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*162 दोस्त की प्रेमिका मुझसे चुद गयी गर्लफ्रेंड Xxx स्टोरी | Savita Bhabhi HINDI story..

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दोस्त की प्रेमिका मुझसे चुद गयी

गर्लफ्रेंड Xxx स्टोरी में पढ़ें कि मेरे दोस्त की उसकी गर्लफ्रेंड से अनबन हो गयी. तो उस लड़की ने मेरे साथ नजदीकी बढ़ाई और एक दिन मुझसे चुद गयी.

नमस्ते दोस्तो, मैं रवि हूँ. आप लोग मुझे नहीं जानते होंगे क्योंकि ये मेरी पहली गर्लफ्रेंड Xxx स्टोरी है.

मैं राजस्थान के दौसा जिले के एक गांव का रहने वाला हूँ. मेरा शरीर सामान्य है.
ऊपर वाले ने मेरी किस्मत में बहुत सी चुत लिखी हैं. अब तक बहुत सारी चूतें मेरे लंड से चुद चुकी हैं और मुझे विश्वास है कि आगे भी मुझे लवली लवली चुत चोदने मिलती रहेंगी.

मेरा लंड सामान्य लम्बाई का है, लेकिन चुदाई करने में बहुत आगे है. लम्बा मोटा लंड लिखने से या ज्यादा बढ़ चढ़ कर बताने से कोई मतलब नहीं है.
असल में तो सच्चाई वही रहेगी.

मेरा मन बचपन से ही चुदाई में बहुत ज्यादा लगता था. जवानी की उम्र से मुझे हस्थमैथुन की आदत लग गई थी.

गांव में आस पड़ोस की लड़कियों के साथ खेल खेल में छूना वगैरह हमेशा से चलता आया है.

हालांकि वो सारी लड़कियां ज्यादातर मेरे रिश्ते में थीं. मेरे चाचा की 3 लड़कियां थीं, जिनके साथ मैंने बहुत मजे लिए हैं. मैं पालतू पशुओं को चराने लेकर जाता था और वहीं एकांत में अपनी बहनों को ले जाकर उनकी चुदाई के मजे लेता रहता था.

शुरुआत एक बहन की चुदाई से हुई. धीरे धीरे तीनों बहनों को बारी बारी से मैंने अपने लंड का मजा दिया. अब तो वो खुद मुझे अपनी चुत चुदवाने के लिए बुलाने लगी थीं.

एक दिन ऐसा भी आया, जब तीनों बहनें घर में अकेली थीं.
मैंने तीनों को एक साथ लेटा कर बारी बारी सबकी चुत पर लंड टिकाया.

ये तब की बात थी, जब चुदाई कैसे करते हैं … मुझे पता ही नहीं था. बस चुत में लंड पेला और चोद कर रबड़ी टपकाई और हो गई चुदाई बस इतना ही पता था.

ऐसे ही समय निकलता गया.
आज मुझे उस समय की बात नहीं करनी है. आज मैं आपके सामने अपने दोस्त की बहन बात लिख रहा हूँ.

बात कुछ दो साल पहले की है. मैं कॉलेज में था.
मेरा एक दोस्त था, जिसका नाम अभय था. उसकी एक गर्लफ्रेंड थी.

दोनों की दोस्ती लगभग शुरू ही हुई थी, कुछ दिन जब तक वो दोनों नए नए दोस्त बने थे, तो उन दोनों में अच्छी बनी.
उन दोनों ने जिस्म के मजे भी लिए, उनमें प्यार भी था.

लेकिन फिर न जाने किसी बात को लेकर उन दोनों के बीच लड़ाई होने लगी. लवबर्ड वाले रिश्ते टूट गए.

मेरा दोस्त उस पर कम ध्यान देने लगा था. शायद अब उसको उसकी गर्लफ्रेंड की चूत में ज्यादा रस नहीं मिलता था.

मैं आपको उसकी गर्लफ्रेंड के बारे में बता देता हूँ. उसकी गर्लफ्रेंड का नाम समीक्षा था. समीक्षा दिखने में बहुत ही खूबसूरत थी.
कम से कम वो मेरे दोस्त के सामने तो एक ऐसी रूपवती लड़की थी जिसके सामने मेरा दोस्त एक भोसड़ से ज्यादा कुछ नहीं था.
पता नहीं समीक्षा कैसे मेरे दोस्त चक्कर में पड़ गई थी.

समीक्षा को बहुत से लड़के पसंद करते थे लेकिन मैंने उसके बारे में कभी ऐसा नहीं सोचा क्योंकि वह मेरा दोस्त की गर्लफ्रेंड थी.

समीक्षा के पास मेरा नंबर था, अगर उसे कोई प्रॉब्लम या परेशानी होती थी, तो वह मुझे कॉल कर देती थी.

अभय और समीक्षा की जब लड़ाई होती थी तो वो दोनों मुझे ही फोन करते थे.
मैं उन दोनों को समझाता था लेकिन तब भी समीक्षा की हॉटनेस को लेकर मेरे मन में कभी कोई गलत ख्याल नहीं आया.

अभय मेरा बहुत ही अच्छा दोस्त था, हमेशा मेरी मदद करता था. मैं भी उसकी मदद करता था.

लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर था. शायद वो हम दोनों दोस्तों के बीच में दरार लाना चाहता था. तभी तो कुछ ऐसा हुआ कि हम दोनों दोस्त अलग हो गए.

बात कुछ ऐसी हुई कि एक दिन अभय और समीक्षा के बीच झगड़ा हो गया.

मैंने अभय से पूछा कि तुम दोनों के क्या मामले हैं, बार बार लड़ते रहते हो.
अभय ने मुझसे बात करने के लिए मना कर दिया.

तभी समीक्षा का फोन आया. वो मुझे भैया कहती थी. लेकिन मेरे लिए वो सिर्फ दोस्त की गर्लफ्रेंड ही थी.

मैंने उससे बात की तो उसने बताया कि अभय उससे बेवजह लड़ रहा है. मैंने उससे कल मिलने के लिए कहा, तो वो नखरे कर रहा है. आप ही बोलो न कि वो मुझसे मिलने आए.

मैं समझ गया कि अभय उससे मिलने नहीं जाना चाहता इसलिए बहाने कर रहा है.

मैंने अभय से कहा कि बेचारी मिलने बुला रही है, तो जा न … मिल कर आ.
लेकिन वो कमीना उससे मिलने जाना ही नहीं चाहता था.

मैंने समीक्षा से बात करके कहा कि वो तो नहीं आ रहा है, तुम ही उससे बात करो. मेरी तो वो जरा भी नहीं सुन रहा है.

उस दिन शाम को समीक्षा का मैसेज आया- क्या आप मुझसे मिलने आ सकते हो. मुझे कुछ काम है.
मैं पूछा- किधर आना है?

समीक्षा ने जगह का नाम लिया और बोली- बस वहां जा कर आ जाएंगे और मिल भी लेंगे.
मैंने कहा कि अभय आएगा, तो उसके साथ मिलने आ जाऊंगा.

वह बोली- अभय के साथ क्यों? मुझे उससे नहीं मिलना. आप आ रहे हों, तो आओ.
मैंने मज़बूरी में हामी भर दी.