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दूर की रिश्तेदारी में दीदी की चुत चुदाई- 3@desi_story दोस्तो, | deshi kahani

दूर की रिश्तेदारी में दीदी की चुत चुदाई- 3@desi_story
दोस्तो, मैं राज ठाकुर आपको अपनी सेक्स कहानी में फिर से स्वागत करता हूँ.
मैं आपको रिश्ते में लगने वाली अपनी एक दीदी की Xxx ब्रदर सिस्टर कहानी सुना रहा था.
पिछले भाग
रात को छत पर दीदी ने लंड चूसा
में अब तक मैंने दीदी को स्कूटी सिखाने के बहाने ले जाकर एक जगह स्कूटी पर ही दीदी को चोद दिया था. दीदी मेरे लंड से चुदकर बड़ी खुश थीं.
अब आगे Xxx ब्रदर सिस्टर कहानी:
फिर हम दोनों वहां से सड़क पर आ गए और मैंने गाड़ी सिखाते हुए दीदी की चूचियों को दबाने लगा.
मैंने पूछा- मज़ा आया?
दीदी बोलीं- हां बहुत … तुम पूरी ताकत से कर रहे थे, पर मुझे खुल कर मजा लेना है. चुदाई करते हुए तुम मेरी चूची पियो, बदन को काटो ऐसा वाला, पूरी नंगी होकर बिस्तर पर लेट कर चुदना है. ऐसे थोड़ी सी जगह में कुछ नहीं होता.
मैंने कहा- कोई जुगाड़ लगाइए न दीदी, घर पर चुदाई का मजा लेते हैं.
वो बोलीं- क्या लगाऊं यार … बच्चे हमेशा घर ही रहते हैं.
घर का कोई जुगाड़ बन ही नहीं पा रहा था, तो हम दोनों का ऐसे ही चलता रहा.
रोज सुबह मॉर्निंग वॉक के बहाने मैं दीदी को चोदता रहा.
कभी पेड़ के नीचे चोदता तो कभी कहीं दुकान के बेसमेंट में मजा ले लेता. कभी खड़े खड़े ही चुदाई चल जाती थी.
एक दिन मैंने दीदी से कहा- मुर्गा वाला प्रोग्राम बनाइए. मैं रात में घर पर रुक जाऊंगा.
दीदी को बात जम गई, वो बोलीं- ठीक है.
दीदी ने दो दिन बाद मम्मी को फोन करके कहा कि मैं घर पर चिकन बना रही हूं, आप सब लोगों को आना है.
मम्मी ने कह दिया- राज ही आ जाएगा … हम सब नहीं आ पाएंगे.
बात जम गई और मैं चला गया.
रात भर दीदी को चोदना था, तो मैंने चुदाई की पावर बढ़ाने वाली दो गोली ले लीं.
उनके घर पहुंचा तो दीदी ने गेट खोला.
हम दोनों लॉबी में चले गए, बच्चे भी आ गए.
बच्चों ने मेरा फोन ले लिया और लॉबी में ही गेम खेलने लगे.
मैं दीदी को इशारे करने लगा, वो मुस्कुरा रही थीं.
उन्होंने मुँह से काटने का इशारा किया, तो मैंने लंड की तरफ इशारा कर दिया.
तो उन्होंने लंड काट खाने का इशारा कर दिया.
अब दीदी अपनी मैक्सी उठा कर अपनी चिकनी टांगें दिखा कर सिड्यूस करने लगीं. मैक्सी की चैन को भी थोड़ा खोल दिया और अपना क्लीवेज दिखाने लगीं.
जब घड़ी ने 8.30 का टाइम बताया, तो मैंने दीदी से कहा- मम्मी को बोल दीजिए कि टाइम लगेगा, मैं रात में यहीं रुक जाऊंगा.
दीदी ने मम्मी को फोन कर दिया.
मम्मी ने कहा- ठीक है.
दीदी अपने बच्चों से बोलीं- चलो छत पर चिकन बनाने चलते हैं, तुम दोनों वहीं छत पर रहना.
उन दोनों ने मना कर दिया.
बेटी बोली- मैं रोटी बनाने जा रही हूँ.
बेटा बोला- मैं यहीं हूं गेम खेलूंगा.
दीदी ने मुझसे कहा- राज, तुम चलो.
दीदी प्याज़, मसाला, सब सामान लेकर चल दीं, कुछ सामान मेरे हाथ में भी था, नहीं तो दीदी की गांड में मैं उंगली करने की सोच रहा था.
छत पर सामान रखने के बाद दीदी ने कहा- प्याज़ जल्दी से काटो, मैं बाकी का सब तैयार करती हूं.
दस मिनट में काट-पीट कर सब रेडी हो गया. दीदी झुक कर मसाला भूनने लगीं, तो मैंने अपनी उंगली दीदी की गांड में कर दी.
दीदी उछल गईं और मैं जोर से हंस पड़ा.
तो दीदी बोली- उधर नहीं, साले मैं मार दूंगी.
मैंने धीरे से जाकर गेट में कुण्डी लगा दी.
दीदी छत पर लेट गईं और अपनी बांहें फैला दीं.
मैं उनकी टांगों के बीच से होकर उनके ऊपर लेट गया. मैंने सबसे पहले उनके माथे को चूमा, फिर आंखों को, गाल को, होंठ और गर्दन को चूमता चला गया.
दीदी मस्ती से बोलीं- आज ये बदलाव कैसे हो गया … इतना प्यार! नहीं तो सीधे चूची पीने के लिए पगलाए रहते हो.
मैं मुस्कुरा कर उनके होंठ चूसने लगा. वो भी इत्मीनान से साथ देने लगीं. धीरे धीरे उन्होंने अपनी मैक्सी कमर तक सरका ली.
अब दीदी बोलीं- जो भी करना है, अपना अन्दर डालकर जल्दी से करो.
मैंने अपनी निक्कर और चड्डी सरका कर लंड चूत में डाल दिया और धीरे धीरे धक्का मारने लगा.
हर धक्के पर दीदी उह उह कर रही थीं.
मैंने कहा- जीजा जी इतने दिन रहे … क्या आपने उनसे मजा नहीं लिया!@desi_story