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ℍ𝕚𝕟𝕕𝕚 & 𝔼𝕟𝕘𝕝𝕚𝕤𝕙 𝕊𝕖𝕩 𝕊𝕥𝕠𝕣𝕪

टेलीग्राम चैनल का लोगो hindi_chudai_kahani — ℍ𝕚𝕟𝕕𝕚 & 𝔼𝕟𝕘𝕝𝕚𝕤𝕙 𝕊𝕖𝕩 𝕊𝕥𝕠𝕣𝕪
चैनल का पता: @hindi_chudai_kahani
श्रेणियाँ: वयस्क सामग्री (18+)
भाषा: हिंदी
ग्राहकों: 5.46K
चैनल से विवरण

𝑾𝒆𝒍𝒄𝒐𝒎 𝑻𝒐 𝑺𝒆𝒙 𝑺𝒕𝒐𝒓𝒚 𝑪𝒉𝒂𝒏𝒏𝒆𝒍 𝑾𝒉𝒆𝒓𝒆 𝒚𝒐𝒖 𝒄𝒂𝒏 𝑹𝒆𝒂𝒅 𝒂𝒘𝒆𝒔𝒐𝒎𝒆 𝒔𝒆𝒙 𝒔𝒕𝒐𝒓𝒚 𝑰𝒏 𝑯𝒊𝒏𝒅𝒊 & 𝑬𝒏𝒈𝒍𝒊𝒔𝒉
𝑷𝒍𝒛 𝑺𝒉𝒂𝒓𝒆 & 𝑺𝒖𝒑𝒑𝒐𝒓𝒕 𝑼𝒔

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2021-05-26 22:26:12 उनका सर मेरे कंधों पर टिका था. फिर उन्होंने अपनी पकड़ को कुछ टाइट किया, तो मैंने भी उन्हें कस के जकड़ लिया.

उसके बाद मैंने उनकी गर्दन के पीछे एक चुम्बन कर दिया.
वो एकदम से सिहर गईं.

मैंने उनसे कान में फुसफुसाते हुए पूछा- मेरे चुम्बन से कैसा लगा?
वो बोली- बस इसी तरह थोड़ी देर मेरे गले से लगे रहो, मुझे अच्छा लग रहा है.

मैडम शायद आंख बंद किए हुए थीं. मैंने उन्हें कुछ चुम्बन और किये मगर उनकी तरफ से चुम्बन का जवाब नहीं मिला.
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2021-05-26 22:26:12 मैंने उन्हें देखा तो मन ही में काफी खुश हुआ.
वास्तव में मैडम लोगों के लिए देखने लायक चीज थीं और मेरे लिए एक बढ़िया चोदने लायक माल थीं.

मैं उनसे गर्मजोशी से हैलो बोलते हुए मिला और हम लोग पार्क के अन्दर आ गए.

बार बार मैं मैडम की तरफ देख रहा था. वो देखने में काफी मस्त लग रही थीं.
उनकी उम्र 30-32 साल की रही होगी. मैडम की शारीरिक नाप तो साधारण ही थी, चेहरे पर कशिश बहुत अच्छी थी.

मैंने उनसे बात शुरू करते हुए पूछा- क्या मैं जान सकता हूँ कि आपकी उम्र क्या है?
उन्होंने तनिक हंस कर कहा- पहले तुम ही मेरी उम्र का अंदाजा लगाओ.

मैंने बोल दिया- यही कोई 30 से 32 साल.
उन्होंने सीना गर्व से फुलाते हुए कहा- बहुत कम उम्र समझी है.

मैंने उनकी चूचियों की तरफ कहा- ओके … आप ही सही बता दो.
उन्होंने कहा- आपकी बताई 32 साल से 12 साल ज्यादा.

मतलब मैडम 44 साल की थीं. ये जानकर मुझे काफी आश्चर्य हुआ.
फिर मुझे अहसास हुआ कि जो महिलाएं अपने आपको संवार कर रखती हैं और उनको अपने शरीर की फिक्र रहती है, तो इससे उनकी उम्र का पता नहीं चलता है.

वो मुझे पसंद आ गई थीं और जब मैंने उनकी तारीफ़ की तो उन्होंने भी मुझे पसंद किया.

उसके बाद हम दोनों ने शाम तक का समय उसी पार्क में बिताया.
समय का मालूम ही नहीं चल रहा था. ये तभी होता है, जब एक दूसरे से दिल लग गया होता है.

शाम हो जाने के बाद हम दोनों ने बाहर निकल कर नाश्ता किया और उसी दौरान उन्होंने मुझसे मिलने की बात करते हुए अगले दिन की बात कही.

मैंने हामी भरते हुए उनसे और कुछ पूछना चाहा, तो उन्होंने कहा- मैं तुम्हें सब कुछ बताऊंगी … कल तो हम मिल ही रहे हैं न!
मैंने हां कह दी.

मुझे समझ नहीं आया कि वो पता नहीं सारा कुछ इतना गोपनीय रखना क्यों चाहती थीं.
शायद वो हर बात को कहने के लिए सही वक्त का इंतजार करती थीं.

मैं ऑटो से आया तो ऑटो लेने के लिए दूसरी तरफ जाने लगा.

मैडम ने जिद की- मैं तुम्हें छोड़ देती हूँ.
मैंने उन्हें काफी मना किया, पर इस बार उन्होंने मुझ पर अधिकार जताते हुए मुझे मेरे रूम के पास छोड़ दिया.

वह जाने से पहले बोलीं- कल तुम मेरे घर ही रात में रुकना.
मैं हामी भर दी और उनकी सारी रात चुदाई की मंशा को समझ लिया.

फिर उन्होंने बोला- कल मैं सुबह 10:00 बजे तुम्हें लेने के लिए यहीं आ जाऊंगी.

मैं उन्हें मना किया- नहीं, आप परेशान न होना … मैं उसी पार्क के पास मिल जाऊंगा. वहीं से आपके घर चलेंगे.

इस पर उनकी प्रतिक्रिया कुछ ऐसी थी, जैसे किसी से उसकी पसंद की चीज छीन लेने की बात कह दी गई हो.

अगले ही पल उन्होंने मुझे आज ही चलने के लिए कह दिया. लेकिन मुझे कुछ काम था, मैंने उनसे कल आने को बोल दिया.

मैडम मुझे बड़े प्यार से देखते हुए बोलीं- मुझे अब से कल तक तुम्हारी बड़ी याद आएगी. प्लीज़ जल्दी आ जाना.

मैं मुस्कुरा दिया और इधर उधर देख कर मैंने एक फ्लाइंग किस उछाल दिया.
मैडम ने भी अपने होंठों को गोल करके मेरे किस का जवाब दे दिया.

अगले दिन ठीक 9:30 बजे उनका मेरे मोबाइल पर कॉल आ गया- मैं तुम्हें रिसीव करने के लिए आ रही हूं, तुम कहां मिलोगे?

मैंने बता दिया कि कल आपने जहां पर मुझे छोड़ा था, मैं दस मिनट में वहीं पर मिल जाऊंगा.

दस मिनट बाद मैडम की कार उस जगह पर आ गई.
वह मुझे लेकर अपने घर आ गईं.

आज मैडम बहुत मुझे शांत लग रही थीं, लेकिन उनकी आंखों में देखने से मुझे लगता था कि वो अपनी आंखों में एक अजीब सी तन्हाई लिए हैं किसी अधूरे पल को पूरा न कर पाने का दुख है, साथ ही तिरस्कृत किये जाने का भाव भी था.

मैंने उनसे कहा- आपके चेहरे पर कुछ और है … और आंखों में कुछ और दिख रहा है. क्या बात है?

उन्होंने मेरी तरफ देखे बिना कहा- ऐसा कुछ भी नहीं है. जो मेरी आंखों में है, वही चेहरे पर भी है.

लेकिन यह बात बोलते हुए उनके चेहरे पर मायूसी और उदासी साफ झलक रही थी.

मैंने कहा- चलिए ईश्वर की कृपा से ऐसा ही हो, लेकिन अगर आप मुझे दोस्त मानती हैं, तो प्लीज़ मुझे अपनी हर बात बताइएगा.

वो मेरी बात सुनकर चुप रहीं.

तो मैंने उनसे कहा कि मैं एक अच्छा श्रोता हूं. आप मुझे अपनी मन की बात बता सकती हैं. वैसे भी आपने मुझे इस वक्त का पेमेंट दिया है. एक अच्छी खासी रकम दी है. आपको शारीरिक सुख के अलावा, मानसिक सुख में भी मैं आपकी मदद कर सकूँ, तो मुझे भी अच्छा लगेगा.

ये सुनकर उनके चेहरे पर एक स्थिरता का भाव आया.

उसके बाद मैंने उनसे बात शुरू करने का इशारा किया, तो उन्होंने मुझसे दोबारा पूछा कि तो तुमको मेरे साथ रात में रुकने में कोई दिक्कत तो नहीं होगी ना!

मैंने कहा- नहीं होगी. अगर होती, तो मैं पहले बता देता.

उसके बाद वह मेरे लिए कॉफी बनाकर ले आईं और मेरे पास आकर बैठ गईं. उन्होंने कॉफी के मग वाली ट्रे को टेबल पर रख दी.

फिर उन्होंने कहा- क्या तुम मुझे हग कर सकते हो?
मैंने कहा- हां क्यों नहीं!

इतना सुनकर वो मेरे गले लग गईं.
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2021-05-26 22:26:11 हॉट आंटी Xxx कहानी में पढ़ें कि मेरी मुलाकात एक आंटी से हुई. वो अपने पति की बेरुखी से दुखी थी. मैंने उन आंटी की मदद की. उनकी सेक्स की कमी पूरी की.

नमस्कार दोस्तो, मैं विक्की अन्तर्वासना की सेक्स कहानी वाली साइट पर एक बार फिर से आपका स्वागत करता हूं.
आप लोगों का बहुत-बहुत धन्यवाद जो आप लोगों ने मेरी सेक्स कहानी को पढ़कर मुझे काफी रिस्पांस दिया.

मेरी पिछली कहानी थी: पापा के दोस्त से पहली मस्त चुदाई

अब तो ऐसा लगता है कि मेरी किसी भी इल्तजा का कुछ लोगों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है.

मैं एक फिर से कहना चाहूंगा कि मैं किसी भी लड़की या औरत जिससे मैं मिलता हूं, उसकी कोई भी पहचान संबंधित कोई भी जानकारी नहीं दे सकता हूँ. मैं किसी की भी गोपनीयता का इतना अधिक ख्याल रखता हूं कि अपने साथ सेक्स कर रही लड़की से दूसरी लड़की तक की कोई जिक्र तक नहीं करता हूँ, तो फिर मैं आपसे कैसे उसकी गोपनीय जानकारी दे दूँगा. हर किसी की अपनी लाइफ है. प्लीज़ समझा कीजिए.

जब कोई लड़की या भाभी मुझ पर विश्वास करती है, तभी वो मुझे मिलने के लिए बुलाती है. मैं उनकी जानकारी रेवड़ी की तरह बांट कर गलत करने लगा, तो यह सही नहीं होगा. इस तरह का व्यवहार करके मैं किसी के विश्वास को तोड़ नहीं सकता.

मैं आज जिस हॉट आंटी Xxx कहानी का जिक्र करने जा रहा हूं, वह मेरी एक प्रशंसक ही है.

मुझे लगने लगा था कि महिलाएं सिर्फ सेक्स की भूख मिटाने के लिए ही मुझे मुझसे संपर्क करती हैं.
लेकिन इस बार इन मोहतरमा ने मुझे एक सीख भी दी थी और एक अलग तरीके का अहसास दिलाया था कि महिलाएं और लड़कियां बिना सेक्स के कितनी अधूरी हैं. उन्हें सेक्स तो चाहिए ही, लेकिन उससे ज्यादा उनकी भावनाओं को समझने के लिए भी कोई होना चाहिए.

उनकी भावनाओं को समझने वाला आदमी चाहे पैसे लेकर ही यह काम करे, मगर उनकी भावनाओं को सुनें और समझे. तभी उसको संतुष्टि और आत्मिक खुशी मिलती है.

इस सेक्स कहानी में सेक्स पर ज्यादा जोर नहीं दिया गया है. जो भी पाठक अपनी चुदाई की भूख को शांत करने की उम्मीद लगाकर इस सेक्स कहानी को पढ़ रहे हैं, उनके लिए यहां पर कुछ भी विशेष नहीं है.

हुआ कुछ यूं कि एक महिला ने मुझे मैसेज किया, तो वो मुझसे गोल मोल होकर बातें कर रही थीं. मतलब वो सीधे तौर पर अपनी दबी हुई कामेच्छा को नहीं लिख रही थीं.

इसका एक कारण ये भी था कि एकदम से कोई भी महिला या लड़की किसी पर सीधे तौर पर विश्वास नहीं करती है.

चूंकि मुझे इस बात का अनुभव हो गया है, तो मैं इस बात को समझने लगा था. यह मैडम भी शुरुआत में बात करने में बहुत ज्यादा हिचकिचा रही थीं.

उनके साथ करीब 15 दिन तक बात करने के बाद जब उन्हें लगने लगा कि वो मुझ पर विश्वास कर सकती हैं, तो उन्होंने बताया कि वो मुझसे मिलना चाहती हैं.

इसके बाद मैंने उनसे उनके शहर का नाम पूछा. संयोग से वो मेरे ही शहर की निकलीं.

अब जब हम दोनों का एक ही शहर था, तो मैंने भी उन्हें अपने शहर का नाम बता दिया.

उन्हें ये जानकर बहुत खुशी भी हुई. वो बोलीं- चलिए अच्छा हुआ कि आप इधर के ही हैं. मैं तो विश्वास ही नहीं कर सकती थी कि आप भी मेरे शहर में ही हैं. मुझे दूसरे शहर में जाने में भी काफी समस्या आ सकती थी.

कुछ देर तक औपचारिक बातचीत के बाद मैंने उनसे उनकी उम्र और उनकी फोटो मांगी.

उन्होंने कहा- जब हम दोनों एक ही शहर के हैं, तो पहले कहीं एक साधारण मुलाकात कर लेते हैं.
मैंने हामी भर दी.

फिर जब उन्होंने मुझसे मेरी फोटो मांगी, तो मैंने बिना किसी हिचकिचाहट के उन्हें अपनी फोटो दे दी.
इसका कारण उन्होंने बताया कि मैं ये पक्का करना चाहती हूँ कि कहीं आप मेरे परिचित तो नहीं हैं. साथ ही उन्होंने मुलाक़ात के समय मुझे पहचान लेने के लिए भी मेरी फोटो मांगी थी.

उनके साथ 15 दिन से बात करने के कारण मुझे इतना तो विश्वास हो ही गया था कि वो सच में सीरियस हैं.

हम दोनों ने अपने शहर के किसी एक बड़े पार्क में मिलने का प्लान बनाया.
हमने बुधवार का प्लान बनाया क्योंकि संडे को उनकी अपनी कुछ व्यस्तता थी.
मैं मान गया.

मैं निश्चित दिन पर उनसे मिलने के लिए चला गया. चूंकि मैं उन्हें अपनी फोटो दे चुका था तो वो तो मुझे पहचान सकती थीं लेकिन मैं अभी भी अंधेरे में ही था.

पहले उन्होंने मुझे ऑफर किया था कि वह मुझे पिक कर लेंगी.
लेकिन मैंने कहा कि नहीं मैं आ जाऊंगा, आप वहां पर पहुंच जाइएगा.

उनका घर उस पार्क से काफी पास में ही था और मुझे जाने में करीब 40 मिनट लगने थे.

वो मुझसे पहले ही आ गई थीं और उन्होंने मुझे फोन लगा दिया था.

मैंने उनसे कहा- आप वहीं पर रुकें, मैं बस पहुंच रहा हूं.

तय समय से दस मिनट देर से मैं वहां पर पहुंचा.
उस समय दोपहर का समय था.

मैडम ने मुझे पहचान लिया और पार्क के बाहर ही मुझे हैलो बोल कर मुझसे मिलीं.
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2021-05-26 22:26:00 मैंने देर न करते हुए उसकी दोनों टांगों को फैलाया और अपने लंड को उसकी चूत के मुहाने पर रगड़ने लगा।

ऐसा करने से वह बुरी तरह तड़पने लगी और बोली- मैं मर जाऊंगी! मुझे और मत तड़पाओ।
मेरी चूत में अपना यह मोटा लंड घुसेड़ दो।

उसके ऐसा कहने पर मैं अपना लंड धीरे-धीरे उसकी चूत में डालने का सोचने लगा और अपने लंड का सुपारा उसकी चूत के मुंह पर रखा और उसकी चूचियां दबाते हुए मैंने एक जोर का झटका मारा।

इससे मेरा लंड 2 इंच तक अंदर घुस गया लेकिन उसकी चूत बहुत टाइट थी।
ऐसा लग रहा था कि वह बहुत दिनों से नहीं चुदी है।

उसने बाद में बताया कि उसकी चूत को 8-10 साल से अच्छा लंड नहीं मिला है।
वह कभी-कभी अपनी उंगली से ही काम चला लेती थी।

मेरे लंड से उसको तकलीफ हो रही थी लेकिन उसको मजा भी आ रहा था।
अब मैं उसको धीरे-धीरे चोदने लगा और थोड़ी देर में उसकी चूत ने मेरे लंड को ठीक से लेना शुरू कर दिया।

अब वह पूरी तरह से चुदासी होकर अपनी चूत को अच्छे से चुदवा रही थी।
वो अपनी गांड उछाल उछाल कर लंड को पूरा अंदर तक लेने की कोशिश कर रही थी।

थोड़ी देर तक ऐसे ही चोदने के बाद वह बोली- और जोर से चोदो, मैं झड़ने वाली हूं।
उसके ऐसा कहने के बाद मैंने लंबे लंबे शॉट लगाते हुए उसकी चूत को जोर-जोर से चोदना शुरू किया।

लंबे लंबे शॉट लगने के बाद उसकी चूत ने पानी छोड़ दिया।
पानी क्या था, उसकी चूत ने तो पूरी तरह से नदी सी बहा दी थी।

उसके झड़ने के बाद भी मेरा पानी अभी नहीं निकला था।
मैंने उसको कहा- मेरा अभी पानी नहीं आया है।

वो बोली- तुम्हारा जैसे मन करे चोद लो और अपना पानी निकाल लो।

मैंने उसको कुतिया बना दिया और पीछे से उसकी चूत में लंड डालकर चोदने लगा।

पानी झड़ने के बाद चुदाई होने से उसकी चूत फिर से गर्म होने लगी और मैं उसमें जोर जोर से धक्के लगा रहा था।

उसको पीछे से चोदने के दौरान मैं कभी कभी पीछे से उसकी चूचियां भी दबा रहा था।
साथ ही साथ कभी कभी पीठ पर हल्के हल्के नाखून गड़ा देता था जिससे वह और भी मस्त होती जा रही थी।

मस्ती से पीछे की ओर धक्के लगाकर वह मेरे लंड पर दबाव बढ़ा रही थी।
मुझे उसकी चुदाई करने में अब और ज्यादा मजा आ रहा था।

थोड़ी देर तक ऐसे ही चोदने के बाद मुझे लगने लगा कि मेरा पानी आने वाला है तो मैंने उससे पूछा- पानी कहां निकालूं?

वो बोली- मेरी चूत बहुत दिनों से प्यासी है। आज तो पहले इसकी प्यास बुझाओ और अपना पूरा पानी इसके अंदर ही छोड़ो।

वैसे तो उसकी उम्र 45 साल थी लेकिन उसकी पिछले 10 साल से चुदाई नहीं हुई थी।
उसको चोदते हुए मेरे लंड को एक कुंवारी चूत को चोदने जैसा ही अहसास हुआ।

मेरे लंड को उसकी चूत ने बहुत कसकर पकड़ रखा था। मुझे कुंवारी चूत जैसा ही मजा मिला।

अब मेरा वीर्य निकलने लगा। मेरे लंड का पानी आने के बाद मैं उसके ऊपर ही ढेर हो गया।

थोड़ी देर तक लंबी लंबी सांसें लेने लगा। लगभग 15 मिनट के बाद वह फिर से मेरे लंड को हिलाने लगी।

मेरा लंड भी उसके हिलाने से फिर खड़ा होने लगा तो फहीमा बोली- यह इतनी जल्दी फिर से चुदाई के लिए तैयार हो गया है?
मैंने कहा- यह तुम्हें पूरी रात चोद सकता है। जब इतना मस्त माल चुदाई के लिए तैयार हो तो मुर्दे का भी लंड खड़ा हो जाता है।

फहीमा बोली- हां, तुम्हारे लंड में वाकई दम है, ऐसी चुदाई पहली बार हुई है, मेरे शरीर का एक-एक अंग तुमने हिला दिया है।
थोड़ी देर तक लंड को हिलाने के बाद लंड खड़ा होने पर वह बैठकर मेरे लंड को चूसने लगी।

वो बोली- इतने दिनों बाद चुदाई होने से मुझे थकान हो गई है। इसलिए मैं अबकी बार लंड को केवल मुंह में ही लूंगी। मेरा मुंह अपने लंड के पानी से भर दो। बहुत दिनों से मैंने लंड का पानी नहीं पिया।

इतना बोलकर वो फिर से मेरे लंड को चूसने लगी।

काफी देर तक लंड चूसने के बाद मेरे लंड ने उसके मुंह में ही पानी छोड़ दिया जो कि वह पूरा का पूरा पी गई।

उस रात हमने 2 बार और चुदाई की और उसके बाद ऐसे ही नंगे सो गये।
उस रात मैंने उसकी गांड नहीं मारी क्योंकि मैं उसकी गांड किसी और दिन मारना चाहता था।

दोस्तो, अभी मुझे विधवा की गांड चुदाई भी करनी थी। उसकी गांड चुदाई का किस्सा अगली बार सुनाऊंगा। तब तक आप कहानी के दूसरे भाग का इंतजार करें।
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2021-05-26 22:26:00 मेरे लौड़े को देखने के अंदाज से मैं समझ गया था कि वो अपनी चूत चुदवाना चाह रही है। इसलिए मैंने लोअर के नीचे कुछ भी नहीं पहना था और उपर सिर्फ टीशर्ट पहनी हुई थी। मैंने नहाते समय उसके नाम की मुठ मारी ताकि मेरा लंड जल्दी से पानी न छोड़े।

नीचे आने के बाद मैंने उससे पूछा- सोने का कैसे अरेंजमेंट करना है? उसके कमरे में केवल डबल बेड था।
उसने कहा- एक तरफ तुम सो जाओ और एक तरफ को मैं सो जाऊंगी।

लाइट बंद करने के बाद मैंने उससे कहा- अब तुम सो जाओ और कोई भी परेशानी हो तो मुझे जगा देना।
उसने बोला- अगर तुम्हें परेशानी ना हो तो मेरे सिर में थोड़ी बाम लगा दो और थोड़ा मेरे शरीर की मालिश कर दो। शरीर में दर्द हो रहा है।

मैंने उससे पूछा कि तेल कहां है और बताई जगह से तेल लाने के बाद मैंने उससे कहा- तुम सीधी लेट जाओ, मैं तुम्हारे शरीर की मालिश कर देता हूं, इससे तुम्हें आराम मिलेगा।

उसके बाद मैंने उसके सिर पर बाम लगा दिया। मैंने सिर की मसाज कर दी।

उसके बाद तेल की मसाज की बारी थी तो मैंने कहा- तेल की मसाज के लिए कपड़े उतारने पड़ेंगे।
उसने कहा- मुझे शर्म आती है, तुम ऐसा करो कि लाइट बंद कर दो।

लाइट बंद करने के बाद मैंने उसको तेल लगाना शुरू किया।
मैंने महसूस किया कि उसने अपना गाउन उतार दिया है।

फिर जैसे-जैसे तेल लगाने लगा तो मैं गर्दन से उसकी चूचियों की तरफ आया।
मेरे छूने से उसके मुंह से आह निकल गई।

उसकी आह्ह सुनते ही मैं समझ गया कि मेरे सामने लेटी हुई ये औरत चूत मरवाना चाहती है।

मैंने धीरे-धीरे उसकी चूचियों की मालिश करना शुरू किया। मैं अपने दोनों हाथों से उसकी उसकी चूचियों पर मालिश करते हुए उसकी चूचियों को दबाने लगा।

धीरे धीरे उसके मुंह से आवाजें आने लगीं।
मैंने भी धीरे धीरे उसकी चूचियों को जोर से दबाना शुरू किया।
चूची दबाने से उसके बदन में लहरें उठने लगीं।

अब धीरे-धीरे मेरे दोनों हाथ उसकी नाभि की ओर जा रहे थे।

सामने लेटी हुई 45 साल की औरत अपने बदन पर काबू नहीं रख पा रही थी। लाख कोशिशें करने के बाद भी उसके मुंह से सेक्स की मस्ती भरी आवाजें सुनाई देने लगीं।

मैं अपने हाथ और नीचे ले जा रहा था। नीचे जाने पर मैंने उसकी चूत के आसपास धीरे-धीरे अपनी उंगलियां चलानी शुरू कीं।

उसकी चूत अब फड़फड़ाने लगी थी।
मेरी तेल में डूबी उंगलियां धीरे धीरे चल रही थीं।

उसके मचलते हुए शरीर को देखकर साफ पता लग रहा था कि उसका अपने शरीर पर कोई काबू नहीं है।
उसका शरीर मछली की तरह तड़प रहा था।

तभी मैंने पाया कि उसने एक हाथ से मेरे कच्छे के ऊपर से ही मेरा लंड पकड़ लिया।
मालिश करते करते मेरा लंड भी एकदम खड़ा हो गया था।

धीरे-धीरे मैंने अपनी एक उंगली उसकी चूत के अंदर डाल दी।

मेरे उंगली डालते ही उसके मुंह से मस्ती भरी आह निकली और उसने अपने हाथों से मेरा लंड और मजबूती से पकड़ लिया।
इधर मैं उसकी चूत में उंगली आगे पीछे कर रहा था जो कि पूरी तरह से गीली हो चुकी थी।

दूसरी ओर उसने मेरा लंड बाहर निकाल लिया और वह जोर-जोर से लंड की त्वचा को आगे पीछे कर रही थी।
उसने अपनी आंखें नहीं खोली थीं और वह मस्ती में आहें भर रही थी।

मैंने देखा कि फहीमा पूरी तरह से मस्ती में आ चुकी है और यही मौका है उसको चोदने के लिए तैयार करने का।

तभी उसने आंखें खोलीं और पहली बार मेरा लंड देखा।
उसके मुंह से निकला- हायल्ला … इतना बड़ा लंड! इतनी छोटी सी चूत में कैसे जाएगा?

अब तक मेरा लंड पूरा तन चुका था और एकदम कड़क हो गया था।
मैंने अपने लंड को उसके होंठों के पास ले जाकर धीरे-धीरे रगड़ना शुरू किया।

मेरे ऐसा करने पर उसके मुंह से तेज तेज आहें निकलने लगीं और जब उसका अपने पर कोई काबू नहीं रहा तो लपक कर उसने मेरे लंड का सुपारा अपने मुंह में लेकर धीरे-धीरे चूसना शुरू किया।

धीरे-धीरे उसने मेरे लंड को चूसते हुए स्पीड बढ़ानी शुरू कर दी थी और स्पीड बढ़ाते बढ़ाते लंड पूरा लेने की कोशिश करने लगी।
मगर वह पूरा का पूरा अंदर नहीं ले पा रही थी।

उसकी चुदाई की इच्छा इतनी बढ़ी हुई थी कि वह जितना हो सके लंड पूरा लेने की कोशिश कर रही थी।
वह बोली- ऐसा मस्त, मोटा, बड़ा लंड मैंने आज तक नहीं देखा।

उसके चूसने के अंदाज से भी ऐसा ही लग रहा था कि उसने आज तक इतना बड़ा और मोटा लंड अभी तक अपनी चूत में नहीं लिया होगा।
थोड़ी देर मेरा लंड चूसने के बाद मैंने देखा कि अब वह मस्त हो रही थी।

मैंने धीरे-धीरे अपनी उंगली को उसकी चूत में डालना शुरू कर दिया।
मेरी उंगली के चूत में जाते ही वह मस्ती में होने लगी और लंड को और जोर जोर से चूसने लगी।

वो बोली- समीर, अब मुझे और मत तड़पाओ। मेरी चूत को अपने लंड से ठंडा कर दो। मगर ध्यान से चोदना। यह बहुत दिनों से प्यासी है और इसकी बहुत दिनों से ठीक से चुदाई नहीं हुई है।

चुदाई की तड़प की वजह से उसके शरीर में मछलियों की तरह लहरें उठने लगी थीं।
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2021-05-26 22:26:00 लैंड लेडी सेक्स कहानी में पढ़ें कि मेरा ट्रांसफर चंडीगढ़ हुआ तो एक विधवा का मकान किराये पर लिया। मगर मकान के साथ ही मैंने उसकी चूत भी ले ली। कैसे?

दोस्तो, मैं स्वागत करता हूं आप सभी का आपकी अपनी पसंदीदा साइट अन्तर्वासना सेक्स स्टोरीज पर!
आशा है कि इस कोरोना काल में आप सावधानी बरत रहे होंगे। चूत भी मारनी है तो सुरक्षित तरीके से मारें।

अब मैं आपका ज्यादा समय नहीं लूंगा और आपको ये वाकया बताता हूं।

यह लैंड लेडी सेक्स कहानी तब की है जब मेरा नया नया ट्रांसफर चंडीगढ़ में हुआ था।
वहां आने के बाद मैं होटल में रुका हुआ था और मुझे जल्दी ही रहने के लिए घर चाहिए था।

मैंने अपने साथ के अन्य लोगों से भी घर के लिए बात की थी लेकिन किसी का जवाब नहीं मिला।

एक दिन मैं होटल के रिसेप्शन पर बैठा था। मैं एक डीलर से घर के बारे में बात कर रहा था।

शायद रिसेप्शनिस्ट ने मेरी बात सुन ली थी। बातचीत खत्म होने के बाद वह मेरे पास आई और बोली- आपको घर चाहिए है क्या?
मैंने उसको देखा और कहा- हां, शहर में अभी नया हूं और अपने लिए घर देख रहा हूं.

इस पर वह बोली- एक घर मेरे पड़ोस में खाली है लेकिन मकान मालकिन उसका किराया ज्यादा मांगती है इसलिए वह काफी दिनों से खाली है। घर की लोकेशन के हिसाब से वह घर अच्छा है और वैसा ही है जैसा कि घर आप ढूंढ रहे हैं। इसलिए अगर आप चाहें तो मैं मकान मालकिन से बात कर सकती हूं.

मैंने तुरंत उसको कहा- आप बात करो, अगर घर पसंद आया तो मैं घर ले लूंगा। किराये की कोई दिक्कत नहीं।
अगले दिन उसने मुझे बोला- मैंने बात कर ली है। मकान मालकिन ने घर दिखाने के लिए शाम के 6:00 बजे का टाइम दिया है।

उससे मैंने कहा- ठीक है, लेकिन मैं वहां कैसे जाऊंगा? मैंने तो एरिया देखा ही नहीं.
वह बोली- आज शाम को मेरे साथ ही चल पड़ियेगा।

मैंने उसको हां कह दिया और शाम को मैं उस लेडी को लेकर घर देखने के लिए चला गया।

महिला की उम्र लगभग 45 वर्ष थी।
बातों बातों में पता चला कि उसकी एक बेटी है, जिसकी 2 साल पहले शादी हुई थी और उसका अब तलाक होने वाला है।

मुझे वह घर पसंद आया क्योंकि मैं एक तलाकशुदा आदमी हूं जिसको एकांत पसंद है ताकि अगर किसी लड़की या औरत को चोदना हो तो आसानी से लाया जा सके।

घर देखने के बाद मैंने फाइनल कर दिया और वापस होटल में आ गया।

अगले दिन अपना सारा सामान लेकर मैं उस मकान में आने के लिए तैयार था।

आने से पहले होटल में उस रिसेप्शनिस्ट को मैंने धन्यवाद कहा।
इसके जवाब में उसने मुझे गले लगाया। उसके गले लगाने से उसकी चूचियां मेरे सीने से सट रही थीं. जिसके कारण मेरे लौड़े में तनाव आना शुरू हो गया।

अलग होने के बाद उसने मुझे आंख भी मारी और धीरे से बोली- ऐसे केवल थैंक्यू से काम नहीं चलेगा, पार्टी देनी होगी।

दोस्तो, मैं रिसेप्शनिस्ट का परिचय देना तो भूल ही गया।
वो लगभग 28 से 30 साल की भरे बदन की औरत थी। उसकी चूचियां लगभग 36 के आसपास थीं. उसकी हाइट लगभग 5 फीट 7 इंच थी और उसकी गांड बाहर निकली हुई थी।

जब मैं उस घर में गया तो वो मकान मालकिन मुझे खड़ूस सी लगी।
मगर मुझे कोई परेशानी नहीं थी क्योंकि मेरा रास्ता साइड से सीधा ऊपर को जाता था।

लगभग एक महीना मुझे वहां रहते हुए हो गया था।

ऐसे ही एक दिन मैं ऑफिस से लौटा था।
मैंने पाया कि दरवाजा काफी देर बाद खुला।

अंदर घुसा तो मैंने पाया कि वह औरत जिसका नाम फहीमा था, उसकी तबीयत खराब है और वह मुश्किल से दरवाजे तक आई थी।
नीचे फहीमा के अलावा और कोई नहीं रहता था।

मैंने सोचा कि उसकी मदद कर देता हूं। उसकी तबीयत ठीक नहीं थी तो मैंने उसके लिए चाय बनाने लगा।
तबीयत खराब होने के कारण उसने गाउन ही पहन रखा था।

उसकी बड़ी-बड़ी चूचियां और उसका डी साइज साफ महसूस हो रहा था। उसका साइज लगभग 38 का था और उसकी निकली हुई गांड देखकर मेरे लौड़े में तनाव आ गया।

मेरा मन कर रहा था कि अभी उसकी गांड में लौड़ा घुसा दूं लेकिन मैंने अपने आप को और अपने लौड़े को काबू किया।
मैं चाय बनाने चला गया। मैंने चाय उसको दी और उसके पास जाकर बैठ गया।

बैठते समय मैं अपने लौड़े को काबू कर रहा था। चाय पीते पीते मैंने महसूस किया कि उसका ध्यान भी मेरे लौड़े पर था।

उसकी नज़र मेरे लौड़े पर जमी हुई देखकर मुझे भी मुझे विश्वास हो गया कि उसकी गांड भी मेरे लौड़े के लिए तरस रही है।

चाय खत्म हो गई तो वह बोली- तुम भी यहीं सो जाओ क्योंकि मेरी तबीयत खराब है।
मैंने उससे कहा- मैं आपको डॉक्टर के पास ले चलता हूं।

वह बोली- ऐसी कोई बात नहीं है, चाय पीने से तबियत थोड़ा ठीक हो गई है और मैंने दवाई भी ले रखी है। फिर भी अगर तुम पास में सो जाओगे तो रात में तबियत खराब हुई तो सहारा रहेगा।

मैं उसकी बात से सहमत था और मैंने हां कर दी।
उसके बाद मैं अपने कमरे में आ गया।

मैंने कपड़े बदले और फिर तैयार होकर नीचे चला गया।
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2021-05-26 22:25:41 चूत चटवाने में जो मजा आता है वो किसी और में नहीं आता है. मेरे एक्स बॉयफ्रेंड से भी मैं बहुत देर तक अपनी चूत को चटवाती थी. वो मेरी चूत का पानी अपने मुंह में ही निकाल देता था. मुझे बहुत मजा आता था.

फिर पापा ने मेरा ड्रेस निकाल दिया. मैंने पापा को जकड़ लिया. मैं पापा के लिप्स को किस करने लगी जोर से. मेरे बूब्स पापा जोर से दबा रहे थे. पापा ने मेरा हाथ पकड़ कर अपने लंड पर रखवा लिया. मैंने पापा के लंड को हाथ में पकड़ लिया पैंट के ऊपर से ही. उनका लंड मेरे एक्स बॉयफ्रेंड से बड़ा था.

मेरे एक्स बॉयफ्रेंड का लंड 6 इंच का था और पापा का लंड 7 इंच के करीब था. इतना बड़ा लंड मैंने पहली बार टच किया था. पापा ने पैंट की जिप खोल दी और मैंने अपना हाथ पापा की पैंट की जिप में दे दिया. मैंने हाथ अंदर देकर पापा के लंड को पकड़ लिया.

पापा से रुका न गया और उन्होंने अपनी पैंट को पूरा उतार दिया. वो नीचे से नंगे हो गये. मैंने पापा का लंड देखा तो मेरे मुंह में पानी आ गया. पापा का लंड बहुत मोटा और अच्छा दिख रहा था. उनके लंड का सुपाड़ा बहुत मस्त लग रहा था.

मैंने पापा के लंड को मुंह में ले लिया और चूसने लगी. मैं पापा का लंड देख कर बहुत खुश हो गयी थी. मुझे पता था कि आज रात को मुझे बहुत मजा आने वाला है. मैं एक्साइटेड होकर पापा के लंड को चूस रही थी.

पापा के मुंह से सिसकारी निकल रही थी- आह्ह … ओह्ह … माय डार्लिंग डॉटर… सक माय कॉक (मेरी प्यारी बेटी… मेरे लंड को ऐसे ही चूसो… आह्ह।) तुम्हारी मॉम ने भी इतने प्यार से मेरा लंड कभी नहीं चूसा जैसे तुम चूस रही हो… आह्ह … चाटो इसको … ओह्ह।

दस मिनट तक मैं पापा के लंड को चूसती रही और पापा मेरे मुंह में झड़ गये. मैंने पापा के लंड को मुंह से निकाला और नैपकिन से साफ किया. फिर मैंने दोबारा से पापा के लंड को चूसना शुरू किया.

कुछ देर में पापा का लंड फिर से टाइट हो गया. पापा ने मुझे अपने ऊपर लेटा लिया और मेरी चूत में लंड दे दिया. उनका लंड काफी बड़ा था इसलिए थोड़ी मशक्कत करने के बाद लंड अंदर गया. लंड को लेने के बाद मैं धीरे धीरे उछलने लगी.

मुझको बहुत मजा आ रहा था. पापा भी अलग ही मस्ती में खो गये थे. वो मेरी चूचियों को किस कर रहे थे और कभी हाथ में लेकर रगड़ रहे थे. इस सब में मुझे बहुत मजा आ रहा था. बॉयफ्रेंड से चुदाई में भी मुझे इतना मजा नहीं मिला जितना पापा से मिल रहा था.

दस मिनट तक मैं पापा के लंड पर ऊपर नीचे होती रही. फिर पापा मेरे ऊपर आ गये. ऊपर आकर पापा ने मुझे जोर से चोदना शुरू कर दिया. अब मेरी चूत में दर्द होने लगा. मगर मजा भी बहुत दे रहा था पापा का लंड.

वो हर पांच मिनट में पोजीशन बदल ले रहे थे. हमने आधे घंटे तक ऐसे ही मस्ती में चुदाई की. मेरी चूत पहले भी चुदी थी लेकिन पापा से चुद कर अलग ही मजा मिला.

जब पापा मेरी चूत में झड़े तो मेरी चूत में उनका सीमन मुझे बहुत गर्म लगा. मुझे पापा से लव हो गया. उनका लंड बहुत मस्त है. उसके बाद पापा और मैं रोज रात को चुदाई करने लगे.

जब तक तुम (विवेक) और मॉम शादी से वापस नहीं आये हमने घर में रह कर चुदाई के बहुत मजे लिये. तुम्हारे आने के बाद फिर हमें चुदाई करने का चान्स नहीं मिल रहा था. इसलिए पापा कभी किचन में तो कभी बाथरूम में मेरा पीछा किया करते थे.

उस दिन जब मैं किचन में थी तो पापा ने पीछे से मेरी गांड को मसलना शुरू कर दिया. मेरी चूत में उसी टाइम पानी आना शुरू हो गया. मुझे नहीं पता कि तुमने ये फोटो कब ली लेकिन अब पापा और मैं एक दूसरे को बहुत पसंद करने लगे हैं.

दोस्तो, मेरी सगी बहन श्वेता के मुंह से ये सारी बातें सुनकर मेरा लंड एकदम से अकड़ गया था. मेरा मन कर रहा था कि अपनी चुदक्कड़ बहन की चूत को अभी चोद दूं. जब वो पापा के लंड से चुद कर इतना मजा ले सकती है तो मैं भी उसकी चूत चोद कर मजा ले सकता हूं.

मगर तभी मॉम कमरे में आ गयी. उसके बाद मैं बाहर आ गया. अब मुझे पापा और दीदी की चुदाई के बारे में पता लग गया था और मैं भी अपनी बहन की चुदाई की प्लानिंग करने लगा था. उसका गोरा बदन देख कर मेरा लंड भी मचल जाता था.

दीदी ने तो अपनी कहानी बता कर बात को खत्म कर दिया लेकिन यहां से बात शुरू हुई थी. मुझे भी अपनी बहन की चूत की गर्मी के बारे में पता लग गया था. पापा उसकी चूत के मजे खूब ले रहे थे.
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2021-05-26 22:25:41 शाम को फिर पापा आ गये. मैंने उनको चाय बना कर दी. मेरा उदास सा चेहरा देख कर पापा ने मुझे अपने पास बैठाया और बोले- तुम्हारा मुंह क्यों लटका हुआ है? हम दोनों कहीं बाहर घूमने के लिए चले जायेंगे.

पापा का हाथ मेरी जांघ पर था. मुझे उनके हाथ से अजीब सा लगा. कुछ मजा सा आया. मैंने पापा के हाथ पर रख लिया और उनका सख्त हाथ छूकर मेरी चूत में कुछ अच्छा लगने लगा.

वो मेरे जांघ को सहलाते हुए बोले- कहां चलना चाहती हो घूमने के लिए? हम अभी चल पड़ते हैं. तुम बताओ कहां जाना चाहती हो?
मैंने कहा- एन.एस.पी के किसी पब में चलेंगे.
पापा ने कुछ पल के लिए सोचा और फिर हां कर दी. मैं खुश हो गयी.

उन्होंने मुझे अपनी जांघ पर बैठा लिया. मेरे चूतड़ उनकी जांघों के बीच में टिक गये थे. मुझे नीचे से उनका वो महसूस हुआ.
मैं (विवेक) बोला- वो क्या… मतलब?
श्वेता ने कहा- उनका वो.
मैंने कहा- क्या वो वो लगा रखा है, साफ साफ बोल, मुझे समझ नहीं आ रहा.

श्वेता बोली- पापा का पेनिस मेरी एैस्स (गांड) पर टच हो रहा था. मुझे उनके पेनिस का टच अच्छा लग रहा था. मैंने सोचा कि पापा के साथ ही थोड़ी मस्ती कर लेती हूं.

मैं अंदर गयी और अपनी रेड वाली ड्रेस पहन ली. मेरी ड्रेस पीछे से बैकलेस थी. वो काफी छोटी थी. जब मैं वो ड्रेस पहन कर आई तो पापा मुझे देखते ही रह गये.

उसके बाद हम दोनों पब में जाने के लिए तैयार हो गये. जब हम पब में गये तो वहां वेटर और कई लोग मुझे ही देख रहे थे.
एक वेटर ने तो पापा से ये भी बोला- वाह, क्या किस्मत वाले हो सर आप, आपकी गर्लफ्रेंड तो बहुत हॉट है. इस उम्र में भी आपकी ऐसी गर्लफ्रेंड तो बहुत आश्चर्यजनक बात लगती है.

पापा को ये सुन कर गुस्सा आ गया. वो वेटर को कुछ बोलने वाले थे लेकिन मैंने उनका हाथ खींच लिया और बोला- पापा चिल करो, आज की रात मुझे कुछ देर के लिए मम्मी ही समझ लो. हम यहां पर अपनी पार्टी को खराब करने के लिए नहीं आये हैं.

मेरे कहने पर पापा मान गये. उसके बाद हम अंदर गये. वहां पर मैंने दो ड्रिंक ले ली.
हम दोनों ने साथ में ड्रिंक की. उसके बाद हम डांस करने लगे. पापा अभी ज्यादा खुल नहीं रहे थे.

मैंने उनका हाथ पकड़ कर अपनी कमर पर रखवा लिया.
वो बोले- क्या कर रही हो श्वेता, अगर किसी को पता लग गया तो बहुत बदनामी होगी.
मैंने कहा- पापा, हम लोग डांस ही तो कर रहे हैं इसमें क्या बदनामी का डर है … वैसे भी हमें यहां पर कौन जानता है!

पापा के साथ मैं डांस करने लगी. मुझे पता था कि पापा कोई पहल नहीं करेंगे. इसलिए मैंने ही पहल करने की सोची.
मैंने पापा से आंखें बंद करने के लिए कहा. जैसे ही पापा ने अपनी आंखें बंद की तो मैंने उनको होंठों पर किस कर दिया.

वो पीछे होने लगे. मगर मेरे अंदर जैसे मस्ती भर रही थी. पापा के लंड को छूने के बाद से मुझे कुछ हो गया था.
पापा ने कहा- यहां सब देख रहे हैं श्वेता, ये क्या कर रही हो.
मैंने कहा- कुछ नहीं होता पापा, इंजॉय करो.

एक दो बार मना करने के बाद पापा भी मस्ती के मूड में हो गये थे. उनको धीरे धीरे सुरूर होने लगा था. अब पापा खुद ही मेरे होंठों को किस करने लगे थे. मैं भी उनका पूरा साथ दे रही थी.

मैंने देखा कि पापा का लंड उनकी पैंट में उठ चुका था. मुझे ये देख कर और ज्यादा मस्ती होने लगी. मैंने पापा के लंड पर हाथ से सहला दिया. उन्होंने कुछ नहीं बोला और मेरी गांड पर हाथ से दबाने लगे.

फिर हम लोगों से रुका नहीं जा रहा था. हम लोग पब से निकल गये और जल्दी से गाड़ी में बैठ कर घर वापस आ गये. अंदर आते ही पापा ने मुझे गोद में उठा लिया और मुझे बेड पर ले जाकर पटक दिया.

पापा मेरे बूब्स को हवस भरी नजरों से घूर रहे थे. मैंने उनको अपने ऊपर लिटा लिया और उनके होंठों को चूसने लगी. वो भी अपने लंड को मेरी जांघों पर रगड़ते हुए मुझे किस करने लगे. मुझे मजा आ रहा था और पापा भी एकदम से गर्म हो गये.

मेरे होंठों को सक करने के बाद वो मेरे बूब्स को कपड़ों के ऊपर से ही दबाने लगे. मुझे उनके सख्त हाथों से अपने बूब्स दबवाने में बहुत अच्छा लगा. मैंने अपनी ड्रेस को नीचे खींच दिया और मेरे बूब्स आधे नंगे हो गये.

आधे नंगे बूब्स देख कर पापा ने उनको किस करना शुरू कर दिया. मैंने उनके सिर को हाथ से सहलाना शुरू कर दिया. मैं पापा की पीठ को भी हाथ से सहला रही थी.

फिर वो नीचे की ओर बढे़. उन्होंने मेरी ड्रेस को ऊपर कर दिया और मेरी पैंटी दिखने लगी. उन्होंने मेरी पैंटी पर अपने होंठों से किस करना चालू कर दिया. मुझे मजा आने लगा. ऐसा लग रहा था जैसे कोई मेरी चूत को कोमलता से प्यार कर रहा है.

मैं मस्ती में होने लगी. पापा भी मेरी चूत को जोर से किस करने लगे थे. उन्होंने अपने थूक से मेरी पैंटी को गीली कर दिया था. पापा ने मेरी पैंटी को निकाल दिया और मेरी चूत को चाटने लगे. पापा ने मेरी चूत चाटना शुरू किया तो मेरे मुंह से सिसकारी शुरू हो गयी.
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2021-05-26 22:25:41 मैं अपनी माँ के साथ बुआ के यहां शादी में गया. हम शादी से लौटे तो मुझे लगा कि मेरे पापा और मेरी बहन का व्यवहार आपस में बदल गया है. क्या हुआ था बाप बेटी के बीच?

दोस्तो, मेरा नाम विवेक (बदला हुआ) है और मैं दिल्ली के पॉश इलाके रोहिणी में रहता हूं. मेरे घर में मेरे मां-पापा, मेरी बहन और मैं रहते हैं. हमारी जिन्दगी बहुत आराम से चल रही थी क्योंकि मेरे पापा का बिजनेस सही चल रहा था.

कहानी को आगे बढ़ाने से पहले मैं अपने परिवार से आपका परिचय करवा देता हूं. यहां पर मैंने गोपनीयता के कारण कहानी के पात्रों के नाम बदल दिये हैं. मेरी उम्र 23 साल है और मेरी बहन 21 साल की है. मेरे पापा 50 वर्ष के हैं और मां की आयु 45 साल है. मैं अपनी ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी कर चुका हूं और अब मास्टर्स कर रहा हूं. मेरी बहन अपनी ग्रेजुएशन के आखिरी वर्ष में है.

मैं अपने पाठकों को बताना चाहूंगा कि ये मेरी फर्स्ट स्टोरी राइटिंग है. इसमें कुछ कमी भी रह सकती है. इसलिए आप स्टोरी का आनंद लें और कुछ कमी हो तो मुझे बाद में बता सकते हैं.

बात उन दिनों की है जब मेरी बुआ के घर पर शादी थी. जून महीने की बात है. हम लोग शादी में जाने की तैयारी कर रहे थे. मगर बिजनेस में कोई दिक्कत आ गयी थी इसलिए पापा का जाना कैंसिल हो गया था.

अब मैं, मां और बहन जाने वाले थे. फिर मां ने फैसला किया कि बहन घर पर ही रुकेगी. पापा के साथ रहने के लिए कोई नहीं था. ये बात सुनकर मेरी बहन थोड़ी उदास हो गयी थी. मगर मां ने कहा कि शादी में मैं (मॉम) और विवेक ही जाएंगे.

मैं और मां शादी में बुआ के घर चले गये. एक सप्ताह के बाद हम घर लौट आये. घर आने के बाद फिर से वही रुटीन शुरू हो गया था. मैं अपनी पढ़ाई में बिजी था और बहन भी अपनी स्टडी में. पापा बिजनेस में व्यस्त रहते थे.

एक बात जो मैं नोटिस कर रहा था वो ये कि मेरे पापा और मेरी बहन का आपसी व्यवहार अब कुछ बदल गया था. वो लोग पहले से कुछ अलग बर्ताव करने लगे थे.

जब मैंने इस ओर ध्यान देना शुरू किया तो मुझे मालूम हुआ कि वो अब पहले से ज्यादा नजदीक आ गये थे. मैंने सोचा कि पापा और बेटी का प्यार तो होता ही है, मगर उन दोनों के बर्ताव में बहुत कुछ अलग था की दिनों से जो मैं देख रहा था.

मेरे पापा अक्सर मेरी बहन को कार में लेकर बाहर जाने लगे थे. न चाहते हुए मेरे मन में शक होने लगा. मैंने इस बात की पूरी पड़ताल करने की सोची. मैंने उन दोनों पर पहले से ज्यादा ध्यान देना शुरू कर दिया.

एक दिन वो लोग बाहर जा रहे थे. पापा और बहन गाड़ी में साथ में निकले. मैं भी उनका पीछे करने के लिए निकल गया. पीछा करते करते मैंने देखा कि वो एक होटल में गये. मैं देख कर हैरान था कि ये दोनों होटल में क्या करने के लिए गये हैं!

मेरा शक गहरा हुआ तो मैं वहीं बाहर उनका इंतजार करने लगा. वो लोग लगभग दो घंटे के बाद बाहर निकले. अब मुझे बात कुछ समझ में आने लगी थी. मैं घर में होता था तो पापा और बेटी की हरकतों पर ही नजर रखता था.

एक दिन मैंने देखा कि मेरे पापा मेरी बहन की गांड पर हाथ से सहला रहे थे. वो किचन में थी और पापा पीछे से उसके पिछवाड़े पर हाथ से सहला रहे थे. मैंने चुपके से उन दोनों की वो फोटो क्लिक कर ली. मैंने तीन चार फोटो ले ली ताकि मेरे पास एक पुख्ता सुबूत हो.

अगली सुबह मैं अपनी बहन के रूम में गया. वो उस टाइम पर सो रही थी. मैंने उसको जगा दिया.
वो बोली- इतनी सुबह क्यों जगा रहे हो मुझे.
मैंने कहा- मुझे कुछ बात करनी है तुमसे.
वो बोली- अभी सोने दो, बाद में कर लेना.

अपनी जेब से मैंने फोन निकाला और उसके चेहरे के सामने करते हुए उसको आंखें खोल कर देखने के लिये कहा. उसने फोटो देखी तो उसकी आंखों में से सारी नींद गायब हो गयी. वो मेरे फोन की वह फोटो देख कर सहम सी गयी.

मैंने कहा- डरो नहीं, मैं बस इस बारे में कुछ पूछने आया हूं.
इससे पहले मैं कुछ और कहता मेरी बहन की आंखों में पानी आ गया और वो रोने लगी.
मैंने उसके कंधे पर हाथ रखा तो वो मुझसे लिपट गयी. मैंने उसको शांत किया और आराम से पूछा- श्वेता, बस मुझे इतना बता दो कि ये सब कब से शुरू हुआ है और कैसे शुरू हुआ?

दोस्तो, मेरी बहन का साइज बहुत ही मस्त है. वो 32-28-30 के साइज के साथ एकदम से हुस्न की परी के जैसी लगती थी. उसके बदन को छूकर इरादे तो मेरे भी कुछ बदल से गये थे लेकिन उससे पहले मुझे पूरी बात का पता करना था.

फिर उसने बताना शुरू किया:

भैया, उस दिन आप तो मां के साथ शादी में चले गये थे. मेरा मूड बहुत खराब था क्योंकि मैं शादी में नहीं जा पाई. अपना मूड ठीक करने के लिए मैंने अपने फोन में पोर्न सेक्स देखना शुरू किया और अपनी चूत को सहलाने लगी. चूत को उंगली से सहलाते हुए मैं उत्तेजित हो गयी, फिर तेजी के साथ अपनी चूत पर उंगली चलाने लगी. उसके बाद जाकर मैं शांत हुई. फिर मेरा मूड कुछ ठीक हो गया था लेकिन रोज की तरह खुश नहीं थी.
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2021-05-26 22:23:00 भाभी मेरे सर पर हाथ फेरते हुए मुझे अपनी चुत की तरफ खींचने लगीं.
मैंने भाभी को पलंग पर पटका और उनकी दोनों टांगें चौड़ी कर कर उनकी गुलाबी और गीली चूत में अपनी जीभ घुसा दी.

वो ‘अ अह हां हां … मर गई अमन … आह ..’ की सिसकारियां लेने लगीं.

तभी भाभी ने अपने दोनों हाथों से मेरे मुँह को अपनी चूत में जोरों से दबा दिया.
मैंने भी भाभी की चूत में ऐसे ही मुँह लगाए कुछ देर तक चुत चूसता रहा.

थोड़ी देर में भाभी की चूत में से बहुत सारा रस निकल गया. उनकी चूत में मेरा मुँह तो लगा ही था, तो मैं उनका सारा का सारा रस पी गया.
गजब का खट्टापन सा स्वाद था उस रस में.

थोड़ी देर बाद मैं उनकी चूत में अपनी उंगली को घुसा कर जोर जोर से अन्दर बाहर करने लगा.

भाभी फिर से उत्तेजित होने लगीं.
मादक सिसकारियां लेती हुईं भाभी अपने दूध के निप्पलों को अपनी उंगलियों से मसलने लगीं.

अब वर्षा भाभी चुदने के लिए पागल हुई जा रही थीं.
तभी भाभी ने मेरा लंड पकड़ लिया और मुझसे कहने लगीं- अमन, आज मुझे खूब चोदो … आज मुझे पूरी औरत बना दो अब मुझसे चुदे बिना रहा नहीं जा रहा है … मुझ पर रहम करो … मैं बहुत प्यासी हूं.

पहले तो उनकी इस बात से चौंका कि ये औरत बनाने की बात क्यों कह रही हैं.
तब भी मैंने सर झटका और उनकी चुदाई की सोचने लगा. मैंने अपने लंड का सुपारा भाभी की गुलाबी और रसीली चूत के मुहाने पर रख दिया और रगड़ने लगा.

इससे भाभी और भी ज्यादा मचल उठीं और मुझसे कहने लगीं- अब तो राजा मुझे चोद ही दो.

मैंने जैसे ही भाभी की चुत में झटका लगाया तो मेरा लंड 2 इंच अन्दर चला गया.

भाभी की जोर से आवाज निकल गई- आह मर गई … उंह आह मम्मी रे मर गई.
मैं रुक गया और भाभी की चूची को सहलाने लगा.

भाभी ने दर्द से कराहते हुए मुझसे कहा- रुक क्यों गए … धीरे धीरे करते रहो … मेरी चूत फाड़ दो.

मैंने उनकी बात सुनी और जोर से दूसरा झटका लगा दिया.
इस बार मेरा पूरा लंड भाभी की चूत में समा गया.

उनकी आवाज दर्द के कारण वहीं की वहीं दबी रह गई और दर्द के कारण भाभी एकदम से छटपटाने लगीं; उनकी आंखों में से आंसू आने लगे.

मैं भाभी की कमर को पकड़ कर चूत में जोरदार धक्कों के साथ उनको चोदने लगा. मैं जब उनकी चुत में जोरदार धक्कों के साथ लंड को अन्दर बाहर करता, तो धक्कों की पट पट की आवाज पूरे कमरे में गूंजने लगी थी.

एक मिनट बाद अब भाभी को भी मजा आने लगा था.

भाभी कहने लगी थीं- आह अम्मू और जोर से चोदो … आह मेरी चूत फाड़ दो … तुम्हारा लंड बहुत मस्त है … मैं इसकी दीवानी हो गई हूँ.

मैंने अपनी चुदाई की स्पीड को बढ़ा दिया और भाभी के मम्मों को मसलते हुए जोर जोर से उनकी चूत चोदने लगा.

भाभी भी अपनी कमर कमर उठा उठा कर चुदाई में साथ देने लगीं.

पूरे बीस मिनट की चुदाई के बाद मैंने अपना वीर्य भाभी के मुँह में डाल दिया और वो उसे निगल गईं.

वर्षा भाभी मेरे लंड को देर तक चूसती रहीं और चूस चूस कर मेरे लंड को लाल कर दिया.
उस दौरान मेरा फिर से वीर्य निकल गया था. वर्षा भाभी ने मेरे सारे वीर्य को गटक लिया था.

मैंने अब भाभी से उनकी औरत बना देने वाली बात पूछी.

भाभी ने बताया- मेरे पति नपुंसक हैं. उनका खड़ा ही नहीं होता है. शुरू शुरू में एक दो बार की चुदाई के बाद उन्होंने मुझे कभी चोदा ही नहीं है.
मैंने कहा- अब आपका ये देवर आपकी पूरी सेवा करेगा.

भाभी ने मुझे सीने से लगा लिया और हमारी फिर से चूमाचाटी शुरू हो गई.
उस दिन हमने दो बार और चुदाई की.

उसके बाद मैंने भाभी कई दिन तक चोदा. आज भी मौका मिलता है, तो कई घंटों तक हम चुदाई करते हैं. भाभी मुझसे चुदवाने के लिए खुद ही फोन करके मुझे बुला लेती हैं.
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