकर अपनी पैंट ऊपर करने लगी तो मैंने पीछे से खींच कर उसकी पैंट नीचे कर दी. फिर उसने अपनी पैंटी ऊपर कर ली. मैंने उसकी पैंट को धीरे से पकड़ कर एक एक टांग से निकलवा दिया.

फिर मैं उसकी पैंट को कंधे पर रखकर उसे बाथरूम से बाहर ले आया. वो केवल पैंटी में ही थी. उसने बार्बी डॉल के कार्टून वाली पैंटी पहनी हुई थी.
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2021-04-03 06:52:37 चाची की चूत पर मैंने अपना लंड लगा दिया. मेरा लंड 7 इंच के करीब है और मैंने एक ही झटके में चाची की चूत में अपना लंड पेल दिया. चाची एकदम से तड़प उठी. रात को भी मैंने चाची की चूत चोदी थी इसलिए उसको दर्द हो रहा था. मगर अब मुझसे रुका नहीं जा रहा था.

लंड अंदर जाते ही चाची तड़पने लगी. उसके मुंह से दर्द भरी आवाजें आने लगी. मैंने उसके मुंह पर हाथ रख कर उसके मुंह को बंद कर लिया. मैंने उनके स्तनों को दबाना शुरू कर दिया. मुझे सेक्स चढ़ गया था. लंड को चाची की चूत से बाहर निकालने का मन ही नहीं किया.

मैंने उनके स्तनों को दबाना जारी रखा. दस मिनट के बाद मैंने उसकी चूत में धीरे धीरे लंड को चलाना शुरू किया. मैंने चाची की चूत चोदनी शुरू कर दी. चाची अब मेरे लंड को बर्दाश्त कर पा रही थी. वो चुदाई का मजा लेने लगी.

तेजी के साथ मैं उसकी चूत में लंड को पेलने लगा. फिर मैंने अपनी रफ्तार बढ़ा दी और चाची की चूत में वीर्य छोड़ दिया. वीर्य निकलने के बाद मैं चाची के ऊपर ही ढेर हो गया. मैंने सारा माल चाची की चूत में भर दिया. फिर मैं उनके ऊपर ऐसे ही सो गया.

घंटे भर के बाद मेरी आंख खुली. मैं चाची के ऊपर ही पड़ा हुआ था. मैंने देखा कि मेरा लंड अभी भी चाची की चूत में ही था. वो भी गहरी नींद में सो रही थी. फिर मैंने धीरे से लंड को बाहर कर लिया.

उसके बाद मैं बाथरूम में गया. अपने लंड को साफ करके वापस आ गया. मैंने देखा कि चाची बेड पर नंगी पड़ी हुई थी. सोते हुए उसकी चूचियां बहुत ही मस्त लग रही थीं. उसकी चूत भी नंगी थी.

मैंने अपना फोन निकाला और चाची की नंगी फोटो ले ली. फिर मैंने उनकी चूत के कुछ क्लोज अप शॉट भी लिये. फिर उनको किस करते हुए भी फोटो ली. मैंने नंगी चाची का पूरा फोटोशूट कर डाला.

वैसे तो मुझे डर भी लग रहा था लेकिन मैंने सोचा कि अगर चाची ने पुणे जाने के बाद मुझे अपने साथ सोने नहीं दिया तो चाची की नंगी फोटो मेरे काम आ जायेंगी. नंगी पिक्स लेने के बाद मैं भी चाची के बगल में ही लेट गया और मुझे नींद लग गयी.

दो घंटे के बाद फिर चाची की नींद खुली. चाची ने पाया कि मैं उनकी बगल में ही सोया हुआ हूं. चाची के ऊपर मैंने एक कम्बल डाल दिया था. कम्बल को देख कर चाची हंसने लगी. उनकी आवाज से मेरी नींद भी जैसे टूट सी गयी.

जब मैंने आंखें खोलीं तो चाची मेरे बालों में हाथ फिरा रही थी. मैं भी उठ कर बैठ गया. फिर मैं अपने काम में लग गया. हमें शादी में जाने की तैयारी करनी थी. मैं फिर तैयार हो गया और चाची भी रेडी हो गयी. फिर शादी के लिए मैं और चाची निकल चले.
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2021-04-03 06:52:28 अंदर आने के बाद चाची ने मेरे कपड़े उतारने शुरू कर दिये. मुझे बहुत शर्म आ रही थी. रात के अंधेरे में तो बहुत कुछ हो चुका था लेकिन दिन के उजाले में उनका सामना नहीं कर पा रहा था मैं.

शर्म के मारे मेरे बदन में पसीना आने लगा था. देखते देखते ही चाची ने मेरी पैंट और शर्ट दोनों उतार दी थी. मुझे केवल अंडरवियर में खड़ा कर दिया था.

वो मुझे पानी डाल कर नहलाने लगी. मगर मुझे नहलाते हुए उनके तौलिया पर भी पानी गिर रहा था. उनकी टावल गीली हो रही थी. ये देख कर चाची ने अपनी टावल झट से उतार दी. उन्होंने टावल को उतार कर पीछे दरवाजे पर टांग दिया.

मैं तो चाची को देखता ही रह गया. वो बहुत ही सुंदर लग रही थी. उनकी चूचियों का साइज 36 से कम का नहीं था. मन कर रहा था कि चाची की चूचियों को पकड़ लूं. उनका दूध पी लूं.

चाची के स्तनों को मैं घूर ही रहा था कि उन्होंने मुझे देख लिया.
वो बोली- ऐसे क्या देख रहे हो?
मैंने कहा- कुछ नहीं चाची, मैंने आपको कभी ऐसे नहीं देखा था. आज आप बहुत ही अलग लग रहे हो.

वो बोली- अच्छा! कल रात को तुम मेरे अंदर अपना लंड डाल कर सो रहे थे. अभी तुमको शर्म आ रही है?
वो फिर बोली- कोई बात नहीं है. ऐसा लगता है कि पहली बार तुमने किसी को चोदा है. पहली बार में ऐसा ही लगता है. मैं सही कह रही हूं ना?

मैंने हां में गर्दन हिला दी. चाची ने मेरे अंडरवियर में मेरे तने हुए लंड को देख लिया. उनका भी मन कर गया मस्ती करने के लिए. चाची एकदम से मेरे जिस्म के करीब आ गयी और मुझे अपनी टांगों के बीच में बिठा कर अपनी चूत में मेरा मुंह देने लगी.

वो बोली- चूस ले राहुल इसे… आह्ह … चाट जा इसको.
मुझे इससे पहले कभी चूत को चूसने का अनुभव नहीं मिला था. मुझे बड़ा ही अजीब सा लग रहा था. मैं पीछे हटने लगा.

चाची ने डांटते हुए कहा- क्यों नखरे कर रहा है. कल रात को मैं भी तुम्हारा लंड चूस रही थी. तुम्हें मेरी चूत को चूसने में क्या दिक्कत है? मुझे तुम्हारी ये बात बिल्कुल पसंद नहीं आ रही राहुल.

मैंने देखा कि चाची का मुंह उतर गया. मैंने उनको पकड़ कर अपनी ओर खींच लिया. उनके चूतड़ों को दबाते हुए उनकी चूत को अपनी ओर कर लिया और अपना मुंह चाची की चूत में लगा दिया.
मैं जोर से चाची की चूत को चूसने लगा.

जैसे ही मैंने चाची की चूत में जीभ से चूसना शुरू किया तो चाची के मुंह से सिसकारियां निकलने लगीं. वो आह्ह आह्ह की आवाज के साथ अपनी चूत को चुसवाने लगी. मैं भी जोर से चाची की चूत को चूसने लगा.
मुझे अब मजा आने लगा था. चूत का टेस्ट पहली बार मिल रहा था.

मैंने काफी देर तक चाची को चूत को चूसने का मजा दिया. फिर मैं नीचे फर्श पर लेट गया. चाची को मैंने लंड पर बैठने के लिए कहा. चाची बैठने लगी. उनकी चूत में भी चुदाई की खुजली हो रही थी.

चाची ने मेरे लंड पर बैठते हुए मेरे लंड को अपनी चूत में ले लिया. उनकी चूत में जैसे ही लंड गया तो चाची के मुंह से एकदम से सिसकारी निकल गयी. मैंने नीचे से चाची की चूत में धक्के देना शुरू किया तो चाची से बर्दाश्त नहीं हुआ.

वो तभी वापस से उठ गयी.
मैंने कहा- क्या हुआ?
वो बोली- बीती रात में ही तो तुमने मेरी चूत को चोदा है. मेरी चूत में जलन हो रही है. मुझसे अब लंड न लिया जायेगा. बहुत दुख रही है.

चाची बोली- ऐसा कर कि तू मुंह से ही कर दे.
मैंने दोबारा से चाची की चूत में मुंह लगा दिया और उसकी चूत में जीभ से ही चोदने लगा. चाची ने अपनी टांगों को चौड़ी कर लिया. उसको मजा आने लगा.

फिर वो पीछे वाली दीवार के साथ जा लगी. मैं भी आगे की ओर सरक गया. दीवार से लगा कर मैं चाची की चूत में जीभ से चोदने लगा. वो मस्त होने लगी. थोड़ी ही देर के बाद उनकी चूत ने मेरे मुंह में पानी छोड़ दिया.
मैंने चाची की चूत का सारा पानी चाट लिया. पहली बार मुझे चूत के कामरस का स्वाद इतना पसंद आया था.

उसके बाद चाची ने मुझे नहलाया. मैंने चाची के बदन को साफ किया और उसने मेरे बदन को पोंछ दिया. उसके बाद हम दोनों बाथरूम से बाहर आ गये. मेरा लंड अभी तना हुआ था.

बाहर आने के बाद मैंने चाची की गांड देखी. मेरा मन चाची की चुदाई करने के लिए करने लगा. मुझसे कंट्रोल नहीं हुआ और मैंने चाची को बेड पर गिरा लिया. उनके ऊपर चढ़ गया. मैं चाची के बदन को हाथ से सहलाने लगा.

उसके बाद मैंने उसकी चूत में हाथ से सहलाना शुरू कर दिया. चाची भी मदहोश होने लगी. मैं चाची के बूब्स को सहलाने लगा. उसकी चूचियां एकदम से कड़क हो गयी थीं. मैंने उनको दबा दिया और फिर पीने लगा. चाची अपनी चूत को ऊपर उठाने लगी. चाची फिर से चुदासी हो गयी थी.

कुछ देर तक मैं चाची के बूब्स के साथ खेलता रहा और उसकी चूचियों को सहलाता रहा. हम दोनों के जिस्म गर्म हो चुके थे. फिर मैंने चाची के पैरों को मोड़ दिया. दोनों तरफ उसके पैरों को फैला दिया.
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