2021-11-21 14:58:01
भाभी की देसी चुदाई का मजा मुझे मिला मेरे दोस्त की भाभी के साथ. एक बार भाभी घर पर अकेली थी तो मैं उनके घर गया. वहां क्या और कैसे हुआ? पढ़ें इस कहानी में.
दोस्तो, मेरा सभी चिकनी और रसीली चुत वालियों को एक लम्बा किस.
मेरा नाम विक्की (बदला हुआ) है, मैं कानपुर से हूँ.
आज मैं आपके साथ अपनी रियल सेक्स स्टोरी साझा कर रहा हूँ.
ये मेरी पहली सेक्स कहानी है तो दोस्तो, कोई गलती हो तो माफ कीजिएगा.
मेरी हाईट छह फीट है और मेरा लंड भी छह इंच का है, जो किसी भी लड़की को खुश कर सकता है.
मुझे फोरेप्ले बहुत पसन्द है और चुत चाटना तो बहुत ही ज्यादा पसंद है.
ये भाभी की देसी चुदाई कहानी कुछ समय पहले की है. मैं तब बारहवीं क्लास में था.
उस समय मेरे दोस्त के भाई की शादी हुई और भाभी घर आ गईं.
मेरे दोस्त का भाई अपने जॉब की वजह से घर से दूर रहता था.
तो भाभी का हनीमून भी अभी तक अच्छे से नहीं मना था.
शादी के एक हफ्ते बाद ही भाभी का पति अपनी जॉब पर चला गया था.
वो दो महीने से घर ही नहीं आ सका था.
इस दौरान मैं अपने दोस्त के घर जाता था तो मुझे भाभी से बात करने को मिल जाती थी.
भैया के घर पर न रहने की वजह से भाभी की चुदाई की आग शांत नहीं हो सकी थी. वो लंड के लिए तड़प रही थीं.
ये सब भाभी ने मुझे बाद में बताया था.
एक दिन मेरे दोस्त ने बताया कि उसकी पूरी फैमिली शादी में जा रही है; सिर्फ भाभी ही घर पर रहेंगी.
उसकी भाभी के भाई को कुछ काम था, तो वो घर पर रुकने आ सकता था.
मेरे दोस्त ने कहा- यदि वो नहीं आए तो तुम एक बार भाभी से मिल लेना. उन्हें किसी चीज की जरूरत हो तो देख लेना.
मैंने हां कह दी.
जब मैं उनके घर गया था, तब वहां सिर्फ भाभी ही थीं, उनका भाई अभी नहीं आया था.
मैं वहां गया तो भाभी ने गेट खोला.
मैंने उनसे नमस्ते की और अन्दर आने लगा.
भाभी बोलीं- भैया रुको, घर पर कोई नहीं है.
मैंने अनजान बनते हुए पूछा कि अरे … सब कहां गए हैं?
भाभी बोलीं- सब लोग शादी में गए हैं.
मैंने अपने दोस्त को फोन किया- यार, मुझे कुछ नोट्स लेने हैं.
मैंने उसे ये नहीं बताया कि मैं उसके घर पर ही खड़ा हूँ.
उसने बोला- तू घर चला जा और भाभी से बोल देना, वो दे देंगी.
अब मैंने कहा- मैं तेरे घर पर ही हूँ, ले अपनी भाभी को बता दे.
उसने भाभी से बात की तो भाभी बात करने में थोड़ी गुस्सा सी लगीं.
भाभी का रुख देख कर मैं कुछ डर गया.
फिर काल कट हो गयी.
मैं उनकी तरफ देखने लगा.
भाभी ने मुझसे बैठने को कहा.
मैं अन्दर आकर सोफे पर बैठ गया.
उन्होंने कहा- चाय चलेगी ना!
मैंने कहा- हां भाभी ठीक है.
वो मेरे लिए चाय बना लाईं.
मैं बिना कुछ बोले चुपचाप से चाय पी रहा था.
भाभी ने चुप्पी तोड़ते हुए कहा- पढ़ाई कैसी चल रही है?
मैंने बोला- ठीक चल रही है भाभी.
उसी समय न जाने कैसे मेरे हाथ से कप छूट गया और थोड़ी चाय मेरे ऊपर गिर गई.
चाय एकदम गर्म थी तो मैं हड़बड़ा गया.
भाभी भी एकदम से ‘अरे ये क्या हुआ …’ कह कर घबरा सी गईं.
मैं पैंट पर गिरी गर्म चाय को साफ़ करने लगा.
भाभी ने भी मेरे लंड पर हाथ लगाते हुए चाय साफ करने की कोशिश की.
फिर उन्हें लंड का अहसास हुआ तो हाथ हटाती हुई बोली- अरे ऐसे नहीं … जाओ जल्दी से बाथरूम में जाओ और साफ कर लो.
भाभी का हाथ मैंने अपने लंड पर महसूस कर लिया था तो मुझे मजा गया था.
मैंने कहा- अरे कुछ नहीं भाभी, सब ठीक हो जाएगा.
भाभी झुक कर जमीन साफ करने लगीं.
उसी समय मेरा ध्यान उनके चूचों की ओर चला गया.
उन्होंने ब्लैक कलर की ब्रा पहनी हुई थी, जो उनके ब्लाउज से साफ़ दिख रही थी.
मस्त नजारा देख कर मेरा लंड खड़ा होने लगा.
तभी भाभी मेरी ओर देख कर बोलीं- जाओ जल्दी … साफ करके आओ यहां क्यों खड़े हो.
मैं बाथरूम में चला गया और बिना दरवाजा लगाए भाभी की मस्त चूचियों को याद करके मुठ मारने की सोचने लगा.
मेरा लौड़ा बेहद अकड़ गया था तो मैं मुठ मारने लगा.
तभी भाभी की आवाज आई- ये क्या हो रहा है?
मैंने जल्दी से लंड अन्दर किया और बाहर आने लगा.
मैंने सोचा आज तो मेरी आफत आ गयी.
तभी भाभी बोलीं- अपनी फीलिंग्स पर कंट्रोल करो, ये सब ठीक नहीं है.
मैंने भाभी से सॉरी बोला और कहा- अब ऐसा नहीं करूंगा भाभी, गलती हो गई.
भाभी बोलीं- मैं समझ सकती हूँ, डरो मत … मैं किसी से कुछ नहीं बोलूँगी.
उनकी बदली हुई आवाज से मुझे थोड़ी राहत मिली.
फिर उन्होंने मुझे नोट्स दिए और मैं वहां से आने लगा.
तभी भाभी ने कहा- तुम मुझे अपना नंबर दे दो.
मैंने बिना कोई सवाल किए भाभी को अपना नंबर दे दिया और मैं अपने घर आ गया.
घर आकर मैंने भाभी के नाम की मुठ मारी और खुद को शांत कर लिया.
लंड का पानी निकला, तब जाकर मेरे लंड को राहत मिली.
अगले दिन कुछ ऐसा हुआ, जिसके बारे में मैंने सोचा भी नहीं था.
आगे बढ़ने से पहले मैं यहां पर आपको भाभी के बारे में बता देता हूँ.
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