Get Mystery Box with random crypto!

उसने मेरी आंखों में देखा और फिर मैंने दोबारा से उसके होंठों पर | Savita Bhabhi HINDI story..

उसने मेरी आंखों में देखा और फिर मैंने दोबारा से उसके होंठों पर होंठ रख दिये.
अब उसने विरोध छोड़ दिया और मेरा साथ देने लगी.
मैंने फिर से धीरे से पूछा- कैसा लग रहा है तुझे? दर्द तो नहीं हो रहा?

वो मेरी गर्दन से लिपटते हुए बोली- हो रहा है भैया … बाहर निकाल लो प्लीज!
मैं बोला- तू घबरा मत … थोड़ी देर ही होगा. उसके बाद तू खुद बोलेगी कि भैया और अंदर तक डालो.

फिर मैंने उसके होंठों को दोबारा से चूसा. वो भी मेरा पूरा साथ दे रही थी. अब मैंने मौका देखा और एक झटका जोर से लगाते हुए उसकी चूत में आधा लंड घुसा दिया.

मेरे होंठ उसके होंठों पर थे और वो ऊं … ऊं … की आवाज करते हुए चिल्लाने की कोशिश करने लगी लेकिन उसकी आवाज मेरे मुंह में ही दब जा रही थी.

मैंने तेजी से उसकी चूचियों सहलाना और मसलना शुरू कर दिया.
उसके निप्पल कसाव में आने लगे थे.
मैंने उसके होंठों को चूसना जारी रखा. उसके पूरे बदन पर हाथ से सहलाता.
फिर धीरे धीरे वो शांत हो गयी.

फिर मैंने थोड़ा सा विराम देकर लंड को उसकी चूत में चलाना शुरू किया. वो भी अब लंड को बर्दाश्त कर रही थी और मेरा साथ देने की कोशिश कर रही थी.
कुछ देर के बाद उसको मजा आने लगा.

अब मेरा लंड उसकी चूत में अच्छी तरह से अंदर और बाहर जा रहा था. मैंने नीचे झुककर देखा तो उसकी चूत में लंड जब अंदर जा रहा था तो पूरी चूत फैलकर मेरे लंड का स्वागत कर रही थी.

उसकी चूत से हल्का खून भी निकल आया था. उसकी चूत की झिल्ली भी शायद पहले से नहीं टूटी थी. फिर मैंने ऊपर देखा तो श्वेता की आंखों में कामवासना का एक मद भर चुका था.

अब जैसे वो अपनी टांगें खोलकर कह रही थी कि चोदते रहो … अंदर तक पेलते रहो.
उसके चेहरे पर चुदाई का मजा साफ दिख रहा था.
मगर चूंकि उसका पहली बार था इसलिए दर्द के मारे उसका चेहरा भी लाल हुआ जा रहा था.

अपनी चुदाई करवाती हुई छोटी बहन पर इस वक्त मुझे बहुत प्यार आ रहा था.
मैं भी बड़े ही प्यार से उसकी चूत में लंड को मलाई की तरह अंदर बाहर करने लगा ताकि उसको ज्यादा से ज्यादा आनंद मिल सके.

वैसे मेरा मन तो कर रहा था कि स्पीड बढ़ाकर उसकी चूत को एक बार रगड़ दूं!
मगर मुझे पता था कि वो अभी छोटी है और नई नई जवानी में कदम रख रही है.
अगर पहला अनुभव ही दर्द भरा रहा तो उसके मन में डर बैठ जायेगा.

मैं आराम से प्यार से उसकी चुदाई करता रहा और फिर वो अपनी टांगें मेरी कमर पर लपेट कर चुदने लगी.
अब वो खुद ही मेरे होंठों को चूसते हुए चुद रही थी.

उसकी भावनाओं का ध्यान रखते हुए मैं भी सावधानी पूर्वक चुदाई कर रहा था.
अब वो नीचे से अपनी कमर उठाकर अपनी चूत में लंड को अंदर तक लेने की कोशिश कर रही थी.
मैंने भी सोचा कि स्पीड बढ़ा देनी चाहिए. मैंने उसको तेजी से चोदना शुरू कर दिया.

एक बार फिर से उसकी कराहटें बाहर आना शुरू हो गयीं. मगर अबकी बार वो आनंद में ज्यादा लग रही थी और दर्द में कम.

मैं उसको चोदता रहा और वो चुदती जा रही थी. अब उसने मुझे जोर जोर से चूमना और काटना शुरू कर दिया. कभी वो मेरी पीठ पर नाखूनों से चुभा रही थी और कभी मेरी गर्दन को काटने लगती थी.

ऐसे ही मुझे किस करते हुए वो कहने लगी- आई लव यू भैया … आह्ह … मैं आपसे प्यार करती हूं.
मैंने हांफते हुए उसकी तरफ हैरानी से देखा तो वो मुस्कराने लगी.

उसने बोला- मैं उस वक्त जाग रही थी जब आपने मेरी चूत को बाथरूम में पेशाब करवाने के बाद धोया था.
मैं सुनकर हैरान था. ये साली तो मेरे ही मजे ले रही थी.

फिर मैं भी मुस्करा दिया और दोगुने जोश के साथ उसे चोदने लगा. फिर वो मेरे से लिपट गयी और मेरे लंड के तेज धक्कों को बर्दाश्त करने लगी. उसकी चूत से पच पच … की आवाज होने लगी.

शायद उसकी चूत ने अब पानी छोड़ दिया था क्योंकि मुझे उसकी चूत में अब कुछ ज्यादा ही चिकनाहट महसूस हो रही थी.
मैं पच पच … की आवाजों का मजा लेते हुए उसकी चूत में लंड को पेलता रहा.

उसकी चूत में अब जलन होने लगी और वो बोली- बस भैया … अब बर्दाश्त नहीं हो रहा … बाहर निकाल लो प्लीज।
फिर मैंने लंड को बाहर निकाल लिया. वैसे मेरा मन तो था कि उसकी चूत में माल गिरा दूं लेकिन उसके पेट से होने का डर भी था.

उसने मेरे लन्ड को हाथ में पकड़ लिया और हिलाने लगी. हिलाते हिलाते उसने मेरा लन्ड मुंह में ले लिया। मेरी प्यारी छोटी बहन मेरा लंड इतने मजे से चूस रही थी कि मुझे उस पर बहुत प्यार आ रहा था और मैं उसके बालों को प्यार से सहलाते हुए लंड को चुसवा रहा था.

उसे ऐसे चूसते हुए देख मेरा लन्ड और भी सख्त हो गया और झटके मारने लगा।

मेरी प्यारी बहन अब बड़ी हो गई थी।
मैंने उससे पूछा- क्या तुम सच में नींद में थी?