टेलीग्राम में पोर्न की टेराबाइट्स तक पहुंच प्राप्त करें »

लंड पेल कर मैं दीदी के ऊपर लेट गया और पीछे जो फाइबर का पकड़ने | deshi kahani

लंड पेल कर मैं दीदी के ऊपर लेट गया और पीछे जो फाइबर का पकड़ने वाला होता है, उसे पकड़ कर धक्का मारने लगा.
दीदी इतने दिनों बाद मेरा लंड लेकर तृप्त हो गईं, उनकी कामुक आह निकल गई.
मैं धीरे धीरे दीदी को चोदने लगा.
टांगें फैलाकर लेटने से चूत में लंड एकदम घस घस कर जाने लगा था. मुझे कुछ डर भी लग रहा था कि गाड़ी स्टैंड से ना उतर जाए.
जब लगा कि नहीं उतरेगी, तब मैंने धक्का देना तेज कर दिया. दीदी मुझे पीठ से पकड़ कर लेटी हुई थीं.
मैं चोदता गया और दीदी ‘अम्म उह …’ कर रही थीं.
कुछ ही देर में मेरी कमर दर्द होने लगी क्योंकि मुझे ज्यादा झुकना पड़ रहा था.
मैंने कहा- अब उतरकर घोड़ी हो जाइए.
दीदी स्कूटी का सहारा लेकर घोड़ी बन गईं.
मैंने पीछे से लौड़ा पेला और मैं दीदी के कंधे पकड़ कर धकापेल करने लगा.
मैं इतनी गन्दी तरह से चूत मारने लगा था कि वो बस अपना सिर ऊपर करके सिसकारियां ले रही थीं.
दस मिनट तक हचक कर चोदने के बाद में दीदी की चूत में ही स्खलित हो गया.
दीदी लंड का रस लेकर एकदम खुश हो गई थीं.
कुछ देर बाद हम दोनों ने अपने कपड़े सही करते हुए उधर से निकलना तय किया और स्कूटी लेकर सड़क पर आ गए.
दोस्तो, हॉट सिस्टर सेक्स कहानी के अगले भाग में आगे क्या हुआ, उसे लिखूंगा. @desi_story