2022-06-11 10:30:22
ऑफिसर सेक्स कहानी में पढ़ें कि मैं सरकारी दफ्तर में कोई काम करवाने गया तो पता लगा कि वहां की मैडम पक्की छिनाल औरत थी. मुझे उसी से काम था.
दोस्तो, मेरा नाम अवधेश कश्यप है. मैं उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर का निवासी हूं.
सबसे पहले तो गीली चूत वाली कमसिन लड़कियों आंटियों और भाभियों को मेरे खड़े लंड का सादर प्रणाम!
मेरे प्यारे भाईयो, मेरे जैसे काले मोटे लंड वाले भाइयों को मुठ मारने की दावत और मेरे हथियार की तरफ से तुम सभी को लंडवत प्रणाम.
ये ऑफिसर सेक्स कहानी उन दिनों की है जब मैं कोई भी काम नहीं करता था और काम की तलाश में इधर-उधर भटकता रहता था.
मेरी उम्र लगभग उस समय 19 साल की रही होगी.
इसी बीच मेरी मुलाकात एक सामाजिक कार्यकर्ता से हुई.
उसने कहा- कि आप मेरे साथ सामाजिक हित में सामाजिक कार्य कीजिए. इसी के साथ मैं आपको अच्छी आमदनी भी कराता रहूंगा.
मैं उस आदमी के साथ सामाजिक कार्य करने में लग गया.
एक दिन की बात है, मैं कुछ काम से अपने नजदीकी ब्लॉक में किसी का काम कराने गया था.
उस समय पंचायत चुनाव का काम चल रहा था इसलिए ब्लॉक के सारे अधिकारी पंचायत चुनाव के काम में व्यस्त थे.
ब्लॉक में एक अधिकारी थी ताहिरा … जो बहुत ही गजब की खूबसूरत और मस्त चूचियों की मालकिन थी.
मैं उसे देखते ही मन ही मन सोचने लगा काश इसकी चूत मुझे चोदने मिल जाती तो मजा आ जाता.
उसके बारे में सभी को मालूम था कि ये पक्की छिनाल औरत है. किसी का भी लंड अपनी चूत गांड में ले लेती है.
मैं लोगों की लाइन में खड़ा यही सब सोच रहा था कि मुझे पता ही नहीं लगा कि मेरा नंबर कब आ गया.
मैं खड़ा रहा.
मैडम कुछ काम में बिजी थी.
जब मैडम का काम हो गया, तो मैडम ने मेरी तरफ देखा और बोली- क्या काम है … जल्दी बोलो?
लेकिन मैं तो उसकी चुदाई के ख्वाब में मस्त था. मैं उसे रंगीन ख्वाबों में देख रहा था.
मेरे मुँह से आवाज ही नहीं निकल सकी.
ऑफिसर मैडम ने फिर मुझे टोका- जल्दी बोलें.
अब मैं मैडम की तरफ झुका और मैंने उनके सामने अपने पेपर रख दिए.
मैंने कहा- इन पर आपके हस्ताक्षर कराने हैं.
मैडम बोली- मैं इतनी देर से आपको बुला रही हूं, आपको सुनाई नहीं देता क्या?
मैं बोला- नहीं, ऐसी बात नहीं है. मैं कुछ सोच रहा था.
मैडम ने मेरे पेपर अपने पास रख लिए और बोली- शाम को 4:00 बजे ले जाना.
ठीक 4:00 बजे मैं ब्लॉक में पहुंच गया तो मैडम कुछ काम में बिजी थी.
मैं मैडम के सामने खड़ा हो गया.
ऑफिसर मैडम ने मेरी तरफ देखा और हम्म कहा.
मैंने कहा- मेरे पेपर दे दो.
मैडम ने कहा- अच्छा वो … कुछ समय ठहरो देती हूं.
मुझे वहां बैठे लगभग आधा घंटा हो चुका था.
मैंने मैडम से फिर से कहा- मैडम मेरे पेपर दे दो.
मैडम ने मेरी तरफ देखा और बोली- तुझे बड़ी जल्दी है?
मैंने कहा- हां मैडम जल्दी है.
वो बोली- किस बात की जल्दी है?
मैंने कहा- घर जाना है.
वो बोली- घर पर क्या तेरी बीवी तेरा इंतजार कर रही है?
मैंने कहा- अभी मेरी शादी नहीं हुई है.
मैडम मुस्कुरा दी और बोली- काम कराने के लिए कुछ लाया है.
मैंने कहा- क्या लाना था?
मैडम चटक गई और बोली- साले हाथ भर का हथियार लिए घूम रहा है और तुझे मालूम नहीं है कि क्या लाना पड़ता है.
मैंने अपने हथियार पर हाथ फेरा और कहा- आपको मैं क्या दे सकता हूँ.
मैडम को मेरी मासूमियत पर हंसी आ गई.
वो धीरे से बोली- अपने हथियार से मेरी गांड मार सकता है!
मैं शान्ति से बोला- हां मैडम, मैं गांड भी बड़ी आसानी से मार लेता हूं. आप जब चाहें बता दीजिएगा.
मैडम हंस पड़ी और बोली- साले इतनी छोटी उम्र में इतनी बड़ी बात कर रहा है?
मैं बोला- मैडम आप मौका तो दो.
मैडम मेरे लंड को घूरती हुई बोली- ठीक है … कल 4:00 बजे आ जाना.
मैं घर गया और रात भर मैडम के ख्यालों में खोया रहा.
पूरी रात में मैंने चार बार मुठ मारी.
लंड से 4 बार पानी गिराने के बाद मेरी हालत ऐसी हो गई थी कि मुझसे चला भी नहीं जा रहा था.
फिर भी मैं अगले दिन 4:00 बजे का इंतजार करता रहा.
जैसे ही 4:00 बजे का टाइम हुआ, मैं ब्लॉक में पहुंच गया.
मैडम के कमरे में कोई नहीं था. मैडम अकेली ही बैठी कुछ लिख रही थी.
मुझे देखते ही मैडम खड़ी हो गई और बोली- अन्दर आ जाओ.
मैं अन्दर आ गया.
मैडम ने मुझसे मेरा नाम पूछा.
मैंने बताया- मेरा नाम अवधेश है.
मैडम बोली- शिट … कितना पुराना नाम है तुम्हारा … आज मैं तुम्हारा नाम दूसरा रख देती हूँ. आज से तुम्हारा नाम विपुल है.
मैंने कहा- कोई बात नहीं मैडम … नाम में क्या रखा है. आप मिल जाओ तो मैं यह शहर गांव सब छोड़ दूंगा. आपकी मस्त सेवा करूंगा.
वो बोली- क्या क्या सेवा कर लेता है?
मैंने कहा- आपकी चूत चुदाई और गांड मारने का काम तो करता ही हूँ … बाकी आप जिसकी भी लेने की कहोगी, उसकी भी चोद दूँगा.
1.4K viewsI AM IN MY MOOD AND MY MOOD IS ALWAYS GOOD, 07:30