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PaperLess Study ज्ञान श्रृंखला सशस्त्र बल विशेष अधिकार अधिन | PaperLess Study™

PaperLess Study ज्ञान श्रृंखला

सशस्त्र बल विशेष अधिकार अधिनियम (AFSPA) क्या है?

सशस्त्र बल विशेष अधिकार अधिनियम (AFSPA) 1958 में एक अध्यादेश के माध्यम से लाया गया था तथा तीन माह के भीतर इसे कानूनी रूप दे दिया गया था।

भारत में संविधान लागू होने के बाद से ही पूर्वोत्तर राज्यों में बढ़ रहे अलगाववाद, हिंसा और विदेशी आक्रमणों से प्रतिरक्षा के लिये मणिपुर और असम में 1958 में AFSPA लागू किया गया था।

1972 में कुछ संशोधनों के बाद इसे असम, मणिपुर, त्रिपुरा, मेघालय, अरुणाचल प्रदेश, मिज़ोरम और नगालैंड सहित समस्त पूर्वोत्तर भारत में लागू किया गया था।

इन राज्यों के समूह को Seven Sisters के नाम से जाना जाता है। त्रिपुरा में उग्रवादी हिंसा के चलते 16 फरवरी, 1997 को AFSPA लागू किया गया था, जिसे स्थिति सुधरने पर 18 साल बाद मई 2015 में हटा लिया गया था। इसके कुछ वर्षों बाद केंद्र सरकार ने मेघालय के अलावा अरुणाचल प्रदेश के 16 में से 8 थाना क्षेत्रों से भी इसे हटा लिया गया था।

पंजाब में बढ़ते अलगाववादी हिंसक आंदोलन से निपटने के लिये सेना की तैनाती का रास्ता साफ करते हुए 1983 में केंद्र सरकार द्वारा AFSPA (Punjab & Chandigarh) अध्यादेश लाया गया जो 6 अक्तूबर को कानून बन गया। यह कानून 15 अक्तूबर, 1983 को पूरे पंजाब और चंडीगढ़ में लागू कर दिया गया। लगभग 14 वर्षो तक लागू रहने के बाद 1997 में इसे वापस ले लिया गया।

जम्मू-कश्मीर में हिंसक अलगाववाद का सामना करने के लिये सेना को विशेष अधिकार देने की प्रक्रिया के चलते यह कानून लाया गया, जिसे 5 जुलाई, 1990 को पूरे राज्य में लागू कर दिया गया, लेकिन राज्य का लेह-लद्दाख क्षेत्र इस कानून के अंतर्गत नहीं आता।

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