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अगले दिन मुझे शहर जाना था. इत्तफाक से उसने भी मुझे फोन किया था | Savita Bhabhi HINDI story..

अगले दिन मुझे शहर जाना था. इत्तफाक से उसने भी मुझे फोन किया था और बोली कि मुझे भी शहर जाना है. आपके साथ दो मिनट के लिए मिलना चाहती हूँ.

मैंने ओके कह दिया और उससे रास्ते में एक जगह मिलने के लिए कहा.

तय समय पर जब मैं निकला, तो रास्ते में ही समीक्षा मेरी बाइक का वेट करती हुई मिल गई.

उसने मुझे आते हुए देखा तो मुझसे बोली- आप मुझे भी अपने साथ ले चलो.
मैंने सुना तो कहा- ठीक है, चलो साथ में चलते हैं.

शहर इधर से लगभग 20 किलोमीटर दूर था, तो हम दोनों बातें करते हुए चलने लगे और रास्ते में ब्रेक लगाने से समीक्षा के चूचे मेरी पीठ से रगड़ रहे थे.
लेकिन मैंने ध्यान नहीं दिया. ऐसे ही चलते चलते शहर आ गया.

उसे शहर में कुछ काम था. तो मैंने उसके सारे काम करवाए.

फिर हम दोनों जब वापस आ रहे थे, तब मुझे मेरा दोस्त अभय सामने से आता नजर आया.
मैं सीधा उसके सामने गया और गाड़ी रोक दी.

वो शायद समीक्षा और मुझे साथ देख कर थोड़ा हैरान हुआ कि हम दोनों कैसे साथ में हैं.

मैंने अभय को पहले ही बोला था कि मैं शहर जा रहा हूँ. तू आ रहा हो, तो साथ चलते हैं. लेकिन वो साला नखरे कर रहा था.
मुझे क्या पता था कि वह बाद में आने वाला है.

वो मुझसे नाराज हो गया कि बिना बताए दोनों साथ में कैसे घूम रहे हो वगैरह वगैरह.
अभय ने अपनी गर्लफ्रेंड से भी झगड़ा कर लिया.

मैंने समझाया कि इसमें कुछ नहीं है. लेकिन फिर भी वह नहीं माना.
मैंने कहा- मेरे दोस्त को मुझ पर इतना भी भरोसा नहीं है.

काफी समझाने पर भी वो नहीं माना, तो अब मैं क्या कर सकता था. मैंने सोचा कि थोड़े दिन में शायद सब ठीक हो जाएगा, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ.

मैंने भी अब समीक्षा से बात करना बंद कर दी. मेरे लिए अभय से दोस्ती ज्यादा जरूरी थी.
कुछ समय बाद मैंने फिर अभय से बात की, लेकिन वो था कि मेरी कोई बात सुनने को तैयार ही नहीं था.

मुझे गुस्सा आ गया; मैंने कहा- मुझे बिना किसी गुनाह के सजा दी जा रही है, तो गुनाह कर लेने में ही भलाई है.
वो कुछ नहीं बोला.

मैंने अगले ही दिन समीक्षा से बात की और उससे बोला कि उस दिन अभय नाराज हुआ, तो वो आज भी मुझसे बात नहीं कर रहा है.
समीक्षा बोली- कोई बात नहीं, मैं उसे समझाऊंगी.

लेकिन मैंने मना कर दिया कि उससे कोई बात नहीं करनी. वो दोस्त है मेरा, कहा जाएगा … एक न एक दिन जरूर बात करेगा.
वो बोली- हां ये तो है.

मैं- वैसे तुम दोनों का तो ठीक चल रहा है ना!
समीक्षा ने कहा- हां लड़ाई खत्म हो गयी लेकिन बात ढंग से नहीं होती.
मैंने कहा- तुम मुझसे नाराज तो नहीं हो.
वो मेरी तरफ देखने लगी.