Get Mystery Box with random crypto!

सबकी सविता भाभी ❤

टेलीग्राम चैनल का लोगो savitabhabhikahaniya — सबकी सविता भाभी ❤
चैनल का पता: @savitabhabhikahaniya
श्रेणियाँ: वयस्क सामग्री (18+)
भाषा: हिंदी
ग्राहकों: 8.02K
चैनल से विवरण

🔥🥵सविता भाभी की कहानी या फ्री में सबसे लिए 🥵🔥

Ratings & Reviews

1.00

3 reviews

Reviews can be left only by registered users. All reviews are moderated by admins.

5 stars

0

4 stars

0

3 stars

0

2 stars

0

1 stars

3


नवीनतम संदेश 9

2022-06-11 10:30:22 मैं मैडम की चूत में लगातार धक्के लगा रहा था.
कुछ देर बाद मैडम अकड़ गई, मैं समझ गया कि मैडम का पानी निकलने को है.
मैंने उसे पेलना तेज कर दिया और मैडम झड़ गई.
इस चुदाई में मैडम अब तक दो बार पानी छोड़ चुकी थी.
दस मिनट बाद मेरा भी पानी निकलने वाला था. मैंने मैडम से पूछा- कहां निकालूं?
मैडम बोली- मेरे मुँह में छोड़ो.
मैडम ने मेरा लंड मुँह में ले लिया और चूसने लगी.
मेरे लंड ने मैडम के मुँह में पिचकारी छोड़ दी और मैडम का पूरा मुँह मेरे वीर्य से भर गया.
फिर हम दोनो
1.4K viewsI AM IN MY MOOD AND MY MOOD IS ALWAYS GOOD, 07:30
ओपन / कमेंट
2022-06-11 10:30:22 मैडम बोली- हूँ … बातें अच्छी कर लेते हो.
मैं बोला- सिर्फ बातें नहीं, मैं सब कुछ अच्छा कर लेता हूं.
मैडम की निगाहें मेरे उभरे हुए पैंट पर थीं, जो कि मेरे पैंट के अन्दर से झांकते हुए लंड को देख रही थीं.
मेरी भी निगाह मैडम की चूची से हट नहीं रही थी. मैं मैडम की दूधघाटी को बार-बार ताके जा रहा था.
मैडम बोली- क्या मुझे देखते ही रहोगे या मुझे भी कुछ दिखाओगे?
मैं बोला- क्या देखना है आपको?
मैडम बोली- मुझे तेरा चेतक देखना है.
मुझे चेतक शब्द सुनकर बहुत हंसी आई.
मैडम बोली- हंस क्यों रहे हो?
मैंने कहा- आपके शब्दों पर.
मैडम बोली- मुझे तुम्हारे चेतक पर सवार होना है.
बस फिर क्या था.
मैंने मैडम की पजामी के ऊपर से ही उनकी चूत पर हाथ फिराना चालू कर दिया, एक उंगली से उनकी चूत के दाने को रगड़ना शुरू कर दिया.
मैडम कराह उठी और बोली- मेरे प्यारे चेतक के मालिक … जल्दी से अपना चेतक मेरे हवाले कर दो. मैं इस पर बैठकर चांद की सैर करने जाऊंगी.
मैंने कहा- ओके मैडम जी, मेरे इस चेतक पर अब आप ही का अधिकार है.
मैडम बोली- प्यारे जानू, कमरे का दरवाजा बंद कर दो.
मैंने ऑफिस का गेट बंद कर दिया और मैडम अपनी टेबल पर बैठ गई.
वो मुझसे बोली- अपना चेतक बाहर निकालो.
मैंने अपना लंड बाहर निकाला और मैडम के हाथ में दे दिया.
मैडम ने मेरे प्यार से सहलाया. वो मेरे लंड को मुँह में लेना चाहती थी पर ले नहीं पा रही थी.
मैंने मैडम का सर अपने दोनों हाथों से पकड़ कर और अपने लंड के ऊपर रख दिया.
पहले तो मैडम ने ना कहा, फिर मेरे लंड का सुपारा मुँह अपने मुँह में डाल लिया और मेरे लंड को चूसना शुरू कर दिया.
मैडम मेरे लंड को चूसे जा रही थी और मैं कामोत्तेजना के चरम को पहली बार महसूस कर रहा था.
मैडम मेरे लंड को जोर-जोर चूस रही थी, मेरे हाथ मैडम के सर पर रखे थे.
मैं उसके मुँह को बार-बार अपने लंड में आगे पीछे कर रहा था.
मैडम मेरे अंडकोष को बार-बार अपने दोनों कोमल कोमल हाथों से सहला रही थी.
इस बीच मैं भी अपनी दो उंगलियों को मैडम की पजामी के ऊपर से ही चूत के ऊपर फेर रहा था.
मैडम की रसीली चूत से पानी निकल रहा था.
उस पानी के कारण मैडम की पजामी तक भीग गई थी.
फिर मैडम खड़ी हुई और अपनी टेबल पर लेट गई.
वो मेरे सर को पकड़ कर अपनी चूत पर रगड़ने लगी.
मैं समझ गया कि मैडम अपनी चूत को मुझसे चटवाना चाहती है.
तो मैं खड़ा हुआ और मैंने मैडम की पजामी को उतारकर फेंक दिया.
मैं मैडम की चूत को चाटने लगा और मैडम के दाने को रगड़ रगड़ कर मैंने लाल कर दिया.
इसी बीच मैडम की चूत से पानी निकलने लगा.
मैं मैडम का सारा पानी पी गया.
फिर मैंने मैडम को उसी टेबल पर सीधा लिटा दिया और अपने लंड पर टोपा उसकी चूत पर रगड़ने लगा.
मैडम आह उह की आवाज निकालने लगी और बोली- अब घुसेड़ भी दो मेरी जान … जल्दी से मेरी बुर का भोसड़ा बना दो.
मैंने कहा- मेरी जान चिंता मत करो; आज मैं तुम्हारी बुर में घुस जाऊंगा और तुम्हारी बुर को फाड़ दूंगा.
अब मैंने मैडम की चूत पर धीरे से धक्का लगाया.
मैडम मोटा लंड लेते ही चिल्ला उठी.
थोड़ी देर रुकने के बाद मैंने जोरदार शॉट लगाया और पूरा का पूरा लंड नंगी चूत में समा गया.
कुछ देर रुकने के बाद मैंने धक्के लगाने शुरू कर दिए.
मैं मैडम की चूत में धक्के लगा रहा था और मैडम गांड उठा उठा कर लंड का स्वागत कर रही थी.
मैडम- आह उफ़ ओह डार्लिंग और अन्दर घुसा दो … मेरी छोटी चूत को चौड़ा कर दो … आह इसका भोसड़ा बना दो.
मैं- हां मेरी जान, मैं तुम्हारी चूत को फाड़ दूंगा … मेरा भूखा लंड तुम्हारी चूत का प्यासा है.
मैडम- आंह … मेरी गांड में भी घुसाओ अपना मोटा लंड.
मैं- हां मेरी जान … मैं तुम्हारी गांड भी मारूंगा.
कुछ देर बाद मैंने एक झटके से मैडम की चूत से अपना मोटा लंड निकालकर उनकी गांड के छेद पर सैट कर दिया.
फिर धीरे से धक्का मारा तो मैडम की मां चुद गई और उसकी चीख निकलने लगी.
मैंने झट से मैडम की मुँह पर अपना हाथ रखा और उनकी चीख दबा दी.
मैडम बोली- आंह मेरी फट रही है … धीरे धीरे से करो.
मैडम को थोड़ा आराम मिलने के बाद मैंने फिर से एक जोरदार झटका दे दिया.
इस बार मेरा पूरा का पूरा लंड मैडम की गांड में समा गया.
मैडम फिर से चिल्ला उठी.
मगर उसके मुँह पर मेरा हाथ लगा था तो मैडम की आवाज घुट कर रह गई.
मैडम जी आंखों से आंसू आ गए.
मैंने कहा- बस जरा देर का दर्द सह लो मेरी जान … फिर गांड में मीठा मजा आएगा.
मैं थोड़ी देर के लिए रुक गया और बाद में झटके देने लगा.
अब मैडम मस्ती में अपनी मोटी गांड को मेरे लंड पर एक फुटबॉल की तरह उछालने लगी थी.
मैंने मैडम को सीधा किया और उसकी चूट पर ऐसे टूट पड़ा मानो कितने दिनों से प्यासा था.
1.4K viewsI AM IN MY MOOD AND MY MOOD IS ALWAYS GOOD, 07:30
ओपन / कमेंट
2022-06-11 10:30:22 ऑफिसर सेक्स कहानी में पढ़ें कि मैं सरकारी दफ्तर में कोई काम करवाने गया तो पता लगा कि वहां की मैडम पक्की छिनाल औरत थी. मुझे उसी से काम था.
दोस्तो, मेरा नाम अवधेश कश्यप है. मैं उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर का निवासी हूं.
सबसे पहले तो गीली चूत वाली कमसिन लड़कियों आंटियों और भाभियों को मेरे खड़े लंड का सादर प्रणाम!
मेरे प्यारे भाईयो, मेरे जैसे काले मोटे लंड वाले भाइयों को मुठ मारने की दावत और मेरे हथियार की तरफ से तुम सभी को लंडवत प्रणाम.
ये ऑफिसर सेक्स कहानी उन दिनों की है जब मैं कोई भी काम नहीं करता था और काम की तलाश में इधर-उधर भटकता रहता था.
मेरी उम्र लगभग उस समय 19 साल की रही होगी.
इसी बीच मेरी मुलाकात एक सामाजिक कार्यकर्ता से हुई.
उसने कहा- कि आप मेरे साथ सामाजिक हित में सामाजिक कार्य कीजिए. इसी के साथ मैं आपको अच्छी आमदनी भी कराता रहूंगा.
मैं उस आदमी के साथ सामाजिक कार्य करने में लग गया.
एक दिन की बात है, मैं कुछ काम से अपने नजदीकी ब्लॉक में किसी का काम कराने गया था.
उस समय पंचायत चुनाव का काम चल रहा था इसलिए ब्लॉक के सारे अधिकारी पंचायत चुनाव के काम में व्यस्त थे.
ब्लॉक में एक अधिकारी थी ताहिरा … जो बहुत ही गजब की खूबसूरत और मस्त चूचियों की मालकिन थी.
मैं उसे देखते ही मन ही मन सोचने लगा काश इसकी चूत मुझे चोदने मिल जाती तो मजा आ जाता.
उसके बारे में सभी को मालूम था कि ये पक्की छिनाल औरत है. किसी का भी लंड अपनी चूत गांड में ले लेती है.
मैं लोगों की लाइन में खड़ा यही सब सोच रहा था कि मुझे पता ही नहीं लगा कि मेरा नंबर कब आ गया.
मैं खड़ा रहा.
मैडम कुछ काम में बिजी थी.
जब मैडम का काम हो गया, तो मैडम ने मेरी तरफ देखा और बोली- क्या काम है … जल्दी बोलो?
लेकिन मैं तो उसकी चुदाई के ख्वाब में मस्त था. मैं उसे रंगीन ख्वाबों में देख रहा था.
मेरे मुँह से आवाज ही नहीं निकल सकी.
ऑफिसर मैडम ने फिर मुझे टोका- जल्दी बोलें.
अब मैं मैडम की तरफ झुका और मैंने उनके सामने अपने पेपर रख दिए.
मैंने कहा- इन पर आपके हस्ताक्षर कराने हैं.
मैडम बोली- मैं इतनी देर से आपको बुला रही हूं, आपको सुनाई नहीं देता क्या?
मैं बोला- नहीं, ऐसी बात नहीं है. मैं कुछ सोच रहा था.
मैडम ने मेरे पेपर अपने पास रख लिए और बोली- शाम को 4:00 बजे ले जाना.
ठीक 4:00 बजे मैं ब्लॉक में पहुंच गया तो मैडम कुछ काम में बिजी थी.
मैं मैडम के सामने खड़ा हो गया.
ऑफिसर मैडम ने मेरी तरफ देखा और हम्म कहा.
मैंने कहा- मेरे पेपर दे दो.
मैडम ने कहा- अच्छा वो … कुछ समय ठहरो देती हूं.
मुझे वहां बैठे लगभग आधा घंटा हो चुका था.
मैंने मैडम से फिर से कहा- मैडम मेरे पेपर दे दो.
मैडम ने मेरी तरफ देखा और बोली- तुझे बड़ी जल्दी है?
मैंने कहा- हां मैडम जल्दी है.
वो बोली- किस बात की जल्दी है?
मैंने कहा- घर जाना है.
वो बोली- घर पर क्या तेरी बीवी तेरा इंतजार कर रही है?
मैंने कहा- अभी मेरी शादी नहीं हुई है.
मैडम मुस्कुरा दी और बोली- काम कराने के लिए कुछ लाया है.
मैंने कहा- क्या लाना था?
मैडम चटक गई और बोली- साले हाथ भर का हथियार लिए घूम रहा है और तुझे मालूम नहीं है कि क्या लाना पड़ता है.
मैंने अपने हथियार पर हाथ फेरा और कहा- आपको मैं क्या दे सकता हूँ.
मैडम को मेरी मासूमियत पर हंसी आ गई.
वो धीरे से बोली- अपने हथियार से मेरी गांड मार सकता है!
मैं शान्ति से बोला- हां मैडम, मैं गांड भी बड़ी आसानी से मार लेता हूं. आप जब चाहें बता दीजिएगा.
मैडम हंस पड़ी और बोली- साले इतनी छोटी उम्र में इतनी बड़ी बात कर रहा है?
मैं बोला- मैडम आप मौका तो दो.
मैडम मेरे लंड को घूरती हुई बोली- ठीक है … कल 4:00 बजे आ जाना.
मैं घर गया और रात भर मैडम के ख्यालों में खोया रहा.
पूरी रात में मैंने चार बार मुठ मारी.
लंड से 4 बार पानी गिराने के बाद मेरी हालत ऐसी हो गई थी कि मुझसे चला भी नहीं जा रहा था.
फिर भी मैं अगले दिन 4:00 बजे का इंतजार करता रहा.
जैसे ही 4:00 बजे का टाइम हुआ, मैं ब्लॉक में पहुंच गया.
मैडम के कमरे में कोई नहीं था. मैडम अकेली ही बैठी कुछ लिख रही थी.
मुझे देखते ही मैडम खड़ी हो गई और बोली- अन्दर आ जाओ.
मैं अन्दर आ गया.
मैडम ने मुझसे मेरा नाम पूछा.
मैंने बताया- मेरा नाम अवधेश है.
मैडम बोली- शिट … कितना पुराना नाम है तुम्हारा … आज मैं तुम्हारा नाम दूसरा रख देती हूँ. आज से तुम्हारा नाम विपुल है.
मैंने कहा- कोई बात नहीं मैडम … नाम में क्या रखा है. आप मिल जाओ तो मैं यह शहर गांव सब छोड़ दूंगा. आपकी मस्त सेवा करूंगा.
वो बोली- क्या क्या सेवा कर लेता है?
मैंने कहा- आपकी चूत चुदाई और गांड मारने का काम तो करता ही हूँ … बाकी आप जिसकी भी लेने की कहोगी, उसकी भी चोद दूँगा.
1.4K viewsI AM IN MY MOOD AND MY MOOD IS ALWAYS GOOD, 07:30
ओपन / कमेंट
2022-06-11 10:30:22
सरकारी मैडम ने चूत गांड मरवाई
1.3K viewsI AM IN MY MOOD AND MY MOOD IS ALWAYS GOOD, 07:30
ओपन / कमेंट
2022-06-11 05:31:11 वो बोली- बहुत बढ़िया, आप सुनाओ।
मैंने पूछा- मैं तो सोच रहा था, सुबह सुबह आपके दर्शन हो जाते तो, सारा दिन बढ़िया गुज़रता।
वो उधर से बोली- तो आ जाइए, किसने रोका है, आपका ही घर तो है।
मैं तो उड़ता हुआ उसके घर पहुंचा। गेट खोल कर अंदर गया, अंदर घर में वो रसोई में कुछ कर रही थी। मैंने आस पास देखा, घर में और किसी के होने की आहट नहीं थी। मगर फिर भी मैं रसोई में गया, उस से नमस्ते की, उसका, बच्चों का हाल चाल पूछा।
फिर पूछा- बच्चे कहाँ हैं।
वो बोली- बड़ी कॉलेज, छोटी स्कूल। बस घर में मैं अकेली हूँ।
मतलब जो मैं पूछना चाहता था, वो उसने खुद बता दिया।
वो गैस पर चाय बना रही थी, मैं उसके पीछे जा कर खड़ा हो गया। दिल तो कर रहा था कि इसे पीछे से ही बांहों में भर लूँ, मगर फिर भी दिल में एक डर सा था। मगर फिर भी मैंने हिम्मत करके उसको अपनी बांहों में भर लिया।
वो एकदम से चौंकी- अरे जीजाजी, ये क्या कर रहे हो?
वो गुस्सा नहीं हुई तो मेरी भी हिम्मत और बढ़ गई, मैंने झट से उसकी गर्दन पर एक दो चुंबन जड़ दिये और उसे कस कर अपने से चिपका कर बोला- उम्म्ह … अहह … हय … ओह … मेरी रूपा, अब सब्र नहीं होता यार!
और मैंने उसकी गर्दन कंधो को चूमते हुये, उसका चेहरा घुमाया, और उसके गाल पर भी चूम लिया।
1.6K viewsI AM IN MY MOOD AND MY MOOD IS ALWAYS GOOD, 02:31
ओपन / कमेंट
2022-06-11 05:31:11 मैं तो सन्न रह गया। मिले नहीं मतलब सेक्स नहीं किया। मैंने सोचा- अरे भाई ये तो चुदवाने के चक्कर में है, और मैं यूं ही शराफत में मारा जा रहा हूँ।
मगर उस वक्त मैंने सिर्फ हाथ उठा कर आशीर्वाद देने का ढोंग कर दिया कि दिव्या तो मेरी आशीर्वाद से पैदा हुई बेटी है।
तो दिव्या बोली- मौसा जी, अगर आप बुरा न माने तो मैं आपको पापा कह लिया करूँ।
अब उस बेटी की यह नन्ही सी प्यारी सी गुजारिश को मैं ना नहीं कर सका, मैंने कहा- हाँ, बेटा, मुझे तो खुशी होगी, मेरी कोई बेटी नहीं, तुम मेरी बेटी बन जाओ।
उस दिन के बाद दिव्या मुझे हमेशा पापा ही कहती। मगर छोटी बेटी कभी पापा तो कभी मौसा जी कह देती थी। उसके साथ मेरा रिश्ता ठीक ठाक सा ही था क्योंकि वो चुप ज़्यादा रहती थी।
फिर एक दिन दिव्या ने मुझसे मेरा फोन नंबर मांगा, उसके बाद वो मुझे कभी कभी फोन भी करती, सुबह शाम को कभी कभी मेसेज भी करती और मैं भी उसे अच्छे अच्छे मेसेज भेज दिया करता था जैसा कोई भी बाप बेटी करते हैं।
एक दिन मैं और मेरी पत्नी उनके घर गए, तो उस दिन रविवार था और वो सब लोग सर के बाल धोकर बैठे थे।
फिर दिव्या तेल ले कर आई और तीनों माँ बेटी एक दूसरी के सर में तेल लगाने लगी।
मैंने भी बैठे ने यूं ही कह दिया- अरे वाह, दिव्या, बहुत बढ़िया से तेल लगाती हो तुम तो!
वो बोली- पापा, आपके भी लगा दूँ?
मैंने कहा- हाँ, लगा दो।
जब उनका निबट गया तो दिव्या तेल की शीशी लेकर मेरे पास आई। मैं उनके दीवान पर बैठा था, वो मेरे पीछे आई और कटोरी से तेल लेकर मेरे बालों में लगाने लगी।
“आहह … हह … आहा …” कितना आनंद आया, जब बेटी पिता के सर में तेल लगाये अपने नर्म नर्म हाथों से।
रूपा बोली- अरे जीजाजी, मैं लगा दूँ आपके तेल?
उसकी बात में एक तंज़ मैं समझ गया मगर मैंने कहा- अजी नहीं शुक्रिया, बिटिया बहुत बढ़िया लगा रही है।
उसके बाद उनके घर ही हमने खाना खाया और जब वापिस आए, तो अपनापन दिखाने के लिए रूपा ने पहले मुझे नमस्ते बोली और फिर आगे बढ़ कर मुझे आलिंगन भी किया. मगर उसने आलिंगन करते हुये अपना मम्मा मेरी बगल से अच्छे से रगड़ दिया और मेरी तरफ देख कर शरारत से मुस्कुराई।
वो मुझे साफ से साफ इशारे कर रही थी कि आओ मुझे पकड़ो मगर मैं ही ढीला चल रहा था।
मैंने सोचा कि अब अगर एक भी मौका और मिला, तो मैं रूपा से बात कर लूँगा।
फिर एक दिन मौका मिला, वो हमारे घर ही आई हुई थी, मेरी बीवी रसोई में थी। मैंने पूछा- अरे रूपा, तुमने मेरा मोबाइल नंबर लिया था, पर कभी फोन तो किया नहीं?
वो बोली- आप तो वैसे ही कम बात करते हो, क्या पता फोन पर बात करो भी या नहीं।
मैंने कहा- अरे नहीं, मैं तो बल्कि इंतज़ार कर रहा था कि कभी हैलो हाई, नमस्ते, गुड मॉर्निंग, आई लव यू, कुछ तो मेसेज करो।
वो मेरी बात सुन कर बहुत हंसी, बोली- अच्छा अब करूंगी।
और अगले ही दिन सुबह उसका मेसेज आया ‘गुड मॉर्निंग’ का। जवाब में मैंने भी उसको गुड मॉर्निंग का मेसेज भेजा। और दिन में ही हम दोनों ने 40 करीब व्हाट्सअप मेसेज एक दूसरे को कर दिये।
जितना मैं खुल कर चला, वो उससे भी ज़्यादा खुल कर चली और अपने जीजा साली के रिश्ते की सारी मान मर्यादा तोड़ कर हम दोनों ने एक दूसरे को खुल्लम खुल्ला प्यार का इज़हार तक कर दिया। यहाँ तक के उसने ये भी कह दिया कि अगर आप न कहते तो मैं खुद ही कहने वाली थी।
अब जब प्यार का इज़हार ही हो गया, तो और क्या बाकी रहा। वो पूरी तरह से मेरे साथ सेट हो चुकी थी। मन में खुशी के लड्डू फूट रहे थे कि यार कमाल हाई, 50 साल की उम्र में भी माशूक पटा ली।
उसके बाद तो अक्सर हम फोन पर बाते करते, दो तीन दिन में ही, बातें शीशे की तरह साफ हो गई। दोनों ने एक दूसरे से कह दिया कि अब जिस दिन भी मिलेंगे, अकेले में मिलेंगे, और उसी दिन हम सभी हदें पार कर जाएंगे।
मैंने सोचा, अब माशूक के पास जाना है, तो पूरी तैयारी के साथ जाया जाए। बुधवार की मैंने अपने काम से पहले ही एक दिन की छुट्टी ले ली थी।
मगर मंगलवार को मैंने कुछ और काम भी किया। मैंने आधी गोली *** की खा ली। यह गोली खाने से आप जब कहो, तब आपका लंड आपके इशारे पर खड़ा हो जाता है, और वो भी पूरा कड़क, पत्थर की तरह सख्त। बस इतना ज़रूर है कि ये गोली यूरिक एसिड बढ़ा देती है। मगर इसका असर 2-3 दिन रहता है।
बुधवार की सुबह मैंने एक चने के आकार की गोली अफीम की कड़क चाय के साथ निगल ली। अब सफ़ेद गोली लंड को खड़ा रखने के लिए और काली देर तक न झड़ने के लिए।
हमारा 11 बजे मिलने का प्रोग्राम था। मगर मैं 10 बजे से पहले ही हर तरह से तैयार था। करीब पौने 11 बजे मैंने रूपा को फोन करके पूछा- हां जी क्या हाल हैं साली साहिबा?
1.6K viewsI AM IN MY MOOD AND MY MOOD IS ALWAYS GOOD, 02:31
ओपन / कमेंट
2022-06-11 05:31:11 दोस्तो, आप मुझे जानते ही होंगे, मैं अन्तर्वासना का पुराना लेखक हूँ. मैंने करीब 200 कहानियां अन्तर्वासना पर लिखी हैं. आज आपको मैं इस नयी साईट पर अपने एक पाठक की भेजी हुई कहानी बताने जा रहा हूँ। इन पाठक महोदय ने अपने अंदाज़ में कहानी लिख कर भेजी थी, मगर मैंने उसे सिर्फ उनसे पूछ पूछ कर इस कहानी को थोड़ा और रोचक बनाया है.
लीजिये पढ़िये।
दोस्तो, मेरा नाम रत्न लाल है, मेरी उम्र इस वक्त 50 साल की है। मैं मेरी पत्नी और मेरा बेटा … बस यही मेरा परिवार है।
अभी कुछ समय पहले मेरी पत्नी की एक सहेली बनी। वो औरत हमारे मोहल्ले की दूसरी गली में रहती है। दोस्ती की वजह यह हुई कि मेरी पत्नी और उस औरत, दोनों का नाम रूपा है। उस औरत रूपा के दो बेटियाँ है, बड़ी बेटी दिव्या 20 साल की है, और छोटी बेटी रम्या 18 साल की है। छोटी लड़की तो पतली दुबली सी, साँवली सी है। बड़ी लड़की दिव्या भी पतली है मगर वो गोरी है, देखने
में भी सुंदर है और अभी बी ए कर रही है।
रूपा का पति पहले तो यहीं रहता था और दोनों मियां बीवी छोटे मोटे काम करके अपना गुज़ारा करते थे तो घर के हालात कुछ खास अच्छे नहीं थे।
फिर रूपा के पति को विदेश जाने का मौक़ा मिला तो वो पैसा कमाने विदेश चला गया।
वैसे तो हमारा एक दूसरे के घर आना जाना हो जाता था। मगर जब रूपा का पति विदेश चला गया तो मुझे रूपा कुछ विशेष लगने लगी। हालांकि रंग रूप में, या शारीरिक बनावट में वो मेरी पत्नी के मुक़ाबले कहीं भी नहीं ठहरती थी मगर पराई औरत तो पराई औरत ही होती है। अच्छी न भी हो, तो भी बस उसके मम्मे, उसकी गाँड, उसकी फुद्दी आपको अपनी ओर आकर्षित करती ही करती है।
मेरे मन में भी कई बार इस बात का ख्याल आया कि रूपा को थोड़ा टटोल के देखूँ, पति इसका पास में नहीं, तो रात को ये भी तो बिस्तर पर करवटें बदलती होगी. अगर किसी तरह से बात बन गई, तो अपने को बाहर मुँह मारने का मौका मिल जाएगा।
हालांकि मैं उसके घर कम जाता था, मैं तो अपने काम धंधे में ही बिज़ी रहता था मगर कभी कभार आना जाना हो जाता था या कभी कभी वो भी आ जाती थी।
अब मेरी बीवी के साथ उसका अच्छा दोस्तना था, वो मेरी बीवी को दीदी और मुझे जीजाजी कहती थी। मगर मैंने कभी उसके साथ साली कह कर कोई हंसी मज़ाक नहीं किया, मैं थोड़ा रिज़र्व ही रहता था. हाँ उसकी बेटियों के साथ मैं हंस बोल लेता था।
पति के विदेश जाने के बाद उसने घर के कई कामों में कई बार मेरी मदद भी ली मगर मैंने खुद आगे बढ़ कर कभी कुछ नहीं किया. मेरे और रूपा के बीच मेरी पत्नी हमारी कड़ी थी। सारा
काम, बातचीत मेरी पत्नी के द्वारा ही होती थी।
मगर एक बात जो मैं नोटिस कर रहा था कि रूपा का व्यवहार अब बदलने लगा था। जब भी मौका मिलता उसे, वो मुझे जीजाजी कह कर खूब हंसी मज़ाक कर लेती। मुझे अक्सर लगता कि वो अपनी आँखों से अपनी बातों से अपने हाव भाव से यह जता रही थी कि जीजाजी हिम्मत करो और मुझे पकड़ लो, मैं आपको ना नहीं करूंगी।
मगर मैं अपनी पत्नी के सामने होते उसे कैसे पकड़ सकता था।
समझती वो भी थी कि जब तक हम अकेले नहीं मिलते तब तक कोई भी सम्बन्ध हमारे बीच नहीं बन सकता था। मगर अकेले मिलने का कोई भी मौका हमें नहीं मिल रहा था।
हमारी दोस्ती या यूं कहो कि दिल में छुपा हुआ प्यार इसी तरह चल रहा था। अपने अपने मन में हम दोनों तड़प रहे थे। मैं कम तड़प रहा था, वो ज़्यादा तड़प रही थी। वो कई बार कह भी चुकी थी- जीजाजी, आपके पास कार है, मुझे कार चलानी सिखाइए। जीजाजी, किसी दिन अपन दोनों कोई फिल्म देखने चलते हैं। मेरी तो इच्छा है कि बरसात हो रही हो, और हम दोनों जीजा साली कहीं दूर तक गाड़ी में घूम कर आयें।
ये सब बातें वो बातों बातों में मेरी पत्नी के सामने कह चुकी थी और ऐसी ही बातों से मेरे दिल में ये विचार आए कि शायद ये मुझसे अकेले मिलने का बहाना ढूंढ रही है।
फिर एक दिन उसने और बड़ा ब्यान दाग दिया।
हुआ यूं कि हम बाज़ार गए थे, वहीं वो भी मिल गई, अपनी दोनों बेटियों के साथ। तो औपचारिकतावश हमने उन्हें शाम के खाने का न्योता दिया।
वो झट से मान
हम एक मिठाई की दुकान में गए, ऊपर उनका ही रेस्टोरेन्ट बना था। सब कुछ शाकाहारी था। हमने वहाँ बैठ कर खाना खाया।
अब उसकी बड़ी बेटी मेरे साथ बैठी जबकि रूपा, उसकी छोटी बेटी, और मेरी पत्नी मेरे सामने बैठी।
दिव्या वैसे भी मेरे से बहुत स्नेह करती थी।
हम दोनों चुपचाप बैठे खाना खा रहे थे, वो रूपा बोली- देखो दोनों कैसे बिल्कुल एक ही स्टाइल से खाना खा रहे हैं, जैसे दिव्या आपकी ही बेटी हो।
मैंने कहा- हाँ, मेरी बेटी है।
अब मैं और क्या कहता।
मगर तभी रूपा बोली- आपकी कैसे हो सकती है, हम कभी मिले तो है नहीं?
1.6K viewsI AM IN MY MOOD AND MY MOOD IS ALWAYS GOOD, 02:31
ओपन / कमेंट
2022-06-11 05:31:11
बीवी की सहेली पे दिल आ गया-1
1.6K viewsI AM IN MY MOOD AND MY MOOD IS ALWAYS GOOD, 02:31
ओपन / कमेंट
2022-06-10 20:54:30
PAID SERVICE AVAILABLE

Click here :
https://t.me/+FlNIHpz-b-M2NTNl
https://t.me/+FlNIHpz-b-M2NTNl
https://t.me/+FlNIHpz-b-M2NTNl

Click here :
https://t.me/+FlNIHpz-b-M2NTNl
https://t.me/+FlNIHpz-b-M2NTNl
https://t.me/+FlNIHpz-b-M2NTNl
432 viewsI AM IN MY MOOD AND MY MOOD IS ALWAYS GOOD, 17:54
ओपन / कमेंट