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सबकी सविता भाभी ❤

टेलीग्राम चैनल का लोगो savitabhabhikahaniya — सबकी सविता भाभी ❤
चैनल का पता: @savitabhabhikahaniya
श्रेणियाँ: वयस्क सामग्री (18+)
भाषा: हिंदी
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🔥🥵सविता भाभी की कहानी या फ्री में सबसे लिए 🥵🔥

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नवीनतम संदेश 5

2022-06-17 18:30:48 मैंने एक पल के लिए सोचा कि चूत उठा कर मना कर रही है, अजब की अदा है.
उसी वक्त मैंने अपना मुँह उसकी न्यू चूत पर लगा दिया और उसकी चूत को जीभ से चाटने लगा.
वह कामुक सिसकारियां भरने लगी.
चूत को चाटते हुए मैंने एक उंगली भी उसकी चूत में डाल दी और अन्दर बाहर करने लगा.
उसकी चूत का कामरस मुझे घायल कर रहा था.
फिर मैं उसकी चूत को बहुत ज़ोर से चाटने लगा.
वह कुछ ही देर में झड़ने को हो गई और उसकी चूत ने पानी छोड़ दिया.
क्या स्वाद था उस चूतरस का … अद्भुत.
फिर मैं उसकी टांगों के बीच आ गया और उसके होंठों को चूसने लगा.
मैंने अपना लंड उसकी चूत पर रखा और चूत के ऊपर ही आगे पीछे करने लगा.
वह तो मेरे लंड का स्पर्श अपनी न्यू चूत पर पाकर फिर से गर्म हो गई थी.
मैंने उससे पूछा- अपना अन्दर डाल सकता हूँ बेबी!
उसने आह भरते हुए हां में अपना सिर हिला दिया.
तभी मैं कंबल से बाहर गया और जल्दी से बैग से कंडोम निकाल कर लंड पर लगा लिया.
मैं जल्दी से फिर से कंबल में घुस गया.
मैंने उसकी टांगों के बीच आकर लंड उसकी चूत के ऊपर रखा और अन्दर डालने की कोशिश करने लगा.
जैसे ही मैंने अन्दर डालने के लिए ज़ोर लगाया तो कोरी चूत में लंड थोड़ा सा अन्दर घुस गया.
लंड का मुखड़ा अन्दर लेते ही उसकी चीख निकल गई और मैं वहीं पर रुक गया.
कुछ पल बाद मैंने जोर लगाया तो मेरा आधा लंड अन्दर चला गया.
वह जोर लगाकर मुझे धक्का देने लगी, पर मेरी पकड़ मजबूत थी.
मैंने देर ना करते हुए उसे जकड़ कर पूरा लंड उसकी नयी चूत में घुसा दिया.
वह चिल्लाने लगी और मुझे धक्का देने की कोशिश करने लगी पर मैंने उसे अलग नहीं होने दिया.
मैंने उसे चूमते हुए समझाया कि जान थोड़ी देर बाद सब ठीक हो जाएगा.
वो चुप हो गई लेकिन कसमसाती रही.
मैं उसे किस करने लगा.
कुछ ही देर बाद वह नॉर्मल हो गई, तो मैंने नीचे से धक्के लगाने शुरू किए.
वह मीठी सिसकारियां भरने लगी.
अब उसे भी दर्द नहीं हो रहा था.
कुछ देर धक्के लगाने के बाद वह भी नीचे से ज़ोर लगाने लगी और लंड को और अन्दर लेने की कोशिश करने लगी.
उसकी ये हरकत देख कर मैं बहुत जोश में आ गया था और उसे बहुत ज़ोर से चोदने लगा था.
वह भी मस्ती से अपनी गांड उठा उठा कर चुदाई का आनन्द ले रही थी.
मेरी रिया चुदती हुई बोल रही थी- आंह जान … मस्त लग रहा है … आई लव यू हनी … आह आई लव यू जानू.
ये मेरी पहली चुदाई थी और शायद उसकी भी.
करीब पन्द्रह मिनट की चुदाई के बाद मैं झड़ने वाला था.
ऐसे ही ज़ोर से चोदते हुए मैं झड़ गया और वह भी नीचे से झड़ गई.
मेरे झड़ने के बाद भी वह नीचे से चूत को ऊपर उठा कर झड़ रही थी.
कुछ समय बाद मैं उठा और कंडोम को उतार कर डस्टबिन में फेंक दिया और लंड को धोकर फिर से बेड पर आकर हम दोनों चिपक कर लेट
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2022-06-17 18:30:48 इसी बीच मैं जो उसके लिए अंगूठी लाया था, उसकी उंगली में पहना दी.
वो अंगूठी देख कर बहुत खुश थी.
फिर हम दोनों ने रूम में ही खाना मंगाकर खाया और बियर भी पी.
अब तक हम दोनों के जिस्मों में आग लग चुकी थी. हम दोनों से ही सब्र करना बहुत मुश्किल हो गया था.
मैंने पहल की और इस सब्र के बांध को तोड़ते हुए उसे अपनी बांहों में भर लिया.
हम दोनों एक दूसरे के जिस्म की आग को महसूस कर सकते थे.
उसने मेरी आँखों में वासना से देखा तो मैंने देर न करते हुए अपने होंठों को उसके होंठों के पास ला दिए.
आगे बढ़ते हुए मैंने अपने होंठ उसके होंठों पर रख दिए और एक दूसरे में खो जाने लगे.
हम दोनों होंठों से होंठ लगा कर जीभ भी एक दूसरे के मुँह में डालने लगे.
मेरे शरीर में तो बिजली सी दौड़ गई थी.
उस समय मुझे जो आनन्द आ रहा था, उसे शब्दों में बयान करना मुश्किल है.
मेरी जान का तो मेरे से भी बुरा हाल हो रहा था; वह बहुत ही मस्त और कामुक भरी आहें भर रही थी.
दस मिनट बाद हम दोनों के होंठ अलग हुए.
फिर मैंने उसे बेड के नीचे खड़ा कर दिया और खुद उसके पीछे उससे चिपक कर खड़ा हो गया.
मैं अपना लंड पैंट के ऊपर से ही उसकी गांड पर लगाने लगा.
उसने भी अपनी गांड मेरे लंड पर घिस कर मुझे और भी ज्यादा बेकाबू कर दिया.
फिर मैंने उसकी साड़ी उसके कंधे से नीचे सरका दी.
उसके भी बिना किसी विरोध के साड़ी नीचे गिर जाने दी.
मैंने उसे घुमा कर उसकी साड़ी उसके पेटीकोट से निकाल कर साइड में रखी टेबल पर रख दी.
उसने मेरी शर्ट के बटन खोले और मेरी शर्ट भी उतार दी.
मैं ऊपर से बिल्कुल नंगा था और वो ब्लाउज और पेटीकोट में थी.
हम दोनों बेड पर लेट गए और वो मेरे ऊपर लेट गई.
हम फिर से किस करने लगे, एक दूसरे के होंठ चूसने लगे.
इसी बीच वह मेरी गर्दन पर चूमने लगी.
मुझे इतना मज़ा आ रहा था कि मानो मुझे जन्नत प्राप्त गई हो.
उसके ऐसे करते करते मैंने पीछे से उसके ब्लाउज के हुक खोल दिए और उसकी नंगी पीठ पर हाथ फिराने लगा.
उसकी मदमस्त आंह निकलने लगी.
अगले ही पल मैंने उसका ब्लाउज भी निकाल कर अलग कर दिया.
उसने ब्रा नहीं पहनी हुई थी.
जैसे ही हम दोनों के नंगे जिस्म एक दूसरे के स्पर्श में आए तो मानो हम दोनों कामसागर में बह गए थे.
अपने आपको इस हालत में पाकर वह थोड़ा शर्माने लगी और कंबल में छिप गई.
मैंने अपनी पैंट भी उतार दी और सिर्फ अंडरवियर में कंबल में घुस कर उसको बांहों में भर कर जोर से हग करते हुए उसके होंठों पर किस करने लगा.
वह तो बहुत ही ज्यादा गर्म हो चुकी थी और बहुत मादक सिसकारियां निकाल रही थी, आहें भर रही थी.
फिर मैं उसके मम्मों पर हाथ ले जाकर उन्हें एक-एक करके दबाने लगा.
मेरे ऐसा करते ही वह सीत्कार भरने लगी- आह … आह … बेबी आह.
इस बीच हमारे होठों का चुम्बन जारी था.
फिर मैंने अपना एक हाथ नीचे ले जाकर उसके पेट पर फेरा और नीचे उसके पेटीकोट के अन्दर हाथ डाल दिया.
वो मस्त हो रही थी.
मैंने एक पल की भी देरी न करते हुए उसकी पैंटी के अन्दर हाथ डाला और सीधा उसकी कामुक और कामरस में भीगी हुई चूत पर रख दिया.
उसकी चूत पर हाथ रखते ही वह उछल सी गई और बहुत ज़ोर ज़ोर से सिसकारियां भरने लगी.
मैं उसकी चूत को ऊपर से ही रगड़ने लगा.
वो मेरे होंठ चूस रही थी और आंह आंह कि आवाज कंठ से निकाल रही थी.
अब देर न करते हुए मैंने उसके पेटीकोट का नाड़ा खोल दिया और उसके पेटीकोट को भी नीचे खींच कर उतार दिया.
मैं सिर्फ अंडरवियर में था और वह सिर्फ पैंटी में थी.
मैं उसकी टांगों के बीच आ गया और उसके होंठों से चूमना जारी रखते हुए उसके गले तक आ गया. फिर नीचे आते हुए उसके मम्मे चूसने लगा. उन्हें जीभ से चाटने लगा.
जब उसका एक दूध मेरे मुँह में होता, तो मैं दूसरे चुचे को हाथ से दबाता.
मेरी जान तो इस समय सब कुछ भुला कर सेक्स का पूरा आनन्द ले रही थी.
फिर मैं और नीचे आया.
उसके पेट पर आकर पहले मैंने किस की, फिर धीरे से अपने होंठ घुमाए. फिर जीभ से उसकी गहरी नाभि को चाटने लगा.
मैं कुछ ऊपर उठा और उसकी पैंटी को उतारने के लिए पैंटी को किनारों से पकड़ा.
उसने अपनी गांड उठा कर बड़े आराम से पैंटी उतर जाने दी.
फिर मैंने भी तुरंत अपना अंडरवियर भी उतार दिया.
अब हम दोनों पूरी तरह नंगे जवान जिस्म एक कंबल में लिपटे हुए थे.
मैंने उसके पेट पर अपना मुँह रखा और धीरे से नीचे उसकी चूत के पास ले गया.
वह बिन पानी की मछली की तरह तड़पने लगी.
उसने अपनी टांगों को पूरी तरह से ऊपर उठा लिया ताकि मेरा मुँह उसकी टांगों के बीच में आराम से चल सके.
तभी मैंने अपनी उंगली उसकी चूत पर लगाई तो वह तड़पने लगी और बोलने लगी- नो बेबी … प्लीज वहां पर नहीं … आह आ आह!
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2022-06-17 18:30:48 कॉलेज गर्ल की न्यू चूत का मजा मैंने लिया अपनी गर्लफ्रेंड की चुदाई करके. मैं उसे होटल के कमरे में ले गया था. वो तब तक किसी से नहीं चुदी थी.
नमस्कार दोस्तो, मैं राहुल फ्री सेक्स कहानी.कॉम के सभी पाठकों का तहे दिल से स्वागत करता हूँ.
इस सच्ची सेक्स कहानी में पढ़ें कि कैसे मैंने अपनी गर्लफ्रेंड को सारी रात चोदा.
आज मैं आपको अपनी वो घटना सुनाने जा रहा हूँ, जिसे पढ़ने में आपको बहुत ही आनन्द आने वाला है; आपकी अन्तर्वासना को आत्मतृप्ति प्राप्त होगी.
ये बात तब शुरू हुई थी, जब मैं अपने कॉलेज के फाइनल ईयर में था.
उस वक्त मेरी उम्र 22 साल की थी.
मैं देखने में ठीक-ठाक ही हूँ.
मेरी कोई भी गर्लफ्रेंड नहीं थी पर मेरे अन्दर जो वासना की आग भड़क रही थी उसे शांत करने के लिए मैं सिर्फ मुठ ही मार सकता था.
पर कब तक मैं अपनी काम वासना को ऐसे ही शांत करता.
इसी बीच मेरी एक लड़की से ऑनलाइन बात शुरू हुई, उसका नाम रिया था.
रिया की उम्र 20 साल थी. वो दिखने में ज्यादा सुंदर तो नहीं थी पर कहते हैं ना कि खूबसूरती तो देखने वाले की आंखों में होती है.
बस मैंने भी उसके जिस्म में लगी हुई कामवासना की आग को महसूस कर लिया था.
जल्द ही रिया मेरी गर्लफ्रेंड बन गई और ऐसे ही धीरे धीरे हमारी बात आगे बढ़ती रही.
एक दिन हमने मिलने का प्लान बनाया. पहले तो वह काफी देर नखरे करती रही, मना करती रही पर थोड़ा जोर देने पर वह मान गई.
हम दोनों ने एक रेस्तरां में मिलने का प्लान बनाया.
मुझसे मिलने के बाद तो मानो वह पागल हो गई थी.
मैं उसको कुछ ज्यादा ही पसंद आ गया था.
वह तो मेरे प्यार में बिल्कुल पागल हो चुकी थी.
मैंने उससे अगली बार मिलने के लिए पूछा तो वह बोली- जब आप बोलोगे, जहां आप बोलोगे वहां मिल लूंगी.
यह बात सुनकर तो मेरी खुशी का ठिकाना नहीं रहा.
मैंने उसी वक्त होटल में एक रूम बुक कर लिया और हम दोनों कमरे में चले गए.
वहां जाकर हम एक दूसरे के काफी करीब आ गए.
हमने बहुत किस किए, हग किया.
पर उस दिन उसने मुझे इससे आगे नहीं बढ़ने दिया.
मैं जरा मायूस हो गया था, पर क्या कर सकता था.
मैंने उसकी भावनाओं को समझा और हम दोनों घर आ गए.
हमारी बातें चलती रहीं और हम दोनों ही एक बार फिर से मिलने के लिए अधीर हो गए.
आखिरकार अब वो पल आ ही गया था, जब मेरा चूत चुदाई का सपना पूरा होने वाला था.
अगली बार हम दोनों ने होटल में मिलने की सोची … और उसने भी हां कर दिया.
मैंने फिर से वही होटल बुक कर लिया. इस बार मैंने पूरी रात के लिए उसके साथ बिताने का प्लान बनाया था.
उस दिन शाम को मैं जाने के लिए तैयार हुआ और बाइक पर निकल गया.
रास्ते में मैंने बहुत सारे कंडोम और सेक्स की गोली भी ले लीं.
मैंने उसके लिए एक अंगूठी भी ले रखी थी और साथ ही एक स्पेशल बियर की बॉटल भी ले ली थी.
आखिरकार हमारी पहली चुदाई थी, इसे खास तो बनाना ही था.
सब तैयारी होने के बाद मैं तय स्थान पर पहले से आकर उसके आने का इंतजार करने लगा.
करीब शाम के सात बज चुके थे और पन्द्रह मिनट बाद मेरी जान आ गई.
मैं उसे देख कर मुस्कुरा दिया.
वो जल्दी से बाईक के पीछे बैठ गई और हम दोनों चल दिए. वो अपने मुँह पर दुपट्टा बांध कर आई थी.
बाइक के बैठ कर उसने मुझे ज़ोर से पीछे से पकड़ लिया और मेरे कंधे पर सर रख कर बड़े प्यार से बोली- बेबी आई लव यू.
मैंने भी सर को घुमा कर प्यार से ‘आई लव यू टू बेबी …’ कह कर जवाब दिया.
रात करीब आठ बजे तक हम दोनों पहुंच गए.
रूम में पहुंचते ही पहले मैंने दरवाजा अच्छे से लॉक किया.
मैं पीछे मुड़ा तो जैसे ही उसने अपने मुँह पर बांधा कपड़ा उतार दिया था.
उसे देख कर मेरी आंखें खुली की खुली रह गई थीं.
सच में क्या कयामत लग रही थी; आज तो रिया बहुत ही हॉट लग रही थी.
हम दोनों बेड पर बैठ गए और इधर उधर की बातें करने लगे.
हमने बहुत से फोटोज खींचे, कुछ फोटो किस करते हुए भी खींचे.
उसने मुझसे कहा- तुम्हारे लिए एक सरप्राईज है जान.
मैंने कहा- दिखाओ!
तो वो बोली- पहले तुम थोड़ी देर के लिए बाथरूम में जाओ.
मैं चला गया.
करीब दस मिनट तक उसने मुझे बाहर नहीं आने दिया.
इसी बीच मैंने अपने पर्स में से वायग्रा की गोली निकाल कर खा ली.
फिर मैं जब बाहर आया, तो मेरे तो होश ही उड़ गए.
वह मेरे सामने साड़ी पहने खड़ी थी.
वो नशीली आवाज में बोली- कैसी लग रही हूँ?
मैंने सीधे जाकर उसको अपनी बांहों में भर लिया और कहा- मेरी जान, तुम बहुत प्यारी लग रही हो.
हम दोनों ने फिर से शीशे के सामने खड़े होकर फोटोज खींचे.
उसके बाद मैंने उसे अपनी गोद में उठा लिया और इसी तरह उठा कर उसे बेड पर ले गया.
हम दोनों आमने-सामने बैठ गए और प्यार भरी बातें करने लगे.
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2022-06-17 18:30:48
गर्लफ्रेंड की कोरी चूत में लंड से हस्ताक्षर- 1
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2022-06-17 10:30:13 चाची पागल होने लगीं और मेरा मुँह अपनी दोनों टांगों में जकड़ लिया.
वो मुझे अपनी टांगों से खींच कर अपनी चूत के ऊपर दबाने लगीं.
मैं भी नहीं रुका और चूत के अन्दर जीभ फिराता रहा.
चाची की चूत के दाने को काटता रहा.
पांच मिनट की चूत चुसाई के बाद चाची ने जोर जोर से आआह हह करते हुए आने बदन को अकड़ाना शुरू कर दिया और अपनी चूत का पानी फैंक दिया.
उनकी चूत में से निकला आधा रस तो मेरे मुँह में चला गया और आधा उनकी जांघों को भिगोने लगा.
चाची की चूत के रस का स्वाद अच्छा था; मैंने चाची की जांघों को चाट कर रस साफ़ कर दिया.
अब चाची थोड़ी ढीली हो गई थीं.
वो कुछ मिनट तक ऐसे ही मेरा सर अपनी दो टांगों के बीच में फंसाकर मेरे सर के बालों में अपना हाथ फिराती रहीं.
फिर चाची ने मुझे अलग किया और उठकर मेरी भी अंडरवियर निकाल दी.
मैं चित लेट गया. मेरा मूसल सा लंड बाहर निकल कर एकदम टाइट खड़ा हो गया था.
चाची मेरा साढ़े नौ इंच का लंड देखा तो ऐसे खुश हो गईं, जैसे किसी बच्चे को उसकी मनपसन्द का खिलौना मिल गया हो.
चाची ने एक पल लंड को निहारा मसला और सीधा अपने मुँह में ले लिया.
अब चाची मेरा लंड चूसने लगीं को लॉलीपॉप की तरहको लॉलीपॉप की तरह … और अपने दोनों हाथों से जोर-जोर से आगे पीछे करने लगीं.एक तरफ से चाची अपने हाथों और मुँह से मेरे लंड की मुठ मारने लगी थीं.
मुझे बहुत मजा आ रहा था.
फिर चाची ने अपने दोनों हाथ पर ऑयल लगा लिया और दोनों हाथ से मेरे लंड को मुट्ठी में पकड़ लिया.
वो जोर जोर से दोनों हाथ ऊपर नीचे करने लगीं.
मेरा लंड किसी मथानी की तरह मथने लगीं.
इस खेल में चाची से अपने दोनों हाथों से मेरे लंड को मुट्ठी में भर कर दबा देतीं, फिर भी मेरा थोड़ा लंड बाहर निकला रहता था.
चाची ने कुछ पल तक अपने दोनों हाथों से मेरे लंड को आगे पीछे करना चालू रखा.
वो शायद मेरे लंड की लम्बाई मोटाई का जायजा ले रही थीं.
थोड़ी देर बाद मेरा लंड अन्दर से टाइट होने लगा, मुझे काफी मजा आने लगा.
मैंने अपने दोनों हाथ पलंग पर फैला दिए और ऐसा फील करने लगा, जैसे मैं आसमान की ऊंचाइयों को छू रहा हूं.
कुछ देर बाद अचानक मेरे लंड में से पिचकारी निकली तो चाची मेरा सारा माल चाट गईं और पी गईं.
मैं बेड पर ढेर हो गया था.
चाची भी मेरी बाजू में लेट गईं.
दोस्तो, आज मेरे लंड से खेल कर चाची बहुत खुश हो गई थीं.
अभी उनकी चूत में जब मेरा हब्शी बन चुका लंड अन्दर जाएगा, तब क्या हाहाकार मचेगा, वो मैं आपको अपनी चाची की देसी चुदाई की कहानी के अगले भाग में लिखूँगा.
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2022-06-17 10:30:13 फिर आखिर में शनिवार का दिन आ ही गया.
मैं और चाची दस बजे तैयार हो गए.
मैंने थोड़े अतिरिक्त कपड़े भी ले लिए और चाची को बुलाने चला गया.
चाची भी रेडी होकर मेरा ही इंतजार कर रही थीं.
वो मुझे देख कर खड़ी हो गईं और चाचा को बाय बोल कर बाहर जाने लगीं.
चाचा बोले- कल ही वापस आ जाना … ज्यादा दिन मत रुकना.
चाची बोलीं- हां ठीक है, आ जाऊंगी. तुम खाना अपने भाई के घर घर खा लेना.
उनका कहने का मतलब चाचा को मेरे घर खाना खाने के लिए था.
चाचा बोले- ठीक है.
फिर चाची घर के बाहर आईं तो क्या गजब की माल लग रही थीं.
चाची ने आज हरे रंग के डिजाइन वाला पंजाबी कुर्ता पहन रखा था और सफेद कलर का चुस्त लोअर पहन रखा था.
उनका लोअर उनकी टांगों के साथ चिपक गया था.
चाची के यह कपड़े थोड़े पुराने थे और अब चाची की बॉडी कुछ ज्यादा भर गई थी, इसलिए ये वाले कपड़े चाची को बहुत चुस्त आ रहे थे.
कुर्ते में आगे की ओर से चाची के बड़े-बड़े मम्मे उछल रहे थे और पीछे की ओर चाची की मोटी गांड मटक रही थी.
सफेद दूध जैसे चेहरे पर चाची के कुछ बाल उड़ रहे थे.
वो गजब की हसीना लग रही थीं.
मैं तो चाची को देखते ही उनके हुस्न में खो सा गया था.
फिर चाची मेरे पास आईं और धक्का देती हुई बोलीं- कहां खोए हुए हो?
मैंने आंह भर कर कहा- आपके ही बारे में सोच रहा था.
चाची बोलीं- चल झूठे. अब चल गाड़ी स्टार्ट कर.
फिर मैंने बाइक स्टार्ट की और चाची मेरे पीछे बैठ गईं.
हम लोग सूरत जाने के लिए निकल पड़े.
मैंने अपना बैग मेरी आगे टंकी पर रख लिया ताकि चाची मुझसे चिपक कर बैठ सकें.
फिर वैसा ही हुआ बाइक पर बैठ कर चाची ने अपने दोनों हाथ मेरे पेट के ऊपर बांध दिए और पीछे से मुझसे चिपक कर बैठ गईं.
उनके दोनों बड़े बड़े मम्मे मेरी पीठ से रगड़ने लगे.
मुझे भी बहुत मजा आ रहा था.
रास्ते में चलते अपने साधनों से भी दूसरे लोग हमारी ओर ही देख रहे थे.
चाची ने अपना दुपट्टा मुँह से ढक दिया और फिर से आगे की ओर हाथ लाकर बांध दिए.
वो रोमांटिक बातें करने लगीं.
कोई 12:00 बजे हम दोनों सूरत आ पहुंचे और वहां जाकर पहले कुछ खाना खाया.
फिर मैंने मेडिकल स्टोर पर से वियाग्रा यानि लंबे समय तक चुदाई करने वाली गोलियां ले लीं. ऑयल की एक छोटी बोतल भी ले ली.
दूसरे स्टोर से कुछ चार पांच एनर्जी ड्रिंक की बोतलें भी ले लीं.
फिर हम दोनों अपने होटल के लिए निकल पड़े.
करीब 1:00 बजे होटल आ गए.
वेटर हमें हमारा रूम दिखाने लाया.
हम दोनों रूम में आए और दरवाजे के बाहर ‘डू नॉट डिस्टर्ब …’ का बोर्ड लगा कर बंद कर दिया.
मैंने ऐसी ऑन किया.
बहुत बहुत गर्मी थी जिसकी वजह से चाची का पूरा चेहरा लाल हो गया था.
चाची बोलीं- मैं फ्रेश होकर आती हूं.
मैं सोफे पर बैठ गया और एक एनर्जी ड्रिंक की एक बोतल पीने लगा.
चाची बाहर आईं तो मैंने चाची को एक सेक्स की गोली दे दी और मैंने भी पानी के साथ एक गोली ले ली.
चाची ने पानी के साथ गोली ले ली.
मैं चाची से बोला कि चाची अब आप पहले अपना एनर्जी ड्रिंक पी लीजिए, तब तक मैं फ्रेश होकर आता हूं.
चाची ने ड्रिंक की बोतल उठा ली और पीने लगीं.
मैं बाथरूम से बाहर आया और चाची से पूछा कि आपने ड्रिंक पी लिया न!
तो चाची बोलीं- हां पी लिया, अच्छा था.
मैंने चाची को सोफे पर ही अपनी बांहों में ले लिया और होंठ पर किस करने लगा.
चाची भी मेरा साथ देने लगीं.
मैंने चाची को गोद में उठा लिया और बेड के ऊपर जोर से फेंका.
बेड का गद्दा बहुत मुलायम और जंपिंग वाला था, जिससे चाची इतनी जोर से ऊपर ऊछलीं कि उनकी गांड और मम्मे मस्त सीन दिखाने लगे.
मैं चाची के ऊपर टूट पड़ा और उनके पूरे मुँह पर, गर्दन पर किस करने लगा.
उनके कपड़े निकाल दिए, अब वो सिर्फ ब्रा और पैंटी में ही थीं.
मैंने भी देर ना करते हुए अंडरवियर के अलावा सारे कपड़े निकाल दिए.
कुछ देर चूमाचाटी के बाद मैंने चाची की ब्रा को भी निकाल दिया और चाची के सर के बाल भी खोल दिए जिससे चाची एकदम गजब की रंडी दिख रही थीं.
उनके गोरे बदन पर बड़े बड़े खरबूजे की तरह मम्मे थिरक से रहे थे. एक मम्मे के ऊपर सर के बाल बिखरे पड़े थे.
मैंने अपना मुँह चाची के एक मम्मे पर लगा लिया और चूसने लगा, काटने लगा.
चाची भी धीरे-धीरे गर्म होने लगीं और सिसकारियां निकालने लगीं.
मम्मे चूसने के साथ ही मैंने चाची की पैंटी को भी निकाल दिया.
अब चाची की मस्त गुलाबी चूत के दर्शन सुलभ हो गए.
मैंने देखा कि आज चाची अपनी चूत को पूरा सफाचट करके आई थीं.
चूत के ऊपर एक भी बाल नहीं दिख रहा था.
मैंने भी दो दिन पहले ही लंड के जंगल को साफ़ करके रखा था.
जल्द ही मैंने अपना मुँह चूत के ऊपर रख दिया और चाची की चूत पर अपनी जीभ फिराने लगा.
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2022-06-17 10:30:13 पुसी लिक हिंदी स्टोरी में पढ़ें कि चाची खुल कर अपनी चुदाई करवाने के लिए मुझे लेकर होटल के कमरे में आई. होटल में कोई डर नहीं था.
हैलो फ्रेंड्स, मैं परिमल पटेल एक बार फिर से आपको अपनी मदमस्त चुदक्कड़ चाची की देसी चुदाई की कहानी में स्वागत करता हूँ.
इस सेक्स कहानी के पिछले भाग
चुदासी चाची को उनके घर में चोदा
में आपने पढ़ा था कि अन्तर्वासना साईट पर लंड लम्बा और मोटा करने के एक विज्ञापन को पढ़ कर मैंने अपने लंड को काफी मोटा व लम्बा कर लिया था.
मैं अपने लौड़े की साइज़ से काफी खुश था और अपनी ख़ुशी को चाची से बांटने उनके घर में किचन में आ गया था.
मैंने चाची के कपड़ों के ऊपर से ही उनकी गांड में लंड घिसा, तो चाची थर्रा गईं.
अब आगे पुसी लिक हिंदी स्टोरी:
मैंने चाची से कहा- चाची आपकी ख्वाहिश पूरी हो गई. अब आप परिमल के लंड से नहीं, बल्कि आज आप नौ इंच लम्बे घोड़े जैसे लंड से चुदोगी.
चाची बोलीं- क्या सच में!
मैंने चाची को छोड़कर अपने पैंट की जिप खोली और अपना मूसल सा लंड बाहर निकाला.
मेरा मोटा लंड देखकर चाची का मुँह खुला का खुला ही रह गया. वह बहुत खुश हुईं और मेरे लंड के ऊपर एक चुम्मा भी दे दिया.
चाची बोलीं- यह सचमुच तुम्हारा लंड है या किसी और का लगा लिया! मुझे तो यकीन ही नहीं होता.
मैंने हंस कर दिखा दिया.
वो मुझे किस करने लगीं और बोलीं- तुम्हारा लंड अब मैं यहां घर में नहीं लूंगी … बल्कि बाहर होटल में जाकर पूरा दिन खूब चुदाई करेंगे … और मजे करेंगे.
मैंने कहा- ठीक है जैसी आपकी मर्जी.
चाची बोलीं- और हां, यहां भरुच में होटल बुक मत करना बल्कि सूरत में एक अच्छे वाले होटल में एक रूम बुक कर लेना. मैं तुम्हारे चाचा को राजी कर लूंगी और बाहर जाने के लिए उन्हें मना लूंगी.
मैंने कहा- ठीक है, जैसी आपकी मर्जी.
मैं अपने घर चला आया.
अब मैं इंतजार नहीं कर सकता था.
मैंने पिछले एक महीने से चुदाई नहीं की थी और अभी रविवार को चार दिन बाकी थे.
फिर अगले दिन मेरे पिताजी का जन्मदिन था तो शाम को हमने एक छोटी सी पार्टी जैसी रखी.
उसमें हमने चाचा और चाची को भी बुलाया था.
पार्टी हुई, केक कटा और उसके बाद हम लोगों ने खाना खाया.
खाने के बाद दोनों परिवार साथ में ही बैठकर इधर उधर की बातें कर रहे थे.
उसी बीच में चाची, चाचा से बोलने लगीं- मेरी एक बचपन की सहेली पिछले दस सालों से केनेडा में थी, वह वापस घर आई है. उसका घर सूरत में है, तो अगले शनिवार को क्या मैं उससे मिलने चली जाऊं?
चाचा बोले- हां क्यों नहीं, मिलने जरूर जाओ.
चाची बोलीं- ठीक है आप मेरे साथ आओगे ना … वर्ना मैं किसके साथ जाऊंगी?
चाचा बोले- हां मैं तुम्हारे साथ आ जाऊंगा.
ये सुनकर चाची की मोमबत्ती बुझ गई.
पर चाचा ने आगे कहा- थोड़ी देर में मिल कर घर वापस आना हो, तो मैं साथ चला चलूँगा, वर्ना मैं नहीं जाऊंगा.
चाची बोलीं- अरे ऐसे कैसे, मैं तुरंत कैसे वापस आ जाऊंगी. कितने सालों से मैं अपनी सहेली से नहीं मिली. मुझे वापस आने में एक-दो दिन तो लगेंगे ही न!
चाचा मुँह बनाने लगे.
चाची- उसके पापा ने उसके आने की खुशी में अपने घर पर एक छोटा सा फंक्शन भी रखा है. इसलिए हम लोग दूसरे दिन ही वापस आ पाएंगे.
अब चाचा बोले- नहीं, अगर तुरंत वापस आना हो, तो मैं आऊंगा वर्ना तुम अकेली चले जाना. मुझे यहां बहुत काम हैं.
चाचा की इस बात से चाची को राहत मिल गई और वो बोलीं- तो क्या मैं अपने साथ परिमल को ले जाऊं?
चाचा बोले- हां क्यों नहीं, यह तो बहुत अच्छी बात है. इसके बहाने परिमल को भी तुम्हारे साथ घूमने का मौका मिल जाएगा और तुम्हारी सहेली के साथ मिलना भी हो जाएगा.
अब चाचा मुझसे बोले- क्यों परिमल जाओगे ना चाची के साथ?
मैं तो अन्दर ही अन्दर खुश हो रहा था और चाचा को दिखाने के लिए सोचने लगा.
चाचा बोले- क्या यार परिमल, तुम भी इतना क्यों सोचते हो. एक दिन शनिवार को छुट्टी ले लेना और संडे को तो तुम्हारी छुट्टी रहती ही है.
मैंने कहा- ठीक है चाचा, मैं चाची के साथ चला जाऊंगा.
मैं और चाची अन्दर ही अन्दर बहुत खुश हुए और मेरे मम्मी पापा भी मान गए.
मेरी मम्मी ने भी चाची से बोल दिया- हां ऋत्विका, तुम अकेली मत जाना. जमाना बहुत खराब है. परिमल को अपने साथ ले ही जाना. वह बाईक ले लेगा, तुम दोनों बाईक पर चले जाना.
ये सुनकर मैं तो ख़ुशी से फूला नहीं समा रहा था.
कुछ देर बाद चाचा चाची अपने घर चले गए.
उनके जाते ही मैंने सूरत में एक बेहतरीन होटल खोजा और उसमें एक कपल वाला रूम बुक कर दिया.
अब मैं शनिवार का इंतजार करने लगा.
अभी शनिवार को 2 दिन बाकी थे.
जैसे तैसे मैंने वो दो दिन निकाले.
वो दो दिन मुझे दो महीने जैसे लगे.
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2022-06-17 10:30:13
चुदासी चाची के साथ मस्ती से भरी रंगरेलियां- 2
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