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PaperLess Study ज्ञान श्रृंखला राष्ट्रीय एवं राज्य मानवाधिक | PaperLess Study™

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राष्ट्रीय एवं राज्य मानवाधिकार आयोग

राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (National Human Rights C0mmision-NHRC) एक सांविधिक निकाय है, जिसका गठन मानवाधिकार संरक्षण अधिनियम, 1993 के तहत 12 अक्तूबर, 1993 को किया गया था। इसका गठन उन सिद्धांतों के अनुरूप है, जिन्हें अक्तूबर 1991 में पेरिस में मानव अधिकार संरक्षण एवं संवर्द्धन के लिये राष्ट्रीय संस्थानों पर आयोजित पहली अंतर्राष्ट्रीय कार्यशाला में अंगीकृत किया गया था तथा 20 दिसंबर, 1993 को संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा स्वीकृत किया गया था। यह निकाय मानवाधिकारों के संरक्षण के क्षेत्र में भारत की सर्वोच्च संस्था है जो भारतीय संविधान एवं अंतर्राष्ट्रीय संधियों के आधार पर व्यक्ति के जीवन, स्वतंत्रता, समानता, गरिमा जैसे मानवाधिकारों के सरंक्षण एवं प्रसार का कार्य करती है। इसके अलावा, मानव अधिकार संरक्षण अधिनियम, 1993 के तहत राज्य स्तर पर राज्य मानवाधिकार आयोग लगभग सभी राज्यों में बनाए गए हैं। राज्य मानवाधिकार आयोग भारतीय संविधान की सातवीं अनुसूची में राज्य सूची और समवर्ती सूची के अंतर्गत शामिल विषयों से संबंधित मानव अधिकारों के उल्लंघन की जाँच कर सकता है।

आयोग की प्रमुख शक्तियाँ


मानवाधिकार उल्लंघन के मामले से संबंधित गवाहों को समन भेजना

किसी दस्तावेज़ को ढूंढना और प्रस्तुत करना

किसी पब्लिक रिकॉर्ड को मांगना अथवा किसी न्यायालय अथवा कार्यालय से उसकी प्रति मांगना

गवाहों और दस्तावेज़ों की जाँच के लिये शासन पत्र जारी करना

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