अब मैं डरते डरते उसके घर पहुंचा, तो घर पर जया अकेली थी. मुझे | ℍ𝕚𝕟𝕕𝕚 & 𝔼𝕟𝕘𝕝𝕚𝕤𝕙 𝕊𝕖𝕩 𝕊𝕥𝕠𝕣𝕪
अब मैं डरते डरते उसके घर पहुंचा, तो घर पर जया अकेली थी.
मुझे देखकर वो डांटने वाली भाषा बोलने लगी- दो दिन से कहां था … घर पर क्यों नहीं आया?
मैं कुछ बोलता, उसके पहले ही जया ने मुझे गले से लगा लिया और किस करने लगी.
उसके चुम्बनों के साथ उसकी रोने की आवाज भी आने लगी.
मैंने पहले से ही सहमा हुआ था. ये सब देख कर तो मेरी हक्की-बक्की गोल थी कि अब ये सब क्या है.
मैंने पूछा- क्या हुआ?
जया- मैंने आपको गलत समझा था लेकिन दो दिन तुमको नहीं देखा, तो मुझे पता चल गया कि मुझे भी तुमसे प्यार हो गया है.
इतना बोल कर जया ने मुझे फिर से गले लगा लिया और हम दोनों एक दूसरे की बांहों में जकड़ कर किस करने लगे.
पांच मिनट तक किस करने के बाद मैंने उसके कुरते को ऊपर कर दिया और उसके रसभरे मम्मों को पकड़ कर दबाने लगा.
आह क्या मुसम्मियां थीं … छोटी छोटी लेकिन एकदम गोल और मक्खन की तरह मुलायम.
मैंने एक को मुँह में भर लिया और दूसरे को जोर से दबाने लगा.
जया को मजा आने लगा और वो मादक सीत्कार भरते हुए मेरे साथ देने लगी.
थोड़ी देर बाद जया बोली- बस अब रूक जाओ. मम्मी पापा अभी आने ही वाले हैं. तुम कल सुबह 10 बजे के बाद आना. उस समय मैं अकेली रहूँगी.
मैं उसकी बात से खुश होकर चला गया.
सारी रात उसके बारे में सोचने और जया के नाम की मुठ मार कर मैं सो गया.
सुबह जल्दी उठ कर नहा धो तैयार हुआ, लंड की झांटों की सफाई की. अपने लंड पर खुशबूदार क्रीम लगाई और उसे खड़ा करके भी देखा.
इसके बाद मैं जया के घर जाने के लिए तैयार ही गया. आज मैं बहुत खुश था, तो मेरी सगी बहन ने मुझे पूछ लिया कि भाई क्यों आज इतना खुश क्यों हो?
मैंने कहा- कुछ नहीं … बस यूं ही.
मैं जया के घर की ओर निकलने लगा. अभी मैं उसके घर पहुंचा ही था कि सामने से चाचा चाची मिल गए.
चाचा ने मुझसे देखते हुए कहा- तू अच्छा आ गया. जा घर पर चला जा, जया अकेली है. तुम घर जाकर उसका ध्यान रखना. हम दोनों खेत जा रहे हैं और शाम तक ही आ पाएंगे.
मैंने हां बोला और चाचा के घर चला गया.
मैं भी सोच रहा था कि चाचा आज आपके घर मुझे खेत में हल चलाना है.
उसके घर जा कर मैंने देखा तो जया एकदम तैयार होकर खड़ी थी. मैंने उसे देखा, तो देखते ही रह गया … क्या माल लग रही थी.
मैंने दरवाजा बंद कर दिया और जाकर उसको पकड़ कर किस करने लगा, वो भी बड़ी बेताबी से मुझे किस करने लगी.
किस करते करते मैंने उसको उठा कर बिस्तर पर ले गया और उसके मम्मों को ऊपर से ही दबाने लगा.
वो बिस्तर पर बिंदास फ़ैल कर मेरे हाथों से अपने मम्मों की मालिश का मजा लेने लगी.
फिर मैंने उसकी कुर्ती को निकाल दिया. अन्दर उसने ब्रा नहीं पहनी थी.
मैंने उसके दोनों मम्मों को एक एक करके मुँह में भर कर चूसना शुरू कर दिया.
उसके बाद मैंने उसकी लैगीज को निकाल फैंका. जया अब मेरे सामने सिर्फ पैंटी में पड़ी थी.
मैं उसे देखा और आंख मारी, तो वो मुस्कुरा कर उठ गई.
उसने मेरे सारे कपड़े उतार दिए.
मैं अब उसके सामने नंगा था.
जया ने मेरा 7 इंच का खड़ा लंड देखा, तो डर गई और बोली- ये तो कितना बड़ा मोटा है … अन्दर कैसे जाएगा!
मैंने कहा- आराम से डालूंगा … तो चला जाएगा.
वो कुछ ना बोली.
मैंने उसके होंठों पर अपना होंठ रख कर किस करने लगा.
जया तो पहले से ही चुदने का मूड बनाए हुए थी. कुछ ही पलों के चुम्बनों के बाद वो भी गरम हो गई थी. वो मुझसे ज्यादा जोर से मेरे होंठ खाने लगी.
मैंने फिर से उसके मम्मों को बारी बारी से अपने मुँह में लेकर चूसने लगा और एक हाथ उसकी चुत पर रखकर रगड़ने लगा.
जया की चुत ने पानी छोड़ दिया था, उसकी चुत गीली हो चुकी थी.
क्या चुत थी जया की … आह बिना बाल की उसकी चिकनी चूत देखकर मैं तो पागल सा हो गया और टांगें फैलाते हुए चुत को पसार दिया.
उसने समझ लिया और अपनी चुत को एकदम से उठा दिया, उसी पल मैं उसकी चुत पर मुँह रखा और चुत चाटने लगा.
मैं बेतहाशा चुत चाटे जा रहा था.
इससे जया भी अब ‘आहह ओहह ओइ मांआआ .’ करने लगी और बोलने लगी- आह अज्जू अब रहा नहीं जा रहा है … फाड़ दो मेरी चुत को … आह घुसा दो अपना पूरा का पूरा लंड मेरी चुत में पेल दो.
मैंने जरा सी भी देर न करते हुए उसकी चुत पर लंड रख कर रगड़ने लगा.
वो बोली- साले अब और न तड़पा … आ जाओ ना अन्दर मुझे पेल दो.
मैंने लंड उसकी चुत पर सैट किया और जोर से धक्का दे मारा.
उसकी चुत सील पैक थी इसलिए मेरा लंड फिसल गया.
मैंने दूसरी बार लंड चुत की फांकों में सैट किया और एक हाथ से धीरे से धक्का मारा, तो मेरा लंड का टोपा ही अन्दर जा सका.
वो लंड के टोपे से ही चिल्ला उठी. मैंने जोर से धक्का मारा, तो आधा लंड उसकी सील तोड़ता हुआ अन्दर घुस गया.
मेरी बहन रोने लगी और चिल्लाने लगी- उई मां मर गई रे … आह मुझे बहुत दर्द हो रहा है … निकाल ले साले.