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वो कुछ और करते, इससे पहले मैंने अपनी दीदी को बचाने के लिए आवाज | ℍ𝕚𝕟𝕕𝕚 & 𝔼𝕟𝕘𝕝𝕚𝕤𝕙 𝕊𝕖𝕩 𝕊𝕥𝕠𝕣𝕪

वो कुछ और करते, इससे पहले मैंने अपनी दीदी को बचाने के लिए आवाज़ दे दी. मेरी आवाज सुनते ही वे दोनों अलग हो गए.

दीदी डर गई थीं, पर एक तो मैं उनसे उम्र में छोटा था और वो शादीशुदा थीं, तो स्वतंत्र थीं. उन्होंने मुझसे किसी तरह की शर्म नहीं दिखाई. दीदी मेरे साथ वापिस बर्थ पर आ गईं.

उस दिन ट्रेन के इस एसी क्लास में बहुत सारी बर्थ खाली थीं. सेकंड एसी में बहुत सी बर्थ ऐसी भी थीं, जिनमें सारी छह की छहों बर्थ खाली थीं और पर्दे भी लगे थे.

अब हम सबने 9 बजे खाना खाया और सो गए. दीदी भी सो गईं. मुझे लगा कि चलो आज अपनी दीदी को ग़लत करने से रोक लिया. पर मुझे नहीं मालूम था की मेरी दीदी खुद बहुत बड़ी रांड हैं.

रात के 11 बजे मेरी नींद किसी आवाज़ से खुली. ये किसी के खुसफुसाने की आवाज़ थी. मैंने देखा वो आदमी अपने ऊपर वाली बर्थ से दीदी की मिड्ल बर्थ में दीदी से कुछ बोल रहा था. मैंने उस समय सोने का नाटक किया.

कोई 5 मिनट बाद वो आदमी उठ कर टॉयलेट की तरफ चला गया. दीदी भी उठ कर उसी तरफ निकल गईं.

इससे मुझे पूरा संदेह हुआ कि कुछ तो घालमेल है. मैं भी तुरंत टॉयलेट की तरफ चला गया, पर मेरे बहुत खोजने पर भी उन दोनों में से कोई भी किसी भी टॉयलेट में नहीं दिखा. मैं सोचने लगा कि आख़िर चलती ट्रेन में दोनों कहां चले गए.

फिर मुझे याद आया कि हमारे बगल वाले कोच में कुछ पूरे खाली कूपे हैं. उनमें पर्दे के पीछे खाली है. मैं झट से अपने बगल वाले कूपे में गया.

उधर 1-2 केबिन के परदे हटाए, तो मुझे कोई नहीं दिखा. मैं सोच में पड़ गया कि क्या करूं, पर दीदी का सवाल था, तो सोचा कुछ भी हो जाए, फिर से देखता हूँ.

जैसे ही मैंने तीसरे परदे को हटा कर देखा, तो मैंने देखा कि वो फौजी अपनी पेंट उतार रहा था. मेरी दीदी लोवर बर्थ पर पूरी नंगी बैठी थीं. दीदी के सारे कपड़े ब्रा-पैंटी टॉप सबके सब नीचे पड़े थे. ये देख कर मेरी आंखें फटी की फटी रह गईं.

अब मैंने दोनों को नंगा देख लिया, तो सोचने लगा कि क्या करूं … कुछ बोलूंगा, तो दीदी भी बदनाम हो जाएंगी.

ये सोच कर मैंने सब कुछ चुपचाप देखना ही ठीक समझा. मैं देखने लगा कि क्या हो रहा था. वो दोनों पूरे नंगे होकर चलती ट्रेन में बेखौफ़ चिपक गए थे.

वो आदमी दीदी को किस करने लगा और बोलने लगा कि मैं तो तुमको देखते ही समझ गया था कि तुम मेरे लंड की जुगाड़ हो. पूरे 6 महीने बाद मैं घर जा रहा हूँ, तो पिछले 6-7 महीने से सेक्स नहीं किया है. मेरा लंड एकदम टाइट हो गया है.
दीदी ने कहा- मैं भी इस तरह के ऑफर खोजती रहती हूँ, इसलिए कहीं भी जाती हूँ … तो काफ़ी सेक्सी ड्रेस में जाती हूँ ताकि तुम जैसों को मस्त कर सकूँ.

यह सुन कर मैं समझ गया कि मेरी सोनाक्षी दीदी बहुत बड़ी रंडी हैं. अब तक मुझे बुरा लग रहा था, पर अपनी रंडी दीदी के बारे में जानने के बाद मुझे भी उनकी चुदाई देखने में मज़ा आने लगा.

वो फौजी हवस के चरम पर पहुंच कर दीदी के बड़े मम्मों को चूसने लगा. दीदी मस्ती से चिल्ला रही थीं, वो दीदी के दूध चूसता रहा.

लगभग 15 मिनट में उस फौजी ने दीदी की चुचियों को पूरा निचोड़ कर पिया. उसने साथ ही उसने दीदी की चूत में उंगली भी डालना शुरू कर दी थी. अब दीदी भी पूरी गर्म हो गई थीं, तो दीदी ने उठ कर उसका लंड पकड़ लिया.

वो समझ गया. उसने तुरंत अपना लंड दीदी के मुँह में पेल दिया और दीदी के मुख चोदन में लग गया. उसने जोश में एक बार अपने मोटे लंड को दीदी की गर्दन तक पेल दिया.
दीदी की सांस रुक गईं. उसका 8 इंच लंबा लंड दीदी की गर्दन में अटक गया था. दीदी के चेहरा लाल पड़ गया था और आँखों में आंसू आ गए.

फिर उसने लंड को जरा ढीला किया और खड़ा हो गया. दीदी बर्थ पर नंगी बैठी थी. उसने फिर से लंड मुँह में दिया और दीदी के बालों को ज़ोर से पकड़ कर लंड चुसवाने लगा.

दस मिनट मस्ती से लंड चुसवाने के बाद वो मुँह को चूत के तरह चोदने लगा. दीदी समझ गईं कि अब ये झड़ने वाला है. दीदी भी पागलों की तरह उसका लंड चूसने में लगी थीं. एक मिनट बाद उसने अपना सारा मुठ दीदी के मुँह में ही छोड़ दिया और बचा हुआ माल दीदी के मम्मों पर डाल दिया.

कुछ देर बाद उसने दीदी से 69 पोज़िशन में आने को कहा. वो नीचे और दीदी ऊपर हो गईं. वो दीदी की चूत चाटने लगा और दीदी उसका लंड चूसने लगीं. लगभग 5 मिनट तक ये चूसने चाटने के खेल खूब जबरदस्त चला और अब उसका लंड खड़ा हो गया था.

फौजी अलग हुआ और उसने दीदी को बैठने को कहा. उसने अपने खड़े लंड को दीदी के बड़े बड़े चुचों के बीच के रख कर दीदी को इशारा किया, तो दीदी हंस दीं. इस हंसी का मतलब था कि दीदी इशारा समझ गईं.

उसने दीदी के दोनों मम्मों को हाथों से पकड़ा और लंड को मम्मों के बीच में रख कर आगे पीछे करने लगा. जिससे उसका लंड पहले से ज्यादा पत्थर की तरह टाइट हो गया. दीदी अपने निपल्स से उसका टोपा रगड़ रही थीं. शायद मेरी दीदी को इसमें बहुत सुख मिल रहा था.