धक्के लगा रही थी। उसकी चूत शायद दोबारा से गर्म हो गई थी। वो म | deshi kahani
धक्के लगा रही थी। उसकी चूत शायद दोबारा से गर्म हो गई थी। वो मस्ती में मेरे लंड से खेत में चुदाई करवाती हुई कामुक आवाजें कर रही थी- आह्ह … अम्म … मेरे राजा … क्या मस्त लौड़ा है … आह्ह मेरी चूत को बहुत मजा दे रहा है तुम्हारा लंड … आह्ह … ऐसे ही चोदा करो मुझे। 15-20 मिनट तक मैं उसके धक्के झेलता रहा। वो इस दौरान फिर से झड़ गई और अब मैं भी उसकी चूत में ही स्खलित हो गया। कुछ देर हमें शांत होने में लगी। जब हवस का तूफान थम गया तो हमें होश आया कि हम बाजरे के खेत में नंगे पड़े हैं। हमने जल्दी से कपड़े पहने और लगी मिट्टी को भी झाड़ा। फिर मैंने बाहर झांक कर देखा तो कोई नहीं था और हम चुपके से वहां से निकल आए। वह अपने घर चली गई और फिर मैं अपने खेत में बैठा रहा। फिर मैं घर गया दूसरे दिन का इंतजार करने लगा। अब यह चुदाई रोज होने लगी। रोज वह मेरे खेत में लगे आम के पेड़ पर आती और हम दोनों बाजरे के खेत में जाकर चुदाई करते और बहुत मजा लेते। उसके बाद वो एक दिन अपनी किसी सहेली, पड़ोस की लड़की को साथ लेकर आई और उसने अपनी सहेली की चूत भी मुझे दिलवाई। वो कहानी मैं आपको आने वाले समय में बताऊंगा। आपको ये स्टोरी कैसी लगी, मुझे जरूर लिखना।@desi_story