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मैं पढ़ाई के लिए अपनी दीदी के यहाँ रहता था. एक कार्यक्रम में मु | ℍ𝕚𝕟𝕕𝕚 & 𝔼𝕟𝕘𝕝𝕚𝕤𝕙 𝕊𝕖𝕩 𝕊𝕥𝕠𝕣𝕪

मैं पढ़ाई के लिए अपनी दीदी के यहाँ रहता था. एक कार्यक्रम में मुझे दीदी की रिश्ते की शादीशुदा ननद भा गयी. वो भी मेरी निगाह को पहचान गयी. उसके बाद क्या हुआ?

सबसे पहले सभी पाठकों को मेरा प्यार भरा नमस्कार!

मैं विक्की आप सबके सामने वो कहानी ले कर आया हूँ जहाँ से मेरे एक नए जीवन की शुरुआत हुई!

मैं इंजीनियरिंग की पढ़ाई के लिए अपनी दीदी के यहाँ ग्वालियर आ गया था, मैंने एक अच्छे कॉलेज में दाखिला भी ले लिया था.
रिश्तेदारी की वजह से मैं बड़े ही सरल स्वभाव से अपनी जिंदगी व्यतीत कर रहा था.

एक बार दीदी के जेठानी के लड़के के जन्मदिन था जो कि मेरा भी भांजा ही लगा. तो बहुत सारे काम की जिम्मेदारी मुझ पर भी थी. घर में अच्छी खासी भीड़ थी.
तभी मेरी नज़र एक औरत पर पड़ी जो कि लगभग 30 साल की रही होगी. गदराया हुआ शरीर 34″ के उभार और मटका सी गांड! कुल मिलाकर ऐसी लगी कि मैं उसे देखता ही रह गया!

मैं थोड़ी देर बाद अपने काम में लग गया, सारे काम चलते रहे. लोग खाना खा रहे थे तभी मुझे उनको खाना खिलाने के लिए बोला गया.
तो जैसे सबको खिला रहा था, मैंने उन्हें भी खिलाया.

मेरी दीदी ने मेरा परिचय कराया तो पता चला कि उनका नाम रीमा था और वो रिश्ते में दीदी की ननद लगती थी.

सब अपने अपने घर चले गए.

यूं ही दिन बीतते चले गये. मेरा भी किसी न किसी काम से उनके घर आना जाना लगा रहा. देखते देखते में उस औरत के लिए पागल होता जा रहा था. लेकिन यह बात उसे नहीं पता थी. शायद मुझे खुद भी नहीं पता था कि ऐसा क्या हुआ था. लेकिन बस मैं उसे बहुत पसंद करने लगा था!

पता नहीं कब हम वक़्त के साथ एक दूसरे के करीब आते गए. फ़ोन पर बात करना, एक दूसरे को समय देना!
फाइनली एक दिन मैंने हिम्मत करके उससे अपने दिल की बात बोल दी थी और उसने भी सहमति जताई.

लेकिन इस बार में वाकयी उसे लेकर से काफी सीरियस था! उससे बात करना मेरी जिंदगी की एक जरूरत बन गयी थी.

फिर धीरे धीरे हम लोग फ़ोन पर सेक्स की बात करने लगे. वो जब भी अपने पति से चुदती तो मुझे बताती. फिर मैं भी उसे चोदने के लिए मनाने लगा. तो इस प्रयास को भी पूरा एक महीना लग गया, तब वो चुदाई की लाइन पर आई!

फिर वो दिन आ गया था जब हम एक होने वाले थे. उसे भी इस चीज का अहसास हो गया था कि मैं उसके लिए काफी गंभीर हूँ!

अब हम लोग एक दूजे के होने के लिये बेसबरी से तरस रहे थे. फिर मैंने उसे बताया कि आप बाजार का बहाना बना कर आ जाना, हम लोग तब साथ चल लेंगे.
लेकिन वो डरी हुई थी. वो बार बार एक ही बात दोहराये जा रही थी कि कहीं सेफ जगह ले चलना, कहीं कोई मुसीबत में ना पड़ जायें हम दोनों!

हमने बुधवार को 11 बजे जाने का पक्का किया. मैं भी दीदी से कॉलेज जाने की बोल कर घर से जीजा जी की बाइक लेकर निकल गया और दिए गए पते पर उसका इंतज़ार करने लगा.

कुछ देर बाद वो आ गयी. मैं तो उसे देखता ही रह गया. वो किसी परी से कम नहीं लग रही थी. मैंने उसे देखकर एक छोटी सी मुस्कुराहट दी. तो वो भी हंस दी और आकर मेरी पीछे बैठ गयी और में निकल पड़ा उसे लेकर!

मेरे एक दोस्त का होटल था, मैं उसे वहाँ ले गया.

सबसे पहले तो उसके मन में डर था कि होटलों में ब्ल्यू फिल्म बन जाती है. और उससे ज्यादा उसकी चिंता मुझे थी इसी बात की. सबसे पहले मैंने पूरे कमरे की छानबीन की. जब मैं संतुष्ट हो गया तो मैंने सेक्स की शुरुआत की.

मैं उसको अपनी बांहों में लेकर करीब पांच मिनट तक चूमता रहा, चाटता रहा. वो भी बराबर मेरा साथ दे रही थी!

फिर उसने मुझे थोड़ा रिलैक्स होने को कहा. तो मैं भी आराम से उसकी गोदी में लेट गया और वो मेरे बालों में हाथ फिरा रही थी.
तब उसने मुझसे एक वचन लिया, कहा- आज मैं आपको अपना सब कुछ दे रही हूँ. प्लीज् मुझे कभी धोखा नहीं देना!
और इतना बोल कर उसने अपने मखमली होंठ मेरे होंठों पर रख दिये. और हम बेतहाशा एक दूसरे को चूम रहे थे. मैं साथ ही उसकी छाती पर हाथ रख कर उसे गर्म करने का काम कर रहा था!

फिर मैंने उसका कुर्ता उतारा तो नीचे उसने काली ब्रा पहन रखी थी. और उसमें उसके 34″ के चूचे कैद थे पर मेरी आँखों के सामने थे. आप फील करो कि वो माहौल मेरे लिए कैसा रहा होगा.
मेरे से रहा नहीं गया और मैंने उसके चूचों में अपना चेहरा चूसा दिया था. वो भी मुझे अपनी छाती में दबाये जा रही थी.

अगले 2 मिनट में ही मैंने उसके और अपने सारे कपड़े उतार दिए. और वो शर्म के मारे अपने ऊपर चादर खींचे जा रही थी. मैंने चूत तो पहले भी ली थी लेकिन उसको देख कर मुझे जन्नत जैसा फील हो रहा था.

मैं उसके ऊपर आकर उसके गर्दन पर किस करने लगा तो उसकी सिसकारियां की गूंज कमरे का माहौल ही अलग बना रही थी.
वो बोल रही थी- प्लीज विक्की … अब नहीं!
और बार बार मेरे लंड को पकड़ कर अपनी चूत में घुसाने की कोशिश कर रही थी.

लेकिन मैं उसे और गर्म करना चाहता था.