2021-04-23 22:15:04
मेरी दीदी का बदन ऐसा दिख रहा था मानो कोई जन्नत की हूर सामने नंगी हो गई हो. आह क्या मस्त गोरा बदन … उनके चूचे देख कर तो मेरा लंड भी खड़ा हो गया. कुछ ही पलों में तीनों हब्शी भी नंगे हो गए. उन सभी के दस इंच के काले लौड़े भयानक तन्ना रहे थे. उनके सामने मेरी दीदी छोटी सी कली लग रही थी.
दीदी ने एक हब्शी के लंड को मुँह में ले लिया और लंड चूसने लगी. वो पांच मिनट लंड चुसवाने के बाद मेरी दीदी के मुँह में ही झड़ गया. दीदी ने उस हब्शी का सारा माल पी लिया.
फिर दूसरे हब्शी ने दीदी की चुत में लंड डाला. उस हरामी ने मेरी दीदी की बुर में बिना कंडोम के ही लंड पेल दिया था. उसका मोटा लंड चुत में लेते ही दीदी की आंख से आंसू निकल आए. मैं भी सन्न रह गया, जब उसने इतना बड़ा लंड मेरी दीदी की गुच्चू सी बुर में डाला.
दीदी की भी जोर की आह निकल गयी. दीदी चिल्लाने लगी- छोड़ो उम्म्ह… अहह… हय… याह… छोड़ो …
लेकिन वो नहीं रुका उसने पूरा लौड़ा अन्दर करके ही दम लिया. कुछ देर में उसका लंड दीदी की चुत में इकसठ-बासठ करने लगा. दीदी ने भी उसके लंड को झेल लिया था और वो कराहते हुए लंड का मजा लेने लगी थी.
तभी दूसरे ने मेरी दीदी की गांड में अपना लंड ठूंस दिया. दीदी की गांड फट गई और वो जोर जोर से चीखने लगी. हालांकि दीदी गांड मराने की अभ्यस्त थी, लेकिन एक हब्शी का खीरे सा मोटा लंड अपनी गांड में लेना दीदी के लिए बहुत भारी पड़ गया था.
तभी तीसरे से अपना लंड दीदी के मुँह में पेल दिया. इससे दीदी की आवाजें निकलना बंद हो गईं.
उसी समय उस हब्शी ने व्हिस्की की बोतल उठाई और अपने लंड पर गिराते हुए दीदी को शराब पिलाने लगा. दीदी के मुँह में लंड घुसा था, इसलिए उसके लिए नीट शराब पीना लाजिमी हो गया.
करीब एक मिनट तक रुक रुक कर वो हब्शी दीदी को अपने लंड के माध्यम से व्हिस्की पिलाता रहा. इससे दीदी को मजा आने लगा और वो मस्ती से अपने दोनों छेदों में घुसे लंड का मजा लेने लगी. शायद उसका दर्द कम हो गया था.
अब वे तीनों सांड एक साथ मेरे दीदी पर चढ़े हुए थे. हर चार पांच मिनट में अब वे तीनों हब्शी मेरी दीदी के छेद को अपने लंड से बदल बदल कर चोद रहे थे. कभी कोई हब्शी दीदी की चुत में लंड डाल रहा था, तो दूसरा गांड मारने लगता. तीसरा उसके मुँह में लंड डाल कर दीदी के मुँह को चोद रहा था.
पूरे रूम में चुदाई की मदमस्त धप धप की आवाजें आने लगी थीं. दीदी की मदभरी सिसकारियां पूरे कमरे मुँह गूंज रही थीं.
दीदी मस्ती से चिल्ला रही थी- आह कमीनों चोदो … मुझे चोदो …
वो हब्शी लोग दीदी को रंडी की तरह दो घंटे तक धकापेल चोदते रहे. चुदाई से दीदी का गोरा शरिर लाल हो चुका था. एक हब्शी जो दीदी की गांड पर मार रहा था … उसने तो दीदी के चूचे दबा दबा कर लाल कर दिए थे.
फिर तीनों ने लंड निकाल कर दीदी को बीच में बैठाया और एक एक करके दीदी के मुँह में लंड देने लगे. उन हब्शियों का माल निकलना शुरू हो गया था. वे तीनों हब्शी एक एक करके दीदी के मुँह में पिचकारी मार रहे थे. साले ऊपर से मेरी दीदी के मुँह पर थूक भी रहे थे.
दीदी ने तीनों का माल पिया. फिर तीनों ने दीदी के ऊपर लंड की धार बाँध कर मूत भी दिया. दीदी नशे में टुन्न थी. उसको तो होश ही नहीं था. उसने उन तीनों का मूत भी पी लिया. मेरी दीदी की चुत का भोसड़ा और गांड का गड्डा बना कर वो तीनों लोग थोड़ी देर बाद हंसते हुए बाहर चले गए.
दीदी फर्श पर चित पड़ी थी. मैंने दीदी को साफ किया. उसकी चुत फट चुकी थी.
उसने मुझे बोला- ये बात किसी को मत बताना.
मैंने भी बोला- ठीक है.
वैसे भी पहले भी वो मेरे सामने कई लोगों से चुदवा चुकी थी.
मैंने उससे बोला- चलो दीदी उन तीनों के वापस आने से पहले निकल चलते हैं.
दीदी बोली- रुक जा … आज पहली बार रंडी जैसा लग रहा है. आज चुत फट भी जाये तो चलेगा. तू सिर्फ ध्यान रखना, अगर ज्यादा हो जाए, तो किसी एक का मुँह में ले लेना, जिससे मुझे थोड़ा आराम मिल जाए.
मैं भी तैयार हो गया.
वही हुआ … थोड़ी देर बाद वो तीनों नशे में टुन्न होकर वापिस कमरे में आ गए. फिर से चुदाई का तांडव शुरू हो गया. मेरी दीदी को वे तीनों जोर जोर से चोदने लगे. इस बार मेरी दीदी भी मजे ले रही थी.
दीदी की चुदाई देखते हुए अब तक मैंने भी दो बार मुठ मार ली थी.
इतने बड़े लंड देख अब मुझे मजा आने लगा था. मैंने दीदी के मुँह में घुसा हुआ एक हब्शी का लंड निकाल कर अपने मुँह में ले लिया और चूसने लगा.
उस साले को न जाने क्या समझ आया कि उसने मेरी गांड में लंड डाल दिया. उसका लंड लेते ही मेरी गांड दर्द से बिलबिला उठी. मैंने उससे छूटने की बहुत कोशिश की, पर उस हब्शी की ताकत के सामने मेरी एक ना चली. साले कुत्ते ने सांड जैसे लंड को मेरी गांड में बड़ी बेदर्दी से डाल दिया था. मेरी आंख से आंसू निकल आए.
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