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लैंड लेडी सेक्स कहानी में पढ़ें कि मेरा ट्रांसफर चंडीगढ़ हुआ तो | ℍ𝕚𝕟𝕕𝕚 & 𝔼𝕟𝕘𝕝𝕚𝕤𝕙 𝕊𝕖𝕩 𝕊𝕥𝕠𝕣𝕪

लैंड लेडी सेक्स कहानी में पढ़ें कि मेरा ट्रांसफर चंडीगढ़ हुआ तो एक विधवा का मकान किराये पर लिया। मगर मकान के साथ ही मैंने उसकी चूत भी ले ली। कैसे?

दोस्तो, मैं स्वागत करता हूं आप सभी का आपकी अपनी पसंदीदा साइट अन्तर्वासना सेक्स स्टोरीज पर!
आशा है कि इस कोरोना काल में आप सावधानी बरत रहे होंगे। चूत भी मारनी है तो सुरक्षित तरीके से मारें।

अब मैं आपका ज्यादा समय नहीं लूंगा और आपको ये वाकया बताता हूं।

यह लैंड लेडी सेक्स कहानी तब की है जब मेरा नया नया ट्रांसफर चंडीगढ़ में हुआ था।
वहां आने के बाद मैं होटल में रुका हुआ था और मुझे जल्दी ही रहने के लिए घर चाहिए था।

मैंने अपने साथ के अन्य लोगों से भी घर के लिए बात की थी लेकिन किसी का जवाब नहीं मिला।

एक दिन मैं होटल के रिसेप्शन पर बैठा था। मैं एक डीलर से घर के बारे में बात कर रहा था।

शायद रिसेप्शनिस्ट ने मेरी बात सुन ली थी। बातचीत खत्म होने के बाद वह मेरे पास आई और बोली- आपको घर चाहिए है क्या?
मैंने उसको देखा और कहा- हां, शहर में अभी नया हूं और अपने लिए घर देख रहा हूं.

इस पर वह बोली- एक घर मेरे पड़ोस में खाली है लेकिन मकान मालकिन उसका किराया ज्यादा मांगती है इसलिए वह काफी दिनों से खाली है। घर की लोकेशन के हिसाब से वह घर अच्छा है और वैसा ही है जैसा कि घर आप ढूंढ रहे हैं। इसलिए अगर आप चाहें तो मैं मकान मालकिन से बात कर सकती हूं.

मैंने तुरंत उसको कहा- आप बात करो, अगर घर पसंद आया तो मैं घर ले लूंगा। किराये की कोई दिक्कत नहीं।
अगले दिन उसने मुझे बोला- मैंने बात कर ली है। मकान मालकिन ने घर दिखाने के लिए शाम के 6:00 बजे का टाइम दिया है।

उससे मैंने कहा- ठीक है, लेकिन मैं वहां कैसे जाऊंगा? मैंने तो एरिया देखा ही नहीं.
वह बोली- आज शाम को मेरे साथ ही चल पड़ियेगा।

मैंने उसको हां कह दिया और शाम को मैं उस लेडी को लेकर घर देखने के लिए चला गया।

महिला की उम्र लगभग 45 वर्ष थी।
बातों बातों में पता चला कि उसकी एक बेटी है, जिसकी 2 साल पहले शादी हुई थी और उसका अब तलाक होने वाला है।

मुझे वह घर पसंद आया क्योंकि मैं एक तलाकशुदा आदमी हूं जिसको एकांत पसंद है ताकि अगर किसी लड़की या औरत को चोदना हो तो आसानी से लाया जा सके।

घर देखने के बाद मैंने फाइनल कर दिया और वापस होटल में आ गया।

अगले दिन अपना सारा सामान लेकर मैं उस मकान में आने के लिए तैयार था।

आने से पहले होटल में उस रिसेप्शनिस्ट को मैंने धन्यवाद कहा।
इसके जवाब में उसने मुझे गले लगाया। उसके गले लगाने से उसकी चूचियां मेरे सीने से सट रही थीं. जिसके कारण मेरे लौड़े में तनाव आना शुरू हो गया।

अलग होने के बाद उसने मुझे आंख भी मारी और धीरे से बोली- ऐसे केवल थैंक्यू से काम नहीं चलेगा, पार्टी देनी होगी।

दोस्तो, मैं रिसेप्शनिस्ट का परिचय देना तो भूल ही गया।
वो लगभग 28 से 30 साल की भरे बदन की औरत थी। उसकी चूचियां लगभग 36 के आसपास थीं. उसकी हाइट लगभग 5 फीट 7 इंच थी और उसकी गांड बाहर निकली हुई थी।

जब मैं उस घर में गया तो वो मकान मालकिन मुझे खड़ूस सी लगी।
मगर मुझे कोई परेशानी नहीं थी क्योंकि मेरा रास्ता साइड से सीधा ऊपर को जाता था।

लगभग एक महीना मुझे वहां रहते हुए हो गया था।

ऐसे ही एक दिन मैं ऑफिस से लौटा था।
मैंने पाया कि दरवाजा काफी देर बाद खुला।

अंदर घुसा तो मैंने पाया कि वह औरत जिसका नाम फहीमा था, उसकी तबीयत खराब है और वह मुश्किल से दरवाजे तक आई थी।
नीचे फहीमा के अलावा और कोई नहीं रहता था।

मैंने सोचा कि उसकी मदद कर देता हूं। उसकी तबीयत ठीक नहीं थी तो मैंने उसके लिए चाय बनाने लगा।
तबीयत खराब होने के कारण उसने गाउन ही पहन रखा था।

उसकी बड़ी-बड़ी चूचियां और उसका डी साइज साफ महसूस हो रहा था। उसका साइज लगभग 38 का था और उसकी निकली हुई गांड देखकर मेरे लौड़े में तनाव आ गया।

मेरा मन कर रहा था कि अभी उसकी गांड में लौड़ा घुसा दूं लेकिन मैंने अपने आप को और अपने लौड़े को काबू किया।
मैं चाय बनाने चला गया। मैंने चाय उसको दी और उसके पास जाकर बैठ गया।

बैठते समय मैं अपने लौड़े को काबू कर रहा था। चाय पीते पीते मैंने महसूस किया कि उसका ध्यान भी मेरे लौड़े पर था।

उसकी नज़र मेरे लौड़े पर जमी हुई देखकर मुझे भी मुझे विश्वास हो गया कि उसकी गांड भी मेरे लौड़े के लिए तरस रही है।

चाय खत्म हो गई तो वह बोली- तुम भी यहीं सो जाओ क्योंकि मेरी तबीयत खराब है।
मैंने उससे कहा- मैं आपको डॉक्टर के पास ले चलता हूं।

वह बोली- ऐसी कोई बात नहीं है, चाय पीने से तबियत थोड़ा ठीक हो गई है और मैंने दवाई भी ले रखी है। फिर भी अगर तुम पास में सो जाओगे तो रात में तबियत खराब हुई तो सहारा रहेगा।

मैं उसकी बात से सहमत था और मैंने हां कर दी।
उसके बाद मैं अपने कमरे में आ गया।

मैंने कपड़े बदले और फिर तैयार होकर नीचे चला गया।