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मैं चुप हो गया. वो बैठ कर बोली- आप इधर आओ. मेरे पास बैठो और फि | deshi kahani

मैं चुप हो गया.
वो बैठ कर बोली- आप इधर आओ. मेरे पास बैठो और फिर बताओ.
मैं उसके पास बैठ गया.
उसके बाद थोड़ी पास खिसक कर मुझसे आंखें मिला कर पूछने लगी- मुझे पसंद करते हो क्या?
मुझे लगा कि आज तो इसकी गर्मी भड़क गई लगती है.
मैं कुछ नहीं बोला.
थोड़ी देर बाद मैंने कहा- अगर बुरा लगा हो, तो आगे नहीं करूंगा.
तभी अचानक से वो मेरी तरफ खिसकी और उसने मुझे गले से लगा लिया.
मैं कुछ समझ नहीं पाया.
फिर वो बोली- मुझे लगता है कि शायद आप मुझे पसंद करते हो … और मैं भी आपको पसंद करने लगी हूँ.
बस फिर क्या था. मैं जो चाहता था, वो तो सामने से हो रहा था.
मैंने बिना कुछ कहे उसको अपनी बांहों ले लिया लेकिन कुछ बोला नहीं.
बस उसके कान के पास हल्की सी ऐसी किस की, जिससे उसको अहसास भी न हो.
वो गर्म थी और सब जानती थी, उसने मेरी इस हरकत को भांप लिया.
उसने भी जवाबी किस मेरे गाल पर कर दी.
मैंने उसे और जोर से बांहों में भर लिया और धीरे से कहा- हां मैं तुझे पसंद करता हूँ. आई लव यू!
उसने भी आई लव यू कहा और हम दोनों एक दूसरे को जोर से हग करने लगे.
मैं उसके गालों पर किस करने लगा और वो मेरी बांहों में सिमटने लगी.
मेरी किस धीरे धीरे होंठों की ओर बढ़ने लगी. फिर वो पल भी आया, जब मैंने उसके मुलायम कोमल होंठों को पहली बार किस किया.
वो एकदम से सिहर उठी. वो मेरे लंड पर अपनी चूत का दबाव डालने की कोशिश कर रही थी.
मैं उसके ऊपर वाले होंठों को अपने होंठों से चूसने लगा और वो भी चूसने लगी.
मैंने उसको बिस्तर पर लिटा दिया और उसके पूरे चेहरे पर किस करने लग गया.
वो पूरी तरह गर्म हो चुकी थी. मेरा हाथ उसकी पटियाला सलवार के ऊपर से ही उसकी चूत को मसलने लगा.
वो अपने चूतड़ ऐसे हिलाने लगी मानो अभी चूत में लंड ले लेगी.
शायद वो घर से ही मन बना कर आई थी.
उसका मन देख कर मैंने उसकी पटियाला सलवार का नाड़ा खोल दिया.
वो गांड उठाने लगी तो मैंने उसकी सलवार को धीरे से सरका दिया.
अब मैंने भी अपनी पैंट खोल कर फैंक दी.
फिर उसको किस करते करते उसकी पैंटी और अपनी अंडरवियर भी निकाल दी.
वो नीचे से नंगी हो गई थी. मैं उसकी चूत को सहलाने लगा. उसकी चूत पूरी पानी पानी हो गई थी.
मैंने अपना लंड चूत की फांकों से टच कर दिया तो वो ऐसे कसमसा उठी मानो कह रही हो कि आज तो लंड डाल ही दो.
मैं ठीक से पोजीशन बना कर उसके ऊपर चढ़ गया. फिर उसकी टांगें चौड़ी करके चूत पर लंड टिकाया और धक्का दे दिया.
वो तड़प कर पीछे हटने लगी.
मैंने रिंकी को कसके जकड़ लिया और उसे चूमने लगा.
थोड़ी देर बाद मैंने दूसरा धक्का मारा और पूरा लंड चूत में जड़ तक चला गया.
मेरी यंग सिस्टर दर्द से कसमसा रही थी लेकिन शायद उसे लंड के मजे के सामने वो दर्द कम लग रहा होगा इसलिए वो बस लगी रही.
कुछ देर बाद मैं लंड अन्दर बाहर करने लगा.
वो भी साथ देने लगी. किस करने लगी और चूतड़ उठा कर चुदवाने लगी.
मैंने अपनी बहन की पन्द्रह मिनट तक मस्त चुदाई की, उसके बाद वो झड़ गई.
मैं अभी बाकी था.
वो बोली- अब रुक जाओ.
मैंने कहा- दो मिनट और ले ले.
मैंने धक्के तेज कर दिए और लंड चूत के बाहर निकाल कर पेट पर झड़ गया.
उसके बाद हम दोनों थोड़ी देर एक दूसरे के पास लेटे रहे.
फिर अचानक से उसका फोन बजा, उसकी मम्मी का फोन था.
उसको याद आया कि हॉस्टल जाकर फोन करना था.
उसने फोन पर कह दिया कि बस आ गई हूँ, आपको अभी फोन करती हूँ.
फिर वो बोली- जल्दी से मुझे हॉस्टल छोड़ दो.
हम दोनों फटाफट तैयार हुए.
उसको थोड़ा दर्द हो रहा था लेकिन चल सकती थी.
मैंने जाने से पहले उसको हग किया और दो मिनट किस की.
फिर आई लव यू बोला. उसने भी आई लव यू टू का जवाब दिया.
मैंने उससे पूछा- दुबारा कब आओगी?
वो बोली- अगली बार घर जाऊंगी तब.
फिर मैं उसे हॉस्टल छोड़ आया.
इस सब में एक से डेढ़ घंटा हो गया था.
पता नहीं उसने अपनी मम्मी से क्या बहाना बनाया होगा.
उसके बाद से मेरी कजिन बहन मुझसे अक्सर चुदाई करवाने आने लगी थी.
क्योंकि लड़कियों के हॉस्टल में कोई लड़का नहीं है. वो गर्ल्स स्कूल में पढ़ती है और हॉस्टल के नियम बहुत सख्त हैं तो चूत भभक जाती होगी.
वो अब शाम को अपने ब्वॉयफ्रेंड से ज्यादा मुझसे बात करती है.
मुझे मेरे 600 रुपए तो नहीं मिले मगर बहन की चूत चोदने मिल गई थी.@desi_story