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ℍ𝕚𝕟𝕕𝕚 & 𝔼𝕟𝕘𝕝𝕚𝕤𝕙 𝕊𝕖𝕩 𝕊𝕥𝕠𝕣𝕪

टेलीग्राम चैनल का लोगो hindi_chudai_kahani — ℍ𝕚𝕟𝕕𝕚 & 𝔼𝕟𝕘𝕝𝕚𝕤𝕙 𝕊𝕖𝕩 𝕊𝕥𝕠𝕣𝕪
चैनल का पता: @hindi_chudai_kahani
श्रेणियाँ: वयस्क सामग्री (18+)
भाषा: हिंदी
ग्राहकों: 5.46K
चैनल से विवरण

𝑾𝒆𝒍𝒄𝒐𝒎 𝑻𝒐 𝑺𝒆𝒙 𝑺𝒕𝒐𝒓𝒚 𝑪𝒉𝒂𝒏𝒏𝒆𝒍 𝑾𝒉𝒆𝒓𝒆 𝒚𝒐𝒖 𝒄𝒂𝒏 𝑹𝒆𝒂𝒅 𝒂𝒘𝒆𝒔𝒐𝒎𝒆 𝒔𝒆𝒙 𝒔𝒕𝒐𝒓𝒚 𝑰𝒏 𝑯𝒊𝒏𝒅𝒊 & 𝑬𝒏𝒈𝒍𝒊𝒔𝒉
𝑷𝒍𝒛 𝑺𝒉𝒂𝒓𝒆 & 𝑺𝒖𝒑𝒑𝒐𝒓𝒕 𝑼𝒔

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नवीनतम संदेश 12

2021-05-14 22:15:32 दीवाली की शाम मैं अपने मित्र के घर गया. उस समय घर में उसकी माँ अकेली थी. तभी मेरे दोस्त की बहन भी आ गयी. उसकी खिली जवानी देख मैं देखता ही रह गया.

नमस्कार दोस्तो, मैं राजीवअपनी एक सेक्सी कहानी के साथ हाजिर हूँ जो इस दीपावली मेरे साथ हुई।

दोस्तो इस दीपावली की छुट्टी में मैं अपने गाँव गया हुआ था। दीपावली की शाम को दिए जलाने के बाद मैं अपने पड़ोस में एक मित्र के घर गया जो मेरे साथ ही वाराणसी में काम करता है और इस बार वो वापस गांव नहीं आ पाया था।

उसके घर में उसके पापा मम्मी और एक छोटी बहन, जिसका नाम पीहू था, रहती थी। जब मैं उसके घर पहुँचा तो घर पर सिर्फ उसकी मां थी।
मैंने उन्हें दीपावली की शुभकामनाएं दी और पीहू और उसके पापा के बारे पूछा.
तो उन्होंने बताया कि पीहू के पापा किसी काम से रिश्तेदार के यह गए है कल आएंगे। पीहू गांव में मन्दिर पर दिए जलाने गयी है, कुछ देर बाद आएगी।

तब मैंने उनके साथ मिलकर पूरे घर में दीये जलाये।
दिए जलाने के बाद उसकी माँ और मैं छत पर खड़े होकर बात कर रहे थे तभी वहाँ पीहू आ गयी।
उसने मुझसे कहा- भैया, आप कब आये?

मैं तो बस उसे देखता रह गया.
वो नीले रंग का कमीज और सफेद सलवार पहने थी।

दोस्तो, पहले मैं पीहू के फिगर के बारे में बता दूँ. उसकी हाइट लगभग पांच फुट, उसकी चूचियों का साइज बत्तीस इंच, कमर छब्बीस इंच और गांड का साइज़ बत्तीस इंच था।

मैं पीहू से दो साल बाद मिला था। इन दो सालों में उसका बदन काफी भर गया था। उसकी उम्र बाइस साल की हो गयी थी।

उसके आने के बाद उसकी मम्मी ने कहा- तुम दोनों बात करो, मैं नीचे जा रही हूँ खाना बनाने।

उसकी मम्मी के जाने के बाद मैं पीहू को कुछ देर तक लगातार देखता रहा तो पीहू ने हंसकर कहा- भैया, क्या देख रहे हो? पहले कभी नहीं देखा क्या?
तब मैंने कहा- पहले भी देखा है पर तब और अब तुम काफी बदल गयी हो।

यह सुनकर पीहू ने कहा- मैं कहाँ बदली हूँ, मैं तो वैसी ही हूँ.
तब मैंने कहा- बदल तो गयी हो. अब पहले से ज्यादा खूबसूरत लग रही हो।

पीहू बोली- झूठी तारीफ मत करिए.
तब मैंने कहा- झूठ नहीं कह रहा हूँ. सच में तुम बहुत ही खूबसूरत लग रही हो. तुम्हें देखकर तो कोई भी पागल हो जाएगा। किसी का भी दिल तुम्हें पाने के लिए मचल जाएगा।

पीहू यह सुनकर मुस्कुराती हुई बोली- भैया, खूबसूरत तो आप भी बहुत लग रहे हैं, आपको भी कई सारी लड़कियां पसन्द करती होंगी।
मैंने कहा- ऐसी बात नहीं है, मुझे तो आज तक किसी ने नहीं कहा.
तो वो बोली- डरती होंगी आपसे!
तब मैंने कहा- इसमें डरने वाली क्या बात है। जब तक कोई कहेगा नहीं … तब तक किसी के दिल का हाल कैसे पता चलेगा।

पीहू ने कहा- भैया आपकी कोई गर्लफ्रैंड है?
तो मैंने कहा- नहीं!

मैंने उससे पूछा बॉयफ्रेंड के बारे में तो उसने भी न में जवाब दिया।

पीहू ने मुझसे पूछा- भैया, आपको कैसी गर्लफ्रैंड चाहिए?
तब मैंने कहा- बिल्कुल तुम्हारे जैसी!
तो उसने कहा- मतलब?
तब मैंने कहा- तुम्हारे जैसी न ज्यादा पतली न ज्यादा मोटी! तुम्हारे जैसी खूबसूरत और जिस पर मैं तुम्हारे जितना विश्वास कर सकूं कि वो हमारी बातें किसी और से न कहे।

पीहू बोली- भैया, इस तरह की तो सिर्फ मैं हूँ. तब तो आपको मुझे ही अपनी गर्लफ्रैंड बनाना पड़ेगा. नहीं तो बिना गर्लफ्रैंड के रह जाएंगे।
तब मैंने कहा- मेरी इतनी अच्छी किस्मत कहाँ कि तुम मेरी गर्लफ्रैंड बनो।
पीहू ने कहा- आपको मुझसे अच्छी मिलेगी!
तब मैंने कहा- मुझे तुमसे अच्छी नहीं, तुम्हारे जैसी चाहिए।

पीहू ने कहा- भैया क्या आप अपनी बहन को अपनी गर्लफ्रैंड बनाना चाहते हैं?
तो मैंने कहा- अगर मेरी प्यारी बहना को एतराज न हो तो मैं उसे गर्लफ्रैंड बनाना चाहता हूँ।

पीहू ने कहा- कहीं आप भाई को तो नहीं बता देंगे कि मैं आप से ऐसे बात कर रही थी?
तब मैंने कहा- क्या मुझपर विश्वास नहीं है?
तो उसने कहा- आप पर तो मैं खुद से भी ज्यादा विश्वास करती हूँ।

मैंने पीहू से कहा- पीहू, तुम मुझे बहुत अच्छी लगती हो, मैं तुमसे प्यार करता हूँ.
तो पीहू ने कहा कि वो भी मुझसे प्यार करती है।

इसके बाद मैंने पीहू को पकड़ कर अपने सीने से लगा लिया। मैंने पीहू का सर अपने दोनों हाथों में लेकर उसके माथे पर एक चुम्बन किया तो उसने अपनी आँखें बंद कर ली.

फिर मैं उसके पूरे चेहरे पर किस करने लगा.
पीहू मदहोश हो गयी थी।

फिर मैं उसके होंठों को अपने होंठों में लेकर चूसने लगा, वो भी मेरा साथ देने लगी. करीब दो तीन मिनट तक हम एक दूसरे के होंठों को चूसते रहे।

इसके बाद मैंने पीहू को पलट कर उसके पीछे आ गया और अपने दोनों हाथों को समीज के अंदर उसके चूचियों पर रखकर दबाने लगा और अपने होंठों से उसके गर्दन पर किस करने लगा।
पीहू ने मुझसे कहा- भैया, मम्मी कभी भी ऊपर आ सकती हैं.
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2021-05-14 22:15:31
दोस्त की बहन बनी गर्लफ्रेंड-1
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2021-05-14 22:15:19 मैंने भी उसके कोमल से हाथों का स्पर्श लेते हुए मिलाया.

रिट्ज के पास स्कूटी थी, तो वो चलाने लगी और मैं उसके पीछे बैठ गया.
फिर मैं मेरे दोस्त के घर आया.

उसने मुझे मोबाइल देते हुए कहा- ये रोज़ स्कूल मोबाइल लेकर आती है.
मैंने बोला- ये रोज़ लाए, लेकिन इसको कुछ मत बोलना और जब कभी चैकिंग हो … तो तुम इसको बचा लेना.

वो मुझे एक तरफ ले जाकर बोला- आइटम कांटा है. कभी मुझे भी याद कर लेना.
मैं बस मुस्कुरा कर रह गया और मैंने बताया कि ये मेरी एक परिचित की आंटी की बेटी है.

इस पर वो चुप हो गया.

मैं उसका मोबाइल लेकर बाहर आया और रिट्ज से बोला कि आंटी तो बोल रही थीं कि तुम आज पहली बार मोबाइल लेकर गई थीं, वो भी गलती से. लेकिन तुम्हारे सर बता रहे हैं कि तुम रोज़ मोबाइल लेकर आती हो.
इस पर उसने मेरा हाथ पकड़ा और बोली- यार प्लीज मम्मी को कुछ मत बोलना … वरना वो मेरा मोबाइल ले लेंगी.

मैंने उससे कहा- ओके तुम चिंता मत करो, मैं आंटी से कुछ नहीं बोलूंगा. मैंने तुम्हारे टीचर से भी तुम्हारे रोज़ स्कूल मोबाइल ले जाने पर कह दिया है.
वो ये सुनकर एकदम से खुश हो गयी और मुझे गले से लगा कर थैंक्यू कहने लगी.

जैसे ही वो मेरे गले लगी, तो उसकी चुचियां मेरे सीने से दबती हुई बड़ी मस्त प्रतीत हो रही थीं.

इसके बाद वो मुझे मेरे घर छोड़ कर चली गयी.

अब इस तरह से आंटी से मेरी धीरे धीरे बहुत अच्छी बनने लगी और रिट्ज से भी.
ज़्यादातर आंटी मुझसे बाहर के कामों में मुझसे मदद लेने लगीं.

एक दिन उनको अपनी दुकान के कागज़ अपने नाम करवाने थे क्योंकि अंकल तो बिस्तर पर ही पड़े थे … शायद वो हमेशा के लिए ही ऐसे रहने वाले थे.

उस दिन शाम को जब मैं उनके साथ बैठा था, तो वो बोलीं कि कल मुझे कचहरी जाना है … अगर तुम मेरे साथ चल सको, तो बहुत अच्छा रहेगा क्योंकि वहां सब अकेली औरत को बड़ी अजीब नज़रों से देखते हैं.

मैं कहां ऐसा मौका जाने देता. मैं बोला- ठीक है.
आंटी बोलीं- ओके कल सुबह 10 बजे मिलते हैं.

मैंने रात में एक दोस्त से सुबह बाइक मांग ली और आंटी के साथ जाने के लिए तैयार हो गया. ठीक 10 बजे मैं उनके घर के बाहर पहुंच गया.

कुछ देर में आंटी का फ़ोन आया तो मैं बोला कि मैं आपके घर के बाहर खड़ा हूँ.
वो बोलीं- अरे तुम आ भी गए, बस जरा रुको मैं अभी आयी.

जब वो बाहर आयी तो आज वो एकदम गजब की कामुक औरत लग रही थीं.
आज उन्होंने एक काली बहुत चुस्त लैगिंग पहन रखी थी और उसके ऊपर हल्के रंग की एक बहुत चिपकी और मस्त कुर्ती पहनी हुई थी. चेहरे पर हल्का सा मेकअप और होंठों पर गहरी लाल लाली लगाई हुई थी.

जब वो मेरे पास आईं और बोलीं- कहां खो गए … चलो!

वो मेरे पीछे एक तरफ पैर करके ऐसे बैठ गईं जैसे बीवियां बैठती हैं. वो मुझसे थोड़ा चिपक कर भी बैठी थीं.

मैं उनको वहां से लेकर निकला और रास्ते भर उनके मोटे मम्मों का स्पर्श अपनी पीठ पर लेता रहा.
हम कचहरी पहुंच कर काम निपटाने लगे और करीब दोपहर दो बजे के आसपास हम दोनों घर वापस आ गए.

आज आंटी ने मुझे अपने घर में बुला कर अपने साथ खाना खिलाया.
तभी रिट्ज भी स्कूल से आ गयी थी. वो स्कर्ट और शर्ट में एकदम कड़क माल लग रही थी.

लेकिन मैं वहां ज्यादा रुका नहीं; खाना खाकर सीधे अपने घर आ गया.

इस तरह से मेरी आंटी से नज़दीकियां भी बढ़ने लगीं. मैं बराबर उनके घर भी आने जाने लगा.
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2021-05-14 22:15:19 उस वक्त जब किसी ग्राहक को सामान देने के लिए जब आंटी उठती थीं, तो मेरे मुँह के सामने अपनी बड़ी सी गांड मटकाते हुए जातीं.
ये सब देख कर मेरा पारा एकदम हाई हो रहा था. लेकिन मैं किसी तरह ये सब रोक कर बैठा रहा.

आज मैं उनकी दुकान बंद होने तक उनके साथ उनकी दुकान पर रहा क्योंकि अंकल के कोमा में जाने की वजह से शायद आंटी बिल्कुल अकेली हो गयी थीं.
इसीलिए उन्होंने मेरे से बात करने में काफी समय गुजारा था.

आखिर में उन्होंने बोला कि आज काफी दिनों बाद मैंने किसी से इतनी देर और इतनी बात की है. मेरा मन आज बहुत हल्का सा महसूस हो रहा है.
मैंने भी मौका देखते हुए बोला- आंटी, क्यों न आप मुझसे दोस्ती कर लो. इसी बहाने आपका मन भी बहला रहेगा और मुझे आप जैसे एक अच्छे दोस्त का भी साथ मिल जाएगा.

आंटी के चेहरे पर हल्की सी मुस्कान आ गई.

कुछ देर बाद उन्होंने मेरी मदद से दुकान का शटर गिराया और फिर हम दोनों अपने अपने घर चले गए.

आज घर पहुंच कर मुझे बहुत अच्छा महसूस हो रहा था और आंटी के साथ बिताये पल मुझे मस्त लग रहे थे.

अगले दिन जब मैं सोकर उठा, तो देखा कि आंटी का मेरे मोबाइल पर गुड मॉर्निंग का मैसेज था.
मैंने भी उसका जवाब दिया.

उसके कुछ देर बाद उन्होंने भी मुझसे थोड़ा हाल चाल पूछा और मैंने भी.

शाम को करीब पांच बजे जब मैं घर में था, तो आंटी का कॉल आया.
वो बोलीं- बेटा आप कहां हो?
मैंने बोला- घर.
तो वो बोलीं- अगर फ्री हो तो मेरी शॉप पर आ जाओ.

मैं फट से घर से उनकी दुकान चला गया और आज हमने काफी बातें की. एक दूसरे के बारे में जाना.

उससे मुझे पता चला कि उनकी एक बेटी भी है, जिसका नाम रिट्ज खिलवानी है जो अभी बारहवीं कक्षा में थी.

मैं पहले दिन की तरह आज भी उनसे काफी देर तक बातचीत करके दुकान बढ़वा कर ही घर अपने आया.

अगले दिन फिर सुबह हमारी मैसेज पर थोड़ी बहुत बात हुई और शाम को फिर से मैं उनकी दुकान पर चला गया.

उस दिन काफी देर बाद उनकी दुकान में एक एकदम मस्त टॉप क्लास की लौंडिया आई.
उसने एक स्कर्ट और टॉप पहन रखा था, उसका टॉप एकदम खुला हुआ सा था, जिसमें से उसके बड़े मम्मों का आकार का साफ़ दिखाई दे रहा था.
नीचे उसने छोटा स्कर्ट पहना हुआ था, जिसमें से उसकी पूरी टांगें भी दिख रही थीं.

वो लौंडिया एकदम गोरी और एक भरे बदन की कांटा आइटम थी.
उसके बड़े मम्मे और फूली हुई गांड दोनों काफी भरे हुए थे.
एक हसीन से चेहरे वाली ये माल लड़की अपने बालों को खुला रखे हुई थी.

जब वो दुकान पर आई और उसने आंटी को मम्मी बोला.
तो मैं समझ गया कि यही रिट्ज है. रिट्ज इतनी मस्त माल होगी, ये मैंने सोचा ही नहीं था.

वो अपनी मम्मी से कुछ सिंधी भाषा में बात करने लगी और मैं बस चुपचाप उन दोनों की बातों को समझने की कोशिश कर रहा था.
हालांकि मुझे कुछ खास समझ नहीं आया, बस वो किसी स्कूल के बारे में बात कर रही थी.

मैंने भी मौका देख कर सीधे रिट्ज से पूछा- उस स्कूल में क्या हुआ, जिसकी आप बात कर रही हो?
उसने अजीब सा मुँह बना कर पहले तो मेरी तरफ देखा, फिर अपनी मम्मी से सवालिया नजरों से देख कर मेरे बारे में पूछा.

उसकी मम्मी मुझसे बोलीं- अरे बेटा, इसका मोबाइल स्कूल में ले लिया गया है. आज ये गलती से अपने बैग में ले कर चली गयी थी. जब चैकिंग हुई तो मोबाइल जमा हो गया.
मैंने रिट्ज से पूछा- किसने लिया है?
वो अपना मुँह बना कर बड़बड़ाते हुए बोली- आप तो ऐसे पूछ रहे हैं, जैसे दिला ही देंगे.

हालांकि उसने अपने स्कूल के जिस अध्यापक का नाम बताया वो मेरे दोस्तों में से था.

मैंने उसी वक़्त उसको फ़ोन मिलाया और रिट्ज का नाम बताते हुए फ़ोन के बारे में पूछा.
वो बोला- हां मेरे पास है, वो तुम्हारी कोई खास हो, तो मेरे घर आकर ले लो.

मैंने ओके कहते हुए फ़ोन रखा और रिट्ज की तरफ देखा.
उसकी आंखें खुली की खुली रह गयी थीं.

वो समझ रही थी कि मैं कोई चूतिया हूँ, जो बस लड़की देख कर फर्जी भाव बना रहा था. लेकिन जब उसने समझा तो कुछ ज़मीन पर आयी.

मैंने आंटी से बोला- इनका अध्यापक मेरा सीनियर और दोस्त है और अभी जाकर ये उसके घर से अपना मोबाइल ले ले.
आंटी बोलने लगीं- अरे इसका अकेले जाना ठीक नहीं है, तुम भी साथ चले जाओ.

अब मैंने भी थोड़ा भाव दिखाने के लिए बोला- नहीं, रहने दीजिए … ये खुद ही जा कर ले लेगी.
रिट्ज मेरे पास आई और बोली- यार सॉरी, मैं समझी तुम बस वैसे ही बोल रहे हो. मैंने जिस तरह से तुमसे बात की, उसके लिए मुझे माफ़ कर दो और प्लीज चलो न मेरे साथ!

मैं तो यही चाहता था कि इतनी पटाखा माल मुझे तेल लगाए.
मैं जैसे ही जाने के लिए उठा तो आंटी ने रिट्ज को मेरे बारे में बताया कि मैंने कैसे उनकी मदद की.

इसी के साथ आंटी ने मेरी कुछ तारीफ भी की और रिट्ज से बोलीं- आज से तुम दोनों दोस्ती कर लो. ये बहुत अच्छा लड़का है, कोई भी दिक्कत होगी तो ये हमेशा उसका हल निकाल देगा.

रिट्ज ने अपना हाथ मुझसे मिलाने के लिए आगे बढ़ाया और बोली- आज से हम दोनों दोस्त हैं.
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2021-05-14 22:15:08 हॉट आंटी सेक्स कहानी में पढ़ें कि एक आंटी आइसक्रीम की दूकान चलाती थी. वो बहुत लाजवाब आइटम थीं. मैंने सोचता था कि इस लेडी की चूत मिल जाए तो …

दोस्तो, मेरा नाम आकाश है और मैं उत्तर प्रदेश के एक छोटे से शहर का रहने वाला हूँ.
मेरी उम्र अभी 22 साल की है और मैं एकदम अच्छी कद काठी का सांवला सा लड़का हूँ. मेरे शरीर में सबसे ज़बरदस्त चीज़ मेरा लौड़ा है जो काफी लम्बा और मोटा है.

लेखक की पिछली कहानी: मेरे यार के लंड की महिमा अपरम्पार

ये हॉट आंटी सेक्स कहानी आज से कुछ साल पहले की है, जब मैं शाम को अपने घर से थोड़ी दूर पर एक आइसक्रीम की दुकान पर गया था. यहां मैं अक्सर जाया करता था और वो दुकान एक सिंधी अंकल की थी.

उस दिन जब शाम को मैं उस दुकान पर गया तो वहां एक 35-37 वर्षीय महिला बैठी थीं, लेकिन वो अपनी उम्र के हिसाब से बहुत लाजवाब आइटम थीं. मतलब अभी भी वो एकदम टाइट माल थीं.
उनका 36-30-38 के लगभग का फिगर बड़ा कातिल था और हाइट 5 फ़ीट 8 इंच की थी.
आंटी के जिस्म की कसावट एकदम टॉप क्लास की थी और वो एकदम गोरी सी महिला थीं.

जब मैंने उससे मेरी पसंदीदा आइसक्रीम वनीला मांगी, तो वो अपनी कुर्सी से उठ कर काउंटर से होती हुई जैसे ही निकल कर डीप-फ्रीजर के जैसे पास पहुंची, तो आंटी की विशालकाय गांड देख कर मैं एकदम से मचल गया.

आंटी की गांड बहुत मोटी और एकदम रसेदार थी. जब वो चल रही थीं, तो आंटी की गांड एकदम से मटक रही थी.

अब ये तो पक्का था ही कि ये भी सिंधी होगी और सिंधी औरतों की बहुत मोटी मोटी गांड होती है.

उस दिन मैं वहां से चला आया.

अब मैं रोज़ आना शाम को उनकी दुकान पर जाने लगा उनकी गांड का दीदार करने से मेरा लंड खड़ा हो जाता और रात को मुठ मारते समय मुझे आंटी की गांड की याद आ जाती.

मैं कुछ दिन इसी तरह जाता रहा और वो भी अब मुझे पहचानने लगी थीं.

जब एक दिन शाम को मैं उनकी दुकान पर गया तो वो किसी से फ़ोन से बात कर रही थीं.
मैं दुकान पर पहुंचा तो वो मुझसे बोलीं- बेटा, बस दो मिनट और.

वो फ़ोन से बात करते कुछ परेशान लग रही थीं.

मैंने उनकी आगे की बातचीत सुनी तो मैं समझ गया कि आंटी को अपनी दुकान का जीएसटी का रजिस्ट्रेशन करवाना था.

जब उनकी बात खत्म हुई. तो वो मेरे बिना बोले उठ कर अपनी गांड मटकाते हुए मेरी पसंद वाली आइस क्रीम ले आईं.

मैंने भी मौका देखते हुए उनसे थोड़ा बात करने की कोशिश की और उनको बोला- आंटी, क्या आपको अपनी दुकान का रजिस्ट्रेशन करवाना है?
वो बोली- हां.

मैंने उससे बोला- मैं कर लेता हूँ. अगर आप बोलो तो आपकी दुकान का भी कर दूं.
मेरी बात सुनकर अब वो एकदम से थोड़ा खुश हुईं और बोलीं- सच में बेटा … तुम कर दोगे … उसके लिए मैं तुमको क्या क्या दे दूँ?

मैंने बोला- मेरा घर यही पास में है और जो जो कागज़ मैं लिख देता हूं, वो आप मुझे दे दो. और मैं आज रात में आपका रजिस्ट्रेशन करके कल आपको दे दूंगा.

फिर मैंने सारे जरूरी डाक्यूमेंट्स एक कागज़ पर लिख कर दे दिए. आंटी ने मुझे सारे कागज़ दे दिए.
मैंने बड़ी चालाकी से उनसे ये कहते हुए उनका नंबर भी मांग लिया कि आपके नम्बर की जरूरत पड़ेगी और मुझे कुछ पूछना हुआ, तो आप अपना फोन नंबर दे दीजिए.

उन्होंने तुरंत अपना नंबर मुझे दे दिया और उसी वक़्त मैंने अपने मोबाइल से उनके नंबर पर कॉल करके उनको अपना नंबर भी दे दिया.

घर आकर मैंने उनका नंबर तुरंत सेव किया ताकि व्हाट्सअप पर लगी उनकी फोटो दिख जाए. लेकिन शायद अभी तक उन्होंने मेरा नंबर सेव नहीं किया था, जिससे मुझे उनकी तस्वीर नहीं दिखी.

रात को मैंने उनका कागज़ पर नाम देखा तो उनका नाम आकृति खिलवानी था.

उस रात मैंने उनका फॉर्म भरा और जब एक दो बार उनके नंबर पर ओटीपी गयी तो उसके लिए मैंने उनको मैसेज करके पूछा.
तो उन्होंने बताया.

फिर फॉर्म भर जाने के बाद उन्होंने मुझे शुक्रिया कहा और अगले दिन सुबह मैंने उनका नंबर देखा, तो शायद आज उन्होंने मेरा नंबर सेव कर लिया था.
उनकी डीपी में सलवार सूट में एक बहुत मस्त फ़ोटो लगी थी.
मैंने उस फोटो को मोबाइल सेव कर लिया.

उस दिन शाम को मैं फिर उनकी दुकान पर गया और उनको सारे कागज़ दे दिए.
वो मेरा बहुत शुक्रिया करने लगीं और बोलीं- ये कार्यवाई कितने में हुई?

उनका मतलब था कि मैं इस काम के करने का उनसे पैसा ले लूं. लेकिन मैंने मना कर दिया.

फिर भी वो मुझसे जोर देने लगीं, तो मैंने उनको बताया- जो पहले अंकल बैठते थे, वो मुझे बहुत मानते थे.
आंटी ने बताया- हां वो मेरे पति हैं और अभी वो कुछ दिनों से कोमा में हैं.

मैंने दुःख जताते हुए उन अंकल के बारे में और आगे पूछा.
तो आज आंटी ने मुझे अपने काउंटर के अन्दर बुला लिया और अपने बगल में एक स्टूल पर बिठा कर सब बताने लगीं.

मैंने भी दुख जताया और काफी देर तक आंटी से बात की. वो मुझसे बात करने के साथ ही साथ जो ग्राहक आते, उनको सामान भी देती जा रही थीं.
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2021-05-14 22:14:31
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2021-05-13 22:27:07 मम्मी ने शर्मिंदगी से कहा- तुमने ठीक कहा … प्रशान्त ने हमारी इज्जत बचाई है, प्रशांत मैं तुम्हारा ये एहसान कभी नहीं भूलूंगी. आज से मैं तुम्हें अपना पति मानती हूं और मैं एक पतिव्रता पत्नी की तरह तुम्हारी सेवा करूंगी.

प्रशान्त ने मेरे सामने ही मेरी मम्मी के होंठों पर किस करते हुए और उनकी गांड दबाते हुए कहा- हां सीमा … मैं भी आज से तुम्हें अपनी पत्नी स्वीकार करता हूँ और हिमांशु को अपना बेटा. तुम दोनों अब मेरी जिम्मेदारी हो.

फिर अगले दिन मैं, प्रशान्त और मम्मी को लेकर मंदिर गया और उनकी शादी सभी रीति रिवाजों से करवा दी.

उस रात को मम्मी और मेरे नए पिता की सुहागरात का भी मैंने इंतज़ाम कर दिया था.
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2021-05-13 22:27:07 फिर हम घर आ गए. हमने शाम को मम्मी के बर्थ-डे पर पार्टी रखी थी, तो शाम को सब मेहमान आने लगे. प्रशांत के मम्मी पापा भी आए थे.

मैं और प्रशांत मम्मी को बुलाने ऊपर उनके रूम में गए. मम्मी का रूम खुला था और हम बिना नॉक किए अन्दर चले गए. हमने देखा मम्मी बिल्कुल नंगी होकर कपड़े चेंज कर रही थीं. उनकी ब्रा और पैन्टी बेड पर पड़ी थी. उनके गोल गोल गोरे चूतड़ साफ चमक रहे थे.

फिर मैंने और प्रशांत ने एक दूसरे की तरफ देखा और पैन्ट के ऊपर से ही लंड रगड़ने लगे. तभी मम्मी बाथरूम की तरफ चली गईं, जोकि उनके रूम से अटैच था.

मैं चुपके से रूम में अन्दर गया और उनकी ब्रा ओर पैंटी उठा कर ले आया.
प्रशांत- अबे ये क्या कर रहा है?
मैं- एक तरकीब है तू देखता जा.

फिर मम्मी बाथरूम से बाहर आईं … तो वो नंगी ही आई थीं. मम्मी अपनी ब्रा और पैंटी ढूंढने लगीं. चूंकि इस समय मम्मी बिल्कुल नंगी थीं, उनके चूचे साफ़ साफ़ चमक रहे थे और उनकी बालों वाली पिंक चूत भी साफ चमक रही थी.

तभी मैं और प्रशांत रूम में आ गए. हमें देख कर मम्मी डर गईं और अपने हाथों से अपने मम्मों और चूत को छुपाने लगीं.

मम्मी- क्या हुआ, नॉक करके आना था ना, अब तुम बच्चे नहीं हो, बड़े हो गए हो, तुम्हें तमीज़ होनी चाहिए.
मैं- मम्मी हम आपको बुलाने आए हैं कि मेहमान आ गए हैं, आप भी आ जाओ.
प्रशांत मेरी मम्मी के दूध देखते हुए बोला- सॉरी मम्मी.
मम्मी- इट्स ओके, आगे से ध्यान रखना … अब जाओ, मैं आती हूँ. मुझे चेंज करना है.

फिर हम चले गए. मैंने ब्रा और पैंटी को छुपा लिया था. उधर मम्मी ब्रा और पैंटी को ढूंढ रही थीं. जब उन्हें ब्रा और पैन्टी नहीं मिली और मेहमान बुलाने लगे, तो मम्मी जल्दी जल्दी में बिना ब्रा-पैंटी के ही साड़ी ब्लाउज पहन कर आ गईं.

मम्मी की साड़ी बिल्कुल ट्रांसपेरेंट थी, उसमें से मम्मी के चूचे और चूत गांड सब चमक रही थी.

सब मेहमान मम्मी को घूर रहे थे और मम्मी को देख कर मेरे सभी दोस्तों का तो लंड टाइट हो गया था. मम्मी का चेहरा थोड़ा उतरा हुआ था, वो बहुत शर्म महसूस कर रही थीं.

फिर मम्मी ने केक काटा और सब मेहमानों से मिलने लगीं. तभी अचानक लाइट चली गई और अंधेरा हो गया. तभी किसी ने हरकत कर दी और मम्मी के चिल्लाने की आवाज आने लगी.

मम्मी की ‘उम्म उम्म..’ सी घुटी हुई ऐसी आवाज आ रही थी, जैसे किसी ने उनका मुँह दबा रखा हो.

फिर जैसे ही लाइट आयी, तो हम सब शॉक हो गए.

प्रशांत के पापा ने मम्मी के मम्मों को दबा रखा था और जबरदस्ती उनको किस कर रहे थे. प्रशांत को ये देख कर बहुत गुस्सा आया. गुस्सा तो मुझे भी आया पर, ये देख कर मजा भी आया.

फिर प्रशांत ने गुस्से में अपने पापा को झापड़ मारा और मेरी मम्मी को बचाया.

इसके बाद उसने अपने पापा को बहुत मारा. ये सब देख कर उसकी मम्मी उसे रोकने लगीं.

उसकी मम्मी ने कहा- तू इस औरत के लिए अपने बाप पर हाथ उठा रहा है, ये बदचलन औरत है. ऐसे कपड़े पहनेगी तो क्या होगा … रंडी साली. इसने तेरे पापा को भड़काया है, इसमें तेरे पाप की कोई गलती नहीं है. सब इसी की गलती है, इसी वजह से इसका पति इसे छोड़ गया. इसके पति ने इसे इसकी इन्हीं हरकतों की वजह से छोड़ा होगा. लगता है इसका बच्चा भी किसी और का ही है … इससे शादी कौन करेगा … सब बस इसके साथ सोना ही चाहते हैं.
प्रशांत- बस करो मां, मत बोलो उनके बारे में कुछ भी.

मेरी मम्मी ये सब सुन कर रोने लगीं. माहौल खराब हो गया था और सब मेहमान मम्मी के बारे में बुरा बुरा बोलने लगे.

सब बोलने लगे थे- अच्छा है इसका पति छोड़ गया, कोई इससे शादी ना करे.

मुझे ये सब देख कर मजा आ रहा था. मैं तो मम्मी के मम्मों और चूत की ओर ही देख रहा था. लेकिन फिर ऐसा हुआ, जिसकी मुझे उम्मीद नहीं थी.

लोगों की बातें सुन कर मम्मी जाने लगीं, तभी प्रशांत ने मम्मी का हाथ पकड़ा और चाकू से अपनी उंगली काट कर अपने खून से मम्मी की मांग भर दी और उनके होंठों पर जोरदार किस कर दी.

ऐसा करने के बाद प्रशांत ने कहा- आज से मैं सीमा का पति हूँ और सीमा मेरी पत्नी है. कोई सीमा के बारे में कुछ नहीं कहेगा.

फिर उसने पुलिस को बुला कर प्रशांत के पापा को थाने भेज दिया. इससे प्रशान्त की मम्मी रोते हुए अपने घर चली गईं और सब मेहमान भी चले गए.

फिर मम्मी ने प्रशान्त से कहा- तुमने ये सब क्यों किया, तुम मेरे बेटे जैसे हो. मैं तुमसे शादी नहीं कर सकती.
प्रशांत- सीमा अब तुम मेरी मां नहीं हो. मेरे दोस्त की मां हो और मैं तुम्हारी बेइज्जती होते नहीं देख सकता.
मम्मी- पर …
मैं- मम्मी प्रशान्त ने जो किया, सब सही किया. वो लोग तुम्हारी बेइज्जती कर रहे थे और ये सब करके उसने हमारी इज्जत बचाई है. तुम्हें पति मिला है और मुझे बाप … जिसकी हमें जरूरत थी.
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2021-05-13 22:27:07 यह फैंटेसी स्टोरी मेरी मम्मी और मेरे दोस्त के सेक्स की है. इस कल्पना में मैं भी शामिल था. मेरे बाप ने मेरी माँ को छोड़ दिया था तो उनको लंड की जरूरत थी.

दोस्तो, मेरा नाम हिमांशु है. ये सेक्स कहानी मेरी मां और मेरे दोस्त की शादी और मेरी मां की मेरे नए बाप से चुदाई की है.

मेरी मम्मी का नाम सीमा है, मेरी मां एक बेहद ही खूबसूरत औरत हैं. वो 42 साल की हैं. लेकिन दिखती 28 साल की हैं. उनके दोनों स्तन बहुत ही बड़े हैं, जो साड़ी से साफ उभरे हुए दिखाई देते हैं. मॉम उनके चूतड़ भी बहुत ही बड़े बड़े और गोल गोल हैं, जिन्हें देखने के बाद किसी का भी लंड खड़ा हो सकता है.


ये सेक्स कहानी तब शुरू होती है, जब मेरे पिताजी मेरी मां को छोड़ कर किसी ओर औरत के साथ चले गए थे. उस समय मैं स्कूल में था. मां पिताजी के धोखे के बाद टूट सी गयी थीं और उनका मेरे सिवाए कोई और नहीं था. मां मुझे लेकर नाना नानी के घर उदयपुर शहर चली आईं. मेरे कोई मामा आदि नहीं थे, मां ही नाना नानी की अकेली औलाद थीं … लेकिन कुछ दिनों बाद ही नाना नानी गुजर गए और मां और मैं अकेले रह गए.

फिर मां ने मेरा एड्मिशन वहां के स्कूल में करवा दिया था. वहां मेरा एक बहुत ही अच्छा दोस्त बन गया था. उसका नाम प्रशांत था. प्रशांत अक्सर मेरे घर आता था, वो भी मेरी मां को अपनी मां जैसी ही मानता था और मम्मी ही बोलता था. मेरी मां भी उसे अपने बेटे जैसा ही मानती थीं.

प्रशांत और मैं अक्सर मां के साथ ही रहते थे. हम दोनों मां के साथ ही सोते थे. अक्सर मां रात को सोते हुए भी साड़ी ही पहनती थीं और सोते समय मां की साड़ी उनके घुटनों के ऊपर सरक जाती थी. कभी कभी मां हम दोनों के सामने ही कपड़े भी बदल लेती थीं … क्योंकि हम दोनों अभी छोटे थे और मां का हमारे सिवा कोई और नहीं था, इसलिए वो हम से बहुत फ्रेंक थीं.

उस समय मां के बड़े बड़े स्तन हमारे सामने खुले रहते थे और मां की गहरी नाभि का क्या मस्त नजारा होता था. पर छोटे होने के कारण हमने कभी इन बातों पर गौर नहीं किया.

जब मैं और प्रशांत 12वीं क्लास में आए, तो हमने पहली बार पोर्न देखी और अब हमारे अन्दर का मर्द जागने लगा था. मैं ओर प्रशांत हमेशा किसी ना किसी के साथ सेक्स करना चाहते थे, पर उस समय हमारी कोई गर्लफ्रेंड नहीं थी. इन दिनों हम दोनों की वासना दिनों दिन बढ़ती ही जा रही थी.

एक दिन प्रशान्त हमेशा की तरह मेरे घर आया. उस समय मैं ओर मेरी मम्मी किचन में काम कर रहे थे. प्रशांत चुपचाप अन्दर आया और उसने मम्मी को पीछे से पकड़ लिया और उनके गाल पर किस करके बोला- मम्मी हैप्पी बर्थ डे.
मम्मी- थैंक्यू शैतान … तूने मुझे डरा दिया.
प्रशांत मम्मी को पकड़े पकड़े बोला- सॉरी मम्मी, मैं आपको सरप्राइज देना चाहता था.

प्रशांत ने ये कह कर फिर से मम्मी को गाल पर किस कर दिया.

मैं वहीं पास में खड़ा हुआ, ये सब देख रहा था. मैंने देखा प्रशांत बिल्कुल मम्मी से चिपका हुआ था, उसका लंड पैन्ट से ही मम्मी की गांड को छू रहा था. प्रशांत बीच बीच में मम्मी की नाभि में उंगली डाल रहा था.

मेरी मम्मी इसे एक बेटे का प्यार समझ रही थीं. पर मुझे प्रशांत आज कुछ अलग सा लग रहा था.

फिर मम्मी बोलीं- अच्छा अब छोड़ और मुझे काम करने दे, मैंने तेरे लिए तेरा पसन्दीदा चिकन बनाया है.
प्रशांत मम्मी को फिर से किस करता हुआ बोला- थैंक्यू मम्मी, आई लव यू.
मम्मी- आई लव यू टू बेटा … तुम दोनों ही तो मेरे जीने का सहारा हो.

फिर मैं ओर प्रशांत दोनों ने मम्मी को हग किया, हम दोनों का सिर मम्मी के बड़े बड़े स्तनों पर था और मैंने भी चुपके से मम्मी की नाभि में उंगली डाल दी.

फिर मैं ओर प्रशांत बाहर मम्मी के लिए केक लेने बाजार चले गए.

मैंने प्रशांत से पूछा- तुझे मेरी मम्मी को ऐसे पकड़ कर कैसा लगा? मैंने देखा था कि तूने कैसे जकड़ कर उनको पकड़ा हुआ था.
प्रशांत- नहीं नहीं, ऐसा नहीं है वो उनका बर्थडे था … इसलिए सरप्राइज देने के लिए पकड़ा था. वो मेरी भी मां जैसी हैं.

मैं- साले झूठ मत बोल. मैंने देखा था कि तू कैसे मम्मी की गांड पर अपना लंड टच कर रहा था … कैसे उनके गालों पर किस कर रहा था और उनकी नाभि में उंगली डाल रहा था. सब देखा मैंने.
प्रशांत- सॉरी भाई प्लीज मुझे माफ़ कर दे, मैं बहक गया था.

मैं- अरे नहीं पागल, मुझे भी ये सब देख कर मज़ा आ रहा था. मम्मी है ही एकदम माल, किसी का भी मन उनको छूने का करेगा.
प्रशांत- पर वो हमारी मम्मी हैं, उनके बारे में ये सब सोचना ठीक नहीं है.
मैं- वो मेरी मम्मी हैं … तेरी नहीं और जब मां हो ही इतनी हॉट, तो बेटों का तो मन करेगा ही उनको छूने का और चोदने का.

मेरे मुँह से ‘चोदने का मन करेगा’ सुनकर मेरा दोस्त खुल गया.

प्रशांत- हां, चुदाई तो करेंगे पर कैसे … इसके लिए मम्मी तैयार नहीं होंगी.
मैं- कुछ न कुछ कर ही लेंगे बे, अभी बस छू कर काम चलाते हैं.
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