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ℍ𝕚𝕟𝕕𝕚 & 𝔼𝕟𝕘𝕝𝕚𝕤𝕙 𝕊𝕖𝕩 𝕊𝕥𝕠𝕣𝕪

टेलीग्राम चैनल का लोगो hindi_chudai_kahani — ℍ𝕚𝕟𝕕𝕚 & 𝔼𝕟𝕘𝕝𝕚𝕤𝕙 𝕊𝕖𝕩 𝕊𝕥𝕠𝕣𝕪
चैनल का पता: @hindi_chudai_kahani
श्रेणियाँ: वयस्क सामग्री (18+)
भाषा: हिंदी
ग्राहकों: 5.46K
चैनल से विवरण

𝑾𝒆𝒍𝒄𝒐𝒎 𝑻𝒐 𝑺𝒆𝒙 𝑺𝒕𝒐𝒓𝒚 𝑪𝒉𝒂𝒏𝒏𝒆𝒍 𝑾𝒉𝒆𝒓𝒆 𝒚𝒐𝒖 𝒄𝒂𝒏 𝑹𝒆𝒂𝒅 𝒂𝒘𝒆𝒔𝒐𝒎𝒆 𝒔𝒆𝒙 𝒔𝒕𝒐𝒓𝒚 𝑰𝒏 𝑯𝒊𝒏𝒅𝒊 & 𝑬𝒏𝒈𝒍𝒊𝒔𝒉
𝑷𝒍𝒛 𝑺𝒉𝒂𝒓𝒆 & 𝑺𝒖𝒑𝒑𝒐𝒓𝒕 𝑼𝒔

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नवीनतम संदेश 17

2021-05-06 21:11:01 मैंने मां की बात समझ ली और उनकी टांगों की मालिश करने लगा. मां ने ब्रा खोलते हुए कहा- तू चड्डी खींच कर निकाल दे और आज बिना किसी डर के मुझे चोद दे. वैसे भी तू मुझे रोज चोदता तो है ही.

मैंने मां की चड्डी निकाली तो आज कमाल हो गया था. मां ने अपनी चुत को सफाचट कर लिया था. उनकी मदमस्त चुत देख कर मुझे बड़ा अच्छा लगा और मैं उनकी चुत देखने लगा.

तभी मां ने अपनी चुत पर अपना हाथ फेरा और कहा- देखा आज चिकनी चमेली है न … अब तू देर न कर बस जल्दी से मेरी चुत चाट कर मुझे मजा दे दे.

मैंने एक पल की भी देर नहीं की और उनकी चुत पर झपट पड़ा. मैंने मां की चुत खूब चाटी और उनकी चुचियों का भी मजा लिया.

मां अब तक नींद की गोली के वजह से ऊंघने लगी थीं.
उन्होंने कहा- अब देर न कर इधर आ … मुझे तेरा लंड चूसना है.

मैंने मां के मुँह में अपना लंड दे दिया.
मां ने मेरे लंड को एक मिनट तक चूसा और बोलीं- अब चुत में पेल दे.

मैंने पोजीशन बनाई और उनकी चुत में लंड पेल दिया.

दस मिनट की धकापेल चुदाई के बाद मैं मां की चुत में ही झड़ गया और उनकी चूचियों से खेलने लगा.

मां सो चुकी थीं, मैंने एक चादर से मां के जिस्म को ढक दिया और खुद भी उनके साथ नंगा ही चिपक कर सो गया.

रात को दो बजे मां उठीं और मुझे जगा कर फिर से चुदाई के लिए कहने लगीं. अब हम दोनों होश में थे और खुल कर चुत चुदाई का मजा लेने लगे थे. मेरी मां मुझसे बड़ी खुश थीं.

अब मैं हर रोज अपनी मां की चुत की चुदाई और मालिश कर देता हूँ.

दोस्तो, जिस चुत से जन्म लिया, जिस चुत से हम सब निकले, उस चुत को चोदने, चाटने में कोई बुराई नहीं है. बस दोनों की रजामंदी होना चाहिए. मैं आशा करता हूँ कि आपको मेरी मां की चुदाई की कहानी पसंद आई होगी.
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2021-05-06 21:10:53 अब मैंने मां की चुत की खूब मालिश की और कुछ ही देर में मैं एकदम से गर्म हो गया. मां ने चुत की मालिश के समय अपनी टांगें पूरी तरह से खोल दी थीं. जिसे देख कर मैंने अपना छह इंच का खड़ा लंड अपनी मां की चुत पर रखा और अन्दर पेल दिया.

चूत लंड में तेल लगा के होने के कारण मेरा लंड एकदम से मां की चुत में घुसता चला गया. अब मैं मेरी मां की चुत की मालिश अपने लंड से करने लगा. मुझे अपनी मां चोदते समय बड़ा मज़ा आने लगा. मैंने खूब जमकर मां की चुत की चुदाई की.

कुछ देर बाद मैं झड़ने को हुआ, तो मैंने मां की चुत में ही सारा वीर्य खाली कर दिया. फिर चुदाई के बाद मैंने लंड बाहर निकाला और मां की चुत पोंछने के बाद उनके कपड़े ठीक करके सो गया.

अगले दिन सुबह मां नित्यक्रिया से फारिग होकर आईं और मुझसे कहने लगीं कि बेटा तेरे हाथों में तो जादू है, रात की मालिश से मुझको बड़ी बढ़िया नींद आई.

मैंने कुछ नहीं कहा. मैं समझ गया कि मां की चुत चुदने से उनको हल्कापन महसूस हुआ है, जिस वजह से वो मस्त होकर गहरी नींद का मजा ले सकी थीं.

तभी मां ने मुझसे कहा- बेटा तू रोज मेरी ऐसी ही मालिश कर दिया कर.
मैंने कहा- ठीक है मां.

शाम होते ही हमने अपना बिछौना बिछाया और हम दोनों लेट गए.

मां कहने लगीं- बेटा आज तो मैं खुद ही तेल ले आई हूँ. तू सिर्फ़ मालिश कर दे.
मैंने कहा- ठीक है. मगर मैं पहले आपके लिए दूध लेकर आता हूँ.
मां बोलीं- बेटा तू मेरा कितना ख्याल रखता है.
मैंने कहा- आप मेरी मां हैं, तो मैं क्या मां के लिए इतना नहीं कर सकता हूँ.

मैं नीचे रसोई से दूध लेने चला गया. नीचे से ही दूध में गोली डालकर मां को गिलास दे दिया.

आज मां ने कहा- बेटा कपड़ों में तो बहुत गर्मी लगती है, तो मैं आज साड़ी निकाल देती हूँ.
मैंने मां से कहा- आप अपना ये पेटीकोट को भी थोड़ा ऊपर चढ़ा लिया करो. आपका पेटीकोट तेल में गंदा हो जाता है.
मां ने कहा- ठीक है, तू मालिश करने के तेल निकाल … तब तक मैं पेटीकोट निकाल देती हूँ. मालिश के बाद फिर से पहन लूँगी.
मैंने कहा- ठीक है.

मेरी मां ने अपना पेटीकोट निकाल दिया और वो सिर्फ कच्छी में ही लेट गईं.
मैंने कहा- मां पहले आप दूध पी लो, नहीं तो ठंडा हो जाएगा.

मां ने दूध पिया और चित लेट गईं. कुछ ही समय में मां को गहरी नींद लग गयी. फिर मैंने अपने हाथों से मां की चड्डी निकाली और मां की चुत को पहले खूब चाटा और उनकी चुत से खूब सारा क्रीम निकाल दिया. मैं चुत से निकली पूरी क्रीम चाट गया. इसमें मुझे बड़ा मजा आया.

फिर मैंने मां की चुत पर तेल की बरसात से कर दी और अपने लंड को मालिश करके मां की चुत में अपना पूरा लंड पेल दिया. पूरा लंड पेल कर मैंने मां की चुत की खूब चुदाई की और कल के जैसे अपने लंड से माल चुत में ही निकाल कर सो गया.

अगले दिन मां उठीं, तो वो कल से ज्यादा आज खुश थीं. मैंने उनकी आंखों की तरफ देखा, तो मां मुस्कुरा रही थीं. मुझे पहले तो डर सा लगा कि कहीं मां को चुत चुदाई के बारे में मालूम तो नहीं चल गया है.

मगर मैंने मां की मुस्कान देखी तो सोचने लगा कि यदि मां को ये सब गलत लगता, तो शायद वो मुस्कुरा नहीं रही होतीं.
मैंने उनसे पूछा- मां, आप मुस्कुरा क्यों रही हैं?
मां ने कुछ नहीं कहा.

दिन निकल गया और रात हुई.

पिता जी रोज की तरह दारू ले कर आए और मां से चखना और पानी देने के लिए कहने लगे. मां ने उनके पानी के लोटे में नींद की दो गोलियां डालीं और कुछ नमकीन उनको देकर वहीं बैठ गईं.

पिता जी ने कहा- तू गिलास तो लाई ही नहीं. ऐसा आकर तू दो गिलास ले आ.
मां ने पूछा- दो गिलास क्यों?
पिताजी ने कहा- आज तू भी मस्त हो जा.

मां ने कुछ नहीं कहा और वे दो गिलास ले आईं. मैंने देखा कि बापू ने दोनों गिलासों में दारू भरी और मां को भी दारू पीने के लिए कहने लगे.

पहले तो मां ने मना किया क्योंकि पानी में नींद की दवा मिली हुई थी. मगर कुछ देर की जिद के मां ने एक पैग पी लिया.

कुछ देर बाद बापू ने दो बड़े पैग लेकर बोतल खाली कर दी.
मां ने एक ही पैग लिया था. वो भी नशे में आ गई थीं.

मैं छत पर बिछौना बिछाए मां के आने का इन्तजार कर रहा था. कुछ देर बाद मां झूमती हुई आईं और मेरे सामने उन्होंने ब्रा पेंटी छोड़ कर अपने सारे कपड़े उतार दिए.

मां ने लगभग नंगी होकर मुझसे बोलीं- चल अब जल्दी से मेरी अन्दर तक वो मालिश कर दे जैसी तूने कल की थी.
मैं उनकी बात सुनकर समझ गया कि मां को अपनी चुत चुदाई की बात मालूम है, मगर वो कुछ कहती नहीं थीं. उनकी इस बात से मुझे ये भी समझ आ गया था कि जब मां को चुत चुदवाने की आग लग चुकी है, तो अब किस बात का डर.

मैंने मां को लेटने के लिए कहा, तो मां ने लेटते ही कहा कि मेरी चड्डी और अंगिया भी दिक्कत करे, तो तू उतार देना. मैं सो रही हूँ आज तेरे बापू ने मुझे भी दारू पिला दी है.
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2021-05-06 21:10:53 यह सेक्स स्टोरी मेरी और मेरी मां की चुदाई की कहानी है. पिताजी शराबी थे और माँ घर के काम में थक कर मुझसे मालिश करवाती थी. नंगी माँ की मालिश करते करते …

हैलो फ़्रैंड्स, मेरा नाम दीपक है. यह सेक्स कहानी मेरी और मेरी मां की चुदाई की कहानी है.

मेरे परिवार में मेरी मां, पिताजी और मेरे दो भाई रहते हैं. पिताजी मज़दूरी करते हैं और मां घर पर रह कर घर के सारे देखभाल करती हैं. मेरे दोनों भाइयों की शादी हो चुकी है. वे दोनों शादी के बाद से ही दूसरे शहर में शिफ्ट हो गए हैं. मैं अभी 12 वीं क्लास में पढ़ रहा हूँ.

दोस्तो, ये तो हुआ मेरे परिवार के बारे में. अब हम मुख्य सेक्स कहानी की तरफ चलते हैं.

एक दिन की बात है, जब मैं और मेरी मां छत पर बिछौना बिछा कर लेटे हुए थे और बातें कर रहे थे. मां मुझसे बोलीं- बेटा तेरे पिता शराब बहुत पीते हैं, उनके लिए कुछ ऐसी दवाई ला, जिससे तेरे पिताजी शराब पीना छोड़ दें.
मैंने कहा- ठीक है मां.

हम दोनों बस इसी तरह की बातें कर रहे थे कि तभी कुछ समय बाद पिताजी भी आ गए. वे दारू पीकर आए थे. कुछ ही देर बाद वे मां से लड़ाई करने लगे.

मैंने जैसे तैसे उन्हें समझा कर सुला दिया. हम दोनों भी सो गए. अगले दिन पिताजी के लिए मैं नींद की गोलियां ले कर आ गया.

मैंने मां से कहा- मां इन गोलियों में से आप रोज एक गोली पिताजी की शराब में मिला दिया करो. तो पिताजी शराब पीने के बाद सो जाया करेंगे. वो सो जाएंगे, तो आपसे लड़ाई ही नहीं करेंगे.

मां ने वैसा ही किया. अब पिताजी शराब पीने के बाद कोई लड़ाई नहीं करते थे. बस खाना आदि खा कर जल्दी सो जाया करते थे.

मैं दिन में कसरत किया करता था. मेरा शरीर बड़ा ही हष्ट-पुष्ट था. मेरी मां मुझे कसरत करते हुए देख कर बड़ा खुश होती थीं और वो मुझे ज्यादा से ज्यादा खिलाने पिलाने की कोशिश करती रहती थीं. मेरी भुजाओं पर हाथ फेर कर बड़ा गर्व महसूस करती थीं.

मुझे मालूम था कि हम लोग गरीब हैं और मां मुझे ज्यादा कुछ नहीं खिला सकती हैं, इसलिए मैं गांव में कुश्ती आदि लड़ कर इनाम वगैरह जीत लाता था. गांव के ही एक पहलवान जी मुझे दूध आदि पिला देते थे.

एक दिन शाम को सोते समय मेरी मां मुझसे कहने लगीं- बेटा, आज पूरा बदन दर्द कर रहा है, थोड़ा दबा दे.

तो मैंने कहा- मां, मैं आपकी मालिश कर देता हूँ.
इस पर मां बोलीं- मालिश बेटा रहने दे, तू थोड़ी कमर ही दबा दे, तुझे भी नींद आ रही होगी.
मैंने मां से कहा- मां मसाज करने से अच्छी नींद आती है.
इस पर मां कुछ नहीं बोलीं.

मैं रसोई से तेल ले आया और मैं मां से कहा- मां, आप अपने कपड़े थोड़े ऊंचे कर लो.

Malish Karke Maa Ki Chudai

मां ने अपनी साड़ी और पेटीकोट ऊपर कर लिए. मैंने उनकी कमर पर तेल डाल कर खूब मालिश की. मुझे इस दौरान अपनी मां की चिकनी जांघों आदि को देख कर बड़ा सेक्स सा जागने लगा था.

कुछ ही देर में मां को नींद आ गयी. मैंने देखा कि मां सो गयी हैं, तो मैं भी उनके बारे में सोचते हुए सो गया.

अगले दिन शाम को जब शाम को सोने का टाइम हुआ तो हम दोनों रोज की तरह छत पर आ गए.

मां बोलीं- बेटा कल मुझे बड़ा चैन पड़ गया था. तू आज भी थोड़ी देर मालिश कर दे. कल की तेरी मालिश ने तो कमाल ही कर दिया था. मुझे बहुत ही बढ़िया नींद आ गई थी. मुझे कब नींद लग गयी थी, कुछ पता ही नहीं चला था.
मैंने कहा- ठीक है मां अभी कर देता हूँ.

आज मेरे दिमाग में कुछ खुराफात आ गई थी. मैं तेल लेने नीचे रसोई में गया और एक ग्लास दूध में नींद की एक गोली डालकर मैंने मां को दूध दे दिया. मैंने उनसे कहा- मां तुम ये दूध पी लो, इससे आपकी सारी थकान दूर हो जाएगी. मैं आपकी मालिश भी कर देता हूँ.

मां ने दूध पी लिया और मैं उनकी मालिश करने लगा. मैंने मां की कमर मालिश करने लगा.

कुछ देर बाद मां बोलीं- बेटा … थोड़ा जांघों की भी मालिश कर दे.
मैं उनकी चिकनी जांघों की मालिश करने लगा. इससे मां को नींद सी आने लगी थी.
मैंने कहा- मां आप सीधे सो जाओ और कपड़े थोड़े और ऊंचे कर लो.

मां ने पेटीकोट घुटनों से पूरा ऊपर उठा लिया और मां सीधे लेटकर सो गईं. मैंने मां की जांघों पर तेल टपकाया और जांघों पर मल कर मालिश करने लगा.

मालिश करते वक्त मां का पेटीकोट मुझे अड़ने लगा, तो मैंने मां को देखा. मां सो चुकी थीं, तो मैंने अपने हाथों से ही मां का पेटीकोट ऊपर को कर दिया और देखा कि मां ने अंडरवियर नहीं पहना था. झांटों से भरी माँ की चुत साफ़ दिखने लगी थी.

ये देख कर मेरा लंड खड़ा हो गया. मैंने अपने लंड पर तेल लगाया और थोड़ा सा मां की चुत पर तेल डाल दिया. फिर मैंने उनकी चुत पर हाथ फेरा और उनकी प्रतिक्रिया देखने लगा. मगर मां तो नींद की गोली के कारण गहरी नींद में सो चुकी थीं.
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2021-05-06 21:10:14 यह सेक्स स्टोरी मेरी और मेरी मां की चुदाई की कहानी है. पिताजी शराबी थे और माँ घर के काम में थक कर मुझसे मालिश करवाती थी. नंगी माँ की मालिश करते करते …

हैलो फ़्रैंड्स, मेरा नाम दीपक है. यह सेक्स कहानी मेरी और मेरी मां की चुदाई की कहानी है.

मेरे परिवार में मेरी मां, पिताजी और मेरे दो भाई रहते हैं. पिताजी मज़दूरी करते हैं और मां घर पर रह कर घर के सारे देखभाल करती हैं. मेरे दोनों भाइयों की शादी हो चुकी है. वे दोनों शादी के बाद से ही दूसरे शहर में शिफ्ट हो गए हैं. मैं अभी 12 वीं क्लास में पढ़ रहा हूँ.

दोस्तो, ये तो हुआ मेरे परिवार के बारे में. अब हम मुख्य सेक्स कहानी की तरफ चलते हैं.

एक दिन की बात है, जब मैं और मेरी मां छत पर बिछौना बिछा कर लेटे हुए थे और बातें कर रहे थे. मां मुझसे बोलीं- बेटा तेरे पिता शराब बहुत पीते हैं, उनके लिए कुछ ऐसी दवाई ला, जिससे तेरे पिताजी शराब पीना छोड़ दें.
मैंने कहा- ठीक है मां.

हम दोनों बस इसी तरह की बातें कर रहे थे कि तभी कुछ समय बाद पिताजी भी आ गए. वे दारू पीकर आए थे. कुछ ही देर बाद वे मां से लड़ाई करने लगे.

मैंने जैसे तैसे उन्हें समझा कर सुला दिया. हम दोनों भी सो गए. अगले दिन पिताजी के लिए मैं नींद की गोलियां ले कर आ गया.

मैंने मां से कहा- मां इन गोलियों में से आप रोज एक गोली पिताजी की शराब में मिला दिया करो. तो पिताजी शराब पीने के बाद सो जाया करेंगे. वो सो जाएंगे, तो आपसे लड़ाई ही नहीं करेंगे.

मां ने वैसा ही किया. अब पिताजी शराब पीने के बाद कोई लड़ाई नहीं करते थे. बस खाना आदि खा कर जल्दी सो जाया करते थे.

मैं दिन में कसरत किया करता था. मेरा शरीर बड़ा ही हष्ट-पुष्ट था. मेरी मां मुझे कसरत करते हुए देख कर बड़ा खुश होती थीं और वो मुझे ज्यादा से ज्यादा खिलाने पिलाने की कोशिश करती रहती थीं. मेरी भुजाओं पर हाथ फेर कर बड़ा गर्व महसूस करती थीं.

मुझे मालूम था कि हम लोग गरीब हैं और मां मुझे ज्यादा कुछ नहीं खिला सकती हैं, इसलिए मैं गांव में कुश्ती आदि लड़ कर इनाम वगैरह जीत लाता था. गांव के ही एक पहलवान जी मुझे दूध आदि पिला देते थे.

एक दिन शाम को सोते समय मेरी मां मुझसे कहने लगीं- बेटा, आज पूरा बदन दर्द कर रहा है, थोड़ा दबा दे.

तो मैंने कहा- मां, मैं आपकी मालिश कर देता हूँ.
इस पर मां बोलीं- मालिश बेटा रहने दे, तू थोड़ी कमर ही दबा दे, तुझे भी नींद आ रही होगी.
मैंने मां से कहा- मां मसाज करने से अच्छी नींद आती है.
इस पर मां कुछ नहीं बोलीं.

मैं रसोई से तेल ले आया और मैं मां से कहा- मां, आप अपने कपड़े थोड़े ऊंचे कर लो.

Malish Karke Maa Ki Chudai

मां ने अपनी साड़ी और पेटीकोट ऊपर कर लिए. मैंने उनकी कमर पर तेल डाल कर खूब मालिश की. मुझे इस दौरान अपनी मां की चिकनी जांघों आदि को देख कर बड़ा सेक्स सा जागने लगा था.

कुछ ही देर में मां को नींद आ गयी. मैंने देखा कि मां सो गयी हैं, तो मैं भी उनके बारे में सोचते हुए सो गया.

अगले दिन शाम को जब शाम को सोने का टाइम हुआ तो हम दोनों रोज की तरह छत पर आ गए.

मां बोलीं- बेटा कल मुझे बड़ा चैन पड़ गया था. तू आज भी थोड़ी देर मालिश कर दे. कल की तेरी मालिश ने तो कमाल ही कर दिया था. मुझे बहुत ही बढ़िया नींद आ गई थी. मुझे कब नींद लग गयी थी, कुछ पता ही नहीं चला था.
मैंने कहा- ठीक है मां अभी कर देता हूँ.

आज मेरे दिमाग में कुछ खुराफात आ गई थी. मैं तेल लेने नीचे रसोई में गया और एक ग्लास दूध में नींद की एक गोली डालकर मैंने मां को दूध दे दिया. मैंने उनसे कहा- मां तुम ये दूध पी लो, इससे आपकी सारी थकान दूर हो जाएगी. मैं आपकी मालिश भी कर देता हूँ.

मां ने दूध पी लिया और मैं उनकी मालिश करने लगा. मैंने मां की कमर मालिश करने लगा.

कुछ देर बाद मां बोलीं- बेटा … थोड़ा जांघों की भी मालिश कर दे.
मैं उनकी चिकनी जांघों की मालिश करने लगा. इससे मां को नींद सी आने लगी थी.
मैंने कहा- मां आप सीधे सो जाओ और कपड़े थोड़े और ऊंचे कर लो.

मां ने पेटीकोट घुटनों से पूरा ऊपर उठा लिया और मां सीधे लेटकर सो गईं. मैंने मां की जांघों पर तेल टपकाया और जांघों पर मल कर मालिश करने लगा.

मालिश करते वक्त मां का पेटीकोट मुझे अड़ने लगा, तो मैंने मां को देखा. मां सो चुकी थीं, तो मैंने अपने हाथों से ही मां का पेटीकोट ऊपर को कर दिया और देखा कि मां ने अंडरवियर नहीं पहना था. झांटों से भरी माँ की चुत साफ़ दिखने लगी थी.

ये देख कर मेरा लंड खड़ा हो गया. मैंने अपने लंड पर तेल लगाया और थोड़ा सा मां की चुत पर तेल डाल दिया. फिर मैंने उनकी चुत पर हाथ फेरा और उनकी प्रतिक्रिया देखने लगा. मगर मां तो नींद की गोली के कारण गहरी नींद में सो चुकी थीं.
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2021-05-06 21:10:00 सुनील ने हामी भर दी और मेरी दीदी की गांड को खोलकर अपना लौड़ा आराम से अन्दर डाल दिया.

दीदी की गांड तो कई बार चुद चुकी थी इसलिए उसका लौड़ा आसानी से अन्दर चला गया.
सुनील मेरी बहन की गांड प्रेम से चोदने लगा.

इधर मैं फिर से गर्म हो गया. मैंने सुरीली को घोड़ी बनाया.
मैंने उसके चूतड़ खोल कर देखे, तो एक बहुत छोटा सा छेद था. जिससे पता चल गया कि वो अभी तक उसकी गांड कुंवारी है.

मैंने उससे कहा कि मैं तुम्हारी गांड चोदने वाला हूँ.
उसने सिर हिला कर हां कर दी क्योंकि उसका मुँह अभी भी सलवार से बंद ही था.

मैंने कमरे में रखी टेबल की दराज को खोल कर देखा तो उधर तेल क्रीम आदि सब सामान मौजूद था.
मैं तेल लेकर आ गया.

सुनील की बहन सुरीली को मैंने औंधा लेट कर गांड उठा कर लेटने को कहा.
वो वैसी ही हो गई.

मैंने तेल की शीशी का मुँह उसकी गांड में लगा कर तेल अन्दर भर दिया. थोड़ा सा तेल मैंने अपनी उंगलियों पर भी लगा लिया.

तब मैंने अपनी एक उंगली आराम-आराम से सुरीली की गांड में डालना शुरू कर दी.
एक उंगली पूरी अन्दर चली गयी और अब मैंने दूसरी उंगली भी डाल दी.

ऐसे करते करते मैंने 3 उंगलियां गांड के अन्दर डाल दीं, तेल की चिकनाहट की वजह से सुरीली को मजा आ रहा था.
मैंने अन्दर उंगलियों को खोलना शुरू कर दिया, जिससे छेद खुल जाए और बड़ा हो जाए.

उसके बाद मैंने तेल को अपने लंड के ऊपर अच्छे से लगाया और तेल की बोतल का आगे का सिरा सुरीली की गांड में डाल दिया.
बहुत सारा तेल उसकी गांड के अन्दर चला गया.

अब मैंने बोतल बाहर निकाल दी. उसकी गांड में से तेल भी बाहर आने लगा.

तभी मैंने अपना लौड़ा उसकी गांड के ऊपर रखा और धीरे-धीरे अन्दर की ओर धक्का मारने लगा.
तेल की वजह से एक ही बार में मेरा पूरा लौड़ा अन्दर चला गया. वो एकदम से कराह उठी मगर मुँह बंद होने से आवाज धीमी ही निकली.

मैंने कुछ देर लंड को गांड के अन्दर ऐसे ही रखा और बाद में धीरे-धीरे अन्दर बाहर करने लगा.

थोड़ी देर बाद मैंने सुनील की बहन सुरीली की गांड मारने की रफ़्तार बढ़ा दी और तेल की वजह से फच-फच की आवाज़ आने लगी.

उसको बहुत दर्द हो रहा था, पर वो मजे भी ले रही थी. उसने बिस्तर के आगे का हिस्सा बहुत ज़ोर से पकड़ रखा था.
मैंने लगातार धक्के तेज़ कर दिए और 20 मिनट तक गांड मारने के बाद मैं उसकी गांड में ही झड़ गया.

दूसरी तरफ सुनील और दीदी अभी भी चुदाई के मजे ले रहे थे.

उस दिन शाम 5 बजे तक हमने एक-दूसरे की बहनों को कई बार चोद दिया था.

मैंने सुरीली के कपड़े फाड़ दिए थे तो उसे नए कपड़े दिलाने थे.
मैं उठा और नहा कर सुरीली के लिए कपड़े लेने निकल गया.
पीछे से सुनील ने और एक घण्टे तक दोनों बहनों को खूब चोदा.

मैंने सुरीली के लिए जाली वाली ब्रा-पैंटी के दो जोड़े ले लिए, जिसके आर पार सब कुछ दिख जाता था.
दो ऐसी जोड़ियां लीं जिसकी ब्रा, स्तनों की घुंडियों की ही ढकती थीं.
उसकी पैंटी भी नाममात्र की थी. ये पैंटी के नाम पर सिर्फ एक पतली सी रस्सी की तरह थी. जिसको पहनने से वो रस्सी सुरीली चूत और गांड के अन्दर ही रहने वाली थी.

मैंने उसके लिए एक पैंट और एक टॉप लिया और वापिस आ गया.

वापिस आया तो देखा कि सुनील की बहन सुरीली बेड पर सोई थी और वो अभी भी मेरी बहन को चोद रहा था.

मैंने सुरीली को उठाया और उसको बाथरूम में नहाने ले गया. उसकी चूत और चुच्चे नीले पड़ गए थे.

उतने में सुनील भी दीदी को बाथरूम में ले आया और हमने एक बार फिर एक-दूसरे की बहनों को वहां चोदा.

थोड़ी देर बाद सुनील ने मेरी बहन को नाइटी पहना दी और मैंने सुरीली को वो रस्सी वाली ब्रा-पैंटी पहनाई. उसके लिए जो कपड़े लाया था, वो भी उसे पहना दिए.

उसके बाद रात को 8 बजे वो दोनों होटल से निकल गए.

सुरीली की हालत बहुत खराब हो गयी थी. उससे चला भी नहीं जा रहा था, पर कैसे भी करके वो घर पहुंच गए.

दीदी भी अपने रूम में चली गईं. मुझे मेरे कमरे में फैला कचरा साफ़ करना पड़ा.

अगले दिन मैं भी दीदी को किस करके घर निकल गया. उस दिन मेरी सुनील और सुरीली से बात हुई, तो उन्होंने बताया कि उन लोगों ने उसी रात को फिर से चुदाई की थी. सुरीली की हालत अभी भी खराब थी.

सुरीली ने मुझे बताया कि भले ही उसकी हालत खराब हो गयी थी. मगर उसको इतना मजा कभी नहीं आया और न ही कभी आएगा.

सुनील ने मुझे वीडियो कॉल करके सुरीली को दिखाया.
अभी भी उसके बदन में बहुत दर्द हो रहा था.

सुनील घर में उसे मेरी दी हुई ब्रा-पैंटी ही पहनाता है और सुरीली के दर्द में होने के बावजूद भी उसे वो रोज़ चोदता है.

वीडियो कॉल में ही वो मुझे उसकी चुदाई दिखाता है.

वो उसके स्तनों से इतना खेलता है कि मुझे तो डर है कि कुछ समय बाद उसके स्तन इतने बड़े हो जाएंगे कि सुरीली को उसके साइज की ब्रा भी नहीं मिलेगी.
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2021-05-06 21:09:42 मैं अब भी उसके स्तनों को चांटे मार रहा था और चुच्चियों को मसल रहा था. उसे बहुत दर्द तो हो रहा था, पर मजा भी आ रहा था.

आखिर वो अपने स्तनों को सबसे बड़ा बनाना चाहती थी तो मैं इसमें उसकी मदद कर रहा था.

थोड़ी देर तक उसने मेरा लौड़ा चूसा तो मैं फिर से उत्तेजित हो गया था. मैंने उसको उठाया और उसको मेरे लंड पर बैठने को कहा.
पहले उसने ऐसा ही किया. वो आराम आराम से मेरे लंड पर बैठने लगी पर मेरा लौड़ा इस तरह से अन्दर जा ही नहीं रहा था.

सुनील हमारी मदद करने आया.
उसने मेरा लौड़ा पकड़ कर अपनी बहन की चूत के छेद पर रखा और उसको नीचे की ओर धक्का मारने लगा.

सुरीली मोटे लंड के कारण बार बार दर्द की वजह से तड़फ रही थी और बार-बार ऊपर उठे जा रही थी.
सुनील ने अभी उसको ऐसे नहीं चोदा था.

मैंने सोचा कि ऐसे दर्द होता रहा तो कुछ भी नहीं हो सकेगा.

मैंने सुरीली से कहा कि तुम बस एक जगह बनी रहो, बाकी का काम मैं खुद कर लूंगा.
फिर मैंने सुनील से कहा कि अपनी बहन को ज़ोर से पकड़ो और उसका मुँह बन्द कर दो.

उसने ऐसा ही किया.

अब मैंने अपना लंड उसकी चूत के छेद पर रखा और ज़ोर का झटका मार दिया. मेरा थोड़ा सा लंड चुत के अन्दर कर घुस गया.

सुरीली ने दर्द के मारे ऊपर उठने की कोशिश की, पर सुनील ने उसे नीचे की ओर धक्का मार दिया. इससे मेरा आधा लौड़ा चुत के अन्दर चला गया और सुरीली की कराह निकल गई.

मैंने वैसे ही एक और झटका मारा, जिससे मेरा पूरा लौड़ा सुरीली की चूत में चला गया.

अब सुरीली बहुत छटपटा रही थी पर सुनील ने कुछ देर तक उसको नीचे दबाये रखा.
सुरीली को इतना दर्द हो रहा था कि वो रोने लगी.

मैंने कुछ देर उसको वैसे ही रहने को कहा. उसकी टाइट चूत ने मेरे लौड़े को अन्दर से कसके जकड़ रखा था. उसकी चूत की गर्मी को मैं महसूस कर सकता था.

थोड़ी देर बाद सुरीली चुप हो गयी. अब उसका दर्द कम हो गया था.
सुरीली का दर्द मजे में बदलते ही मैंने सुनील को हटने को कह दिया.

मैंने सुरीली को धीरे-धीरे ऊपर-नीचे होने को कहा. वो बिल्कुल आराम से ऐसा ही करने लगी. उसको अभी भी बहुत दर्द हो रहा था, पर कुछ देर तक ऐसा करते हुए उसका दर्द मज़े में बदलने लगा.

सुरीली के धीरे धीरे से ऊपर-नीचे होने से उसने मेरी सहनशक्ति भी तोड़ दी.
मैंने उससे कहा- तुम ऐसे ही थोड़ा ऊपर जैसे बैठी रहो. मैं नीचे से धक्के मारता हूँ.

सुरीली ने हामी में सर हिला दिया. वो अपनी टांगों के बल पर हवा में बैठी सी हो गयी. मैंने उसके हाथ पकड़ लिए ताकि वो उठ न जाए.

पर इससे पहले मैंने दीदी से कह कर सुरीली के मुँह में अपनी चड्डी डालने को कहा और बाहर से उसकी फ़टी हुयी सलवार से उसका मुँह बंधवा दिया ताकि वो चीख न सके.

मैंने अपने लौड़े को ऊपर-नीचे करना चालू किया और थोड़ी देर बाद स्पीड बढ़ा दी. कुछ पलों के बाद मैं पूरे ज़ोर से धक्के मारने लगा और मेरा पूरा का पूरा लौड़ा सुरीली की चूत में जाने लगा.

इससे सुरीली को बहुत दर्द हो रहा था और वो मुझसे छूटने की कोशिश करने लगी.
पर मैंने उसके पकड़ रखा था. मेरे लंड की तेज गति से सुरीली को इतना दर्द होने लगा कि वो लंड से उठ गई और साइड में अपनी चूत पकड़ कर लेट गयी.

उसे यूं मैदान छोड़ कर हटते देख कर मुझे ताव आ गया और मैं भी उठ गया.

इस वक्त मैंने सुरीली को अपनी गोद में उठा लिया. अब मेरा वो सपना पूरा होने वाला था, जो मैं बहुत समय से देख रहा था.

मैंने सुरीली को गोद में उठाया और उसकी चूत में अपना लौड़ा डाल दिया.
फिर सुरीली को उसके चुतड़ों से पकड़ कर अपने लौड़े पर पटकने लगा.

सुरीली दर्द के मारे रो रही थी. वो मुझसे छूटना चाहती थी पर मैं पूरा ज़ोर लगा कर सुरीली को चोद रहा था.

दूसरी तरफ सुनील को अपनी बहन की कोई चिंता नहीं थी.
वो मेरी दीदी में मगन था. अब वो मेरी दीदी को घोड़ी बना कर चोद रहा था.

सारे कमरे में हमारी चुदाई की अलग-अलग आवाजें ही गूँज रही थीं.

थोड़ी देर के बाद मैंने देखा कि सुरीली की छटपटाहट काफी कम हो गयी थी और वो भी चुदाई के लिए अपना पूरा ज़ोर लगा रही है.
सुरीली भी अब लंड के मज़े लेने लगी थी.

बहुत देर तक चुदाई करने के बाद मैं सुरीली की चूत में झड़ गया.
मैंने उसको बिस्तर पर लिटा दिया और खुद उसके ऊपर लेट गया.

कुछ देर बाद मैंने देखा कि सुरीली की चूत से खून निकल आया था. पर उसे इस बात का पता नहीं था.
मैंने उसके फ़टे कपड़ों से उसकी चूत और अपना लंड भी साफ़ कर दिया.

उधर सुनील और मेरी बहन अभी भी चुदाई में मगन थे. सुनील अब तक 3 बार दीदी की चूत भर चुका था.

मेरी दीदी ने सुनील से सुरीली की गांड मारने के लिए कहा तो सुनील ने कहा- अभी तक मैंने अपनी बहन सुरीली की गांड नहीं मारी है.

मैं ये सुनकर ख़ुश हो गया कि आज तो सीलपैक गांड मिलेगी.

जब दीदी की बात पर सुनील ने कहा कि उसने अभी तक अपनी बहन की गांड नहीं मारी है, तो दीदी ने सुनील से कहा- ठीक है अब तुम मेरी गांड मारो और मेरे भाई से अपनी बहन की गांड की सील खुलवा लो.
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2021-05-06 21:09:35 ब्रदर सिस्टर स्वैप पोर्न स्टोरी दो भाइयों और उनकी दो बहनों कि अदल बदल कर चुदाई करने की है. चारों होटल के कमरे में मिले और ग्रुप सेक्स का मजा लिया.

हैलो फ्रेंड्स, मैं निखिल इस ब्रदर सिस्टर स्वैप पोर्न कहानी के पहले भाग
मेरे दोस्त ने अपनी बहन को चोद दिया
में आपको अपने एक प्रशंसक की बहन सुरीली की चुत में उंगली डालकर मजा ले रहा था.

अब आगे ब्रदर सिस्टर स्वैप पोर्न स्टोरी:

मैं लगातार सुरीली की चूत और चुच्चों पर चांटे मार रहा था. इन चांटों से उसके चुच्चे और चूत बिल्कुल लाल हो गए थे. ऐसा लग रहा था जैसे अभी खून निकल जाएगा.

सुरीली बिल्कुल मदहोश हो चुकी थी. उसको किसी दर्द का अहसास नहीं हो रहा था. वो किसी और ही जन्नत में पहुंच चुकी थी.

दूसरी ओर मैंने देखा कि सुनील ने भी युविका दीदी की चूत में 3 उंगलियां डाल रखी थीं और साथ में दीदी के स्तनों को चूस रहा था.
मेरी दीदी के स्तनों में अभी भी दूध आता था.

उसके हाथों की रफ़्तार दीदी की चूत को अलग ही मज़ा दे रही थी. उसका काला मोटा लौड़ा दीदी की टांगों का स्पर्श ले रहा था. वो दीदी की दोनों टांगों के बीच की गुफ़ा में जाने को बेकरार था.

इस तरफ मैंने सुरीली को नीचे ज़मीन पर ही लिटा दिया और उसकी चूत को अपने मुँह में भर दिया.

मैंने अपनी जीभ उसकी चूत में डाल दी और अन्दर बाहर फेरने लगा.
उसने मेरा सर ज़ोर से पकड़ लिया और मेरे बालों को ज़ोर से खींचने लगी. उसने अपनी टांगों को जोड़ कर उसमें मेरे सिर को दबा दिया.
इससे पता चल रहा था कि वो पूरा मज़ा ले रही थी.

बीच बीच में मैं उसकी चूत पर दांतों से काट देता.

दूसरी तरफ सुनील भी ऐसा ही कर रहा थे. हम दोनों की बहनें बिल्कुल चुदाई के नशे में पूरी तरह से डूबी लग रही थीं.

अब तक मेरी बहन 1 बार और सुरीली 2 बार झड़ चुकी थीं.
पर अभी तो ये सिर्फ शुरुआत ही थी. असली खेल तो अभी बाकी था.

मैं सुरीली के चुच्चों को लगातार मरोड़ रहा था और उन पर चांटे मार रहा था.

इसके बाद मैंने सुरीली को उठा कर बिस्तर पर पटक दिया और उसके मुँह से अपनी चड्डी निकाल दी.

मैंने सुनील को कहा कि हम दोनों पहले युविका को चोदेंगे और बाद में उसकी बहन को.
वो राज़ी हो गया.

सुरीली को हमने साइड में बैठ कर थोड़ा देख कर ही मजा लेने को कहा.
वो अपनी चूत और चुच्चों को पकड़ कर बैठ गयी. मैंने उनकी बुरी हालत कर दी थी, जिससे उसको दर्द हो रहा था.

मैंने युविका दीदी को बिस्तर के बीच में आराम से लेटने को कहा.
दीदी लेट गईं.

फिर मैंने सुनील से कहा- पहले तुम दीदी को चोद लो.
वो ये सुनकर खुश हो गया. वो दीदी के ऊपर चढ़ गया और लंड चुत से रगड़ने लगा.

मैंने सुनील से कहा- पहले तुम अपने लंड के टोपे को दीदी की चूत की फांकों में फंसा कर आराम आराम से घिसो.
उसने ये काम बहुत अच्छे से किया.

थोड़ी देर में वो दोनों बहुत उत्तेजित हो गए.
तब सुनील से रहा नहीं गया और उसने एक ज़ोर का झटका मार दिया. जिससे उसका आधे से ज्यादा लंड दीदी की चूत में चला गया.

इससे दीदी को बहुत दर्द हुआ और दीदी की ज़ोर की चीख निकल गयी.
दीदी ने सुनील के बाज़ू ज़ोर से पकड़ लिए और ज़ोर-ज़ोर से चिल्लाने लगीं.

मैंने दीदी के मुँह में अपना लंड दे दिया और गले तक डाल दिया ताकि दीदी की चीखें बन्द हो जाएं.

अब उसने दूसरा झटका भी जोर का मारा और उसका पूरा लौड़ा दीदी की चूत में समा गया.
उसके बाद सुनील ने ज़ोर-ज़ोर से अपना लौड़ा मेरी दीदी की चूत में देना शुरू कर दिया.

चुदाई की बहुत ज़ोर से पट-पट की आवाज़ें आने लगीं.

दीदी इसका पूरा मज़ा ले रही थीं. दीदी की कमर अपने आप को ऊपर को उठने लगी और वो भी नीचे से धक्का मारने लगीं जिससे सुनील का लौड़ा अन्दर तक मार करे.

अब दीदी को मज़ा आने लग गया था तो मैंने उनके मुँह से अपना लंड निकाल दिया.

अब मैंने सुनील को दूसरी तरफ लेटने को कहा.

मैंने दीदी को थोड़ा उल्टा कर दिया, जिससे दीदी की गांड मेरी तरफ हो गई थी. इस पोजीशन में मेरी दीदी की चूत सुनील की तरफ थी. उनकी चुत में सुनील का लंड चल रहा था.

मैंने दीदी की एक टांग उठाई और उनकी गांड के छेद पर अपना लंड रख दिया.
दीदी बहुत बार झड़ चुकी थीं, जिसकी वजह से दीदी की गांड में भी उनका पानी चला गया था.

मुझे उनकी चिकनी गांड में लौड़ा डालने में ज्यादा दिक्कत नहीं हुई. दूसरी तरफ से सुनील ने दीदी की चूत में अपना लौड़ा डाल रखा था.

हम दोनों दीदी की चूत और गांड एक ही समय पर चोद रहे थे. दीदी को इससे बहुत दर्द हो रहा था, पर साथ ही मज़ा भी बहुत आ रहा था. ये उनकी पहली सैंडविच चुदाई हो रही थी.

बहुत देर तक चुत चोदने के बाद हम दोनों साथ में ही दीदी की चूत और गांड में झड़ गए.
कुछ देर हम सब ऐसे ही लेटे रहे.

थोड़ी देर बाद मैंने देखा, तो सुरीली अभी भी अपने चुच्चों को पकड़ कर उनके दर्द को कम करने की कोशिश कर रही थी.

मैंने उसको बाज़ू से पकड़ा और उसको मेरा लौड़ा चूसने को कहा.
वो मेरा लंड चूसने लगी.
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2021-05-06 20:14:03 नैना और मैं दोनों ही ए.सी. में भी पसीनों से तर-बतर हो गये थे.
लग रहा था जैसे कि किसी ने हमें गर्म पानी से नहला दिया हो.

नैना के मुख पर संतुष्टि के भाव थे.

मैंने एक बार फिर उसके होंठों को अपने होंठों में ले लिया और उसका सिर अपनी छाती पर रख लिया।
नैना का नग्न सौन्दर्य मेरी आंखों के सामने था.

मैंने नैना से पूछा- नैना मेरी जान … कैसा लगा?
नैना- आपने तो सच में मुझे पागल कर दिया। आज 2 साल बाद मुझे पूर्ण स्त्री होने का अहसास हुआ। जब से शादी हुई है सेक्स का असली सुख आज मिला है। मैं आपकी हमेशा आभारी रहूंगी. आपको जब भी मेरी जरूरत होगी आप बता देना. मैं चली आऊंगी.

उसकी आंखों में पानी आ गया था।

तभी अचानक से मेरी नींद खुल गयी.

मैंने खिड़की में झांका तो सुबह हो गयी थी।
पता चला कि मैंने जो पड़ोसी की बीवी की चुदाई अभी की थी वो एक सुन्दर सपना था।

अब मैंने किसी भी तरह से नैना को चोदने का मन बना लिया था। उसका रूप मेरी आंखों में बस गया था और मैं उसको किसी भी हालत में भोगना चाह रहा था।

कहानी का अगला अंक मैं जल्दी ही लेकर आऊंगा जिसमें आपको बताऊंगा कि नैना की चूत और मेरे लंड का पहला मिलन कैसे हुआ।
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2021-05-06 20:13:53 मेरी हालत भी कुछ ऐसी ही थी. कुछ दिनों से किसी की चूत न मिल पाने के कारण मेरे लिंगदेव भी अब चूत में जाने के लिए व्याकुल हो रहे थे. नैना की दो गोल गोल नारंगियाँ और उन पर दो गुलाबी रंग के कड़क चूचक मेरी काम वासना को भड़का रहे थे।

मैंने पहले उसके चूचक पर अपनी जीभ लगाई और फिर उन्हें अपने मुंह में ले लिया और जोर जोर से चूसने लगा।
नैना- आह … अनुराग जी, क्या कर रहे हो … ऐसा मत करो … मुझे कुछ-कुछ हो रहा है।

मैं- क्या हो रहा है मेरी जानेमन … आज तो तुम्हारे अंग-अंग का रसपान करना है, तुम कितनी खूबसूरत हो मेरी जान … आज तो बस कयामत ही जायेगी. बस आज मुझे मत रोको … आज तुम्हारे हर अंग-अंग को पी जाने का मन कर रहा है मेरी प्यारी नैना … तुमने न जाने क्या जादू कर दिया है।

अब नैना मछली की तरह छटपटा रही थी. नैना की चूत एकदम चिकनी थी, शायद आज ही उसने अपनी चूत को क्लीन शेव किया था. मुझे चिकनी चूतें ही ज्यादा पसन्द आती हैं.

मैंने धीरे-धीरे अपनी जीभ से उसकी चूत के मखमली कपाटों को चूसना प्रारम्भ किया. मेरी चुसाई से नैना की चूत ने थोड़ा-थोड़ा नैसर्गिक नमकीन रस छोड़ना शुरू कर दिया था.

ऐसा लग रहा था जैसे कि बहुत दिन से नैना की चूत को कोई लंड ना मिला हो. मुझे ऐसा लगा कि शायद आनन्द और नैना के सेक्स संबंधों में कुछ गड़बड़ है.

ये सोचकर मैं नैना की चूत का रस पीने में मशगूल था.
नैना भी इस पल का आनन्द ले रही थी.

और अब उसकी मंद-मंद सीत्कार आह्ह … आह्ह … ऊह्ह … जैसी जोर जोर की आवाजों में बदल गयी थी- हां अनुराग … आह्ह … ऐसे ही चूसो … खा जाओ … आह्ह … मेरी चूत को खा लो … मेरी चूत प्यासी है।
मैं- मेरी प्यारी नैना … आज तुम्हारा सारा जूस पी जाऊंगा. क्या टेस्टी चूत है तुम्हारी।

अब मैं जोर जोर से अपनी जीभ से नैना की चूत को चोदने लगा।

इतने में ही वो स्खलित हो गयी और उसकी चूत का अमृत मेरे मुंह में आने लगा.
उसकी एक भी बूंद मैंने व्यर्थ न जाने दी।

अब चुदने के लिए तड़पती हुई वो बोली- आह्ह … अनुराग … मुझे अपने लंड से चोदकर तृप्त कर दो। मेरी चूत की प्यासी धरती पर अपने लंड रूपी हल से इसकी जुताई कर दी। मैं बहुत समय से प्यासी हूं।

मैंने अपना लण्ड सही निशाने पर लगाया और फिर धीरे से अपना सुपारा उसके छेद में डालने की कोशिश करने लगा.
उसका छेद इतना तंग और कसा हुआ लग रहा था जैसे कि वो पहली बार किसी के साथ अपनी सुहागरात मना रही हो।

उसकी चूत जैसे कुंवारी ही थी। मेरी खुशी का तो ठिकाना नहीं था। मुझे आज एक ब्याहता कुंवारी चूत को औरत बनाने का मौका मिल रहा है।

मैं धीरे-धीरे से अपना सुपारा उसकी चूत में डालने का प्रयास करने लगा.

तंग चूत में जब कोई लण्ड प्रवेश करता है तो कितना मजा आता है.

वाह रे भगवान … तूने भी क्या छेद बनाया है. जीवन का सम्पूर्ण आनन्द बस इस एक छेद के अन्दर ही है.

मैंने अपना थोड़ा अंदर घुसा सुपारा बाहर निकाला और उस पर बहुत सारा थूक लगाकर उसकी चूत के बीच रखकर एक जोरदार झटका दिया और मेरा लण्ड उसकी चूत में अन्दर तक घुस गया।

ऐसा लग रहा था कि किसी गर्म पाईप में अपना लण्ड घुसा दिया हो.
नैना भी बहुत जोरों की चीख के साथ चिल्लाई- आह … मर गई … आह … अनुराग … मार दिया।

मैंने अपने होंठ उसके होंठों पर रख दिये और कहा- मेरी जान … बस अब दर्द नहीं होगा।
मैं अपने लण्ड को धीरे धीरे आगे पीछे करने लगा.

कुछ देर के बाद शायद उसका दर्द कम हो गया था और अब उसे मजा आने लगा था.
मैं उसके उरोजों को चूसने के साथ अपने लिंग महाराज को भी जोर-जोर से अंदर बाहर कर रहा था.

नैना की मीठी-मीठी सीत्कारें वातावरण को और अधिक सौम्य बना रही थीं. नैना ने अपनी आंखें बंद की हुई थीं और उसके मुख से लगातार उह … आह … उह की आवाज आ रही थी.

फिर एकदम से अचानक नैना का शरीर अकड़ने लगा.
उसके बदन में झटके लगने लगे और उसकी सांसें तेज हो गयीं.

उसने दोनों हाथों की मुट्ठी भींच ली और तभी उसकी चूत से गर्म गर्म लावा बह निकला जो मुझे मेरे लंड पर महसूस हुआ।

मैंने अचानक से अपना लण्ड उसकी चूत से निकाला और अपना मुख उसके गर्म-गर्म लावे पर लगा दिया.
क्या मस्त नमकीन स्वाद था उसकी चूत के लावे का. मैंने उसके लावे को अपने मुख में भर लिया.

नैना मेरी ओर देखकर मन ही मन प्रसन्न हो रही थी.

उसका नमकीन स्वाद चखने के बाद मैंने एक बार फिर से अपने लिंगदेव को तैयार किया और चूत के बीच में रखकर एक बार फिर जोर से एक झटका मारा.

मेरे लिंग महाराज फिर से नैना की चूत के अन्दर थे.
इस बार मैं नैना को छोड़ने के मूड में नहीं था. मेरे लिंग महाराज जोर-जोर से उसकी चूत के अंदर गर्भाशय तक जोर की चोट मार रहे थे और हर एक जोर के धक्के के साथ नैना भी आनंदित हो रही थी.

अब कुछ देर के बाद मेरे लिंग महाराज का गर्म लावा भी बाहर आने को बेकरार था.

2-3 जोर के धक्कों ने मेरे लिंग महाराज को भी हलाल कर दिया और मेरा गर्म वीर्य उसकी चूत में भर गया.
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2021-05-06 20:13:47 मैंने कहा- आनन्द जी, आपने भी भाभी जी को मेरे कारण बेवजह ही परेशान कर दिया।
नैना- इसमें परेशानी की क्या बात है … आप तो हमारे मेहमान हैं। मेहमानों का स्वागत करना मुझे अच्छी तरह से आता है।

आनन्द- आज इन्हें ऐसा भोजन खिलाना कि ये भी याद रखें आज के भोज को।
इतना सुनकर नैना रसोई की ओर चली गई और मेरे लिए एक गिलास पानी लेकर आई।

नैना- अनुराग जी, आप पानी लीजिए। इसके बाद आप चाय, कॉफी या कोल्ड ड्रिंक्स क्या लेंगे, मुझे बताइये। मैं अभी प्रबंध करती हूँ।
मैंने नैना के हाथ से पानी का गिलास लिया और कहा- आपके हाथ की गर्मागर्म चाय, मगर खाना खाने के बाद।

वो बोलीं- जी बहुत अच्छा, आप दोनों हाथ धो लीजिये, मैं खाना ला रही हूँ।

नैना भाभी की सुरीली आवाज सुनकर दिल में घंटी बजने लगी थी.
मन ही मन सोचने लगा कि रूप इतना यौवना है तो चूत कितनी रसीली होगी।

थोड़ी देर में नैना भाभी किचन से 2 प्लेट खाने की लेकर आई. खाने में कई प्रकार के स्वादिष्ट और लज़ीज व्यंजन बनाये हुए थे। दोस्तो, सच पूछो तो खाना खाकर मजा ही आ गया.

मैंने महसूस किया कि नैना भाभी की नज़र मेरी ओर लगी हुई थी. मुझे अपना दिल बेकाबू होता दिख रहा था और मैं नैना के ख्यालों में उसके हिलते हुए चूचों और मचलती हुई चूत और मटकती हुई गांड में ही खो गया.

उसका खिलखिलाता हुआ चेहरा, उसकी मुस्कराहट मुझे आन्दोलित किये जा रही थी.
नैना भाभी बार-बार हमसे खाने के बारे में पूछ रही थी कि खाना कैसा बना है, नमक तो कम ज्यादा नहीं है, खाना स्वादिष्ट बना है या नहीं।

मैं बोला- सभी कुछ बहुत ही अच्छा और स्वादिष्ट है, बिल्कुल आप ही की तरह बहुत खूबसूरत है। ऐसा लाजवाब खाना तो मैंने आज तक नहीं खाया. आपके हाथों में तो जादू है।
भाभी मेरे मुंह से इतनी तारीफ सुनकर फूली नहीं समा रही थी।

तभी अचानक आनन्द के मोबाईल पर किसी का कॉल आया और वो खाना छोड़कर बाहर किसी से बात करने लग गया।

नैना भाभी मेरे पास ही खड़ी थी- बस रहने दो अनुराग जी, क्यों झूठी तारीफ के पुल बांध रहे हो, ऐसा क्या स्पेशल बनाया है कि आप इतनी बड़ाई कर रहे हैं?
मैं- नहीं भाभी जी, बेहतरीन पकवान हैं। आपकी पूरी और छोले की सब्जी खाकर तो मजा ही आ गया. आपका तो हाथ चूमने का मन कर रहा है।

वो हंसते हुए बोली- बस रहने दो, और ज्यादा तारीफ ना करो।
तभी आनन्द अंदर आया और बोला- सॉरी सर, किसी का अर्जेन्ट काल था।
मैंने कहा- कोई बात नहीं यार। लो, खाना खाओ।

आनन्द मुझसे बोला- सर जी, कैसा लगा खाना?
मैंने कहा- यार आनन्द मजा आ गया भाभी जी के हाथों का खाना खाकर। वास्तव में उनके हाथों में जादू है. आप तो धन्य ही हो गये ऐसी बीवी पाकर।

मेरी बात सुनकर नैना वहीं खड़ी मन्द मन्द मुस्करा रही थी.

खाना खाकर मैं वहां से उठा और चलने लगा. मैंने आनन्द को धन्यवाद किया।

आनन्द- सर जी, इसमें धन्यवाद की कोई बात नहीं है, आज आप हमारे मेहमान और हमारी कम्पनी के बॉस हैं तो यह तो हमारा कर्तव्य था। आगे भी किसी भी चीज की आवश्यकता हो तो बेझिझक बता देना। आप इस शहर में नये हैं. हम दोनों आपकी सहायता कर देंगे।

मैं उन्हें अभिवादन करके अपने फ्लैट की ओर चल दिया. मैंने महसूस किया कि नैना की कातिल अदाएं अभी भी मुझे ही निहार रही थीं. उसके चेहरा में एक अजीब सी कशिश थी.

नैना के बारे में सोच सोचकर मेरे लिंग महाराज भी तोपों की सलामी दे रहे थे. मैं अपने फ्लैट पर पहुंच गया और बिस्तर पर लेटकर नैना के ख्यालों मे खो गया.

मैंने अपने जीवन में न जाने कितनी ही हसीन चूतों का मजा लिया था परन्तु नैना जैसी कशिश मैंने कभी पहले महसूस नहीं की थी।

ऐसा लग रहा था जैसे कि उसका चेहरा मेरे सामने हो और मुझसे कह रहा हो- आ जाओ अनुराग, मुझे अपनी बांहों में ले लो। जब से तुम्हें देखा है, मेरा रोम रोम छटपटा रहा है. मेरी जवानी की आग को ठंडा करो अनुराग … जब से तुम्हारा लिंगदेव पैन्ट में देखा है तब से मेरी चूत में आग लगी है … बुझा दो मेरी इस आग को।

मैंने नजरें उठाकर देखा तो नैना अपनी बांहें फैलाये मेरे सामने खड़ी थी. मैं उसकी बांहों में सिमटने के लिए बेकरार था. मैंने उसका चेहरा अपने हाथों में लेकर अपने तपते हुए होंठ उसके सुलगते हुए होंठों से लगा दिये.

उसका आलिंगन करके मैं उससे लिपट गया. फिर तो जैसे तूफान सा आ गया. पता ही नहीं चला कि कब हमारे कपड़े हमारे जिस्मों से अलग हो गये. अब मैं नैना के मदमस्त हुस्न से खेलने लगा था।

वाह … क्या मस्त हुस्न था नैना का … जैसे कोई नवयौवना पहली बार अपनी सुहाग सज्जा पर हो। अपना सबकुछ न्यौछावर करने के लिए तैयार हो। नैना का दिल जोरों से धड़क रहा था. ऐसा लग रहा था जैसे कि वो पहली बार किसी के साथ सेक्स कर रही हो।
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