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सबकी सविता भाभी ❤

टेलीग्राम चैनल का लोगो savitabhabhikahaniya — सबकी सविता भाभी ❤
चैनल का पता: @savitabhabhikahaniya
श्रेणियाँ: वयस्क सामग्री (18+)
भाषा: हिंदी
ग्राहकों: 8.02K
चैनल से विवरण

🔥🥵सविता भाभी की कहानी या फ्री में सबसे लिए 🥵🔥

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नवीनतम संदेश 7

2022-06-13 18:31:29
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1.2K viewsI AM IN MY MOOD AND MY MOOD IS ALWAYS GOOD, 15:31
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2022-06-13 18:30:50 15 मिनट चूत मारने के बाद फिर कोच ने फुर्ती से मम्मी को घुटनों पर बिठाया और मम्मी के मुंह में लन्ड डाल दिया और मुख चोदन करने लगा।
वो मॉम का सिर पकड़ कर मुंह को चोद रहा था।
मम्मी को सांस नहीं आ रही थी तो मम्मी की आंखों में आंसू आने लगे।
कुछ देर मुंह चुदाई करने के बाद कोच ने मम्मी को उल्टा किया और मम्मी की गांड पर माल झाड़ दिया।
अब दोनों थक चुके थे।
उनकी चुदाई खत्म होते ही मैं भी वहां से सरक लिया लेकिन मेरे लंड का बुरा हाल था।
मैं सीधा टॉयलेट में गया और मुठ मारने लगा।
मेरे ख्यालों में मम्मी की चुदाई और सिसकारियां चल रही थीं।
फिर झड़ने के बाद मैं स्पोर्ट्स रूम के पास गया।
अभी भी दरवाजा बंद ही था।
मैंने खिड़की से झांक कर देखा कि मम्मी कोच की गोदी में बैठी थी।
मम्मी और कोच ने कपड़े पहन रखे थे।
फिर दूसरी तरफ जाकर मैंने रूम का गेट खटखटाया तो सर ने आ कर गेट खोला और मम्मी मुझे देखकर अपने कपड़े ठीक करने लगीं।
इससे पहले कि मैं कुछ कहता, मम्मी बोली- चल कुलदीप, सर से बात हो गई है। तुझे टीम में लेने के लिए सर मान गए हैं।
मॉम फिर से कोच सर के पास गई और उनसे हाथ मिलाकर धन्यवाद करने लगी।
कोच ने मॉम को मेरे सामने ही गले लगा लिया।
मॉम भी अच्छी तरह से चिपक कर उनसे गले मिली।
मैंने देखा कि कोच ने धीरे से मेरी सेक्सी मॉम की गांड पर हाथ फेरते हुए कहा- दर्शन करवाते रहिएगा अनीता जी!
मॉम ने भी शरारती स्माइल दी और वहां से आ गई।
फिर मम्मी ने रूम से बाहर आकर अपने पुराने यार को कॉल लगाकर कहा- मिश्रा जी, जल्दी हमको लेने के लिए कुलदीप के स्कूल आ जाओ।
यह कहकर मम्मी ने फोन रख दिया।
थोड़ी देर स्कूल के बाहर इंतजार करने के बाद मिश्रा जी अपनी गाड़ी लेकर आ गए।
मम्मी मिश्रा जी के साथ आगे बैठ गईं और मैं पीछे वाली सीट पर बैठ गया।
हम तीनों घर पहुंच गए तो मम्मी ने मुझे बोला– बेटा तुम घर में जाकर पढ़ाई करो, मैं मिश्रा जी के साथ दोबारा हाफ डे जॉब जा रही हूं।
मैं समझ गया कि मम्मी जॉब तो जा रहीं हैं लेकिन साथ साथ मिश्राजी ने उनको चोदने का प्लान बनाए रखा होगा इसीलिए जल्दी है।
मैंने मम्मी और अंकल को बाय कहा और घर में आ गया।
1.2K viewsI AM IN MY MOOD AND MY MOOD IS ALWAYS GOOD, 15:30
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2022-06-13 18:30:50 मैंने सोचा कि अंदर झांक कर देखता हूं कि मम्मी अभी तक क्यों नहीं आई।
जब मैंने देखा तो दरवाजा अंदर से लॉक हो चुका था।
अब तो मेरा शक पक्का हो गया था।
पीछे की ओर एक खिड़की थी।
मैं चुपके से पीछे गया और खिड़की के नीचे बैठ गया।
फिर धीरे धीरे नजर उठाते हुए मैंने कमरे में अंदर झांक कर देखा।
कोच ने मम्मी को टेबल पर बिठाया हुआ था और उनकी साड़ी कमर तक खुली हुई थी, उनका ब्लाउज उतर चुका था और वो नारंगी कलर की ब्रा में थी।
कोच मेरी मम्मी की चूचियों को दबाते हुए उनके होंठों को चूम रहा था और मम्मी भी उसके गले में बाहें डाले हुए उसका साथ दे रही थी।
इतने में मम्मी ने अपनी ब्रा खोल दी।
मम्मी की चूचियां कोच के सामने हवा में आजाद हो गईं।
मैं मम्मी की गोरी और मोटी रसीली चूचियों को देखकर हैरान रह गया।
ऐसी ही हैरानी शायद कोच को भी हुई होगी।
उसने मम्मी को टेबल पर गिराया और बुरी तरह से उसकी चूचियों को भींच भींचकर पीने लगा।
मम्मी के चूचों को चूसते हुए कोच ने कहा– अनीता जी, जब से आपको देखा है तब से ही इन चूचों को चूसने के लिए दिल मचल रहा था।
मम्मी बोली- मेरे बेटे को टीम में जगह दोगे तो मैं आपको स्वर्ग की सैर करवा सकती हूं।
कोच- तो करवाइये ना अनीता जी, मैं आपके लिए कुछ भी कर सकता हूं। आपके बेटे की टीम में जगह पक्की करवाना मेरे हाथ में है।
इतने में ही मम्मी ने कोच की लोअर के ऊपर से उसके लंड को पकड़ कर सहलाना शुरू कर दिया और कोच के मुंह से कामुक बातें निकलने लगीं- आह्ह … स्स … अनीता जी … आप तो बहुत रोमांटिक हैं … ऐसी लेडी तो मुझे पहली बार मिली है।
अब कोच काफी उत्तेजित हो गया और उसने मेरी मम्मी के बदन से साड़ी को बिल्कुल अलग कर दिया। जल्दी से उसने पेटीकोट उतारा और मम्मी की पैंटी के ऊपर से चूत को रगड़ने लगा। मम्मी भी सिसकारने लगी।
फिर उसने पैंटी में हाथ देकर चूत को अच्छे से रगड़ना शुरू कर दिया।
अब मम्मी भी अपनी चूचियों को दबाते हुए आह्ह … स्स … आह्ह … स्स्स … करने लगी।
कोच ने मम्मी की चूत में उंगली डाल दी और वो एकदम से उचक सी गई।
वो मेरी मॉम की चूत में उंगली चलाने लगा तो मम्मी बहुत गर्म हो गई।
उसने कोच की लोअर नीचे खींच दी और उसे नंगा कर लिया।
जल्दी से मॉम ने उसके लंड को मुंह में भरा और तेजी से चूसने लगी।
कोच जोर जोर से सिसकारने लगा- आह्ह … स्स्स … हाय … साली रंडी … आह्ह … क्या मस्त चूसती है तू … आह्ह … खा जा मेरे लंड को रांड … स्स … हाय … चूस जा पूरा!
वो दोनों हवस में जैसे पागल हो चुके थे।
फिर कोच ने मेरी मम्मी की पैंटी को उतार दिया और खुद भी नंगा हो गया।
उसने मम्मी को पलटा लिया और मॉम की मोटी गांड उसके सामने थी।
उसने मॉम की गांड पर चांटे लगाने शुरू किए।
कई चांटे मारने के बाद मॉम की गांड लाल हो गई।
फिर उसने मम्मी की गांड में मुंह लगा दिया और उसको चाटने लगा।
मॉम भी पागल होने लगी।
टेबल पर झुकी हुई मॉम की चूचियां आगे पीछे हिल रही थीं और वो आगे पीछे होते हुए अपनी गांड को कोच के मुंह पर रगड़ रही थी।
मुझे यह सब देखकर गुस्सा तो आ रहा था लेकिन अंदर ही अंदर मज़ा भी बराबर आ रहा था।
मैंने मम्मी को पहले भी नंगी देखा था लेकिन इस बार और ज़्यादा मज़ा आ रहा था।
फिर कोच ने मम्मी की चूत में थूक दिया। उसने अपने लंड पर भी थूक लगा लिया।
उसने मॉम को सीधी किया और अपना लन्ड मम्मी की चूत में डाल दिया और मम्मी एकदम से सिहर सी गई।
फिर कोच ने मम्मी की दोनों टांग पकड़ कर चोदना शुरू कर दिया।
कुछ देर में मॉम को भी मजा आने लगा।
मम्मी की चुदाई कोच बहुत बेरहमी से कर रहा था।
अब मॉम अपनी चूत को खुद कोच के लौड़े की तरफ धकेल रही थी।
थोड़ी देर बाद कोच ने मम्मी को टेबल पर बैठा दिया और खुद भी बैठ गया।
फिर उसने मम्मी को लिटा कर मम्मी की चूचियों में लन्ड फंसा कर चूचियों को चोदना शुरू किया।
मॉम की मोटी चूचियों के बीच लंड अच्छे से रगड़ खा रहा था।
लन्ड मम्मी के मुंह तक टच हो रहा था।
मम्मी और कोच ने फिर एक ज़ोरदार किस की।
अब मॉम कोच को लिटा कर उनके ऊपर बैठ गई और कोच ने मम्मी की चूत के बजाय गांड में लन्ड पेल दिया।
मम्मी उचक गई और फिर आराम से लंड को धीरे धीरे करके पूरा उतरवा लिया।
लंड को गांड में लेकर वो आराम से चुदने लगी।
धीरे धीरे दोनों का जोश बढ़ने लगा और कोच अब तेजी से जोर लगाते हुए नीचे से Xxx मॉम की गांड में लंड को पेलने लगा।
ये सब देखकर मेरे लंड का भी बुरा हाल हो गया था।
मैं मुठ मारना चाहता था लेकिन वहां पर खतरा था।
कुछ देर चोदने के बाद कोच ने मम्मी को टेबल से नीचे उतार दिया।
मम्मी को कुर्सी पर घोड़ी बना कर कोच ने उनकी चूत में लन्ड डाल दिया। मम्मी को चूत चुदवाने में बड़ा मज़ा आ रहा था।
1.1K viewsI AM IN MY MOOD AND MY MOOD IS ALWAYS GOOD, 15:30
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2022-06-13 18:30:50 माय सेक्सी मॉम Xxx स्टोरी में पढ़ें कि मेरी मॉम विधवा हैं. पर वो गैर मर्दों से मजा लेती हैं. मुझे स्कूल की वॉलीबॉल टीम से निकाला तो मेरी मॉम ने कोच से बात की.
हाय दोस्तो, मैं कुलदीप, उम्र 19 साल, गोवा से हूं।
यह मेरी पहली कहानी है मेरी सेक्सी मॉम Xxx स्टोरी!
घर में मैं और मेरी मम्मी ही हैं। उनका नाम अनीता है।
पापा का देहांत होने के कारण सारा बोझ मम्मी के सर पर आ गया था।
मम्मी ने एक योग अकादमी में योग सिखाना शुरू कर दिया था।
घर में बहुत तंगी थी तो मुझ पर भी बहुत दबाव था।
मेरी मम्मी की उम्र 40, रंग गोरा और हाईट 5.6 इंच है। बेटा होने के नाते मैंने कभी मम्मी को उस नज़र से तो नहीं देखा परंतु आप सबके लिए बता दूं कि मम्मी की चूचियों का साइज़ 36 है, कमर 30 है और भरी हुई गांड 40 की है। इसीलिए मम्मी 30 साल की माल औरत लगती हैं।
मैं एक नेशनल वॉलीबॉल खिलाड़ी हूं जिसके पीछे मेरी मम्मी का बहुत बड़ा हाथ है।
वो योगा टीचर हैं। उन्होंने अपने आपको फिट रखा हुआ है, इसी कारण मेरे आस-पड़ोस का हर नौजवान मम्मी की बड़ी गान्ड को चोदने का सपना देखता रहता है।
मम्मी ज्यादातर जींस या लेगिंग्स ही पहनती हैं, साड़ी और सूट-सलवार तो कभी कभी ही चलता है।
उन्होंने पापा के गुजर जाने के बाद शादी तो नहीं कि परंतु उनके संबंध 4 या 5 लोगों से ज़रूर रहे हैं।
इनमें 4 मेरे से उम्र में थोड़े बड़े थे।
मम्मी की उम्र का एक आदमी जो अकादमी का मालिक भी है, उसके साथ मम्मी के संबंध अभी भी हैं।
वो अंकल मम्मी को छोड़ने भी आते हैं और कभी कभी लेने भी आते हैं।
मम्मी कभी-कभी उनके साथ पार्टियों में भी जाती है।
मम्मी को कई बार अंकल ने हमारे घर पर ही चोदा है और मैंने उनकी चुदाई अपनी आंखों से देखी है।
मुझे बुरा तो लगता था परंतु मम्मी की खुशी इसी में ही थी तो कुछ नहीं कर पाता था।
आज जो कहानी मैं बताने जा रहा हूं ये कहानी दो साल पहले की है जब मैं 19 साल का था और स्कूल में स्टेट के सिलेक्शन के लिए काफ़ी मेहनत कर रहा था।
जब सिलेक्शन का वक्त आया तो मुझे मेरे कोच ने ट्रायल्स में बाहर कर दिया।
इस बात का मुझे बहुत बुरा लगा और मैं घर पर आकर रोने लगा।
मॉम ने पूछा तो मैंने उनको सारी बात बताई।
वो कहने लगी कि वो कोच से खुद बात करके सब सही कर देगी।
फिर सुबह होते ही मैंने और मम्मी ने नाश्ता किया और मम्मी ने अपनी जॉब से छुट्टी ले ली और कहा- बेटा आज मैं तेरे साथ स्कूल चलूंगी।
मैंने भी हां कह दिया।
मैं स्कूल के लिए तैयार होने लगा तो मम्मी तैयार हो चुकी थीं।
उस दिन मम्मी कुछ अलग रही थीं।
उन्होंने लाल रंग की चमकदार साड़ी पहनी हुई थी जिसमें उनका जिस्म उभर कर बाहर आ रहा था।
उनके चूचे एकदम मिसाइल की तरह तने हुए थे और गांड एकदम बम लग रही थी।
हम घर से निकले और फिर थोड़ी देर बाद हम स्कूल चल दिए।
स्कूल के अंदर हम घुसे ही थे कि मेरी मम्मी को सब बड़े बच्चे और पुरुष टीचर हवस भरी निगाहों से देखने लगे।
फिर हम जैसे ही ग्राउंड में कोच के पास पहुंचे तो स्पोर्ट्स वाले बच्चों और कोच की आंखें फटी की फटी रह गईं।
कोच से मैंने मम्मी का परिचय कराया तो दोनों ने अपने नाम बताए और दोनों के बीच कुछ बातें हुईं।
मेरे कोच का नाम अभिषेक था।
अभिषेक की उम्र 28 साल, रंग गोरा और हाईट पूरी 6 फिट थी।
मुझे अपनी मम्मी को देखकर ऐसा लगा जैसे मेरी मम्मी को कोच पसंद आ गया हो।
फिर कोच ने कहा- चलो अनिता जी, स्पोर्ट्स रूम में जाकर बात करते हैं।
फिर हम तीनों स्पोर्ट्स रूम में चल दिए।
स्पोर्ट्स रूम में घुसते ही कोच ने मम्मी को कुर्सी पर बैठाया और मैं खड़ा रहा।
मम्मी और कोच आपस में बात करने लगे।
कोच ने मम्मी से कहा- आपका बेटा स्टेट लेवल तक खेलने लायक प्लेयर नहीं है इसीलिए हम इसको नहीं ले सकते।
मम्मी ने कहा– अभिषेक जी, मुझे अपने बेटे से बहुत उम्मीदें हैं, देख लो कुछ हो जाए तो!
मम्मी ने थोड़ा कुर्सी पर झुक कर कोच सर को अपनी छाती के दर्शन करवा दिए जिससे कोच के चेहरे पर एक हवस भरी मुस्कान तैर गई।
फिर कोच ने कहा- अनिता जी, अब मैं कुछ नहीं कर सकता, अब लिस्ट जा चुकी है।
तभी मम्मी ने कहा– मैं अपने बेटे को टीम में लाने के लिए कुछ भी कर सकती हूं, कृपया करके एक मौका तो दें?
इस बात पर कोच मेरी मॉम की क्लीवेज में घूरने लगा और मॉम थोड़ा और नीचे झुक गई।
मुझे समझ आ गया कि सर के इरादे कुछ ठीक नहीं लग रहे, जरूर मम्मी की चुदाई होने वाली है।
फिर मम्मी ने मुझसे कहा– बेटा तुम बाहर जाकर प्रैक्टिस करो, मैं इनसे अकेले में कुछ बातें करना चाहती हूं।
मैं रूम से बाहर निकल गया।
कुछ देर तो मैं वहीं पर खड़ा रहा।
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2022-06-13 18:30:50
मेरी मम्मी को स्पोर्ट्स कोच ने चोद दिया
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2022-06-13 10:30:42 शाम को दीदी का फोन आया- राज, मैं चल नहीं पा रही हूं. तुमने रात भर में बहुत दर्द दिया है. दिन भर सोई रही.
मैंने कहा- कल सुबह आइए, दर्द ठीक कर दूंगा.
दीद हंस कर बोलीं- रहने दो … चूत सूज कर गुझिया हो गई है.
मैंने कहा- इस बार दही बड़ा बना दूंगा.
दीदी हंस कर बोलीं- राज सुनो ना.
मैं- हां बोलो.
दीदी- आई लव यू.
मैं- आई लव यू टू.
अब दीदी के साथ मेरी चुदाई वही सड़कों के किनारे, पेड़ के नीचे, कभी कुतिया बना कर हो रही है. बच्चों के स्कूल खुलने का इंतजार है.
1.5K viewsI AM IN MY MOOD AND MY MOOD IS ALWAYS GOOD, 07:30
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2022-06-13 10:30:42 लॉबी एक तरह से गेस्ट रूम है. दीदी का घर ज्यादा बड़ा नहीं है. लॉबी में सोफ़ा और एक बेड पड़ा है.
मेरे ऊपर दवा असर कर रही थी. लंड अपने आकार में आ गया था.
दीदी आईं और बोलीं- बच्चे बस सोने वाले हैं, पर आएंगे नहीं. मैं गेट भिड़ा के आईं हूं और हमारे रूम का पर्दा लगा दिया है.
मैंने दीदी को बांहों में भर लिया. उन्होंने अपने दोनों हाथ मेरी गर्दन में डाल दिए.
मैं उनकी कमर पर हाथ रखकर डांस करने लगा, वो भी साथ देने लगीं.
मेरी छाती से चूची, लंड से चूत, कमर से कमर चिपकी पड़ी थी.
दीदी बोलीं- तुम तो बड़े रोमांटिक हो. मैंने तो सोचा था कि तेरे अन्दर बस एक जंगली मर्द है.
मैं उनकी गांड दबाने लगा. वो मेरे सीने पर सिर रखकर बात करती रहीं और डांस करती रहीं.
मैंने कहा- आज सब सुकून से हो रहा है … मुझे कोई जल्दी नहीं है.
दीदी हूँ बोलीं.
मैंने बोला- आज मुझे आपको ब्रा और पैंटी में देखना है.
दीदी बोलीं- अभी आती हूं.
मेरे होंठ पर चुम्मा देकर वो अपने बेडरूम से ब्रा पैंटी ले आईं.
बच्चे सो गए थे.
मैंने अपनी टी-शर्ट उतार दी.
दीदी ने मैक्सी को उतार दिया. उनकी चूचियां एकदम तनी हुई थीं.
चूत से सफ़ेद पानी आ रहा था. लाल ब्रा और काली पैंटी थी.
दीदी ने पैंटी पहन ली और चूची दिखाती हुई बोलीं- पहले इनको प्यार कर दो.
वो एकदम मासूम बन गई थीं. कह कह कर प्यार करवा रही थीं. एकदम जैसे बीवी हों. उनको प्यार की सख्त जरूरत थी.
मैंने दोनों निप्पलों को चुम्मा दिया.
फिर दीदी ब्रा डाल कर पीछे मुड़ गईं और बोलीं- हुक लगाओ.
मैंने हुक लगाकर अपनी तरफ मोड़ा.
हाय क्या मस्त लग रही थीं. एकदम मस्त रांड सी … थोड़ी सी तोंद निकली थी.
लुगाई की तोंद का मज़ा तब आता है, जब उसे चोदो और वो हिले.
वो कामुक होकर बोलीं- अब उतार रही हूँ … तुम चूसो इनको.
मैं सोफे पर बैठ कर उनको अपनी गोद में लेकर चूमने लगा.
ब्रा को खोले बिना, ऊपर करके चूची पीने लगा.
वो अपनी चूत लंड पर रगड़ने लगीं, बोलीं- एक बार गोद में बैठाकर करो.
उनको बस लंड चूत में चाहिए था.
मैंने कहा- चूत चाटने के बाद.
मैं सोफे पर लेट गया और कहा- मैं चूत चाटता हूं, आप लंड चूसिए.
ऐसे ही हुआ. गर्म गर्म जीभ का स्पर्श और मुँह में लंड देने से मुझे किसी और दुनिया में ले आया था.
वो अपनी गांड हिला हिला कर अपनी चूत मेरे मुँह पर रगड़ रही थीं.
दीदी के बाल बिखरे हुए थे, आंखें वासना से लबरेज थीं.
मैंने उनको लिटा दिया और लंड चूत में डाल दिया.
अब मैं दीदी की चूत पेलने लगा.
मैं इतनी जोर जोर से धक्का मारने लगा था कि दीदी कराहने लगीं, चीखने लगीं.
उन्होंने मुँह में चादर डाल ली कि आवाज बाहर ना जाए.
मैंने दौड़ कर दरवाज़ा बंद किया और फिर से लंड पेल कर चोदना शुरू कर दिया.
पट पट, सिसकारियां और बस तेज सांसें चल रही थीं.
दीदी की टांगें आसमान में लहरा रही थीं. चूचियां डोल रही थीं, पेट हिल रहा था.
मैं दीदी की चूचियां भींच भींच कर चूत चोद रहा था.
फिर मैंने एक नया तरीका इजाद कर दिया.
मैं खड़ा हो गया और दीदी के दोनों पैर अपनी जांघों पर टिकवा दिए.
दीदी मेरी गर्दन पकड़ कर मेरी गोद में आ गईं. मैंने उनकी गांड से उनको पकड़ लिया.
अब वो भी धक्का मारने लगीं. पूरा लंड चूत में अन्दर बाहर हो रहा था.
पसीने के कारण दीदी फिसलने लगीं.
फिर मैं लेट गया और वो लंड पर बैठ कर अपना कमाल दिखाने लगीं.
यही सुख जीजा नहीं दे पा रहे थे.
दीदी लंड पर उछल उछल कर मजा ले रही थीं.
मैं भी बहन चोद कर मस्त था.
कुछ देर के बाद दीदी ने चूत से फुहार फैंक दी और निढाल मेरे ऊपर गिर गईं.
मैं नीचे से धक्का मारने लगा.
पच पच …
उनकी चूत का पानी मेरी गांड तक आ गया. मैं भी स्खलित हो गया.
दीदी हांफ रही थीं और मुझे बेशुमार पप्पियां देने लगी थीं.
मेरा लंड अभी चूत में ही था, मगर छोटा हो गया था.
जब मैंने निकाला तो दीदी लंड चूमने लगीं.
वो आज लंड से मुहब्बत कर बैठी थीं.
फिर हम दोनों लेट कर बात करने लगे.
दीदी बोलीं- राज, मेरी चूचियों का साइज़ बढ़ रहा है. तुम रोज इनको मसलते हो न.
मैंने कहा- क्या करूं, ये तो मेरी जान हैं.
मैं चूची चूमने लगा.
दीदी बोलीं- चूची बढ़ेगी तो तुम्हारे जीजा को शक हो जाएगा.
मैंने कहा- कुछ नहीं होगा, बोल दीजियेगा कि घर में ब्रा नहीं पहनती हूँ. बाहर कहीं जाना होता नहीं है.
उस रात मैंने दीदी को रुक रुक कर 4 बार चोदा. दो दो पैग और लगाए और चूत और चूची का बुरा हाल कर दिया था.
मैंने दीदी के शरीर का एक एक अंग आगे पीछे सब जगह से चूमता रहा.
मेरा लंड सुबह तक दुहाई मांगने लगा था कि छोड़ दो मुझे, चूत में मेरा दम घुटने लगा है.
सुबह मैं दीदी के घर से चला आया.
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2022-06-13 10:30:41 दीदी समझ गईं.
वो गैस स्लो करके दरी पर लेट गईं और उन्होंने अपनी बांहें फैला दीं.
मैं उनकी टांगों के बीच से आकर उनके ऊपर चढ़ गया.
सबसे पहले मैंने उनके माथे को चूमा, फिर आंखों को, गाल को, होंठ और गर्दन को चूमा.
दीदी खुश होती हुई बोलीं- आज ये सब करके मुझे बेहद मजा आ रहा है. नहीं तो तुम सीधे मेरे दूध पीने के लिए बावले हो जाते ही.
मैं हंसकर उनके होंठों को चूसने लगा.
वो भी इत्मीनान से साथ मेरा देने लगीं.
धीरे धीरे दीदी ने अपनी मैक्सी कमर तक सरका ली और बोलीं- चूत में डाल कर प्यार करो.
मैंने अपना पजामा और कच्छा सरका दिया और खड़ा लंड दीदी की चूत में डाल दिया.
दीदी ने लंड लेते ही आह भरी और गांड उठा कर लंड का मजा लेने लगीं.
मैं मस्ती से चूत में धक्का देने लगा.
हर झटके पर दीदी उन्ह आंह कर रही थीं.
मैंने एक दूध चूसते हुए पूछा- जीजा जी इतने दिन थे कि क्या आपने उनका नहीं लिया?
दीदी बोलीं- अभी उनकी बात नहीं करो. तुम बस मजा दो और लो. लो अब इस वाली को चूसो.
दीदी ने अपनी दूसरी चूची मेरे मुँह में दे दी.
मैं दीदी के दूध और निप्पल काटते हुए उन्हें हौले हौले चोदने लगा.
दीदी बोलीं- एक बार चिकन देख लो, कहीं ज्यादा न पक जाए.
मैंने उठकर चिकन देखा और फिर से आ गया.
मैंने दीदी की चूत में फिर से लंड डाल दिया.
दीदी बोलीं- तुम अपने कपड़े उतार दो, आज तक नंगा होकर नहीं चोदा.
मैंने हामी भर दी और कपड़े हटा दिए.
दीदी मेरी छाती पर हाथ फेरने लगीं. वो बोलीं- क्या मर्दाना छाती है तेरी.
मैं दीदी को चूमते हुए उनकी चूत में धक्के मारने लगा.
वो मेरी छाती चूम कर मेरे सीने की दोनों घुंडियों को चुभलाती हुई मजा दे रही थीं.
अब मेरा घुटने में जलन होने लगी थी. दरी पर कुछ दर्द सा होने लगा था.
मैंने अपने दोनों हाथ उनकी चूचों पर रख दिए और चूचे मसलते हुए जोर जोर से चोदने लगा.
कुछ मिनट बाद मैं झड़ गया और दीदी के ऊपर ही लेट गया.
उन्होंने मेरे माथे का पसीना पौंछा और लंड निकाल कर बैठ गईं.
कुछ देर बाद चिकन भी तैयार हो गया था.
दीदी मुझसे बात करने लगीं.
फिर दीदी बोलीं- तुम्हारे जीजा बहुत मोटे हो गए हैं ना … वो अब मेरी अच्छे से नहीं कर पाते हैं. मैं उनका वजन नहीं झेल पाती हूं. इस बार लॉकडाउन में पांच महीने घर पर रहे. लेकिन 15-16 बार ही किया. डालते ही झड़ जाते थे और मैं गर्म रह जाती थी. उस वक्त मैं तुमको याद करती थी कि कब तुम मेरे ऊपर आओगे.
मैंने कहा- अब आ गया हूं, तो सारी गर्मी शांत कर दूंगा.
दीदी बोलीं- मैं भी जब तक तुम्हारी सेवा कर सकती हूं, करूंगी. अब बच्चे भी बड़े हो रहे हैं, तो संभल कर करना पड़ता है.
मैंने कहा- हां ये तो है.
दीदी कुछ भरे गले से बोलीं- तुम मेरे अलावा किसी और को नहीं देखोगे, भले शादी के बाद अपनी बीवी से कर लेना, पर अभी मुझे ही अपनी बीवी समझो. तुम्हारा मुझ पर पूरा हक है.
वे भावुक हो गई थीं.
मैंने कहा- जैसा आप चाहती हैं, वैसा ही होगा.
दोस्तो, दीदी ये बात इसलिए कह रही थीं क्योंकि मैं चढ़ती जवानी पर था और उनकी जवानी ढलान पर थी.
फिर भी मेरा ख्याल था कि अभी लगभग दस साल तक उनकी चूत चुदने लायक रहेगी.
अब हम दोनों चिकन खाने की व्यवस्था में लग गए.
मैंने बैग से बोतल निकाली और दीदी से कहा- लोगी?
दीदी ने कहा- एकाध पैग ले लूंगी.
हम दोनों ने दो दो पैग खींचे और चिकन पर हाथ साफ किया.
अब तक 10 बज गए थे.
तभी मम्मी का फोन आया कि घर आओगे क्या?
मैंने मना कर दिया.
मम्मी बोलीं- ठीक है.
फिर खाना खाने के बाद हम लोग नीचे चले गए.
दीदी ने दो ग्लास दूध गर्म किया और दोनों बच्चों को दे दिया.
दोनों बच्चे टीवी देखने लगे.
दीदी मेरे साथ बैठ गईं.
मैंने कहा- बच्चे कब तक सोएंगे?
दीदी बोली- सो जाएंगे अभी!
मैंने कहा- आज आप कराहने वाली हैं.
दीदी बोलीं- वो तो तुम्हारी ताकत और हथियार देख कर लगता है. मैं हर दर्द के लिए तैयार हूं.
दीदी मेरे कंधे पर सिर रखकर बोलीं- मुझे प्यार हो गया है तुमसे, तुम्हारा नहीं पता.
मैंने कहा- मुझे भी हो गया है. मर्द अपनी पूरी चाहत नहीं दिखा पाता.
दीदी बोलीं- मैंने कभी गलत कदम नहीं उठाया, ये मत सोचना कि मैं ऐसी वैसी हूं.
वो शायद नशे में आ गई थीं.
मैंने कहा- अरे नहीं यार.
फिर दीदी अपना हाथ मेरे लंड पर ले आईं और मसलती हुई बोलीं- आज इसको मैं तबाह कर दूंगी.
मैंने कहा- ऐसा क्या!
वो बोलीं- हां, आज तुमको अपने प्यार की गहराई दिखाऊंगी.
मैंने कहा- जिसने सब कुछ सौंप दिया, अब उसकी गहराई क्या देखना!
वो बोलीं- हां ये तो है.
मैंने कहा- देखो, बच्चे सो गए क्या?
दीदी बोलीं- देख कर आती हूं.
हम दोनों ये लॉबी में ही करने वाले थे क्यूंकि बेडरूम में बच्चे सोते हैं.
1.4K viewsI AM IN MY MOOD AND MY MOOD IS ALWAYS GOOD, 07:30
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