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अरुणिमा ने तुरंत कहा- भड़वा है साला भोसड़ी वाला! नाम भर पर पति ह | सबकी सविता भाभी ❤

अरुणिमा ने तुरंत कहा- भड़वा है साला भोसड़ी वाला! नाम भर पर पति है. उसके कारण मुझे हर किसी मादरचोद से चुदवाना पड़ता है. सब साले अपनी मर्जी से चोदते हैं. जब चुदवाना है ही तो मैंने सोचा की अपनी मर्जी से ना चुदवाऊं. मैं बोलूं तो मेरी चूत चुदे और मैं चाहूँ तो गांड चुदे. इसलिए जब मन होता तो मैं बाहर से लौंडे ले आती हूँ और चुदवा लेती हूँ. जैसे आज तुम लोग बस स्टैंड पर मिल गए और तुम्हें घर ले आई. मुझे डर नहीं था क्योंकि पता था कि अगर भड़वा आ भी जाएगा तो विश्वेश्वर जी का नाम ले लूंगी और चूतिया कुछ बोलेगा नहीं.
दूसरे ने पूछा- आप अब तक अपने मन से कितने बार चुदवा चुकी हो?
अरुणिमा हंस कर बोली- अनेकों बार, पर हमेशा एक या दो ही लौंडे मिले मुझे, पहली बार मुझे तुम चार लौंडे मिले. अब तुम सब मेरा इंटरव्यू लेना बंद करो और चोदना चालू करो.
उसके बाद अन्दर से आवाज आना बंद हो गई और मैं वहां से निकल गया.
मैं अपनी फाइल का काम पूरा भूल गया और गली के मोड़ पर एक चाय दुकान में जाकर बैठ गया.
मैं एक घंटा वहां बिताने के बाद चुपके से घर आया.
घर का गेट खुला हुआ था सो मैं चुपके से अन्दर गया.
ड्राइंग रूम में कोई था नहीं, सो बेडरूम में झांक कर देखा.
अन्दर अरुणिमा खड़ी थी और दो लौंडे उसकी चूत और गांड एक साथ मार रहे थे.
वो भी उछल उछल कर चुदवा रही थी.
मैं फिर से चाय की दुकान पर आ गया और टाइमपास करने लगा.
अगले तीन घंटे में चार बार मैंने घर जाकर झांका और अरुणिमा को लगातार चुदवाते हुए पाया.
कभी गांड मराते, कभी चूत तो कभी लंड चूसते.
तीन घंटे बाद वो चलो लड़के मेरे घर से निकल कर बस स्टैंड की तरफ चल दिए.
मैं थोड़ी देर बाद घर गया तो अरुणिमा को नंगी सोती हुई देखा.
मैं चुपचाप वापस ऑफिस आ गया.
अरुणिमा का बोलना सही था और मुझे उस बात से कोई आघात नहीं लगा था, पर उसका बाहर के लड़कों से चुदवाना मेरे गले से नहीं उतर रहा था.
उसके अन्दर का वेश्यापना अब जाग गया था और उसने सच में रंडियों वाली हरकतें करना चालू कर दी थीं.
उसके लिए जो अफ़सोस था, वो खत्म हो गया था और उस पर मुझे तेज गुस्सा आ रहा था.
तभी मेरे एक जान पहचान वाले कांट्रेक्टर आए और उन्होंने गुस्से में मेरी टेबल पर फाइलों का बंडल पटक दिया.
मैंने चौंक कर उनको देखा तो चेहरे पर परेशानी के भाव दिखे.
मैंने उन्हें बिठाया और कारण पूछा.
उन्होंने कहा कि उसका तीन डिपार्टमेट्स में काम और पेमेंट फंसा हुआ है. अफसर को पैसे भी खिला चुके, पर अभी भी काम और पेमेंट फंसा हुआ है.
मैंने पूछा- उन अफसरों को चाहिए क्या है?
तो उन्होंने बताया कि उन अफसरों को चोदने के लिए माल चाहिए.
मैंने उनसे कहा कि किसी रंडी को बुक करके पहुंचा दे उनके पास.
इस बात पर वो थोड़ा झल्लाए और बोले- यही तो दिक्कत है, सब हरामी हैं साले, उनको रंडी नहीं … कोई घरेलू औरत चाहिए. किसी की बीवी या कोई कॉलेज की लौंडिया.
मैं चुप था.
वो बोले- मुझे खर्चे का फ़िक्र नहीं, वो सब उठा लेंगे, पर सालों को पीस एकदम जोरदार और कम चली हुई होना चाहिए.
मैं उनकी मजबूरी पर हंस दिया तो वो और चिढ़ गए और उठकर चले गए.
उनके जाने के बाद मैं फिर से अरुणिमा के बारे में सोचने लगा.
अचानक मुझे ख्याल आया कि क्यों ना अपनी रंडी बीवी अरुणिमा को ही चुदवा दूँ.
ये सोच कर मैंने उनको कॉल करके बुलाया.
उनके आने के बाद मैंने उनसे कहा कि मेरे पास उनके लायक एक माल है.
उन्होंने तुरंत मुझसे लड़की की नंगी फोटो मांगी. वो निश्चित होना चाहते थे कि लड़की उनके हिसाब की थी.
मेरे पास अरुणिमा की सिंगल फोटो थी नहीं और ना नंगी फोटो थी.
मैंने उनसे एक दो दिन का समय मांगा और घर के लिए निकल गया.
मैं घर ये सोच कर जा रहा था कि अरुणिमा की नंगी फोटो निकालूंगा.
फिर मुझे ख्याल आया कि अरुणिमा को इस फोटो के लिए क्या बहाना बताऊंगा.
ये सोच कर मैं एक जगह रुक गया. मैंने थोड़ा सोच कर विश्वेश्वर जी को कॉल किया.
उन्होंने फ़ोन उठाया और बड़े प्यार से बात करने लगे. मुझे आश्वासन दिया कि जल्द ही वो मुझे कुछ अच्छे बड़े काम दिलवा देंगे.
फिर मैंने उनसे कहा- मैं अरुणिमा की नंगी फोटोशूट करवाना चाहता, कुछ नंगी फोटो और कुछ नंगी वीडियो बनवाना चाहता हूँ.
उन्होंने मुझसे उन्हें कॉल करने का कारण पूछा.
तो मैंने कह दिया कि शहर में किसी से करवाऊंगा तो मुझे ब्लैकमेल करने लगेगा, लेकिन उनके जान पहचान का होगा तो मेरे लिए सेफ रहेगा.
उन्होंने कहा कि कल मैं दो फोटोग्राफर भिजवा दूंगा.
मैंने थैंक्स कहा.
फिर वो मुझसे एक बात बोले कि भले फोटोग्राफर उनके पहचान वाले हैं, पर अरुणिमा जैसे लड़की की नंगी फोटो खींचने के बाद उसे चोदे बिना तो छोड़ेंगे नहीं.