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मैं अपनी माँ के साथ बुआ के यहां शादी में गया. हम शादी से लौटे | ℍ𝕚𝕟𝕕𝕚 & 𝔼𝕟𝕘𝕝𝕚𝕤𝕙 𝕊𝕖𝕩 𝕊𝕥𝕠𝕣𝕪

मैं अपनी माँ के साथ बुआ के यहां शादी में गया. हम शादी से लौटे तो मुझे लगा कि मेरे पापा और मेरी बहन का व्यवहार आपस में बदल गया है. क्या हुआ था बाप बेटी के बीच?

दोस्तो, मेरा नाम विवेक (बदला हुआ) है और मैं दिल्ली के पॉश इलाके रोहिणी में रहता हूं. मेरे घर में मेरे मां-पापा, मेरी बहन और मैं रहते हैं. हमारी जिन्दगी बहुत आराम से चल रही थी क्योंकि मेरे पापा का बिजनेस सही चल रहा था.

कहानी को आगे बढ़ाने से पहले मैं अपने परिवार से आपका परिचय करवा देता हूं. यहां पर मैंने गोपनीयता के कारण कहानी के पात्रों के नाम बदल दिये हैं. मेरी उम्र 23 साल है और मेरी बहन 21 साल की है. मेरे पापा 50 वर्ष के हैं और मां की आयु 45 साल है. मैं अपनी ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी कर चुका हूं और अब मास्टर्स कर रहा हूं. मेरी बहन अपनी ग्रेजुएशन के आखिरी वर्ष में है.

मैं अपने पाठकों को बताना चाहूंगा कि ये मेरी फर्स्ट स्टोरी राइटिंग है. इसमें कुछ कमी भी रह सकती है. इसलिए आप स्टोरी का आनंद लें और कुछ कमी हो तो मुझे बाद में बता सकते हैं.

बात उन दिनों की है जब मेरी बुआ के घर पर शादी थी. जून महीने की बात है. हम लोग शादी में जाने की तैयारी कर रहे थे. मगर बिजनेस में कोई दिक्कत आ गयी थी इसलिए पापा का जाना कैंसिल हो गया था.

अब मैं, मां और बहन जाने वाले थे. फिर मां ने फैसला किया कि बहन घर पर ही रुकेगी. पापा के साथ रहने के लिए कोई नहीं था. ये बात सुनकर मेरी बहन थोड़ी उदास हो गयी थी. मगर मां ने कहा कि शादी में मैं (मॉम) और विवेक ही जाएंगे.

मैं और मां शादी में बुआ के घर चले गये. एक सप्ताह के बाद हम घर लौट आये. घर आने के बाद फिर से वही रुटीन शुरू हो गया था. मैं अपनी पढ़ाई में बिजी था और बहन भी अपनी स्टडी में. पापा बिजनेस में व्यस्त रहते थे.

एक बात जो मैं नोटिस कर रहा था वो ये कि मेरे पापा और मेरी बहन का आपसी व्यवहार अब कुछ बदल गया था. वो लोग पहले से कुछ अलग बर्ताव करने लगे थे.

जब मैंने इस ओर ध्यान देना शुरू किया तो मुझे मालूम हुआ कि वो अब पहले से ज्यादा नजदीक आ गये थे. मैंने सोचा कि पापा और बेटी का प्यार तो होता ही है, मगर उन दोनों के बर्ताव में बहुत कुछ अलग था की दिनों से जो मैं देख रहा था.

मेरे पापा अक्सर मेरी बहन को कार में लेकर बाहर जाने लगे थे. न चाहते हुए मेरे मन में शक होने लगा. मैंने इस बात की पूरी पड़ताल करने की सोची. मैंने उन दोनों पर पहले से ज्यादा ध्यान देना शुरू कर दिया.

एक दिन वो लोग बाहर जा रहे थे. पापा और बहन गाड़ी में साथ में निकले. मैं भी उनका पीछे करने के लिए निकल गया. पीछा करते करते मैंने देखा कि वो एक होटल में गये. मैं देख कर हैरान था कि ये दोनों होटल में क्या करने के लिए गये हैं!

मेरा शक गहरा हुआ तो मैं वहीं बाहर उनका इंतजार करने लगा. वो लोग लगभग दो घंटे के बाद बाहर निकले. अब मुझे बात कुछ समझ में आने लगी थी. मैं घर में होता था तो पापा और बेटी की हरकतों पर ही नजर रखता था.

एक दिन मैंने देखा कि मेरे पापा मेरी बहन की गांड पर हाथ से सहला रहे थे. वो किचन में थी और पापा पीछे से उसके पिछवाड़े पर हाथ से सहला रहे थे. मैंने चुपके से उन दोनों की वो फोटो क्लिक कर ली. मैंने तीन चार फोटो ले ली ताकि मेरे पास एक पुख्ता सुबूत हो.

अगली सुबह मैं अपनी बहन के रूम में गया. वो उस टाइम पर सो रही थी. मैंने उसको जगा दिया.
वो बोली- इतनी सुबह क्यों जगा रहे हो मुझे.
मैंने कहा- मुझे कुछ बात करनी है तुमसे.
वो बोली- अभी सोने दो, बाद में कर लेना.

अपनी जेब से मैंने फोन निकाला और उसके चेहरे के सामने करते हुए उसको आंखें खोल कर देखने के लिये कहा. उसने फोटो देखी तो उसकी आंखों में से सारी नींद गायब हो गयी. वो मेरे फोन की वह फोटो देख कर सहम सी गयी.

मैंने कहा- डरो नहीं, मैं बस इस बारे में कुछ पूछने आया हूं.
इससे पहले मैं कुछ और कहता मेरी बहन की आंखों में पानी आ गया और वो रोने लगी.
मैंने उसके कंधे पर हाथ रखा तो वो मुझसे लिपट गयी. मैंने उसको शांत किया और आराम से पूछा- श्वेता, बस मुझे इतना बता दो कि ये सब कब से शुरू हुआ है और कैसे शुरू हुआ?

दोस्तो, मेरी बहन का साइज बहुत ही मस्त है. वो 32-28-30 के साइज के साथ एकदम से हुस्न की परी के जैसी लगती थी. उसके बदन को छूकर इरादे तो मेरे भी कुछ बदल से गये थे लेकिन उससे पहले मुझे पूरी बात का पता करना था.

फिर उसने बताना शुरू किया:

भैया, उस दिन आप तो मां के साथ शादी में चले गये थे. मेरा मूड बहुत खराब था क्योंकि मैं शादी में नहीं जा पाई. अपना मूड ठीक करने के लिए मैंने अपने फोन में पोर्न सेक्स देखना शुरू किया और अपनी चूत को सहलाने लगी. चूत को उंगली से सहलाते हुए मैं उत्तेजित हो गयी, फिर तेजी के साथ अपनी चूत पर उंगली चलाने लगी. उसके बाद जाकर मैं शांत हुई. फिर मेरा मूड कुछ ठीक हो गया था लेकिन रोज की तरह खुश नहीं थी.