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अब हम दोबारा से एक दूसरे को किस करने लगे क्योंकि चूत पर लंड का | deshi kahani

अब हम दोबारा से एक दूसरे को किस करने लगे क्योंकि चूत पर लंड का स्पर्श उसको भी पागल बना रहा था।
वो बोली- आह्ह … बस चोद दो … बहुत मन कर रहा है … प्लीज जल्दी कर लो।
मैं उसकी तड़प समझ गया था।
ऊपर से फिर किसी के कभी भी आ टपकने का डर था इसलिए मैंने भी देर करना ठीक नहीं समझा।
मैंने उसको दीवार के सहारे सटाए हुए लंड उसकी चूत पर टिका दिया।
किस करते हुए मैंने एक धक्का दिया और लंड का टोपा उसकी चूत में घुस गया।
वो एकदम से मेरे से लिपट गई और मैंने उसकी गांड को भींचना शुरू कर दिया।
वो दर्द में छटपटा रही थी लेकिन मुझसे लिपटी हुई किसी तरह उसे बर्दाश्त करने की कोशिश भी कर रही थी।
इतने में ही किसी की आवाज कानों में पड़ी।
मैंने चूत से लंड निकाला और झांक कर बाहर देखा तो करीबन 4 एकड़ दूर कोई आदमी किसी को आवाज दे रहा था।
वो हमें नहीं बुला रहा था।
तो वो घबरा गई, वो वहां से जाने के लिए कहने लगी।
मैं बोला- नहीं नौशीन, ऐसे अधूरा छोड़कर मत जाओ।
मैं जल्दी से उसकी टांगों के बीच में बैठ गया और उसकी चूत को चाटने लगा।
वो सिसकारने लगी लेकिन फिर भी कह रही थी- कोई आ जाएगा यहां अंदर!
मैंने बोला- ठीक है, तो फिर बाजरे के अंदर चलो।
वहां पास में बाजरे का खेत था और मैं उसको खेत के अंदर ले गया।
मैंने थोड़ी सी खाली जगह देखकर उसको जमीन पर लेटा लिया और उसकी चूत को चाटने लगा।
मैं उसको पूरी तरह से गर्म कर देना चाहता था ताकि वो आराम से चुदकर यहां से जाए।
कुछ देर तक चूत चाटने के बाद उसने खुद ही अपने हाथों से मेरा मुंह चूत में दबा दिया।
सिसकारते हुए कहने लगी- चाट मेरे राजा … चाट … आह्ह … और जोर से चाट!
इस सब के बीच मेरे लंड में हल्का सा तनाव कम हो गया था।
मैंने फिर से उसके मुंह में लंड दे दिया और वो फिर से मस्ती में उसे चूसने लगी।
मैंने उसके मुंह में लंड गले तक फंसा दिया जिससे उसको हल्की उल्टी हुई लेकिन मेरा पूरा लंड उसके थूक में चिकना हो गया।
फिर मैंने लंड को बाहर निकाल लिया और उसकी चूत पर सेट कर दिया।
फिर एक धक्का मारा तो लंड का टोपा उसकी चूत के अंदर चला गया।
वो तिलमिला गई लेकिन ये दर्द ज्यादा देर का नहीं था।
मैंने उसको थोड़ी शांत किया और फिर धीरे धीरे उसको वहीं लेटे हुए चोदने लगा।
आह्ह … कसम से दोस्तो, ऐसे बाजरे के खेत में एक सेक्सी लड़की की चुदाई करने में जो रोमांच है वो किसी और चीज में नहीं आ सकता।
जिन्होंने ऐसे खेत में देसी लड़की की चुदाई या खुले में चुदाई का मजा लिया है, उन्हें पता होगा कि कैसा लगता है।
मैं उसको अब लगातार चोदे जा रहा था और धीरे धीरे फिर उसकी चूत भी खुलने लगी और वो भी लंड लेने का मजा लेने लगी।
थोड़ी देर के बाद तो वो खुद ही मुझे अपने ऊपर खींचने लगी।
कभी मेरे गालों को चूम रही थी तो कभी सिर में हाथ फिरा रही थी।
उसने टांगें पूरी खोल दी थीं ताकि लंड का पूरा अहसास उसको अपनी चूत में हो।
मैं भी उसकी प्यास को अच्छी तरह से बुझा देना चाहता था।
तकरीबन 20 मिनट की चुदाई के बाद वो झड़ गई लेकिन मैं उसको ऐसे ही चोदे जा रहा था।
कुछ देर तो वो चुदती रही और फिर बोली- पीछे भी कर सकते हो।
मैं हैरान था … लड़की खुद गांड चुदवाने की बात कर रही थी।
मगर मुझे खुशी भी हुई।
ऐसा मौका फिर कहां मिलने वाला था। मैंने जल्दी से उसकी चूत से लंड को बाहर खींचा।
मेरा लंड पूरा उसकी चूत के रस में सना हुआ था और अच्छी तरह चिकना हो गया था।
मैंने उसको घुटनों के बल कर लिया और वो मेरे सामने कुतिया की तरह झुकी हुई थी। मैंने उसकी गांड के छेद में लंड लगाया और हल्का सा धक्का दिया तो वो उचक गई। मैंने फिर से हल्का सा पीछे खींचा और जोर लगाकर लंड उसकी देसी गांड में उतार दिया।
वो छटपटाने लगी मगर मैं उसको पकड़े रहा।
फिर मैं उसकी चूचियों को दबाने लगा तो वो थोड़ी शांत होने लगी।
धीरे धीरे अब मैंने उसकी देसी गांड में लंड के धक्के लगाना शुरू किया।
कुछ समय तक उसको तकलीफ होती रही लेकिन फिर सब सामान्य हो गया।
अब वो अपनी गांड में मेरा लंड मजे से लेने लगी।
थोड़ी देर ऐसे ही चुदवाने के बाद वह मेरे ऊपर आ गई।
मैं नीचे लेट गया और वो मेरे ऊपर बैठकर सवारी करने लगी लेकिन लंड उसने चूत में लिया हुआ था और आगे पीछे धक्के लगा रही थी।@desi_story