2021-05-15 23:59:24
मैं वहीं बेड पर बैठ गया और आंटी अन्दर से उसी साड़ी का लाल ब्लाउज और पेटीकोट पहन कर बाहर आईं.
उस वक़्त तो वो बला की खूबसूरत लग रही थीं.
अब उन्होंने मेरे सामने अपनी साड़ी बांधना शुरू कर दिया.
कुछ देर में आंटी रेडी हो गईं.
फिर कुछ देर बाद रिट्ज स्कूल से जब वापस आयी, तो हमने उसको उसके जन्म दिन का सरप्राइज दिया.
जिसको देख कर वो बहुत खुश हो गयी.
तभी उसकी मम्मी ने उसको एक गिफ्ट दिया, जिसको उसने खोला तो उसमें एक सफेद रंग की एकदम छोटी सी फ्रॉक थी. जिसको आंटी ने उसे पहन कर रेडी होने को बोला.
रिट्ज अन्दर चली गयी.
उसके जाते ही हम दोनों मिल कर केक और उसपर मोमबत्ती सजाने लगे. फिर बाकी खाने की चीजें भी बाहर मेज़ पर ले आए.
तभी रिट्ज बाहर तैयार होकर आ गई.
आह क्या बताऊं … उस वक़्त वो इतनी सेक्सी लग रही थी कि अगर उसकी मम्मी न होतीं … तो उसको वहीं पटक कर चोद देता.
रिट्ज की सफेद फ्रॉक एकदम घुटने से ऊपर बस जांघ तक की थी और ऊपर से बिना बांह के एक डोरी से कंधे से आकर रुकी थी.
वो फ्रॉक काफी बड़े गले की होने के वजह से एकदम खुली हुई थी. जिसके गले से उसके मम्मे मुझे साफ़ दिख रहे थे.
रिट्ज हद से ज़्यादा गोरी थी और इस सफेद रंग की फ्रॉक में वो एकदम सेक्स डॉल लग रही थी.
उसने आगे आकर केक काटा और पहले अपनी मम्मी को खिलाया. उसकी मम्मी ने उसको गले लगाते हुए उसको जन्म दिन की बधाई दी.
फिर वो मुझे केक खिला कर मेरे गले भी लग गयी.
उसके मोटे मम्मे मेरे सीने पर जैसे ही लगे, मेरे लंड का मौसम एक बार फिर से बनने लगा.
उसके बाद थोड़ा बहुत और चला.
फिर रिट्ज बोली- चलो सबको आज रात का खाना मेरी तरफ से होटल में.
इस पर हम दोनों राजी हो गए.
मैं अपने घर आ गया.
करीब शाम आठ बजे आंटी का फ़ोन आया और वो बोलीं- बेटा तुम हमारे घर आ जाना. हम तीनों साथ में स्कूटी से चलेंगे.
मैंने भी हामी भर दी.
मैं जल्दी से रेडी हुआ और फिर आंटी के घर आ पहुंचा. जहां दोनों वहीं दोपहर वाले कपड़े पहने तैयार थीं. मैंने बाहर आकर स्कूटी निकाली और उन दोनों को बैठने का इशारा किया. मैं चला रहा था, पहले बीच में रिट्ज बैठी और उसने अपनी टांगें दोनों तरफ डाल ली थीं. जबकि उसके पीछे उसकी मम्मी एक तरफ पैर करके बैठ गई थीं.
मुझे सारे रास्ते रिट्ज की बड़ी बड़ी चुचियां और उसके कड़क निप्पल मेरी पीठ पर रगड़ कर मजा देते रहे.
शायद ये बात बहुत जल्दी वो भी भांप गयी थी.
थोड़ी दूरी के बाद हम सब एक बढ़िया से होटल आ पहुंचे.
हम तीनों ने साथ मिल कर खूब मस्ती करते हुए खाना खाया.
खाने के साथ साथ दोनों मां बेटियां ने आज जन्म दिन के मौके पर दारू भी पी और मुझसे भी बहुत पूछा.
लेकिन मैंने मना कर दिया.
वो दोनों मस्ती में झूमती हुईं रेस्टोरेंट से बाहर निकलीं और मैं उन दोनों को संभालता हुआ बाहर लाया.
रिट्ज स्कूटी पर बैठी तो वो मेरी पीठ पर चिपक कर सो गई.
घर पहुंच कर उनकी मम्मी ने रिट्ज को बहुत जगाया लेकिन वो ही उठी नहीं.
आंटी मुझसे बोलीं- शायद इसको ज़्यादा चढ़ गई है, तुम इसको गोद में उठा कर इसके कमरे में छोड़ आओ. जब तक मैं गाड़ी अन्दर कर देती हूँ.
मैंने एक हाथ उसकी पीठ और एक उसकी नंगी जांघों पर लगाया और उसको अपनी गोद में उठा कर उसको उसके कमरे में ले गया.
जैसे ही मैंने उसके बेड पर उसे लिटाया तो उसने अपने हाथों से मेरी गर्दन पकड़ कर मेरे होंठों को एकदम अपने होंठों से सटा दिया.
उसकी इस अचानक हुई हरकत से मैं गनगना गया और मुझसे भी रहा नहीं गया. मैं भी उसके रसभरे होंठों को चूमने लगा.
नशे में वो भी मेरा साथ देने लगी.
तभी मेरा हाथ उसके एक दूध पर आ गया, तो मैं उसको मसलने लगा.
तभी कुछ आवाज़ हुई, तो मुझे ध्यान आया कि आंटी तो अन्दर नहीं आ रही हैं.
मैं तुरन्त रिट्ज से अलग होते हुए कमरे से बाहर निकलने लगा.
तभी आंटी मेरे सामने आ खड़ी हुईं और उनकी नज़र नीचे मेरे खड़े लंड पर जमी हुई थी.
मैंने ध्यान दिया तो मेरी पैंट में तम्बू बना हुआ था, जिसको मैं छुपाते हुए वहां से अलग हट गया.
अब मैं बाहर हॉल में आ गया और अपना लंड एडजस्ट कर ही रहा था कि तभी आंटी आ गईं.
मैंने आंटी से बोला- अब मुझे चलना चाहिए.
आंटी ने मेरा हाथ पकड़ते हुए मुझे रोका और बोलीं- कुछ देर रुक जाते.
उन्होंने इतने मन से बोला था कि मैं मना नहीं कर सका और जाकर सोफे पर बैठ गया.
आंटी किचन से एक दारू की बोतल और एक कोल्डड्रिंक की बोतल ले आईं.
वो दूसरे चक्कर में दो ग्लास और कुछ नमकीन भी लेकर आ गई.
आंटी मेरे बगल बैठते हुए बोलीं- तुम पी नहीं सकते … लेकिन मेरा साथ बैठ सकते हो. मैंने तुम्हारे पीने के लिए कोल्डड्रिंक लाई हूँ.
उन्होंने एक ग्लास में मेरे लिए कोल्डड्रिंक निकाली और अपने लिए पैग बना लिया.
हम दोनों ने ग्लास लड़ा कर चियर्स किया और गिलास होंठों से लगा लिए.
वो एक सांस में ही पूरा पैग गटक गईं.
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