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सविता भाभी कहानियां❤️

टेलीग्राम चैनल का लोगो savitabhabhikahaniya69 — सविता भाभी कहानियां❤️
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नवीनतम संदेश 139

2021-11-20 09:50:16 फिर मैं बोली- और ये सब ड्रेसेज मैं गोवा में नहीं पहनूंगी तो क्या सास ससुर के सामने पहनूंगी?
वो मुस्कराकर मेरे पास आए और बोले- ठीक है मेरी जान।
और मेरी गांड पर हल्के से थप्पड़ लगाते हुए रेडी होने लगे.

हम लोग अब डिनर करने के बाद वापस रूम में आ गये थे और जब मैं चेंज करने के बाद रूम में आई तो मैंने देखा कि मेरे पति सिर्फ़ चड्डी पहनकर बेड पर लेटे हुए थे।

मैं देखकर फिर से हैरान हो गयी कि उनकी चड्डी में उनका लंड फिर तना हुआ था.
ये सोचकर मैं हैरान थी कि अभी तक तो मैंने कुछ ऐसा किया भी नहीं, तो इनका लंड कैसे तन रहा है?

इसी कश्मकश में मैं उनके साथ जाकर बेड पर लेट गयी और उनके कंधे पर सिर रखते हुए बोली- मुझे यहां बहुत अच्छा लग रहा है … बिल्कुल माइंड फ्रेश लग रहा है।

कहते हुए मैंने धीरे से हल्का सा हाथ उनके लंड पर रख दिया और बोली- अरे ये क्या! आप तो पहले से ही मूड में लग रहे हो, किसके ख्यालों में इतने उतेज़ित हो रहे हो आप?
मैंने मुस्कराकर पूछा.

वो भी मुस्करा कर बोले- नहीं ऐसी कोई बात नहीं, मैं तो बस तुम्हारे बारे में ही सोच रहा था।
बोलते ही मुझे उन्होंने किस किया.

मैं- अच्छा … मेरे बारे में क्या सोच रहे हो? मैं तो हमेशा तुम्हारे सामने ही होती हूँ, पहले तो कभी ऐसा नहीं हुआ।
कहते हुए मैं हल्के हल्के उनका लंड चड्डी के उपर से ही सहलाती रही.

उन्होंने भी अपना एक हाथ मेरी गोरी मोटी गांड पर टिकाते हुए कहा- हाँ लेकिन आज से पहले मैंने तुम्हारा ये नॉटी रूप नहीं देखा था।
मुझे तो मानो पूरा कॉन्फिडेन्स आ गया था अब!

मैं बोली- मुझे तो मालूम ही नहीं था कि आपको मेरा ये रूप पसंद आएगा, वर्ना ये तो मेरा असली रूप है।
ये बोलते ही मैंने उनकी चड्डी में हाथ घुसा दिया और उनका 5 इंच का लंड बाहर निकाल लिया और सीधा मुंह में डाल कर चूसने लगी.

मेरे पति को तो जैसे जन्नत मिल गयी हो।
वो आह्ह … आह्ह … की आवाज़ करने लगे. ये देख कर मैंने और मज़े से उनके लंड को पूरा मुंह में ले लिया।
मानो उनका लंड मेरे मुंह में गायब ही हो गया हो.

उनकी हालत अब ऐसी हो गयी थी कि मानो मेरे पति को जैसे किसी ने इतना नशा करवा दिया हो कि वो होश में ही ना हों।
वो बिल्कुल आँखें बंद करके पूरा आनंद लेने लगे।

यह देख कर मेरे दिमाग में जैसे एक खुराफात सूझी।
मैंने झट से उनका लंड मुँह से निकाल दिया.

जैसे किसी का नशा टूट गया हो, वो आँखें खोल कर बोले- क्या हुआ जान … करो ना?? रुक क्यूँ गयी? बहुत अच्छा लग रहा था।

मैं वापस उनका लंड अपने हाथों से सहलाते हुए बोली- मैं क्या सोच रही थी डार्लिंग … अगर तुम्हें मेरा ये नॉटी रूप अच्छा लगता है तो क्यूँ ना हम लोग जितने दिन यहाँ हैं, मैं इसी रूप में रहूं?

ये कहकर मैंने फिर से उनके लंड को अपने मुँह में लेकर अहसास दिलाया कि मैं उनको कितना सुख दे सकती हूँ अगर मैं चाहूं तो. 2 बार चूसने के बाद मैंने लंड मुंह से निकाल दिया।

मैं उनको तड़पाना चाहती थी ताकि वो अपना लंड चुसवाने के लिए मेरी हर बात मानें.

मैंने उनसे अपनी बात मनवाते हुए कहा- तुम वादा करो कि मुझे यहां पर किसी चीज के लिए नहीं रोकोगे, फिर देखना हम यहां पर कितना मजा करेंगे।
बोलते हुए मैंने लंड को एक बार मुंह में लेकर फिर से बाहर निकाल दिया।

इससे वो तड़प उठे और बोले- हां डार्लिंग, जैसा तुम कहोगी, हम वैसा ही करेंगे, बस मेरा लंड चूस दो अब, बहुत तड़प रहा है। बात करना बंद करो और जो शुरू किया है वो पूरा करो।

मैंने खुश होकर उनका लंड मुँह में ले लिया और 2-3 बार चूसने पर ही उनका लंड झड़ गया और वो पलट कर सो गए।

मगर मेरी चूत की चुदने की प्यास अभी भी बुझी नहीं थी, मैं बेड के दूसरे किनारे पर पूरी नंगी हो कर लेट गयी और अपने हाथ से अपनी चूत को सहलाने लगी।

मुझे उम्मीद थी कि इन 4-5 दिनों में मुझे शायद कोई मेरी पसंद का लंड मिल जाए जो अच्छी तरह से मेरी गांड चोदे और मेरी चूत की चुदाई की प्यास बुझा दे।
ये सोचते हुए मेरी आंख भी लग गयी।

अगली सुबह मैं अपने पति से पहले ही उठ कर रेडी हो गयी थी।

मैंने एक बहुत ही सेक्सी जालीदार ब्रा और पैंटी पहनी थी जिसके ऊपर एक शार्ट ड्रेस डाला।
उसके दायीं तरफ मेरी गांड से लेकर नीचे तक एक कट था, जहां से मेरी आधी गांड और पूरी जांघ साफ़ दिख रही थीं।

अब दिन के 12 बज चुके थे और मौसम बहुत ही सुहावना हो रहा था।

मैं और मेरे पति स्विमिंग पूल के पास बैठे बीयर पी रहे थे क्यूंकि मेरा मूड थोड़ा खराब हो गया था मौसम की वजह से!
मैनेजर ने बताया कि बीच ऐसे मौसम में बंद रहती है.
और मुझे इतना मन था सेक्सी बिकिनी पहन कर बीच पर अपनी मोटी गांड मटकाने का!

कुछ देर वहां बैठने के बाद मेरा मूड तब ठीक हुआ जब मैंने 2 हट्टे कट्टे सुन्दर सुडौल शरीर वाले लड़कों को पूल एरिया में आते हुए देखा।
मेरे पूरे बदन में मानो जैसे झुरझुरी सी दौड़ गयी हो।
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2021-11-20 09:50:16 इंडियन हॉट गर्ल सेक्स कहानी में पढ़ें कि मुझे 19 वर्ष की उम्र में ही चुदने का चस्का पड़ गया था. मैं पति के साथ गोवा घूमने गई तो वहां मैंने क्या क्या गुल खिलाये?

दोस्तो, मेरा नाम शमा है. मैं अपने पति और सास-ससुर के साथ रहती हूँ.
मुझे 19 वर्ष की उम्र में ही चुदने का चस्का पड़ गया था. अब मेरी उम्र 28 साल हो चुकी है।

मेरी शादी भी जल्दी ही करवा दी गई थी क्योंकि मेरे घर वालों और मेरे बॉयफ्रेंड को लगता था कि मैं पता नहीं कॉलेज के बहाने कितने लड़कों से मिलती हूं।
और मिलती भी क्यूं न … मुझे अपनी मोटी गोल गांड और रसीले मम्में दिखाकर लड़कों को अपने पीछे घुमाना बहुत अच्छा लगता था।

अब गांड और चूचों की बात हो गई है तो मैं आप सबको अपना फिगर भी बता देती हूं।
मेरा फिगर 36बी-28-38 है। मेरा फिगर सुनते ही आपके लंड में भी हलचल हो गई होगी।
ठीक ऐसे ही बाकी लड़कों के लंड में भी मुझे देखते ही हलचल हो जाती थी।

अब मैं आपको वो इंडियन हॉट गर्ल सेक्स कहानी बताती हूं जब मैंने जवान लड़कों के साथ मजा किया था।
मगर आप जानकर हैरान होंगे कि उस वक्त मेरे पति भी मेरे साथ थे।

दरअसल मैं अपने पति के साथ गोवा घूमने गई हुई थी।
मैं उस ट्रिप के लिए बहुत उत्साहित थी।

मैंने बहुत सारी सेक्सी वाली ड्रेस और सेक्सी बिकिनी सेट ले लिये थे ताकि गोवा के बीच पर पहन कर मोटे मोटे लंड वाले लड़कों को अपनी ओर आकर्षित कर लूँ और वो मेरी चूत और गांड मारने के लिए तिलमिला उठें.

हमारी फ्लाइट से एक दिन पहले मैं पार्लर गयी और फुल बॉडी वैक्स करवाई ताकि मेरी गांड और मेरे मोटे चूचे और भी चमकदार बन जाएं.
तभी तो देखने वालों को मुझे आधी नंगी देख कर और भी मन होगा- क्या मज़ेदार मोटी गांड है साली की … इसको तो पूरी नंगी करके गांड मारूँगा.

तो जैसे तैसे जब हम गोवा अपने होटल में पहुंचे तो जो बॉय सामान उठा कर मेरे पीछे चल रहा था उसका सारा ध्यान मेरी मटकती हुई गांड पर ही था।

वो मेरी मटकती हुई गांड में इतना खो गया था कि उसे ये अहसास ही नहीं हुआ कि मेरे पति उसके साथ चल रहे थे और उसको मेरी गांड की और घूरते हुए देख रहे थे.

अपने कमरे में पहुंचते ही मेरे पति ने थोड़ा गुस्से से बॉय को 50 रुपये दिए और वो ‘शुक्रिया सर’ बोलकर कमरे से बाहर चला गया.

तो मैंने अपनी गांड बेड पर टिकाते हुए पूछा- तुम्हारा मूड क्यूँ बिगड़ा हुआ लग रहा है?
वो बोले- आजकल के सभी लड़कों को एक ही चीज़ की पड़ी रहती है।

मैंने उनकी तरफ देखते हुए पूछा- ऐसा क्यूँ पूछ रहे हो आप?
वो बोले- अरे ये मामूली सर्विस बॉय अन्दर आते हुए तुम्हारी गांड की तरफ घूर रहा था, उसे इतना भी डर नहीं था कि मैं साथ में हूँ।

ये सुनते ही मैं तो ज़ोर से हंस पड़ी और बोली- अरे, क्या आप भी … इतनी सी बात पर … और वैसे भी अगर आप मुझे उसी समय बता देते तो कम से कम मैं अपनी गांड और मटका कर चलती।

मैं फिर से हंसने लगी.

मुझे इस अंदाज़ में देख कर मेरे पति का सारा गुस्सा शांत हो गया और वो भी मेरे साथ हंसने लगे.
मुझे जैसे और आत्मविश्वास आ गया और मैं बोली- उस बेचारे का भी भला हो जाता।

मेरे पति ने चौंक कर कहा- क्या मतलब?
मैं बोली- मेरी गांड को याद करके वो अपना लंड तो हिला ही लेता।
ये कहकर मैं फिर से ज़ोर से हंस पड़ी.

मेरे पति 2 मिनट के लिए हक्के बक्के रह गये और हंस पड़े, फिर बोले- अच्छा बच्चू … गोवा आते ही नॉटी मूड में आ गयी हो!
ये कहकर वो मेरे से लिपट गये.

उनके साथ किस करते समय मेरा ध्यान अचानक उनकी पैंट में उनके पूरी तरह खड़े हुए लंड की ओर गया।
मैं सोच रही थी इससे पहले तो कभी ऐसा नहीं हुआ कि सिर्फ किस करने से उनका लंड खड़ा हो जाए।

तो मैंने उनसे पूछ ही लिया- पहले तो कभी किस करने पर आप इतने उत्तेज़ित नहीं हुए, तो आज क्या ख़ास बात है?
वो बिना इस बात का जवाब दिए उठ गये और मुस्करा कर बोले- चलो मैं नहा लूं, तुम भी चेंज कर लो। फिर हम लोग बाहर डिनर के लिए चलेंगे।

मैंने फटाफट से अपनी डेनिम शॉर्ट्स पहन ली जो कि इतनी तंग और छोटी थी कि मेरी गांड के उभार पूरी तरह से बाहर दिख रहे थे।

साथ में मैंने एक बिल्कुल पतला सा टॉप पहन लिया जिसमें मेरे मेरे गोरे गोरे मोटे चूचे साफ दिख रहे थे क्यूंकि मैंने ब्रा भी नहीं पहनी थी.

मेरे पति जैसे ही नहाकर बाथरूम से बाहर निकले तो उनकी नज़र सीधा मेरे चूचों पर जाकर टिक गयी।
वो बोले- ये क्या? बाहर नहीं जाना क्या? तुम तो तैयार ही नहीं हुई हो अभी?

मैंने कहा- मैं तो बिल्कुल रेडी हूँ।
मेरे पति- तो क्या तुम ऐसे ही जाने वाली हो बाहर ये पहन कर? इसमें तो सब दिख रहा है!
मैंने कहा- बाहर अंधेरा हो चुका है, किसी को कुछ नहीं दिखेगा। वैसे भी यहां तो सब विदेशी ही आते हैं और वो हमें कौन सा जानते हैं?
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2021-11-20 09:49:59
पराये लंड का स्वाद लेने का चस्का- 1
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2021-11-20 09:49:35 मैंने फिर से अपने धक्कों को धीमा कर दिया. जोर से चुदाई होना अभी संभव नहीं था. मैं धीरे धीरे ही भाभी चूत में लंड को चलाता रहा. भाभी भी पूरे रिदम में मेरा साथ देती रही.

दोस्तो, इस तरह धीमी चुदाई करने में भी बहुत मजा आता है. जिन लोगों ने इस तरह से प्यार वाली धीमी चुदाई का मजा लिया है वो जानते होंगे कि इस तरह की चुदाई में ताबड़तोड़ चुदाई से ज्यादा रस मिलता है. भाभी की चूत रस छोड़ते हुए पूरी चिकनी हो गई थी. उसकी चूत में लंड डालते हुए अब मुझे ऐसा लगने लगा था कि जैसे मैं किसी मक्खन के कटोरे में लंड को डाल रहा हूं.

गर्म चिकनी चूत की चुदाई का जो मजा भाभी उस रात को मुझे दे रही थी उसको अपने शब्दों में मैं लिख नहीं पा रहा हूं. मैं जोर से उसकी चूत को फाड़ देना चाहता था लेकिन ऐसा नहीं कर पा रहा था. फिर मैंने उसके चूचों को पकड़ लिया और उसको कस कर बांहों में भरते हुए उसके चूचे भी साथ में दबाने लगा. भाभी का पूरा बदन मेरे बदन से सट गया था. उसके मोटे चूचे दबाते हुए मैं उसकी चूत में धीरे-धीरे लंड को घिसता रहा.

काफी देर तक ऐसे ही हम पड़े-पड़े हिलते रहे. भाभी की आवाज भारी होने लगी थी. उसकी आवाज से कामुकता साफ झलक रही थी. लेकिन अपने आप को कंट्रोल करके रखे हुए थी. उसकी मां को भी नींद नहीं आई थी. अब भाभी से जब रुका नहीं गया तो उसने पीछे हाथ लाकर मेरे चूतड़ों को अपने हाथों में पकड़ लिया और मेरी गांड को आगे की तरफ धकेलते हुए अपनी चूत के अन्दर मेरे लंड के धक्के मरवाने लगी.

मैं भाभी की बेबसी समझ सकता था. अगर उसकी मां वहां पर न होती तो मैं भाभी की चूत को फाड़ कर रख देता लेकिन हम दोनों ही मजबूर थे. मैंने भी थोड़ा और अंदर तक लंड को घुसाने की कोशिश की.

भाभी की गांड काफी भारी थी. इसलिए लंड पूरा जड़ तक भाभी की चूत में नहीं उतर रहा था. या फिर भाभी को और गहराई तक लंड लेने की आदत थी. वो बार-बार मेरी गांड को अपने हाथों के सहारे से अपनी चूत की तरफ धकेल रही थी.

उसकी आवाज लड़खड़ाने लगी थी. लेकिन वो ऐेसे बर्ताव कर रही थी जैसे वो नींद आने के चलते बड़बड़ा रही है ताकि उसको मां को इस बात का शक न हो जाये कि उसकी बेटी एक मोटे और लंबे लंड के साथ नीचे फर्श पर पड़ी हुई अपनी चूत की चुदाई करवा रही है.

फिर मैंने तेजी से लंड को भाभी की चूत में चलाना शुरू कर दिया. मैंने भाभी को कस कर पकड़ लिया और तीन चार जोर के धक्के लगा दिये और फिर मेरे लंड ने जवाब दे दिया. मेरे लंड से गर्म गर्म वीर्य निकल कर भाभी की चिकनी चूत में भरने लगा. मैं झटके मारते हुए भाभी की चूत में वीर्य को गिराता चला गया.

मैंने सारा का सारा वीर्य उसकी चूत में खाली कर दिया. भाभी ने जैसे मेरे लंड को अपनी चूत में दबोच लिया था. ऐसा लग रहा था कि वो भी झड़ गई है. फिर हम दोनों नॉर्मल होते आ गये. अभी तक भी उसकी मां नहीं सोई थी. मुझे गुस्सा आ रहा था. लेकिन मैं चुपचाप भाभी की चूत में लंड को डाले हुए लेटा रहा.

जब काफी देर तक की उनकी बातें खत्म नहीं हुईं तो मैंने भाभी को अपनी बांहों में भर लिया और अपने लंड को ऐसे ही उनकी चूत में रख कर सो गया.

सुबह जब उठा तो मैं अकेला ही वहां पर सोया हुआ था. मैंने उठ कर देखा तो चादर मेरे ऊपर थी और मेरा लंड अभी भी बाहर ही लटक रहा था लेकिन अब सोई हुई अवस्था में था इसलिए चादर के नीचे से पता नहीं लग रहा था.

वो दोनों मां-बेटी वहां कमरे में नहीं थी. फिर मैं भाभी के साथ ही अपने घर पर वापस आ गया. अब जब भी कभी मुझे मौका मिलता है मैं भाभी को कॉल कर लेता हूं. मुझे वो सेक्सी चुदक्कड़ भाभी पूरे मजे देती है.

अब तो मैं सोच रहा हूं कि कॉल ब्वॉय का धंधा ही शुरू कर दूं. मुझे भाभियों और आंटियों की चूत भी मिल जाया करेगी और इस तरह से मेरी चुदाई की इच्छा पूरी होने के साथ ही मेरी कुछ कमाई भी हो जाया करेगी.
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2021-11-20 09:49:34 वो दोनों आपस में बातें करने लगीं और कुछ देर के बाद लाइट बुझा दी गई. लेकिन उन दोनों की बातें अभी भी चल रही थीं. मैं तो पहले से ही सोने का नाटक कर रहा था. जैसे ही लाइट बंद की गई मैंने धीरे अपने और भाभी के बदन को चादर के नीचे ढक लिया और मैं भाभी की गांड के साथ चिपक गया.

ज्यादा कुछ हरकत तो नहीं हो सकती थी क्योंकि उसकी मां को हमारे बारे में पता चल जाता. मैं धीरे धीरे भाभी की गांड को अपने हाथ से दबाने लगा. मैंने अपने लंड को साड़ी के ऊपर से ही भाभी की गांड से सटा रखा था. भाभी बातों में लगी हुई थी. फिर मैंने धीरे से उसकी साड़ी को ऊपर करना शुरू कर दिया. अंधेरे में कुछ पता नहीं चल रहा था लेकिन उसकी चिकनी टांगों पर उंगलियां फिराते हुए मुझे बहुत मजा आ रहा था.

जब पूरी साड़ी ऊपर तक आ गई तो मैं अपने पैरों को उसकी जांघों से घिसने लगा. फिर मैंने उसकी भारी सी गांड में फंसी हुई छोटी सी जालीदार पैंटी को उसके कूल्हों के बीच से उंगली घुसाते हुए खींच दिया. उसके बाद मैंने अपने अंडरवियर को भी नीचे किया और उसकी पैंटी के अंदर लंड को लगा कर उसकी जांघों के बीच में भाभी की चूत के पास फंसा दिया. मेरा लंड भाभी के चूतड़ों में जाकर सट गया.

मेरे तने हुए लंड की छुअन से भाभी की हल्की सी आह्ह निकली लेकिन भाभी ने खुद को रोका हुआ था. वो अपनी मां को बातों में लगाए हुए थी और साथ में ही मेरे लंड का मजा भी ले रही थी. मैं अपने लंड को उसकी गांड पर घिसने लगा. भाभी मेरा पूरा साथ दे रही थी.

कुछ देर जब ऐसे ही घिसते हुए हो गई तो भाभी ने धीरे अपने हाथ पर थूक लगाया और अपना हाथ अपनी जांघों के बीच में लाकर मेरे लंड के सुपारे पर थूक को मलते हुए उसको चिकना करने लगी. भाभी ने मेरे लंड को पूरा चिकना कर दिया. मेरे लंड के सुपारे पर जब भाभी के हाथ घिस रहे थे तो मैं भाभी की चूत चूत को चोदने के लिए जैसे मरा जा रहा था. मेरे लंड के सुपारे में एक अजीब सी सरसराहट दौड़ रही थी.

फिर भाभी ने मेरे लंड को अपने हाथ में पकड़ा और अपनी चूत के मुंह पर लगा कर अपनी गांड को पीछे धकेल दिया. मुझे भाभी का इशारा मिल गया.

मैंने अपने लंड को भाभी की चूत पर सटे हुए आगे की तरफ एक हल्का सा धक्का मारा और मेरा लंड भाभी की गर्म चूत में घुस गया.
उम्म्ह … अहह … हय … ओह … मजा आ गया.

भाभी की गर्म चूत में जाते ही मैंने उसकी कमर को अपने हाथों में थाम लिया और बिल्कुल धीरे-धीरे अपनी गांड को हिलाते हुए मैं भाभी की चूत में धक्के लगाने लगा. भाभी भी हल्के हल्के अंदाज में अपनी गांड को मेरे लंड की तरफ धकेल रही थी.
धीमी चुदाई शुरू हो गई.

भाभी की चूत में जाते ही मेरा लंड और ज्यादा गर्म और टाइट हो गया था. भाभी की चूत ने जैसे मेरे लंड को अंदर ही जकड़ लिया था. मैं धीरे से लंड को बाहर लाता और फिर हल्के से धक्के के साथ भाभी की चिकनी चूत में फिर से धक्का लगा देता. पूरा लंड भाभी की चिकनी चूत की गहराइयों में उतरने लगा. उसकी चूत की पंखुड़ियां जैसे मेरे लंड को निचोड़ने में लगी हुई थी. मुझे जैसे जन्नत का मजा मिल रहा था.

कुछ देर तक ऐसे ही करने के बाद मुझसे रहा न गया और मैंने अपने मोटे लंड जोर से भाभी की चूत में पेल दिया तो भाभी की आह्ह निकल गई.
उसकी ऐसी आवाज सुनकर उसकी मां बोली- क्या हुआ?
भाभी बोली- कुछ नहीं, ऐसा लग रहा था जैसे पीछे कुछ चुभ रहा हो.
उसकी मां बोली- लाइट जला कर देख लो.
भाभी तपाक से बोली- नहीं मां, सब ठीक है.

भाभी को भी डर हो गया था कि अगर लाइट जली तो सारा मजा खराब हो जायेगा. इसलिए उसने बात को तुरंत संभाल लिया. उसके बाद वो दोनों फिर से बातों में लग गई. कुछ देर तक मैंने भाभी की चूत में लंड डाल कर मजा लिया और फिर मैं भाभी की गांड के छेद पर भी उंगली चलाने लगा.

भाभी ने अपनी दोनों जांघों को थोड़ा सा और खोल दिया और मेरी उंगली भाभी की गांड में चली गई. भाभी उचक सी गई लेकिन उसने कोई आवाज नहीं की. एक दो बार मैंने भाभी की गांड में उंगली की और फिर वापस निकाल ली.

फिर पता नहीं भाभी को क्या शरारत सूझी कि उसने अपने एक हाथ को पीछे लाकर मेरी गांड पर टटोलते हुए मेरी गांड के छेद को ढूंढ लिया और अपनी उंगली मेरी गांड में घुसाने की कोशिश करने लगी. मुझे मजा तो नहीं आ रहा था लेकिन मेरे लिए यह एक नया अनुभव था. मेरा लंड भाभी की चूत में था और भाभी की उंगली मेरी गांड के छेद को सहला रही थी. फिर उसने अपने हाथ को वापस आगे की तरफ खींच लिया.

मुझे गांड में जलन सी होने लगी. शायद भाभी की उंगलियों का तेज नाखून मेरी गांड में लग गया था. मैंने जोर से भाभी की चूत को चोदना शुरू कर दिया. पच-पच की आवाज हो गई तो उसकी मां को फिर शक हो गया.
वो बोली- ये आवाज कैसी आ रही है?
भाभी बोली- कुछ नहीं, योगू को शायद मच्छर परेशान कर रहे हैं. वो मच्छर मार रहा है.
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2021-11-20 09:49:33 कैसे हो दोस्तो? मैं आपके लिए पड़ोसन भाभी की चूत की एक कहानी लेकर आया हूं. उससे पहले मैं अपने बारे में कुछ बता देता हूं. मेरे दोस्त मुझे प्यार से योगू बुलाते हैं. मैं एक 26 साल का सेक्सी, हैंडसम और अच्छे घर का लड़का हूं. जब से मैं जवान हुआ हूं मेरा लंड मुझे चैन से नहीं बैठने देता है. मैं रोज ही अपने लंड को हिलाता हूं. इसकी प्यास बुझती ही नहीं है. मुझे चुदक्कड़ आंटियां और प्यासी भाभियां बहुत पसंद हैं.

यह बात उन दिनों की है जब मैं बस से कॉलेज जाया करता था. आप सब तो जानते ही हैं कि सुबह के टाइम पर बसों में कितनी भीड़ होती है. मैं हमेशा की तरह अपने कॉलेज जा रहा था. उस दिन मेरे साथ ही मेरे पड़ोस की एक भाभी भी उस बस में चढ़ गई. बस में काफी भीड़ थी.

भाभी ने मेरी तरफ देखा और मैंने भाभी की तरफ. हम दोनों पास में ही खड़े हुए थे. फिर कुछ दूर चलने के बाद बस में और ज्यादा लोग चढ़ गये. अब बस बिल्कुल खचाखच भर गई. भाभी की मोटी गांड मेरे लंड से आकर सट गई. जैसे ही मुझे इस बात का अहसास हुआ कि भाभी की गांड मेरे लंड से सट चुकी है तो मेरा लंड मेरी पैंट में खड़ा होना शुरू हो गया.

मैंने हल्का सा जोर लगा कर अपने लंड को भाभी की गांड की दरार पर मसल दिया. भाभी ने पीछे मुड़ कर देखा. एक बार तो मैं डर गया कि शायद भाभी गुस्सा हो गई होगी. लेकिन उसने मुझे देख कर एक स्माइल दी और फिर मुझसे कहा- मेरे बैग को ऊपर रख दो.
मेरी जान में जान आई कि भाभी गुस्सा नहीं हो रही थी.

मैंने भाभी के बैग को ऊपर सामान रखने की जगह पर रख दिया. फिर भाभी आराम से खड़ी हो गई.
हम दोनों में बातें होने लगी.

मैंने भाभी से पूछा कि वो कहां जा रही है तो भाभी ने बताया कि वो अपने मायके जा रही है.

भाभी अकेली ही थी इसलिए मुझे भी कोई डर नहीं था. बीच बीच में जब धक्के लगते थे तो भाभी मुझसे बिल्कुल चिपक जाती थी. ऐसा करते करते मेरे लंड का तन कर बुरा हाल हो गया.

फिर मैंने महसूस किया कि भाभी भी अपनी गांड मेरे लंड पर धकेल रही थी. वो अपनी गांड की दरार को मेरे लंड पर सटा कर पीछे की तरफ दबाव बना रही थी. मैं भी बदले में अपने लंड को उनकी गांड की दरार में पूरा का पूरा घुसाने की कोशिश करने लगा. बहुत मजा आ रहा था. मन कर रहा था अभी भाभी को नंगी करके चोद दूं लेकिन जैसे तैसे मैंने खुद को कंट्रोल करके रखा हुआ था.

हम दोनों आपस में बातें करते हुए ऐसे दिखा रहे थे कि सब कुछ नॉर्मल ही हो रहा है.

उसके कुछ पल के बाद भाभी ने अपना हाथ धीरे पीछे ले जाकर मेरे लंड को पकड़ लिया और उसको सहलाने लगी. मेरी तो हवा टाइट हो गई. भाभी भरी बस में मेरे लंड को पकड़ कर सहला रही थी.
मैंने भी पूरा जोर लगा कर भाभी की तरफ अपने शरीर के वजन को आगे धकेल दिया. हम दोनों इस कामुक मदहोश कर देने वाले पलों का मजा ले रहे थे.

तभी मैंने सीट वाले डंडे पर अपने हाथ को आगे की तरफ रख लिया. भाभी ने अपने मस्त चूचों को मेरी कुहनी के आगे वाले भाग की तरफ अपने चूचों को मेरे हाथ से सटा दिया और मेरे हाथ पर अपने चूचों को स्पर्श देने लगी.
मैं पागल सा होता जा रहा था. इधर भाभी के अंदर भी सेक्स पूरा भड़का हुआ था.

फिर मैंने आस पास देखा कि कोई हमारी इस हरकत पर ध्यान तो नहीं दे रहा. जब सब जगह नजर दौड़ाने के बाद मैंने ठीक ठाक पाया तो मैंने हल्के से अपने हाथ को भाभी के चूचों पर लाकर उनको छेड़ने लगा. मेरे हाथ की उंगलियां भाभी के चूचों के निप्पलों पर लग रही थीं.

भाभी की हल्की सी सिसकारी निकलना शुरू हो गई थी. भाभी के चूचों के निप्पल काफी टाइट थे. उसको छूकर पता नहीं चल रहा था कि वो दो बच्चों की मां है. मैंने जोर से उसके निप्पलों को मसलना शुरू किया तो भाभी बोली- आज मेरे साथ मायके ही चलो. मैं तुम्हें अपने मायके की सैर करवाऊंगी.

मैं भी समझ गया था कि भाभी मायके की नहीं अपनी चूत की सैर करवाने के मूड में लग रही है.

तभी भाभी ने अपने पर्स से फोन निकाला और अपने घर वालों को बता दिया कि उनके साथ मैं भी उनके मायके आ रहा हूं. भाभी के बदन को छेड़ते छेड़ते कब सफर कट गया कुछ नहीं पता लगा.

फिर उनके घर जाकर हमने आराम किया. अब मुझसे रात का इंतजार करना मुश्किल हो रहा था. उनके घर में मेरी काफी खातिरदारी हुई और फिर आखिरकार सोने का समय भी आ ही गया. भाभी और मैं दोनों एक ही कमरे में सोने वाले थे. ये सोच कर मेरा लंड तो पहले से ही खड़ा होने लगा था. मेरे लंड ने कई बार चिपचिपा पदार्थ छोड़ दिया. भाभी की चूत के बारे में सोच कर ही मेरा कामरस निकला जा रहा था.

लेकिन तभी उसकी मां हमारे बीच में आ गई. वो अपनी बेटी से बात करने के लिए हमारे कमरे में ही आ गयी. मैं मन ही मन उसकी मां को गालियां देने लगा. मगर फिर मुझे इस बात से थोड़ा सन्तोष करना पड़ा कि हम दोनों का बिस्तर जमीन पर नीचे एक साथ लगा दिया गया. ऊपर बेड पर उसकी मां सोने वाली थी.
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2021-11-20 09:49:18
भाभी की चूत को उसके मायके में जाकर चोदा
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2021-11-19 13:26:03 उधर गोपी ने लण्ड गुलज़ार को पकड़ा दिया और रोहित ने लण्ड बरखा को!
वो दोनों बुरचोदी दो दो लण्ड बारी बारी से चूसने लगीं।

चूत बहनचोद सबकी धधक रही थी।

रोहित की नज़र तान्या की चूत पर पड़ी।
वह बिना कुछ बोले आगे बढ़ा और लण्ड तान्या की बुर में पेल दिया, बोला- तू भोसड़ी वाली मुझे बहुत अच्छी लगती है तान्या, तेरा जिस्म बड़ा हॉट और सेक्सी है यार … मैं पहले तेरी बुर चोदूंगा।
वह जुट गया बुर चोदने में। तान्या भी अपनी गांड उछाल उछाल के चुदवाने बिंदास लगी.

नीरज ने लण्ड गुलज़ार की बुर में घुसेड़ दिया।
गुलज़ार ससुरी टांगें फैलाकर चुदवाने लगी।
नीरज बोला- हाय मेरी जान, तू तो बुर बहुत अच्छी तरह दे रही है।
वह बोली- हाय मेरे राजा, मेरी जान, तू अच्छी तरह ले ले मेरी बुर! मेरी गांड भी ले ले अच्छी तरह भोसड़ी वाले।

तब तक बरखा ने अंकित लौड़ा पकड़ कर अपनी बुर पर टिका दिया और बोली- यार अंकित, अब क्या … पेल दे न पूरा लण्ड मेरी चूत में! देख न बड़ी देर से खाली पड़ी है।

अंकित जुट गया उसकी बुर चोदने में, बोला- हां यार, तेरी बुर तो बिलकुल मक्खन मलाई है। आज मैं इसे चोद चोद कर हलवा बना दूंगा।

गोपी मादरचोद ने अपना हिनहिनाता हुआ लण्ड मेरी चूत में पेला और धकाधक अपनी जागीर समझ कर मेरी बुर चोदने लगा।

इतने में विकी ने लण्ड मेरे मुंह में घुसाया।
मैं लण्ड चूसते हुए चुदवाने लगी।

संजू ने लण्ड तान्या के मुंह में पेला तो वह भी मस्ती से लण्ड चूसते हुए चुदवाने लगी।

सबको इतना मज़ा आ रहा था कि सब कुछ न कुछ बोल रहे थे मस्ती में!
और इस मस्त मस्त अय्याशी में मुंह से कुछ न कुछ निकल ही आता है।

आप भी सुनिए:

तू भोसड़ी वाली एकदम कुतिया है, सबसे चुदवाती है।

आज मैं तेरी चूत की माँ चोद दूँगा.
पहले चूत ले माँ के लौड़े फिर चूत की माँ चोदना.

तेरे लण्ड की बहन का भोसड़ा. ठीक से चोद … नहीं तो मैं तेरी गांड मारूंगी.

आज आयी है तू मेरी गिरफ्त में आज मैं तेरे हर छेद में लण्ड पेलूँगा. फाड़ डालूँगा तेरी बुर मादरचोद!
हाय मेरे राजा … मुझे अपनी बीवी समझ कर चोदो … पूरा लौड़ा पेल पेल के चोदो … मर्दों की तरह चोदो … भोसड़ी के लौड़ा पूरा पूरा निकाल निकाल कर घुसेड़ो!

तुझे चोदना भी नहीं आता … अगली बार अपनी माँ चोद कर आना!

हाय रे क्या मस्त लौड़ा है तेरा … यार तुम तो बिलकुल रॉबर्ट की तरह चोद रहे हो.

तेरा लण्ड मेरे मौसा के लण्ड से मिलता जुलता है. आज मैं तेरा लण्ड चूत में ही भून कर निकालूंगी.

वॉवो … तू भोसड़ी का सच में मर्द है यार मेरी चूत का बाजा बहुत बढ़िया बजा रहा है.

तेरी बुर क्या … तेरी माँ का भोसड़ा भी फाड़ डालूँगा मैं!

बरखा ने संजू को नीचे लिटाया और उसके खड़े लण्ड पे बैठ गयी।
लण्ड उसकी चूत में पूरा घुस गया।

गुलज़ार ससुरी रोहित के खड़े लण्ड पर बैठ गयी और झुक कर लण्ड चोदने लगी जैसे लड़के बुर चोदते हैं।

मैं अपनी गांड उठाये हुए सामने लेटे हुए अंकित का लण्ड चूसने लगी।

तान्या भी गोपी के लण्ड पे बैठी गई और नीरज का लण्ड चूसने लण्ड।

लण्ड पर बैठी बैठी लण्ड चूसना भी एक बहुत मजेदार खेल है।

इतने में किसी ने पीछे से मेरी चूत में लण्ड पेल दिया।
मेरे मुंह से निकला- हाय दईया … देखो किसी ने 9″ का लण्ड पेल दिया मेरी चूत में! कौन है ये भोसड़ी वाला? किसका है ये मादरचोद लण्ड?

मैंने जब मुड़ कर देखा तो वह विकी का लण्ड था।
तो मैंने कहा- अरे वाह, तेरा लण्ड साला 9″ का है विकी?

उसने कहा- तुम्हें कैसे मालूम? तूने नापा तो नहीं कभी?
मैंने कहा- लण्ड नापने का काम मेरी चूत करती है। जब कोई खड़ा लण्ड मेरी चूत में घुसता है तो मेरी चूत मुझे उसकी लम्बाई और मोटाई बता देती है। लण्ड घुसते ही मुझे लण्ड का साइज मालूम हो जाता है।

इस तरह सब लड़कों ने सब लड़कियों की बुर चोदी; एक बार नहीं कई बार चोदी।

लड़कियों ने भी खूब दिल खोल कर चुदवाया।
अपनी अपनी चूचियाँ तो सबने सबसे चुदवायीं।
दिल खोल कर सबके झड़ते हुए लण्ड पिए।
सड़का मार मार कर भी सबके लण्ड पिये।

तान्या और बरखा ने अपनी अपनी गांड भी मरवाई।

लड़कों ने लड़कियों की बुर खूब मस्ती से चाटी।

खूब गालियां बक बक करके सबका मनोरंजन किया.

तीन दिन तक हम लोग गेस्ट हाउस में रहे और नंगे नंगे ही रहे।
न किसी लड़की ने कोई कपड़ा पहना और न किसी लड़के ने कोई कपड़ा!

चलते चलते सबने यह तय किया कि हर महीने इसी तरह की सामूहिक चुदाई पार्टी हुआ करेगी।
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