2021-04-30 20:57:29
देसी आंटी सेक्स कहानी में पढ़ें कि मेरे पड़ोस की एक सेक्सी आंटी चुदाई करना चाहता था. उनको मैंने दोस्त बनाया. एक रात आंटी ने मुझे खाने पर बुलाया.
मैं आपका राज शर्मा … मेरी उम्र 28 साल, लंड 7″ 3″ कद 5″4″
आपका स्वागत है मेरी नयी कहानी में! मैं लाया हूं आपके सामने अपनी एक और सच्ची कहानी!
मेरी पिछली कहानी थी: लॉकडाउन में विवाह में मिली चूत
देसी आंटी सेक्स कहानी तब की है जब मैं गुड़गांव में रहता था, एक प्राइवेट कम्पनी में काम करता था.
मैं जिस बिल्डिंग में रहता था, पास में एक अंकल और आंटी भी किराए पर रहने आये.
एक दिन मेरी नज़र आंटी पर गयी. मस्त भरे मम्मे. उभरी गांड देखकर बुड्ढा भी लंड खड़ा कर ले.
मेरा भी लंड खड़ा होने लगा.
मैं अपने रूम में आ गया लेकिन उसका बदन मेरे सामने था जैसे!
मेरा लौड़ा खड़ा हो गया और मैंने धीरे धीरे सहलाना शुरू कर दिया.
उसे याद करके लंड हिलाने लगा और झटके मारने लगा थोड़ी देर में मेरा पानी निकल गया.
अब मैं सोचने लगा कैसे इसको चोदा जाए.
फिर मैंने धीरे धीरे उनसे नजदीकियां बढ़ाना शुरू कर दिया और हमारी दोस्ती हो गयी.
एक दिन मैं कम्पनी ऑफिस से रूम पर आया.
तभी अंजुमन आंटी ने आवाज़ दी.
मैं रूक गया.
वो बोली- राज, रात का खाना मेरे रूम में खा लेना आज. मैंने अंडे बनाए हैं.
मैं बोला- हां आंटी, ठीक है.
और मैं अपने रूम में आ गया।
मैं बहुत खुश था कि देसी आंटी सेक्स का मौक़ा मिल सकता है.
मैंने तुरंत एक प्लान बनाया.
मैं बाजार गया, 4 बोतल बीयर, कंडोम और सैक्स की गोलियां लाया.
मैंने लोवर के अंदर अंडरवियर नहीं पहना और पूरी तैयारी से नीचे आ गया.
नीचे आया तो देखा अंजुमन आंटी भी दुल्हन के जैसे तैयार थी.
मैंने पूछा- आंटी, कहीं शादी में जा रही हो क्या?
और मैं मन ही मन दुखी हो गया कि आज का प्लान बेकार हो गया।
वो बोली- नहीं, आज मेरा जन्मदिन है. लेकिन तेरे अंकल काम से नोएडा गये हैं.
और रोने लगी.
मैंने मौका देखकर उसको पकड़ा और बोला- आंटी, आप रोना बंद करो. मैं मनाऊंगा आपका जन्मदिन!
और मैं जल्दी से केक ले आया.
आंटी ने केक काटा, मुझे खिलाया और मैंने उनको!
उन्होंने एकदम से मुझे अपने सीने से लगा लिया और बोली- थैंक्स राज!
मैंने कहा- पार्टी तो बाकी है.
और मैंने बैग से बीयर निकाली.
पहले आंटी मना करने लगी लेकिन मेरे बोलने से मान गयी.
हमने 2 बोतल खाली कर दी.
अब आंटी को नशा होने लगा. मैंने धीरे से गोली निकाली और पैग मैं डाल दी और वो गटागट पी गयी.
थोड़ी देर में गोली ने अपना काम शुरू कर दिया.
फिर एक गोली मैंने खा ली तीसरी बोतल भी खाली कर दी.
अब आंटी के बदन में आग जलने लगी, आंटी बोली- राज, मेरा गिफ्ट कहां है?
मैं चुप हो गया क्योंकि जल्दी जल्दी में गिफ्ट लाना भूल गया था.
मैं चुप था तो वो बोली- क्या हुआ?
तो मैं बोला- गिफ्ट कल मिल जाएगा. क्या चाहिए बोलो?
वो बोली- आज जन्मदिन है तो गिफ्ट भी आज लूंगी.
मैंने एकदम से उसके होंठों पर अपने होंठ रख दिए और चूसने लगा.
थोड़ी देर बाद वे दोनों अलग हो गये.
वो बोली- ये नहीं … मुझे मेरा गिफ्ट चाहिए.
और एकदम से लोवर के उपर से ही लंड को पकड़ कर बोली- दो मेरा गिफ्ट!
मैं चौंक गया और कुछ ना बोला.
उसने मेरे लोवर के अंदर हाथ डाल दिया.
जैसे ही उसने मेरे लौड़े को अपने हाथ में लिया, मेरे शरीर में करंट दौड़ने लगा और मैंने उसके बूब्स दबाने शुरू कर दिए; उसकी साड़ी अलग कर दी और उसको लेकर बिस्तर में आ गया.
अब आंटी के बूब्स बाहर आने को बैचेन थे. मैंने उसका ब्लाउज और ब्रा अलग किये तो उसके पके आम मेरे हाथ में आ गये और मैं चूसने लगा.
वो भी धीरे धीरे मेरे लौड़े को सहलाने लगी.
उसने मेरी लोवर उतार दी और मेरे लौड़े से खेलने लगी.
मैं उठा और उसकी छाती पर बैठ गया और लन्ड को उसके होंठों पर रगड़ने लगा.
उसने लन्ड को तुरंत मुंह में लिया और लोलीपॉप के जैसे चूसने लगी जैसे बहुत दिनों से प्यासी हो.
और मैं झटके मारके उसका मुंह चोदने लगा. वो लंड को लोलीपॉप के जैसे मस्त हो कर चूस रही थी.
अब दोनों बहुत गर्म हो चुके थे.
मेरे शरीर में अकड़न हुई और लंड का पानी निकल गया. उसने गटागट करके पी लिया.
मैं थोड़ी देर लंड मुंह में डाले लेटा रहा.
उसके बाद मैं उठा और उसका पेटीकोट उतारा तो उसने भी पैंटी नहीं पहनी थी.
आंटी की चूत बिल्कुल चिकनी थी जैसे उसने आज ही बाल साफ़ किए हों.
मैंने बिना देर किए अपने होंठ उसकी मखमली गुलाबी चूत में रख दिए और धीरे धीरे चाटने लगा.
वो सिसकारियां भरने लगी.
मैंने जैसे ही जीभ घुसाई, वो चिल्लाने लगी.
अब मैंने जल्दी जल्दी जीभ चलाना शुरू कर दिया.
वो मचलने लगी, बोली- राज, मेरी चूत को खा जा! ये तेरे लिए कब से तड़प रही थी.
मैं चौंक गया.
अब मेरा जोश दुगुना हो गया और जोर जोर से आंटी की चूत चाटने लगा.
वो उईई आआहह सीईई की आवाज निकालने लगी.
थोड़ी देर बाद अंजुमन आंटी की चूत से नमकीन पानी निकलने लगा और मैं पी गया.
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