अपनी बहन के मम्मों को पीने के बाद में उसके ऊपर ही लेट गया और स | deshi kahani
अपनी बहन के मम्मों को पीने के बाद में उसके ऊपर ही लेट गया और सोने लगा.
लगभग 10 मिनट बाद उसने कहा- प्लीज प्रदीप, अब रहा नहीं जाता … तू अन्दर ही डाल दे.
मैंने कहा- नहीं यार … तू अभी वर्जिन है, तू रोने लग जाएगी और तेरी चीखें निकलेंगी.
उसने कहा- कुछ नहीं होगा, मैं पहले भी चुद चुकी हूँ.
मैं ये सुन कर हैरान हो गया.
उसने कहा- मैंने कहा था कि मैं किसी की अमानत हूँ. इसका मतलब ये कि मेरा ब्वॉयफ्रेंड है.
मैंने पूछा- तू उसके साथ कितनी बार कर चुकी है?
वो बोली- अभी सिर्फ एक ही बार अन्दर लिया है.
मैंने कहा- मेरे में कांटे लगे हैं. झेल नहीं पाएगी.
वो हंसने लगी और बोली- पेल कर देख ले.
अब मैंने अपनी पैंट उतार कर अलग रख दी और अंडरवियर में ही रह गया.
उसके बाद मैंने उससे फिर से कहा- एक बार फिर से सोच ले, तू रोने न लग जाना. मैं तेरे छेद को पेलूंगा तो तेरी चिल्लपौं शुरू हो जाएगी.
उसने कहा- मैं ऐसे नहीं रोने वाली, तू पेल तो सही.
मैंने कहा- लगी शर्त!
उसने कहा- ओके लगी.
मैंने कहा- उतार सलवार.
उसने कहा- तू अपने आप आप उतार दे.
मैंने उसकी सलवार का नाड़ा खोला और उसकी सलवार को उसके घुटनों से नीचे कर दिया.
अब वो मेरे सामने सिर्फ पैंटी में रह गई थी.
मैंने देखा कि मस्त माल मेरे सामने खुला पड़ा था.
मेरे मुँह से हल्के स्वर में निकला- ओए होए … तू तो बड़ी गजब की माल़ है यार!
इस पर वो शर्मा गई और अपने चेहरे को अपने दोनों हाथों से ढकने लगी.
मैं उसकी पैंटी के ऊपर अपने मुँह को ले गया और किसी पागल कुत्ते की तरह उसकी बुर को चड्डी के ऊपर से ही सूंघने और चाटने लगा.
उसकी कामुक सिसकारियां मेरे कानों में सुनाई देनी चालू हो गईं.
उसके बाद मैंने उसकी पैंटी को खींच कर फाड़ दिया तो उसने कहा- साले इसे फाड़ा क्यों …. उतार नहीं सकता था क्या?
मैं कुछ नहीं बोला. मैंने उसकी पैंटी को साइड में रखा और उसकी नंगी हो चुकी चूत को चाटने लगा.
उसने अपने पैरों में चूत छुपा ली और चूत चाटने से मना कर दिया.
मैंने बहुत मनाया, पर वह नहीं मानी.
मैं उसके ऊपर आ गया और कहा- अब सलवार को नीचे सरका कर टांगें खोल दे.
वो बोली- नहीं कोई जाग जाएगा, उसे ऐसी ही रहने दे.
मैंने कहा- ठीक है सही कहा तूने!
अब मैं उसकी सलवार को नीचे एक पैर में डाल कर उसके ऊपर चुदाई की पोजीशन में आ गया और उसकी चूत पर लंड को रगड़ने लगा.
वो गर्मा गई थी और उसे चुदास चढ़ गई थी.
लंड का सुपारा चूत पर महसूस करते ही वो आंह करती हुई बोली- साले, जल्दी से अन्दर पेल दे … भैनचोद अब मुझसे बर्दाश्त नहीं हो रहा है.
मैंने कहा- एक बार फिर से सोच ले.
तो उसने कहा- भोसड़ी के ज्ञान न पेल … लंड पेल माँ के लौड़े. तू बस जल्दी से लंड अन्दर डाल दे, जो होगा देखा जाएगा.
मैं लंड को उसकी चूत में डालने लगा, तो लंड चूत के बाजू में फिसल गया.
अब उसने मेरा 6.5 इंच का लंड अपने हाथ में लिया.
लंड हाथ में लेते ही वो बोली- साले तेरा तो बहुत बड़ा है!
मैंने कहा- हां और इसमें कांटे भी लगे हैं. पर तुझे कुछ नहीं होगा.
वो मेरे सीने पर मुक्का मारने लगी- अब पेल भी दे साले. चाहे फट ही क्यों न जाए, अब तो पूरा खाकर ही रहूँगी.
मैंने कहा- अरे कुछ नहीं होगा मेरी जान, तू चूत में सेट कर दे बस.
उसने अपनी चूत पर लंड लगाया.
लंड चूत की दरार में लगते ही मैंने धक्का दे मारा.
वो अपने होंठ भींच कर दर्द सहने लगी और नीचे से गांड हिलाने लगी.
उसकी कोशिश लंड निकालने की थी.
मगर मैंने उसकी कमर को कस कर पकड़ लिया जिस कारण वह हिल भी नहीं पाई और रोने लगी.
मैं वहीं पर रुक गया.
थोड़ी देर बाद जब वो नॉर्मल हुई तो और नीचे से कमर को थोड़ा ऊपर नीचे करने लगी.
मैंने एक और जोर का धक्का दे मारा जिस कारण मेरा 5.5 इंच लंड उसकी चूत में चला गया.
उसको दर्द हुआ और वो चिल्लाने की कोशिश करने लगी पर चिल्ला नहीं पाई क्योंकि मेरा हाथ उसके मुँह पर लगा था.
थोड़ी देर बाद मैं पूरे लंड को अन्दर बाहर करने लगा और वो भी मेरा साथ देने लगी.
बस फिर क्या था … हमारा X X सेक्स शुरू हो गया.
अब मैं उसे चोदता हुआ गालियां देने लगा- भैन की लौड़ी … साली रांड … आज तो तेरी चूत को फाड़ ही दूंगा तेरी चूत का भोसड़ा बना दूंगा.
वो भी मस्ती में बोली- हां चोद दे साले प्रदीप … और तेज चोद अपनी इस भैन की लौड़ी को … आज इसको अपनी रांड बना ले और मेरी चूत का भोसड़ा बना दे.
मैं अपने लंड को सुपारे तक पूरा बाहर निकाल कर अन्दर डालने लगा.
जिस पर उसकी मादक सिसकारियां निकलने लगीं- आह आह आह … मां मर गई रे कहां फंस गई भैन के लंड चूत की मां चोद दी तूने तो.’
मैं बोला- नहीं, तेरे छेद को कुछ नहीं होगा रानी … जरा और रुक जा बस काम तमाम होने वाला ही है.
बस मैं उसको चोदता रहा.
लगभग 15 मिनट के बाद वो झड़ गई और निढाल हो गई.
पर मेरा लंड अभी बाकी था तो मैं उसको ताबड़तोड़ चोदता रहा. @desi_story