टेलीग्राम में पोर्न की टेराबाइट्स तक पहुंच प्राप्त करें »

हॉट आंटी Xxx कहानी में पढ़ें कि मेरी मुलाकात एक आंटी से हुई. वो | ℍ𝕚𝕟𝕕𝕚 & 𝔼𝕟𝕘𝕝𝕚𝕤𝕙 𝕊𝕖𝕩 𝕊𝕥𝕠𝕣𝕪

हॉट आंटी Xxx कहानी में पढ़ें कि मेरी मुलाकात एक आंटी से हुई. वो अपने पति की बेरुखी से दुखी थी. मैंने उन आंटी की मदद की. उनकी सेक्स की कमी पूरी की.

नमस्कार दोस्तो, मैं विक्की अन्तर्वासना की सेक्स कहानी वाली साइट पर एक बार फिर से आपका स्वागत करता हूं.
आप लोगों का बहुत-बहुत धन्यवाद जो आप लोगों ने मेरी सेक्स कहानी को पढ़कर मुझे काफी रिस्पांस दिया.

मेरी पिछली कहानी थी: पापा के दोस्त से पहली मस्त चुदाई

अब तो ऐसा लगता है कि मेरी किसी भी इल्तजा का कुछ लोगों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है.

मैं एक फिर से कहना चाहूंगा कि मैं किसी भी लड़की या औरत जिससे मैं मिलता हूं, उसकी कोई भी पहचान संबंधित कोई भी जानकारी नहीं दे सकता हूँ. मैं किसी की भी गोपनीयता का इतना अधिक ख्याल रखता हूं कि अपने साथ सेक्स कर रही लड़की से दूसरी लड़की तक की कोई जिक्र तक नहीं करता हूँ, तो फिर मैं आपसे कैसे उसकी गोपनीय जानकारी दे दूँगा. हर किसी की अपनी लाइफ है. प्लीज़ समझा कीजिए.

जब कोई लड़की या भाभी मुझ पर विश्वास करती है, तभी वो मुझे मिलने के लिए बुलाती है. मैं उनकी जानकारी रेवड़ी की तरह बांट कर गलत करने लगा, तो यह सही नहीं होगा. इस तरह का व्यवहार करके मैं किसी के विश्वास को तोड़ नहीं सकता.

मैं आज जिस हॉट आंटी Xxx कहानी का जिक्र करने जा रहा हूं, वह मेरी एक प्रशंसक ही है.

मुझे लगने लगा था कि महिलाएं सिर्फ सेक्स की भूख मिटाने के लिए ही मुझे मुझसे संपर्क करती हैं.
लेकिन इस बार इन मोहतरमा ने मुझे एक सीख भी दी थी और एक अलग तरीके का अहसास दिलाया था कि महिलाएं और लड़कियां बिना सेक्स के कितनी अधूरी हैं. उन्हें सेक्स तो चाहिए ही, लेकिन उससे ज्यादा उनकी भावनाओं को समझने के लिए भी कोई होना चाहिए.

उनकी भावनाओं को समझने वाला आदमी चाहे पैसे लेकर ही यह काम करे, मगर उनकी भावनाओं को सुनें और समझे. तभी उसको संतुष्टि और आत्मिक खुशी मिलती है.

इस सेक्स कहानी में सेक्स पर ज्यादा जोर नहीं दिया गया है. जो भी पाठक अपनी चुदाई की भूख को शांत करने की उम्मीद लगाकर इस सेक्स कहानी को पढ़ रहे हैं, उनके लिए यहां पर कुछ भी विशेष नहीं है.

हुआ कुछ यूं कि एक महिला ने मुझे मैसेज किया, तो वो मुझसे गोल मोल होकर बातें कर रही थीं. मतलब वो सीधे तौर पर अपनी दबी हुई कामेच्छा को नहीं लिख रही थीं.

इसका एक कारण ये भी था कि एकदम से कोई भी महिला या लड़की किसी पर सीधे तौर पर विश्वास नहीं करती है.

चूंकि मुझे इस बात का अनुभव हो गया है, तो मैं इस बात को समझने लगा था. यह मैडम भी शुरुआत में बात करने में बहुत ज्यादा हिचकिचा रही थीं.

उनके साथ करीब 15 दिन तक बात करने के बाद जब उन्हें लगने लगा कि वो मुझ पर विश्वास कर सकती हैं, तो उन्होंने बताया कि वो मुझसे मिलना चाहती हैं.

इसके बाद मैंने उनसे उनके शहर का नाम पूछा. संयोग से वो मेरे ही शहर की निकलीं.

अब जब हम दोनों का एक ही शहर था, तो मैंने भी उन्हें अपने शहर का नाम बता दिया.

उन्हें ये जानकर बहुत खुशी भी हुई. वो बोलीं- चलिए अच्छा हुआ कि आप इधर के ही हैं. मैं तो विश्वास ही नहीं कर सकती थी कि आप भी मेरे शहर में ही हैं. मुझे दूसरे शहर में जाने में भी काफी समस्या आ सकती थी.

कुछ देर तक औपचारिक बातचीत के बाद मैंने उनसे उनकी उम्र और उनकी फोटो मांगी.

उन्होंने कहा- जब हम दोनों एक ही शहर के हैं, तो पहले कहीं एक साधारण मुलाकात कर लेते हैं.
मैंने हामी भर दी.

फिर जब उन्होंने मुझसे मेरी फोटो मांगी, तो मैंने बिना किसी हिचकिचाहट के उन्हें अपनी फोटो दे दी.
इसका कारण उन्होंने बताया कि मैं ये पक्का करना चाहती हूँ कि कहीं आप मेरे परिचित तो नहीं हैं. साथ ही उन्होंने मुलाक़ात के समय मुझे पहचान लेने के लिए भी मेरी फोटो मांगी थी.

उनके साथ 15 दिन से बात करने के कारण मुझे इतना तो विश्वास हो ही गया था कि वो सच में सीरियस हैं.

हम दोनों ने अपने शहर के किसी एक बड़े पार्क में मिलने का प्लान बनाया.
हमने बुधवार का प्लान बनाया क्योंकि संडे को उनकी अपनी कुछ व्यस्तता थी.
मैं मान गया.

मैं निश्चित दिन पर उनसे मिलने के लिए चला गया. चूंकि मैं उन्हें अपनी फोटो दे चुका था तो वो तो मुझे पहचान सकती थीं लेकिन मैं अभी भी अंधेरे में ही था.

पहले उन्होंने मुझे ऑफर किया था कि वह मुझे पिक कर लेंगी.
लेकिन मैंने कहा कि नहीं मैं आ जाऊंगा, आप वहां पर पहुंच जाइएगा.

उनका घर उस पार्क से काफी पास में ही था और मुझे जाने में करीब 40 मिनट लगने थे.

वो मुझसे पहले ही आ गई थीं और उन्होंने मुझे फोन लगा दिया था.

मैंने उनसे कहा- आप वहीं पर रुकें, मैं बस पहुंच रहा हूं.

तय समय से दस मिनट देर से मैं वहां पर पहुंचा.
उस समय दोपहर का समय था.

मैडम ने मुझे पहचान लिया और पार्क के बाहर ही मुझे हैलो बोल कर मुझसे मिलीं.