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मैं आपके लिए आज अपनी एक और आपबीती लाया हूं. ये बहन की भाई से च | Savita Bhabhi HINDI story..

मैं आपके लिए आज अपनी एक और आपबीती लाया हूं. ये बहन की भाई से चुदाई कहानी मेरे साथ हुई घटनाओं में से एक है।

मैं पुणे में अपने चाचा-चाची के परिवार के साथ रहता हूं.

परिवार में मुझे मिलाकर चार लोग हैं. मेरे चाचा-चाची और उनकी बेटी श्वेता।

ये कहानी मेरे और श्वेता के बीच कुछ महीने पहले हुई घटना पर आधारित है।

गर्मी का मौसम था। इस साल बहुत ज्यादा गर्मी लग रही थी.

चाचा के घर में दो कमरे, एक हॉल और एक किचन है. घर ज्यादा छोटा तो नहीं है लेकिन बहुत बड़ा भी नहीं है. चाचा की कमाई पर ही पूरा घर चलता है।

गर्मी बढ़ने के कारण हम सब परेशान थे। इससे पहले इतनी गर्मी का सामना हमने नहीं किया था। घर में पंखे के अलावा कुछ दूसरा साधन नहीं था।

इसीलिए चाचा ने एक कूलर खरीद लिया और घर के हॉल में लगा दिया।
कूलर घर में आने से काफी अच्छा माहौल हो गया था।
हम चारों लोग हॉल में आराम से सो सकते थे.

कूलर को लगे हुए 4-5 दिन हो गये थे और हम सभी लोग हॉल में सोते थे. हमारे सोने का क्रम रोज एक जैसा ही हो गया था. पहले चाचा, फिर चाची, फिर श्वेता और फिर आखिर में मैं।

श्वेता और मेरे बीच में सगे भाई बहन जैसा रिश्ता था. मैं उसकी काफी परवाह करता था.
रात के अंधेरे में कई बार मैं श्वेता के ऊपर अपनी टांग भी रख लेता था. मगर ये सब नींद में ही होता था.

मेरा ध्यान चाची पर ही रहता था. मैं श्वेता के ऊपर से हाथ ले जाकर चाची की चूचियों को छेड़ देता था. कई बार तो मैं जानबूझकर श्वेता को चाची की ओर सरकने पर मजबूर किया करता था.

जब श्वेता उनसे चिपक जाती तो श्वेता को गर्मी लगती और फिर वो उठकर मेरे से भी पीछे आकर सो जाती थी.
इससे मैं और चाची एकदम पास पास हो जाते थे और फिर मैं चाची की चूचियों को सहलाता था.

चाची तो पहले से ही सेट थी. हम देर रात में मजे करना शुरू करते थे. मैं अपना लंड निकाल लेता था और चाची अपनी साड़ी उठा लेती थी. फिर दोनों एक दूसरे से चिपक कर सेक्स करते थे.

मैं लेटे हुए ही चाची की चूत में लंड दे देता था और वो अपनी चूत को मेरे लंड में घुसाते हुए मजा लेती रहती थी.
मुझे चाची के मम्में बहुत ज्यादा पसंद थे. उसके चूचे बहुत बड़े थे. उनके निप्पल्स का चॉकलेटी कलर था.

ऐसे ही एक रात की बात है. हम सब लोग सो रहे थे. श्वेता मेरे पास ही सो रही थी. मेरी छोटी बहन होने के नाते मैं उसे प्यार से हग करके सोया हुआ था।

रात के करीब 1 बजे थे. मेरा पेट गुड़गुड़ की आवाज करने लगा. मुझे शौच करने का महसूस हुआ तो मैं उठकर टॉयलेट में चला गया।
कुछ 10 मिनट तक मैं अंदर ही था.

अन्तर्वासना की कुछ कहानियां पढ़ने का मूड हो रहा था तो पढ़ते हुए वहीं बैठ गया।

जब मैं बाहर आया तो चुदाई करने का मन कर रहा था. लंड को मैंने अंदर काफी सहलाया और अब उसको एक चूत चाहिए थी.

मगर उस वक्त चाची का महीना चल रहा था इसलिए 4-5 दिन से हमारे बीच में कुछ नहीं हो पाया था।

मैं जैसे ही टॉयलेट के बाहर आया तो मेरे आगे मेरी बहन श्वेता खड़ी थी.

उसके कपड़े कुछ ठीक नहीं लग रहे थे. शायद नींद में हिलने डुलने के कारण थोड़ी सी उसकी टीशर्ट ऊपर की ओर सरक गई थी।
मुझे लगा उसे अन्दर बाथरूम जाना होगा इसलिए मैं वहां से हट गया.

मगर उसके बाद भी वो वहीं पर खड़ी रही. मेरी नजर फिर उसकी आंखों पर गयी.
मैं हैरान था. उसकी आंखें बंद थीं.
मुझे समझते देर न लगी कि वो नींद में उठकर यहां आ खड़ी हुई है. शायद उसे नींद में चलने की बीमारी है.

एक बार तो मैंने सोचा कि चाची को आवाज लगाकर उठा दूं. मगर फिर मेरा ध्यान उसकी गोरी गोरी चिकनी जांघों पर गया.

न जाने क्यों मेरी नियत बदल गयी. मैंने सोचा कि मौके का फायदा उठाना चाहिए.

एक बार चेक करने के लिए मैंने श्वेता से पूछा- क्या तुम्हें बाथरूम जाना है?
उसने नींद में ही कहा- हां … नहीं … नहीं!
मैं जान गया कि वो होश में नहीं है.

मैंने उसे हाथ पकड़ कर टॉयलेट की जगह नहाने के बाथरूम में छोड़ा और अपना पैर बाथरूम के दरवाज़े में फंसा दिया ताकि वो दरवाजा न लगा सके।

वो अंदर चली गई. उसने दरवाजा धकेला. उसकी कड़ी भी लगाई लेकिन मेरे पांव की वजह से दरवाजा बंद हुआ ही नहीं था। मैंने दरवाजा फिर से खोल दिया.

उसने अपनी नाइट पैंट और पैंटी को घुटनों तक नीचे किया और पेशाब करने के लिए बैठ गयी. तब तक मैं बाथरूम के अंदर आ गया. उसका पेशाब होते ही मैंने उसकी चूत को पीछे से पानी से साफ कर दिया.

वो ऊपर उठकर अपनी पैंट ऊपर करने लगी तो मैंने पीछे से खींच कर उसकी पैंट नीचे कर दी. फिर उसने अपनी पैंटी ऊपर कर ली. मैंने उसकी पैंट को धीरे से पकड़ कर एक एक टांग से निकलवा दिया.

फिर मैं उसकी पैंट को कंधे पर रखकर उसे बाथरूम से बाहर ले आया. वो केवल पैंटी में ही थी. उसने बार्बी डॉल के कार्टून वाली पैंटी पहनी हुई थी.