2022-06-13 10:30:42
लॉबी एक तरह से गेस्ट रूम है. दीदी का घर ज्यादा बड़ा नहीं है. लॉबी में सोफ़ा और एक बेड पड़ा है.
मेरे ऊपर दवा असर कर रही थी. लंड अपने आकार में आ गया था.
दीदी आईं और बोलीं- बच्चे बस सोने वाले हैं, पर आएंगे नहीं. मैं गेट भिड़ा के आईं हूं और हमारे रूम का पर्दा लगा दिया है.
मैंने दीदी को बांहों में भर लिया. उन्होंने अपने दोनों हाथ मेरी गर्दन में डाल दिए.
मैं उनकी कमर पर हाथ रखकर डांस करने लगा, वो भी साथ देने लगीं.
मेरी छाती से चूची, लंड से चूत, कमर से कमर चिपकी पड़ी थी.
दीदी बोलीं- तुम तो बड़े रोमांटिक हो. मैंने तो सोचा था कि तेरे अन्दर बस एक जंगली मर्द है.
मैं उनकी गांड दबाने लगा. वो मेरे सीने पर सिर रखकर बात करती रहीं और डांस करती रहीं.
मैंने कहा- आज सब सुकून से हो रहा है … मुझे कोई जल्दी नहीं है.
दीदी हूँ बोलीं.
मैंने बोला- आज मुझे आपको ब्रा और पैंटी में देखना है.
दीदी बोलीं- अभी आती हूं.
मेरे होंठ पर चुम्मा देकर वो अपने बेडरूम से ब्रा पैंटी ले आईं.
बच्चे सो गए थे.
मैंने अपनी टी-शर्ट उतार दी.
दीदी ने मैक्सी को उतार दिया. उनकी चूचियां एकदम तनी हुई थीं.
चूत से सफ़ेद पानी आ रहा था. लाल ब्रा और काली पैंटी थी.
दीदी ने पैंटी पहन ली और चूची दिखाती हुई बोलीं- पहले इनको प्यार कर दो.
वो एकदम मासूम बन गई थीं. कह कह कर प्यार करवा रही थीं. एकदम जैसे बीवी हों. उनको प्यार की सख्त जरूरत थी.
मैंने दोनों निप्पलों को चुम्मा दिया.
फिर दीदी ब्रा डाल कर पीछे मुड़ गईं और बोलीं- हुक लगाओ.
मैंने हुक लगाकर अपनी तरफ मोड़ा.
हाय क्या मस्त लग रही थीं. एकदम मस्त रांड सी … थोड़ी सी तोंद निकली थी.
लुगाई की तोंद का मज़ा तब आता है, जब उसे चोदो और वो हिले.
वो कामुक होकर बोलीं- अब उतार रही हूँ … तुम चूसो इनको.
मैं सोफे पर बैठ कर उनको अपनी गोद में लेकर चूमने लगा.
ब्रा को खोले बिना, ऊपर करके चूची पीने लगा.
वो अपनी चूत लंड पर रगड़ने लगीं, बोलीं- एक बार गोद में बैठाकर करो.
उनको बस लंड चूत में चाहिए था.
मैंने कहा- चूत चाटने के बाद.
मैं सोफे पर लेट गया और कहा- मैं चूत चाटता हूं, आप लंड चूसिए.
ऐसे ही हुआ. गर्म गर्म जीभ का स्पर्श और मुँह में लंड देने से मुझे किसी और दुनिया में ले आया था.
वो अपनी गांड हिला हिला कर अपनी चूत मेरे मुँह पर रगड़ रही थीं.
दीदी के बाल बिखरे हुए थे, आंखें वासना से लबरेज थीं.
मैंने उनको लिटा दिया और लंड चूत में डाल दिया.
अब मैं दीदी की चूत पेलने लगा.
मैं इतनी जोर जोर से धक्का मारने लगा था कि दीदी कराहने लगीं, चीखने लगीं.
उन्होंने मुँह में चादर डाल ली कि आवाज बाहर ना जाए.
मैंने दौड़ कर दरवाज़ा बंद किया और फिर से लंड पेल कर चोदना शुरू कर दिया.
पट पट, सिसकारियां और बस तेज सांसें चल रही थीं.
दीदी की टांगें आसमान में लहरा रही थीं. चूचियां डोल रही थीं, पेट हिल रहा था.
मैं दीदी की चूचियां भींच भींच कर चूत चोद रहा था.
फिर मैंने एक नया तरीका इजाद कर दिया.
मैं खड़ा हो गया और दीदी के दोनों पैर अपनी जांघों पर टिकवा दिए.
दीदी मेरी गर्दन पकड़ कर मेरी गोद में आ गईं. मैंने उनकी गांड से उनको पकड़ लिया.
अब वो भी धक्का मारने लगीं. पूरा लंड चूत में अन्दर बाहर हो रहा था.
पसीने के कारण दीदी फिसलने लगीं.
फिर मैं लेट गया और वो लंड पर बैठ कर अपना कमाल दिखाने लगीं.
यही सुख जीजा नहीं दे पा रहे थे.
दीदी लंड पर उछल उछल कर मजा ले रही थीं.
मैं भी बहन चोद कर मस्त था.
कुछ देर के बाद दीदी ने चूत से फुहार फैंक दी और निढाल मेरे ऊपर गिर गईं.
मैं नीचे से धक्का मारने लगा.
पच पच …
उनकी चूत का पानी मेरी गांड तक आ गया. मैं भी स्खलित हो गया.
दीदी हांफ रही थीं और मुझे बेशुमार पप्पियां देने लगी थीं.
मेरा लंड अभी चूत में ही था, मगर छोटा हो गया था.
जब मैंने निकाला तो दीदी लंड चूमने लगीं.
वो आज लंड से मुहब्बत कर बैठी थीं.
फिर हम दोनों लेट कर बात करने लगे.
दीदी बोलीं- राज, मेरी चूचियों का साइज़ बढ़ रहा है. तुम रोज इनको मसलते हो न.
मैंने कहा- क्या करूं, ये तो मेरी जान हैं.
मैं चूची चूमने लगा.
दीदी बोलीं- चूची बढ़ेगी तो तुम्हारे जीजा को शक हो जाएगा.
मैंने कहा- कुछ नहीं होगा, बोल दीजियेगा कि घर में ब्रा नहीं पहनती हूँ. बाहर कहीं जाना होता नहीं है.
उस रात मैंने दीदी को रुक रुक कर 4 बार चोदा. दो दो पैग और लगाए और चूत और चूची का बुरा हाल कर दिया था.
मैंने दीदी के शरीर का एक एक अंग आगे पीछे सब जगह से चूमता रहा.
मेरा लंड सुबह तक दुहाई मांगने लगा था कि छोड़ दो मुझे, चूत में मेरा दम घुटने लगा है.
सुबह मैं दीदी के घर से चला आया.
1.5K viewsI AM IN MY MOOD AND MY MOOD IS ALWAYS GOOD, 07:30