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अब एक हो गये हैं। मैं चूमते चाटते हुए नीचे नाभि तक आया। मेरा | ℍ𝕚𝕟𝕕𝕚 & 𝔼𝕟𝕘𝕝𝕚𝕤𝕙 𝕊𝕖𝕩 𝕊𝕥𝕠𝕣𝕪

अब एक हो गये हैं।

मैं चूमते चाटते हुए नीचे नाभि तक आया। मेरा पसंदीदा हिस्सा है नाभि क्षेत्र … मैंने बहुत प्यार से चूसा हर्षी के पेट को … और उन्हें बड़ा आनंद आया।
उन्होंने बताया कि वो एक अलग ही अहसास था।

उससे नीचे उतरने पर आया प्यारी चूत का नंबर!
जो मेरे इंतज़ार में पहले ही पानी पानी हो रही थी।

मेरी जीभ ने जैसे उसके तपते अहसास को ठंडक दे दी।

जीभ चूत को छुते ही हरषु उचक सी गयी और अगले ही पल मेरे सर को चूत पर दबाने लगी; जैसे समा लेना चाहती हो मुझे अपनी चूत में।

मेरी जीभ ने वो काम शुरू कर दिया था जिसमें उसे महारत हासिल थी।
मैं चूत रस का आशिक हूँ।

मेरी जीभ गहराई में और होंठ उसकी चूत की पंखुरियों को चूस रहे थे।
हम दोनों ऐसे ही खोते गये जब तक कि वो एक बार झड़ नहीं गयी।

हर्षिता ने बहुत कोशिश की मुझे हटाने की … पर मैं उसकी अमृत की हर बूँद पी गया।

हर्षिता किसी प्रेयसी की तरह मंत्रमुग्ध सी मेरे सीने से लिपट गयी जैसे मुझमें समा जाना चाहती हो।
मैंने भी उसे अपने आलिंगन में बाँध लिया।

यह पल वासना से तपते जिस्मों में जैसे एक ठहराव का पल सा था।

देखते ही देखते फिर हर्षिता मेरे होंठों पर टूट पड़ी।
इस बार उसका हमला किसी घायल शेरनी सा था।

हर्षिता बोली- मेरे रंगीले साजन … आज जो सुख तुमने दिया है, वो और किसी ने कभी नहीं दिया।

अनायास ही मैं पूछ बैठा- क्या भाई साहब के पहले भी किसी से किया है?
हर्षिता शरमा गयी और बोल पड़ी- आप भी ना! जाइए हम आपसे बात नहीं करते. क्या हम आपको ऐसे लगते हैं? आप दूसरे पुरुष हैं जिनसे मैं इस हद तक बढ़ी हूँ।

हर्षिता धीरे धीरे चुंबन का स्पर्श कठोर करती हुई नीचे बढ़ने लगी।
वो मेरे हर अंग को ऐसे चूम रही थी, चाट रही थी जैसे कोई बच्चा अपने मनपसंद रबड़ी को चाट रहा हो।

मेरी साँसें भी इस अहसास मात्र से रोमांचित हो उठी कि उसका अगला हमला मेरे लंड पर होने वाला था।
किसी गैर विवाहित महिला का इस शिद्दत से प्यार करना मुझे रोमांचित कर रहा था।

उसने मेरे लंड को मुंह में भर लिया।

होंठों की कसावट और जीभ की गर्माहट मुझे आनंद के दूसरे छोर पर लिए जा रहा था।
वो दिन दुनिया से बेख़बर सी मंत्रमुग्ध होकर इस कदर मेरा लंड चूस रही थी कि कुछ पल को लगा जैसे मैं अभी ही झड़ जाऊंगा।

मैंने स्वयं को संभाला, हरषु को एक पल को रोका और 69 की पोजीशन ले ली।
मेरा अनुभव है कि यह अवस्था … जब आपका साथी आपको सुख दे रहा हो, उसे भी वही चरमसुख साथ में मिले तो दोनों तृप्त हो जाते हैं।

वो चाव से मेरा लंड चूसती रही और मैं दूसरी बार उसकी चूत के अमृत का पान करने जा रहा था।

कामुक आवाजों से और चूसने की मद्धम आवाजों से कमरा काममय हो रहा था।
दोनों का जिस्म एक दूसरे को ऐसे चूस जाने को आतुर था जैसे कुछ रह ना जाए … या जैसे आज कयामत आने को है।

उसकी तप्त जिह्वा का स्पर्श मात्र मुझे संसार का सर्वोतम सुख देने को काफ़ी था।

मैंने उसकी चूत की फांकों को फैलाया और और जीभ को अंतरंग गहराइयों में घुसते हुए उसकी चूत को जीभ सख़्त करके चोदने लगा।
हर्षिता आह आह की आवाजें करती हुई लंड चूसने में लगी हुई इस पल का आनंद ले रही थी।

जैसे ही मेरी जीभ ने उसके चूत के अंतिम छोर को छुआ, उसने मेरे पूरे लंड को मुख में भर लिया।
अनायास ही मेरी कमर चल पड़ी और मैं उसके मुंह को चोदने लगा।
वो भी हर पल आनन्द लेती रही।

मैंने कहा- बाहर निकाल दो, मेरा आने वाला है।
हर्षिता ने दो पल रुक के लंड निकल कर कहा- आने दो मेरे साजन, मुझे भी तो अपनी रबड़ी खाने दो। तुम चालू रखो. आज मैं भी पहली बार दो बार बिना चुदे झड़ने वाली हूँ। आप तो सच में चोदन कला में पारंगत है ननदोई जी! आज ननद जी से मुझे सच में जलन हो रही है। काश आप मेरे पति होते!

मैंने कहा- अब तो हूँ ही! आधा ही सही!

अब मैंने अपनी गति बढ़ा दी और उसकी चूत और मेरे लंड ने एक साथ लावा उगल दिया।
जिसे ना मैंने व्यर्थ जाने दिया ना हर्षिता सलहज जी ने।

हम तृप्त थे … फिर भी अभी तड़प शेष थी।

दोनों नंगे ही आजू बाजू लेट कर बाते करने लगे।
साथ में मैं अपनी उंगलियों को उसकी रसीली चूत की फांकों को सहला रहा था।

धीरे धीरे वो फिर उत्तेजित हो गयी और बोली- अब बस भी करो, कब तक तड़पाओगे? अब मेरे प्यासी चूत को अपने प्रेम से पूर्ण भी कर दो.
और ऐसे कहकर उसने मेरे लंड को जो अभी आधा सोया था को सहलाना शुरू कर दिया।

लंड ने भी अपनी प्रेमिका को ज़्यादा इंतज़ार कराना ठीक नहीं समझा और एकदम लोहे के रोड जैसे कड़क हो गया।

हर्षिता ने एक बार फिर उसे चूसना शुरू कर दिया।
थोड़ी देर में मैंने उन्हें रोका ताकि फिर झड़ ना जायें हम दोनों चुदाई से पहले।

अब लंड को मैंने हरषु की चूत पर रखा और सहलाने लगा.
मेरी हरकत हरषु के तन बदन में आग लगा रही थी.

उसने कतर नज़र से मेरी ओर देखा और बोली- मार ही डालोगे क्या? तड़पाना बंद करो और अपने लंड को मेरी मुनिया रानी में डाल दो. अब बर्दाश्त नहीं हो रहा।

मैंने भी