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फिर मैंने उसको नार्मली ही लिया और उसको हल्का सा पीछे को कर दिय | ℍ𝕚𝕟𝕕𝕚 & 𝔼𝕟𝕘𝕝𝕚𝕤𝕙 𝕊𝕖𝕩 𝕊𝕥𝕠𝕣𝕪

फिर मैंने उसको नार्मली ही लिया और उसको हल्का सा पीछे को कर दिया.

पर उसने मुझे कसके पकड़ लिया और मेरे होंठों पर अपने होंठ लगा दिए. जिसका विरोध करते हुए मैंने उसको तुरंत पीछे को किया, लेकिन इस बार उसने एक हाथ में मेरा लंड पकड़ लिया और मुझे चूमने लगी.

इस बार मैंने उसको ज़्यादा कठोरता के साथ पीछे किया और उसपर गुस्सा करने लगा.

मेरी इस हरकत के जवाब में उसने बोला- क्या गलत है … अब मेरी उम्र ही ये सब करने की है और आखिर मैं कितना बर्दाश्त करूं. आजकल हर कोई ये सब करता है. मेरे स्कूल में सब लड़कियों को ये सब रोज़ करने मिलता है तो मैं क्यों इतना सब्र करूं!

मैंने उसको समझाते हुए लेकिन सख्त लहज़े में कहा- अगर सब कुएं में जाएंगे तो क्या तुम भी जाओगी.
उसने बोला- हां मैं जाऊंगी. तुम किस बिना पर मुझे समझा रहे हो. क्या तुम नहीं करते हो?

उसकी इस बात से मैं एकदम से हड़बड़ा गया और बोला- मैं नहीं करता ये सब!
इस पर रिट्ज बोली- अच्छा तो मेरे कॉलेज जाने के बाद तुम और मम्मी क्या डांस करते हो. देखो मुझे सब पता है कि मेरे बर्थडे वाली रात तुमने कैसे मेरी मम्मी के साथ गुजारी थी. फिर रोज़ तुम मेरे घर आते हो, मेरे जाने के बाद मेरी मम्मी के क्या क्या करते हो, मुझे सब समझ आता है.

उसकी इस बात से मैं एकदम शांत हो गया.

फिर रिट्ज मेरे पास आई और बोली- देखो मुझे मालूम है कि मेरी मम्मी की क्या हालत है, पापा से कोई उम्मीद नहीं है और वो मेरी वजह से दूसरी शादी भी नहीं कर सकती हैं. बाहर मुँह मारने से नाम खराब होगा, तो तुमने जिस तरह उनकी मदद की, मुझे भी तुमसे वही प्यार चाहिए.

इतना बोल कर वो मेरे पास आई और मेरे गले लग गयी.
अब मैं भी शांत हो गया था.

फिर उसने अपने होंठों को मेरे होंठों से जोड़ कर मुझे चूमना शुरू कर दिया.

कुछ देर मैं मैं भी उसका साथ देने लगा और उसकी पीठ और मोटे मोटे चूतड़ों को मसलने लगा.
फिर उसके मम्मों को भी उसकी बनियान उठा कर खूब चूसा.

उसको वहीं बने बेसिन में बिठा कर पहले दरवाज़ा अन्दर से बंद कर दिया.
फिर खूब बढ़िया से उसकी सील पैक चूत को चाट चाट कर उसका पानी निकाल दिया.

जिसके बाद उसने भी अपनी ज़िंदगी में पहली बार लंड का अहसास किया. उसने काफी देर तक लंड चूसा और मेरा पानी भी पिया.

इस ओरल सेक्स के बाद कुछ देर बाद करीब साढ़े पांच बजे हम वहां से बाहर निकले.
रिट्ज को अब बहुत जोरों की भूख लगी थी तो हमने पहले कुछ खाया.

फिर हम मॉल और अन्य जगह घूमने लगे.
जब करीब रात आठ बजे तो आकृति आंटी का फ़ोन मेरे पास आया. उन्होंने हम दोनों के बारे में पूछा, तो मैंने आकृति आंटी को बस इतना बताया कि काम सैट हो गया है. बाकी बातें घर पर होंगी.

फिर हमने रात का खाना खाया और करीब दस बजे वापसी की बस पकड़ ली.

रात का वक़्त था तो बस में सवारियां भी कुछ कम थीं.
मैं और रिट्ज सबसे पीछे वाली सीट पर जा बैठे और बस में अंधेरे का फायदा उठा कर रिट्ज मेरी गोद में मेरे सीने लग कर बैठ गयी.

फिर कुछ देर बाद हमारा मूड बना, तो हम दोनों ने एक दूसरे के होंठों को चूमने से शुरूआत की.
ये चुम्बन काफी देर तक होता रहा, जिसके बाद रिट्ज ने अपने ऊपर के कपड़े उठा कर मेरे मुँह में अपनी चुचियां भर दीं.

मैंने काफी देर तक उसके मम्मों को चूसा. शायद उसकी चूचियां लाल पड़ गयी थीं.

इस तरह से हमने किस करते हुए, चूची दबाते और पीते हुए लगभग आधा रास्ता काट दिया था.

बस वाले ने एक जगह बस रोक कर चाय पानी वगैरह पिया. मैं भी तब तक मूत कर हल्का होकर आ गया.

इस बार मैं सीट के नीचे बैठ गया और रिट्ज ने अपनी दोनों टांगों को फैला दिया. मैं उसकी चूत चाटने लगा और इस बार रिट्ज पहली बार से कुछ देर बाद डिस्चार्ज हुई.

झड़ने के बाद मैं फिर से अपनी सीट पर बैठ गया. रिट्ज बगल की सीट पर पैरों को फैला कर मेरी गोद में सिर रख कर लेट गयी.
उसने मेरा लौड़ा निकाल लिया और घर आने तक चूसती रही.

अंत में मैं भी उसके मुँह में ढेर हो गया.

करीब बारह बजे बस ने हमें अड्डे तक पहुंचा दिया था. मैं रिट्ज को घर छोड़ कर अपने घर आ गया.

अगली सुबह रिट्ज ने मैसेज किया- मुझसे अब रहा नहीं जा रहा है. मुझे अब बस तुमसे चुदना है.
ये मैसेज उसने सुबह किया था. शायद स्कूल जाने से पहले किया था.

जब मैं उठा, तब तक आकृति आंटी का फ़ोन आ गया.

मैं आकृति आंटी के पास पहुंचा और हम टूट कर चुदाई करते हुए बात करते जा रहे थे.

मैंने कल हुई सारी बातों के बारे में विस्तार से आकृति आंटी को बताया.

आकृति आंटी बोलीं- ठीक है, लेकिन कहीं सही जगह उसको ले जाना … कोई दिक्कत न हो.
इस पर मैं बोला कि क्यों ना इसी घर में उसकी सील का उद्घाटन कर दूं.

आकृति आंटी भी इस बात से सहमत थीं. लेकिन मसला ये था कि कैसे?